इच्छा है, उनका संकल्प है कि पूरी रेल व्यवस्था को भी हम 2 अक्टूबर तक एक साफ़-सुथरी, सुंदर व्यवस्था बनाने में अपना योगदान एक श्रद्धांजलि के रूप में महात्मा गाँधी जी को पेश करें। वैसे गाँधी जी ने कहा था कि स्वच्छता स्वतंत्रता से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है। एक उनकी राइटिंग्स में यहाँ तक उन्होंने स्वच्छता को प्राथमिकता दी थी कि यह स्वतंत्रता से भी अधिक महत्वपूर्ण मानना चाहिए हम सबने। और दूसरे एक वक्तव्य में उन्होंने कहा था कि स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है। भगवान की आराधना करते हैं, पूजा करते हैं लेकिन शायद उनके मन में था कि स्वच्छता उससे भी ज़्यादा आवश्यक है अगर एक व्यक्ति को अपने अध्यात्म को दिखाना है।
और मैं समझता हूँ कि इससे बड़ी कोई श्रद्धांजली नहीं हो सकती है महात्मा गांधी जी को जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे देश में स्वच्छता का आंदोलन चलाया है, देश को स्वच्छ बनाने का बीड़ा उठाया है। और लगभग आज मैं समझता हूँ कि देश के 125 करोड़ जनसंख्या जनभागीदारी से इस मिशन को अपना चुकी है। और जहाँ भी हम जाते हैं उसमें एक लोगों के सोचने के ढंग में बदलाव आया है यह ज़रूर हमें महसूस होता है। और इसी जन आंदोलन का एक प्रकार से प्रतीक रेलवेज़ और रेलवे स्टेशंज़, रेल गाड़ियां भी बने, यह हम सबकी इच्छा है।
वैसे बड़े रूप में देखें तो सैनिटेशन कवरेज जो 38 प्रतिशत था 2014 में, वह बढ़कर 83 प्रतिशत हो गया है मई 2018 में। और लगभग 7.25 करोड़ टॉयलेट हमारे चार वर्ष में, पहले चार वर्ष में बने देश भर में। और 3.50 लाख से अधिक गाँव ODF हो गए (Open Defecation Free), यह अपने आपमें एक बहुत ही बड़ा मैं समझता हूँ अचीवमेंट भारत में दर्शाता है कि कैसे लोगों के इन्वॉल्वमेंट से इस प्रोजेक्ट को हम सक्सेसफुल कर पाए हैं।
इसी प्रकार से गत चार वर्षों में भारतीय रेल ने भी “स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत” का जो अभियान चलाया, उसमें रेलवे स्टेशन के परिसर में स्वच्छता हो और परिसर में हमने waiting areas, toilets, platforms, foot over bridges, parking area, बाहर के भी circulated area को भी पकड़के स्वच्छता का आंकलन लगाने की यह कोशिश की गई है। और उसमें सुधार के मिशन को रेलवे ने पूरे देश भर में अपनाया है। और मैं धन्यवाद दूँगा माननीय आदिल ज़ैनुलभाई जी, चेयरमैन QCI, और उनकी पूरी टीम का जिन्होंने लगातार इसको मॉनीटर किया इस काम को। और उस मॉनीटरिंग के माध्यम से जो रिपोर्ट आती है उस रिपोर्ट से हमें भी ध्यान आता है कि कौन से ज़ोन, कौन से डिवीज़न ज़्यादा इसमें भल दे रहे हैं। कहाँ पर और सुधार की आवश्यकता है, कहाँ हमें और चिंता करनी है केंद्रीय स्तर पर।
और मैं देख रहा था कि कैसे बदलाव आया है पिछले वर्ष और इस वर्ष की रैंकिंग से ध्यान में आता है कि किस रेलवे ने ज़्यादा इसमें फ़ोकस किया है, कहाँ परिस्थितियां ज़्यादा सुधरी हैं, कहाँ कम सुधरी हैं। और इस वर्ष की रैंकिंग जब हम देखते हैं तो ध्यान में आता है जैसे एक उदाहरण के रूप में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे जो पिछले वर्ष आठवाँ रैंक था, इस वर्ष पहले रैंक पर आ गया है। तो नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे ने स्वाभाविक है कि कुछ मेहनत की होगी, कुछ और ज़्यादा इस पर फ़ोकस किया। जो इतना बढ़िया परफॉर्मेंस नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे का रहा। इसी प्रकार से साउथ सेंट्रल रेलवे जो चौथे रैंक पर थी वह इस बार दूसरे रैंक पर आयी है। तो इस प्रकार से हमें भी मॉनिटरिंग के लिए इस सर्विस से बहुत कुछ सीखने, देखने को मिलता है।
जब टॉप स्टेशन्स में देखें तो इस वर्ष जो टॉप रैंकिंग स्टेशन QCI के सर्वे में आया वह था जोधपुर जो पहले रैंक पर आया है। और पर्यटन की दृष्टि से भी इतना महत्वपूर्ण है कि मैं समझता हूँ यह हम सबके लिए बहुत ख़ुशी की बात है कि जोधपुर पहले रैंक पर आया है। पिछले वर्ष यही विशाखापटनम का रैंक था, तो अब विशाखापटनम के लिए भी एक चेतावनी है कि वह और perk up हो, जोधपुर के लिए चेतावनी है कि वह मेन्टेन करे अपना। और बाकी सबके लिए चेतावनी है कि अब हम सब भी पहली श्रेणी में आने की कोशिश करें।
When you announce such a ranking, it is both an encouragement for those who did good work, it is also a warning for those who have slipped and it is also an impetus for all the others who have not got selected as yet that they should also try and improve. So, it’s not only a double axed sword, I think it’s a triple axed sword in terms of the benefit that it will give to the entire railway system. I am delighted that Jodhpur has got the first rank in 2018 findings in the A1 category stations, the largest stations. Number two is Jaipur. So, Jodhpur number one, Jaipur number two. Both give us a great sense of happiness that both are tourism related places.
और पर्यटन के लिए इससे मुझे लगता है बहुत अच्छा मैसेज जाएगा, राजस्थान के सभी लोगों को मैं धन्यवाद दूँगा, बधाई दूँगा। नंबर तीन पर तिरुपति आया है जो एक बहुत ही धार्मिक स्थान है, बहुत अच्छा स्थान है। मैं अभी रिसेंटली होकर भी आया हूँ। और हम सबके लिए बहुत ख़ुशी की बात है की टॉप थ्री रैंक्स में जोधपुर, जयपुर और तिरुपति को QCI findings में पाया गया है।
इसी प्रकार से जो ए कैटेगरी स्टेशन्स हैं उसमें भी पहला रैंक मारवाड़ का है, फिर राजस्थान, फिर यह दिखाता है कि राजस्थान ने वास्तव में, और जो ज़ोन अभी मैंने बताया कि उसकी रैंकिंग्स बहुत सुधरी है: नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे, इसने बहुत अधिक बल दिया है स्वच्छता के ऊपर। सेकंड रैंक आया है फुलेरा का, यह भी नॉर्थ वेस्ट है। और यह भी राजस्थान में है फुलेरा, my god. और तीसरा स्थान आया है वारंगल जो शायद तेलंगाना में है – साउथ सेंट्रल है।
तो यह वैसे देखें तो चौथा उदयपुर, पाँचवाँ जैसलमेर तो you can really see the sea change that has happened in the railways, particularly in Rajasthan. But I’m sure these rankings will give a great impetus for all the other railways also to significantly improve their own cleanliness and achieve better and better parameters. As Mr. Zainulbhai just said, the customer feedback reflects a far greater satisfaction in the overall cleanliness of the railways. But as you’re all by now used to, the honourable Prime Minister does not rest with any achievements. And it is now a mission for the entire Railways that in the next few months as a mark of tribute and respect to Mahatma Gandhiji, we are going to significantly focus on cleanliness.
मुझे लगता है मैंने आपको पहले भी बताया था कि मैंने लगभग हर ज़ोन के साथ व्यक्तिगत स्वयं तीन विषयों के ऊपर रिव्यू किया है। पहली punctuality, दूसरी स्वच्छता और तीसरा केटरिंग। यह तीन पर मेरे लेवल पर मैंने हर ज़ोन के साथ डिटेलड़ रिव्यू किया है, अलग-अलग टारगेट सेट किए हैं। टारगेट्स के हिसाब से मॉनीटरिंग हो रहा है। Punctuality तो यहाँ तक कि रोज़ सुबह मेरे पास रिपोर्ट आती है हर ज़ोन की और उसके ऊपर फिर मैं जनरल मैनेजर से चर्चा करता हूँ। शायद आज कल में डिटेल्ड चर्चा भी होने वाली है with all the… कल होगी शायद। डिटेल्ड चर्चा होगी कि क्या-क्या अचीव कर पाए हैं। Punctuality में और कोई मदद चाहिए केंद्र से, रेलवे बोर्ड से। तो it’s a continuous process where QCI help monitors the work, holds people accountable and then we work in partnership with the different zones and divisions to see how they can further improve their work.
ख़ुशी की बात यह है कि जैसा आदिल बाई ने कहा कि 90 प्रतिशत से ज़्यादा पैरामीटर में रैंकिंग लेने वाले 39 स्टेशन्स 400 में से निकले हैं। और 80 प्रतिशत से ज़्यादा 161 stations, which compared to last year was zero and 19. So, from zero it has gone to 39 over 90%, from 19 it has gone to 161 over 80% and from 117 which were at 79% last year, we have gone up to 286%. तो मैं समझता हूँ अब लोगों के ज़हन में घुस गया है इन 400 स्टेशन में। और अगर आप लोग उचित समझें तो हमने QCI को अगले 400-600 स्टेशन देने चाहिए so that वहाँ पर भी यह consciousness आए। मुझे लगता है कि यह 400 एक लाइन पर लग गए हैं अगले वर्ष तक सब 400 के 400 80-90 प्रतिशत पर पहुँच सकते हैं। तो उसका मुझे लगता है अभी टेस्ट चेक करने चाहिए। और अगले 600 के ऊपर डिटेल्ड सर्वे करके अगले 600 को भी एक कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स बने। उनको भी लगे कि हमारे ऊपर भी अब और ज़्यादा चिंता की जा रही है। इस प्रकार से आप लोग ज़रा रिव्यू करें QCI से साथ बातचीत करके। और मैं समझता हूँ इस सिलसिले को सालाना करने के बदले अब हर 6 महीने में किया जाए।
A test check on these 400 and detailed study of 600, अगर हम अभी करते हैं तो एक मापदंड बन जाएगा अगले छः महीने की परफॉर्मेंस का आंकलन लेने के लिए। तो मैंने जैसे 2nd अक्टूबर एक डेडलाइन दी थी कि पूरे रेलवे में एक बदलाव आना चाहिए। दिखना चाहिए लोगों को कि पूरे रेलवे में स्वच्छता के ऊपर बल दिया गया है। तो 2 अक्तूबर से दिसंबर के बीच मुझे लगता है यह 400 का टेस्ट चेक, 600 का डिटेल्ड रिव्यू और बाक़ी जो और हज़ार के करीब मेन स्टेशनस हैं उसका भी एक रैंडम टेस्ट चैक करके एक ब्रॉड इंडिकेटरस लोगों को दिए जाएँ so that we can make this not just a mission of the railways, but we can actually make it a way of life.
Thank you.
प्रश्न-उत्तर
प्रश्न: सर नई दिल्ली का क्या रैंकिंग रहा है?
उत्तर: दिल्ली में आनंद विहार को पाँचवा रैंक मिला है। यह ज़रूर मुझे दिख रहा है। न्यू दिल्ली का देख कर यह लोग बताएँगे। मिल जाएगी, आपको रिपोर्ट ही दे रहे हैं। बहुत कुछ मिलेगा लिखने के लिए।
प्रश्न: (inaudible)
उत्तर: मुझे लगता है कि नॉर्थ सेंट्रल रेलवे पिछली बार 15 रैंक था, इस बार 16 रैंक हुआ है। तो वह मैं टेक अप करूँगा उनके साथ। यह नार्थ सेंट्रल रेलवे का एक बड़ी विचित्र परिस्थिति भी है तो उसको भी हम सब ध्यान में रखें कि यह जिस एरिया के through जो गुज़रता है यह सबसे ज़्यादा over burdened, over utilised capacity के हिसाब से नॉर्थ सेंट्रल रेलवे आता है। क्योंकि the entire Railway has not developed with the speed with which the demand has developed. तो एक यह अपने आपमें एक बहुत ही कठिन परिस्थितियों में काम करने का इनके ऊपर ज़िम्मेदारी है। पर फिर भी we will be taking it up कि हम क्या मदद कर सकते हैं जिससे cleanliness में और सुधार आ सके।
न्यू दिल्ली 39 है, नई दिल्ली का cleanliness रैंकिंग 39 है।
प्रश्न: सर क्या रिपोर्ट यह कहती है कि ट्रेन लेट होने से क्या प्रभाव पड़ता है रैंकिंग पर?
उत्तर: नहीं उसका कोई लिंकेज नहीं है। उसका कोई लिंकेज नहीं है।
प्रश्न: गाड़ियों के लेट होने में कितना सुधार किया गया है?
उत्तर: देखिए गाड़ियां लेट होने का मैंने पहले भी आपको बताया था कि अभी हमने इंटरलॉकिंग पॉइंट्स लगाकर अब accurate reporting of the data पर ज़्यादा बल देने के कारण एकदम sudden पहली अप्रैल 2018 से sudden drop आया है in the punctuality नंबर। इसकी तो मैं शायद पहले भी डिटेल में आप लोगों के साथ चर्चा कर चुका हूँ। उसके बाद काफ़ी परिवर्तन आया है in the punctuality ranking. 60% तक reduce हो गया था पहली अप्रैल को। लगभग 20-22% reduce हुआ था क्योंकि हमने इंटरलॉकिंग पॉइंट्स लगाकर एकदाम data integrity को बहुत ज़्यादा बल दिया। तो अब वह 20 प्रतिशत उसमें सुधारके 60 से लगभग 73% पर आया है।
बहुत-बहुत धन्यवाद।