Speeches

August 12, 2018

Speaking at Ara Railway Function, in Ara, Bihar

मेरे परम मित्र, बड़े भाई माननीय श्री राजकुमार सिंह जी, भारत सरकार में ऊर्जा मंत्री और नवीकरणीय ऊर्जा का बहुत ही अच्छे ढंग से, अच्छे तरीक़े से जो देश भर में सर्वव्यापी रूप से ऊर्जा को बढ़ावा देने में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। और उनके क्षेत्र में आज मुझे आने का सौभाग्य मिला। मैं धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मुझे यह आज के कार्यक्रम में निमंत्रण दिया। वास्तव में आपकी भूमि तो बहुत ही पावन भूमि मानी जाती है। मैं जब देख रहा था, आरा के बारे में कुछ जानकारियां निकाल रहा था तब ध्यान में आया कि यह वीरों की भूमि है। वीर कुंवर सिंह जी जिन्होंने 1857 में जब पहला युद्ध हुआ अंग्रेजों के सामने तब जिन्होंने अपने देश के लिए लड़ाई लड़ी, जिन्होंने मैं समझता हूँ कि एक प्रकार से पूरी ज़िंदगी इस देश के ख़ातिर निछावर कर दी। ऐसी भूमि में आने का मुझे आज सौभाग्य मिला, मैं उनका बहुत-बहुत हृदय से धन्यवाद करता हूँ।

भारतीय जनता पार्टी के बिहार के सबसे वरिष्ठ नेता, उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी जी जिनको हम सब बचपन से ही देखते आ रहे हैं, जिस प्रकार से उन्होंने बिहार की सेवा की है। ऐसे लोकप्रिय और मैं समझता हूँ जिनके हृदय में चौबीसों घंटे बिहार का विकास, बिहार में कैसे तेज़ गति से गाँव-गाँव घर-घर तक विकास पहुँचे यह सुशील जी की खासियत मैंने बहुत वर्षों से देखी है। और आज उन्होंने जो मेरा कार्यक्रम बिहार का रखा इसके लिए उनका बहुत ही धन्यवाद करता हूँ और विश्वास दिलाता हूँ कि बिहार के कोई काम में रेलवे की तरफ़ से कभी बाधा नहीं आने दूँगा।

माननीय श्री अश्विनी चौबे जी, केंद्र सरकार में हमारे सहयोगी मंत्री हैं, जुझारू हैं, बोलना तो बहुत कुछ और चाहते थे लेकिन शायद समय की पाबंदी से पूरी बात नहीं रख पाए। और मैं वास्तव में आज आरा इसलिए भी आया हूँ कि मुझे और मेरे मित्र छेदी पासवान जी आपके लोकप्रिय सांसद सासाराम से, मैं इन चारों का शिकायत करने के लिए मैं आपके पास आज आया हूँ। वास्तव में और मैं आपका समर्थन चाहूँगा इसमें मेरा जीना हराम कर दिया है इन लोगों ने। पहले मैं ऊर्जा विभाग देखता था तो राजकुमार जी छोड़ते नहीं थे, पूरे समय आरा में यहाँ बिजली नहीं पहुँची, वहाँ ट्रांसफॉर्मर नहीं पहुँचा, यह करना है, वह करना है, बड़ा तंग करते थे। जब मुझे लगा अब ऊर्जा मंत्री बन गये तो कम से कम मेरी जान छूटी, लेकिन फिर भी नहीं छोड़ते हैं।

और मुझे याद है जब मैं बहुत छोटा था एक बार मेरे पिताजी ने कोई व्यक्ति उनके पास कुछ काम लेकर आया था और पत्र में बहुत शिकायत लिखी थी कि आपके विभाग में यह नहीं हो रहा है, वह नहीं हो रहा है, यह-वह और अंत में अपना माँग रखी कि मुझे यह-यह काम करना है। तो मेरे पिताजी ने तभी उसको समझाया था। कई वर्ष पहले की बात है शायद पता नहीं अटलजी की सरकार के समय की है या उससे भी पहले जनता पार्टी के समय की है। मुझे अभी तक याद है पिताजी उनको समझा रहे थे की भाई अगर काम निकालना है तो पहले तो बढ़ावा अच्छे तरीक़े से सब अच्छी-अच्छी बातें बोलो कि आदमी बहुत अच्छा है, आपके विभाग में बहुत अच्छा काम किया है। इसको हम मुंबई में बोलते हैं थोड़ा मस्का मार लो। मसका, घी और मटर के लिए कहा जाता है मुंबई में। और उसके बाद अपनी माँग रखो तो स्वाभाविक है माँग तो पूरी हो ही जाएगी।

और मुझे पता नहीं कि राजकुमार जी तब अधिकारी थे तो कभी ना कभी पापा के साथ पाला पड़ा होगा इनका। जो उन्होंने बड़ी ख़ूबसूरती से और मुझे पता नहीं मेरे विभाग में आप कब से encroach करने लग गए हो कि नीचे फ़ाइल क्या बन रही है मुझे ही नहीं पता। पर वास्तव में कुम्भ का पावन पर्व मनाने जा रहे हैं हम इलाहाबाद प्रयागराज मे अगले वर्ष। तो मैं समझता हूँ यह तो आपकी बड़ी जायज़ डिमांड है कि हावड़ा-हरिद्वार एक्सप्रेस, कुंभ एक्सप्रेस ज़रूर आरा में रुकनी चाहिए। त्रिवेदी जी यह तो डिसिज़न कुमार साहब ने ख़ुद ही ले लिया, राजकुमार जी ने। हमारे लिए कोई रुका ही नहीं, मौक़ा ही नहीं दिया कुछ सोचने के लिए। तो अब इनको इनवाइट करिए कब आके उसका ठहराव शुरू करना है।

तो बहुत ही संभावनाओं से भरा हुआ यह जो पूरा क्षेत्र है और वास्तव में महात्मा गाँधी जी के डेढ़ सौ वर्ष हम मनाने जा रहे हैं। और महात्मा गाँधी जी का जो लगाव बिहार के साथ था वह हम सब स्मरण करें तो मुझे लगता है कि बिहार के साथ जो अन्याय हुआ है। ख़ास तौर पर आज़ादी के बाद जिस प्रकार से राजनीतिक गतिविधियों ने बिहार में विकास नहीं होने दिया, प्रगति नहीं होने दी उसको जो बदलाव करने का काम माननीय नरेंद्र मोदी जी, माननीय नीतीश कुमार जी, माननीय सुशील मोदी जी, माननीय आर.के. सिंह जी, माननीय अश्विनी चौबे जी, छेदी पासवान जी, यह सब दिन और रात एक करके जिस प्रकार से आपकी चिंता करते हैं, जिस प्रकार से विकास बिहार में पहुँचे, सासाराम में पहुँचे, आरा में पहुँचे मैं समझता हूँ वास्तव में आगे चलके मैं देखता हूँ कि बिहार का चित्र बदलने वाला है, बिहार का भविष्य उज्जवल होने वाला है। और हमारे बिहार के नौजवान तो वास्तव में रेलवे चलाने में भी बहुत बड़ा योगदान देते हैं। आंकड़े मुझे पता नहीं पर शायद हज़ारों या शायद लाखों की संख्या में बिहार के नौजवानों ने रेलवे में काम किया होगा, रेलवे में सेवा दी होगी।

और अभी भी जो बड़ी भारी मात्रा में लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट का, ग्रुप-डी का, आर.पी.एफ. में, अलग-अलग माध्यम से सवा लाख से भी अधिक जो नई नौकरियां खुली हैं उसमें शत-प्रतिशत पारदर्शी तरीक़े से नौकरियों का चयन किया जाएगा। लोगों का चयन किया जाएगा। पूरी तरीक़े से यह व्यवस्था पारदर्शी होगी, यहाँ तक कि मैंने अधिकारियों को कहा है की अगर मैं भी उनको कहूँ कि किसी को फ़ेवर करे या कोई बड़े से बड़ा व्यक्ति इस देश में माँगें कि किसी एक व्यक्ति को किसी तरीक़े से नौकरी मिल जाए तो हम नहीं कर पाएँ, इतनी कड़क व्यवस्था हमने भिठाई है कि ईमानदार व्यवस्था से हुनर वाले लोगों को नौकरी मिले और उसमें मुझे पूरा विश्वास है बिहार के युवा युवती जिन्होंने कई महीने, कई वर्षों तक तैयारी करी होगी इस एग्जाम में लिखने के लिए।

मुझे याद है पहले कुछ जब हम एज का कंडीशन थोड़ा कम कर रहे थे तो सुशील मोदी जी और आपने मुझे रात को एक दिन उठाया था कि भाई यह क्या कर रहे हो हमारे सब नौजवान युवा युवती इतनी तैयारी करके बैठे हैं और तीन-चार साल बाद भर्ती हो रही है उनका क्या होगा? तो मुझे रात को निर्णय लेना पड़ा की एज रिलैक्स की जाए और सब को मौक़ा मिले एग्जाम में भाग लेने का। पर मुझे यह भी याद है कि आपने यह भी माँग रखी थी की जो फ़ीस है वह फ़ीस भी कम करी जाए। तो हमने निर्णय किया कि फ़ीस कम की जाएगी और जिसने ज़्यादा दिया है उसको रिफंड दे दिया जाएगा।

मैं समझता हूँ आपकी धरती में तो तीन-तीन नदियों का संगम है, त्रिवेणी है आपके यहाँ पर। और यहाँ बैठे हुए हमारे सब नेता जिस प्रकार से आगे का बिहार बनाने की कल्पना रखते हैं, जिस प्रकार से बिहार में अलग-अलग प्रकार से, फिर वह रोड़ का क्षेत्र हो, रेल का क्षेत्र हो, बिजली का क्षेत्र हो, हवाई सेवाओं का क्षेत्र हो, अन्य-अन्य प्रकल्पों में, अन्य-अन्य योजनाओं के द्वारा जिस प्रकार से तेज गति से जीवन परिवर्तन हो 125 करोड़ भारत के नागरिकों का, जिस प्रकार से हर व्यक्ति का अपना ख़ुद का मकान हो 2022 तक जो माननीय प्रधानमंत्री जी की नए भारत की, न्यू इंडिया की कल्पना है कि भारत का एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं रहे जिसका ख़ुद का मकान न हो, जिसके घर पर बिजली न हो, पानी पेयजल न मिले, शौचालय न हो।

ऐसा कोई गाँव न रहे जहाँ अच्छी शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ न उपलब्ध हों। ऐसा कोई गाँव न रहे जहाँ इंटरनेट नहीं पहुँच पाए, सड़क नहीं पहुँच पाए। यह जो कल्पना लेकर, यह जो दूरदर्शी विजन लेकर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस देश की अर्थव्यवस्था को इस देश की अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से विकास को गाँव तक, ग़रीब तक, उस परिवार तक जो इतनी सदियों से वंचित रहा, शोषित रहा, पीड़ित रहा उन सब घरों तक विकास पहुँचे यह जो काम माननीय मोदी जी ने शुरू किया है, मैं समझता हूँ आरा के, सासाराम के इस क्षेत्र के हर परिवार को यह विकास महसूस होगा।

बिजली के क्षेत्र में तो ऐतिहासिक काम किया है बिहार ने। हर गांव तक बिजली पहुँची है। हर मजला, टोला, ढाणी तक बिजली पहुँची है। अब सौभाग्य योजना के माध्यम से माननीय सिंह साहब आपके लोकप्रिय सांसद हर घर तक बिजली पहुँचाने का बीड़ा लेकर निकले हैं। और मुझे पूरा विश्वास है कि दिसंबर के पहले-पहले पूरे बिहार में, पूरे देश में हर घर तक बिजली पहुँचेगी, हर व्यक्ति के घर में उजाला होगा। तमसो मा ज्योतिर्गमय यह जो इन्होंने एक संकल्प लिया है, जो सपना लेकर निकले हैं कि कोई एक विद्यार्थी ऐसा न रहे जिसके घर में बिजली ना हो, कोई एक हमारी माँ बेटी नहीं रहे जिसको धुआं लेके घर में भोजन बनाना पड़े। उज्ज्वला योजना के तहत पाँच करोड़ ग़रीब परिवारों को मुफ़्त में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराई जा चुकी है और आने वाले दिनों में और  तीन करोड़ घरों में उज्ज्वला योजना से गैस का सिलेंडर कनेक्शन मुफ़्त में मिलेगा।

मैं समझता हूँ आरा, सासाराम इस पूरे क्षेत्र में अश्विनी जी आपके क्षेत्र में कोई एक गरीब का घर मत छोड़िए जहाँ बिजली न पहुँचे, जहाँ मुफ़्त में गैस का सिलेंडर न पहुँचे, कनेक्शन न पहुँचे, शौचालय न पहुँचे, जिसको एम.एस.पी का लाभ न हो, जिसको आयुष्मान भारत के तहत मुफ़्त में स्वास्थ्य सेवाएँ न मिलें। यह हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि हमारे देश के हर युवा युवती, हर व्यक्ति, हर नागरिक को इन सब आधारभूत सुविधाओं से हम वंचित न छोड़ें। उन सबको इस सब जो प्रधानमंत्री मोदी जी ने मैं समझता हूँ ख़ुद के जीवन में जो ग़रीबी देखी है, ख़ुद के जीवन में जो पीड़ा देखी है उस पीड़ा को महसूस करते हुए यह एक-एक योजना बनाई गई है जिससे गाँव तक, हर ग़रीब परिवार तक, हर निम्न मध्यम वर्गीय परिवार तक यह सब योजनाएं पहुँचे। विकास देश के कोने-कोने तक पहुँचे।

मुझे याद है जब हम नए-नए मंत्री बने थे तो शायद पहली या दूसरी मीटिंग में माननीय प्रधानमंत्री जी ने आदेश दिया कि सभी मंत्री, सभी केंद्र के मंत्री जो पूर्वी भारत है, जो उत्तर पूर्वी भारत है – बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, आसाम, सिक्किम, अरुणाचल, सब पूर्वांचल के सभी राज्य, इन सब राज्यों के प्रति विशेष ध्यान दें। इन सब राज्यों में विकास की दर को बढ़ाएं क्योंकि भारत में विकास तब तक नहीं होगा जब तक पूर्वी भारत में तेज़ गति से विकास नहीं होगा। भारत के हर नागरिक को विकास का अधिकार है और ऐसा नहीं हो सकता है कि पश्चिम भारत और दक्षिण भारत में तेज़ गति से विकास हो और हमारे पूर्वी भारत के भाई बहन पीछे रह जाएं श्रृंखला में। और मैं समझता हूँ गत चार वर्षों में अगर केंद्र सरकार ने सबसे ज़्यादा योजनाएं और सबसे ज़्यादा फंड्स का आवंटन किधर किया है तो वह पूर्वी भारत और उत्तर पूर्वी भारत में किया है।

मैं आंकड़े देख रहा था रेलवे के। आपको जानकर ख़ुशी होगी कि रेलवे अकेले में जहाँ पहले पाँच वर्षों में 2009-14 तक, पाँच वर्षों में पिछली सरकार जो चाहती नहीं थी कि विकास आप तक पहुँचे। जैसा उन्होंने कहा जो चाहती थी आप लैंटर्न में ही अपना जीवन बिताएँ। वह नहीं चाहते थे कि बिजली आपके यहाँ पहुँचे। वह नहीं चाहते थे कि रेलगाड़ी की सुविधाएँ सुधरें। वह नहीं चाहते थे कि रोड आपके घर तक पहुँचे। उनको तो बैलगाड़ी और लालटेन तक ही आपको सीमित रखना था। वह विकास प्रधानमंत्री मोदी जी को मंज़ूर नहीं था। तो कहाँ साढ़े पाँच हज़ार करोड़ रुपये पाँच वर्षों में कुल पूरे बिहार में रेलवे में निवेश हुआ और कहाँ मोदी जी की सरकार ने 2014 से ‘19 के बीच पाँच वर्षों में लगभग 15 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश मात्र बिहार बिहार में होने वाला है। तीन गुना!

और जैसा कल एक कार्यक्रम में हमारी युवा नेत्री पूनम महाजन जी बता रही थी ‘अब तो यह ट्रेलर है पिक्चर आगे बाक़ी है।‘ जिस तेज़ गति से विकास की कल्पना माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी करते हैं अब तो बहुत काम करना हमको बाक़ी है। और जैसा सुशील जी ने कहा अब तो आपके बिहार में डबल इंजन काम कर रही है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार दोनों मिलके तेज़ गति से विकास आप तक पहुँचा रहे हैं। आपको जानकर ख़ुशी होगी लगभग 45-50,000 करोड़ रुपया के काम आज बिहार में अलग-अलग काम रेलवे के क्षेत्र में काम चालू है।  लगभग 45-50,000 करोड़ रुपये का।

आज ही मुझे सूचना मिली कि आप ही के इलाक़े में डालमियानगर में 600 करोड़ रुपये की लागत से एक POH की वर्कशॉप का काम शुरू हो गया है। और वहाँ पर काम चल रहा है 600 करोड़ की लागत पर एक नई वर्कशॉप डालमियानगर में लगने जा रही है। इसी प्रकार से अन्य-अन्य योजनाओं का आज हमने शिलान्यास किया। आरा स्टेशन पर तो काम चल ही रहा है जिसका मैंने कोई तीन-चार महीने पहले काम शुरू करवाया था।

और मुझे पूरा विश्वास है कि जो आदर्श स्टेशन आरा को बनाने की जो योजना तय की गई है उसके तहत स्टेशन भी सुंदर बनाएंगे और बाहर के इलाक़े को भी अच्छे तरीक़े से सुंदर बनाने का काम हमारे रेल के अधिकारी करेंगे। यह जब एक बार विद्युतीकरण हो जाएगा तब आपके पटना का सासाराम का फ़ासला भी कम हो जाएगा। तेज़ गति से मेमू ट्रेन या डेमू ट्रेन चल सकेगी जिससे आप जल्द कम समय में सासाराम भी पहुँच पाएँगे, पटना भी पहुँच पाएँगे। और मैं समझता हूँ पर्यावरण के लिए भी अच्छा होगा। जैसे विद्युतीकरण जहाँ-जहाँ पहुँचता है वहाँ पर पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभ होता है।

जो अलग-अलग काम माननीय आर.के. सिंह जी ने, माननीय छेदी पासवान जी ने, माननीय अश्विनी जी ने मुझे बताए हैं इस पूरे क्षेत्र के उसपे भी मैं पूरी तरीक़े से विचार करूँगा। बड़े खुले दिल और मन से विचार करूँगा। और जैसा कि आज घोषणा हुई है कुम्भ एक्सप्रेस की और वह तो मुझे लगा अब कुम्भ आने ही जा रहा है तीन-चार महीने में तो आरा के हमारे लोगों को कुम्भ स्नान के लिए जाने में सुविधा हो जाए। ऐसे और जहाँ-जहाँ पर और सुविधा हो सकेगी उसको ज़रूर मैं सिंह साहब करूँगा बशर्ते आप मेरे ऑफ़िस आके तंग करना बंद करें दें।

लेकिन बहुत अच्छा लगता है जब सिंह साहब आते हैं, जब पासवान साहब आते हैं, जब अश्विनी जी आते हैं तो तब ध्यान में आता है कि हमारे सांसद कितना आपके प्रति और आपके चिंता, आपके कामों के प्रति कितना संकल्पित हैं, कितना प्रयत्न करते हैं। और वास्तव में यही है एक निशानी एक अच्छे सांसद की, एक अच्छे प्रतिनिधि की जो आपकी समस्या लेकर दिन और रात जूझते रहते हैं। दिन और रात आपकी समस्याओं को अपनी समस्या समझकर संघर्ष करते हैं।

और मुझे पूरा विश्वास है कि यह जो काम आज हम शुरू करने जा रहे हैं, यह तो बस शुरुआत है। आगे हमें बहुत काम करना है आपके क्षेत्र में। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि हम सब के संयुक्त प्रयास से और माननीय सुशील मोदी जी के आशीर्वाद से, माननीय नीतीश कुमार जी के समर्थन और आशीर्वाद से और माननीय नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में जो विकास का काम बिहार में गति पकड़ा है वह आगे आने वाले दिनों में और तेज़ गति से आप सब के जीवन को और अच्छा बनाएगा।

 

मुझे आप सब को राखी के शुभ अवसर पर, आगे आते थोड़े दिनों में हम इंडिपेंडेंस डे मनाने जाने वाले हैं। उसके बाद राखी का त्योहार आएगा। उसके बाद गणपति का त्योहार आएगा। अब बस त्योहारों का मौसम शुरू हुआ है। मुझे बताया गया यहाँ तो श्रावण पहले से मनाया जाता है। मैं मुंबई से आता हूँ, मुंबई में आज से श्रावण की शुरुआत हम त्योहार की शुरुआत कर रहे हैं। तो आप सभी को मेरे परिवार की तरफ़ से, प्रधानमंत्री मोदी जी की तरफ़ से और हम सब की तरफ़ से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। बहुत-बहुत बधाई आज के कार्यक्रम के लिए। आपका जीवन बहुत ही मंगलमय हो ऐसी भगवान से मैं प्रार्थना करता हूँ।

 

धन्यवाद।

 

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