Speeches

November 26, 2018

Speaking at Press Conference in Udaipur

आदरणीय मेयर साहब, हमारे पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी और मीडिया के मित्रों। वास्तव में उदयपुर मुझे लगता है शायद मेरी फेवरेट सिटी है। शादी के कुछ ही समय बाद मेरी पत्नी और मैं सबसे पहले यहाँ आए थे, श्रीनाथ जी के भी दर्शन हुए, रणकपुर भी गया और तब से लेकर आज तक जब कोई मौक़ा मिलता है तो उदयपुर के लिए तो हम आने में उत्साहित भी रहते हैं। मुझे आप सब से मिलना था इसलिए मेरी पत्नी तो श्रीनाथ जी के दर्शन करने चली गई, इस विज़िट में मेरा रह जाएगा लेकिन वास्तव में आपका एक बड़ा ही समृद्ध भी और सांस्कृतिक भी जो विरासत है उदयपुर की वह हम सबको गौरव से भर देती है।

आज वीर भूमि में आया हूँ तो स्वाभाविक है कि मेवाड़ के सभी वीरों को मैं श्रद्धांजलि भी देता हूँ। उनकी शौर्य गाथाएं तो हम सब को समय-समय पर प्रेरणा देती रहती हैं और फिर वह बप्पा रावल हों और वहाँ से शुरू होकर इतिहास महाराणा प्रताप तक का हो यह सब देश की धरोहर हमें प्रेरित करती है देश के लिए जीने, मर-मिटने के लिए, अच्छा काम करने के लिए।

बहुत ही अभूतपूर्व प्रगति हुई है स्वच्छता में उदयपुर में जिसके लिए मैं सबसे पहले उदयपुर की जनता का, हर एक नागरिक का तहे दिल से धन्यवाद भी करना चाहूँगा और उम्मीद करूँगा आगे चलकर यही तेज़ गति से और सुधार की श्रृंखला चलती रहे। वैसे तो पूरे राजस्थान में स्वच्छता को लेकर जो उत्साह देखने को मिलता है उससे आगे चलकर फ़ायदे तो अनेक होंगे लेकिन दो सीधे फ़ायदा जो ध्यान में आते हैं एक तो पर्यटन को बहुत लाभ मिलेगा और साथ ही साथ हमारी जनता के स्वास्थ्य को भी अच्छा परिणाम उसका मिलेगा। और सीधा 310 रैंक से 85 रैंक, 225 रैंक बढ़ना एक ही वर्ष में अपने आप में एक प्रकार से ऐतिहासिक सुधार हुआ है उदयपुर में।

शिक्षा का भी एक अच्छा प्रमुख हब बनते जा रहा है। आईआईएम आने जा रही है, यहाँ की विश्वविद्यालय बहुत ही विख्यात है। मकराना मार्बल हो या हरा संगमरमर का जो देश और विदेश में प्रसिद्धि मिली है उदयपुर के मार्बल को। इसी प्रकार से चाहे वह कालबेलिया हो, भावै हो, घूमर का नृत्य हो, कच्छी घोड़ी के नृत्य हों इन सब को भी पूरे विश्व नें बहुत ही प्रसिद्धि मिली है पूरे विश्व में।

भारतीय जनसंघ से शुरू हुआ सफ़र 1952 में जब राजस्थान में पहली बार हमारी पार्टी लड़ी थी तब 8 विधायक जनसंघ के चुनकर आए थे जिसमें से 7 मेवाड़ से थे। वास्तव में पार्टी की धरोहर आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी अगर भारतीय जनता पार्टी बनी है और देश में अगर राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो एक मात्र पार्टी भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में हर कोने-कोने तक आपको आज देखने को मिलेगी।

बाक़ी बड़ी-बड़ी पार्टियाँ या तो घटते-घटते-घटते रीजनल पार्टी बनकर रह गई हैं या दो-चार राज्यों में सिमट कर रह गई हैं। लेकिन यह सफ़र मेवाड़ से शुरू हुआ सफ़र आज पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी का काम और मैं समझता हूँ सेवा करने का जो मौक़ा देश की जनता ने दिया है उसके लिए हम मेवाड़ की जनता के सदैव कृतज्ञ रहेंगे।

राजस्थान में भी, मैं रेल मंत्री हूँ तो कई बार रेलवे का उदाहरण लेता हूँ कि जो डबल इंजन की तरह केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर विकास और प्रगति को तेज़ गति दी है उसमें अन्य-अन्य योजनाओं में राजस्थान की जनता को जो विकास पहुँचा है, गाँव तक, ग़रीब तक, उन शोषित, वंचित, पीड़ित परिवारों तक जिन्होंने सदियों तक विकास नहीं देखा था।

फिर चाहे वह शौचालय का काम हो जिसमें ओपन डेफिकेशन फ्री कराया गया पूरे राजस्थान को। चाहे वह सौभाग्य योजना हो जिसमें तेज़ गति से घर-घर तक बिजली पहुँच रही हो। चाहे वह 34 लाख से अधिक परिवार हों, महिलाएँ हों, बहनें हों जिनके घर में आज कोयला या लकड़ी के बदले मुफ़्त में कुकिंग गैस का कनेक्शन पहुँचा हो। चाहे वह लाखों परिवार हों जिनको प्रधानमंत्री आवास योजना में घर मिला हो। चाहे वह आपकी बहुत ही अहम और सफल भामाशाह योजना हो जिससे सीधा लाभ लोगों तक पहुँचा और जिस पैटर्न पर आज आयुष्मान भारत के तहत पूरे देश में 50 करोड़ लोगों तक 5 लाख तक हर परिवार के लिए मुफ़्त में स्वास्थ्य सेवाएं पहुँच रही हैं काम शुरू हो गया है।

जब हम विकास के ऊपर निवेश देखें, ख़र्चा देखें, इनवेस्टमेंट देखें तो 2009-14 के बीच मात्र 1.5 लाख करोड़ रुपये डेवलपमेंटल एक्सपेंडिचर जिस राज्य में था वहाँ मोदी जी और वसुंधरा जी की सरकार ने मिलकर लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये का डेवलपमेंट एक्सपेंडिचर किया है। राज्य का राजस्व 52,000 करोड़ से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये के अधिक हो गया है, दोगुना हो गया है। 14वीं फाइनेंस कमिशन ने 2,63,000 करोड़ रुपये राजस्थान को दिए जबकि 13वीं फाइनेंस कमिशन जो UPA के समय में तय हुई थी उसने मात्र 1,09,000 करोड़ रुपये दिए थे। यानी लगभग 2.5 गुना पैसा राजस्थान को मोदी सरकार आने के बाद चंद ही दिनों में 14वीं फाइनेंस कमीशन को स्वीकृति देकर दिया गया।

इसके अलावा लगभग 37,000 करोड़ रुपया अलग-अलग स्कीम्स के द्वारा अलग मिले। मैं समझता हूँ आपने अलग-अलग प्रकार से चाहे वह रेलवे हो, उड़ान सेवाएँ हों, सड़क के काम हों उसका स्वाद भी राजस्थान में तेज़ गति का आज जनता ने महसूस किया है। प्रदानमंत्री मोदी जी जब पीछे आए थे एक साथ 8,000 करोड़ रुपये के नेशनल हाईवे का काम लगभग 873 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे का निर्माण का काम ख़त्म किया, उसको देश को समर्पित किया और लगभग 555 किलोमीटर नेशनल हाईवे के काम 7,000 करोड़ की लागत पर उसका शिलान्यास किया।

तो 873 किलोमीटर का उद्घाटन, 555 किलोमीटर का नया शिलान्यास एक कार्यक्रम में शायद देश में यह पहला अवसर होगा जब इतने बड़े रूप में नेशनल हाईवे का काम माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी और श्री नितिन गडकरी जी के नेतृत्व में किया गया।

इसी प्रकार से उड़ान योजना का काम भी राजस्थान में बहुत तेज़ गति से अलग-अलग सेंटर्स को जोड़ने का चल रहा है। रिमोट सेंटर्स में भी हवाई सेवाएँ जाएं और ग़रीब व्यक्ति हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई सेवाओं का स्वाद ले सके यह सरकार ने सुनिश्चित किया। मैं तो उदयपुर का देखता हूँ एक ज़माने में चार हवाई जहाज़ दिन में आते थे उदयपुर हवाई अड्डे पर, आज 22 हवाई जहाज़ पर्यटकों को, उदयपुर की जनता के लिए सेवा में लगे हैं।

दो नई हमसफर गाड़ियां एक यहाँ से बैंगलोर तक, एक यहाँ से दिल्ली तक हमने शुरू की है। और यह सब हवाईवेज़, रेल गाड़ियों की नई सुविधाएँ, हवाई जहाज़ की नई सुविधाएँ यह सब आर्थिक रूप से उदयपुर के पूरे विकास को तेज़ गति देती है, पर्यटन बड़े रूप से आता है, लोगों को रोज़गार और स्वयं रोज़गार के मौक़े मिलते हैं, राजस्व बढ़ता है तो गरीबों की सेवा के अवसर और पूरे करने के लिए और पैसा हाथ में मिलता है।

तो मैं समझता हूँ कि बाक़ी नेताओं और पार्टियों की तरह विवादास्पद बयान के बदले भारतीय जनता पार्टी एक मात्र पार्टी है जो विकास में अपना पूरा समय झोंक देती है। कुछ पार्टी सिर्फ़ चुनावी घोषणाएँ करती हैं, भारतीय जनता पार्टी उन घोषणाओं को धरातल पर उतारकर कार्यान्वित करने में विश्वास रखता है।

मुद्रा योजना के तहत लगभग 47 लाख लोगों को लोन दिया गया कम ब्याज पर। उज्जवला का मैंने ज़िक्र किया 37 लाख लोगों को। लगभग 2.5 लाख लोगों को नया जन धन अकाउंट खोला, 1,70,000 लोगों को रुपे कार्ड मिला। फ़सल बीमा योजना से लगभग 43 लाख किसानों को जोड़ा गया, सॉइल हेल्थ कार्ड 1 करोड़ 20लाख किसानों को मिला। इंश्योरेंस और पेंशन बीमा और पेंशन की स्कीम 63 लाख से अधिक लाभदायकों को उससे जोड़ा गया और लगभग 14 लाख से अधिक महिलाओं को जो गर्भ से थीं उनको प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के साथ लाभ दिया गया।

मैं स्वयं बिजली मंत्री रहा हूँ पहले। जब मैं राजस्थान का चित्र देखता हूँ 2014 का तो अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान की पूरी ऊर्जा व्यवस्था को जर्जर करकर  लगभग 70-75,000 करोड़ का ऋण लोन आपकी डिस्कॉम के ऊपर बोझ के रूप में छोड़ दिया था। जिस पर ब्याज ही ब्याज हर वर्ष 10-11,000 करोड़ रुपये दिए जाते थे और 12-15 हज़ार करोड़ रुपये का सालाना नुक़सान इलेक्ट्रिसिटी का आपका डिपार्टमेंट राजस्थान का करता था।

मैं माननीय वसुंधरा राजे सिंधिया जी को बधाई दूँगा जिन्होंने लगातार प्रयास और कठोर परिश्रम करकर पूरी बिजली की व्यवस्था को सुधार किया, उदय योजना की नीव राजस्थान में रखी और आज बिजली बोर्ड, बिजली कंपनियों का घाटा एक चौथाई रह गया है और आज चौबीसों घंटे प्रदेश में सभी को बिजली मिलती है, किसानों को पर्याप्त बिजली मिलती है जितनी आवश्यक हो।

उजाला में लगभग 1 करोड़ 60 लाख लोगों को सरकारी व्यवस्था से और करोड़ों बाक़ी एलईडी बल्ब बेचे गए जिससे बिजली के बिल भी कम हुए। 1600 गाँवों तक बिजली पहुँचाई गई, 4142 ढाणी, मजला, टोला तक सड़कों में सड़कों से पहली बार जोड़ा गया – माफ़ करिएगा 1600 गाँव और 4142 ढाणी, मजला को सड़कों से पहली बार जोड़ा गया, जितने बचे हुए गाँव और मजला, टोला,ढाणीमें बिजली नहीं पहुँची थी उन सबमें बिजली पहुँचाई गई जो आंकड़ा 509 गाँव और 10,515 ढाणी या मजला हैं जिनको पहली बार बिजली से जोड़ा गया। और जैसे मैंने कहा सौभाग्य योजना तेज़ गति से काम कर रही है,14 लाख से अधिक घरों को सौभाग्य के तहत पहली बार बिजली मिली है और अगले दो-तीन महीने में शत प्रतिशत घरों तक बिजली पहुँच जाएगी।

नवीकरणीय ऊर्जा जो पर्यावरण को भी सुधार करती है उसका काम लगभग दोगुना हो गया है और जो 2014 में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन होती थी आज उससे दोगुनी उत्पादन राजस्थान में हो रही है। 50 हज़ार रुपये तक की सरकारी ऋण की माफ़ी वसुंधरा राजे सरकार ने लघु और सीमांत किसानों की की और इंश्योरेंस कवरेज भी जो पहले सिर्फ़ 50,000 रुपये तक थी वह बढ़ाकर दस लाख रुपये तक की गई वसुंधरा राजे सरकार द्वारा, सरकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना द्वारा।

दो लाख रुपये तक के बकाया ऋण को एवं उसके ब्याज को माफ़ शेड्यूल कास्ट, शेड्यूल ट्राइब और OBC के लिए वसुंधरा राजे सरकार ने किया। और जैसा मैंने कहा पूरा प्रदेश आज ओपन डेफिेकशन-फ्री हो गया है। स्वच्छता में जो पहल हुई है मैं समझता हूँ महिलाओं के स्वाभिमान के लिए इससे बड़ी सौग़ात कुछ नहीं हो सकती है कि हर घर में शौचालय पहुँचे।

ऐसे लगभग 79 लाख,लगभग 80 लाख परिवारों को शौचालय देने का काम केंद्र और राज्य सरकार, बीजेपी की सरकारों ने प्रदेश में किया है और मेरा व्यक्तिगत तो मानना है यह सबसे बड़ा फ़ैसला माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी का जिसको वसुंधरा जी ने धरातल पर अमल करकर महिला मुख्यमंत्री ने महिलाओं के स्वाभिमान का एक बहुत ही बड़ी सौग़ात हर महिला को पहुँचाई है।

अलग-अलग प्रकार से यहाँ पर पर्यटन बढ़े, यहाँ पर व्यापार बढ़े, जीएसटी को किस प्रकार से सरल करना इसमें कई अहम क़दम उठाए गए। आज 5 करोड़ रुपये तक जीएसटी का रिटर्न मात्र 3 महीने में एक बार एक सरल रिटर्न देना पड़ेगा इसको तय कर लिया गया है। वह सरल रिटर्न वेबसाइट पर डाल दिया गया है। अब जीएसटी के पूरे सिस्टम को बदला जा रहा है जिससे 3 महीने में एक बार छोटे लोगों को, छोटे व्यापारी, उद्योगकों को सिर्फ़ एक सरल रिटर्न 3 महीने में एक बार देना पड़ेगा।

कोटा स्टोन का एक ज्वलंत विषय राजस्थान में था। हमने कोटा स्टोन पर जीएसटी 5% कर दिया। इसी प्रकार से अब मार्बल और ग्रेनाइट का विषय मैंने पिछली बार जीएसटी काउंसिल के भी समक्ष रखा था। आम सहमति नहीं बनने के कारण और अब मैं बता नहीं सकता हूँ चुनावी माहौल है इंटरनल कम्युनिकेशन होती है जीएसटी काउंसिल की पर अगर जो दो-तीन राज्यों ने रोड़ा डाला जिसकी वजह से मैं नहीं कर पाया। अब मुझे लगता है जेटली जी अगले काउंसिल में ज़रूर इस विषय को फिर से उठाएंगे और मार्बल और ग्रेनाइट के ऊपर भी राहतराजस्थान को मिले ऐसा हमारा पार्टी की तरफ़ से जीएसटी काउंसिल को अनुरोध रहेगा।

जो भी मूर्तिकार हैं राजस्थान में और मुझे लगता है उदयपुर में बहुत बड़े पैमाने पर मूर्तिकार काम करते हैं जो स्टोन में, मार्बल में, लकड़ी में, पत्थर में मूर्तियां बनाते हैं उनको पूरी तरीक़े से मुक्त कर दिया गया जीएसटी से, उनका जीएसटी को शून्य बना दिया गया और जीएसटी से पूरी तरीक़े से मुक्त हो गए हमारे सभी मूर्तिकार भाई-बहन।

उदयपुर में तो कई सारे रेलवे के भी काम हुए हैं मेरे पास लंबी सूची है। गेज कन्वर्ज़न का काम उदयपुर से हिम्मतनगर का 209 किलोमीटर का बहुत तेज़ गति पकड़ा है जब से मोदी जी की सरकार आयी है। मावली-बड़ीसादड़ी सैक्शन को भी 54 किलोमीटर में गेज कन्वर्जन हो रहा है और इलेक्ट्रिफिकेशन अजमेर से उदयपुर का तेज़ गति से काम चल रहा है।

मैंने उदयपुर से दिल्ली और उदयपुर से मैसूर की वह बैंगलोर नहीं है वह आगे चलकर मैसूर तक जाती है। दो ऐसे प्रमुख शहर जिनको पैलेसेज़ से पूरे विश्व में विख्यात रूप से जाना जाता है, मैसूर पैलेस और उदयपुर भी पैलेसेज़ के लिए मशहूर है। तो जब वह हमसफर शुरू की गई तो मैंने उसको पैलेस एक्सप्रेस के रूप में ही सोचा था जो एक प्रकार से उदयपुर के पैलेसेज़ को मैसूर के पैलेसेज़ से जोड़ने वाला काम करती है।

अब एक ट्रेन जो अजमेर से आती थी, हरिद्वार-अजमेर एक्सप्रेस उसको भी हमने उदयपुर तक बढ़ा दिया है जिससे यहाँ के लोग हरिद्वार सीधा दर्शन करने, धार्मिक यात्रा के लिए जा सकें वह काम भी सरकार ने, रेल मंत्रालय ने स्वीकृति देकर उदयपुर को सीधा हरिद्वार से जोड़ दिया है।

उदयपुर स्टेशन और ऐसे अन्य स्टेशनों में आज वाई-फ़ाई की मुफ़्त सुविधा उपलब्ध है। मैं समझता हूँ यह जो वाई-फ़ाई उदयपुर स्टेशन पर है यह भारत का सबसे तेज़ वाई-फ़ाई है, और कोई सुविधा वाई-फ़ाई की इससे तेज़ नहीं है जो रेलवे के स्टेशनों पर दी जाती है। और यह तेज़ सुविधा मुफ़्त में यात्रियों को तो लाभ देती है लेकिन हमारा मानना है कि आस पास के जितने गाँव और लोग रहते हैं वह भी इसका मुफ़्त का स्वाद ले सकते हैं, उसका फ़ायदा ले सकते हैं और जुड़ सकते हैं पूरी दुनिया के साथ वाई-फ़ाई के द्वारा।

उदयपुर स्टेशन का भी काफ़ी सुधार हुआ है, बहुत सुंदर स्टेशन है। उधर सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं, मेन एंट्रेंस को सुधार किया गया है, पेवर ब्लॉक्स लगाए गए, एक बड़ा सर्कुलेटिंग एरिया 3200 स्क्वायर मीटर का ख़ासतौर पर पर्यटक की दृष्टि से बनाया गया है और अलग-अलग फैसिलिटीज़ देकर यहाँ पर मुझे लगता है रेलवे के ऊपर जो निवेश आज राजस्थान में हो रहा है वह भी ऐतिहासिक है।

पाँच साल में 2009-14 के बीच पूरे राजस्थान जितने बड़े प्रदेश में रेलवे ने सिर्फ़ 3410 करोड़ रुपये का निवेश किया था, 2009-14 पाँच साल में सिर्फ़ 3410 करोड़ का निवेश लेकिन 2014-19 के बीच हमने 14,555 करोड़ का निवेश, चार गुना से अधिक निवेश रेलवे में करकर राजस्थान में रेल सुविधाओं को एक नई गति दी है। और मैं समझता हूँ इसका ज़रूर … राजस्थान की जनता इस चुनाव में भी देगी, आगे आने वाले चुनावों में भी देगी।

आख़िर में जो बात मैं रखने जा रहा हूँ बड़े दुख से रख रहा हूँ। भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाए, चुनाव जनता की आकांक्षा और अपेक्षाओं को जो पूरा करने के लिए दिन रात काम करकर राज्य और केंद्र सरकार ने काम किया है उस पर लड़ा जाए। लेकिन बहुत दुःख की बात है कि कांग्रेस जो दिशाहीन ही नहीं है नेतृत्वहीन भी हो चुकी है, कांग्रेस जो यह नहीं तय कर पा रही है कि उनका मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा, जो जातिवाद और वंशवाद की राजनीति से उभर नहीं पा रही है, कांग्रेस अभी तक अलग-अलग प्रकार से चुनाव को जातिवाद, धर्म के ऊपर समाज को बाँटने का काम करने में लगी हुई है।

एक नेता कहता है कि अगर 90 प्रतिशत एक धर्म का वोट नहीं मिला तो कांग्रेस जीत नहीं सकती है तो दूसरा नेता पूछता है प्रधानमंत्री मोदी जी की जात क्या है। दूसरा नेता आलोचना करता है माननीय साध्वी उमा भारती जी की, माननीय साध्वी ऋतम्भरा देवी जी की कि उनका जात उनको अधिकार नहीं देता कि वह हिंदू धर्म की बात करें।

मैं समझता हूँ इससे ज़्यादा शर्म की कोई राजनीति नहीं हो सकती है। इससे ज़्यादा इस देश के जनता को शर्म पहुँचाने वाली और कोई राजनीति नहीं हो सकती है। जो एक ग़रीब परिवार में पैदा हुए प्रधानमंत्री की जात को छोटा दिखाकर कोशिश करे समाज को बाँटने की, समाज में ग़लत प्रकार से राजनीति करने की। और आज का जो विवादास्पद बयान एक कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री बड़ा दुर्भाग्य है कि मेरे ही राज्य से आते हैं महाराष्ट्र से और उन्होंने सिवाना में बाड़मेर में राजस्थान में शायद कोई चुनावी सभा या चुनावी बैठक में जो बात की है उससे ज़्यादा हलका स्तर राजनीति का नहीं हो सकता है।

 

मैं समझता हूँ माननीय प्रधानमंत्री एक ग़रीब परिवार से आते हैं, उन्होंने ग़रीबी देखी है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उनको नीच बोलने की कोशिश की, उनके जाति के ऊपर आलोचना करने की कोशिश की, कुछ ने उनको चायवाला बताकर एक छोटा व्यक्ति बनाने की कोशिश की। आज एक कांग्रेस के नेता ने यह भी कह दिया कि अरे भाई इस देश की जनता उनके पिता जी का नाम नहीं जानती। मैं नहीं समझ पा रहा हूँ किस प्रकार से और किस रूप में कांग्रेस पार्टी इस चुनाव को और राजनीति को किस नीचे निचले स्तर पर लेकर जाने की साज़िश रच रही है।

मैं नहीं समझता हूँ आप में से अधिक मित्रों को और शायद किसी को भी मेरे भी पिताजी का नाम मालूम होगा। तो क्या मैं रेल मंत्री बनने के लायक नहीं हूँ, क्या मैंने जो चार्टर्ड अकाउंटेंसी करी, जो मैंने क़ानून पढ़ा, जो मैंने देश की सेवा की 30-35 साल उसका कोई मायना नहीं है? क्या हम सब यहाँ उपस्थित जो भाई-बहन हैं हम सब को अपना परिचय और अपनी पहचान अपने काम के बलबूते पर नहीं होगी लेकिन हमारे पूर्वजों के ऊपर ही सिर्फ़ पहचान होगी कि मेरे पिता कौन थे और उनके पिता कौन थे और उनके पिता कौन थे।

मैं समझता हूँ कांग्रेस पार्टी अपनी डेस्पिरेशन में सही मायने में समझ पाई है कि अब देश की जनता ने उनको पूरी तरीक़े से हराने का फ़ैसला कर लिया है, पाँचों राज्यों में कांग्रेस हारती नज़र आ रही है। वैसे ही देश की जनता ने उनको समेट कर 3 राज्यों में रख दिया था शायद तीसरा राज्य भी हाथ से जाता दिख रहा है।

और इस डेस्पिरेशन की स्थिति में ऐसे ओछे शब्दों में राजनीति करने का यह निर्णय कांग्रेस का मैं उसको घोर शब्दों में निंदा करता हूँ और राजस्थान के मेरे भाई-बहनों को, जनता को आवाहन करता हूँ कि इस प्रकार की धर्म और जाति के अंदर समाज को बाँटने वाली राजनीति को पूरी तरीक़े से राजस्थान की जनता ठुकराए और सबका साथ सबका विकास करने वाली, अच्छी राजनीति करने वाली नेतृत्व को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया जी के नेतृत्व को बल दें, स्वीकार करें और पुनः एक बार मौक़ा दें जनता की सेवा करने का।

अंत में मैं आपके माध्यम से एक जानकारी देना चाहूँगा। कल माननीय प्रधानमंत्री जी का भीलवाड़ा में बहुत बड़ी जनसभा होगी कल सुबह, उसके बाद बेणेश्वर धाम में जो मेरे आदिवासी भाई-बहनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है, बहुत विख्यात मंदिर है वहाँ पर और शाम को कोटा। ऐसी तीन जनसभाएं माननीय प्रधानमंत्री जी जिन्होंने आज अपना राजस्थान का चुनावी बिगुल सिंहद्वार अलवर से बहुत ही विशाल जनसभा से शुरू किया कल वह आपके क्षेत्र में भीलवाड़ा, बेणेश्वर धाम और कोटा में 3 जनसभाओं को संबोधित करेंगे।

और परसों यानी 27 तारीख़ को उदयपुर में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के अमित शाह जी एक विशाल रोड शो में भाग लेने के लिए उदयपुर आएं गए। हम भीलवाड़ा, बेणेश्वर धाम, कोटा और उदयपुर की जनता का स्वागत करते हैं, उनको आमंत्रण करते हैं कि बड़ी संख्या में वह प्रधानमंत्री जी और अमित शाह जी के साथ जुड़ने का, मिलने का, उनके विचारों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में सम्मिलित हों। यह आपके माध्यम से मैं जनता को आमंत्रण देना चाहता हूँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद भाइयों-बहनों।

 

प्रश्न-उत्तर

उत्तर: भारतीय जनता पार्टी ने लगातार अपनी विचारधारा स्पष्ट की है कि अयोध्या में उस स्थान पर जहाँ भगवान राम का जन्म हुआ वहाँ एक भव्य मंदिर बनना चाहिए और भारतीय जनता पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में स्पष्ट किया है कि हमारी सोच है कि जल्द से जल्द इस पर या तो आम सहमति से फ़ैसला हो या कोर्ट इस पर अपना निर्णय दे।

हमें पूरा विश्वास है प्रमाणों के तहत जो आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने वहाँ से सब डिटेलस निकाली हैं, जो सर्वे करकर वहाँ की उनकी फ़ाइंडिंगस हैं, जो टाइटल सूट चल रहा है उसमें टाइटल की जो क्लैरिटी है उसके तहत रामलला का एक भव्य मंदिर जन्मस्थान पर बनना चाहिए।

मैं समझता हूँ उद्धव जी ने या विश्व हिंदू परिषद ने या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जो बात की है वह उसी के तहत देश के जनता के हृदय की बात और देश की जो अस्मिता है, देश का जो पूरे देश की जो माँग है कि वहाँ पर एक भव्य मंदिर भगवान राम का बने वह माँग उन्होंने दोहराई है। और भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मानना है कि आपसी तालमेल से मिल जुलकर बातचीत फ़ैसला हो और या जो क़ानूनी रास्ता है उससे कोर्ट के फ़ैसले का से यह मंदिर बनना चाहिए।

प्रश्न: सर अध्यादेश में क्या है?

उत्तर: वैसे अच्छा प्रश्न पूछा मेरे मित्र ने। यह मुद्दा हम कोई अभी चुनाव आए इसलिए हमने उठाए ऐसा नहीं है। यह मुद्दा मीडिया के माध्यम से और पत्रकारों ने सवाल पूछा क्योंकि कोर्ट में केस आने वाला था और उसके हिसाब से हमने रेस्पॉन्ड किया। तो मैं समझता हूँ कोर्ट में हियरिंग थी, हियरिंग में लोगों की अपेक्षाएं थी कि शायद कुछ निर्णय होगा, अब वह हियरिंग 19 जनवरी के लिए निर्धारित की गई है माननीय उच्च न्यायालय द्वारा हम उस बात का स्वागत करते हैं लेकिन सवाल तो प्रश्न आपने पूछा मैंने तो नहीं इसके बारे में कुछ कहा।

प्रश्न: सर जनता यह जानना चाहती है कि आखिरकार इस मामले का … कब होगा?

उत्तर: मैंने जैसे अभी बताया भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि इसमें आपसी तालमेल से बातचीत से या तो फ़ैसला हो जाए और या क़ानूनी निर्णय आ जाए तो उसके हिसाब से इसका फ़ैसला जल्द हो सकता है।

प्रश्न: सर निर्णय अगर पक्ष में नहीं आया तो क्या अध्यादेश की तैयारी कर रखी है क्या सरकार ने?

उत्तर: यह ह्य्पोथेटिकल क्वेश्चन है।

प्रश्न: सर आप रेल मंत्री है उदयपुर … इसके बारे में ?

उत्तर: इसकी सपैसिफिक जानकारी तो मेरे पास अभी नहीं है। मैं रेल के विभाग का सब ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स फ़्यूचर प्रॉडक्ट्स नहीं लाया हूँ लेकिन आपने आज बताया है तो इसके ऊपर ज़रूर मैं देखूँगा क्या होता है।

प्रश्न: …सोनिया जी उद्घाटन कर गई थी उसके बाद बीजेपी की सरकार आने के बाद…?

उत्तर: इस पर्टिकुलर प्रोजेक्ट का तो मुझे जानकारी नहीं है लेकिन क्योंकि आपने कुछ विषय उठाया कि सोनिया जी उद्घाटन करकर एक प्रोजेक्ट की गई थी। यह मैं आपको ख़ुलासा ज़रूर करूँ कि पिछली सरकारों का काम करने के ढंग और मोदी जी के काम करने का ढंग में ज़मीन आसमान का फ़र्क है।

पिछली सरकारें एक चुनाव में घोषणा करा करती थीं, दूसरे चुनाव में पत्थर लगाने आ जाती थी, तीसरे चुनाव में सर्वे का काम शुरू करतीथी, चौथे चुनाव में सर्वे की फ़ाइंडिंग सामने रख देती थी, पाँचवे चुनाव में कहती थी अब जो पहला बजट था वह नया बन रहा है क्योंकि तब तक तो दाम बढ़ जाते थे, छठे चुनाव में फिर आ जाते थे बोलने कि अब इसका पैसा बजट में सैंक्शन किया है, सातवें चुनावों में काम शुरू करते थे।

 

मोदी जी का काम करने का ढंग यह नहीं है। हमने रेलवे को राजनीति से ऊपर उठाया है। जब हमारी सरकार आयी तो ऐसी सैकड़ों योजनाएं थी जिसका सालों-साल से काम चल रहा था ना बजट दिया जाता था ना काम किया जाता था। आपको जानकर हैरानी होगी एक काम तो 1974 जो कांग्रेस ने एमरजेंसी लगायी थी उसके भी पहले से चल रहा है, 74 से लेकर 2014 तक काम नहीं हुआ था। अब मैंने कोशिश की काम को गति दूँ तो मालूम पड़ा उसके ऊपर तो लोग इतने बस गए हैं कि अब वह वेस्ट बंगाल सरकार ज़मीन ही देने में असमर्थ हो रही है।

ऐसे करकर देश के साथ छल किया गया है, देश के पैसे को बर्बाद किया गया है। 100 करोड़ के प्रोजेक्ट को हज़ार करोड़ बना देती थी। ओवर रन के पीछे क्या हेतु होता था वह तो मुझे आज तक समझ नहीं आया है, आप लोग मेरे से ज़्यादा अच्छा समझते हो कि ओवर रन कर कर किसको लाभ होता था। और एक उदाहरण मैं आपको दे सकता हूँ क्योंकि आपने एक वरिष्ठ नेता का नाम लिया उनकी कोंस्टीटूएंसी में एक मॉडर्न कोच फैक्ट्री की घोषणा और शिलान्यास उसी 2007-08 में किया गया था पर 2014 तक उसमें एक भी कोच नहीं बना था, एक भी कोच नहीं बना था सात-आठ साल बाद भी।

हमारी सरकार आने के बाद हमने वहाँ तेज़ गति से काम किया। अगस्त 2014 में पहला कोच बना भाइयों-बहनों। उसके बाद हम लगातार काम करते रहे। आज से दो वर्ष पहले उस फैक्ट्री में क़रीब 150-175कोचेस बना पाए थे। पिछले वर्ष मैं जब रेल मंत्री बना तो मैं वहाँ इंस्पेक्शन के लिए गया, मैंने देखा कोई मशीन ही नहीं चल रही है, एक भी मशीन रोबोटिक्स हैं वहाँ मॉडर्न मतलब रोबोटिक्स वगैरा हैं, एक भी मॉडर्न मशीन नहीं चल रही थी, देहाती तरीक़े से कोच बनाना पड़ रहा था।

मैंने पूछा ऐसा क्यों है?बोला साहब यह सब मशीनें 2012-13 कब ख़रीदी गई थी पता नहीं क्या उस समय में किस प्रकार से क्वालिटी कंट्रोल हुआ, क्या टेंडर था एक भी मशीन नहीं चल रही है और वाद-विवाद और झगड़े पड़े हुए हैं। मैंने आदेश दिया मुझे 6 महीने में सब मशीन चालू चाहिए। मुझे आपको सूचित करते हुए ख़ुशी होती है वह मशीनें सब की सब आज चल रही हैं। 6 महीने में सब मशीन,6 तो महीने लगे भी नहीं शायद 3-4महीने में ही सब मशीनें चला दी गई।

पिछले वर्ष दोगुना प्रोडक्शन हुआ क़रीब 360 या 70कोचेस एकदम याद नहीं है फिगर 360 या 70कोचेस मॉडर्न कोच फैक्ट्री से निकले और सब यह एलएचपी कोचेस हैं जो बड़े सुरक्षित होते हैं, बड़े सेफ होते हैं। मैंने आईसीएफ कोचेस तो बनाना ही बंद कर दिया है रेलवे में जो पुराने दक़ियानूसी चले जा रहे थे, वह बनाना ही रेलवे में पहली अप्रैल 2018 से बंद कर दिया है।

पर मॉडर्न कोच फैक्ट्री की सब मशीनें चलाई। पिछले साल डबल किया प्रोडक्शन। यह जो साल चल रहा है इसमें फिर डबल करेंगे प्रोडक्शन लगभग 700 से अधिक कोच इस साल बनाएंगे और अगले साल फिर डबल करेंगे और लगभग 1400 से अधिक कोच उस फैक्ट्री में बनेंगे यह मोदी सरकार के काम करने का ढंग है। यह मोदी सरकार का विकास और आपके जनता का पे किया हुआ राजस्व को ईमानदारी से और अच्छी तरीक़े से निवेश करने का ढंग है। बजाए कि अनाउंसमेंट करो, शिलान्यास करो और उसके बाद भूल जाओ और जनता को गुमराह करो, जातिवाद और धर्म के आधार पर चुनाव लड़ो।

प्रश्न: सर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यह कह रहे हैं कि जनता में कांग्रेस की लहर है और कांग्रेस भारी मतों … अगर भाजपा सरकार ने ईवीएम मशीनों में कोई गड़बड़?

उत्तर: यह अभी से आपको दर्शाता है कि कांग्रेस ने हार मान ली है। यह जो ईवीएम की बात शुरू की है मतलब आप समझ लो कि कांग्रेस ने राजस्थान में हार स्वीकार कर ली। आख़िर पंजाब में चुनाव हुआ, पंजाब में ईवीएम उनके पक्ष में कैसे चलेगए? आख़िर अलवर और कौन सी एक और जगह अजमेर में चुनाव हुआ तो वहाँ तो बैलेट पेपर नहीं थे तो मेरे ख़याल से कांग्रेस ने चुनाव में हार स्वीकार कर ली है इसका प्रमाण आज आपने मुझे दे दिया मेरी अगली प्रेस कॉन्फ़्रेंस वही से शुरू होगी।

प्रश्न:…. ?

उत्तर: मैंने कहा ना रेलवे के कुछ सपैसिफ़िक हैं मैं बाद में मंगवाकर आपको दे दूँगा। यह राजनीतिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस थी इसलिए मैं राजनीतिक विषयों पर आया।

प्रश्न: सर आपके डिपार्टमेंट का रिवर्सल क्वेश्चन है। 2020 तक पूरे रेलवे को …?

उत्तर: यह भी एक बड़े दुख की बात आपको सुना रहा हूँ मैं। यह जो डबलिंग हम कर रहे हैं यहाँ से हिम्मतनगर की, सॉरी, गेज कन्वर्जन जो हम कर रहे हैं यहाँ से हिम्मतनगर की यह गेज कन्वर्जन का काम 65 साल में आज़ादी के बाद कांग्रेस ने कभी सीरियसली लिया ही नहीं। हमने शुरू किया, तेज़ गति से देश में जहाँ-जहाँ पर नैरो गेज हैं उनको डबल कर रहे हैं।

मात्र वह लाइनें रह जाएँगी जहाँ पर या तो ट्रैफ़िक ही नहीं है आख़िर कुछ लाइने हैं जहाँ ट्रैफ़िक ही नहीं है तो डबल कर कर आख़िर आपका क़ीमती पैसा हम बेकार तो नहीं करेंगे या कुछ लाइने हैं जहाँ उसको ब्रॉड गेज करना संभव नहीं है। उदाहरण के लिए कालका से शिमला उसको हम ब्रॉड गेज नहीं कर सकते, उदाहरण के लिए एक नेशनल पार्क है उत्तर प्रदेश में उसको हम डबलिंग नहीं कर सकते हैं।

वैसे ही एक और लाइन है राजस्थान में जो हेरिटेज लाइन है, वह हेरिटेज लाइन को डबलिंग का प्रस्ताव पहले था, सॉरी, गेज कन्वर्जन का प्रस्ताव पहले था लेकिन क्योंकि वह हेरिटेज लाइन है तो हेरिटेज लाइन को प्रिज़र्व करना मैं समझता हूँ यह भी एक धरोहर है, यह भी पर्यटन की दृष्टि से इम्पोर्टेंट है। तो मैंने निर्णय लिया कि उसमें हम नई अच्छी कोचेस बनाकर उसको एक पर्यटन की दृष्टि से चलाएंगे।

 

प्रश्न: सर एक पॉलिटिकल क्वेश्चन है मेरा कि जो सीपी जोशी जी का जो बयान आया उसमें बहुत हंगामा मचा देश भर में। एक इशू अभी रिसेंटली यह ज़िले में हुआ है कि यहाँ का एक…. विधानसभा क्षेत्र से है उसका भी एक वीडियो वायरल हुआ है और उसने जो बोला है बड़ा अभद्र…?

उत्तर: मुझे इसकी जानकारी नहीं है लेकिन मैं समझता हूँ एक वरिष्ठ नेता जो मुख्यमंत्री का प्रत्याशी 2008 में ज़रूर था पर आप जानते हो किन कारणों से मुख्यमंत्री नहीं बन पाए लेकिन आज तो रेस में शायद मुख्यमंत्री के लिए हैं (कितने 7-8 उम्मीदवार हैं कितन हैं 7-8 हैं) 7-8 में एक उम्मीदवार वह भी हैं। एक मुख्यमंत्री बनने के उम्मीदवार का बयान तो स्वाभाविक है पार्टी के नेतृत्व का दृष्टिकोण रखता है।

मुझे इस बयान की जानकारी नहीं है आप देंगे तो मैं पता करेंगे अगर कुछ भी विवादास्पद है तो उनको पुल-अप करेंगे, उसको सिरियसली लेंगे लेकिन मैं समझता हूँ नेताओं का बयान आज एक कार्यकर्ता बयान देता है उसमें उसकी व्यक्तिगत भी कुछ सोच हो सकती है लेकिन नेताओं को तो बहुत सोच समझकर बयान देना पड़ता है। मैं ऐसा कोई ओछा चीज़ बोल दूँ आप तो मेरी खाल उधेड़ दो गए।

प्रश्न: वह जो वीडियो वायरल हुआ है वह मौजूदा विधायक है?

उत्तर: मुझे जानकारी नहीं है उस बयान की, मैं जानकारी लेकर आपको दे दूँगा।

प्रश्न: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यहाँ पर आए थे उन्होंने कहा था 2013 और 14 के भाषण वसुंधरा राजे के और नरेंद्र मोदी के अगर हम जनता को सुना दें तो हमको प्रचारकरने …?

उत्तर: तो मेहरबानी करकर सुनाइए ना बजाए कि विवादास्पद बयान यह बोलना कि मोदी जी के बाप का नाम क्या था, मोदी जी की जात ऐसी है कि उनको हिन्दू धर्म के बारे में बोलने की कोई उनको अधिकार नहीं है। इन सबके बदले क्यों नहीं विकास के ऊपर राजनीति कर रहे। क्यों नहीं विकास की बात करते कि गहलोत जी ने 5 साल राजस्थान में क्या विकास किया और उसके निसबत वसुंधरा जी के विकास के कार्य में क्या-क्या तेज़ गति आयी। चलिए विकास पर लड़ते हैं चुनाव। तय करो आपका मुख्यमंत्री कौन है बजाए कि आपसी झगड़े के।

प्रश्न: नहीं पर वह इस झगड़े को लोकतंत्र की बता रहे हैं कि हमारे यहाँ तो लोकतंत्र है, भाजपा की तरह नहीं है जिन्होंने सीएम पहले ही प्रोजेक्ट कर दिया। हमारे यहाँ तो बाकायदा विधायक दल की बैठक होगी…?

उत्तर: हाँ शायद इसलिए यह होगा कि उनके नेता ने सर्वश्रेष्ठ नेता जो अध्यक्षा हैं पार्टी के उन्होंने बयान दिया कि मैं देश का प्रधानमंत्री बनना चाहता हूँ क्योंकि उनके यहाँ लोकतंत्र है और शायद सेंटरल लेवल पर ख़त्म हो गया है और वह तो हम कहते ही हैं वंशवाद है। आपकी बात भाई साहब मैं आपकी बात भी ले रहा हूँ तो उन्होंने तय कर लिया कि एक उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मैं तो प्रधानमंत्री का दावेदार हूँ लेकिन उनकी पार्टी के सभी नेता नीचे नेता शीर्ष नेताओं ने उसके बाद कहा नहीं-नहीं कोई फ़ैसला नहीं हुआ है।

वह इतना डर गए कि उनका नाम पर जाएँगे चुनाव में तो कहीं हार न जाएँ कि बाक़ी बड़े-बड़े नेता जो वित्त मंत्री रह चुके हैं, गृह मंत्री रह चुके हैं तुरंत मैदान में आ गए कि नहीं भाई हमारे नेता का कोई तय नहीं हुआ है। तो यह शायद उनका लोकतंत्र का प्रमाण पत्र है।

प्रश्न: यानि बीजेपी ने उसी से प्रेरणा लेकर यहाँ पर पीएम फ़ेस प्रोजेक्ट किया है?

उत्तर: हम हर अच्छी बातकीप्रेरणा लेते हैं और मैं समझता हूँ भारतीय जनता पार्टी के लिए इससे ज़्यादा ख़ुशी की कोई बात नहीं होगी कि उनका प्रधानमंत्री का उम्मीदवार जल्द से जल्द तय हो और जनता के बीच में घोषित हो तो शायद राजस्थान के विधानसभा में भी शायद 160से बढ़कर और सीटें हमारी बढ़ जाएंगी।

प्रश्न: सर उदयपुर सिटी स्टेशन को सीपी मोड पर देने की जो बात हुई थी…?

उत्तर: इसको आगे चलकर इस पर और सुधार करने की हमारी योजना है। अभी कोई ऐसा तय निर्णय नहीं हुआ है।

 

धन्यवाद।

 

 

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