Speeches

July 26, 2018

Speaking at Inauguration of Advance Track Maintenance Machine, in New Delhi

बहुत-बहुत धन्यवाद माननीय श्री एम.के. गुप्ता जी, मेम्बर इंजीनियरिंग रेलवे बोर्ड में, श्री चौबे जी, जनरल मेनेजर नॉर्दर्न रेलवे; हमारे अन्य साथीगण, रेलवे के अधिकारीगण और सभी मेरे मित्र कामगारगण रेलवे के; और खासतौर पर आये आज हमारे मेहमान, मीडिया के मित्र|

मेरे लिए बहुत ख़ुशी की बात है कि जब आज पूरा देश 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस मना रहा है, उसी दिन रेलवे भी सुरक्षा के संबंध में विजय की और तेज़ गति से बढ़ने के कदम उठा रहा है| सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, रेलवे के आज 13 लाख कर्मचारियों ने यह संकल्प किया है कि हम रेल यात्रा को सुरक्षित बनाना चाहते हैं, रेल की यात्रा को और सुविधाजनक बनाना चाहते हैं और समय पर रेल चले जिससे रेल की यात्रा का स्वाद और बढ़े, इस प्रकार का संकल्प रेल यात्रा को सुगम बनाने का, रेल यात्रा को और ज्यादा लोगों में ख़ुशी का माहौल हो रेल यात्रा करते हुए और सुरक्षा एकदम सुनिश्चित हो इस प्रकार का काम रेलवे के पूरे 13 लाख कर्मचारियों ने प्रारंभ किया है|

आप सब जानते हैं पिछला वर्ष रेलवे के इतिहास में सबसे कम एक्सीडेंट वाला वर्ष रहा| पिछले वर्ष 2013-14 के मुकाबले, 2013-14 में 118 रेल हादसे हुए थे और 2017-18 में वह 62% घटकर सिर्फ 73 हो गए थे – 118 से घटकर 73 रह गए थे| लगभग 62% हो गये थे 118 के – 38% रिडक्शन| और सिर्फ साधारण नहीं थी यह उपलब्धि, इस उपलब्धि के पीछे बहुत मेहनत गयी, बहुत परिश्रम गया| एक उदाहरण लें तो जो ट्रैक ख़राब हो गए, कई वर्षों से ख़राब पड़े थे जो बैकलॉग था ट्रैक बदलने का, उसपर हमने बल दिया| और आप सब जानते हैं पिछले वर्ष 4,405 किलोमीटर नए ट्रैक, पुराने को हटाकर नए ट्रैक लगाये गए रेल रिन्यूअल किया गया, जो उसके पिछले वर्ष से 50% अधिक था| 2013-14 में आखिरी वर्ष जो पिछली सरकार के थे उसमें 2,926 किलोमीटर हुआ था, पिछले वर्ष रेलवे ने 4,405 किया – लगभग डेढ़ गुना| मात्र चार सालों में यह परिवर्तन हुआ|

इस साल भी लगभग 4,500 किलोमीटर ट्रैक रिन्यूअल करने का हमारा अनुमान है| जो पुराना बैकलॉग वर्षों से चले आ रहा था जिसके कारण रेल दुर्घटना की संभावना भी ज्यादा बढ़ जाती थी, इस सबको बदलने का यह प्रयास किया गया है| इसी प्रकार से जो अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ लेकर रेल की सुरक्षा और रेल यात्रा की सुरक्षा को बढ़ावा देने का काम इस सरकार ने किया है उसके तहत अगर आप देखें तो इस वर्ष में 7,268 करोड़ रुपये निवेश करने का इस बजट में अनुमान है नयी मशीनों के लिए नयी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी वाली मशीनों को रेलवे में लाने के लिए| अगले वर्ष का अनुमान है शायद हम 13,000 करोड़ की मशीनें अगले वर्ष में लाने जा रहे हैं रेलवे के कामों को मोस्ट मॉडर्न टेक्नोलॉजी से करने के लिए जिससे रेल की यात्रा और सुरक्षित होती जाएगी|

यह जो आपने आज तीन अलग-अलग प्रकार की मशीनें देखी यह काम जब मैन्युअल होता था, आदमी जब खुद करते थे तो वह disproportionate परिश्रम करना पड़ता था उन कामगारों को| वास्तव में वह देखा नहीं जाये इतना मुश्किल काम करना पड़ता था, खोद रहे हैं यह जो आप देख रहे हैं स्टोंस इसको स्ट्रांग बनाने के लिए, बेस को स्ट्रांग बनाने के लिए 4 फुट तक खोदना पड़ता था, मैन्युअली, फिर उसको मज़बूत बनाने के लिए पौन्डिंग करनी पड़ती थी| जो आपने देखा मिट्टी जो नीचे सालों की बारिश वगैरा के साथ आ जाती थी उसको निकालना मैन्युअली लगभग असंभव था|

तो यह काम और अच्छी तरीके से हो तो रेल की दुर्घटना की संभावना लगभग 80% घट जाएगी ऐसा अधिकारियों का अनुमान है| और यह मशीनें तेज़ गति से आये रेलवे में, मेन रूट्स में 2020-21 तक पूरी तरीके से यह मशीन द्वारा हो, और 2024 तक पूरे रेलवे में मशीनों द्वारा हो जिससे जो कामगारों को बोझा बढ़ता है वह भी कम हो जायेगा और रेल सुरक्षा और अच्छी हो जाएगी, सुगम हो जाएगी, सुरक्षित हो जाएगी|

अगर आंकड़ों में देखें तो 2004 से 2014 के बीच सालाना लगभग 461 करोड़ रुपये लगाए गए थे नयी मशीनों को लाने के लिए, यानी 10 साल में 4,610 करोड़ रुपये – 10 साल में 4,610 करोड़ रुपये! मोदी जी के नेतृत्व में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अधिक हो और जनता को सुरक्षा अधिक मिले उसके लिए इस वर्ष एक ही वर्ष में 7,268 करोड़ रुपये और अगले वर्ष का अनुमान है 13,000 करोड़ रुपये| यानी जो काम 10 साल में हुआ उससे लगभग दुगना काम एक साल में हम करने जा रहे हैं और अगले साल में उससे भी दुगना| तो 10 साल के काम को एक प्रकार से पांच गुना हम दो साल में कर देंगे|

यह होता है काम करने का स्पीड, स्केल और स्किल जो माननीय प्रधानमंत्री जी हम सबको सीख देते थे और जो आज हमारे रेलवे के अधिकारी और कामगार मित्रों ने करके दिखाया| वास्तव में मुझे गर्व है, शायद मैं रेल मंत्री नहीं बनता तो मुझे कभी अनुमान नहीं आता कि कितना परिश्रम, कितनी मेहनत, कमरतोड़ मेहनत रेलवे का एक-एक कर्मचारी, 13 लाख कर्मचारी देश के कोने-कोने में बड़े कठिन परिस्थितियों में करके आज रोज़ 22,000 गाड़ियाँ सुबह से रात तक 24 घंटे चलाते हैं दिन और रात न देखते हुए, कोई समय की बाधा नहीं, कोई जिसको हिंदी में कहते हैं ‘कोई कन्नी न काटते हुए’ पूरी मेहनत से 13 लाख लोग दिन और रात परिश्रम करके हमारी रेलवे की पूरी व्यवस्था को चलाते हैं|

वास्तव में रेल मंत्री रहे न रहे, कोई रहे न रहे लेकिन इन सबके परिश्रम, इन सबकी मेहनत के फलस्वरूप यह रेलवे की सुविधाएं सुधरती जा रही हैं, बढ़ती जा रही हैं और और सुरक्षति होती जा रही हैं|

मैं समझता हूँ इस वर्ष में जो तेज़ गति से आधुनिकीकरण करने का काम रेलवे ने शुरू किया है यह बहुत ही प्रशंसा वाला काम है| और जैसे हमारे बहादुर सिपाही हमारे देश की सीमाओं को सुरक्षित रखते हैं अपने खून-पसीने से, अपनी जान की बाज़ी लगाकर एक छोटी गिलहरी के रूप में हमारा एक-एक 13 लाख कर्मचारी अपना योगदान देते हैं देश को और देश की आर्थिक व्यवस्था को चलाये रखने में, देश के बिजली घरों को चलाये रखने में, देश के यात्रियों को हम सबको नागरिकों को यात्रा करने की सुविधा देने में और साथ ही साथ हमारे जवानों को सीमाओं में सामान पहुंचाने में, सीमाओं तक एम्युनिशन पहुंचाने में उनके हथियार पहुंचाने में और जवानों को पहुंचाने में जो एक छोटा हमारा सबका एक योगदान है मैं समझता हूँ वह भी बहुत अहम योगदान यह हमारे 13 लाख कर्मचारी करते हैं|

आज कारगिल विजय दिवस पर उन सब शहीदों को स्मरण करते हुए, उन सब शहीदों को नमन करते हुए मैं रेलवे के भी 13 लाख कर्मचारियों को नमन करता हूँ, उनका धन्यवाद करता हूँ जिनके परिश्रमों से रेलवे चल रही है|

बहुत-बहुत धन्यवाद|

 

यह किताब भी मैं चाहूँगा आप सब इसको अच्छी तरीके से देखें, इसमें एक छोटा प्रयास किया गया है कि जो नई दिल्ली के 7 constituencies का एरिया है, सिर्फ नई दिल्ली की यह किताब है, उन सातों constituencies में क्या-क्या काम गत 4 वर्षों में हुआ और कितना निवेश दिल्ली में लगाया जा रहा है इन 4 वर्षों में| और मैं समझता हूँ कि आप जब आंकड़े देखें तो सिर्फ एक नई दिल्ली, एक प्रकार से छोटा सा इलाका है उसमें पहले 95 crore rupees सालाना खर्च होता था, रेलवे में निवेश होता था और मोदी जी के आने के बाद पांच वर्षों में हर वर्ष 365 करोड़ रुपये का निवेश, यानी लगभग चार गुना हर वर्ष निवेश सिर्फ दिल्ली में हो रहा है| और यही कहानी आपको देश भर में देखने को मिलेगी|

 

Ends.

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