आज यह महामना एक्सप्रेस शुरू होने जा रही है ऐसे हमारी बहन, रंजन बेन भट्ट जी, श्री भरत भाई दांगल जी, श्री जीतू भाई सुखाडिया जी, श्री भूपेंद्र भाई लकडावाला जी, श्री सौरव पटेल जी, भारतीय रेल के जनरल मेनेजर श्री गुप्ता जी, यहाँ पर उपस्थित सभी भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारीगण, वडोदरा के वरिष्ठ नागरिकगण, मीडिया के बंधु, भाईयों और बहनों|
………..(In Local language) .
The entire expenditure, पूरा खर्चा जो बीएचयू की लाइब्रेरी का है वह बरोडा से गया था इसलिए यह दोनों शहरों को जोड़ने का जो काम यह महामना एक्सप्रेस करेगी, यह वास्तव में उस पुरानी यादों को भी फिर से दोहराती हैं जो बड़ोदरा और वाराणसी के बीच में संबंध था उसको आज फिर एक बार जीवित करती है, फिर एक बार जोड़ती है| जैसा नितिन भाई ने कहा लगभग 1100 लोग, यात्री हर हफ्ते इस ट्रेन के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक और बहुत ही महत्वपूर्ण शहर बड़ोदरा को जोड़ेगी, भारत के सबसे प्राचीन शहर बनारस से, और हम सबके लिए यह भी ख़ुशी की बात है कि यह पहली ट्रेन है जो बड़ोदरा से शुरू होने वाली है लॉन्ग डिस्टेंस| और मैं स्वयं कितनी बार मुंबई से दिल्ली बड़ोदरा होते हुए गया हूँ, कितनी बार| बचपन में तो हम ट्रेन से ही जाते थे दिल्ली और हर बार बड़ोदरा रुकते थे, कभी …. या जलेबी का स्वाद लेते थे|
और अब पहली ट्रेन और सोचिये आज़ादी को भी 70 वर्ष हो गए हैं, केंद्र में कई बार मान्य प्रधानमंत्री जी ने कोशिश की कि केंद्र से एक यहाँ से लॉन्ग डिस्टेंस ट्रेन शुरू हो जब वो यहाँ पर मुख्यमंत्री थे लेकिन पिछली सरकार ने कभी स्वीकृति नहीं दी| मुझे ख़ुशी है कि मान्य प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से और रंजन बेन के प्रयासों से आज बड़ोदरा से पहली लॉन्ग डिस्टेंस ट्रेन शुरू होने जा रही है, और मुझे पूरा विश्वास है यह पहली नहीं रहेगी, इसके बाद और भी ट्रेन्स बड़ोदरा से शुरू होंगी| इस ट्रेन के माध्यम से लगभग 7 घंटे का सफ़र बनारस तक कम हो जायेगा जो आज लगभग 34 घंटे लगते हैं आगे चलकर मात्र 27 घंटे में यह ट्रेन बनारस तक लोगों को पहुंचा पायेगी और हम कोशिश करेंगे आगे चलकर इसका समय और 2-3 घंटे कैसे कम करना इसके लिए मैं प्रयास करूँगा, इसके लिए मैं पूरी कोशिश करूँगा|
साथ ही साथ रंजन बेन ने मुझसे आज एक और मांग की है और मुझे लगता है ऐसे पावन अवसर पर जब मान्य प्रधानमंत्री जी इसको फ्लैग ऑफ करेंगे इस ट्रेन को तो उस मांग को भी मैं नकार नहीं सकता हूँ| एक रेलवे का प्लान है लगभग 22-23 स्टेशन को वर्ल्ड-क्लास स्टेशन बनाने का जिसमें पूरी स्टेशन डेवलपमेंट होगी, और ऊपर स्टेशन के ऊपर वास्तु खड़ा करके पूरे शहर का भी विकास में रेलवे स्टेशन एक बहुत प्रमुख अंग बनेगा|
तो मैंने देखा तो उस लिस्ट में बड़ोदरा का नाम नहीं था, तो मैंने आज ही अधिकारियों को आदेश दिया है कि अब वडोदरा का भी पुनर्वास करना, पूरा नया डेवलपमेंट करने का काम, उसका डिज़ाइन का काम और आगे चलकर उसको टेंडर करके हम बड़ोदरा में भी एक बहुत सुन्दर डेवलपमेंट का प्रोग्राम जल्द ही इसको भी शुरू करें यह निर्णय आज ही हमने लिया है|
वैसे महामना मालविय जी बहुत महान व्यक्ति थे और बहुत तेजस्व था उनके सोच में, इसलिए उनको महामना की पदवी दी गयी थी| रविन्द्र नाथ टैगोर जी ने गाँधी जी को महात्मा की पदवी दी, साथ ही साथ महामना की पदवी पंडित मदन मोहन मालवीय जी को दी गयी और मैं समझता हूँ यह इतना उपयुक्त इस ट्रेन का नाम है महामना एक्सप्रेस क्योंकि मान्य प्रधानमंत्री जी का दिल अभी भी बड़ोदरा में और गुजरात में रहता है| तो पंतप्रधान मोदी जी का जो सपना था कि गुजरात और उत्तर प्रदेश एक विकसित प्रदेश, एक विकास से वंचित लेकिन जिसको हम तेज़ गति से विकास के साथ जोड़ना चाहते हैं ऐसा उत्तर प्रदेश इन दोनों को जोड़ने का काम यहाँ से शुरू हो| और मुझे बहुत ख़ुशी है कि यह ट्रेन आगे चलकर यहाँ के जो कई लोग उत्तर प्रदेश से यहाँ रहते हैं, बिहार से यहाँ रहते हैं, कई लोग जो गुजरात के बनारस जाना चाहते हैं उन सबको सुविधा देगा अगर अच्छी तरीके से इसकी डिमांड बढ़ेगी और ज्यादा से ज्यादा यात्री इसमें सफ़र करेंगे तो हम इसकी हर हफ्ते एक के बदले इसको बढाने का भी आगे प्रयास करेंगे|
और मुझे बड़ी ख़ुशी है यह बताते हुए कि जो आरक्षित रिज़र्व बर्थ्स हैं, लगभग 700 के करीब उसमें आलरेडी 400 से अधिक बर्थ यह पहली ट्रेन है, दो दिन पहले इसकी रिजर्वेशन शुरू की और 400 के अन्दर आरक्षित बर्थ दो दिन के अन्दर रिज़र्व हो गए| और यह तो सिर्फ बड़ोदरा के हैं, आगे चलकर सूरत, जो अलग-अलग स्थानों पर जाएगी बरोट इन सबको जोड़ते हुए जाएगी तो यह पूरी ट्रेन मुझे पूरा विश्वास है शत-प्रतिशत आरक्षित होके जाएगी, और जैसे-जैसे इसकी डिमांड बढ़ेगी इसको हम और अधिक रूप से बढ़ाने का भी प्रयास करेंगे|
मुझे याद है मान्य पंतप्रधान जी ने वडोदरा में एक वाक्य कही थी, पंतप्रधान जी ने कहा था, ‘मैं वडोदरा के लोगों को आश्वस्त करता हूँ कि आने वाले वर्षों में वडोदरा के विकास की नयी ऊँचाइयाँ को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोडूंगा,’ और यह एक कड़ी है, आगे चलकर यहाँ पर हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की यूनिवर्सिटी बनने जा रही है| आगे चलकर बुलेट ट्रेन यहाँ से गुज़रेगी यहाँ पर रुकेगी उसका भी मैं आज देखकर आया प्लान्स जो हाई स्पीड बुलेट ट्रेन का जो सफ़र है वह कहाँ से गुजरेगा, कहाँ उसका टर्मिनल बनेगा|
और मुझे पूरा विश्वास है कि जिस तेज़ गति से मान्य प्रधानमंत्री जी नए भारत की कल्पना लेकर पूरे भारत को एक विकसित देश बनाने का प्रयास कर रहे हैं, प्रयत्न कर रहे हैं, संकल्प लेकर बैठे हैं उस नए भारत की कल्पना में वडोदरा में भी बहुत तेज़ गति से प्रगति होगी, विकास होगा| आगे चलकर वडोदरा किस तरीके से उद्योग जगत में, सांस्कृतिक जगत में, शिक्षा के जगत में, अन्य क्षेत्र में किस प्रकार से वडोदरा का विकास हम तेज़ गति से कर पाएं इसके लिए हम लगातार प्रयत्नशील रहेंगे|
मैं अभी-अभी पूछ रहा था कि इसमें थर्ड एसी का कोच क्यों नहीं है, क्योंकि आखिर कई लोग चाहते हैं कि हम थर्ड एयर कंडीशन कोच में भी जायें तो मुझे ख़ुशी है बताते हुए कि इसकी थर्ड एसी का कोच भी हम जल्द ही जल्द शुरू करेंगे और इसमें जोड़ेंगे जिससे वातानुकूल कोचेज़, एयर कंडीशन कोचेज़ इसमें बढें और हमारे बरोडा, सूरत के सभी लोगों को सुविधा और अच्छी मिले और अच्छी सुविधा से वह बनारस तक का सफ़र पार कर सकें|
एक और ख़ुशी की बात यह है कि जितने यह कोचेज़ हैं यह सभी कोच रिहैबिलिटेशन वर्कशॉप भोपाल में बनकर आये हैं, तो एक प्रकार से मेक इन इंडिया के साथ भी इस ट्रेन का जुडाव है और आगे चलकर हमारी कोशिश है कि पूरे रेलवेज में हम सभी कोचेज़ को जितने पैसेंजर कोचेज़ हैं उनको अच्छा, सुन्दर बनाएं| आपने देखा होगा अन्दर अगर जाकर, तो इस ट्रेन में सभी कोचेज़ को बहुत सुन्दर इंटीरियर दिए गए हैं| सब में कुशन है, कुशन के माध्यम से सुविधाजनक सफ़र पार हो सकता है, और जैसे पुन: विकास करेंगे इस पूरे स्टेशन का तो आप सबको आनंद आएगा ट्रेन में सफ़र का|
मुझे याद है हमारे बचपन में तो ट्रेन का सफ़र एक बहुत ही आकर्षित सफ़र होता था| हमने तो कई कहानियाँ और कई पिक्चरें ट्रेन के सफ़र से जुडी हुई देखी हैं| मैं अभी-अभी बैठा-बैठा याद कर रहा था, बहुत छोटे उम्र में, आप को सब यहाँ ज्यादा युवा-युवती दिख रहे हैं, आपको शायद याद नहीं होगा अशोक कुमार की एक पिक्चर थी जिसमें वह गाना था ‘रेल गाडी, छुक-छुक-छुक-छुक…. आगे चलकर वह बढ़-बढकर फिर दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे जैसे पिक्चरों में रेल गाड़ी का एक महत्वपूर्ण रोल रहता था| फिर और आगे चलें तो लोगों ने रेल गाड़ियों को बड़ा रोमाँटिक एक सफ़र के रूप में पिक्चरों के माध्यम से देखा है|
माननीय प्रधानमंत्री जी का प्रयास है और उनकी इच्छा है कि फिर एक बार भारतीय रेल भारत के विकास का एक बहुत महत्वपूर्ण कड़ी बने, फिर एक बार भारत के विकास को तेज़ गति देने के लिए भारतीय रेल एक महत्वपूर्ण योगदान दें और मुझे पूरा विश्वास है कि पंतप्रधान नरेन्द्र मोदी जी के आशीर्वाद से, उनके विचारों से और उनके मार्गदर्शन से हम वडोदरा में पूरे गुजरात में और पूरे भारत में रेल गाड़ी के सफ़र को फिर एक बार बहुत ही सुन्दर, बहुत ही आकर्षक और बहुत ही सुविधाजनक सफ़र बना पाएंगे|
आपको जानकर ख़ुशी होगी कि गत 3 वर्षों में जो इंडियन रेलवेज का बजट गुजरात के लिए होता था वह लगभग 600 करोड़ से बढकर 4000 करोड़ अभी हो गया है, 600% वृद्धि हुई| तो इस प्रकार से तेज़ गति से रेलवे का इन्वेस्टमेंट, रेलवे का निवेश गुजरात में आएगा, बुलेट ट्रेन के माध्यम से तो लगभग 30-40,000 करोड़ का निवेश सिर्फ गुजरात में आएगा, सिर्फ गुजरात की पावन धरती पर आएगा| और 2022 तक हमारा प्रयास रहेगा कि हाई स्पीड बुलेट ट्रेन शुरू हो जाये और उसके माध्यम से अहमदाबाद से मुंबई का सफ़र लगभग दो घंटे में पार करके उसमें वडोदरा के लोगों को भी स्टॉप की सुविधा होगी, ऐसी ट्रेन से हम आप सबको लाभान्वित करें|
मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ आज के इस शुभ अवसर पर और मान्य उपमुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल का धन्यवाद देता हूँ कि वह विशेष रूप से इस रेलवे के कार्यक्रम के लिए यहाँ पर आज आये, मान्य रंजन बेन भट्ट का बहुत-बहुत आभार देता हूँ कि उन्होंने इस ट्रेन की मांग भी की, लगातार प्रयत्न किया और उनके प्रयत्नों से आज यह सुन्दर ट्रेन वडोदरा से शुरू होकर बनारस तक जाएगी| मान्य पंतप्रधान नरेन्द्र भाई का भी धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने इस ट्रेन की मंज़ूरी दी और आज उनके कर कमलों द्वारा थोड़ी ही देर में वह अभी इस स्टेज पर पहुँचने वाले हैं और उनके कर कमलों द्वारा इस ट्रेन को हम आज फ्लैग ऑफ करेंगे वाराणसी के लिए|
आप सबको नवरात्रि की, आगे आने वाले दशहरा, दिवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं|
Thank you.