Thank you madam. At the outset, I wish you, all the ladies present in the room and all the women of India, a very happy Women’s Day. It’s a matter of pride for us that this government under Prime Minister, Shri Narendra Modi, has been focussed on women’s empowerment, all through its 5-year tenure. Series of measures, over the last 5 years – be it the fact that in the RPF recruitment, we have reserved nearly 50 percent of the vacancies for women constables and officers. Be it the fact that starting from Matunga in central railway Mumbai, then going on to Gandhinagar in Jaipur, we are focussed on creating at least one station in every zone and I would say going forward as we are more and more women officers and staff coming into the railways, I would ideally like to see at least one railway station in every division across the country, which is 100% manned by women.
But I visited both Matunga and Gandhinagar and your chest swells with pride when you see a railways station, all activities manned by women. मतलब उसमें जो गर्व महसूस होता है, गांधीनगर-जयपुर में और मुंबई में माटुंगा, यह दोनों रेलवे स्टेशन में हर प्रकार के काम को, चाहे वह RPF का काम हो, सिक्योरिटी का, स्टेशन मास्टर हो, ट्रैक मेंटेनेंस का काम करने की आवश्यकता हो, जितने ऐक्टिविटीज़ एक रेलवे स्टेशन के ऊपर लगती है, सभी के सभी, शत-प्रतिशत हमारे महिला अफसर, महिला कर्मचारी करती है, महिला कॉन्सटेबल और इंस्पेक्टर करते है। मैं समझता हूँ सबके लिए बहुत बड़े गर्व की बात है।
इसी प्रकार से सरकार के रूप में देखें तो कितने सारे बड़े-बड़े निर्णेय हुए जो हमारी माता बहनों के लिए एक प्रकार से स्वाभिमान के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। चाहे वो उज्ज्वला योजना हो जिसमें 6 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त में कुकिंग गैस कनेक्शन देने का काम किया और वास्तव में उनके जीवन को परिवर्तन करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण योजना रही है। वैसे तो कुकिंग गैस कनेक्शन, एलपीजी सिलिन्डर देखें तो जितना आज़ादी के बाद 2014 तक दिए गए इस देश में, लगभग उतने कनेक्शन हमारी सरक़ार ने सिर्फ 5 साल में दिए हैं। लेकिन उसमें से भी 6 करोड़ तो मुफ्त दिए गए है।
इसी प्रकार से लगभग 10 करोड़ शौचालय बनाकर हमारे माता-बहुओं को, बहनों को स्वाभिमान का जीवन देने का मैं समझता हूँ विश्व का सबसे बड़ा प्रयास शौचालय बनाने का, 10 करोड़ के करीब शौचालय बने है स्वच्छता अभियान के तहत, और हम सबके लिए शर्मिंदगी की भी बात है कि आज़ादी के बाद 2014 तक मात्र 34 प्रतिशत घरो में शौचालय था। लेकिन ख़ुशी की बात यह है कि सिर्फ 5 वर्षो में यह 10 करोड़ शौचालय बने और उससे आज लगभग 98-99% देश में घरों में शौचालय है। यह 10 करोड़ तो मुफ्त में बनाये गए हैं। और आज हमारी माता-बहनों को एक लाइफ ऑफ़ डिग्निटी देने का काम इस सरकार ने किया।
इसी प्रकार से डिलीवरी के बाद 26 हफ्ते की पेड मैटरनिटी लीव इस सरकार ने सुनिश्चित की, जो दुनिया में देखें तो चंद ही देशों में है। Very few countries in the world have 26-week maternity leave. भारत को गर्व है कि हम उन चंद देशों में से एक देश है जो सन्मान करते है कि गर्भवती महिला डिलीवरी के बाद आराम करे, न्यूट्रिशन का ध्यान रखे, इनोक्यूलेशन वगैरा, टीका हो बच्चों का। और उसके लिए 26 हफ्ते पेड मैटरनिटी लीव रेलवे ने भी शुरू किया और सभी सरकारी नौकरियों में यह सुनिश्चित किया गया है।
और मैं गिनने जाऊँ तो I can list out a series. माइनिंग के क्षेत्र में मैं जुड़ा हुआ हूँ, माइनिंग में अब अंडरग्राउंड माइनिंग में भी महिलएं काम कर सकें यह हमने सुनिश्चित किया है। पहले वह भी रोक लगायी गयी हुई थी। अलग-अलग प्रकार से महिला सशक्तिकरण का इस सरकार का प्राथमिकता रही, संकल्प रहा। और मैं समझता हूँ हम सबके लिए ख़ुशी की बात है कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन भारतीय रेलवे के हर ज़ोनल ऑफिस में, 17 के 17 ज़ोनल ऑफिस और 68 डिविजनल ऑफिसेस में सभी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आज धूम-धाम से मनाया जा रहा है। और शायद हमारे रेल भवन में भी। अच्छा इसके बाद दिल्ली के जो नॉर्थेर्न रेलवे का ऑफिस है, रेल म्युज़ियम है, रेल म्युज़ियम में भी अंतर्राष्ट्रीय दिवस, महिला दिवस को मानाने का कार्यक्रम आज शाम को 6 बजे रखा गया है।
आज कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की जानकारी अभी-अभी मैडम ने दी। एक नीलगिरि माउंटेन रेलवे ही रह गया था जिसमें विस्टाडोम कोचेस नहीं थे। अब पाँचों हिल रेलवेज में विस्टाडोम कोचेस चलने वाले है। आईसीएफ में भी 3 कोचेस बनाये है। इसके अलावा लगभग 10 कोच मॉडिफाई करके यह हिल रेलवेज़ में चल रहे है। और मैंने आदेश दिया है कि, नहीं 11 कोचेस अभी चल रहे हैं अभी दार्जीलिंग रेलवे में 4, कालका में 2, कांगड़ा में 1, माथेरान में 1, और 3 कोचेस जो मॉडिफाई किये गए है विस्टाडोम के, गोल्डेनडॉर्क वर्कशॉप तिरुचिरापल्ली में, नीलगिरि माउंटेन रेलवे के लिए। और ख़ुशी की बात है कि तीन जो ब्रॉडगेज के विस्टाडोम कोचेस लगे है, एक दादर और मडगांव के बीच, गोवा के रास्ते में, एक अरकू वैली में, और एक कश्मीर वैली में। इन सबका जो रेस्पॉन्स पर्यटन के हिसाब से, टूरिज्म के हिसाब से, कस्टमर फीडबैक सटिस्फैक्शन लेवल्स का मिला है उसको देखते हुए मैंने आदेश दिया है की 100 विस्टाडोम कोचेस बनाये जाये।
कुछ रेल कार्स होंगी, जो छोटी माउंटेन रेलवे में रेल कार के रूप में जा सकती है। कुछ कोचेस होंगे जो सीनिक ब्यूटी जहाँ-जहाँ पर रेलवे की मिलती है। और यह नीलगिरि की जब वीडियो मैंने देखी, और मैं तो उम्मीद कर रहा था कि आज वो वीडियो दिखाई जाएगी जो अरकू वैली या नीलगिरि में जो कोचेस चलते है, बहुत ही सुन्दर लगते है। व्हाट्सप्प पर तो मैंने देखा है घूमते हुए इन वीडियोस को, पता नहीं आपमें से भी किसी ने देखी होंगी शायद। तो अगर वास्तव में उसका बाद में फीड दे सके तो मीडिया के बंधुओं को दिया जाए। लेकिन truly a memorable experience to travel on these vistadome. मैंने कालका से शिमला का रूट उसपे थोड़ी देर किया है। और it’s a pleasure to do that journey. और मैं सभी कालका, त्रिची, जहाँ-जहाँ से भी हमारे मित्र जुड़े है उन सबको बधाई देता हूँ। और उम्मीद करूँगा कि आप प्रेशर बनाये रखें एमआरएस और उनकी टीम के ऊपर कि जल्द से जल्द यह 100 विस्टाडोम कोचेस अथवा रेल कार्स बनकर पर्यटन के क्षेत्र को एक बड़ा बूस्ट देने का काम करे।
दूसरा जो प्रोजेक्ट आज लॉन्च किया गया, ई-ऑफिस का। मुझे ख़ुशी है कि रेलवेज भी ई-ऑफिस की तरफ जा रहा है। वैसे यह कोल मंत्रालय ने तो शत-प्रतिशत ई-ऑफिस को लागू कर दिया है। Railways, of course, is a much larger ambit, and a larger organization. पर रेल के मेरे सभी अधिकारियों को धन्यवाद देता हूँ, मुबारकबात देता हूँ। आपने जो बहुत कम समय में, और बहुत अच्छी तरीके से ई-ऑफिस इम्प्लीमेंट किया है, उसके लिए आप सबको बधाई। और उम्मीद करूँगा कि रेलवेज़ भी इस प्रोजेक्ट को बहुत सीरियसली और एक्टिवली परस्यू करे, जिससे आगे चलके हमारे यहाँ पर भी पेपरलेस ऑफिसेस की तरह हम जाने की कोशिश करें जल्द से जल्द।
एक नया प्रयोग जो हमने शुरू किया था कुछ समय पहले, स्टेशन इल्लुमिनेशन का। उसका भी जो फीडबैक मिला और वह भी व्हाट्सएप्प मैसेज घूमते-घूमते मेरे पास भी आते रहते हैं। काफी सारे स्टेशन्स पर जहा पर इल्लुमिनेशन हुआ – उसका कोई वीडियो या फोटोस नहीं है क्या – तो लगाओ न भैया। यह तो एक बाहर का आपने किया है, पर स्टेशन के अंदर जो एयरपोर्ट स्टाइल लुक आप लोग ने वीडियोस बने है, या फोटोज घूमी है। ठीक है, यह बाहर का भी इल्लुमिनेशन बहुत सुन्दर हो जाता है। सर्कुलेटिंग एरिया भी अच्छी तरह LED से अच्छी लाइटिंग हो, जैसे यह आप देख रहे है आपके सामने। ऐसे ही स्टेशन के ऊपर भी, घनश्याम जी, स्टेशन के अंदर भी कर रहे है ना? कितने कर रहे है? 190. 190 प्रमुख स्टेशन्स को heavy LED illumination करके बहुत ही सुन्दर दृश्य बन गए हैं यह सेशन्स पे। लगभग ख़त्म होने आ रहे हैं। अगले 30-35 दिनों में, मार्च के अंदर – इसलिए मैं आपके 5 -10 दिन ग्रेस दे रहा हूँ – तो अगले 30 दिन के अंदर, 30-35 दिनों के अंदर 190 स्टेशन बड़े सुन्दर लगेंगे, with bright lighting and, उससे मैं समझता हूँ सुरक्षा भी बढ़ेगी, और ऐक्सीडेंट की संभावना भी कम हो जाएगी।
उसकी सक्सेस देखते हुए मैंने निर्णय लिया है कि अब 500 और स्टेशंस जो आईडेंटीफ़्य हो गए है? आईडेंटीफ़्य हो गए हैं तो उसकी प्रेस रिलीज़ में उसकी जानकारी देना। और सभी स्टेशनों पर भी यह जानकारी लग जाये कि यह स्टेशन सिलेक्टेड है और आज उसकी शुरुआत हो गई है, आज के इस कार्यक्रम से, उसकी जानकारी हर यह 500 स्टेशन पर भी लग जाये और जो 190 का काम चल रहा है, सभी जगह यह जानकारी लग जाये कि इनको अभी LED से सुशोभित किया जायेगा और सुन्दर बनाया जायेगा। देश के हर स्टेशन पर, लगभग चार-साढ़े चार हज़ार स्टेशन पर, हमने टॉयलेट्स भी अपग्रेड किये है LED लाइटिंग करके उनको भी अच्छा, दुरुस्त किया है। और उस काम में भी अगर कोई ख़त्म नहीं हुआ है तो मार्च के अंत तक शत-प्रतिशत टॉयलेट्स, 4000 प्लस स्टेशंस पर सुन्दर हो जाने चाहिए।
एक और जो कार्यक्रम मैंने शुरू किया था, अशोका होटल में शायद मीडिया के भी कुछ बन्धु आये होंगे और आप लोग भी थे। जब हमने एक वेबसाइट लॉन्च की थी और इन्वाइट किया था लोगों का पार्टिसिपेशन कि लोग आये रेलवेज के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में, सीएसआर एक्टिविटीज़ के तहत जुड़े और सीएसआर के तहत रेलवेज़ अपने डोर्स खोले। और प्राइवेट सेक्टर और कोई दान देने वाले लोग अगर जुड़ना चाहे तो जुड़े और अलग-अलग प्रोजेक्ट्स को टेक-उप करे। उसमें एक जो बहुत सफल प्रयोग रहा वो था टॉयलेट्स का। हमने स्टेशन्स के अंदर तो रेलवे की ज़िम्मेदारी हमने ठीक की है, लेकिन स्टेशन के बहार जो सर्क्युलेटिंग एरिया होता है, उसमें अच्छा टॉयलेट उपलब्ध हो जिससे आस पास के दुकानदार, आस पास कोई लोग आते हैं, यात्री भी बाहर निकलने के बाद टॉयलेट यूस करना चाहे तो उसके लिए हमने इन्वाइट किया था।
मुझे ख़ुशी है कि अलग-अलग संस्थाएं, जिसमें कोल मिनिस्ट्री का भी बहुत बड़ा सहयोग मिला ने लगभग 2400 टॉयलेट्स बनाने का निर्णेय लिया है, अलग-अलग स्टेशन्स के सर्क्युलेटिंग एरिया में। तो अब रेलवे स्वच्छता के साथ सिर्फ स्टेशन और ट्रैक नहीं, स्टेशन के बाहर भी जुड़ रही है एक बहुत बड़ा आज का फैसला है। एनएलसी का भी धन्यवाद करूंगा, एनएलसी ने भी बहुत बड़े रूप में सर्क्युलेटिंग एरिया में 200 से अधिक टॉयलेट्स? 280 टॉयलेट्स एनएलसी इंडिया ने टेक- अप किये है।
मुझे अभी-अभी जानकारी मिली है नॉर्थेर्न कोल फ़ील्ड्स ने कुछ 500 टॉयलेट्स अडॉप्ट किये हैं कि वह बनाएंगे अलग-अलग स्टेशन्स पर क्यूंकि कोल का रेलवे के साथ बहुत बड़ा जुड़ा है। रेलवे भी कोल के साथ नहीं काम कर सकती, कोल भी रेलवे के बगैर सर्वाइव नहीं कर सकती। तो उनको अलग-अलग इकाइयों ने योगदान देके पब्लिक टॉयलेट्स बने और उससे उनकी भी एक पब्लिक में गुडविल बने। क्यूंकि कोल संस्थाएं गांव- गांव में काम करती है, कोल माइंस है, तो उनका भी गुडविल बढे और रेलवे स्टेशन्स के बाहर भी तो यह तो बहुत ही सुन्दर टॉयलेट्स है, यह किसने बनाये है, राइट्स ने। थैंक यू राइट्स, तो मतलब लगता है कि काफी अलग-अलग कंपनियां इसके साथ जुड़ी है। सभी का मैं तहे दिल से धन्यवाद करना चाहूँगा और यह सभी 2400 स्टेशन्स पर, यह जानकारी दी जाए, पहुँच जाए कि आज उनका शिलान्यास या उद्घाटन हुआ है, कमिटमेंट आ गयी है और अब ये 2400 टॉयलेट्स बनने जा रहे हैं अलग-अलग स्टेशन्स पर।
I am keeping the best for the last. तो इसलिए थोड़ा सा सबर रखिये। Of course, each one is equally important. After all, स्वच्छता तो बहुत प्रमुख कार्यक्रम रही है इस सरकार की लेकिन एक और अनाउंसमेंट कर दूँ। 2500 स्टेशनों के ऊपर हम स्टील बेंचेस अब लगाने जा रहे हैं। लगभग 5000 एडिश्नल बेंचेस लगेंगी 2500 स्टेशनों के ऊपर। यह भी एक अच्छा मैसेज देगी जो, यात्रियों को सुविधा के रूप में स्टेनलेस-स्टील बेंच जायेंगे, हाँ, यह सब स्टेनलेस-स्टील बेंचेस रहेंगी। जो वर्षों-वर्षों तक जनता की सेवा कर सके। So it will be a very permanent व्यवस्था, nice, neat and clean. And I hope RDSO was ensured quality control.
मुझे इतना जानकारी मिली थी पीछे कोई सप्लायर रिजेक्ट हुआ था, तो मुझे बड़ा आनंद आया, नॉट क्यूंकि रिजेक्ट हुआ। मतलब हम क्वालिटी कॉन्शीयस होते जा रहे हैं रेलवेज़ में। तो क्वालिटी ज़रूर अच्छी रखना। जो भी ग्रेड आप स्पेसिफाइ करो स्टेनलेस स्टील, वही ग्रेड पक्का मिलना चाहिए। और वैसे मैंने सुझाव दिया था एक छोटा कोना उसी मोल्ड और कास्टिंग में होना चाहिए। जिसको हम कभी काटके टेस्ट कर सके। और बाद में उसके रफ़ एज को स्मूथ कर सके। So that all suppliers know कि जो हम पे कर रहे हैं हमको वही क्वालिटी मिलनी चाहिए, अच्छी क्वालिटी।
Now for the really big announcement, और जिसके लिए मैं टाटा ट्रस्ट का तहे दिल से शुक्रिया करना चाहूँगा। हमने एक ओपन किया था कि वाईफाई देश में हमने लगभग 800 स्टेशनों में लगा दिया है। पहले गूगल के साथ पार्टनरशिप में पहले 400 स्टेशन लगे, फिर टेलीकॉम मिनिस्ट्री के सहयोग से काफी स्टेशनों में हम वाईफाई लगाने में कामयाब हुए जिसके लिए मैं मनोज सिन्हा जी और पूरे टेलीकॉम विभाग का धन्यवाद करना चाहूंगा। फिर हमें लगा कि यह ऐसी सुविधा है जो देश के कोने-कोने तक पहुंचनी चाहिए और हर गांव तक भी लोगों को यह सुविधा उपलब्ध हो। जिससे गांव के लोग सभी लगभग देश का कोई नागरिक ऐसा नहीं है जो नज़दीक का रेलवे स्टेशन नहीं जानता हो।
और हमे लगा कि रेलवे स्टेशन पर अगर वाईफाई उपलब्ध हो जाये तो गांव के गरीब, वंचित, शोषित, पीड़ित कई ऐसे परिवार हैं जिनको शायद डिजिटल कनेक्टिविटी मिलने में मुश्किल होगी, असुविधा होगी। वैसे तो अब गांव- गांव तक पहुंच रही है तो मुझे लगता है और चंद दिनों में घर-घर तक पहुंच जायेगा डिजिटल कनेक्टिविटी। सस्ता इतना हो गया है कि आज सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी आज अफोर्ड कर सकता है। डाटा इतना सस्ता हो गया है और वॉइस कॉल तो लगभग मुफ्त ही हो गई है। लेकिन हमारी इच्छा थी कि हर रेलवे स्टशन में भी वाईफाई की फैसिलिटी उपलब्ध कराई जाये। तो हमने इसको भी एक चैलेंज के रूप में सीएसआर इनिशिएटिव के लिए ओपन किया। एक बहुत बड़े रूप में टाटा ट्रस्ट ने स्वीकार किया है कि रेलवे स्टेशंस पर वह वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराएँगे। काफी बड़ी राशि उन्होंने इसके लिए ऑफर की है इंडियन रेलवेज़ को। मैं समझता हूँ शायद अगर हम इतिहास में देखें तो इतिहास में इतना बड़ा सीएसआर इनिशिएटिव, भारतीय रेल में तो 100 परसेंट कभी नहीं आया है।
It’s the biggest CSR initiative for one project alone that we have received in the Indian railways in the 160-year history of Indian railways. And I would like to truly thank Tata Trusts and all the trustees and organizations. They have demonstrated once again that Tata is an organization which cares for society, cares for the poor, cares for the people of India. Of course, they are a very big beneficiary of the railways also.
टाटा की भी कई कंपनियां, टाटा केमिकल्स, टाटा स्टील, टाटा पावर, हमारे कस्टमर्स भी है। और हम भी उनके कस्टमर्स रहते है कई चीज़ो में। It’s a very large conglomerate. पर फिर भी कभी किसी ने इतने बड़े रूप में सीएसआर करके देश के रेल यात्रियों की सेवा करने का आज तक प्रयास नहीं किया। मैं आपका तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ। 4,751 स्टेशन में अब वाईफाई फैसिलिटी उपलब्ध हो जाएगी। This is in addition to the 800 जो हम आलरेडी कर चुके है। Wow!
6,441 stations will now have Wi-Fi facility in the country. जितने स्टेशन भारतीय रेल में हॉल्ट स्टेशन को छोड़कर है, हर स्टेशन पर वाईफाई की सुविधा आज सुनिश्चित कर दी गयी है। उसका प्रोसेस लगेगा रेलटेल इस पूरे प्रोजेक्ट को पायलट करेगी, मॉनिटर करेगी। और 6,441 स्टेशन पर वाईफाई की फैसिलिटी उपलब्ध कराने जा रही है रेलवे। मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई दूंगा कि उन्होंने जो पहल की थी यह वाईफाई स्टेशन पर उपलब्ध कराई जाये। मुझे याद है पहले 400 का माननीय प्रधानमंत्री जी ने अन्नौंस की थी। तब हम सबको निर्देश दिया था कि हमको कोशिश करनी चाहिए इसको कैसे बड़े रूप में देश भर में पहुंचाया जाये।
It is truly a memorable day today that 6441 stations will benefit from Wi-Fi. जिसमें से 4,791 स्टेशन्स पर टाटा ट्रस्ट मुफ्त में कैपिटल एक्सपेंडिचर करके वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। It’s truly a remarkable achievement of the Indian railways. आज तक 832 स्टेशन पर वाईफाई पहुँच चुका है। मार्च 2019 तक एडिशनल 775 स्टेशन तक पहुँच जायेग। यानी 31 मार्च तक 1600 स्टेशन से अधिक वाईफाई से लाभ लेने लगेंगे। और 4,791 टाटा ट्रस्ट जो टेक-अप कर रही है यह अगले 12 महीने के अंदर पहुंच जायेगा यहाँ भी वाईफाई।
और मैं तो समझता हूँ टाटा की जो स्पीड है काम करने की और रेलटेल की जो स्पीड है, तो यह 12 महीने का लक्ष्य क्यों रखा है? 4 महीने। चलो और भी अच्छा है। 120 दिन में, कोई मार्जिन दूँ, कि ज़रूरत नहीं है? What does Tata Trust say? हमारी अभी मोदी जी की सरकार में बेस्ट वगैरा ख़त्म हो गया है। अभी टारगेट लगता है और हम टारगेट मीट करते है।
So next 151 days, शुभ नंबर लेते है चलिए, 151 days from today we will try – we will not try, we will complete 6,441 stations. Is that acceptable? चलिए, now it sets a target for all of us. 151 days from today. और मेरे मानना है लगभग गणेश चतुर्थी तभी पहुँचती होगी। मैंने कैलकुलेट नहीं किया है, कोई जल्दी से गूगल करके बैक वर्किंग करे। I am assuming क्यूंकि गणेश चतुर्थी अगस्त-सितम्बर में आती है। और हमने unmanned level crossing का भी गणेश चतुर्थी का ही टारगेट रखा था मुझे जहाँ तक याद है। मैं नया-नया रेल मंत्री बना था। और फिर थोड़ा आगे पीछे हमने सफलतापूर्वक उसको अचीव किया। तो कोशिश करे गणेश चतुर्थी पर यह तोहफ़ा देश को दिया जाये कि हर रेलवे स्टशन पर वाईफाई की फैसिलिटी उपलब्ध हो। 2 सितम्बर 2019 को शत-प्रतिशत हर रेलवे स्टेशन पर वाईफाई पोहुंचाया जाये। टाटा ट्रस्ट का भी उसमें पूरा सहयोग मिलेगा। पर किधर भी कोई तकलीफ हो तो railways will fill in the gap. 2 सितम्बर, गणेश चतुर्थी पर, इस पूरे देश में 6,441 स्टेशंस पर वाईफाई लोग यूज़ करे, इसका एक बड़ा जश्न मन्ना चाहिए, गणेश चतुर्थी के दिन।
तो मैं इससे अपनी आज की बात समाप्त करता हूँ। वैसे तो बहुत सारी और बातें है बताने के लिए। सीआईएल और उसके सब्सिडरीज़ ने लगभग 1700 टॉयलेट्स अडॉप्ट किये है, एनएलसी ने 280, कॉनकॉर ने अडॉप्ट किये है, पॉवरग्रिड ने किये है। पॉवरग्रिड, ओल्ड पावर कंपनी अभी तक मदद करती रहती है, अलग तरीके से। कॉनकॉर ने लिए है, आईआरएफसी ने लिए है, राइट्स ने लिए है। तो बहुत ख़ुशी की बात है, मैं सबको बधाई दूंगा।
यह आप सब नोट करें कि अच्छा है वूमेन्स डे पर अन्नौंस हो जाये। मेन एंड वूमेन का दोनों का टॉयलेट सब जगह बनेगा। 2400 स्थान पर महिलाओं का अलग, पुरुषों का अलग टॉयलेट बनेगा, और दिव्यांग फ्रेंडली होगा। यह सब 2400 में? Fantastic! मेरी ब्रीफिंग थोड़ी ज़्यादा करा करो प्रेस ब्रीफिंग के पहले। They are beating me at my own game, they are exceeding my expectations. तो बधाई दूंगा आपको और आपकी पूरी टीम को। इन सभी 2400 में दिव्यांगों का भी अलग फैसिलिटी होगी। 100 percent toilets are having men and women’s toilet and also दिव्यांग toilet. स्टेशनस रेलवे की ररेस्पॉन्सिबिल्टी है जो हमने पूरी कर ली है, आलरेडी अवेलेबल है। कही एक आध जगह कोई तकलीफ मिल जाये तो फिर तुरंत हमें सूचना दे देना हम उसको भी दुरुस्त कर देंगे। और अब तो यह स्टेशन के बाहर जो हमारी रेस्पॉन्सिबिल्टी नहीं है, उसमें सर्क्युलेटिंग एरिया में जनता को सुविधा देने के हिसाब से यह किया जा रहा है। तो मुझे लगता है आज के लिए काफी अन्नौंसमेन्ट्स हो गयी। एक दो दिने बाद जो रेलवे की बिग विजन वाली जो कहानी तो है एक-दो दिन बाद करेंगे नहीं तो प्रेस इतना एब्सॉर्ब नहीं कर पाएंगे एक दिन में।
अगर मैं नहीं अन्नौंस कर सकूंगा तो यह कर देंगे। यह तो रेलवे के ऑनगोइंग जो प्लान्स है उसमें सिर्फ माइक चेंज हो जायेगा और कुछ नहीं। अगर आपको चाहिए तीन दिन बाद करेंगे, अगर आपको चाहिए कि मैं नहीं रहूं, नहीं रहूं मतलब मैं स्टेज पर नहीं रहूं, मैं रेल मंत्री तो अभी हूँ। अगले टर्म में अगर प्रधानमंत्री बनाना चाहे तो फिर मुझे रेल मंत्रालय भी दे सकते है कोई ऐसी पाबन्दी नहीं है।
That I appreciate but we will have to work out some mechanism. कि मुझे चिंता है कि यह किया तो अच्छे इंटेंशन से होगा कि मिसयूज न हो। We will work out something. अच्छा है आपने फ्लैग ऑफ कर दिया पॉइंट, थैंक यू।
इसका एक पूरा प्रोसेस है आज ही हमने आदेश कर दिए है, OSD की पोस्टिंग कर दी है, ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी, और वो कल से ही वहां पर काम संभाल लेंगे, वो सारा जो भी इसका अरेंजमेंट होता है तो उसका एक पूरा टाइम फ्रेम है और 3 महीने के अंदर-अंदर यह सारा एक खाका बन जायेगा, प्लान बन जायेगा। और उस प्लान के हिसाब से करेंगे और जो हम लोग की प्लानिंग है 11 मंथ के अंदर इसको operationalise करना है। 36 months में पूरा स्ट्रक्चर, पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जायेगा। It’s a very complicated affair. ऐसा नहीं है की सडनली अन्नोउंस कर दिया कल शुरू हो गया। पूरा उसका रेलवे पर प्रभाव पड़ता है। It’s very complicated. मुझे उन्होंने प्रेजेंटेशन दी, पर अनफरटूनटेली आपने सवाल पुचके एक लफड़ा कर दिया, प्रॉब्लम कर दी की आंध्र के पेपर में जितना मैंने बोलै वह तो अभी गया। अब यह हैडलाइन आपके आंध्र के पेपर्स के लिए ले ली। तो आप बाकी अच्छी चीज़ों का भी ज़रा थोड़ा ध्यान रखना।
सर वन्दे भारत का ज़िक्र आपने किया, सर दूसरा कुछ – CRB साब अभी वर्किंग करेंगे। अभी जो सेकंड ट्रेन आया है वह अन्नोउंस कीजिये किधर से किधर जाएगी और हमने कितनी आर्डर करी थी। 30 ? बाकी का बाद में करेंगे पहले आप 30 का तो रुट्स तय करो। और अगर 100 भी कर लेते हो तो और सोने पे सुहागा हो जायेगा। सिर्फ झगड़ा नहीं लगा देना मेरा की इसका पहले हो बाद में हो। वो ऑपेऱशनाली let them decide. कोशिश करो एक की तो इनफार्मेशन कल परसो दो। और 30 की भी प्लानिंग शुरू कर दो फिर उसके हिसाब से हम वह का इंफ्रास्ट्रक्चर उप्ग्रडिंग अभी से शुरू कर देना है।
यार अगर एक ही टर्म में सब कर देंगे तो अगली बार हमे वोट भी नहीं दोगे हमको।