भारतीय जनता पार्टी ने पिछले हफ्ते 11 और 12 तारीख को राष्ट्रीय अधिवेशन नई दिल्ली में आयोजित किया था जिसमें देश भर से चुने हुए प्रतिनिधि एमपीज़, एमएलएज़, भारतीय जनता पार्टी के सभी जिला स्तर के आये हुए प्रतिनिधि अध्यक्ष महामंत्री राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, ऐसे बड़ी मात्रा में देश भर से, देश के कोने-कोने से आये हुए लगभग 12,000 से अधिक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, नेता दिल्ली में एकत्र हुए थे। और आगे आने वाले चुनाव की दृष्टि से किस प्रकार से तैयारियां हैं किस प्रकार के विषय लेकर हम जनता के बीच जायेंगे, राजनीतिक स्थिति क्या है उसके ऊपर हमने अपना रेसोलुशन पारित किया, गरीब कल्याण की यह सरकार तेज़ गति से कैसे गरीबों तक विकास के काम पहुंचाने का काम कर रही है इसके बारे में चर्चा हुई।
और एक प्रकार से बहुत ही उत्साह के वातावरण में देश के कोने-कोने से आये हुए हमारे सभी कार्यकर्ता दिल्ली से विजय संकल्प करके अपने-अपने प्रदेश में गए हैं, काम शुरू हो गया है, हर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार किस प्रकार से अधिक से अधिक जीतकर जाएं अगली लोक सभा में और पूर्ण बहुमत से फिर एक बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एक एनडीए की सरकार की स्थापना करें इस विजय संकल्प के साथ हमारे सभी कार्यकर्ता नेतागण दिल्ली से 12 तारीख को सन्देश लेकर अपने-अपने स्थान गए हैं।
यह स्पष्ट है कि विकास की जो नई ऊंचाइयों पर भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार ने देश को लेकर गयी है जिसमें चाहे वह आर्थिक दृष्टि से भारत के आर्थिक ढांचे को मज़बूत बनाने का काम हो, चाहे अलग-अलग प्रकार के मापदंड जिससे देश की अर्थव्यवस्था को आँका जाता है। आज कहाँ पांच साल पहले एक Fragile-5, एक कमज़ोर अर्थव्यवस्था भारत को माना जाता था, एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो कभी भी डगमगा सकती है। 2013-14 की उस स्थिति को बदलाव करते हुए आज भारत विश्व में सबसे तेज़ गति से आगे बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गयी है।
भारत में महंगाई लगभग इतिहास में सबसे कम अगर कोई पांच वर्ष के समय में देखी गयी है तो वह 2014 से ’19 का समय है। ऐसा कोई भारत के इतिहास में पांच वर्ष नहीं गए हैं जब महंगाई चाहे वह होलसेल प्राइस हो चाहे कंज्यूमर प्राइस हो, दोनों के आंकड़ों में इतनी कम कन्सिस्टेंटली, रेगुलरली इतनी कम महंगाई शायद ही कभी देश ने देखी है। फिस्कल डेफिसिट जो आर्थिक घाटा है, जो करंट अकाउंट डेफिसिट है, विदेश से जो संपत्ति आती है, जाती है, उन सभी मापदंडों में भी भारत की अर्थव्यवस्था मज़बूत हुई है, सक्षम हुई है। और उसी मज़बूत अर्थव्यवस्था के आधार पर हम में अलग-अलग प्रकार से गरीब कल्याण के कार्यक्रमों में सफल हुए हैं, गरीबों के जीवन में किस प्रकार से बदलाव ला सकें उसपर हमने बल दिया है।
और लगभग देश भर की जब रिपोर्ट कार्ड लिया गया तब जो आकलन बना उससे हमारा भी मनोबल भारतीय जनता पार्टी के हर कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ा कि कैसे आज देश में हर व्यक्ति जो बिजली का कनेक्शन चाहता है, उसको आज बिजली का कनेक्शन उपलब्ध है, गरीबों को तो मुफ्त में उपलब्ध है। कैसे महिलाओं को, हमारी माता बहनों को आज शौच के लिए शर्मिंदा नहीं होना पड़ता है, उनके स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे उसके लिए करीब-करीब 9.5 करोड़ शौचालय मात्र सवा चार-साढ़े चार साल में बने जिसके कारण सैनिटेशन कवरेज कहाँ 34-35% होती थी, आज 95-98% तक शौचालय देश में लोगों के घरों में बने हैं, कैसे अपनी माता बहनों को कुकिंग गैस की सुविधा न होने के कारण कोयला या लकड़ी के ऊपर खाना बनाना पड़ता था जिससे अनुमानित 400 सिगरेट जितना धुआँ लोगों के शरीर में जाता था, परिवार के शरीर में जाता था उसको बंद करते हुए लगभग 6 करोड़ गरीबों को मुफ्त में कुकिंग गैस का कनेक्शन देना और साढ़े चार वर्षों में लगभग 12 करोड़ से अधिक नए कुकिंग गैस कनेक्शन देकर आज लगभग देश भर में दो-ढ़ाई करोड़ परिवार रह गए हैं जिनको आज कुकिंग गैस की सुविधा नहीं है उसको भी अगले एक साल में कैसे ख़त्म करना उसकी भी योजना बन गयी है।
तो पूरे देश में शौचालय सबके पास हो, बिजली सबके पास हो, कुकिंग गैस की सुविधा सबके पास हो, एक मात्र साढ़े चार वर्ष की छोटी आयु में सरकार ने सफलतापूर्व यह तीनों कार्यक्रमों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया। इसी प्रकार से स्वास्थ्य की सेवाएं बहुत महत्वपूर्ण रहती हैं। एक ज़माना था जब साधारण मध्यम वर्ग का भी परिवार कभी स्वास्थ्य की कोई आपत्ति आ जाये तो तकलीफ में पड़ता था, क़र्ज़ लेना पड़ता था।
इस सबको मद्देनज़र रखते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आयुष्मान भारत के तहत 50 करोड़ हमारे भारत के भाइयों बहनों को मुफ्त में चिकित्सा की सेवा उपलब्ध हो, पांच लाख रुपये तक हर परिवार को चिकित्सा मुफ्त में हो जिसके लिए आज देश भर में सभी सरकारी अस्पताल साथ में 15,000 निजी क्षेत्र के भी अस्पताल जुड़ चुके हैं। रेलवेज ने भी हाल में एमओयू किया है और रेलवे के कई अस्पताल इसमें जुड़ेंगे, इसी प्रकार से अलग-अलग गैर सरकारी लेकिन PSU क्षेत्र के अस्पताल को भी इसमें जोड़ने की योजना बन गयी है और अनुमान है कि आगे चलकर लगभग एक लाख नए अस्पताल इस देश में लग सकते हैं इस बड़े पैमाने पर लोगों को चिकित्सा देने के लिए अस्पताल को प्रोत्साहन मिलेगा, हॉस्पिटलाइज़ेशन के खर्चे कम होंगे और देश का कोई भी व्यक्ति अच्छी चिकित्सा से वंचित न रहे यह प्रधानमंत्री मोदी जी का दृढ़ संकल्प है और इस सरकार का पूरी तरीके से प्रतिबद्धता है।
मैं समझता हूँ कि एक भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार पांच वर्ष तक जिसके ऊपर एक भी किसी प्रकार का दाग नहीं हुआ हो, झूट के पुलिंदे कोई कुछ भी बांधना चाहे लेकिन किसी प्रकार का एक भी दाग न लगना और भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार बनाम 50-60 साल तक एक परिवार ने किस प्रकार से भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हुए अलग-अलग कांड किये, और इसके बारे में तो जितना आप सब जानते हैं शायद ही और कोई जानता होगा। और उन्होंने जैसा हमने देखा कोई क्षेत्र ऐसा नहीं छोड़ा जिसमें भ्रष्टाचार न किया हो।
और मैं समझता हूँ कि इस देश ने इस बात की सराहना की है कि एक सरकार जिसने पारदर्शिता, ट्रांसपेरेंसी को अपना प्रमुख मुद्दा बनाते हुए हर क्षेत्र में ट्रांसपेरेंसी को अधिक प्रोत्साहन दिया है। फिर चाहे कोई भी प्रकार के नेचुरल रिसोर्सेज हों उसका आवंटन पारदर्शी तरीके से, ट्रांसपेरेंट तरीके से करना, चाहे कोई लाभ लोगों को पहुंचाना हो उसको डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से देना। लाचारी नहीं दिखाना जो पहले के प्रधानमंत्री दिखाते थे कि भाई मैं 100 रुपये भेजता हूँ और गरीब तक तो सिर्फ 15 रुपये पहुँचते हैं, हमने कभी लाचारी नहीं दिखाई, हमने रास्ते ढूंढे कैसे चीज़ों को अच्छा किया जाये, कैसे चीज़ों को ईमानदार व्यवस्था में बदला जाये।
और जन धन, आधार और मोबाइल की यह जैम की ट्रिनिटी के माध्यम से और पारदर्शी तरीके से लोगों को सब्सिडीस पहुंचे, लोगों को लाभ पहुंचे जिससे शत प्रतिशत सरकारी पैसा जो हमारे देश के लोग टैक्स पे करते हैं चाहे इनकम टैक्स हो, चाहे जीएसटी हो उस ईमानदार टैक्स को जो सरकार के पास आता है ईमानदार व्यवस्था से गरीब तक पहुंचाने का काम इस सरकार ने किया है।
मैं समझता हूँ आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी माओवादी, नक्सलवादी ताकतों के सामने जिस परिश्रम से हमारे जवान, हमारे पैरामिलिटरी फोर्सेज ने, हमारी पुलिस ने लड़ाई लड़ी है, आज देश में नक्सलवादी, माओवादी तंत्र भी घटे हैं, उनकी गतिविधियां भी घटी हैं और एक आंतरिक सुरक्षा का वातावरण बढ़ा है।
अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार, प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार ने जो भारत का वर्चस्व बनाया है, आज पूरा विश्व भारत के नेतृत्व की तरफ देख रहा है कि विश्व का नेतृत्व करने में भी आज भारत का एक प्रथम और अहम भूमिका है।
फिर चाहे वह जलवायु परिवर्तन का क्षेत्र क्यों न हो जो क्लाइमेट चेंज की नेगोशिएशंस पेरिस में 2015 में हुई, चाहे वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद और काले धन के ऊपर लड़ाई का क्षेत्र क्यों न हो, हर विषय में भारत की भूमिका एकदम प्रथम रही है, बहुत अग्रसर रही है और प्रधानमंत्री मोदी जी को मैं समझता हूँ विश्व के आज टॉप चार-पांच नेताओं में गिना जाना अपने आपमें हर भारतीय नागरिक के लिए बहुत गर्व की बात है।
हमारे भारतवासी आज विश्व में किधर भी रहते हों उनको यह विश्वास है कि हमारा देश सुरक्षित हाथों में है और कभी हमारे ऊपर किसी प्रकार की आपत्ति आई तो भारत खड़ा है हमारे पीछे, भारत हमारी रक्षा करेगा, भारत हमें सुरक्षित संभालेगा। और इसके कई उदाहरण गत चार-पांच वर्षों में चाहे वह यमन से लोगों को लाने का हो या अन्य-अन्य स्थानों पर जहाँ भी किसी प्रकार की भारतियों के ऊपर आपत्ति आई उसमें भारत सरकार ने और भारत के लोगों ने जिस प्रकार से एक ढाल की तरह भारत के लोगों को बचाया है, ढाल की तरह भारतवासियों के ऊपर किसी प्रकार की आपत्ति नहीं आने दी यह अपने आपमें भारत के बढ़ते हुए वर्चस्व का एक प्रतीक है।
एक मज़बूत सरकार जो देश को भी मज़बूत बनाये, देशवासियों को भी मज़बूत बनाये, देश की प्रतिष्ठा को भी मज़बूत बनाये यह भारतीय जनता पार्टी और हमारे नेतृत्व ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्व को दी है। और अब देश को चुनना है एक मज़बूत सरकार बनाम एक मजबूर सरकार जो हर अपनी गलती को मजबूरी के ढाल में पिरोती थी, चाहे फिर वह कोई 2G का घोटाला हो, चाहे वह कोयले का स्कैम हो, हर चीज़ के पीछे एक प्रधानमंत्री अपनी मजबूरियां गिनाया करता था पहले उसके बनाम आज एक प्रधानमंत्री है जो एक मज़बूत नेतृत्व, मज़बूत सरकार दे रहा है देश को, इस प्रकार के नेतृत्व को यह देश स्वीकार करता है।
हमने कई पुराने अनुभव किये हैं कि मजबूर सरकारें चाहे वह देवे गौड़ा जी की हो, गुजराल साहब की हो और चाहे वह उसके पहले चरण सिंह जी या वीपी सिंह जी या चंद्रशेखर जी की हो, उस प्रकार की ढीलमढाली गठबंधन की सरकारों को देश ने अनुभव किया है और उससे त्रस्त होकर एक पूर्ण बहुमत की मज़बूत सरकार मोदी जी ने देश को दी है और हमें पूरा विश्वास है कि यह देश, यह देशवासी फिर एक बार उसी प्रकार से एक पूर्ण बहुमत से फिर एक बार मोदी सरकार चाहती है, फिर एक बार अबकी बार मोदी सरकार का वर्चस्व पूर्ण बहुमत के साथ इस देश को और तेज़ गति से विकास की नयी ऊंचाइयों तक लेकर जायेगा।
ऐसा इस देश का सोचना है, ऐसी इस देश की इच्छाशक्ति पूरे देश के कार्यकर्ताओं से जो फीडबैक मिला इससे हमें मिली है और पूरे जोश से हमारे कार्यकर्ता आज देश भर में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत के साथ एनडीए के गठबंधन में दो तिहाई बहुमत लेकर सरकार बनाएगी इस विश्वास के साथ हम चुनाव के मैदान में प्रोत्साहित होकर 11-12 तारीख के इस राष्ट्रीय अधिवेशन से सभी कार्यकर्ता अपने-अपने स्थान आये हैं।
आप सब इस सन्देश को महाराष्ट्र के हमारे सभी नागरिक भाइयों बहनों तक पहुंचाएंगे इस दृष्टि से आज यह पत्रकार वार्ता में मैं आज आप सबके समक्ष आया हूँ। अभी-अभी हमने मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया है। उसी के साथ-साथ 15 तारीख से कुंभ मेला का आयोजन शुरू हुआ है और हाल ही में 15 तारीख को ही आर्मी डे भी हमने मनाया है।
आर्मी डे के दिन मैं समझता हूँ कि इस देश ने अपने जवानों के प्रति फिर एक बार अपनी श्रद्धा सुमन दी जो इस देश के लिए अपने जीवन को बलिदान करते हैं और इस बार तो एक अच्छा संजोग रहा कि अभी-अभी हाल में जो पिक्चर आयी है ‘Uri-A Surgical Strike’, उसके भी जो कलाकार थे जिन्होंने उसमें एक कल्पनात्मक, it is a story जो उन्होंने पेश की है। लेकिन एक दर्शाती है कि कैसे जब एक देश पूरे होशो हवास के साथ और पूरे मनोबल उनका कमज़ोर नहीं लेकिन बड़ा सशक्त हो, बड़ा मज़बूत मनोबल हो तो कैसे कोई भी प्रकार की चुनौती का सामना कर सकता है।
और हमने देखा कि जब आर्मी डे सेलिब्रेशन हो रही थी तब यह सब जब कलाकार आये तो जो उत्साह था वहां पर, और मैंने तो स्वयं अनुभव किया जब मैं देखने गया ‘Uri-A Surgical Strike’, working day, मंगलवार रात को कामकाज के दिन, रात को 11 बजे के शो में, पूरा चकाचक भरा हुआ 500 लोगों का हॉल। मैंने आज तक 7-8-10 सालों में, मैं तो कई पिक्चरें देखता हूँ, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा कि वर्किंग डे रात को 11 बजे के शो में चकाचक भरा हुआ हॉल और उसमें बार-बार तालियों की गड़गड़ाहट, और जब पिक्चर ख़त्म हुई तो पूरा हॉल खड़ा होकर जिस उत्साह के साथ तालियां बजाई मैं समझता हूँ भारत को ऐसा एक मज़बूत, एक मैसेज पूरे देश में देना है कि यह सरकार, यह भारत देश और भारतवासी किसी प्रकार का सामना कभी भी कर सकते हैं।
और उससे अच्छा मौका क्या हो सकता है कि जब मकर संक्रांति के दिन हम एक नए वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं। जब कुंभ के दिन, और कुंभ तो आप जानते हो कि मंथन हुआ मंथन से अमृत देश में चार स्थानों पर गया और उस मंथन के बाद जो वह अमृत पूरे देश में गया था, उस प्रकार का मैसेज लेकर मैं आप सबको, आप सभी के परिवारों को मकर संक्रांति, नए वर्ष की भी शुभकामनाएं देता हूँ। हम सब चाहते हैं कि यह नया वर्ष और आगे देश के लिए भविष्य के लिए बहुत अच्छे संकेत लेकर आये।
Happy tidings for the country in the New Year, my best wishes to all of you and your family members.
प्रश्न-उत्तर
प्रश्न: पीयूष जी, उत्तर प्रदेश में बसपा और …. का गठबंधन हुआ है उसको कैसे मैनेज करेगी बीजेपी?
उत्तर: हमने बहुत स्पष्ट निर्णय लिया है कि यह लड़ाई 51% की लड़ाई है, हम देश के समक्ष जायेंगे 51% की लड़ाई लड़ने के लिए, विपक्ष को पूरी छूट है वह जो गठबंधन बनाना चाहे बना सकती है। मैं समझता हूँ इस प्रकार के अनैतिक गठबंधन देश ने पहले भी देखे हैं, न कोई विचार का आधार है, न कोई नीति है, न कोई नियत है और हमें इस प्रकार के गठबंधन से डर नहीं है, इस देश की जनता पूरी तरीके से समझदार है और समझदार जनता सब जानती है कि देश का हित कौन कर सकता है।
उत्तर: अच्छे दिन भी हैं, अच्छे दिन is a continuing process.
प्रश्न:…….
उत्तर: मैंने पहली ही क्षमा मांगी कि मैं देर से आया क्योंकि मुझे और भी मीटिंग्स थी पर आपसे फिर एक बार क्षमा मांग लेता हूँ, उसमें मुझे कोई संकोच नहीं है। जहाँ तक रेलवे का सवाल है मैं आपसे यह रिक्वेस्ट करूँगा कि आप ज़रा सिचुएशन देखिये। भारतीय रेल में जो व्यवस्था 50 साल पहले थी उसकी जो वृद्धि हुई है, कांग्रेस की सरकारें, लगभग अधिकांश वर्ष तो कांग्रेस की सरकारें रही, बहुत कम वर्ष और कोई गैर-कांग्रेसी सरकारें रही। 50 वर्षों में जितनी वृद्धि हुई वह लगभग 30% इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि हुई और पैसेंजर ट्रैफिक 1600% बढ़ा और फ्रेट का ट्रैफिक 1700% बढ़ा गत 50 वर्षों में। अब इतने वर्षों तक तो किसी ने यह नहीं पूछा कि भाई यह वृद्धि इतनी हो रही है तो पिछली सरकारों ने मुंबई के लिए कभी क्यों चिंता नहीं की, कभी पिछली सरकारों ने मुंबई में मेट्रो ट्रेन का इतना विस्तार क्यों नहीं किया? कभी पिछली सरकारों ने इतना आवंटन निवेश का भारतीय रेलवे में मुंबई सबअर्बन के लिए क्यों नहीं दिया?
आखिर आप कोई स्टेशन पर चले जाइये जो पांच सालों में स्टेशनों में सुधार आया है मुंबई में, आप बताइये पहले 50 साल में क्यों नहीं आया? 100 सर्विसेज एक दिन में हमने शुरू करने का निर्णय लिया और वह शुरू की, करीब मेरे ख्याल से पिछले साल अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर, तीन महीने के अंदर 100 नयी सर्विसेज मुंबई के सबअर्बन में शुरू हुई उसके बारे में आप लोगों ने भी रिपोर्टिंग की है, यह पहले क्यों नहीं इतनी तेज़ गति से शुरू होती थी। क्यों नहीं लोकल ट्रेन में, लोकल सबअर्बन नेटवर्क में किसी ने 70-75,000 कोई सरकार ने कभी मंज़ूरी दी हो पिछले 50-60-70 सालों में तो आप मुझे बताइये।
और जिस प्रकार से एस्केलेटर्स, जिस प्रकार से अभी फुटओवर ब्रिजिज़, जिस प्रकार से स्वच्छता बढ़ी है पूरे नेटवर्क में। आज आप ट्रैक्स के ऊपर जाकर देखिये इतनी सफाई आपने कभी देखी है क्या? मेरे ख्याल से यह एक प्रोसेस होता है, ओवरनाइट ट्रैक्स नहीं ले हो सकते हैं। ज़मीन का टुकड़ा लेने के लिए कितनी तकलीफ होती है, आपको याद होगा जब हमने आर्मी को बुलाकर फुटओवर ब्रिजिज़ बनाने की कोशिश की कि और देखिये हमने मैसेज कितना दिया, तीन फुटओवर ब्रिजिज़ आर्मी ने बनाये उसके बाद अब रेलवे उसी गति से फुटओवर ब्रिजिज़ बना रही है।
लेकिन उस समय भी एक निजी कंपनी ने एक ढाई सौ स्क्वायर मीटर की छोटी सी ज़मीन का टुकड़ा जो कोई काम में नहीं आता था उसको देने में कितना विलंभ किया जिसकी वजह से फुटओवर ब्रिज नहीं बन सका। तो मैं समझता हूँ यह हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि हम भी सपोर्ट करें, आखिर आज जितना इंफ्रास्ट्रक्चर का काम मुंबई में हो रहा है, चाहे लोकल में हो, चाहे मेट्रो में हो, चाहे मोनो रेल में हो, कोस्टल रोड में हो, ट्रांस हार्बर लिंक में हो, अलग-अलग क्षेत्र में जिस तेज़ गति से आज देवेंद्र फडणवीस जी के नेतृत्व में आज मुंबई में बढ़ रहा है काम, जैसे केंद्र और राज्य सरकार मिलकर रेलवे में काम कर रही हैं यह मैं दावे के साथ कह सकता हूँ इस पांच वर्ष के पहले आपने कोई पांच वर्ष इतना काम नहीं देखा होगा।
प्रश्न: सर, आज कल रोज़गार सबसे बड़ी समस्या हो रही है, आपको लोगों को जवाब देना पड़ेगा, अगर सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट की बात छोड़ दें आपके रेल मंत्रालय में हज़ारों की वैकेंसी पड़ी हैं, अगर पिछले पांच सालों का आंकड़ा दिया जाये तो कितने रोज़गार ………?
उत्तर: बहुत स्पष्ट जवाब है इसमें, रोज़गार का जो स्वरूप है वह पूरे विश्व में बदला है, और इसकी मैंने जानकारी कई बार, यहाँ मुंबई में पता नहीं मौका मिला है कि नहीं पर कई पत्रकार वार्ताओं में कई कॉन्फरेन्सेस में इसपर बड़े विस्तार से चर्चा की है। पूरे विश्व में आज एक नया ज़माना है जिसमें artificial intelligence, 3D manufacturing, renewable energy against the old traditional form of energy, अलग-अलग चीज़ों में बदलाव आ रहा है और यह बदलाव से भारत अलग नहीं रह सकता है, इस बदलाव में भारत भी जुड़ रहा है।
आज आखिर अगर देश में लगभग 70,000 नए स्टार्ट अप शुरू हुए हैं और विश्व में 3rd largest start up country भारत बना है तो यह कोई साधारण बात नहीं है। पहले इस प्रकार से युवा-युवती नए चीज़ों की नयी इन्वेंशंस, नए काम करने के ढंग के प्रति इतना आकर्षित नहीं होते थे, उनको एक ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर जॉब का ही आकर्षण रहता था। आज वह स्वरूप बदला है।
मैंने उदाहरण दिया था कि कोयले के ऊपर अगर एक थर्मल पॉवर प्लांट लगाओ तो 100 नौकरियां बनती हैं समझो, उसके बनाम जब आप नवीकरणीय ऊर्जा से उतनी बिजली बनाओगे तो उसका लगभग 12-15 गुना डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोज़गार का या काम करने का अवसर बनता है। तो पहले के ज़माने में जो एक ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर की जॉब्स सिर्फ गिनी जाती थी आज वह आकलन और तरीका बढ़ा है।
आखिर जब 12-15 करोड़ लोगों ने मुद्रा लोन लिया और 5-6 लाख करोड़ रुपये मुद्रा लोन जब बंटता है तो सब नए उद्यमी बनते हैं उससे नए अपने स्वयंरोजगार के साधन ढूंढते हैं। मेरे ख्याल से परिस्थितियां बदल रही हैं पूरी दुनिया में, भारत में भी और रोज़गार का अब हमें नए रूप में डेटा कलेक्ट करके उसका आंकलन करना पड़ेगा कि यह नए स्वरूप में… आखिर पीछे किसी ने मुझे बताया पांच लाख उबर और ओला की टैक्सियां चलती हैं अब यह तो कोई रोज़गार के आंकड़ों में किधर भी नहीं आएगा और न आता है। लेकिन यह जो रोज़गार उत्पन्न हुआ नया उत्पन्न हुआ, यह अपने आपमें एक नए रूप से ट्रेवल और ट्रांसपोर्ट को सरल बनाता है अलग-अलग जगाओं पर।
तो अब सोलर एनर्जी, हमने लगभग दस गुना बढ़ा दिया है जो सोलर एनर्जी सौर ऊर्जा की जो कैपेसिटी थी पिछले चार सालों में। अब उसमें इतने हज़ारों लाखों लोगों को काम मिला जो किसी ऑर्गेनाइज्ड एनटीपीसी या पावरग्रिड टाइप कंपनी में नहीं गिना जाता है।
प्रश्न: मैं राकेश त्रिवेदी ज़ी न्यूज़ से, आपसे दो सवाल पूछना चाहूंगा, उम्मीद करता हूँ कि आप दोनों सवालों का जवाब जो है देंगे….
उत्तर: क्यों, आपको संकेत है कि मैं जवाब नहीं देता हूँ?
प्रश्न: पहला सवाल अपनी ओपनिंग स्पीच में आयुष्मान भारत स्कीम की बात की है लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं जिन्होंने आयुष्मान भारत से विथड्रॉ कर लिया है, और इसपर अब राजनीति की जा रही है खासतौर से ममता बनर्जी ने इससे विथड्रॉ कर लिया है। इसपर आप क्या कहेंगे आयुष्मान भारत जैसी स्कीम जो है जो आप बता रहे थे जनता के फायदे के लिए, गरीबों के फायदे के लिए है उससे विथड्रॉ करना? और दूसरा सवाल मेरा यह है कि आप बुलेट ट्रेन की बातें कर रहे हैं लेकिन रेलवे के अंदर जो लूट-पाट की जो घटनाएं अभी तक बढ़ती जा रही है, कल दिल्ली की जो घटना हुई वह सबसे ताज़ा है। ऐसे में जब तक यात्री सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे तब तक हम बुलेट ट्रेन का सपना कैसे दिखाएं?
उत्तर: पहली बात तो जहाँ तक आयुष्मान भारत की बात है प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजे) को तो हाल में ही अभी बिल गेट्स जी ने भी बहुत सराहना की है, बहुत तारीफ की है कि कैसे इतने कम समय में देश के कोने-कोने तक गरीबों को यह सुविधा मुफ्त में मिले इसमें हम सफल रहे हैं। और मैं समझता हूँ वह आप सबने उनकी यह बात पढ़ी होगी। और रही बात ममता जी की वह सवाल तो आपको ममता जी को पूछना पड़ेगा कि जब हम कोई गरीबों को सेवा करना चाह रहे हैं, मुफ्त में इलाज देना चाह रहे हैं अगर वह उससे विथड्रॉ कर रही हैं तो जो पश्चिम बंगाल के … करोड़ नागरिक हैं जिसमें से शायद चार-पांच करोड़ नागरिकों को यह लाभ सुविधा मिल सकती थी उनको वह क्यों वंचित रखना चाहती हैं इस विकासीय कार्य से, इस अच्छे सामाजिक कार्य से इसका जवाब तो ममता बनर्जी जी ही दे सकती हैं मेरे पास तो उसका जवाब नहीं है। मैं समझता हूँ इसका जवाब पश्चिम बंगाल की जनता आने वाले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी को देंगी कि आप हमें विकास से वंचित रखना चाहती हैं, मोदी जी हमें विकास देना चाहते हैं इसलिए शायद देखने में आ रहा है कि वह इतने परेशान हैं कि भारतीय जनता पार्टी की रैली तक नहीं होने दे रहे हैं पश्चिम बंगाल में और बार-बार अड़ंगे लगा रहे हैं कि रैली न हो सके क्योंकि उनको भाजपा और मोदी जी की बढ़ती हुई लोकप्रियता वहां पर नज़र आने लगी हैं और उस डर के कारण आज रैली तक होने नहीं दे रहे हैं।
दूसरी बात जहाँ तक आपकी बात कल का तो बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई उसपर छानबीन चालू है और हम ज़रूर अपराधियों को पकड़ लेंगे। लेकिन यह भी आपको ध्यान में आएगा सच्चाई है कि रोज़ सवा दो करोड़ से अधिक यात्री रेलवे में सफर करते हैं देश में। स्वाभाविक रूप से 12,000 ट्रेन देश में जो चलती हैं हर एक पर चौबीस घंटे निगरानी डायरेक्टली रखना मुश्किल है ह्यूमन इंटरवेंशन से। तो आपको जानकर ख़ुशी होगी कि इसको सलूशन के रूप में हम देखते हैं हर एक चुनौती को, हमने ऑलरेडी निर्णय ले लिया है कि देश के हर स्टेशन को जो मेन लाइन स्टेशंस हैं, हॉल्ट स्टेशन नहीं जहाँ पर लोग कम रहते हैं और रेलवे स्टाफ नहीं रहता है, 6000 स्टेशन पर हम सीसीटीवी कैमरा का जाल बिछाने जा रहे हैं पहले चरण में, अगले चरण में यह 12000 जो यात्रियों की ट्रेन है उसमें हम सीसीटीवी कैमरा लगाएंगे और साथ ही साथ हर स्टेशन को वाई-फाई से जोड़ने का काम तेज़ गति से चल रहा है जिससे जब-जब ट्रेन स्टेशन पर पास होगी तो वाई-फाई का फीड ट्रेन से भी स्टेशन पर अपलोड हो सकेगा और वह फीड लोकल पुलिस स्टेशन के पास जायेगा। तो इससे मैं समझता हूँ एक सुरक्षा का माहौल पूरे रेलवे सिस्टम में बढ़ेगा।
और बहन ने जो पूछा about bullet train, मैं समझता हूँ 350 किलोमीटर 508 में से, 350 किलोमीटर पर फाइनल लोकेशन सर्वे का काम शुरू हो गया है, जो ट्रेनिंग करनी है हमारे सब अधिकारियों की और कर्मचारियों की वह काम जापान में भी और भारत में भी शुरू हो गया है, 25 में से मेरा अनुमान है 8 कॉन्ट्रैक्ट दे दिए गए हैं। और आपको लग रहा है deadlines miss हुई हैं, मैं समझता हूँ सिर्फ एकाद जगह पर कुछ कोर्ट में कुछ केस हुआ है उसको भी हम बातचीत के माध्यम से ख़त्म करके कोई भी डेडलाइन मिस नहीं होने देंगे, समय पर प्रोजेक्ट लगेगा और पूरी pert chart के बेसिस पर। और आप तो जानते हैं जापानीज इसमें बहुत ही स्ट्रिक्ट टास्क मास्टर्स होते हैं उससे हम भी सीख रहे हैं कैसे इसी प्रकार से हमने आगे चलकर और प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग को और अच्छा बनाना है और समय सीमा पर ख़त्म करना है।
आपने देखा होगा यह विशेषता रही है इस सरकार की वर्षों से विलंभित प्रोजेक्ट्स डिलेड प्रोजेक्ट्स हम ख़त्म करने में लगे हैं। बोगीबील प्रोजेक्ट, 1996 से चलता हुआ आ रहा था, पर काम बहुत कम हुआ था। हमने चार साल में तेज़ गति देकर उसको, I think Asia का longest road-cum-rail overbridge है, और उससे असम, अरुणाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर भारत के लिए बहुत राहत मिलेगी।
इसी प्रकार से मैं अनगिनत प्रोजेक्ट सुना सकता हूँ जो वर्षों से पड़े थे, डिलेड थे जिसको हमने गति दी है। गडकरी जी ने जिस प्रकार से हाईवे और रोडवे का जाल देश भर में फैलाया, जिस प्रकार से विद्युतीकरण देश भर में फैली है, मैं समझता हूँ अलग-अलग क्षेत्रों में और मैं अनगिनत सुना सकता हूँ आपको जो डिलेड प्रोजेक्ट्स को हमने समय पर ख़त्म करने का बीड़ा उठाकर समय पर किया है।
प्रश्न: आपने अपने ….. में कहा कि काल धन पर कार्रवाई हुई है, क्या देश जान सकता है कि कितने करोड़ रुपये आये काले धन में। और दूसरा सवाल आपने कहा कि अब तक रेल के बारे में बहुत काम नहीं हुआ, क्या आपको लगता है कि महाराष्ट्र के रेल मंत्री थे इस वजह से मुंबई का regionalism बहुत हावी हो गया रेल मंत्रालय पर?
उत्तर: जहाँ तक पहली बात है, मैं समझता हूँ इस देश में जिस प्रकार से पिछले सालों में इस सरकार आने के पहले लोग लोन लिया करते थे, लोन लेकर पैसा बाहर भेजा करते थे, उस सबको रोका गया और इस सरकार में एक जो कड़ी निगरानी से पूरा देश की अर्थव्यवस्था को चलाया गया उससे देश को बहुत लाभ हुआ है। जो-जो लोग गलत काम करते थे, काला धन का काम करते थे वह सब मजबूर हुए हैं कि इस प्रकार की गतिविधियां बंद करे। The heat is on them. बेनामी संपत्तियों को ज़ब्त किया जा रहा है, बेनामी संपत्ति का कानून आप जानते हैं कब 28 साल पहले बना था लेकिन उसको कार्यान्वित नहीं किया था, हमने कार्यान्वित करके हज़ारों करोड़ की बेनामी संपत्ति को ज़ब्त किया है, विदेश से पैसा आया है। वह सब डिटेल्स पब्लिक डोमेन में दे रखी हैं वह आप सबको मल जाएँगी। और जहाँ तक महाराष्ट्र का मंत्री या बाहर का मंत्री मुझे पुराने ज़माने का तो मालूम नहीं पर हमारी सरकार ने कभी प्रांतिकता नहीं की कि किस प्रदेश से मंत्री है उस प्रदेश का लाभ-नुकसान नहीं देखा है। मैं समझता हूँ यह मुंबई का अधिकार था कि यहाँ से इतने यात्री मुंबई सबअर्बन में ट्रेवल करते हैं उनका अधिकार था कि रेलवे यहाँ निवेश करे, उनको यह अधिकार कई वर्षों से नहीं मिला था। भाजपा की सरकार ने, मोदी जी की सरकार ने, देवेंद्र जी की सरकार ने मिलकर वह अधिकार मुंबई को दिया है।
प्रश्न: सर आपने अभी कहा कि 51% लोगों के मुद्दे लेकर आप चुनाव में आने वाले हैं तो जो यह 49% बचेंगे जिसका आप इशारा कर रहे थे, उनका विषय क्या रहेगा?
उत्तर: 51% वोट से अधिक हमको मिलें उसकी लड़ाई में हम लगे हैं अब कोई लोग हमें नहीं वोट देना चाहें तो आप मतलब you are hoping कि अभी 100%, हो सकता है अगले चुनाव में अमित शाह जी तय करें कि अभी हमें देश के हर नागरिक के वोट की कोशिश करनी है। मैंने वही कहा था 51% की लड़ाई यानी कि जब अगर वह कोई भी महागठबंधन बना लें हमें कोई चिंता नहीं हम 51% से अधिक वोट लेकर दो-तिहाई बहुमत एनडीए का लेकर आएंगे।
उत्तर: माननीय भैयाजी जोशी हमारे बहुत वरिष्ठ मार्गदर्शक हैं। मैं समझता हूँ हम तो तीनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शाखा से अपना हमने सामाजिक जीवन शुरू किया और वहीँ से हमको हमारी एक प्रकार से moral bearings मिली हैं। और जैसा उन्होंने कहा वह इस देश के अधिकांश लोगों की इच्छा है, तीव्र इच्छा है कि अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर एक भव्य मंदिर बने और भगवान राम को पूरा देश गौरव से देखता है और वास्तव में तो देश के बाहर भी कई ऐसे देश हैं जो कहते हैं कि भगवान राम उनकी धरोहर है, उनकी हेरिटेज है। मैं तो कम्बोडिया, इंडोनेशिया वगैरा में देखकर आश्चर्यचकित हो गया कि वह आज भी मानते हैं कि भगवान राम उनकी आस्था से जुड़ा हुआ है, उनकी हेरिटेज में है। और दुर्भाग्य की बात है कि जब सुप्रीम कोर्ट में विषय चल रहा है और भगवान राम का मंदिर का विषय बड़ा इम्पोर्टेन्ट विषय है तो कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं को भेजकर उसमें बाधाएं डालती है कि कैसे राम मंदिर न बन सके। और मुझे लगता है कि आप सब को कांग्रेस से पूछना पड़ेगा कि ऐसी क्या वजह है कि हरीश रावत, उनके एक वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री आज सुबह आपके ही चैनल पर बयान दे रहे थे कि भगवान राम का मंदिर कांग्रेस की सरकार में बनेगा और उन्ही के वरिष्ठ नेता कपिल सिबल कोर्ट में जाकर दलील पेश करते हैं कि इस सुनवाई को और टालो और भगवान राम का मंदिर मत बनने दो।
प्रश्न: सर यह मुंबईकरों के लिए रेल को लेकर कोई योजना आने वाली है, और दूसरा सवाल…… ?
उत्तर: यह तो बहुत अच्छी तरीके से विस्तार से समझाई है, अच्छा यह तो एमयूटीपी की डिटेल 3ए की जो है जिसमें 55,000 करोड़ और हम लगा रहे हैं वह डिटेल्स मेरे अधिकारी आपको पहुंचा देंगे।
उत्तर: सवर्णों के लिए 10% आरक्षण जो हाल ही में लागू कर दिया गया है उसमें एक क्लॉज़ है कि 8 लाख तक अगर आपका एनुअल इनकम है तो आपको यह लागू है, साथ ही में ढाई लाख तक आपकी इनकम होगी तो उसको ऊपर आपको इनकम टैक्स देना पड़ेगा?
उत्तर: इसको कई बार स्पष्टीकरण कर दिया गया है, ओबीसी में भी जो क्रीमी लेयर है उसकी भी जो सीमा है वह 8 लाख रुपये परिवार की आय है, व्यक्ति की आय नहीं है। और परिवार की आय 8 लाख तक होती है तो क्रीमी लेयर ओबीसी में भी गिनी जाती है हमने वही फिगर यहाँ पर भी ली है।
Thank you.