Speeches

January 19, 2019

Speaking at Flagging off of New Rajdhani & Inauguration of Other Projects, in Mumbai

बहुत-बहुत धन्यवाद! माननीय मंत्री श्री अनन्त गीते जी हमारे साथ रोहा से जुड़े, उनका मैं तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ। हमारे मंत्री श्री रामदास अठावले जी ने अपनी गौरवमयी उपस्थिति से हम सबको इस कार्यक्रम की भी शोभा बढ़ाई उनका भी बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ। हमारे सभी गणमान्य मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण यहाँ पर उपस्थित हैं, माननीय मंत्री श्री रविंद्र चौहान जी, माननीय सांसद श्री अरविन्द सावंत जी जिनके क्षेत्र में आज हम सब उनके मेहमान के तौर पर यहाँ पर उपस्थित हैं; माननीय सांसद श्री गोपाल शेट्टी जी, माननीय सांसद श्री राहुल शेवाले जी, माननीय विधायक और मंत्री पद के दर्जे के साथ मुझे लगता है महाराष्ट्र में चीफ व्हिप, माननीय श्री राज पुरोहित जी, माननीय विधायक पनवेल से हमारे साथ जुड़े थे श्री प्रशांत ठाकुर जी, माननीय विधायक कैप्टन तमिल सेल्वन जी, गुरु तेग बहादुर नगर से, माननीय श्री अतुल शाह जी; शायना बहन को अभी-अभी दूसरे कार्यक्रम के लिए जाना पड़ा आज माननीय प्रधानमंत्री जी हमारे शहर में आने वाले हैं।

माननीय कॉर्पोरेटर श्री आकाश राजपुरोहित जी, हमारे दोनों सेंट्रल रेलवे के जीएम, श्री डीके शर्मा जी, वेस्टर्न रेलवे के जीएम श्री एके गुप्ता जी, डिविजनल रेल मैनेजर्स (डीआरएम्स), सभी रेल के अधिकारी, सभी सन्मान्य भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और अन्य दलों के और आरपीआई के सभी माननीय पदाधिकारीगण, कार्यकर्तागण, मीडिया के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट और डिजिटल मीडिया के सभी मेरे साथीगण, और मुंबई के नागरिक मेरे भाई बहन मुंबईकर, मैं सभी को प्रणाम करता हूँ सभी को वंदन करता हूँ।

अभी-अभी हमने मकर संक्रांति मनाई है और मैं समझता हूँ मुंबई के लिए आज अच्छा सौभाग्य है कि हाल में ही मनाई मकर संक्रांति जिस उत्साह के साथ नव वर्ष का हमने स्वागत किया है उसी उत्साह के साथ हमने आज कई सारे रेलवे के प्रकल्प खासतौर पर आज जो नयी राजधानी और सेंट्रल रेलवे पर पहली राजधानी का हमने फ्लैग-ऑफ किया है हमने उसकी शुरुआत की है, आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।

वास्तव में जो 100 फुट का हाई मास्ट आज माननीय रामदास जी के करकमलों से जिसका उद्घाटन हुआ हम सबको प्रोत्साहित करता है, हम सबकी राष्ट्र भक्ति को भी प्रोत्साहित करता है। मैं धन्यवाद दूंगा शर्मा जी को और सभी रेल कर्मियों को जिन्होंने कम समय में इस रेल मास्ट को लगाकर हम सबका भी गौरव बढ़ाया, हम सबकी भी राष्ट्र के प्रति संवेदना को भी, चेतना को भी जागृत किया।

आज वैसे माननीय प्रधानमंत्री जी भी मुंबई में आने वाले हैं तो इसलिए हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि इतने सारे कार्यक्रम आज मुंबई में हो रहे हैं। और स्वागत की इस कड़ी में मैं वैसे अपने कुली भाइयों को भी भूल गया और जिनका योगदान हमने बचपन से देखा है। मैं समझता हूँ यह नहीं होते तो ट्रेन सेवाएं भी नहीं पूरी तरीके से चल सकती, तो आप सबको भी मैं नमन करता हूँ।

कई सारे आज प्रकल्प यहाँ पर उद्घाटन हुआ, और यह दर्शाता है कि अब जो रेल सुविधाओं का जो विस्तार का जो कार्यक्रम है वह अब सीमित नहीं रहा। एक साथ कई सारे कार्यक्रम होने में एक उत्साह भी बढ़ता है और हमारे रेल के अधिकारी और कर्मचारियों का भी उत्साह बढ़ता है जब नागरिकगण, जब रेल सेवा इस्तेमाल करने वाले सभी यात्रीगण भी सराहना करते हैं, प्रोत्साहन देते हैं हमारे कलीग्स को, हमारे कर्मचारियों को, तो उससे और काम करने के लिए हम सबका भी मनोबल बढ़ता है। मैं धन्यवाद दूंगा आप सबका कि आपने इतनी इसमें रुचि दिखाई।

और यह जो दो नयी सर्विसेज, राजधानी तो मुंबई से दिल्ली सेंट्रल रेलवे में पहली बार शुरुआत हुई है और इसका लाभ कई क्षेत्रों को मिलेगा – जलगांव भुसावल, मध्य प्रदेश के क्षेत्र होते हुए यह एक अलग ही रूट से आगरा पार करके दिल्ली पहुंचेगी। तो कई सारे ऐसे इलाके जिन्होंने कभी राजधानी नहीं देखी थी, आज यह राजधानी उन इलाकों में होते हुए दिल्ली तक पहुंचेगी और अब शायद समय 18 घंटे लेगी।

हम ट्रायल्स कर रहे हैं पुल-पुश के जिसमें आगे तो लोकोमोटिव रहती है, पीछे भी लोकोमोटिव देकर जो घाट सेक्शन है उसमें हमने जो एडिशनल लोकोमोटिव देनी पड़ती है, रुकती है नयी लोकोमोटिव लगती है फिर आगे घाट के बाद उस लोकोमोटिव को निकाला जाता है। यह सब समय भी बचाएगी और गति को भी तेज़ करेगी ऐसा पुल-पुश मैकेनिज्म का ट्रायल्स भी मैंने अप्रूव कर दिया है। मेरी उम्मीद है कि जल्द से जल्द आरडीएसओ, सीसीआरएस और सेंट्रल रेलवे इन ट्रायल्स को ख़त्म करके यह जो 18 घंटे का समय है इसको और कम करेगी और वेस्टर्न रेलवे और सेंट्रल रेलवे दोनों की राजधानियों के बीच अब मैं स्पर्धा देखना चाहूंगा कि कौनसी पहली दिल्ली पहुँचती है।

आज राष्ट्र ध्वज भी यहाँ पर हमने देश को समर्पित किया, मुंबई को समर्पित किया। मैं समझता हूँ यह भी एक हम सबके लिए गौरव की बात है, हम सबके लिए बहुत प्रसन्नता की बात है क्योंकि जितनी बार हम राष्ट्र ध्वज को नमन करें, जितनी बार राष्ट्र ध्वज हमारे सामने आता है वास्तव में बहुत ही ज़्यादा चेतना भी उभरती है और देश प्रेम भी इससे उभरता है।

मुझे याद है जब यह विषय के ऊपर चर्चा हो रही थी और मैं रेल अधिकारियों से कह रहा था देश में 100 स्थानों पर हम यह बड़ा राष्ट्र ध्वज 100 फुट ऊँचा लगा रहे हैं तो एक प्रकार से कम्पटीशन और होड़ मची सभी स्टेशनों के बीच स्पर्धा हुई क्योंकि सभी चाहते थे कि हमारे यहाँ पर लगे। थोड़ा महंगा है इसलिए हम पूरे देश में हर स्टेशन पर अभी तक नहीं लगा पाए हैं पर मेरी इच्छा होगी कि आगे चलकर जो भी खर्चा आये यह मैं समझता हूँ हमारे देश का गौरव है और हमारी जनता की भी चेतना उभरती है। तो जितने ज़्यादा स्टेशंस पर सभी जीएम, और यह सन्देश 17 के 17 जीएम तक पहुंचे, थोड़ा इस बजट से निकालो थोड़ा इधर से निकालो, किधर स्पॉन्सर ढूंढो।

और मैं समझता हूँ देश में बहुत लोग इसको स्पॉन्सर करने के लिए आगे आएंगे। एमपीज़ भी अगर चाहें तो एमपी फंड से भी स्पॉन्सर करके वहां प्लेक लगाया जा सकता है। और एमपीज़ का तो मैंने निर्णय लिया है कि 50% भी अगर एमपी दें तो बाकी 50% रेलवे देगी और उससे हम लगवा सकते हैं। जो भी सुविधाओं में एमपीज़ अपने फंड्स से दें उस सुविधा को हम 50% एमपी का और 50% रेलवे देकर वह सुविधाओं को उपलब्ध करवाएंगे।

आज मैं अपने आपको वास्तव में सौभाग्यशाली मानता हूँ कि छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर जो हमने इस स्टेशन को विक्टोरिया टर्मिनस से बदलकर सीएसएमटी बनाया है उस स्टेशन से इस नयी राजधानी की शुरुआत हुई है, फ्लैग-ऑफ हुआ है। क्योंकि वास्तव में हम सबके लिए यहाँ जितने हम सब बैठे हैं किसी भी पक्ष के हों हम सबके लिए छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तव में वह आदर्श पुरुष हैं, आदर्श नेता हैं जिन्होंने सही मायने में एक शासक के रूप में जनता के प्रति जो संवेदना दिखाई, जिस प्रकार से उन्होंने जनता, प्रशासन और रूलर, जो सरकार को नेतृत्व देते हैं, जो सरकार चलाने में अफसर की भूमिका निभाते हैं और जो देशवासी हैं सबके बीच में संतुलन के साथ कैसे काम बढ़ सकता है, कैसे तेज़ गति दे सकते हैं, कैसे ज़ुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ सकते हैं और कैसे मातृभूमि की सेवा को सर्वप्रथम श्रेणी में रखकर हम सब मिलकर देश की प्रगति, देश की उन्नति के लिए योगदान दे सकते हैं।

वास्तव में एक आदर्श नेता और आदर्श शासक अगर किसी ने आज तक इस देश में देखा है तो मैं समझता हूँ छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबके लिए प्रेरणा भी हैं और हम सबके लिए मार्गदर्शक भी हैं।

एक प्रकार से आज जो अन्य-अन्य प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हुई है जिनको देश को समर्पित किया है, मुंबई को और महाराष्ट्र को समर्पित किया है यह एक प्रकार से दर्शाते हैं आगे आने वाले रेलवे के किस प्रकार से दूरदर्शी विज़न को लेकर रेलवे आगे प्रगति करने वाली है। अलग-अलग प्रोजेक्ट जो जनता के कल्याण के हैं, जो यात्रियों की सेवा के प्रोजेक्ट्स हैं उन सबको आज शुरू किया गया है और यह जो गति है निवेश की रेलवेज में यह गति में जो तेज़ी पिछले पांच वर्षों में आयी है, मैं अगर आपको आंकड़े बताऊँ तो 2009 से ’14 के बीच लगभग 1171 करोड़ का इन्वेस्टमेंट महाराष्ट्र में हुआ था, जिसको बढ़ाकर अब 4345 करोड़, यानी चार गुना निवेश महाराष्ट्र में प्रति वर्ष बढ़ा है रेलवे में जबसे प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार, एनडीए की सरकार, केंद्र सरकार बनी है और महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा दोनों के गठबंधन की सरकार, युती की सरकार महाराष्ट्र में आयी है।

यह दोनों सरकारों ने मिलकर एक प्रकार से जैसे डबल इंजन गति देती है रेलवे को, और तेज़ गति से रेलवे गाड़ियां चलती हैं वैसे यह डबल इंजन महाराष्ट्र और केंद्र की सरकार मिलकर विकास के कार्य कर रही हैं, विकास को गति दे रही हैं और इस विकास का सीधा परिणाम मुंबईकरों को और महाराष्ट्र के सभी हमारे निवासियों को देखने को भी मिल रहा है, अनुभव करने को भी मिल रहा है और उसका स्वाद लेने को भी मिल रहा है।

मुझे बताया गया यह राजधानी जो अब सेंट्रल रूट से जा रही है यह लगभग दिल्ली शहर को और एक प्रकार से दिल्ली हमारी राष्ट्र की राजधानी है तो मुंबई सपनों का शहर है – the city of dreams. और दोनों को जोड़ते हुए साढ़े पांच घंटे का सफर कम समय में होगा, साढ़े पांच घंटे कम लगेंगे इस मुंबई-दिल्ली के सफर को सेंट्रल रूट से यह अपने आपमें हम सबके लिए बहुत हर्ष का विषय है, बहुत ख़ुशी का विषय है।

और मुझे पता नहीं मेरे पूर्व वक्ताओं ने यह बात बताई कि नहीं लेकिन भारतीय रेल का एक नया रिकॉर्ड इस राजधानी के साथ बना है, कायम हुआ है। यह राजधानी की बुकिंग हमने कल शुरू की, कल इसकी बुकिंग ऑफिस और आईआरसीटीसी वेबसाइट पर इसकी बुकिंग शुरू की। और आप सबको जानकर ख़ुशी होगी कि सिर्फ पांच घंटों में – only in 5 hours – यह पूरी राजधानी शत-प्रतिशत बुक हो गयी, पांच घंटों में।

और अपने आपमें रेलवेज में यह रिकॉर्ड है कि नयी ट्रेन पहली अपनी सर्विस पर जा रही है, पहली अपनी जर्नी कर रही है और मात्रा पांच घंटे में पूरी बुक हो गयी, अब यह हफ्ते में दो दिन मुंबई से दिल्ली जाने वाली है। अब यह रेस्पॉन्स देखते हुए तो मुझे लगता है कि इस फ्रीक्वेंसी को भी बढ़ाने के लिए अब रेलवे को चेष्टा करनी पड़ेगी। और यह एक अलग ही रूट पूरा सर्व करता है, जो रूट पर आजके दिन कभी राजधानी नहीं गयी। तो भुसावल, जलगांव, नासिक, भोपाल और आगरा, ग्वालियर, आगरा, एक अलग ही रूट से होते हुए, अलग-अलग जो पर्यटन के क्षेत्र हैं – भोपाल, झाँसी, आगरा – यह सब पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।

मैंने अभी तक ट्रेलर देखा है जो अभी पिक्चर आ रही है अगले हफ्ते, मणिकर्णिका, रानी झांसी के ऊपर मणिकर्णिका शायद अगले हफ्ते आने जा रही है। तो यह बड़ा उपयुक्त समय है कि हमने झांसी होते हुए राजधानी और बुंदेलखंड को भी जोड़ते हुए राजधानी मुंबई से दिल्ली तक पहुंचाई है।

अब मैं तो वेट कर रहा हूँ मणिकर्णिका के लिए, देखने के लिए पिक्चर लेकिन हाल में और मैंने पीछे ज़िक्र भी किया था, हाल में मैंने Uri – A Surgical Strike देखी, पिछले हफ्ते, मंगलवार के दिन रात को 11 बजे का शो और रात को 11 बजे मल्टीप्लेक्स में मैंने पिछले 7-8-10 सालों में, और मैं तो कई पिक्चरें देखता हूँ, यहाँ इनोक्स में या वोर्ली में जो नया पीवीआर खुला है या वह भी इनोक्स है शायद, नहीं, वह पीवीआर है।

मैं कई पिक्चरें यहाँ भी देखता हूँ, दिल्ली जाने के बाद दिल्ली में भी देखता हूँ। एक प्रकार से हमारा स्ट्रेस बस्टर है यह। और पिछले दिनों मुझे दो पिक्चरें देखने का मौका मिला, एक एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर जो दर्शाता था कि कैसे मजबूर सरकार जिसका ज़िक्र माननीय प्रधानमंत्री ने अलग फोरम पर किया, कैसे एक प्रधानमंत्री अपने काम करने में असमर्थ रहता था, कैसे compulsions of coalition politics के नाम पर भ्रष्टाचार तक को भी जस्टिफाई किया जाता था। एक मजबूर नेतृत्व हमने एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में देखा और एक मज़बूत नेतृत्व हमने Uri – A Surgical Strike में देखा।

Of course, fictional movies हैं दोनों, मैं नहीं समझता हूँ कि पूरी तरीके से इसको at face value ले सकते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से दोनों पिक्चरें दिखाती हैं कि कैसे फर्क है एक वीक सिस्टम का और एक मज़बूत सिस्टम का। और Uri – A Surgical Strike जब मैं देखने गया, मंगलवार, वर्किंग डे रात को 11 बजे करीब-करीब 400-500 की कैपेसिटी का हॉल चकाचक भरा हुआ, पांचवा दिन था, मैंने बहुत सारी पिक्चरें आज तक कभी नहीं देखी हैं कि पांचवे दिन रात को 11 बजे चकाचक भरा हुआ हॉल और हर थोड़ी देर में हर सीन पर जो तालियों की गड़गड़ाहट होती थी, जो उत्साह आता था, जिस प्रकार से जब पिक्चर ख़त्म हुई सबने उठकर तालियां बजाई। मैं कोई पब्लिसिटी करने नहीं खड़ा हुआ हूँ पिक्चर की, लेकिन मैं जोड़ना चाह रहा था यह हमने जो 100 फुट ऊँचा भारत का ध्वज आज अनिवारण किया रामदास अठावले जी के हाथों से, उनके करकमलों द्वारा जो यह आज यह ध्वज डेडिकेट किया है नेशन को, हमारे शहर को यह दर्शाता है कि आज देश में किस प्रकार से राष्ट्र भावना तेज़ी से सबके दिलों में बैठ रही है।

और मुझे लगता है कि भारतीय रेल एक सेवा का साधन बने, सेवा करे यात्रियों की, अच्छी यात्रा सफल सुगम यात्रा दे सभी को यह हम सबका सामूहिक रूप से हम सब जो यहाँ बैठे हैं और मैं समझता हूँ जो अधिकारी नीचे भी बैठे हैं और जो मीडिया के हमारे बंधु हैं यहाँ हम सबका सामूहिक प्रयास रहे कैसे हम इसको और सुधार कर सकते हैं। मैं तो मीडिया का फीडबैक बहुत अहम समझता हूँ, बहुत इम्पोर्टेंस देता हूँ। इनके हर फीडबैक के ऊपर कार्रवाई करवाता हूँ – सच्चे फीडबैक के ऊपर। कभी कभार exaggerated और गलत भी फीडबैक आता है लेकिन मैं समझता हूँ हर फीडबैक आपका महत्वपूर्ण है, किस प्रकार से हम और अच्छी सेवाएं दे सकें, और ज़्यादा निवेश करके भी यात्रियों की जो जर्नी है उसको अच्छा बना सकें यह हम सबका अटक प्रयास रहता है, पूरे समय प्रयास रहता है।

यह जो आज पुणे-कर्जत-पुणे पैसेंजर ट्रेन को पनवेल तक एक्सटेंड किया है यह भी जो 28 किलोमीटर कर्जत से पनवेल जाएगी, यह चौक, महिपाल, चिक्ले, पनवेल और कर्जत इन सभी यात्रियों को सुविधा देगी छोड़ेगी मेन लाइन से। इसी प्रकार से दीवा-पनवेल-रोहा सेक्शन जो नयी मेमू सर्विस आज शुरू की है, यह चार एक्सिस्टिंग डीजल से चलने वाली गाड़ियों को बदलेगी मेमू से, ज़्यादा आरामदायी सफर होगा, very much more comfortable. ज़्यादा तेज़ गति से रायगढ़ और अलीबाग को जोड़ेगा और साथ ही साथ पर्यावरण को भी सुधारेगा।

और मैं समझता हूँ 100% इलेक्ट्रिफिकेशन जो आज हमने अन्नौंस किया है उसको डेडिकेट किया है यह दर्शाता है कि कैसे तेज़ गति से विद्युतीकरण रेलवे में बढ़ रहा है। अगर काम की गति आपको मैं बताऊँ तो 2013-14 में इलेक्ट्रिफिकेशन लगभग 600 कुछ किलोमीटर हर वर्ष होता था, 2013-14 में 600-650 किलोमीटर विद्युतीकरण हुआ था रेलवे में। पिछले साल 2017-18 में वह बढ़कर 4,087 किलोमीटर हुआ। कहाँ 600 कुछ किलोमीटर कहाँ 4000 किलोमीटर मात्र 4 वर्षों के अंतराल में।

और इस वर्ष का हमारा लक्ष्य मार्च तक 6000 किलोमीटर विद्युतीकरण का है और इससे हम सबको राहत मिलेगी जो डीज़ल की गाड़ियां दूर से हमारे शहरों में आती हैं वह फिर विद्युतीकरण से आएँगी, एलेक्ट्रीफाई होकर आएँगी और जब पूरे-पूरे रूट, पूरे-पूरे डिवीज़न, पूरे-पूरे जोन विद्युतीकरण से लाभान्वित हो जायेंगे, 100% एलेक्ट्रीफाई हो जायेंगे तो आप कल्पना करिये कि कैसे देश में प्रदूषण कम होगा, कैसे रेल जर्नी और सुविधाजनक होगी।

मुझे अभी भी याद है बचपन में जब हम रेलवे में जाते थे और स्टीम इंजन, कोयले की इंजन होती थी तो कैसे काला धुआं हमारे ऊपर आता था, कभी-कभी कोयले के छोटे-छोटे टुकड़े भी बदन पर लगते थे और कैसे जर्नी के बाद तुरंत एक गन्दगी सी लगती थी। उसको सुधारकर डीज़ल पर गए लेकिन डीज़ल से भी पर्यावरण में बहुत घातक परिणाम होते हैं। अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि पूरी भारतीय रेल के जो ब्रॉड गेज मेन नेटवर्क है इसको शत-प्रतिशत विद्युतीकरण करना, 100% इलेक्ट्रिफिकेशन जिससे प्रदूषण बहुत बड़ी मात्रा में घटेगा, हमारा खर्चा डीज़ल के ऊपर लगभग 13-14,000 करोड़ का खर्चा रेलवे का कम होगा, रेलवे के ऊपर यह बोझ कम होगा।

और मैं समझता हूँ इसके कारण जो टिकट का दाम है उसको भी नियंत्रण में रख पाएंगे, फ्रेट का दाम जो माल ढोने का खर्चा है उसको भी नियंत्रण में रख पाएंगे। इसी प्रकार से अलग-अलग जगह पर फुट-ओवर ब्रिज बनना, एस्केलेटर्स बनना, स्टेशंस का सुधार करना, सुंदरीकरण करना, उनमें एलईडी लाइट्स लगाकर और अच्छी उसकी लुमिनेशन बढ़ाना, एयरपोर्ट की तरह ब्राइट लाइट्स लगाना, अलग-अलग कार्यक्रम, ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन जिससे आपको लम्बी लाइनों में न खड़ा होना पड़ेगा।

यह सब अलग-अलग कार्यक्रम यात्रियों की सुविधाओं के लिए किये जा रहे हैं। मैं आप सबको बधाई दूंगा, खासतौर पर मुंबई को बधाई दूंगा और मेरे सब मुंबईकर भाई बहनों को बधाई दूंगा। मैं एक मुंबईकर के नाते जितना ज़्यादा मुंबई में विकास कर सकूँ रेलवे में यह मेरा अटक प्रयास रहता है। आप सब जानते हैं एमयूटीपी-3ए में 54,777 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गयी है और अब महाराष्ट्र कैबिनेट ने भी उसको मंज़ूरी दे दी है। अब यह एमयूटीपी-3ए और उसके साथ जो पहले काम चल रहे थे मिलाकर लगभग 75,000 करोड़ रुपये मुंबई सबअर्बन में निवेश होने जा रहा है।

और मुंबई के विकास में मुंबई की पहली ट्रेन यहीं से शुरू होकर ठाणे गयी थी, उसके बाद से आज तक इतना निवेश मुंबई में कभी नहीं हुआ है। और मैं समझता हूँ पिछले 40-50 वर्षों का निवेश भी जोड़ लें तो शायद 75-77,000 करोड़ का निवेश 50 वर्षों में नहीं हुआ है जो अब मोदी जी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी जी के आशीर्वाद से मंज़ूरी हुई है, देवेंद्र फडणवीस जी के सहयोग से महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंज़ूरी दी है। और दोनों के प्रयासों से जैसा कई बार कहते हैं डबल इंजन गति देती है विकास को ऐसे केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार एक डबल इंजन के रूप में इस विकासीय कार्य को गति दे रही है। और मुझे पूरा विश्वास है यह बढ़ता हुआ विकास हमारे सभी यात्रियों के जीवन और उनकी यात्रा को सुगम बनाएगा, और कम्फ़र्टेबल बनाएगा, और ज़्यादा हमारे साथ यात्री सुरक्षित महसूस करेंगे भारतीय रेल में ट्रेवल करने के लिए।

मैं आप सबको पुनः एक बार नव वर्ष की बधाई देता हूँ और यह नयी जो सुविधा आज से शुरू हुई और अलग-अलग सुविधाएं आज से शुरू हैं इस सबके लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

धन्यवाद।

 

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