Speeches

December 3, 2018

Speaking at a press conference in Himachal Pradesh

आज तो वास्तव में एक टूरिस्ट गाइड की तरह हेलीकॉप्टर से हम आए हैं| पूरी जर्नी एक टूरिस्ट गाइड की तरह शिमला से शुरू करके मुझे पहले कोल डैम दिखाया जो मैं कई वर्षों पहले आया था, दो-तीन वर्ष पहले आया था देखने, जा नहीं पाया था कुछ कारणों सेजब मैं बिजली मंत्री था, आज वह भी उन्होंने दिखाया| और फिर पूरी लाइन शुरू से यहाँ तक, पूरी लाइन के ऊपर हेलीकॉप्टर से मुझे देखने का अवसर मिला| और वास्तव में इतना सुन्दर प्रदेश मैं समझता हूँ विशव में इतना सुन्दर प्रदेश शायद नहीं हो कोई – हिमाचल है|

और यहाँ पर जितनी हम सुविधाएँ बड़ा पाएँगे उतना ज़्यादा पर्यटन को भी बल मिलेगा, तेज़ गति मिलेगी| हिमाचली भाई-बहनों को यातायात करने में सुविधा होगी| उससे प्रदूषण भी कम होगा क्योंकि गाड़ियाँ जितनी ज़्यादा चलती हैं उसके निस्बत रेलवे में सफर करने से शायद 7-8 प्रतिशत ही प्रदूषण रह जाता है| प्रति व्यक्ति किलोमीटर अगर देखें तो गाड़ी से चलने के निस्बत जब व्यक्ति रेलवे से जाता है तो 1/13 सिर्फ प्रदूषण रह जाता है –7 प्रतिशत प्रदूषण रह जाता है|

भारतीय जनता पार्टी की जयराम ठाकुर जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार दोनों डबल इंजन का काम करेंगी और डबल इंजन के रहते प्रदेश में तेज़ विकास होगा तो रेलवे में भी वैसा ही विकास होना चाहिए और दिखना चाहिए|

कई सारी चीज़ें मैंने जून में जब मैं आया था तब शुरू की थी और उसका अब आउटकम जल्द ही आप सबको देखने को मिलेंगे| वहाँ की भी स्पीड को हम बढ़ा रहे हैं| उसके ट्रायल्स 4 दिसंबर को होने वाले हैं| जो oscillation trials जिससे वहां की स्पीड बढ़सके| कम समय में यात्री कालका से शिमला पहुंच सकें और उस पूरे जर्नी के लिए बहुत सारे निर्णय लिए हैं जो मेरे साथ हैं| और उन सब निर्णयों का हम अब मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं और बहुत सारी चीज़ों में आपको वहां की जर्नी में, वहाँ की यात्रा में अब बदलाव नज़र आएगा|

उस जून के बाद अब दिसंबर में माननीय जयराम जी के आग्रह पर मुझे पठानकोट से जोगिंदरनगर लाइन के बारे में आज जानकारियां लेने का अवसर मिला| मुझे भी हैरानी हुई कि नौ घंटे लगते हैं इस ट्रेन को पूरे 164 किलोमीटर का सफर करने के लिए| एक प्रकार से यह सफर तो suffering है| तो मैंने आज निर्देश दिया है कि अगले 100 दिन के अंदर हम यहाँ पर नये रूप से oscillation trials करें|

नये रूप से पूरी निरीक्षण करें, drone से हम पूरा survey करेंगे, पूरी 164 किलोमीटर के रूट का| DRM और अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि 100 दिन के अंदर यह देखें कैसे इस सफर को हम 6 घंटे के अंदर कर सकें| तो लगभग 33 प्रतिशत समय कम लगे इस पूरी जर्नी को इसका मैंने आग्रह किया है| और 100 दिन का समय दिया है मेरे अधिकारियों को कि इसको पूरे को स्टडी करें| उसमें क्या सुधार करने की आवश्यकता है| कुछ-कुछ ईलाके हैं जहाँ पर speed restriction लगानी पड़ेगी लेकिन उसकी वजह से पूरे रूट पर ट्रेन को बहुत धीमी जाने की आवश्यकता नहीं है|

इसी के साथ-साथ मैंने अभी-अभी फ़ोन पर आदेश दिया है रेलवे बोर्ड को कि तुरंत नयी रेलगाड़ियां इस रूट के लिए बनाई जाएं| उसका वह डिज़ाइन क्या सुधार कर सकते हैं जिससे यात्रियों को भी सुविधा अच्छी मिले और ट्रेन भी फास्टर चल सके| उसपर आज ही वह लोग बैठने वाले हैं दोपहर को| उनको कहा है आज ही दोपहर से बैठकर चर्चा शुरू करो, video-conferencing पर RDSO फैक्ट्री के साथ कि कितने समय में, कम से कम समय में, नयी रेल गाड़ियां यहाँ बना सकें हम| और उसमें से कुछ Vistadome|

Vistadomeवह गाड़ियां हैं जिसमें साइड में बड़ी-बड़ी खिड़कियां, ऊपर कांच रहेगा| जैसे आप विदेश जाते हैं तो mountain railways में चारों तरफ आप देख सकते हैंऊपर की धौलाधार आपकी माउंटेन रेंज भी देख सकें| तो पर्यटकों के लिए आकर्षित करने वाली कुछ गाड़ियां Vistadometype की भी बनाई जाएँगी| उसको समय ज़्यादा लगता है|

तो यहाँ पर नये coaches और नये Vistadome type coaches भी यहाँ पर आएं, लेटेस्ट डिज़ाइन वाले| बहुत aesthetic सुन्दर उसका लुक होना चाहिए| यात्रियों को उसमें सुविधा रहनी चाहिए सफर करते हुए| साथ ही साथ जो रेल पटरी है, मुझे दुख से कहना पड़ता है कि कई वर्षों से जो narrow gauge की पटरी होती है यह भारतीय रेल ने प्रोक्योर ही नहीं की है, खरीदी ही नहीं है| जहाँ-जहाँ नैरो रेल बंद करते हैं उसकी पटरी आकर रिप्लेसमेंट होती है| पर अब हमने तय किया है कि अब हम खरीदेंगे नयी रेल जिससे सुरक्षा भी बढ़ेगी रेलगाड़ियों की| सुरक्षा बढ़ेगी तो गति भी बढ़पाएगी और यात्रियों के लिए भी सुरक्षा में ट्रेवल करने का सुनिश्चित हो पाएगा| तो हम जहाँ-जहाँ पर रेल पटरी ख़राब हुई है उसको नयी रेल से भी replace करने का प्रोग्राम बनाएंगे|

उसके लिए वह रेल का डिज़ाइन अलग होता है तो procurement में थोड़ा समय लगेगा| Steel Authority वगैरा से बात करके वह डिज़ाइन की रेल बहुत सालों से खरीदी नहीं है, तो बनवानी पड़ेगी| उसका भी निर्णय मैंने लिया है|

साथ ही साथ एक निर्णय जिससे मुझे लगता है आप सबको भी आनंद आएगा कि जो 17 स्टेशन हैं इस रूट में| प्रमुख 17 स्टेशन हैं, 17 हाल्ट स्टेशन हैं| इन 17 प्रमुख स्टेशन में फेज बाई फेज और जितने अधिक से अधिक हो सकते हैं हम अगले 6 महीने के अंदर उसमें वाई-फाई की फैसिलिटी, मुफ्त वाई-फाई की फैसिलिटी शुरू करेंगे|

शुरुआत में पहले 6-8 महीने के लिए पूरी तरीके से मुफ्त होगी, उसके बाद चलकर अगर कुछ रहेगा तो जो नॉमिनल कॉस्ट होगा वह चार्ज होगा| लेकिन अधिकांश मेरी इच्छा है कि वह मुफ्त फैसिलिटी यात्रियों को मिले| और उससे आस-पास के गांव के भी जो लोग हैं उनको भी रेलवे स्टेशन आकर यह वाई-फाई का स्वाद मिले| और मुझे आपको बताते हुए ख़ुशी होती है कि जो रेलवे की वाई-फाई फैसिलिटी है वह देश में सबसे तेज़ वाई-फाई है| उतनी तेज़ वाई-फाई देश में और किसी के पास नहीं है| वाई-फाई फैसिलिटी पूरे देश में दे चुकी है रेलवे| आगे चलकर उसकी गति बढ़ा रहे हैं कि देश भर में और स्टेशनों पर आए| और खासतौर पर यह जो शिमला के स्टेशन हैं और जो जोगिंदरनगर के हैं इसपर दोनों में हम यह वाई-फाई की फैसिलिटी भी देने जा रहे हैं|

मेरा मानना है टूरिज्म, पर्यटन के लिए भी इसका लाभ होगा| उससे नये कारखाने आएं, नया व्यापार आए, नया उद्योग आए इस इलाके में तो नये रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे| पर्यटन में रोज़गार के अवसर बहुत होते हैं| एक-एक व्यक्ति जब पर्यटन के लिए यहाँ पर आता है पर्यटक, तो हर व्यक्ति के पीछे रोज़गार के अवसर बढ़ते हैं,ढाबे आते हैं, होटल आते हैं, टैक्सियाँ चलती हैं, टूरिस्ट गाइड होते हैं, ट्रांसलेटर होते हैं|

साथ ही साथ लोकल लोगों को हर बार बस के धक्के या गाड़ी से ना जाना पड़े और ट्रेन से जा सकें| और क्योंकि मैं मुंबई से आता हूँ तो मेरी तो इच्छा है कि दोनों रूट्स पर फिल्म शूटिंग भी बड़े रूप से हो सकती है, इतना सुन्दर हमारे पास पूरा माहौल है| इतने अच्छे लोग हैं हिमाचल के| तो मैं समझता हूँ फिल्म शूटिंग के लिए भी उनको विदेश न जाना पड़े| वह यहीं पर आकर शूटिंग कर सकें उसके लिए भी रेलवे बहुत ही सरल सुविधाजनक – राज्य सरकार और रेलवे मिलकर – एक पूरा प्रोसेस बनाने वाली है जिससे फिल्म शूटिंग को हम हिमाचल में बड़े रूप से encourage कर सकें|

हम कांगड़ा स्टेशन को भी थोड़ा अपग्रेड करने जा रहे हैं जिससे उसको पुराना हेरिटेज लुक जो 100 साल पहले रहा होगा या 90 साल पहले रहा होगा उसको कैसे re-establish कर सकें| एक कांगड़ा स्टेशन को अपग्रेड करने का मैंने आदेश दिया है| उसके bathrooms को सुधारना है, toilets वगैरा की फैसिलिटी| वह तो पूरे जो 17स्टेशन हैं, पूरे 17 स्टेशन की toilet फैसिलिटी को हम सुधार करेंगे और लाइटिंग को सुधार करेंगे, पूरे 17 के 17 स्टेशन में जिसमें आगे चलकर शाम को भी जब गाड़ियां जाएं तो अच्छा well lit-up LED lights के साथ well lit-up station हो|

और एक हमने 16नवंबर को स्टीम इंजन एक ट्रायल के रूप में चार्टर की थी| यह एक प्रकार से 100 साल-80 साल पहले स्टीम इंजन पर रेलगाड़ी शुरू हुई थी तो पर्यटकों के दृष्टिकोण से यह बहुत इंटरेस्टिंग चीज़ रहती है| तो पालमपुर से बैजनाथ आगे चलकर हमारी इच्छा है कि इसको एक रेगुलर फीचर बनाया जाए| और हमारे स्कूलों के बच्चों को भी आमंत्रण करेंगे कि वह इस स्टीम इंजन में आएं, स्टीम इंजन से चलने वाली गाड़ी में आएं और देखें कैसे विकास हुआ है रेलगाड़ियों में| कहाँ स्टीम इंजन से शुरू होकर अब भारत शत-प्रतिशत विद्युतीकरण वाली ट्रेनों में सफर करने जा रहा है|

मुझे पूरा विश्वास है कि आगे चलकर हिमाचल में यह दोनों जो अभी रूट्स हैं,इन दोनों पर हम बड़े रूप में यात्रियों की सुविधा और यात्रियों के पूरी numbers, मतलब ज़्यादा से ज़्यादा यात्री – पर्यटक और हिमाचली – दोनों, ज़्यादा से ज़्यादा इसका इस्तेमाल कर सकें| इसपर हम पूरी तरीके से सफल उतरेंगे|

 

प्रश्न-उत्तर

प्रशन: सर, ब्रॉड गेज का कोई प्लान नहीं है?

उत्तर:ब्रॉड गेज का पहले प्लान बना था पर मेरा मानना है कि ब्रॉड गेज लगाने से इतनी सुन्दर रेलवे को हम ख़राब कर देंगे| और इसलिए मैंने रिव्यू करने का निर्णय लिया है कि ब्रॉड गेज नहीं करना चाहिए, नैरो गेज की स्पीड बढ़ानी चाहिए| क्योंकि ब्रॉड गेज ट्रेन आने से जो इसकी सुन्दरता है, जो इसका पर्यटक का वैल्यू हैएक तो वह भी ख़त्म हो जाएगी और साथ ही साथ जो इसकी हैरिटेज लुक है, हैरिटेज जो इसकी properties हैं वह भी ख़त्म हो जाएँगी| तो कई ऐसी लाइनें हैं – अब जैसे एक उत्तर प्रदेश में दुधवा नैशनल पार्क – उसको भी पहले ब्रॉड गेज करने का प्लान था, मैंने उसको कैंसल कर दिया है कि वह भी अभी हैरिटेज रेलवे की तरह चलेगी| तो मैं समझता हूँ यह एक माउंटेन रेलवे और हैरिटेज रेलवे यह हमारे देश की धरोहर है| इसको हमने बिगाड़ना नहीं चाहिए| और इसको तो प्रोत्साहन करकर सुविधाजनक बनाकर इसको और आधुनिक बनाना चाहिए|

प्रशन:और जो एरिया सर रेलवे से जुड़े नहीं हैं क्या उनको भी जोड़ा जाएगा?

उत्तर: अब पहले फेज में इन दोनों को इतना सुधार दें और पर्यटक और लोकल हिमाचलियों की सेवा बढ़ जाए| यह एक low-hanging fruit है| तो मेरा मानना है कि इसपर priority करके करने में ज़्यादा लाभ होगा|

प्रशन: बजट में रेल बजट का प्रावधान नहीं किया गया| तो क्या यह….?

उत्तर: यह वाला बजट भाई साहब इंटरिम वोट ऑन अकाउंट ही होगा तो इसलिए इस बजट में कोई नयी घोषणाएँ तो साधारणतः नहीं होगी|

प्रशन: सर क्योंकि आपकी announcement जो हैं वह इलेक्शन इयर में हो रही हैं तो लोगों को किस तरह से satisfy करेंगे आप?

उत्तर: भाई अभी आपने हमारी सरकार को हिमाचल की….. आपने हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार तो शायद एक साल पहले ही चुनी है| उसके बाद से मैं लगातार आ रहा हूँ| आखिर शिमला में इतना improvement…. आप रेलवे की व्यवस्थाएँ तो जानते हैं कैसे चलती हैं| तो यह improvement करने के पीछे लगभग मैं 8-9 महीने से लगा हुआ हूँ| तब जाकर उसके आपको visible effect शिमला सेक्शन पर मिलेगा| अब यहाँ पर करने जा रहा हूँ तो अगले 8-9 महीने में यहाँ पर विज़िबल इफ़ेक्ट मिलेगा|

दुर्भाग्य से हमारे देश ने और ख़ासतौर पर रेलवे विभाग ने हर एक चीज़ को चुनावी दृष्टिकोण से देखा है| पर भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी चुनाव और रेल की व्यवस्थाएँ या रोड की व्यवस्था या हवाई व्यवस्थाओं को नहीं जोड़ा| अगर हमें उस प्रकार से करना होता तो पहले की तरह एक चुनाव में हम अनाउंसमेंट करते| जब कांग्रेस थी – तब एक चुनाव में अनाउंसमेंट करती थी, दूसरे चुनाव में सर्वे शुरू करती थी, तीसरे चुनाव में सर्वे की findings निकालती थी, चौथे चुनाव में सैंक्शन करती थी, पाँचवे चुनाव में थोड़ा सा पैसा देती थी, करते-करते 2014 में जब हमारी सरकार आई तो ऐसी सैंकड़ों प्रोजेक्ट देश भर में मिले जो announce हो चुके हैं, किधर सर्वे हो चुका है, किधर 25-50-100 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं| न कोई ठिकाना है प्रोजेक्ट का, न कोई ज़मीन का ठिकाना है| जो प्रोजेक्ट 100 करोड़ का था अब 1000 करोड़ का हो गया है| पैसे हैं नहीं रेलवे के पास|

तो इस प्रकार के बेबुनियादी राजनीतिकरण के कारण रेलवे की यह दुर्दशा देश भर में हुई है| इसलिए प्रधानमंत्री जी ने रेलवे का बजट भी बंद किया, उसको मेन बजट के साथ जोड़ा| जिससे राजनीतिकरण रेलवे का ख़त्म हो और वास्तव में सेवा भाव से और देश की आर्थिक और एक प्रकार से लोगों को जोड़ने वाली जो एक रेलवे बनाने की कल्पना की गयी थी, वैसी कल्पना को लेकर 2014 से लगातार काम कर रहे हैं|

ढाई गुना निवेश इस पाँच वर्षों में हुआ है, पिछले पाँच वर्षों की निसबत – ढाई गुना निवेश| सेफ्टी पर इतना ज़्यादा इन्वेस्ट हुआ है कि जहाँ 118 एक्सीडेंट होते थे 4 साल पहले, पिछले वर्ष सिर्फ 73 एक्सीडेंट हुए हैं रेलवे में| कहाँ fatalities 200-250 होती थी हर वर्ष| अब उस विषय में मैं ज़्यादा बोलता नहीं हूँ, डर भी लगता है क्योंकि यह थोड़ा कुदरती मामला है लेकिन यह वर्ष सबसे कम fatalities वाला वर्ष गया है| तो मैं समझता हूँ कि रेलवे एक ऐसी चीज़ है जिसमें राजनीति के बगैर एक प्रकार से जनता की सुविधा, पर्यटन को गति और आर्थिक विकास में तेज़ प्रगति हो इस रूप में रेलवे को चलाने की और बढ़ाने का काम मोदी जी की सरकार ने किया है|

धन्यवाद|

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