… भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार की तरफ से मैं आप सभी को मकर संक्रांति की, पोंगल की, लोहड़ी की और एक प्रकार से देश में विशेषता है कि पूरे देश में नया वर्ष अलग-अलग राज्य में अलग रूप से मनाया जाता है, आप सबको आपके परिवारों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। साथ ही साथ कल कुंभ का भी आरंभ हुआ है और लगभग सवा दो करोड़ लोगों ने कल कुंभ में स्नान किया, कुंभ स्नान किया और मैं समझता हूँ सभी ने मिल जुलकर जो प्रयास किये कि अच्छी सुविधाएं मिलें सभी कुंभ के यात्रियों के लिए यह वास्तव में बधाई के पात्र हैं।
और राज्य सरकार को, उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार और सभी उन लोगों को मैं धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने इसके लिए इतनी अच्छी अरेंजमेंट किये कि सभी को बहुत सरलता से, बहुत सुविधाजनक तरीके से मौका मिले कुंभ में स्नान करने का।
आज कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में एक बहुत ही अहम निर्णय लिया, जो नुमालीगढ़ रिफाइनरी है असम में, उसकी जो क्षमता है, उसकी जो कैपेसिटी है उसको सीधा तीन गुना करने का निर्णय, 3 मिलियन मैट्रिक टन पर एनम से बढ़ाकर 9 मिलियन मैट्रिक टन पर एनम, तीन गुना वृद्धि नुमालीगढ़ रिफाइनरी असम की क्षमता में लगभग 22,594 करोड़ की लागत से यह प्रोजेक्ट अगले चार वर्षों में पूरा किया जायेगा। यह इसलिए भी अहम है कि पूरे उत्तर पूर्वी इलाके में जो क्रूड ऑइल की रिक्वायरमेंट है, वहां की जो रिफाइनिंग कैपेसिटीज़ की रिक्वायरमेंट है, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की रिक्वायरमेंट है, उसको यह आगे चलकर बड़े पैमाने पर उसकी पूर्ति करेगा।
और साथ ही साथ इसमें क्रूड ऑइल की पाइपलाइन पारादीप से नुमालीगढ़ भी लगेगी और जो फिनिश्ड प्रोडक्ट है उसकी पाइपलाइन नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी तक लगाने का भी निर्णय कैपेसिटी एक्सपेंशन के साथ-साथ लिया गया। इन्वेस्टमेंट इस 3 मिलियन मेट्रिक टन पर एनम की रिफाइनरी को 3 गुना कैपेसिटी यानी 9 मिलियन मेट्रिक टन पर एनम करने में 22,594 करोड़ की लागत से अगले चार वर्षों में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जायेगा। कैपेसिटी एक्सपेंशन के साथ-साथ पाइपलाइन भी नयी बिछाई जाएगी पारादीप से नुमालीगढ़ तक और जो फाइनल प्रोडक्ट निकलेगा उसकी पाइपलाइन नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी तक।
तो एक उत्तर पूर्वी भारत में विकास की लहर तेज़ गति से चलती रही, अन्य-अन्य क्षेत्रों में उत्तर पूर्व में निवेश हो, फिर चाहे आज का जैसे फैसला है ऑइल रिफाइनरी का, इसके पहले पेट्रोलियम मिनिस्ट्री में कई अहम फैसले लिए गए गैस फ़ील्ड्स को लेकर, ऑइल एक्सप्लोरेशन को लेकर नॉर्थ ईस्ट में। अन्य-अन्य विभाग चाहे वह हाईवे विभाग हो, सड़क का विभाग हो, रूरल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री हो, रेलवेज हो, सभी ने अटक प्रयास किये हैं गत चार वर्षों में उत्तर पूर्वी भारत को तेज़ गति से विकास पहुंचे, तेज़ गति से विकास का लाभ हमारे भाइयों बहनों को, बच्चों को वहां पर मिले।
और एक खास बात इस एक्सपेंशन प्रोजेक्ट की ऐसी है कि इसमें लगभग 15,102 करोड़ रुपये का तो ऋण लिया जायेगा, लोन, बाकी जो इक्विटी है, इक्विटी सपोर्ट भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, ऑइल इंडिया लिमिटेड और असम की सरकार यह तीनों देंगे और केंद्र सरकार की तरफ से 1020 करोड़ रुपये का viability gap funding भी इस प्रोजेक्ट को दिया जा रहा है।
इस 1020 करोड़ रुपये के viability gap funding से यह प्रोजेक्ट की viability सुनिश्चित हो जाती है और उसको सभी ऋण लेने में, लोन लेने में और सभी सुविधाओं के लिए भी आसानी हो जाएगी। यह सीधे रूप में कई लोगों को रोज़गार के अवसर देगा और indirect employment के भी बहुत सारे साधन इस प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रोजेक्ट जब लगेगा और प्रोजेक्ट जब चल जायेगा, दोनों अवधि में direct और indirect employment का बहुत बड़ा साधन बनेगा उत्तर पूर्वी भारत में और साथ ही साथ इससे जो सरकार की जो हाइड्रोकार्बन विज़न है 2030 तक का खासतौर पर उत्तर पूर्वी भारत के लिए उसका एक बहुत अहम भूमिका यह प्रोजेक्ट निभाएगी ऐसा सरकार का मानना है।
मैं माननीय प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद करना चाहूंगा कि इस अहम फैसले के साथ असम और पूरे उत्तर पूर्वी भारत को एक बहुत बड़े रूप में निवेश मिलेगा, बड़े रूप में वहां की आर्थिक और व्यवस्था की उपलब्धियों में वृद्धि होगी और मुझे लगता है कि direct-indirect employment हमारे असम के और उत्तर पूर्वी भारत के भाइयों बहनों को भी मिलने का बहुत अच्छा यह साधन होगा।
चार अहम फैसले कैबिनेट ने भी आज लिए हैं जिसकी जानकारी मैं आपके साथ रखना चाहूंगा। एक तो Export Import Bank of India – EXIM Bank of India, इसमें केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है 6000 करोड़ रुपये का नया capital infusion, in the form of recapitalisation bonds – यह जिस प्रकार से पब्लिक सेक्टर बैंक्स में recapitalisation bonds दिए गए हैं उसी प्रकार से 6000 करोड़ के बॉन्ड्स, 4500 करोड़ तो इसी वर्ष मार्च के पहले और 1500 करोड़ अगले वर्ष में, ऐसे 6000 करोड़ EXIM बैंक की इक्विटी कैपिटल में recapitalisation bonds के माध्यम से दिया जायेगा।
और इसी के साथ-साथ जो authorised share capital है EXIM bank का इसको 10000 करोड़ से बढ़ाकर अब 20000 करोड़ रुपये अप्रूव कर दिया गया है, आप सभी जानते हैं कि यह आयात-निर्यात के लिए एक बहुत अहम भूमिका EXIM Bank की रहती है, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट को प्रमोट करना इसका कार्य है। और यह जो नया कैपिटल EXIM Bank में दिया जा रहा है इससे उनकी capital adequacy तो सुधरेगी साथ ही साथ उनकी क्षमता, खासतौर पर भारत के एक्सपोर्ट को credit needs को meet करने के लिए जो उनकी ऋण की ज़रूरतें होती हैं उसको पूरा करने के लिए इस 6000 करोड़ रुपये के निवेश से, इन्वेस्टमेंट से काफी गति मिलेगी एक्सपोर्ट फाइनेंसिंग को।
इसमें खासतौर पर कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जैसे कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री है, कपड़े का व्यापार है उसमें एक्सपोर्ट की बहुत अभूत संभावनाएं हैं, huge opportunities in the Indian textile export industry. और हमारा मानना है कि इस निवेश के साथ EXIM bank टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी बड़े रूप में सपोर्ट करने की क्षमता ले पायेगी। इससे लाइन ऑफ़ क्रेडिट्स भी आगे भारत के जो export of services या कॉन्ट्रैक्ट के एक्सपोर्ट होते हैं उसके लिए भी लाइन ऑफ़ क्रेडिट्स मिलने में एक्सपोर्टर्स को सुविधा होगी जिससे भारत की जो विदेश नीति है, जो हमारे स्ट्रेटेजिक इंट्रेस्ट्स हैं विदेश में उसको भी मीट करने के लिए यह लाइन ऑफ़ क्रेडिट लाभ देगी।
दूसरा डिसिशन जो बहुत ही अहम लिया गया है वह है एक इनकम टैक्स का जो ई-फाइलिंग का पोर्टल है और जो centralised processing centre है इन दोनों को integrate करके, दोनों को जोड़कर एक Integrated e-Filing and Centralised Processing Centre – 2.0 के प्रोजेक्ट को आज मंज़ूरी दी गयी है। यह प्रोजेक्ट अपने आपमें एक सफल प्रयोग रहा है इनकम टैक्स विभाग का, मैं कुछ आंकड़े आपके समक्ष रखना चाहूंगा।
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से अभी तक लगभग 23 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हो चुके हैं और रिफंड देकर तो अभी तक 2,61,808 करोड़ के रिफंड इस ऑटोमैटिक कंप्यूटराइज्ड फैसिलिटी के माध्यम से सितम्बर 30, 2019 तक दिए जा चुके हैं। अगर इसी वर्ष का देखें तो पहले 6 महीने में अप्रैल से सितम्बर, एक करोड़ 83 लाख रिफंड सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से सीधे जो इनकम टैक्स पेयर हैं उनको पहुंचाए गया।
और मैं समझता हूँ हम सबने उसका स्वाद लिया कि बिना किसी को पूछे, बिना किधर दफ्तर जाये, बिना कोई अफसरशाही के, बिना जूते घिसे इस वर्ष बड़े पैमाने पे इनकम टैक्स के रिफंड हम सबको अपने-अपने घर पर, अपने काम की जगह पर सीधा पहुँच गए हैं। और इस पोर्टल इस आगे के 8 वर्षों के लिए इसको एक इंटिग्रेट करके एक ही पोर्टल बनाया जाये उसके लिए एक पारदर्शी बिडिंग की गयी थी और बिडिंग करने से जो लोवेस्ट बिडर आया उनको यह काम दिया गया है। और इस प्रकार की बिडिंग से भी इस काम के खर्चे में सरकार काफी पैसा बचा पायी है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 4241 करोड़ का इन्वेस्टमेंट इस प्रोजेक्ट में किया जायेगा।
इस प्रोजेक्ट से और अधिक तेज़ गति से इनकम टैक्स की असेसमेंट हो पायेगी, रिफंड दिए जा सकेंगे और जो टैक्सपेयर्स का एक्सपीरियंस है उसको और सरल करना टैक्स फाइलिंग की सुविधा को और सरल करने का भी इसमें प्रावधान रखा गया है। और कुछ इसके भी जो मापदंड तय किये गए हैं वह बहुत ही इंटरेस्टिंग हैं। आप अगर देखें तो इसमें क्या आउटकम हम सोचते हैं, उदाहरण के लिए आज के दिन जब कोई इनकम टैक्स रिटर्न प्रोसेस होता है तो उसकी प्रोसेसिंग टाइम लगभग 63 दिन हैं।
यह नयी सुविधा जब एक बार लागू हो जाएगी जिसको लगभग 18 महीने लगेंगे इसको बनाने में और उसके बाद 3 महीने और के बाद चालू हो जायेगा टेस्टिंग के बाद, वह 63 दिन के बदले प्रोसेसिंग एक दिन में हो पायेगा। The turnaround time to process an income tax return will reduce from 63 days to only one day.
इसी प्रकार से अगर कोई rectification requests होती है किसी की तो वह भी और कम हो जाएँगी क्योंकि एक्यूरेसी इसमें मेन्टेन करने के प्रावधान बनाये जा रहे हैं, और हमारा मानना है कि जो आजके दिन 2% रिटर्न्स को rectify करने के लिए लोग आते हैं वह घटकर मात्र 0.1% हो जायेगा। यानी जो आजके दिन रेक्टिफिकेशन होते हैं उसका सिर्फ 5% रह जायेगा, 95% को रेक्टिफिकेशन की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।
इसी के साथ-साथ जो आउटस्टैंडिंग डिमांड्स हैं इनकम टैक्स की उसको भी फास्टर कलेक्ट करने के लिए सुविधा इसके माध्यम से रहेगी और साथ ही साथ डिजिटल मीडिया को इस्तेमाल करके हम और ज़्यादा बड़े रूप में कर देने वालों को, टैक्सपेयर्स को सुविधा दे पाएं चाहे वह फिर रियल टाइम प्रोसेसिंग ऑफ़ इनकम टैक्स रिटर्न्स हों, एक्यूरेट रिटर्न भरने में सुविधा हो, चाहे उनकी grievances को resolve करने में गति लाने का काम हो, चाहे वह लोगों को और अवेयरनेस पहुंचाना डिजिटल माध्यम से, ईमेल, एसएमएस के द्वारा, अलग-अलग प्रकार से एक पॉजिटिव सेंटीमेंट इनकम टैक्स विभाग के साथ जोड़ने की यह एक कल्पना की गयी है।
मैं समझता हूँ एक कड़ी में जिसमें कई सारे इनकम टैक्स के सुधार और इनकम टैक्स के सुधार के लिए कई सारे बड़े निर्णय अभी तक जो किये गए हैं उसमें यह एक बहुत अहम निर्णय आज के दिन सरकार ने किया है। और मुझे पूरा विश्वास है कि इससे आगे चलकर और ज़्यादा टैक्सपेयर्स को सुविधा मिलेगी और इससे टैक्स के कलेक्शन में भी डिपार्टमेंट को और सरकार को मदद मिलेगी।
एक तीसरा निर्णय जो 13 नयी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज अलग-अलग राज्यों में बनने का निर्णय कई वर्ष पहले हुआ था उसके संदर्भ में है। आज ऐसा निर्णय लिया गया है कि यह जो 13 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज हैं इनको जल्द से जल्द पूरा किया जाये और उसके लिए जो पूरी लागत लगेगी उसका अनुमान निकालकर लगभग आजके दिन 8,113 करोड़ की लागत से यह सब 13 यूनिवर्सिटीज ख़त्म करना है, ख़त्म करने का निर्णय लिया गया है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका जो ओरिजिनल एस्टीमेट था वह सिर्फ 3,120 करोड़ का पिछली सरकार ने बनाया था लेकिन इसके कामकाज को तेज़ गति न देने के कारण इसमें विलंभ हुआ और उस विलंभ के कारण 3,120 करोड़ बढ़कर आज 8,113 करोड़ रुपये हो गया है जिसमें से लगभग 4500 करोड़ तो ऑलरेडी खर्च चुके हैं। तो आज के निर्णय में लगभग 1400 करोड़ रुपये जो ऑलरेडी खर्च हो चुका है इन यूनिवर्सिटीज पर उसके लिए ex post facto approval भी दिया गया है और जो आगे 3,640 करोड़ रुपये और लगेंगे उसका भी निर्णय लेकर लगभग 5000 करोड़ रुपये सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, यह 13 यूनिवर्सिटीज को कम्पलीट करने के लिए।
और यह यूनिवर्सिटीज का मैं एक ज़िक्र कर दूँ। एक है दक्षिण बिहार में, गया में; एक है हरियाणा में महेंद्रगढ़ में, एक जम्मू में जम्मू कश्मीर में, एक रांची में झारखंड राज्य में, एक श्रीनगर में, फिर एक बार जम्मू कश्मीर में; एक गुलबर्गा में कर्नाटक, एक कासरगोड केरल, कोरापुट ओडिशा, बठिंडा पंजाब, अजमेर राजस्थान, तिरुवरुर तमिल नाडु, एक गुजरात की यूनिवर्सिटी और एक हिमाचल प्रदेश की, ऐसे 13 यूनिवर्सिटीज का अनुमानित खर्चा, पूरे 8113 करोड़ को आज कैबिनेट ने मंज़ूरी दी।
एक प्रकार से इसकी जब हम डिटेल्स में जा रहे थे तो ध्यान में आया कि कैसे बिना पूरी तरीके से इसका एस्टिमेशन ठीक करके इसको कैसे जल्दबाज़ी में पारित किया गया था 2008 में, और 2008 में पारित करने के बाद कैबिनेट द्वारा इसका जो बजट अप्रूवल है वह लगभग दो वर्ष के बाद 2010 में किया गया, 5 अक्टूबर 2010 को। तो दो वर्ष लगे कैबिनेट अप्रूवल के बाद कैबिनेट के पास इसके बजट को लेकर जाने के लिए और फिर भी वह बजट सिर्फ मात्र 3100 करोड़ का अप्रूव किया जबकि खर्चा उसका लगभग 8000 करोड़ से अधिक है।
तो इस सरका ने उस पूरे 8000 करोड़ के बजट को आज मंज़ूरी दी है और यह जल्द से जल्द यह सब सेंट्रल यूनिवर्सिटीज लगें इसके लिए एचआरडी मिनिस्ट्री और केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है।
एक चौथा निर्णय संवेदनशील निर्णय है कई वर्षों से बिजली विभाग में, विद्युत विभाग में जो हाइड्रोपॉवर कम्पनीज हैं – NHPC, NEEPCO – North Eastern Electric Power Corporation, Tehri Hydro Development Corporation (THDC), और SJVN (Satluj Jal Vidyut Nigam), इन चारों में 1997 से 20 वर्षों से एक जटिल समस्या चल रही थी जो थी approval for regularisation of pay scales. जो भी लोग कर्मचारी वहां काम करते हैं, बोर्ड को छोड़कर नीचे जितने कर्मचारी काम करते हैं – below board level executives – इन चारों संस्थाओं में लगभग जनवरी 1997 से यह जटिल समस्या चल रही थी।
लगभग 5254 ऐसे अफसर थे जिनको इस revision of pay scale का लाभ मिल नहीं पा रहा था। और उन सभी को इस निर्णय से लाभ होगा, उन सभी के जो पुरानी समस्या थी उसको 323 करोड़ रुपये देकर, salary arrears के रूप में देकर इनकी regularisation of pay scales का निर्णय आज सरकार ने लिया है। इससे तीनों एक जनवरी 1997 से लेकर एक समस्या को हल करने का जो प्रयास भारत सरकार ने माननीय प्रधानमंत्री जी के अध्यक्षता में आज कैबिनेट ने लिया, मुझे पूरा विश्वास है यह सभी कर्मचारी इसका स्वागत करेंगे और इसका लाभ सभी को मिलेगा।
इसके अलावा ज़रूर एक Memorandum of Understanding sign किया गया है ऑस्ट्रेलिया के साथ जिसमें mines और mine safety को लेकर हम किस प्रकार से ऑस्ट्रेलिया की Queensland Government जो है उसका जो Department of Natural Resource, Mines and Energy है उससे हम नयी टेक्नोलॉजीज जिससे माइनिंग में सेफ्टी, टेस्टिंग, रिसर्च इन चीज़ों में किस प्रकार से हम अत्याधुनिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल करके भारत में माइनिंग को अपग्रेड कर सकें इसके लिए एक DGMS – Director General Mine Safety और Ministry of Labour ने Queensland Government, Australia के साथ यह MoU sign किया है।
इसी के साथ-साथ एक MoU हमने Republic of Maldives के साथ visa facilitation का किया है, वह भी एक बहुत बड़ी उपलब्धि रही है मोदी सरकार की कि वीसा के क्षेत्र में बहुत सरलीकरण हुआ है और लगभग आज पूरे विश्व में हम जहाँ भी जाना चाहें या जहाँ से लोग भारत आना चाहें उसके वीसा को सरलीकरण को और सुविधा देने का बहुत बढ़िया काम विदेश मंत्रालय ने गत चार वर्ष में किया है। उसी कड़ी में आज Government of Republic of Maldives के साथ जो एग्रीमेंट हुआ था उसका ex post facto approval central cabinet ने आज दिया है।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
प्रश्न–उत्तर
प्रश्न: सर इनकम टैक्स का जो नया पोर्टल बनाया गया है, पोर्टल के ज़रिये क्या यह माना जाये कि अभी इनकम टैक्स की स्क्रूटिनी जो है वह मुश्किल से 5 या 7%……… स्क्रूटिनी करना काफी ज़्यादा आसान होगा उसकी संख्या को बढ़ाई जाएगी और टैक्स इवेजन रोकने में मदद मिलेगा इससे?
उत्तर: पहली बात तो यह पोर्टल अब बनने वाला है, अभी जो पोर्टल है उसको इंटिग्रेट करके उसको और अच्छा बनाएंगे, और उसमें फैसिलिटीज और सुविधाएं जोड़ेंगे तो उसको आगे 18 महीने लगेंगे। लेकिन इसमें किसी प्रकार का स्क्रूटिनी का प्रावधान या स्क्रूटिनी बढ़ाने का प्रावधान नहीं है। और आपकी जानकारी को भी ज़रा मैं ठीक कर दूँ, आज कोई 5 से 7% इनकम टैक्स रिटर्न्स की स्क्रूटिनी नहीं हो रही है। हम ऑटोमैटिक प्रोसेसिंग इस पोर्टल के द्वारा आज भी कर रहे हैं और इसको और बढ़ाने वाले हैं, पर यह ऑटोमैटिक प्रोसेसिंग है तो आपकी तनख्वाह आयी आपने इनकम टैक्स रिटर्न भरना है, एक सरल पोर्टल रहेगा रिटर्न भरने के लिए। या आप बिज़नेस करते हैं, व्यापारी हैं आपने अपना रिटर्न फाइल करने का प्रोसेस भी सिंपल किया जायेगा इसके माध्यम से और आपकी डिक्लेरेशन को हम एक दिन के अंदर प्रोसेस करके एक्सेप्ट करके अगर रिफंड है तो रिफंड पहुँच जायेगा अगर कुछ डिमांड है तो डिमांड मिल जाएगी।
लेकिन इससे कोई स्क्रूटिनी बढ़ेगी ऐसा ज़रा भी कोई कल्पना भी नहीं है और आज के दिन अगर हम देखें तो देश में मात्र जो मुझे लास्ट जानकारी मिली थी .3% रिटर्न्स की स्क्रूटिनी हो रही है। ऑरिजिनल प्लान था कि शायद 1% रिटर्न्स की स्क्रूटिनी होगी लेकिन क्योंकि यह कंप्यूटर जनरेटेड स्क्रूटिनी के लिए लिस्ट बनती है वह मात्र .3% रिटर्न्स की स्क्रूटिनी ली गयी है।
और मैं समझता हूँ अपने आप में यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री मोदी जी और वित्त मंत्री अरुण जेटली जी हमारे करदाताओं को हमारे टैक्सपेयर्स के ऊपर पूरा विश्वास करते हैं, पूर्णतः विश्वास के कारण ही आखिर सबको इनकम टैक्स रिफंड आपके रिटर्न के अनुसार सीधा आपके पास पहुँच गया है। और इसके कारण जो पहले ब्याज देना पड़ता था रिफंड के साथ या कई लोगों को तकलीफ होती थी रिफंड मिलने में या जूते घिसने पड़ते थे यह सब समस्याओं का अब पूरी तरीके से आपको निजात मिल गयी है।
प्रश्न: सर आपने कहा कि अगर प्रोसेसिंग एक दिन में कम्पलीट हो जायेगा लेकिन रिफंड में कई बार दो-दो महीने का समय लग जाता है?
उत्तर: मैंने अभी बताया कि इस बार का रिफंड तो कल्पना के बाहर हुआ है लेकिन प्रोसेसिंग अभी जो सॉफ्टवेयर है उसमें 63 दिन लगते हैं, आज जो हमने मंज़ूरी दी है यह जब इम्प्लीमेंट हो जायेगा तो यह 63 दिन से एक दिन में हो जायेगा प्रोसेसिंग। तो आप समय पर अपना रिटर्न फाइल करिये फ़ास्ट प्रोसेसिंग भी होगा तो इससे ऑटोमेटिकली आपको रिफंड भी और तेज़ गति से मिलेंगे।
प्रश्न: एक-दो दिन में वह भी हो जायेगा सर?
उत्तर: वह तो अब आज के दिन में प्रेडिक्ट नहीं कर सकता हूँ कि 18 महीने बाद…
प्रश्न: और सर वेंडर कौनसा है जिसका आपने कहा कि बिडिंग हो गयी है?
उत्तर: हमने टोटली ट्रांसपेरेंट बिडिंग की थी और उस बिडिंग के माध्यम से इंफोसिस का ऑफर सबसे कम आया और इंफोसिस को यह काम दिया गया है, being a L1 bidder, the lowest bidder. और मेरे ख्याल से बिडिंग से भी काफी बड़ी मात्रा में खर्चा कम हुआ है क्योंकि इसको हमने नॉमिनेट करने के बदले बिडिंग के माध्यम से किया। नहीं तो पहले क्या रहता था अगर कोई एक कंपनी ने पहले सॉफ्टवेयर बनाया है तो नॉर्मली यह स्वभाव रहता था कि उसी बढ़ा दो। तो उसके बदले हमने सबको मौका दिया, पारदर्शी बिडिंग कराई, और उसके कारण exact figure भी है मेरे पास, काफी खर्चे में भी कमी हुई है।
बहुत-बहुत धन्यवाद।