केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और श्री सोम प्रकाश ने कल देर शाम ई-कॉमर्स कम्पनियों के साथ बैठक की। इस बैठक में ई-कॉमर्स कम्पनियों तथा छोटे खुदरा व्यापारियों के हितों में संतुलन बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श हुआ। इस सत्र में डीपीआईआईटी ने सेवा, खाद्यान्न और उपयोग किए गए पुराने सामानों जैसे क्षेत्रों से सम्बन्धित मामलों पर विचार-विमर्श किया।
श्री पीयूष गोयल ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) को निर्देश दिया है कि एक समिति का गठन जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। डीपीआईआईटी के अवर सचिव को इस समिति का प्रमुख तथा वाणिज्य विभाग, एमएसएमई मंत्रालय, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय के प्रतिनिधियों और सरकार के कानूनी विशेषज्ञों को इस समिति का सदस्य मनोनीत किया जाना चाहिए। समिति ई-कॉमर्स में एफडीआई से सम्बन्धित शिकायतों पर विचार करेगी और आवश्यक स्पष्टीकरण प्रदान करेगी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार छोटे खुदरा विक्रेताओं और किराना दुकानों को उन्नति के अवसर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रालय छोटे व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं, किराना दुकानदारों और ई-कॉमर्स कम्पनियों के हितों में संतुलन स्थापित करने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। एक महीने के बाद इस संबंध में अगली बैठक आयोजित की जाएगी।
बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि ई-कॉमर्स नीति पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी हितधारकों को किसी भी प्रकार के बदलाव को अपनाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्होंने ई-कॉमर्स कम्पनियों से कानून का अक्षरश: पालन करने का आग्रह किया।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पादों के विक्रय के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने ई-कॉमर्स प्लेटफार्म की मदद से निर्यात बढ़ाने पर भी जोर दिया।
श्री गोयल ने कहा कि एमएसएमई और अन्य छोटे खुदरा विक्रेताओं के हितों का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन भारत अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण को अपनाना जारी रखेगा।
इस बैठक में डब्ल्यूटीओ में भारत के राजदूत श्री जे एस दीपक, डीपीआईआईटी के सचिव श्री रमेश अभिषेक, वाणिज्य विभाग के सचिव श्री अनूप वधवा और दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। ई-कॉमर्स कम्पनियों के संस्थापक, सीईओ और प्रतिनिधियों ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के समक्ष अपने विचार रखे।
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