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December 4, 2018

शीशे वाली इस ट्रेन से करें सफर, स्विट्जरलैंड जैसा दिखेगा नजारा

शीशे वाली इस ट्रेन से करें सफर, स्विट्जरलैंड जैसा दिखेगा नजारा

पहाड़ों की रानी शिमला की सैर अब और भी दिलकश होने जा रही है. कालका से शिमला तक टॉय ट्रेन के जरिए देश-विदेश के सैलानियों को पहले से ही हिमाचल की कुदरती खूबसूरती का दीदार करने का मौका मिलता रहा है.

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लेकिन अब टूरिज्म को बढ़ावा देन के लिए रेलवे ने इस रूट पर शीशे की छत वाली कोच उतारने का फैसला किया है. रेलवे की इस नई कोशिश के बाद अब सैलानी कालका-शिमला रूट पर विस्टाडोम कोच में सवार होकर प्राकृतिक सुंदरता को करीब से निहार सकेंगे.

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दरअसल अब सैलानी कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर विस्टाडोम यानी पारदर्शी ग्लास टॉप कोच वाली ट्रेन में सफर कर सकेंगे और सिर्फ आजू-बाजू से ही नहीं, बल्कि ऊपर से भी वादी की प्राकृतिक सुंदरता को निहार सकेंगे.

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सैलानी कालका-शिमला के बीच शीशे की छत वाली विस्टाडोम कोच में 15 दिसंबर से सफर कर पाएंगे. कालका-शिमला रूट की बड़ी पहचान है कि ये यूनेस्को की चुनिंदा वल्ड हैरिटेज साइट में से एक है.

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रेलवे का कहना है कि विस्टाडोम कोच के जुड़ने से इस वादी को नई पहचान मिलने जा रही है. सैलानी इस रूट पर 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक विस्टाडोम कोच की सवारी कर पाएंगे.

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96 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर सफर के दौरान सैलानी वादियों के प्राकृतिक सौंदर्य को और नजदीक से देख सकेंगे. विस्टाडोम कोच में पारदर्शी छत और खिड़कियां है.

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विस्टाडोम कोच को लोकप्रिय बनाने और सैलानियों को आकर्षित करने के लिए रेलवे ने इस रूट पर हॉप ऑन-हॉप ऑफ सर्विस शुरू करने का भी फैसला लिया है.

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इस सुविधा के तहत यात्री कालका से शिमला के बीच किसी भी स्टेशन पर उतरकर कुछ वक्त बिता सकते हैं और फिर दूसरी रेलगाड़ी में चढ़ सकते हैं.

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बता दें, कालका-शिमला रूट हमेशा से विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है, रेलवे को उम्मीद है कि इस रूट पर विस्टाडोम कोच के चलने से सैलानियों को और आनंद आएगा.

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रेलवे की मानें तो विस्टाडोम कोच में कांच के छत होंगे और इनकी दृश्यता (visibility) को नियंत्रित किया जा सकेगा. इस खास ट्रेन से सैलानी बारिश और बर्फबारी का आनंद बेहतरीन तरीके से ले पाएंगे.

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विस्टाडोम कोच की डिजाइनिंग बेहतरीन तरीके से की गई है. ट्रेन के अंदर भी शानदार फिनिशिंग है. सीटें गद्देदार है जिससे यात्री आराम महसूस कर सकेंगे.

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विस्टाडोम कोच का आनंद लेने के लिए सैलानी देश के किसी भी हिस्से से टिकट की ऑनलाइन बुकिंग कर पाएंगे. हालांकि अभी किराये को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. रेलवे सूत्रों की मानें तो विस्टाडोम कोच में सफर के लिए किराया डीलक्स कोच से कुछ ज्यादा होने की संभावना है.

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कालका से शिमला के बीच सफर में 162 सुरंग और 889 पुल आएंगे, जिसमें काफी सुरंगे हेरिटेज सुरंग में शामिल है.

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वहीं रेलवे ने कालका-शिमला हैरिटेज ट्रैक पर टॅाय ट्रेन की स्पीड बढ़ाने का भी फैसला किया है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इसकी स्पीड 25 किमी से बढ़ाकर 35 किमी प्रति घंटा की जाएगी. पीयूष गोयल की मानें तो टॉय ट्रेन की रफ्तार भविष्य में 50 किमी प्रतिघंटा तक ले जाने की कोशिश रहेगी.

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बता दें, पिछले दिनों विस्टाडोम कोच को ट्रेन में जोड़कर शिमला ट्रायल के लिए भेज गया था, ट्रायल सफल होने के बाद अब 15 दिसंबर से सैलानी इसका आनंद ले पाएंगे.

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कालका शिमला रूट पर विस्टाडोम के अच्छे रिस्पांस के बाद इसे श्रीनगर समेत दूसरे पर्यटन स्थलों पर चलाया जाएगा. कालका शिमला रूट पर विस्टाडोम कोच चलाने से रेलवे को करीब 350 करोड़ सलाना कमाई की उम्मीद है.

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गौरतलब है कि विश्व धरोहर में शामिल ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे मार्ग पिछले महीने 115 साल का हो गया. 9 नवंबर, 1903 को कालका से शिमला रेलमार्ग की शुरुआत हुई थी. देश-विदेश के सैलानी शिमला आने के लिए इसी रेलमार्ग से टॉय ट्रेन में सफर का आनंद लेते हैं.

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कालका-शिमला से पहले विस्टाडोम कोच विशाखापट्टनम-अरकू वैली और महाराष्ट्र में दादर-करमाली के बीच पर्यटक के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. यहां यह ट्रेनें ब्रॉडगेज पर चल रही हैं.

Source:https://aajtak.intoday.in/gallery/indian-railway-to-run-glass-enclosed-vistadome-coach-on-kalka-shimla-route-atam-18-29270.html

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