Speeches

September 26, 2018

Speaking at Inauguration of National Memorial of Pt. Deen Dayal Upadhyay, in Dhankya, Rajasthan

पार्टी की कल्पना की गयी उस कल्पना को वास्तव में बढ़ाने का काम, उस कल्पना को देश भर और दुनिया भर में पहुंचाने का काम जो माननीय अमित शाह जी और नरेन्द्र मोदी जी ने किया है उसका मुझे स्वयं आभास भी हो रहा है, सीखने को मिल रहा है| ऐसे हमारे कर्मठ और बहुत ही निष्ठावान कार्यकर्ता अध्यक्ष माननीय श्री अमित शाह जी, राजस्थान की लोकप्रिय मुख्यमंत्री जिन्होंने लगातार जनता की सेवा में अपना जीवन दिया है, छोटी आयु से ही उन्होंने पार्टी के साथ जुड़कर देश की सेवा की, देश की जनता की सेवा की| और मैं समझता हूँ आज यह इतना सुन्दर प्रकल्प बनाने का जो कार्य उन्होंने अपने हाथ में लिया है उसके लिए मैं उनको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ|

माननीय रामलाल जी, सभी सन्मान्य मंच, आपके यहाँ के लोकप्रिय सांसद और केंद्र सरकार में मेरे सहयोगी मंत्री छोटे भाई राजवर्धन राठौर जी, इस पूरे प्रकल्प को जिन्होंने सींचा है अपनी मेहनत से ऐसे हमारे वरिष्ठ नेता लखावत जी, सभी सन्मान्य मंच, सभी महानुभाव, मंत्रीगण, भाईयों और बहनों|

मैं सुन रहा था जब मुख्यमंत्री जी धन्यवाद दे रही थी रेलवे का, मैं तो समझता हूँ यह तो बड़ा गलत हो रहा है| रेलवे ने धन्यवाद करना चाहिए मुख्यमंत्री जी और राजस्थान सरकार का कि जो स्थान इस रेलवे स्टेशन को शायद लगभग 50 साल पहले मिलना चाहिए था वह स्थान आज जाकर इस स्टेशन को मिला है| गौरव की बात है रेलवे के लिए कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का बचपन इस स्थान पर, इस रेलवे स्टेशन पर एक छोटी कुटिया में रेलवे क्वार्टर में बीता और हम सब जानते हैं बचपन के जो अनुभव होते हैं, बचपन के जो पल और सीख होती है वह शायद एक आदमी का व्यक्तित्व बनाते हैं|

और आज हम देखते हैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जिन्होंने एक प्रकार से अपना बचपन गरीबी में बिताया और रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर बिताया, ऐसे माननीय प्रधानमंत्री जी के खुद के जो अनुभव थे उसको आज वह कार्यान्वित कर रहे हैं अलग-अलग प्रकल्प, अलग-अलग योजनाओं के द्वारा देश की जनता के बीच में, देश के ह्रदय में, गरीबों के ह्रदय में अपना स्थान पा लिया| लेकिन इस सबके पीछे, हम सबके कार्य के पीछे जो प्रेरणा थी वह मैं समझता हूँ माननीय पूज्यनीय और श्रद्धेय दीनदयाल उपाध्याय जी ने जो शायद इस धानक्या रेलवे स्टेशन पर देखा होगा, अनुभव किया होगा जिसमें से उनकी एकात्म मानववाद की कल्पना बनी होगी|

तो मेरे हिसाब से धानक्या धन्य होगा आज कि इतना अच्छा एक स्मारक उनकी याद में बनाया गया है, मैं आप सभी को बधाई दूंगा और मुझे पूरा विश्वास है कि रेलवे इसको अच्छी तरीके से रखने में पूरा मदद भी करेगा, ज़िम्मेदारी से काम करेगा और इस पूरे इलाके को और सुन्दर बनाने के लिए और इसको याददाश्त के रूप में लोगों को रहे जब भी लोग यहाँ आये, उसको और सुन्दर करने के लिए जो भी यहाँ कुछ काम लगेगा वह अब लखावत जी आपकी ज़िम्मेदारी नहीं हमारी ज़िम्मेदारी है, रेलवे इसको और सुधार करने में जो भी आप योजना बनाएंगे वह हम उसको पूरी ज़िम्मेदारी ले आयेंगे|

आप सबको बहुत-बहुत बधाई आज के इस बहुत ही महत्वपूर्ण दिन के लिए और मुझे पूरा विश्वास है हम सबके जीवन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जो संस्मरण हैं या आगे के लिए भी एक अच्छा मार्ग दिखाते रहेंगे, अच्छी निष्ठा और ईमानदारी का जो प्ररूप, स्वरूप दीनदयाल जी का था उसी में हम सब काम करते रहें ऐसी मैं भगवन से प्रार्थना करता हूँ|

बहुत-बहुत धन्यवाद|

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