Speeches

September 24, 2018

Speaking at Atal Vikas Yatra and Inauguration of Railways Projects, in Korba, Chhattisgarh

…लोग उनका नाम भी कई बार भूल जाते हैं कि डॉक्टर रमन सिंह भी उनका नाम है। यह तो चावल वाला बाबा के नाम से आज सिर्फ़ भारत में ही नहीं पूरे विश्व में इन्होंने प्रसिद्धि पाई है, जिस कुशल तरीके से इन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास का काम किया है और छत्तीसगढ़ में हर एक ग़रीब के घर में, हर एक आदिवासी के घर में जिस प्रकार से विकास पहुंचाया है ऐसे मेरे बड़े भाई और मैं समझता हूँ छत्तीसगढ़ की शान माननीय डॉक्टर रमन सिंह जी, मेरे मित्र और छत्तीसगढ़ सरकार में उद्योग मंत्री श्री अमर अग्रवाल जी, आपके स्थानीय सांसद जिन्होंने मैं समझता हूँ जितना मुझे तंग किया है दिल्ली में अलग-अलग प्रकार की कोरबा के रेलवे की परियोजनाओं को लेकर ऐसे माननीय श्री बंसी लाल माथुर जी, संसदीय सचिव माननीय श्री लखन लाल देवांगन जी, साथ ही में बिलासपुर से माननीय सांसद श्री लखन लाल साहू जी, मंच पर विराजमान सभी महानुभाव, अधिकारीगण और यहाँ उपस्थित हरदी बाज़ार के पावन धरती पर सभी उपस्थित भाईयों और बहनों को मैं प्रणाम करता हूँ।

और वास्तव में मेरे लिए बहुत ख़ुशी की बात है कि इस अटल विकास यात्रा में भाग लेने का मुझे आज सौभाग्य मिला और आप सबसे रूबरू मिलकर जो रेल की, जो कोयले की आगे की व्यवस्थाएं बनाने जा रहे हैं उसके बारे में थोड़ी चर्चा करने का मौक़ा मिल रहा है। वास्तव में छत्तीसगढ़ दो ही महीने में 18 वर्ष की आयु पाने जा रहा है और हम सब के लिए गर्व की बात है कि जो माननीय पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का सपना था एक समृद्ध छत्तीसगढ़, एक विकास से प्रेरित छत्तीसगढ़, गरीबों के लिए चिंता करने वाला छत्तीसगढ़, समाज के हर वर्ग के लिए एक अच्छा उज्जवल भविष्य देने वाला छत्तीसगढ़ बनाने का अटल जी का सपना पूरा करने का जो कार्य डॉक्टर रमन सिंह जी ने गत 15 वर्षों में इतनी कुशलता से संपन्न किया है मैं सबसे पहले तो बधाई दूँगा रमन सिंह जी को उनके कुशल नेतृत्व के लिए और विकास के कार्यों के लिए जिससे आज छत्तीसगढ़ का पूरा नक्शा बदल गया है, छत्तीसगढ़ का पूरा भविष्य हम सबके सामने उज्ज्वल दिख रहा है ।

अटल जी समझते थे कि पिछड़े और आदिवासी इलाकों को ख़ासतौर पर पूर्वी भारत को जब तक समृद्ध नहीं बनाया जाए तब तक देश का विकास नहीं हो सकता है। और इसलिए मैं समझता हूँ 18 वर्ष पहले उन्होंने कल्पना की होगी छत्तीसगढ़ को एक नया राज्य बनाने की। जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिल्ली में केंद्र सरकार संभाली तब उनका सबसे पहला आदेश मुझे और हम सब मंत्रियों को सबसे पहला आदेश था कि अगर भारत को विकसित देश बनाना है, अगर भारत में आगे चलकर विश्व शक्ति के रूप में उभरना है तो सबसे ज़्यादा ध्यान देना पड़ेगा पूर्वी भारत के प्रति और उत्तर पूर्वी भारत के लिए क्योंकि जब तक पूर्वी भारत विकास नहीं करेगा तब तक देश विकास नहीं कर सकता है।

और मैं समझता हूँ गत 4.5 वर्षों में जो केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर, मैं तो रेलवे का भी मंत्री हूँ तो एक प्रकार से एक डबल इंजन के रूप में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने जब तेज़ गति दी विकास को तो डबल इंजन की रफ़्तार से जैसे रेल गाड़ी तेज़ चलती है वैसे ही छत्तीसगढ़ का भी तेज़ गति से विकास गत वर्षों में हुआ है। और हम सबके लिए आनंद की बात है कि आज जब छत्तीसगढ़ का कोई कार्यक्रम होता है, छत्तीसगढ़ में कोई योजना बनानी होती है तो केंद्र सरकार का पूरा सहयोग माननीय रमन सिंह जी को मिलता है और यही कारण है कि आज रेलवे में जो गत 160 वर्षों में नहीं हुआ वह शायद मात्र 4-4.5 वर्षों में उतना निवेश और उतनी नई रेल की परियोजनाएं छत्तीसगढ़ को मिली हैं।

मैं आंकड़े देख रहा था 2009-14, यानी पाँच वर्षों में कुल मिलाकर डॉक्टर साहब पाँच वर्षों में कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में भारतीय रेल ने मात्र 1500 करोड़ रुपये, 1500 करोड़ रुपये का निवेश इतने बड़े राज्य में छत्तीसगढ़ के, मात्र 1500 करोड़ रुपये का निवेश रेलवे ने पाँच वर्षों में किया था। और आप सबको जानकर ख़ुशी होगी कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की NDA सरकार 2014 में आयी और 2014-19 के बीच सिर्फ़ पाँच सालों में लगभग 16 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश छत्तीसगढ़ में अकेले हुआ है। कहाँ 1500 करोड़ रुपये, कहाँ 16 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश जिसमें से अभी तक लगभग 10 हज़ार करोड़ का निवेश हो चुका है और 6 हज़ार करोड़ के निवेश की कल्पना हम आगे कर रहे हैं।

और आप कल्पना लगाइए कि जब इतने बड़े संभावना वाला प्रदेश होता है, जिस प्रदेश में देश का सबसे अधिकांश कोयला निकलता है, जिस प्रदेश में अलग-अलग खनन के माध्यम से रोज़गार और काम करने के अवसर बनते हैं, नौकरियां मिलती हैं उस प्रदेश में अगर रेल गाड़ी का विस्तार नहीं होगा, अगर रेल की नई परियोजनाएं नहीं जाएँगी तो कैसे इन सब खननों में, कैसे इन सब माइंस का डेवलपमेंट हो सकेगा, विकास हो सकेगा, कैसे रोज़गार पहुँच पाएगा, कैसे नौकरियां मिलेंगी लोगों को। और मैं समझता हूँ यह माननीय प्रधानमंत्री जी ने जो गत पाँच वर्षों में तेज़ गति से रेल का निर्माण छत्तीसगढ़ में किया उसी की वजह से आज हम खनन क्षेत्र में भी तेज़ गति से विकास कर रहे हैं छत्तीसगढ़ में।

एक छोटा आंकड़ा मैं आपके समक्ष रखना चाहूंगा, हमने छत्तीसगढ़ में देखा था कि पहले जो कोयले की खनन थी कोयले की खदानें थी वह खदानें मुफ़्त में यार-दोस्तों को, अपने सांसद भाई-बहनों को, रिश्तेदारों को पिछली सरकारें बाँटा करती थी मुफ़्त में बिना एक रुपया लिए। प्रधानमंत्री मोदी जी की जब सरकार आयी तब इन सब पुरानी कोल माइंस को सुप्रीम कोर्ट ने कैंसल किया और माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने इन सबको नीलामी के द्वारा पारदर्शी तरीक़े से जब लोगों को दिया और इस पूरी पारदर्शी जो सिस्टम से कोल माइनें दी गई इसका पूरे विश्व भर में सराहना की गई है। उससे छत्तीसगढ़ को आगे आने वाले दिनों में जैसे-जैसे माइंस में से कोयला निकलेगा तो 1,01,200 करोड़ रुपये सिर्फ़ राजस्व के रूप में छत्तीसगढ़ को मिलेंगे और यह पूरा पैसा आदिवासी ओर ग़रीब भाई-बहनों के लिए ख़र्चा किया जाएगा, प्रदेश की जनता के हित के लिए ख़र्चा किया जाएगा, छत्तीसगढ़ के विकास के लिए ख़र्चा किया जाएगा।

मैं अभी-अभी देख रहा था कि महाराष्ट्र को भी उसमें से एक माइन छत्तीसगढ़ में मिली है, गारे पालमा की माइन। मैं ख़ुद महाराष्ट्र से आता हूँ तो एक प्रकार से महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ का भी अब रिश्ता और अटूट होते जाएगा और आगे चलकर महाराष्ट्र को भी आपके यहाँ से जब कोयला जाएगा और मुंबई और महाराष्ट्र को सजाएगा और बिजली देगा, वहाँ के किसानों को बिजली देगा, वहाँ के ग़रीब के घरों में बिजली पहुँचाएगा तो मैं समझता हूँ महाराष्ट्र का भी हर व्यक्ति, हर नागरिक छत्तीसगढ़ के लोगों को धन्यवाद करेगा और एक प्रतीक के रूप में मैं आज आपका धन्यवाद करने यहाँ पर आया हूँ।

आज बहुत सारी रेलवे की योजनाओं का हमने काम की शुरुआत का कार्य यहाँ पर प्रारंभ किया है। सबसे बड़ी उसमें अगर रेल लाइन देखें तो कटघोरा-डोंगरगढ़ जो नई रेल की परियोजना है वह लगभग 258 किलोमीटर, 258 किलोमीटर लंबी परियोजना जो कटघोरा से डोंगरगढ़ जाएगी और मैं समझता हूँ छत्तीसगढ़ के इतने अन्य-अन्य इलाकों को जोड़ेगी जो इतने वर्षों से वंचित रहे रेल की सुविधाओं से। और सबसे अच्छी बात यह है कि यह रोल परियोजना केंद्र सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से दोनों ने मिलकर एक कंपनी बनाई जिसमें 51% शेयर छत्तीसगढ़ राज्य का रहेगा बाक़ी भारत सरकार की रेलवे का रहेगा और यह जब कंपनी मिलकर काम करेगी, दोनों जब मिलकर पूरी योजना को कार्यान्वित करेंगे तो आप समझ सकते हैं कि कैसे तेज़ गति से हम इस रेल लाइन को लगा पाएंगे।

और पहले का जो हिसाब किताब होता था दस साल, पंद्रह साल, बीस साल तक थोड़े-थोड़े हिस्सों में रेल लाइनें बनती थी। मैं आज इस मंच से आपको विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि यह पूरी लाइन 258 किलोमीटर की इतनी लंबी लाइन हम आगे आने वाले चार वर्षों में पूरी करेंगे। और जब नए भारत की जो कल्पना माननीय प्रधानमंत्री ने की है 15 अगस्त 2022 को जब नए भारत का एक जो कल्पना से हम देश के विकास में जुटे हुए हैं, जिस कल्पना में जब भारत के 75 वर्ष आज़ादी के पूरे होंगे उसके पहले भारत के हर नागरिक को घर मिलेगा, उसके सर पर छत होगी, उस घर में शौचालय होगा, उस घर में 24 घंटे बिजली होगी, अच्छा पेयजल होगा, सड़क होगी गाँव और घर तक, अच्छी स्वास्थ्य की सेवाएँ होंगी आयुष्मान भारत के तहत, अच्छी शिक्षा मिलेगी हमारे कल के नौजवान युवा-युवतियों को।

जब ऐसे नए भारत की कल्पना लेकर हम निकले हैं तो मैं समझता हूँ कि रेल की भी व्यवस्था और रेल की भी कनेक्टिविटी इतनी अच्छी होनी चाहिए नए छत्तीसगढ़ में। और उस कल्पना को लेते हुए जो आज की रेल परियोजनाओं  को हम शुरू करने जा रहे हैं इन सभी को 15 अगस्त 2022 तक ख़त्म करने के इरादे से हमने आज दोनों राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर तय किया है और इसी के साथ-साथ जब बड़े रूप में खदानों से माल देश भर में जाएगा इन रेल की पटरियों द्वारा तब यहाँ पर लाखों लोगों को रोज़गार मिलेगा, सैंकड़ो लोगों को नौकरियां मिलेंगी और यहाँ का व्यापार बढ़ेगा, यहाँ पर अलग-अलग प्रकार से विकास होगा, लोगों के जीवन में एक नया उत्साह और उमंग देखने को मिलेगी। और जो पंद्रह वर्ष तक माननीय रमन सिंह जी ने कड़ी मेहनत से छत्तीसगढ़ को देश के प्रथम श्रेणी के राज्यों में आगे बढ़ाया है उसको और गति देते हुए हम अलग-अलग योजनाओं को यहाँ पर शुरू करेंगे।

इसी प्रकार से यह जो चिरमिरी-नागपुर हाल्ट की जो नई ब्रॉड गेज लाइन है यह लाइन तो कई वर्षों से लंबित पड़ी हुई थी। मैं समझता हूँ कोरिया डिस्ट्रिक्ट तक जाने वाली चाहे छोटी हो 17 किलोमीटर की 240 करोड़ की लागत से लगने वाली छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार मिलकर जो यह लाइन लगा रहे हैं यह एक ऐसे इलाक़े को जोड़ेगी बाक़ी छत्तीसगढ़ से जो कई वर्षों से जुड़ नहीं पाया था, अभी तक पिछड़ा रहा था। एक अच्छी बात इन लाइनों की यह भी होगी कि दिल्ली और मुंबई जाने वाली जो लाइनें हैं उसके लिए आल्टरनेट रूट्स भी नई लाइनें भी शुरू होंगी जिससे लोगों को सुविधा भी मिल सके और और ज़्यादा व्यापार का साधन भी मिले।

तो जैसे अभी-अभी गारे पालमा माइन जो महाराष्ट्र को दी है और एक गुजरात को दी है इन दोनों के लिए यह कोयला लेकर जाने की सबसे बड़ी समस्या है रेल लाइन न होना। लेकिन यह जो रेल लाइन हम आज शुरू करने जा रहे हैं इससे बिलासपुर और रायपुर को जोड़ते हुए हावड़ा से मुंबई का एक नई लाइन शुरू होने के कारण बहुत बड़ी मात्रा में कोयला भी जाएगा और उतनी बड़ी मात्रा में यहाँ पर विकास भी हो पाएगा।

एक तीन जो और लाइनें ईस्ट कॉरिडोर की आज हमने शुरुआत की है यह तो और भी अच्छी योजना है। इसमें जो जॉइंट वेंचर है जो केंद्र सरकार और राज्य सरकार का है, यह तो भागीदार हैं ही लेकिन इसी के साथ-साथ जो कोयले की कंपनी है, SECL, जो कोयले की खदान चलाती है वह कंपनी भी भागीदार बनेगी और जो रेलवे की कंपनी है IRCON वह भी भागीदार बनेगी।

तो एक प्रकार से चार भागीदार एक साथ आकर – IRCON, SECL, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार और भारतीय रेलवे, चारों मिलकर यह तीनों ईस्ट कॉरिडोर की लाईनें जो पहले फ़ेज़ में 132 किलोमीटर खरसिया से धरमजयगढ़ जिसमें लगभग 3000 करोड़ की लागत लगेगी, दूसरे फ़ेज़ में 62 किलोमीटर धरमजयगढ़ से कोरबा जिसमें लगभग 1700 करोड़ की लागत लगेगी और 191 किलोमीटर की गेवरा रोड से पेंड्रा रोड तक लगभग पाँच हज़ार करोड़ की लागत से पूरी तरीक़े से विद्युतीकरण की गई जो लाइन लगेगी यह तीनों 10 हज़ार करोड़ की लागत से लगने वाली लाइनें हैं और इसके साथ जो पहले अगर जोड़ दें, कटघोरा से डोंगरगढ़ तो लगभग-लगभग 16 हज़ार करोड़ की नई लाइनों की सौग़ात आज प्रधानमंत्री मोदी जी और डॉक्टर रमन सिंह आपके लिए भेजे हैं, आपके लिए लेकर आए हैं। और मैं समझता हूँ इतने बड़े पैमाने पर रेल की योजनाएं शायद ही इतिहास में कभी किसी एक राज्य को एक साथ दी गई होंगी।

डॉक्टर साहब 16,000 करोड़ की लाइन के सामने एक इंटर-सिटी जब इतनी महत्वपूर्ण रहती है तो मुझे लगता है मेरा दायित्व बनता है कि इंटर-सिटी लाइन अवश्य आएगी। और मुझे तो आज पता चला कि यह शुरू की गई थी एक पूर्व के मंत्री द्वारा पर आपको सिर्फ़ भ्रमित करने के लिए शुरू की गई थी, शायद कुछ दिनों के लिए चली और फिर बंद हो गई। यह सरकार मोदी जी की सरकार इस प्रकार से काम नहीं करती है। आपके यहाँ इंटर-सिटी लाइन आएगी, रेल गाड़ी शुरू होगी और वह पूरे समय चलेगी कोई तीन-छः महीने के लिए नहीं आएगी।

जब जनता की आवाज़, जब जनता की आवाज़ इतनी बुलंद हो तो मैं समझता हूँ उनको जल्द से जल्द विकास पहुँच रहा है इसलिए जनता इतनी आशा और आकांक्षा के साथ और इतने उत्साह के साथ माँग करती है। मैं कई बार अपने मित्रों को डॉक्टर साहब कहता हूँ कि अगर कोई देश में लोगों की आकांक्षा और अपेक्षाएं ख़त्म हो जाए तो यह समझलो कि उनका राजनीतिज्ञों से भरोसा उठ गया है। आख़िर व्यक्ति उसी से अपेक्षा रखता है और आकांक्षा रखता है जिससे उसको उम्मीद है कि कुछ न कुछ मिल सकता है। और मुझे ख़ुशी है कि आपके प्रदेश में इतनी आशा है लोगों में और इतना विश्वास है आपके प्रति कि जब कोई आवाज़ उठती है, जब कोई आवाज़ कोई डिमांड करती है तो वह पूरी होगी और उस आशा के साथ ही लोग आपका इतना समर्थन करते हैं, आपको इतना आशीर्वाद देते हैं।

और मैं समझता हूँ आगे आने वाले दिनों में जैसे चावल वाले बाबा ने छत्तीसगढ़ को इतना आगे विकास को बढ़ाया है। जिस प्रकार से खाद्य सुरक्षा एक-एक घर तक पहुँची है। जिस प्रकार से अलग-अलग योजनाओं द्वारा गरीबों को एक जीवन में नया उत्साह और उमंग मिल रहा है। जिस प्रकार से सौभाग्य योजना से हर घर तक बिजली पहुँच रही है। जिस हिसाब से उज्जवला योजना से हर महिला को धुआँ मुक्त किया जा रहा है, उनको मुफ्त में LPG कनेक्शन दिया जा रहा है। जिस तेज़ गति से इंटरनेट पूरे देश में जा रहा है, हर ग्राम पंचायत तक पहुँच रहा है। जिस प्रकार से रोड और हाईवे के माध्यम से देश को जोड़ा जा रहा है और हर राज्य को अच्छी सड़कें दी जा रही हैं। जिस प्रकार से ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण सड़क योजना से इतनी तेज़ गति से हर गाँव को जोड़ा जा रहा है। जैसे आयुष्मान भारत में 50 करोड़ भारत की जनसंख्या को मुफ़्त में इलाज मिलेगा। मैं समझता हूँ इन सब योजनाओं को जब पिरोयें और एक कड़ी में जोड़ें तो संपूर्ण विकास भारत का हो रहा है, संपूर्ण विकास छत्तीसगढ़ का हो रहा है और संपूर्ण विकास छत्तीसगढ़ के हर नागरिक भाई-बहन का हो रहा है।

मैं मुबारकबाद देना चाहूँगा माननीय रमन सिंह जी को जिस प्रकार से उन्होंने इस प्रदेश को 15 वर्ष कुशल नेतृत्व से विकास किया है, जिस प्रकार से लोगों के जीवन में उतरे हैं, जिस प्रकार से लोगों के जीवन को सुधारा है और जितना प्यार छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें दिया उतना ही काम डॉक्टर रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की जनता के लिए किया। मैं मुबारकबाद दूँगा उनको और बहुत-बहुत शुभकामनाएं दूँगा और मुझे विश्वास है कि यह अटल विकास यात्रा में जो-जो 15 वर्ष के काम का रिपोर्ट कार्ड लेकर आप सबके बीच में डॉक्टर रमन सिंह जा रहे हैं, जिस प्रकार से विकास को प्रेरित से प्रेरित, अटल जी के कार्यों से प्रेरित, नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में डॉक्टर रमन सिंह जी छत्तीसगढ़ में तेज़ गति से प्रगति हो, लोगों के जीवन में एक अच्छा भविष्य हो उसका कार्य कर रहे हैं यह आशीर्वाद छत्तीसगढ़ की जनता लगातार डॉक्टर रमन सिंह को देती रहेगी। और आपके आशीर्वाद से डॉक्टर रमन सिंह और उनकी टीम पूरे तरीक़े से छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य और देश का नंबर वन राज्य बनाएंगे। इस विश्वास के साथ मैं आपसे इजाज़त लेता हूँ।

आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बहुत-बहुत बधाई आज के सभी कार्यक्रमों के लिए।

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