Speeches

August 25, 2018

Speaking at Flagging off of New Train through VC, in New Delhi

श्री प्रदीप बिष्ट जी, श्री श्याम लाल वर्मा जी और काठगोदाम में उपस्थित…. और सभी काठगोदाम में उपस्थित उत्तराखंड के प्रिय भाईयों और बहनों। आज मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि काठगोदाम से देहरादून चलने वाली यह नई गाड़ी जिसको ‘नैनी दून जनशताब्दी’ कहा गया है, इसका शुभारंभ करने के लिए हम सब यहाँ उपस्थित हुए हैं। वास्तव में मैं वहीं पर आना चाहता था, काठगोदाम में रहना चाहता था लेकिन पूर्व में छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल श्री बलराम जी दास टंडन जी के आज शोक सभा के कार्यक्रम में मुझे उपस्थित रहना है चंडीगढ़ में इसलिए मैं आज आप सबके बीच नहीं उपस्थित रह सका, इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ।

अटल जी का सपना था कि उत्तराखंड एक प्रगतिशील और सुंदर प्रदेश है इसमें जन सुविधाएँ सुधरें और माननीय अटल जी ने जो प्रयास किए जिससे उत्तराखंड का जन्म लगभग 18 वर्ष पूर्व हुआ, उनको हम समर्पित करते हैं यह नई गाड़ी। और मुझे विश्वास है कि उत्तराखंड के सभी नागरिक अटल जी को बहुत प्रेम से याद करते हैं, बहुत सादर सम्मान के साथ याद करते हैं। अब वह हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनका दिखाया हुआ मार्ग, उनका किया हुआ काम हम सबको प्रेरणा देता है, हम सबको आगे चलकर सेवा करने के लिए और प्रोत्साहन देता है।

और मैं समझता हूँ अटल जी का स्वयं का जीवन भर यह असूल रहा कि “जन सेवा ही प्रभु सेवा है”। और उत्तराखंड तो देवों की भूमि है यहाँ पर प्रभु सेवा करने के लिए मैं समझता हूँ जितनी ज्यादा सुविधाएँ जनता के लिए हम उपलब्ध करवा सकें यही सही मायने मे आदरपूर्वक श्रद्धांजली होगी माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के यादों के लिए और आज का दिन हम सबके लिए एक प्रकार से अटल जी को समर्पित है।

 

मुझे याद है जब कुछ महीने पहले माननीय श्री अनिल बलूनी जी मेरे पास आए थे कि काठगोदाम से देहरादून के लिए बहुत समय से यह माँग थी कि एक सुपर फास्ट एक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की जाए जिससे काठगोदाम से लोग देहरादून सुबह के समय जाकर पहुँच सकें, अपना कामकाज करके शाम को वापिस अपने घर लौट पाएं। और माननीय कोश्यारी जी ने कई बार इस विषय को उजागर किया कि काठगोदाम और देहरादून यह दोनों उत्तराखंड के प्रमुख स्थान हैं। तो मुझे लगा कि यह एक बहुत लम्बे समय से माँग रही है उत्तराखंड के लोगों की, काठगोदाम और वह पूरा जो इलाक़ा है, लालकुआं और आसपास के हिस्सों के भी लोगों को यह सुविधा मिल जाए कि देहरादून जाकर शाम को काम ख़त्म करके वापिस आ सकें।

इससे पर्यटन भी बढ़ेगा, इससे व्यापार को भी और गति मिलेगी। तो हम सबने इसको पूरी लाइन कैपेसिटी वगैरा देखते हुए, यह ध्यान रखते हुए कि काठगोदाम में इससे एक और विकास की लहर तेज़ी से गूंज सकती है, इसको स्वीकार किया। और मुझे आज ख़ुशी है कि आज इस गाड़ी की शुरुआत करने के लिए हम सब आज इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। काठगोदाम के सभी नागरिकों को और      आपके जनप्रतिनिधि श्री भगत सिंह कोश्यारी जी और श्री अनिल बलूनी जी को मैं बहुत-बहुत मुबारकबाद देता हूँ आजके इस शुभ अवसर पर।

वास्तव में यह गाड़ी सप्ताह में पाँच दिन चलने वाली है, सिर्फ़ गुरुवार और रविवार को यह गाड़ी नहीं चल पाएगी operational reasons के कारण, इसका maintenance वग़ैरह के कारण और 27 अगस्त से इस गाड़ी का दैनिक शुरुआत होने जा रही है। यह गाड़ी हल्द्वानी, लालकुआँ, रूद्रपुर, रामपुर, मुरादाबाद, नजीबाबाद और हरिद्वार, इस प्रकार से अलग-अलग stoppages हैं इसके। तो मैं समझता हूँ इसकी महत्ता इसमें भी है कि यह दोनों उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से गुज़रते हुए काठगोदाम से हरिद्वार तो जोड़ती ही है लेकिन साथ में व्यापार के लिए मुरादाबाद भी जुड़ेगा, बहुत बड़ा क्षेत्र उद्योग का रुद्रपुर भी जुड़ेगा और जो लोग दिल्ली से या देहरादून से आने के बाद पूरा जो वह पर्यटन का क्षेत्र जोड़ती है, पृथ्वी पर एक प्रकार से स्वर्ग के समान बनाया हुआ उत्तराखंड दिल्ली और देहरादून के लोगों को जोड़ने का भी यह एक मार्ग बन जाएगी।

मुझे यह भी ख़ुशी है कि उत्तराखंड में गत चार वर्षों में कई सारे नए प्रयास हुए हैं रेल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए, सुधारने के लिए। मुझे बताया गया कि अभी तक सात रेलवे स्टेशनों पर मुफ़्त में वाई-फ़ाई की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है सिर्फ़ उत्तराखंड में, सात स्टेशनों में। आगे चलकर हम इसको और गति देकर जो अलग-अलग स्टेशन पर वाई-फ़ाई की सुविधा देने के लिए हम प्रयत्नशील हैं और आगे अगले चार-पाँच महीनों में आप और स्टेशनों पर वाई-फ़ाई की सुविधा पाने जा रहे हैं।

मुझे यह भी ख़ुशी है कि जो निवेश, जो बजट हर वर्ष उत्तराखंड को मिलता था, वह अगर हम 2009-14 का कार्यकाल देखें पाँच वर्ष का उसमें लगभग 187 करोड़ प्रति वर्ष बजट मिलता था उत्तराखंड के अन्य-अन्य कार्यों के लिए। प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार आने के बाद यह तय किया गया कि उत्तराखंड में तेज़ गति से सुविधाएँ बढ़ाई जाएं, स्टेशन पर काम हो और रेल को भी बढ़ाया जाए।

आपको जानकर ख़ुशी होगी कि अब तीन गुना पैसा लगभग 577 करोड़ प्रति वर्ष रेल में निवेश होता है उत्तराखंड में। तो यानी पाँच वर्ष का कार्यकाल में जहाँ 900-950 करोड़ रुपये ख़र्च हुए 2009 से 14’ के बीच, अब वही लगभग 3000 करोड़ ख़र्च होने जा रहे हैं 2014 और 19 के बीच। यह अपने आप में एक बहुत बड़ी सौग़ात है प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा उत्तराखंड के लिए, उत्तराखंड के विकास के लिए।

 

हमने अभी तक तेज़ गति से वहाँ विद्युतीकरण भी किया है, लगभग 80 किलोमीटर की रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का काम उत्तराखंड में किया गया है, जो 2009 से 14 शून्य था। और हम समझते हैं कि पर्यटन के क्षेत्र में इतना सुंदर पर्यावरण होते हुए उत्तराखंड में डीज़ल से चलने वाली गाड़ियां जल्द से जल्द ख़त्म होनी चाहिए और वहाँ पर सभी जगह विद्युतीकरण करके हम पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहते हैं उत्तराखंड के हमारे भाईयों बहनों के लिए।

इसी प्रकार से नई रेल गाड़ियों की सुविधा उत्तराखंड में हो उसके लिए भी विशेष रूप से ध्यान रखा गया है और मुझे बताते हुए ख़ुशी होती है कि कई सारी नई रेल गाड़ियां पिछले चार वर्षों में शुरू की गई हैं रेलवे द्वारा उत्तराखंड में। और मुझे विश्वास है आगे चलकर भी जैसे-जैसे और रेलवे की लाइनें लगेंगी, वैसे-वैसे और रेलवे की नई ट्रेनें हम शुरू करने में सफल होंगे।

एक जो बहुत ही माननीय प्रधानमंत्री जी के लिए प्रिय विषय है वह है किस प्रकार से चारधाम यात्रा के लिए रेल की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। मुझे आपको बताते हुए ख़ुशी होती है कि एक फाइनल लोकेशन सर्वे चल रहा है चारधाम को जोड़ने के लिए रेल की सुविधाओं से। मैं समझता हूँ यह अपने आप में एक अभूतपूर्व कार्य होगा, ऐतिहासिक कार्य होगा। और इससे पूरे विश्व से जो लोग चारधाम की यात्रा करने आना चाहते हैं धार्मिक कारणों से, पर्यटन के कारणों से एक बहुत बड़ी गति मिलेगी उत्तराखंड के विकास को।

और इसी प्रकार से एक नई लाइन ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच बनाने का भी काम पाइपलाइन में हैं, उसका भी काम लेने का हमने सोच रखा है। और आगे चलकर यह सब नई-नई लाइनें जो उत्तराखंड में बन रही हैं यह मुझे विश्वास है कि तेज़ गति से राज्य सरकार के भी जो प्रयास हैं विकास के, तेज़ गति से उद्योगीकरण के और ज़्यादा पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए, उसके लिए भी यह सब नई रेल सुविधाएँ बहुत महत्वपूर्ण योगदान देगीं।

मैं पुनः एक बार देव भूमि में शुरू होने वाली यह नई जनशताब्दी जो बहुत महत्वपूर्ण काठगोदाम से देहरादून को जोड़ती हुई, लालकुआँ, रुद्रपुर, मुरादाबाद से होती हुई जाने वाली इस गाड़ी के लिए माननीय कोश्यारी जी, माननीय अनिल बलूनी जी – अनिल बलूनी से तो मेरा झगड़ा हो गया वह रोज़ आकर मुझे तंग करने लग गया इस गाड़ी के लिए और मैं समझता हूँ मुझे तो एक बार लगा कि कैसे अनिल बलूनी का फ़ोन आए तो लेना बंद कर दूँ|

वह इस प्रकार से पीछे पड़े हुए हैं कि इस गाड़ी को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। तो मैं समझता हूँ कोश्यारी जी, अनिल बलूनी जी दोनों को और सभी हमारे उपस्थित जनप्रतिनिधि और काठगोदाम के नागरिकों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूँ आज के इस शुभ अवसर पर। और मुझे विश्वास है यह जनशताब्दी आपके लिए आपकी सेवा में अच्छी सुविधाएँ देगी, अच्छी प्रकार से साफ़-सुथरी नई ट्रेन आपकी सेवाएँ करेंगी और आगे चलकर और कैसे रेलवे की सुविधाएँ आपके यहाँ बढ़ सकें इसके लिए हमारी सरकार पूर्ण रूप से प्रयत्न करती रहेगी, पूर्ण रूप से संकल्पित है। यह विश्वास देते हुए मैं आप सबको पुनः एक बार बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

 

धन्यवाद।

 

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