Speeches

July 21, 2018

Briefing Media Post GST Council Meet at a Press Conference, in New Delhi

जिन्होंने बहुत ही सार्थक चर्चा की दिनभर और जो जीएसटी काउंसिल की परंपरा रही है उसमें खुले दिल से अपनी-अपनी बात रखते हुए एक सर्वसम्मति से सभी निर्णय लिए उसके लिए मैं भारत के सभी प्रदेश, सरकार, सभी प्रदेशों के वित्त मंत्री और अधिकारी, और साथ ही साथ केंद्र सरकार में मेरे सहयोगी अधिकारियों का धन्यवाद करना चाहूँगा जिन्होंने बहुत मेहनत करके आज की मीटिंग की तैयारियाँ की, यह पूरा एजेंडा आज लगभग 9 घंटे मीटिंग चली है उसमें यह डिस्कस हुआ है| और बड़े विस्तार से सभी वित्त मंत्री, सभी अधिकारियों ने अपनी-अपनी बात रखते हुए एक अच्छा माहौल जिसमें देशहित और जनहित को सर्वप्रिय रखते हुए कई बार राज्य के भी विषय को एक बार थोड़ा सा कम सोचकर देश के हित में क्या है, कैसे छोटे उद्योग, छोटे व्यापारी को सहूलियत मिल सके, कैसे उपभोक्ता की चिंता करें – इन सबको सामने रखते हुए कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय आज किये जिसकी जानकारी मैं आपके समक्ष रखना चाहूँगा|

क्योंकि मीडिया के मित्रों को और शायद उपभोक्ताओं को रुची रहती है कि रेट्स के बारे में क्या हुआ, कई महत्वपूर्ण निर्णय आज रेट्स के संबंध में हुए| मोटा-मोटा कुछ विषयों की जानकारी आपसे शेयर करना चाहूँगा| सबसे पहले तो मैं समझता हूँ मेरी सभी बहनें-माताओं को ख़ुशी होगी जानकर कि सेनेटरी पैड्स के ऊपर 100% एक्सेम्प्शन करते हुए शून्य रेट पर सेनेटरी पैड्स को लाया गया है और अब सेनेटरी पैड्स के ऊपर कोई भी प्रकार का जीएसटी नहीं लगेगा|

इसी के साथ-साथ कई ऐसी आइटम्स थी जो छोटे शिल्पकार, हेंडीक्राफ्ट, छोटे उद्योग के साथ जुडी हुई थी जिसमें किधर 18% था, किधर 12% था, अलग-अलग रेट थे उन सबको भी शून्य कर दिया गया है जिसमें स्टोन, मार्बल या वूड से बनी मूर्तियाँ, deities made of stone, marble or woods, राखी – अभी-अभी आने वाला बहनों का त्यौहार है जिसमें सोना या चांदी या कुछ प्रेशियस स्टोंस न हो वैसी राखी| मैंने सेनेटरी नैपकिन्स का ज़िक्र किया, coir pith compost, saal leaves and their products and sabai rope, फूल भरी झाड़ू, जो झाड़ू इस्तेमाल होती है घरों में, उसका जो रॉ मटेरियल है, खाली दोना, जो दोने होते हैं और circulation and commemorative coins जो बनते हैं सरकार द्वारा, इन सबको शून्य किया गया है|

साथ ही साथ कुछ विषय 12% पर थे उनको 5% पर लाया गया है, जैसे कि chenille fabrics and other fabrics under heading 5801, handloom की जो बनी हुई दरी होती है, phosphoric acid, fertilizer grade का phosphoric acid| और एक टोपी के बारे में कई प्रकार की अलग-अलग रेट्स की क्लासिफिकेशन की चिंता थी, खासतौर पर knitted टोपी के बारे में उस सबको जो 1000 रुपये से कम है उसको 5% पर लाया गया है whether knitted or otherwise.

कुछ आइटम 18% से 12% पर लाये गए जिसमें बाम्बू की फ्लोरिंग क्योंकि सभी सरकारें चाहती हैं कि बाम्बू को प्रोत्साहन दिया जाये, brass kerosene का pressure stove, hand operated rubber roller, खासतौर पर केरल में इसका काफी इस्तेमाल होता है, zip and slide fasteners जो मांग विशेष रूप से उत्तर प्रदेश वगैरा लगभग कई राज्यों ने रखी|

इसी प्रकार से कुछ वस्तुओं में 18% से 5% किया गया, 18 से 5, और उसमें विशेषकर इथेनॉल जो पेट्रोल में डीजल में ब्लेंडिंग में यूज़ होता है, ऑइल मार्केटिंग कम्पनीज को जो बेचा जाता है इथेनॉल जिससे शुगर इंडस्ट्री, और शुगर इंडस्ट्री का राहत मिलने से गन्ना किसान को बहुत लाभ पहुंचेगा, उसको 5% किया गया, और सॉलिड बायो-फ्यूल के पेल्लेट्स|

इसी के साथ-साथ जो फुटवियर आइटम्स हैं जिसमें पहले 5% लगता था 500 रुपये के जूते-चप्पल पर वह बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है| तो जो पहले 18% होता था 1000 रुपये तक, 500 और 1000 के बीच उसको भी 5% में लाया गया है|

इसके अलावा मध्यम वर्गीय परिवार और वास्तव में आजके दिन तो हम गावों में भी बहुत देखते हैं refrigerator, छोटे television  25 inch  तक, जो special purpose vehicles  है, firefighting, crane lories, concrete mixer lorries, spraying lorries, works trucks जो किसानों के लिए भी इस्तेमाल होते हैं और एयरपोर्ट वगैरा में, docks में, shipping companies में इस्तेमाल होते हैं, फैक्ट्रीज में इस्तेमाल होते हैं|

Lithium ion batteries जिससे भारत में electric vehicles को भी प्रोत्साहन मिलेगा और mobile phone manufacturing को भी प्रोत्साहन मिलेगा; vacuum cleaners, domestic electrical appliances, food grinders, mixers, food vegetable juice extractor, shaver, hair clippers, storage water heaters, immersion heaters, hair dryers, hand dryers, electric smoothing irons, paints and varnishes – एक आज मध्यम वर्गीय परिवार अपने घर में रंग लगाता है, पेंट करता है, including enamel and lacquer, glazier putty, grafting putty, resin cements – मैंने refrigerators और other refrigerating equipment, water cooler, milk cooler, leather industry का refrigerating equipment, ice cream freezer, यह जो एक मध्यम वर्ग को बहुत बड़े रूप में impact करता है|

और महिलाओं के लिए articles such as scents, perfumes, toilet sprays, powder puffs and cosmetics या toilet preparations, सभी राज्यों की इच्छा थी कि इन आइटम्स के रेट कम किये जायें जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिले| तो इन सबके रेट 28% से 18% किये गए हैं|

मैं समझता हूँ यह जो आजके रेट रिडक्शन हुए हैं यह किसी न किसी तरीके से देश के 125 करोड़ जनता को छूने वाले निर्णय हैं और सभी राज्य सरकारों की इच्छा थी कि देश के हर नागरिक को, खासतौर पर गरीबों को, मध्यम वर्गीय परिवारों को लगे कि जो अच्छे रूप में जीएसटी कलेक्शन में सबकी उपभोक्ताओं की, व्यापारियों का समर्थन मिला है उसका एक प्रकार से एक GST Council recognition के रूप में हर एक वर्ग को कुछ न कुछ राहत दे|

एक ऐसा भी निर्णय हुआ कि GST Council revenue consideration से उठकर job creation, growth, इन विषयों पर भी थोड़ी बहुत चिंता करना अधिक करे, चिंता तो पहले भी करते थे लेकिन उसपर भी अधिक बल दिया जाये कि कैसे देश की अर्थव्यवस्था को और बढ़ाया जाये, कैसे नए रोज़गार और entrepreneurship, उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जाये उस दिशा में एक textile industry की पूरे वर्षभर यह मांग रही कि जो input tax credit पूरे रूप से वह इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं उसको भी refund के रूप में textile business में दिया जाये खासतौर पर जब fabric बनता है fiber से उसमें कुछ छोटी anomaly रह जाती है क्योंकि 12% रेट है fiber पर और 5% है fabric पर उसकी वजह से लगभग देश के हर राज्य की यह मांग थी कि इसका ITC refund दिया जाये उससे रोज़गार भी बढ़ेगा, textile industry को एक बूस्ट मिलेगा, neighbouring countries से competition में खड़े रह पाएंगे और साथ ही साथ compliance भी सुधरेगा|

तो ऐसा तय किया गया है कि 27 जुलाई जिस तारीख से यह सब निर्णय आजके जो लिए हैं, यह सब निर्णय 27 जुलाई से एप्लीकेबल होंगे, उस तारीख तक जो इनपुट टैक्स क्रेडिट या जो परचेस सेल हुए हैं उसका टैक्स क्रेडिट को एम्बार्गो किया जायेगा, उसको ब्लॉक कर दिया जायेगा लेकिन 27 जुलाई के आगे टेक्सटाइल इंडस्ट्री को इस चीज़ का ITC refund दिया जायेगा|

कुछ और वस्तु हैं जिसके रेट्स कम किये गए खासतौर पर हेंडीक्राफ्ट आइटम्स 18 से 12%, इसमें handbags, including pouches and purses, jewellery box, wooden frames for painting, photographs, mirrors, artwork, artware of cork, stone artware or stone inlay work, ornamental framed mirrors, glass statues other than those of crystal, glass artware उसमें vases, pots, jars; artware of iron, artware of brass, copper, copper alloys electroplated with nickel or silver, aluminum artware, handcrafted lamps, ganjifa card और कुछ worked vegetable or mineral के carving के products जिसमें wax, natural gum वगैरा सब आते हैं, इन सबको भी घटाकर 12% किया गया है|

कुछ और आइटम जिसको 12 से 5 किया गया – handmade carpets, handmade textile floor coverings, handmade lace, handwoven tapestry, handmade braid and ornamental trimming और तोरण, इस सबको 12 से 5% किया गया है|

एक टूरिज्म को बढ़ावा देने की दृष्टि से जो अभी तक 28% लगता था अगर declared tariff होटल का 7,500 रुपये से अधिक हो आप declared tariff के बदले जो actual bill है अगर उसमें room rate 7,500 से ज्यादा हो तो 28% लगेगा बाकी पर जो पहले slabs थे 18% वगैरा उसपर रहेगा|

जो urea import होती है सरकार के द्वारा उसका जो IGST है उसको अभी 5% Pool Issue Price के ऊपर लगाया जायेगा जो किसानों को लगती है assessable value के बदले, इससे किसानों को राहत मिलेगी और fertilizer sector को राहत मिलेगी|

कुछ clarifications दिए गए हैं खासतौर पर जैसे Kota stone और अलग-अलग प्रकार के stone, छत्तीसगढ़ में कुछ stone लगता है, आंध्र प्रदेश में कुछ stone लगता है, पश्चिम बंगाल में कुछ stone लगता है, इस सबको जब तक उसकी polish न हो, if it is unpolished, but cutting वगैरा करने के बावजूद उसको 5% ही टैक्स लगेगा बाकी जो polish हो जाता है और finished product बन जाता है उसपर आज का रेट है वह चालू रहेगा|

कुछ और clarifications हैं जो विभाग करेगा उसमें एक प्रमुखतः जो milk है, दूध जिसको vitamin या mineral salt से fortified milk कहते हैं वह भी exempt होगा GST से, दूध की तरह fortified milk will also be exempted from GST.

तो यह तो रही रेट्स की बात, शायद मैं कहने में भूल गया हूँ washing machine पर भी 28% से 18% कर दिया गया है|

अब एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय जिसके लिए मैं धन्यवाद दूंगा सभी राज्यों का और जिसमें लगभग सभी राज्यों में इच्छा थी कि छोटे व्यापारी, छोटे उद्योग को सहूलियत दी जाये उसके लिए जो रिटर्न्स की प्रक्रिया है उसमें बहुत बड़ा बदलाव लाने का निर्णय किया गया है| Of course, उसको implement करने के लिए कुछ समय लगेगा वह GSTN Network वाले जब उसकी पूरी study करके समय बताएँगे तो समय सूचित किया जायेगा सभी को, लेकिन निर्णय लिया गया है कि 5 करोड़ रुपये तक जिसका turnover है, up to 5 crores, उनका tax payment तो monthly होगा, लेकिन return quarterly होगा| 5 करोड़ रुपये तक turnover पर हर महीने वह अपना टैक्स जमा करेंगे उसके process को GST के अधिकारी तय कर लेंगे कि हर महीने किस हिसाब से उन्हें भरना होगा, सिर्फ एक चालान के ऊपर भरेंगे लेकिन return 3 महीने में एक बार देना पड़ेगा इससे लगभग 93% taxpayers को अब quarterly return भरने की सहूलियत मिलेगी|

मैं समझता हूँ यह बहुत बड़ा बदलाव आज GST Council के सभी प्रदेशों के वित्त मंत्रियों ने साहस करके यह निर्णय लिया है इस उम्मीद में कि इससे और लोग प्रोत्साहित होंगे GST के साथ जुड़ने में और प्रोत्साहित होंगे कि compliance की तरफ ध्यान दें| और इससे बड़ी सुविधा हो जाएगी सबको day to day operations में|

इसी के साथ-साथ जो रिटर्न्स हैं, रिटर्न्स भी दो प्रकार के बड़े simplified format में बनाये गए हैं, composite dealers के लिए अलग और बाकी जो B2C करते हैं या B2B करते हैं – Business to Consumer, Business to Business, उसके लिए दो simplified forms – सुगम और सहज, उस format पर मंज़ूरी दी गयी है GST Council द्वारा जिसकी जानकारी आप सबको प्रेस रिलीज़ द्वारा दी जाएगी|

इसके अलावा जो जीएसटी कानून में परिवर्तन करने की आवश्यकता थी विशेषकर क्योंकि  composite dealers को डेढ़ करोड़ रुपये तक का लाभ देने की इच्छा है और यह निर्णय तो पहले ही GST Council में शायद चार महीने, तीन महीने पहले ले लिया था कि अब एक के बदले डेढ़ करोड़ तक composite dealers माने जायेंगे अगर उनकी इच्छा हो तो, ऑप्शनल है| तो उसके लिए जो कानूनी बदलाव लाना है और उसके अलावा कुछ और changes जिससे और simplification और clarity आएगी GST में उन changes को भी आज मंज़ूरी मिली है, उसको अब law committee और legal department कानून में बदलाव को fine tune करके पार्लियामेंट के समक्ष जल्द ही पेश करेंगे| एक बार पार्लियामेंट उस कानून को पास कर दे फिर सभी राज्य अपनी-अपनी असेंबली में उन कानूनों को पास करके फिर हम देश भर में यह डेढ़ करोड़ की लिमिट, composite dealers का option हम शुरू कर पाएंगे|

इसी के साथ-साथ एक बड़ी मांग composite dealers की थी कि अगर composite dealer कुछ services भी दे, छोटी-मोटी कुछ service भी दे तो उसकी वजह से वह composition का फायदा नहीं ले पा रहे थे| तो अभी ऐसा तय किया है कि composite dealers जितना उनका turnover है उसके 10% तक अगर services दें या 5 लाख रुपये तक service दे – whichever is higher, 10% of their turnover or 5 lakh rupees – whichever is higher उस सीमा तक अगर services दें तो वह भी composition scheme में आने के लिए opt कर सकते हैं|

एक और महत्वपूर्ण निर्णय आज लिया गया कि reverse charge mechanism को एक वर्ष के लिए अब स्थगित रखा जाये और जो अभी 30 सितम्बर, 2018 तक RCM को स्थगित रखा है वह अब 30 सितम्बर, 2019 तक Council ने निर्णय लिया है कि RCM स्थगित रहेगा| और तब तक जो committee है RCM की वह उस सिस्टम को स्टडी करके कैसे इसका लाभ भी मिले पर किसी प्रकार की कठिनाई उद्यमी को, उद्योग को न हो उसकी चिंता करके इसको अच्छी तरीके से अधिकारी और committee इसपर आगे recommendation लाएगी|

कई राज्यों की request थी कि उनके राज्य में जो exemption limit 10 लाख रुपये रखी गयी है उसको 20 लाख कर दिया जाये तो मुझे विश्वास है हमारे सभी व्यापारी, उद्योग लोग जो असम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम और उत्तराखंड, इन 6 राज्यों में व्यापार करते हैं उन सबकी भी लिमिट अब 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख  exemption limit कर दी गयी है| और कानून में एक enabling provision ले आयेंगे जिससे अगर और कोई राज्य की लिमिट अभी 10 लाख रहती है वह जब भी चाहे उनको भी उनके रिक्वेस्ट पर काउंसिल लिमिट बढ़ाकर 20 लाख कर सकती है|

इसी के साथ-साथ अगर कोई टैक्सपेयर चाहे तो वह ऑप्शन है उसको कि वह मल्टीप्ल रजिस्ट्रेशन एक ही स्टेट के अन्दर भी ले सकता है| अभी जो है कि एक ही रजिस्ट्रेशन एक स्टेट में, कुछ उद्योग की रिक्वेस्ट थी कि ऑपरेशनल रीज़न के लिए वह एक ही स्टेट में मल्टीप्ल रजिस्ट्रेशन लेना चाहते हैं तो वह भी मल्टीप्ल रजिस्ट्रेशन ले सकेंगे अगर अलग-अलग प्लेस ऑफ़ बिज़नेस है| लेकिन उसका turnover asses होगा as one वह combine होकर turnover और बाकी सब प्रावधान उनके ऊपर लगेंगे|

इसी प्रकार से जो e-commerce operators हैं उनको भी mandatory registration लेनी पड़ेगी सिर्फ उन्ही वस्तुओं के लिए जो वस्तु पर GST लगता है| जहाँ पर, the e-commerce platforms are liable for collecting tax उन्ही को registration लेना पड़ेगा बाकी जो suppliers हैं वह tax pay करके produce लेते हैं तो उससे e-commerce को भी प्रोत्साहन मिलेगा|

और मुझे लगता है जो छोटे व्यापारी e-commerce को सामान देना चाहते हैं – सर्विसेज जो e-commerce platform से दी जाती हैं वह exempt already हैं, जो goods e-commerce platform पर बेची जाती है उसका अगर threshold के नीचे हो तो भी उनको अभी compulsory registration लेना पड़ता है उसके ऊपर काउंसिल आगे विचार करेगी कि उसमें क्या सहूलियत दी जा सकती है|

एक बड़ी प्रॉब्लम जो सब जगह से बताई गयी कि अगर कोई अपना रजिस्ट्रेशन कैंसिल करना चाहे, किसी कारण से दुकान बंद हो या बिज़नेस बंद करे तो उनको कैंसिलेशन की प्रक्रिया बड़ी कॉम्प्लिकेटिड लगती थी और रिटर्न भरते रहना पड़ता था जब तक ऑडिट होकर कैंसिलेशन पूरी तरीके से न हो| तो अब जिस दिन वह कैंसिलेशन अप्लाई करेंगे तो नंबर ससपेंड हो जायेगा और रिटर्न नहीं भरना पड़ेगा और ऑडिट करके जब विभाग सैटिस्फाई हो जाये कि पूरी टैक्स पेड है तो फिर लायबिलिटी से भी मुक्त हो जायेंगे लेकिन रिटर्न की प्रक्रिया जिस दिन कैंसिलेशन फाइल करें उस दिन से बंद हो जाएगी|

कुछ और टैक्सेशन में निर्णय लिए हैं जो एक प्रकार से टैक्स लॉज़ को चेंज करने के जिससे और ज्यादा आसन हो जायेगा लोगों को अपना टैक्स कंप्लायंस करना और विभाग को उसके ऊपर निगरानी रखना| पर हर एक चीज़ में सिम्प्लिफिकेशन को सबसे ज्यदा प्राथमिकता दी गयी है|

एक चर्चा काफी बड़े रूप में हुई ट्रांसपोर्टर्स के संबंध में और ऐसा निर्णय लिया गया कि जल्द से जल्द यह जो RFID tax, FATags होते हैं उसके साथ GSTN Network को लिंक किया जाये जिससे देशभर के सभी टोल नाका को भी हम आहिस्ते-आहिस्ते eliminate कर सकें और चेकिंग भी कि गाड़ी में क्या सामान जा रहा है तो क्या रूट ले रहा है यह सब RFID readers और RFID tax का एक जाल हर एक vehicle पर और हर एक प्रमुख रोड पर लगाया जाये जिससे लोगों को और ट्रांसपोर्टर्स को किसी प्रकार की harassment न हो और वह आसानी से अपने सामान को ट्रांसपोर्ट कर सकें| उसकी सिस्टम को जो कमिटी ने इसको स्टडी किया है और फाइन ट्यून करके GSTN Network अगले 6 महीने में इस सिस्टम को लागू करने के लिए काम शुरू करेगी| मिनिस्ट्री ऑफ़ रोड ट्रांसपोर्ट के साथ मिलकर फाइनेंस, रोड ट्रांसपोर्ट और राज्य सरकारें, सब मिलकर इस सिस्टम को तैयार करके इम्प्लीमेंट करेंगे|

ट्रांसपोर्टर्स की सहूलियत के लिए जो कुछ मेरे समक्ष भी आया कई मंत्रियों ने भी उठाया कि ईवे बिल में थोड़ी बहुत भी छोटी-मोटी गलती हो जाती है या कोई छोटा सा भी क्लेरिकल एरर हो जाता है उसपर बहुत हैवी पेनल्टी लगायी जाती है| उसके लिए एक Standard Operating Procedure (SOP) issue किया जायेगा जिससे transporters को किसी प्रकार की harassment न हो और कोई छोटी मोटी यह गलतियों के ऊपर उनको तंग न किया जाये और uniform penalty पूरे देश में सबके ऊपर लग सके इसका प्रावधान करने के लिए SOP विभाग बनाएगा और penalties भी छोटे errors के लिए एकदम मामूली हो जाये और बहुत heavy penalties न हो इसको हम सुनिश्चित करेंगे|

एक कुछ निर्णय लिए गए कि माइग्रेशन विंडो जो लोग अभी भी माइग्रेट करना चाहते हैं उनको एक फाइनल विंडो दी जाये जो 31 अगस्त तक दी जाएगी, 31 अगस्त तक जो भी अभी रह गया है या प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन है उन सबको भी इसमें लिया जायेगा और उसमें लेट फी को वेव कर दिया जायेगा|

कुछ सर्विसेज जो लोग प्रोवाइड करते हैं उसमें भी रिलीफ दी गयी है, अलग-अलग प्रकार से किसानों को, फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को, एजुकेशनल, ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट में जो सरकारी व्यवस्था के साथ जुड़े हुए तंत्र हैं उसमें पेंशन, सोशल सिक्योरिटी और ओल्ड एज से जुड़े हुए कुछ वस्तुओं में, बैंकिंग और आईटी जो देते हैं उसकी जो सर्विसेज भारत से विदेश दी जाती हैं एक प्रकार से एक्सपोर्ट होता है उसमें भी कुछ clarifications और exemption, e-books जो आज कल बहुत बड़े रूप में देश भर में हो रही है, e-books को 18% से घटाकर 5% लाया जा रहा है|

और एक प्रेस नोट द्वारा इसकी पूरी डिटेल्स आप सबको दी जाएगी, पर आप देखेंगे इस सबमें कोशिश यह की जा रही है कि सामान्य व्यक्ति, गरीब व्यक्ति, किसान, मध्यम वर्गीय, इन सबको, छोटे artisans जो handicrafts, handlooms में काम करते हैं, छोटे उद्योग चलाने वाले, लघु उद्योग चलाने वाले, इन सबको wide-ranging relief देकर आजकी GST Council में सभी राज्यों ने यह दर्शाया है कि उनकी सहानुभूति उपभोक्ता और छोटे industrial and trading units के साथ हैं|

कई और exemptions हैं, मैं सबका ज़िक्र नहीं करूँगा, एक मेरे ध्यान में आ रही है कि जो आयुष्मान भारत के तहत जो प्रीमियम दी जाएगी उसपर जीएसटी को exempt किया गया है, तो जो स्वास्थ्य की सेवाओं के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी राज्य सरकारें लेंगे उसको भी जीएसटी से exempt किया गया है|

और अंत में, और कई सारे विषय हैं, मैं सबमें नहीं जाता हूँ| यह तो आज इतने निर्णय, इतना व्यापक रूप से निर्णय लिए गए हैं वह सब अभी पेश किये जायेंगे| लेकिन जैसा मैंने पहले बताया कि आजकी मीटिंग का उद्देश्य लगभग simplification, rationalization और छोटे लोगों को relief देने का रहा, उसी कड़ी में एक और महत्वपूर्ण निर्णय, rather दो और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं जिसके लिए तिथि भी तय कर दी है, 4 अगस्त, 2018 को, आज से ठीक 14 दिन बाद हम सब फिर इकट्ठे होंगे प्रमुखतः दो विषय के ऊपर चर्चा करने के लिए| सबसे बड़ी बात तो जो छोटे उद्योग चलाते हैं, MSME sector, उसकी कई सारे और विषय आज कि मीटिंग में अलग-आलग राज्यों ने उठाये और लगभग सभी की इच्छा थी कि एक GST Council meeting सिर्फ लघु उद्योग, MSMEs, छोटे व्यापारी, इनकी चिंता करने के लिए एक special meeting of the GST Council only to deliberate, discuss and look at the way forward to promote MSMEs, to promote employment in MSMEs, to promote entrepreneurship in MSMEs, इन सब विषयों को लेकर एक special meeting GST Council की 4 अगस्त को यहीं पर दिल्ली में होगी इसमें पूरी तरीके से meeting focused रहेगी MSME sector पर और उनके जुड़े हुए विषयों के ऊपर| आज वैसे काफी उनके विषयों को address कर दिया गया है, पर इसके अलावा सभी राज्यों ने कहा है कि अगले एक हफ्ते में अपने-अपने राज्य के छोटे उद्योग के साथ बात करके अगले रविवार तक विषय फ्लैग-ऑफ करेंगे और फिर 4 तारीख को उसपर हम सुझाव के साथ, सलूशन्ज़ के साथ डेलिब्रेट करेंगे|

और दूसरा डिजिटल पेमेंट्स को प्रोत्साहन देने के लिए और गरीब लोग, मध्यम वर्गीय छोटे परिवार को कैसे encourage किया जाये Rupay Debit Card, UPI, BHIM, इन सब माध्यम से कैसे digital payment को प्रमोट किया जाये उसके लिए आज कुछ सुझाव टेबल पर आये, उसको सभी राज्य भी स्टडी करेंगे| और जो माननीय सुशील मोदी जी की कमिटी डिजिटल पेमेंट्स को देखती है, वह कमिटी इसको अच्छी तरीके से सबसे चर्चा करके 4 तारीख को एक मॉडिफाइड फॉर्म में कैसे हम Rupay Debit Card जो आज देश के हर जन धन अकाउंट होल्डर या जिसके पास किसान क्रेडिट कार्ड है उन सबको दिया गया है| तो वास्तव में जो गरीब से गरीब या जो मध्यम वर्गीय परिवार हैं उनके पास Rupay Debit Card या UPI की फैसिलिटी अधिकांश इस्तेमाल होती है उसके ऊपर 4 तारीख को हम व्यापक रूप से चर्चा करके निर्णय लेंगे|

तो बहुत-बहुत धन्यवाद|

प्रश्न-उत्तर

प्रश्न: सर जितने भी आइटम्स पर ड्यूटी घटाए गए हैं उसका राज्य राजस्व की वसूली पर कितना असर पड़ेगा, और एक छोटा सवाल, सेनेटरी नैपकिन का मुद्दा आपने उठाया, इसपर जीरो ड्यूटी कर दिया गया है लेकिन कुछ टैक्स एक्सपर्ट कह रहे हैं कि जीरो ड्यूटी होने से इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा इस वजह से कीमतें बहुत कम होंगी इसकी उम्मीद रखिए?

उत्तर: भाई यह विशेषज्ञों पर ज्यादा मत विश्वास करो, मैं समझता हूँ जब हर एक प्रदेश के मंत्री और सभी के अधिकारी मिलकर एक निर्णय लेते हैं तो पूरी सोच समझकर इसका लाभ हमारी सभी बहनों को, माताओं को पहुंचे उस हिसाब से यह निर्णय लिया गया है| और सेनेटरी पैड्स पर अभी शून्य टैक्स लगेगा यह निर्णय है फाइनल और इसका लाभ सीधा उपभोक्ताओं को मिलेगा|

रही बात रेवेन्यू इम्पैक्ट की, पहली बात तो कई ऐसे विषय हैं इसमें जो आज सरलीकरण किया है जिससे वास्तव में compliance सुधरेगा और revenue buoyancy देखते हुए इस सभी निर्णयों का जो revenue impact है वह बहुत ही marginal हैं और किसी भी प्रकार से किसी भी प्रदेश को या देश की पूरी total GST collection में बहुत ही nominal impact assess किया गया है आज, perfect assessment करना लगभग असंभव है क्योंकि कितना buoyancy से, compliance से कितना इसमें उछाल आएगा, कितना consumption में उछाल आएगा उसको आजकी आज calculate करना मुश्किल है| मैं समझता हूँ एक वर्ष के बाद जब हम इसका assessment करेंगे कि जो revenue छोड़ा foregone और उसके सामने जो व्यापार बढ़ा, जो नौकरियां बढ़ी, जो रोज़गार बढ़ा उसको assess करें तो मैं समझता हूँ सभी राज्य और केंद्र सरकार को लाभ होगा, किसी को कोई नुकसान नहीं होगा|

प्रश्न: Sir, what is the total number of items for which the rate has been cut?

उत्तर: अभी इतने सारे हैं, वह assess करके वह बाद में आपको बता देंगे| Revenue impact will be almost.. more than 50 items on which rates have been reduced. Actually, it will be much more, but we have not done a final assessment, because during the course of meeting many honorable Ministers flagged off their issues. Clarifications have been issued on many items which will give a lot of relief, handicraft, small artisans have been given a lot of relief, services lot of clarifications have been done, lot of relief has been done. So overall impact will be over 100 different items will be impacted by today’s decisions, and you can keep asking me that question, but my answer is the same – we will have to assess the revenue loss or revenue forgone coupled with revenue gain with buoyancy, with compliance.

And I have, and as have all my colleague ministers, full confidence that today’s revenue foregone is for the good of our consumers, is for the good of our small MSME sector participants and with the growing revenues and the market demand picking up, we will actually gain revenue, along with giving benefit to all the consumers of India.

Thank you.

 

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