Speeches

July 16, 2018

Speaking at Mahametro & Mahagenco Programmes, in Nagpur

इतने बड़े पद पर पहुंचकर भी सबसे पहले नागपुर की चिन्ता करते हैं, महाराष्ट्र के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मेरे छोटे भाई देवेन्द्र फडणवीस जी जिन्होंने पूरे महाराष्ट्र में विकास को एक नया रूप, एक तेज़ गति देने का काम किया| कभी-कभी हम मुंबई वाले थोड़े ईर्ष्या से देखते हैं नागपुर की तरफ कि सब कुछ नागपुर में बहुत तेज़ गति से हो रहा है| तो मुझे लगता है कि आज यह मेट्रो तो शुरू कर रहे हैं आप ब्रॉड गेज की नागपुर में, पर मुझे तो वापिस मुंबई जाना है घर रहने के लिए तो मुंबई में भी अब इसको शुरू करना पड़ेगा|

माननीय श्री चंद्रशेखर बावनकुले जी, बहुत ही तेजस्वी ऊर्जा मंत्री महाराष्ट्र के; हमारे सांसद कृपाल तुमाने जी, डॉक्टर महात्मे जी; सभी आमदार बंधु, श्री लोहानी, चेयरमैन रेलवे बोर्ड, दोनों जनरल मेनेजर आये हैं सेंट्रल रेलवे और, श्री सोयन और श्री शर्मा जी; अरविन्द सिंह, सेक्रेटरी एनर्जी महाराष्ट्र के, डब्ल्यूसीएल के श्री राजीव रंजन मिश्रा जी; सभी सन्मान्य महानुभाव मंच पर, मंच के नीचे और नागपुर के नागरिक भाईयों और बहनों|

वास्तव में नितिन जी के साथ जब भी समय बिताओ तो कुछ न कुछ नए आइडियाज ज़रूर मिलेंगे, नए आइडियाज का एक भंडार है नितिन जी के दिमाग में| और मैं समझता हूँ कि उन्ही आइडियाज को सीखते समझते हुए हमने जिस प्रकार से गत तीन-चार वर्षों में चाहे वह ऊर्जा का क्षेत्र हो, कोयले का क्षेत्र हो| जैसा उन्होंने अभी बताया परिवहन के क्षेत्र में नयी-नयी योजनायें आई हैं, इसी कड़ी में यह भी अपने आपमें एक हमारी कल्पना के बाहर था, नयी योजना थी कि आप नागपुर में ही एक्सिस्टिंग नेटवर्क को यूज़ करके इसको मेट्रो की कल्पना से जोड़कर तेज़ गति भी दे सकते हैं और कम खर्चे में जनता को अच्छी सुविधा भी दे सकते हैं|

और मैं बधाई दूंगा माननीय नितिन गडकरी जी को और देवेन्द्र फडणवीस जी को कि इतना quick turnaround – start to finish, कि यह कल्पना उनके दिमाग में आई और उसको कार्यान्वित करना इतने कम समय में और समय सीमा इन्होंने पहले ही बांध ली थी कि कार्यक्रम आज होगा| तो जो भी इसकी nitty-gritties हैं जो तय करना है उस सबकी डेडलाइन पहले तय हो जाती है नितिन जी के काम में और फिर बैकवर्ड वर्किंग करके हमको सबको उसके हिसाब से काम को ख़त्म करना पड़ता है|

यह मैं समझता हूँ महाराष्ट्र के इतिहास में या भारत के भी दृष्टिकोण से एक नया काम करने का ढंग जो शुरू हुआ है उससे विकास की भी गति बढ़ी है, हर क्षेत्र में विकास की गति बढ़ी है| और मैं धन्यवाद दूंगा नागपुर म्युनिसिपल कारपोरेशन का और महाराष्ट्र की सरकार का कि इस एमओयू को आज करके इस नयी परियोजना को बहुत जल्द ही हम जनता के समक्ष ला पाएंगे, जनता को उसका लाभ दे पाएंगे|

इसी कड़ी में गत बजट में मुंबई में भी सबअर्बन रेलवे को कैसे एक्सपैंड करना, कैसे वहां भी ब्रॉड गेज यूज़ करके तेज़ गति से मेट्रो की तरह रेलवे सर्विसेज एलिवेटेड सबअर्बन के रूप में इंट्रोड्यूस करने का कार्यक्रम भी महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार ने तय किया है| मुंबई जैसा आप जानते हैं लगभग एक-तिहाई रेलवे के जो यात्री हैं वह मुंबई सबअर्बन में सफ़र करते हैं| अब ‘सफ़र करते हैं’ का अंग्रेजी शब्द तो ‘Suffer करते हैं’, और मैंने खुद 8 वर्ष अपने कॉलेज के दिनों में सेंट्रल रेलवे, वेस्टर्न रेलवे में सफ़र किया और उसको बदलने के लिए अब केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर पहले 12,000 करोड़ और अब 54,000 करोड़, यानी कुल 66,000 करोड़ की योजनायें जिससे पूरे यह एक-तिहाई रेलवे के यात्रियों को सुविधा मिले और सुरक्षा मिले यह करने का काम भी शुरू होने जा रहा है|

और मैं समझता हूँ महाराष्ट्र में इससे बड़ी इन्वेस्टमेंट रेलवे की शायद इतिहास में कभी नहीं आई| बुलेट ट्रेन के बारे में भी आप जानते हैं लगभग 1,10,000 करोड़ रुपये खर्चकर मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन लगाई जा रही है| माननीय नितिन गडकरी जी अभी-अभी मुझे सुझाव दे रहे थे कि आप हाईवेज़ जो-जो बनते हैं, उन हाईवेज़ के साथ क्यों नहीं रेलवे की भी योजना साथ में तैयार करते हो और लाते हो|

तो अभी-अभी जब नितिन जी बात कर रहे थे, माननीय देवेन्द्र फडणवीस जी से मैंने आज अनुरोध किया है और मैं यह अनुरोध सार्वजनिक रूप से भी करना चाहूँगा कि अगर देवेन्द्र फडणवीस जी हमें अनुमति दें और आपके पास तो ज़मीन है मुंबई से नागपुर जोड़ने के लिए, आप एक सुपर-एक्सप्रेसवे बनाने जा रहे हैं तो नितिन जी की कल्पना को क्यों न आप और मैं हम दोनों उनके छोटे भाई मिलकर सबसे पहला प्रोजेक्ट मुंबई से नागपुर सुपर-एक्सप्रेसवे के साथ-साथ रेलवे को जोडें और एक हाई-स्पीड रेलवे कॉरिडोर मुंबई-नागपुर का भी तैयार करें जिसमें जो आज 16-18 घंटे का सफ़र होता है, और वह भी अंग्रेजी ‘सफ़र’ ही होता है एक प्रकार से – उसको भी कम करके शायद 4.5-5 घंटे में मुंबई-नागपुर जोडें जिसमें दिन में तो यात्री अपना कारोबार करें, यात्रा करके मुंबई और नागपुर को कम समय में जोडें और रात को फल, सब्जी, फूल, यह सब वस्तु आपके विदर्भ से बने हुए आप मुंबई और सभी शहरों को रास्ते में दें जिससे किसानों की भी आमदनी बढ़ेगी और मुंबई में भी सस्ते फल, सस्ते फूल, अलग-अलग प्रकार से वेजिटेबल्ज़, फूल, सब्जियां, मुंबई के लोगों को भी लाभ मिलेगा और यहाँ के किसानों को भी उसका सही दाम मिलेगा| तो अगर आपकी अनुमति हो तो आज यह निर्णय करें कि मुंबई-नागपुर को जोड़ा जाये|

तो सुपर-एक्सप्रेसवे के साथ-साथ हाई-स्पीड रेल यह अपने आपमें एक नयी कल्पना होगी पूरे देश में एक नए विकास को हम पेश करेंगे और इसी को फिर आगे चलकर मैं गडकरी जी के साथ बैठकर जहाँ-जहाँ नए हाइवेज बन रहे हैं उन हाइवेज के साथ रेलवे को जोड़ने का काम भी आगे लेकर जाऊंगा|

अभी-अभी माननीय नितिन जी ने जो बात कही वह वास्तव में उनकी कल्पना थी कि जो ओवरबर्डन निकलता है और आज भी लगभग 2000 क्यूबिक मीटर ओवरबर्डन वेस्टर्न कोलफील्ड की माइंस का और अलग-अलग जगह से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को हाईवे की बेस बनाने के लिए मिलता है|

मुझे अभी-अभी बताया गया कि नितिन जी ने पीछे मीटिंग ली थी और उन्होंने समझाया था हमारे अधिकारियों को कैसे इसको सैंड में कन्वर्ट किया जा सकता है टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से और मुझे आप सबको बताते हुए ख़ुशी होती है कि लगभग 300 क्यूबिक मीटर सैंड अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए, कम खर्च के जो घर बनते हैं उसके लिए डब्ल्यूसीएल 160 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर में देने का काम शुरू कर चुका है| जो सैंड आज 1500 रुपये की मार्किट प्राइस है वह 160 रुपये में 300 क्यूबिक मीटर देने का काम शुरू है अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए और लगभग हफ्ते-10 दिन में टेंडर खोलेगी डब्ल्यूसीएल जिससे कमर्शियल सैंड भी अवेलेबल होगा आप सबके लिए| एक पारदर्शी तरीके से कमर्शियल सैंड कम दाम पर डब्ल्यूसीएल उपलब्ध कराएगा नागपुर और विदर्भ के लिए|

मुझे माननीय नितिन जी ने लगभग दो वर्ष पहले यह कल्पना दी थी कि पावर प्लांट्स जो अच्छा पानी इस्तेमाल करते हैं और जिसके कारण फिर शहरों को और गावों को अच्छा पानी कम मिलता है उसके बदले जो भी गन्दा पानी शहर का होता है उसको अगर प्रोसेस करके पावर प्लांट में इस्तेमाल किया जाये तो वह अच्छा पानी शहरों के लिए और गावों के लिए उपलब्ध हो जायेगा| इसको लगभग दो वर्ष पहले हमने एक पॉलिसी के रूप में विद्युत मंत्रालय ने केंद्र ऊर्जा मंत्री के नाते हमने इस पॉलिसी को कंपल्सरी कर दिया है कि 50 किलोमीटर की रेडियस में जितने शहर पड़ेंगे, पावर प्लांट के 50 किलोमीटर के रेडियस में उस पावर प्लांट को कंपल्सरी उस पानी को इस्तेमाल करना होगा और जो शुद्ध पानी आज पावर प्लांट इस्तेमाल करते हैं वह गावों वालों को और शहर को मिले इसकी पॉलिसी ऑलरेडी घोषित कर दी गयी है और सबसे पहला लाभ उसका किसी ने लिया तो वह नागपुर ने लिया|

और नागपुर और हमारे एनटीपीसी के पावर प्लांट और नागपुर के म्युनिसिपल कारपोरेशन के बीच करार हो चुका है और मुझे लगता है उसकी जो पाइपलाइन वगैरा लगाने का काम है वह काम चल रहा है जिससे नागपुर में जो वेस्ट निकलता है वह एनटीपीसी के मोदाक पावर प्लांट में इस्तेमाल होगा और आपको वह शुद्ध पानी मिलेगा जो otherwise पावर प्लांट में इस्तेमाल होता था|

इसी प्रकार से शायद नासिक, नहीं, सोलापुर में यही कल्पना चल रही है| देवेन्द्र जी का एक दिन फ़ोन आया था कि सोलापुर में लगभग हर वर्ष पानी की समस्या रहती है तो अब वही काम सोलापुर में किया जा रहा है कि कारपोरेशन में गंदे पानी को प्रोसेस करके पावर प्लांट में इस्तेमाल किया जायेगा जिससे सोलापुर में भी पर्याप्त मात्रा में पानी शहर को मिल सके, गावों वालों को मिल सके|

एक और काम जिसमें इस सरकार ने बहुत तेज़ गति से कदम उठाएं हैं वह है रेलवे का विद्युतीकरण, पर्यावरण की समस्या से हम सब अवगत हैं| माननीय नितिन जी ने तो इसमें बहुत पहल की है कि पूरे देश में बिजली से चलने वाली गाड़ियाँ, बिजली से चलने वाली बस – 2-व्हीलर, 3-व्हीलर को प्रोत्साहन दिया जाये और देश, विश्व जिस गति से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अपना रहा है उससे भी ज्यादा तेज़ गति से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनें और भारत में इस्तेमाल हों| उसके लिए जल्द ही एक कैबिनेट नोट भी मूव होने वाला है केंद्र सरकार द्वारा जिसको ‘FAME’ जो हमारा प्रोजेक्ट है ‘Faster Adoption and Manufacture of Electric Vehicles’ का उसको और तेज़ गति देने के लिए एक केंद्र सरकार और अधिक मात्रा में धनराशि निवेश के लिए उपलब्ध करवाने वाली है|

परन्तु जो काम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का नागपुर में हुआ है वह वास्तव में पूरे देश के लिए एक example है और मुझे लगता है जिस गति से देवेन्द्र फडणवीस जी और नितिन गडकरी जी इस काम में लगे हैं कि नागपुर को प्रदूषण से मुक्त किया जाये और यहाँ पर सभी बसों को भी इलेक्ट्रिक किया जाये, गाड़ियों को भी और 2-व्हीलर, 3-व्हीलर को इलेक्ट्रिक के रूप से चलाया जाये वह शायद देश और विश्व के लिए अपने आप में एक नया उदाहरण बनेगा| और उसके लिए केंद्र सरकार से जितनी मदद चाहिए वह करने के लिए केंद्र सरकार पूर्ण रूप से तैयार है|

और जो स्मार्ट सिटी नागपुर बनने जा रही है उसका यह एक बहुत प्रमुख अंश होगा कि पर्यावरण भी साफ़ होगा और जो डीजल-पेट्रोल की वजह से प्रदूषण होता है इसको हम मुक्त करेंगे| साथ ही साथ रेलवे भी शत-प्रतिशत विद्युतीकरण की तरफ तेज़ गति से काम कर रही है|

मैं आंकड़े देख रहा था, पहले 2009 से 2014 के बीच विद्युतीकरण महाराष्ट्र में लगभग 33 किलोमीटर हर वर्ष होता था| प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार आने के बाद गत चार वर्षों में विद्युतीकरण की स्पीड 250 किलोमीटर हो गयी है – 10 गुना बढ़ गयी है| और इसी कड़ी में पूरे देश में हम कोशिश कर रहे हैं कि अगले चार-साढ़े चार वर्षों में पूरे देश में रेलवे बिजली से चले, इससे लगभग 12-15,000 करोड़ रुपये का डीजल का खर्चा रेलवे का कम हो जायेगा| और यह फॉरेन एक्सचेंज भी बचाएगा, प्रदूषण भी कम करेगा, और यह जो बार-बार मांग उठती है कि रेलवे के किराए बढ़ाओ-रेलवे के किराए बढ़ाओ, प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार की सोच यह है कि किराए नहीं बढ़ाएं जायें लेकिन एफिशिएंसी सुधारी जाये और एफिशिएंसी सुधार करके रेलवे अपना पूरा खर्चा पूरा करे, मीट करे लेकिन जो यात्री है उसके ऊपर उसका बोझ न डाला जाये|

तो अलग-अलग प्रकार से रेलवे में एफिशिएंसी कैसे सुधारें और यह तो एक 12-15,000 करोड़ इलेक्ट्रिफिकेशन की वजह से बचेगा, ऐसे ही एक नयी योजना कर रहे हैं जिसमें मुंबई, दिल्ली, दिल्ली से कोलकाता, कोलकाता से चेन्नई, चेन्नई से मुंबई, जो गोल्डन क्वाड्रीलेटरल है इस पूरे गोल्डन क्वाड्रीलेटरल में लगभग 60-65% पूरा रेल ट्रैफिक चलता है| इसकी गति कैसे बढ़ाई जाये, इसकी सिग्नलिंग सिस्टम को कैसे आधुनिकीकरण किया जाये जिससे इसकी कैपेसिटी बढ़े और वही व्यवस्था के ऊपर और अधिक रूप से रेल गाड़ियाँ चल सकें जिससे अलग-अलग वस्तु को जो हमें ट्रांसपोर्ट करना है यात्रियों को जो सुविधा देनी है यह कम खर्चे से हम सुविधा दे पाएं और वह जो आय आएगी उसमें से, जो कमाई होगी उससे रेलवे के लॉस को भरपाई करें और रेल यात्रियों के ऊपर खर्चा बढ़ाने का काम हमें करना न पड़े|

मैं आंकड़े देख रहा था अभी-अभी किताब रिलीज़ करी है कि महाराष्ट्र के साथ कैसे अन्याय होता था जब रेल की सुविधाएं या रेल के इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट की बात होती है| मैंने अभी-अभी बताया कि मुंबई अकेले में 66,000 करोड़ रुपये अगले आने वाले 5-6 सालों में हम इन्वेस्ट करने वाले हैं रेल सुविधाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए| लेकिन गत चार वर्षों का अगर देखें तो जो 2009 से 2014 के बीच सिर्फ 1171 करोड़ रुपये सालाना पूरे महाराष्ट्र, इतने बड़े प्रदेश में रेलवे निवेश करती थी कैपेक्स, कैपिटल एक्सपेंडिचर करती थी उसको बढ़ाकर पिछले 4 वर्ष और जो करंट ईयर बजट है, हमारे 5 वर्ष इस सरकार के देखें तो 1171 crores has been increased to 4345 crore rupees.

4345 करोड़ – लगभग 4 गुना निवेश सालाना रेलवे महाराष्ट्र अकेले में करने जा रही है, तो कहाँ 5 साल में 4,500 करोड़ और हमारे 5 साल में लगभग 22,000 करोड़ रुपये रेलवे निवेश करेगी महाराष्ट्र में| यह अपने आपमें दर्शाता है कि आधारभूत सुविधाएं सुधरें, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरे इसके ऊपर इस सरकार ने कितना जोर दिया, कितना बल दिया|

एक नितिन जी आप कह रहे थे कोयले की क्वालिटी, मैं ज़रूर सबको परसेप्शन क्लियर करना चाहूँगा एक ज़माना था जब कोल में बोल्डर्स आते थे, गलत क्वालिटी का कोल आता था और मोनोपॉली होने के कारण जो कोयले की बिलिंग होती थी उसको इलेक्ट्रिसिटी कंपनी के पास कोई चॉइस नहीं था उसको स्वीकार करना पड़ता था| तो 3-ग्रेड, 4-ग्रेड, कई बार 6-ग्रेड और 8-ग्रेड स्लिपेज होती थी कोयले की, मैं चाहूँगा मुख्यमंत्री जी इसको रेस्पोंड करें अपने भाषण में लेकिन मोदी जी की सरकार आने के बाद क्योंकि मोदी जी स्वयं इस समस्या के भुक्तभोगी थे| वह गुजरात के सीएम के नाते बार-बार चिल्लाते थे चीखते थे….. कोयले की क्वालिटी तो कुछ और आ रही है और दाम कुछ और लग रहा है|

लेकिन इस सरकार ने आने के बाद Third party sampling को अनिवार्य कर दिया, compulsory कर दिया जिसके कारण थोड़ा समय लगा, साल भर लगा इसको stabilize होने में, resistance बहुत आया coal companies का, अलग-अलग तरीके से push-back करते रहते थे इस व्यवस्था को| लेकिन आज मुझे बोलते हुए हर्ष होता है शत-प्रतिशत जो कोयले का ग्रेड बिल किया जाता है वह ग्रेड आज इलेक्ट्रिसिटी कंपनी को मिलता है और उसमें अगर कोई उनको दुविधा हो, satisfaction नहीं हो तो Third party sampling जो रेट, जो ग्रेड निर्धारित करती है और सरकार ने इसका पूरा प्रोसेस बिठा दिया है| CIMFR करके एक Third party है वह sample draw करती है, वह sample के हिसाब से जो third party sample की lab में जो ग्रेड आता है उसके हिसाब से ही बिल होता है बाकी credit note मिल जाता है|

और इसके कारण, इस क्वालिटी सुधार के कारण जो कोयले की खपत है हर बिजली के यूनिट में यह लगभग 8% गिरी है, 8% यानी 40-50 पैसा कोल की वजह से बिजली के दामों में कम हुआ है, खर्चा कम हुआ है| और जो – मैं इसको कई बार चीटिंग कहता हूँ पहले होती थी कि कुछ भी अनाप-शनाप ग्रेड लिख दो लेकिन अलग ग्रेड भेजो, यह पूर्ण रूप से कोयले की व्यवस्था में हमने बदला है और इसको ख़त्म किया है|

वास्तव में कहने को तो बहुत कुछ है लेकिन मुझे लगता है समय बीतता जा रहा है लेकिन यह जो आज नागपुर ने पहल की है ब्रॉड गेज मेट्रो की यह हम सबके लिए एक नयी सीख है, it’s a new learning for all of us. और मैं विश्वास दिलाता हूँ माननीय देवेन्द्र फडणवीस जी को और माननीय श्री नितिन गडकरी जी को कि इस कांसेप्ट को हम और आगे तेज़ गति से बढ़ाएंगे, अलग-अलग शहर में, महाराष्ट्र में, देश में इस कांसेप्ट के ऊपर आगे काम करेंगे| मुंबई में भी जो सबअर्बन रेलवे का विस्तार होने जा रहा है उसमें भी देखेंगे इस कांसेप्ट को कैसे इस्तेमाल करके कॉमन इंटरचेंज पॉइंट्स हों, कॉमन टिकटिंग हो जिसमें मेट्रो, रेलवे, लोकल रोडवेज सबके लिए कॉमन टिकटिंग की व्यवस्था लागू करने के लिए पहल करेंगे और नागपुर का दिखाया हुआ रास्ता|

और इसमें मैं दो या तीन तरीके से जोड़ना चाहूँगा, नागपुर दीक्षाभूमि है, पिछले वर्ष आंबेडकर जयंती के दिन माननीय प्रधानमंत्री जी आये थे, उनके साथ नितिन जी थे, देवेन्द्र जी थे मैं था, हम सब पिछले वर्ष आंबेडकर जयंती पर दीक्षाभूमि में आये थे और वास्तव में जो संविधान भारत रत्न बाबासाहेब आंबेडकर जी ने हमको दिया है उसी के तहत आज यह देश इतनी प्रगति कर रहा है, इस देश में सामाजिक समरसता है तो जो मार्ग बाबासाहेब आंबेडकर जी ने दिखाया था उस मार्ग पर चलने वाली यह सरकार और जो मार्ग मैं समझता हूँ हम तीनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के यहाँ स्वयंसेवक बैठे हैं माननीय गडकरी जी, माननीय फडणवीस जी और मैं, हम तीनों को जो एक सही दिशा, जो एक मोरल अपब्रिंगिंग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीखने को मिली, जो अन्त्योदय की कल्पना दीनदयाल उपाध्याय जी से हमको सीखने को मिली जिसमें देश की सभी रिसोर्सेज के ऊपर, देश की पूरी जो ताकत है वह लगनी चाहिए, गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में सुधार करने के लिए वह जो शिक्षा मिली इन तीनों शिक्षा के ऊपर काम करने का जो सौभाग्य हम तीनों को मिला है उसी पर भी हम आगे निरंतर महाराष्ट्र का, विदर्भ का, नागपुर का और पूरे देश का विकास करते रहेंगे यह संकल्प के साथ मैं आपसे विदा लेता हूँ|

बहुत-बहुत धन्यवाद|

 

 

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