Speeches

June 11, 2018

Speaking at workshop on WiFi Choupal in New Delhi

और वास्तव में एक ऐसे व्यक्ति जिनको मैं  आज पहली बार मिला हूँ, लेकिन उनके वाणी से, उनकी बातचीत से काफी प्रभावित हुआ| बहुत आनंद आया आपको मिलकर दिनेश जी| I truly found what you were saying very inspirational.  बहुत अच्छा लगा सुनकर जिस प्रकार से आपने इस सीएससी का गठन किया है| जिस प्रकार से सीएससी को आगे का केंद्र बिंदु बनाया है, भारत में जो बदलाव, जो क्रांति लाने का लक्ष्य माननीय प्रधानमंत्री जी ने हम सबको दिया है और मुझे याद आता है चुनाव के पहले कई बार हम चर्चा करते थे कि यह सरकार जो नई आने वाली है, वह स्पीड, सकिल और स्केल में विश्वास रखेगी|

और मैं समझता हूँ कि रविशंकर जी के नेतृत्व में जिस प्रकार से विस्तार हुआ है डिजिटलाइज़ेशन का, जिस प्रकार से कहां 350 किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर केबल लगा था 2014 के पहले,  आज शायद 2.15 लाख किलोमीटर मतलब कल्पना के बाहर| सॉरी, यही तकलीफ है रविशंकर जी के काम से वह फिगर्स आगे बढ़ते जाते हैं, हमको पता ही नहीं चलता है, 3 लाख से अधिक किलोमीटर| 358 km in 2014 is today more than 3 lakh km all over Indian optic fibre cable. ऐतिहासिक काम है, इसी प्रकार से कहां थोड़े बहुत ग्राम पंचायत कनेक्टेड थे, आज शायद एक लाख से अधिक ग्राम पंचायत कनेक्ट हो चुके हैं डिजिटल टेक्नोलॉजी से और उसी श्रेणी में आपके सीएससी आज 2,90,000 सीएससी देशभर में हैं| कल्पना के बाहर प्रगति हुई है, मैं आप सभी को बधाई देता हूँ, आप सभी को बहुत-बहुत शुभेच्छा देता हूँ|

एक क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट कहती थी कि जिस प्रकार से डिजिटल टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है देश में है, यह अपने आप में इस देश की ग्रोथ को इस देश की जीडीपी को लगभग 5% वृद्धि दे सकता है अगले 3-4 सालों में| इतनी संभावना है आप सभी की मेहनत में, आप सभी के जॉइंट ताकत जो आप सबकी है उसमें यह कल्पना से बाहर पोटेंशियल मुझे आज देखने को मिल रहा है और जैसा दिनेश जी कह रहे थे यह वास्तव में सेवा केंद्र एक पूरे अर्थव्यवस्था, गांव की अर्थव्यवस्था, गांव के सोशल फैब्रिक में बदलाव लाने का काम कर सकता है और मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी जो सीएससी के मित्र हैं, सेवक हैं, आप सभी में वह लगन बनी रहेगी जिससे आगे भी जिस प्रकार से काम बढ़ते जा रहे हैं|

अभी-अभी रविशंकर जी बता रहे थे कि LED बल्ब तक आपने बनानी शुरू कर दी है, कई केंद्रों में| इसी प्रकार से आज जो एमओयू हुआ है जिससे रेलवे की बुकिंग अब पूरे 2,90,000 सीएससीज़ में करने के लिए टेक्नोलॉजी से कनेक्ट किया जाएगा| मैं समझता हूँ 40,000 के करीब ऑलरेडी कनेक्टेड है| हम तेज गति से कैसे यह पूरे 2,91,000 को कनेक्ट कर सकें, यह स्पीड को हमें भी इनकी स्पीड पर अभी चलना पड़ेगा| तो IRCTC भी थोड़ा तेज गति लाए और कोशिश करे कि अगले 8-9 महीने में पूरे देश के हर एक सीएससी के पास यह सुविधा हो कि वह रेलवे की बुकिंग कर सके|

वैसे अभी तक के जो आंकड़े हैं उसमें रेल बुकिंग कम हो रही है, कैसे सामान्य आदमी तक यह जानकारी मिले कि उनको यह सुविधाजनक तरीके से रेल बुकिंग मिल सकती है, इसको भी अगर आप एडवर्टाइज करें अपने स्टेशनज़ पर, ट्रेनों में करें और हर स्टेशन के आस पास जितने सीएससी सेंटर हैं, उसकी जानकारी एक पैम्फलेट के रूप में हर यात्री को मिल जाए| You map out all the CSCs around each station, 8000 स्टेशन हैं लगभग, तो उसके आस पास जितने सीएससी हैं उसका पैम्फलेट हर स्टेशन पर उपलब्ध हो और हर सीएससी काउंटर पर भी उपलब्ध हो, यह हम रेलवे की तरफ से, IRCTC की तरफ से जल्द से जल्द कर सकते हैं|

वास्तव में यह जो चौपाल की भी कल्पना है यह बहुत ही एक्साइटिंग है| आपके पास, हर सीएससी के पास डिजिटल कनेक्टिविटी है और जैसा दिनेश जी कह रहे थे डीबीटी – डॉक्टर, बैंकर और टीचर – यह तीनों सेवाओं को अगर हम वर्ल्ड क्लास बना सकें आपके माध्यम से और बड़ा सरल तरीके से हो सकता है|

जहां तक डॉक्टर की बात इन्होंने की मैं समझता हूँ आयुष्मान भारत में हमारी इच्छा है कि हर एक व्यक्ति को देश में मुफ्त में इलाज मिले| लेकिन यह इलाज हर व्यक्ति तक पहुंचाने का माध्यम भी सीएससी बन सकती है क्योंकि स्वभाविक है कि हर गांव तक आप डॉक्टर या हर गांव तक आप अस्पताल तो नहीं पहुंचा पाएंगे लेकिन हमने एक कोशिश करनी चाहिए और मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस की तरफ से और मेटी, हम दोनों मिलकर इस पर थोड़ा सोचें कि अगर टेली-मेडिसिन का लाभ लिया जाए कि हर सीएससी काउंटर जहां पर सीएससी का सेंटर है, वहां पर एक सिंपल डायग्नोस्टिक्स का सेटअप लगा दिया जाए|

डायग्नोस्टिक में क्या होता है ब्लड सैंपल लेने की व्यवस्था हो जाए, तो एक पैरामेडिक हम स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री से ट्रेन करवाकर एक पैरामेडिक को वहां पर रखें| वह ब्लड का एक छोटा टीका देके सैंपल लेकर डायग्नोस्टिक सिर्फ वहां पर हो जाए और उसकी फाइंडिंगज़ आपके इंटरनेट द्वारा अस्पताल या डॉक्टर, नियरेस्ट डॉक्टर तक पहुंच जाए और लगभग आज के दिन ब्लड टेस्ट से अधिकांश चीजें सामने आ जाती हैं|

ब्लड टेस्ट का रिपोर्ट डॉक्टर तक पहुंच जाए और डॉक्टर फिर आपको गाइड कर सकता है कि अगर जेनेरिक मेडिसिन देने से काम चलता है तो एक जन औषधि स्टोर खुल जाए| हम 8000 स्टेशन पर जन औषधि स्टोर खोल सकते हैं| भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत जो माननीय प्रधानमंत्री जी ने लॉन्च की है, अगर हम 8000 स्टेशन पर एक जन औषधि स्टोर खोल लें आपके यहां पर या स्टेशन पर एक टेली मेडिसिन का सेंटर बन जाए, उस टेली मेडिसिन सेंटर पर बेसिक्स – हो सकता है छोटी डायग्नोस्टिक सिस्टम हो, हो सकता है एक छोटा एक्सरे मशीन कुछ स्थानों पर हो| ऐसे करके एक छोटा प्राइमरी सेंटर बन जाए उसकी फाइंडिंगज़ आपके सीएससी के सेवक इंटरनेट द्वारा डॉक्टर तक पहुंचा दें और फिर डॉक्टर गाइड करे कि भाई यह जेनेरिक मेडिसिन देके जो जन औषधि स्टोर से मिलती है या तो ट्रीटमेंट हो जाए और जरूरत पड़े तो वह गाइड करे कि फलाने पेशेंट को आप हमारे पास भेजिए, अस्पताल में भेजिए जिसको और ज्यादा अधिक जांच की जरूरत हो या कुछ और काम की जरूरत हो|

तो डॉक्टर का काम यह सभी 2,90,000 सीएससीज़ एक प्रकार से आधा काम कर सकते हैं और फिर उसके बाद इसी तरीके से एक आपने विषय रखा सभी सीएससीज़ को बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट बनाने का| मैं आप सबके सामने आज ऐलान करता हूँ कि 2,90,000 सभी सीएससीज़ को हम बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट बनाने के लिए तैयार हैं|

आप जब भी कुछ चीज खरीदने जाते हैं तो अनाउंसमेंट तो बड़ी होती है फिर एक एस्ट्रीक्स लगा होता है और नीचे एस्ट्रीक्स में लिखा होता है टर्म्स एंड कंडीशन अप्लाई| But I have only one term for all of you… एक ही कैविएट रविशंकर जी बड़े विख्यात वकील हैं, कानून मंत्री भी हैं| कैविएट या एक ही शर्त रखता हूँ आपके सामने – ईमानदारी की और कुछ नहीं| बैंकिंग का काम बैंकिंग की व्यवस्था बड़े रूप में ईमानदारी के साथ जुड़ी हुई है और आज भी आप देखते होंगे कि कुछ लोगों ने चंद लोगों ने कैसे बैंकिंग सिस्टम में गलत काम करकर पूरे सिस्टम को बदनामी की तरफ ले गए| आज आपके हाथ में है कि  आपको सीएससी के बारे में क्या छवि बनानी है, क्या विश्वसनीयता बनानी है और जो माननीय प्रधानमंत्री का सपना है कि पूरे विश्व में भारत की छवि एक ईमानदार देश की छवि बने, वह काम आप सब कर सकते हैं, वह नेतृत्व आप सब देख सकते हैं गांव में|

रवि शंकर जी क्यों सिर्फ बैंकिंग करेस्पांडेंट, हम आपके सभी सीएससी को मुद्रा लोन देने के माध्यम बना सकते हैं| लेकिन बड़ी जिम्मेदारी का काम है| जब आप लोन देते हैं तो एक जिम्मेदारी का पालन करते हैं, आपको एस्सेस करना पड़ेगा कि यह व्यक्ति क्या काम करने वाला है| आपको एस्सेस करना पड़ेगा कि व्यक्ति में क्षमता है कि नहीं पैसे का सदुपयोग करने के लिए, आपको नजर रखनी पड़ेगी कि पैसा कैसे इस्तेमाल हुआ| क्या सही काम पर हुआ? सिलाई की मशीन लेने वाली थी महिला, सिलाई की मशीन ली कि नहीं ली| एक दुकान लगाने वाला था हमारा छोटा भाई कोई नौजवान, तो उसने दुकान लगाई कि नहीं लगाई| उसमें सामान खरीदा कि नहीं खरीदा|

अगर किसी व्यक्ति ने गलत काम में इस्तेमाल कर दिया तो उसका भी कुछ सिस्टम बनाना पड़ेगा बैंकर के साथ कि उसके ऊपर क्या कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन हमें तत्पर रहना पड़ेगा| We’ll have to be live.. पहले मैं पावर मिनिस्टर रहा, ‘लाइव वायर’ – एकदम हमें करंट रहना पड़ेगा हमारे में चौबीसों घंटे| ध्यान रखने के लिए कि हमने दिया हुआ लोन या हमने दिया हुआ बैंकिंग करेस्पांडेंट के माध्यम से पैसा या हमारे पास जो पैसा आया, जिसको हमें देना है चेक के अगेंस्ट या बैंक अकाउंट के अगेंस्ट वह हम ईमानदारी से उसका काम करें| सदुपयोग हो हर पैसे का क्योंकि अल्टीमेटली यह पैसा आपका ही पैसा है| देश की संपत्ति यह जनता की संपत्ति है, बैंकों में क्या है – बैंकों में जो डिपाजिट है वह जनता का ही पैसा है| आप सबने डिपॉजिट रखे हुए हैं| आप सबकी तनख्वाह बैंक में जाती है, बैंक में वह पैसा लोन के माध्यम से डिस्ट्रीब्यूट होता है तो आप अपना ही पैसा संभाल रहे होंगे एक कस्टोडियन की तरह और मैं समझता हूँ हमारे सब नौजवान भाई-बहन यहां पर उनमें पूरी क्षमता है, पूरी काबिलियत है कि एक अच्छे तरीके से बैंकिंग करेस्पांडेंट और अच्छे तरीके से मुद्रा लोन देने के काबिल आप सभी हैं| इस पर मुझे कोई डाउट नहीं है|

वैसे तो जब मैंने सुना कि आपके यहां पर वाई-फाई सर्विसेज 5 रुपये में मिल जाती हैं 5 दिन के लिए, तब मुझे ध्यान आया कि एक चाय वाले में कितनी ताकत है| कभी किसी ने कल्पना की थी कि एक प्याला चाय भी जिस दाम पर नहीं मिलता हो आज देश में, उतने में हमारे गांव के भाई-बहनों को इंटरनेट मिल सकता है| और मैं माननीय रविशंकर प्रसाद जी को मुबारकबाद दूंगा जिस प्रकार से तेज गति से, जिस प्रकार से उन्होंने बहुत सूझबूझ के साथ यह पूरे सीएससी के इंफ्रास्ट्रक्चर को क्रिएट किया आप सबका हौसला बढ़ाया, आप सबका नेतृत्व किया, मैं समझता हूँ यह अपने आप में एक हम सबके लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे वरिष्ठ मंत्री इतनी ज्यादा आगे की सोचकर कि कैसे इस देश के हर गांव वाले को, हर गांव के निवासी को हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं दे सकें गांव में, जिसको एक माननीय अब्दुल कलाम जी ने पूर्व राष्ट्रपति जी ने कहा था कि गांव में वह सुविधाएं उपलब्ध हों जो शहर वासियों को मिलती हैं जिससे गांव से पलायन नहीं करना पड़े| गांव के इतने अच्छे सुंदर वातावरण में, अच्छी हवा में लोग रहकर भी विश्वस्तरीय सुविधाएं पा सकें| वास्तव में रविशंकर जी ने, आपने यह काम किया है|

एक और मेरे मन में विचार है, मेरी बड़ी तीव्र इच्छा है और मेरे अधिकारी रेलवे के अधिकारी जो हैं वह जानते हैं इसके बारे में मैंने रेलवे में भी कई बार चिंता की है, ज़िक्र किया है, बातचीत की है वह है जो आज एक बहुत प्रेसिंग प्रॉब्लम देश के समक्ष है – महिलाओं के हाइजीन और उनके मेंस्ट्रुअल पीरियड के केयर की| यह एक बहुत बड़ी ज्वलन समस्या इस देश के समक्ष है और मैं समझता हूँ सीएससी इसमें एक बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकती है और शायद कर रही है|

160 आपने सेंटर सेटअप किए हैं और मेरे मन में कल्पना किस प्रकार की है मैं थोड़ा सा आपके समक्ष रखता हूँ रविशंकर जी आप इसका नेतृत्व करें और वास्तव में एक उदाहरण भी दूंगा जिससे आपको ध्यान आएगा आपके पास कितनी बड़ी ताकत है| आपमें से किसी ने वह पैडमैन पिक्चर देखी है क्या, अक्षय कुमार की, देखी है| मैं कोई उसका वकालत करने या उसका मार्केटिंग करने नहीं बात कर रहा हूँ लेकिन अगर आप याद करें तो उसका जो हीरो है उसके मन में चाहत है कि उसकी पत्नी, उसकी बहन, उसके परिवार में लोगों को अच्छी सुविधा मिले और उससे काफी हेल्थ के ऊपर भी परिणाम पड़ता है, सर्वाइकल कैंसर डॉक्टर साहब हैं हमारे साथ तो कई प्रकार से यह एक गेम चेंजिंग हो जाएगा महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए|

और उसके मन में इच्छा है लेकिन इच्छा किन दो कारणों से अटकी है? एक तो है महंगा पैड कि महंगा पैड गरीब आदमी अफोर्ड कर पाएगा कि नहीं, दूसरी है अवेयरनेस कि महिलाएं और महिलाओं से ज्यादा आदमी गांव के इसको स्वीकार करें और मैं समझता हूँ इन दोनों चीज में आप लोगों के पास वह ताकत है कि आप अवेयरनेस भी सुधार सकते हैं, आप लोगों के बीच में अवेयरनेस ला सकते हैं कि यह इस्तेमाल करने से कितना लाभ होगा, कितना खर्चा बचेगा स्वास्थ्य सेवाओं के ऊपर जो व्यक्ति को करना पड़ता है, कितनी प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी हमारे देश की महिलाओं की जिससे वह और अधिक काम कर सकेंगी, और अधिक कमाई कर पाएंगी| कितने छोटी बच्चियों को स्कूल जाने से जो आज एक बाधा होती है वह रुक जाएगी और वह ड्राप आउट रेट महिलाओं का, बच्चियों का कम होगा जिससे हम बेटी को पढ़ा भी सकेंगे और सबसे अधिक माता-बहनों का जो सम्मान इस देश को करना चाहिए, जो उनके सम्मान की जिम्मेदारी हम सबके ऊपर है वास्तव में वह सम्मान और उनकी डिग्निटी का प्रोटेक्शन हम इस माध्यम से कर पाएंगे|

और उसमें भी फिल्म के हीरो को कहां से मालूम पड़ा कि सेनेटरी पैड कैसे बनाना और सस्ते में बनाना| जब वह एक किसी के घर में काम करता है, एक प्रोफेसर के यहां और वह छोटा सा बच्चा इंटरनेट सर्च करके सेनेटरी पैड कैसे बनाना वह टेक्नोलॉजी निकालता है, उसमें से पैदा हुआ और एक प्रकार से रियल लाइफ स्टोरी के ऊपर आधारित है यह पिक्चर मुरुगनाथम ने उसी में से, इंटरनेट सर्च करके यह टेक्नोलॉजी समझी और आज देश का नाम रोशन किया अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, सस्ते सेनेटरी पैडज़ बनाने की व्यवस्था खड़ी की और एक अवेयरनेस क्रिएट की देश में कि यह कितना जरूरी है|

हम सोच सकते हैं कि हर एक रेलवे स्टेशन को इस्तेमाल करके, रेलवे स्टेशन पर जन औषधि स्टोर इस्तेमाल करके हो सकता है कुछ इलाकों में सीएससीज़ भी हों ऊपर| हम छोटे यूनिट बनाएं जो 160 यूनिट आपने बनाया वह मैन्यूफैक्चर कर रहे हैं? वह मैन्यूफैक्चर करे सेनेटरी पैड्स को अच्छे हाइजीनिक तरीके से, मॉडर्न टेक्नोलॉजी यूज़ करके उसमें अल्ट्रावायलेट ट्रीटमेंट करके अच्छा सेनेटरी पैड बनाएं| क्या इसको इकॉनोमीज़ ऑफ़ स्केल देके हम सस्ता बना सकते हैं क्या? आपको याद होगा LED रिवोल्यूशन जो इस देश में हुआ है, कहां 500-600 रुपये का LED होता था आज मात्र 50-60 रुपये में और पूरे विशव का नेतृत्व भारत ने किया है LED में, पूरे विशव का नेतृत्व|

आज और कोई देश नहीं है विशव में जिसमें 90 करोड LED सिर्फ 3 वर्ष में बिके हों भारत में बिके हैं सस्ते में| इससे 45,000 करोड़ आप सबके इलेक्ट्रिसिटी बिल्ज़ में कमी आई है हर वर्ष, 45000 crore rupees savings per year in our consumers electricity bills. इसी प्रकार से हमने एक कल्पना करनी चाहिए कि क्या यह सेनेटरी पैड ₹1 में, ₹1.25 में उपलब्ध हो सकता है हमारे देश की महिलाओं के लिए और साल में लगभग 100 सेनेटरी नैपकिन्स यूज़ होते हैं अंदाजन| तो ₹100 के खर्चे में अगर वह जो 25 करोड़ महिलाएं वंचित है इस सेवा से, इस सुविधा से क्या हम सभी को यह सुविधा उपलब्ध करवा सकते हैं जिससे कोई भी इस देश की महिला को आगे चलकर अनहाइजीनिक तरीके से वह पीरियड ना गुज़ारना पड़े| इसपर रविशंकर जी अगर आप नेतृत्व लें, स्वास्थ्य मंत्री मेनेका जी, वूमेन एंड चाइल्ड डेवेलपमेंट मंत्री,  हम सब मिलकर कैसे कोमोनालाइज़ करें सब फैसिलिटीज को और उसमें रेलवे की तरफ से जो सुविधा जरूरत पड़े मैं देने के लिए तैयार हूँ|

मैं समझता हूँ एक दिन के लिए काफी हो गया| पर बहुत अच्छा लगा आप सबको मिलकर| हमने कोशिश करनी चाहिए कि बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट जल्द से जल्द आप सब रजिस्टर हों, ट्रेनिंग हो जिस तरीके से आप सब वह सुविधा पहुंचा सके| मुद्रा लोन में ट्रेनिंग हो इन सबकी, बैचेज़ में हो सकती है, डिस्ट्रिक्ट लेवल पर हो सकती है अधिकारी जाकर ट्रेन करें जो लीड बैंक है हर डिस्ट्रिक्ट का उनको हम वह जिम्मेदारी देंगे और मेरा तो सपना तब पूरा होगा अगर आप लोग यह चैलेंज लें कि बैंकस के साथ मिलकर क्या 2,90,000 स्थान पर हम एक एक्सटेंशन काउंटर बैंक का खोल सकते हैं और कैशियर समेत सभी सुविधाएं आपके पास इलेक्ट्रिसिटी है इन सेंटर्स पर जरूरत पड़े तो हम पावर मिनिस्ट्री से या रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्ट्री से मिलकर एक छोटा सोलर यूनिट लगा दें| मैंने वह भी स्टडी किया था जब मैं रिन्यूएबल एनर्जी| When I was doing Renewable Energy and पावर देख रहा था एक पूरी स्टडी डॉ झुनझुनवाला ने की है, you can contact him… पूरी स्टडी कर रखी है कि हर एक गांव तक, पंचायत ऑफिस तक एक सोलर पैनल लगाकर एक बैटरी लगाकर जिससे बिजली मुफ्त हो जाए, इंटरनेट कनेक्शन आप दे ही रहे| साथ में हम कोर बैंकिंग से उसको कनेक्ट कर दें और एक एक्सटेंशन काउंटर बैंक का खुल जाए तो हर गांव वाले को अपने घर के नजदीक एक बैंक मिल जाएगा|

आप रविशंकर जी स्पीड, स्किल और स्केल आपके हाथ में है| And let us all work together as a team एक टीम जो रविशंकर जी के नेतृत्व में भारत के इतिहास को बदले भारत का एक नया इतिहास रचे एक ईमानदार देश का इतिहास और एक ऐसे देश का इतिहास जिसमें कोई भी गरीब, कोई भी किसान, कोई युवा-युवती, कोई महिला, कोई दलित या कोई हमारे देश में जो वंचित या विकास से वंचित रहा हो या जिसके साथ शोषण हुआ है, ऐसा कोई व्यक्ति ना रहे जिसको हम यह सुविधाएं जो माननीय दिनेश जी ने कहा – डॉक्टर की सुविधा, बैंकर की सुविधा और एक अच्छे शिक्षक की सुविधा ना प्राप्त हो – यह तीनों सुविधाएं देने का केंद्र बिंदु सीएससी बने ऐसी मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभेच्छा, बहुत-बहुत आशीर्वाद|

धन्यवाद!

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