Speeches

June 2, 2018

Speaking at Press Conference, in Jodhpur

धन्यवाद भाई साहब, आज जोधपुर की नीली नगरी में आने का मुझे सौभाग्य मिला और वास्तव में राजस्थान तो वीरों की धरती है, बलिदान की भूमि है और हमने कई वर्षों से इस प्रदेश को तेज़ गति से प्रगति करते हुए देखा है| केंद्र सरकार और राज्य सरकार बड़े रूप में विकास की तरफ राजस्थान में दिन और रात लगे हुए है और पर्यटन के क्षेत्र में विशेषकर जोधपुर का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है|

एक प्रकार से राजस्थान का जुड़ाव भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के साथ भी रहा है| हमारे पार्टी के आइडियोलोग पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने धानक्या नाम के एक गाँव में अपना बचपन कुछ समय का बिताया| तिरंगा यात्रा के दौरान मुझे वहां भी जाने का सौभाग्य मिला| और मैं समझता हूँ कि गत चार वर्षों में, 48 महीनों में जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने अलग-अलग विषयों पर योजनाओं के द्वारा, अपने काम के द्वारा परिवर्तन गावों में गरीबों के बीच, शोषित, वंचित और पीड़ितों के बीच, किसानों के लिए, महिलाओं के लिए, युवाओं के लिए, के काम किये हैं उसका एक प्रकार से रिपोर्ट कार्ड देने के लिए मैं आज आप सबके समक्ष आया हूँ |

भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब 2014 में आई थी तब प्रधानमंत्री मोदी जी को बहुत ही कठिन आर्थिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा| बहुत तेज़ गति से महंगाई बढ़ते जा रही थी, वित्तीय घाटा भी बड़ा हाई था, ब्याज के दर बहुत ज्यादा थे उन दिनों में, करंट अकाउंट डेफिसिट यानी विदेश से जो मुद्रा आती है उसके बनिस्पत विदेश जाने वाली मुद्रा ज्यादा थी और एक प्रकार से पूरी अर्थव्यवस्था तकलीफ में हमें विरासत में मिली 2014 में |

गत 4 वर्षों में महंगाई के दर घटकर अधिकांश तो 2-3% पर आ गए थे, 2-4 महीनों में शायद 4% के आस पास रहे, ब्याज के दरों में भी काफी कमी हुई है, वित्तीय घाटा भी घटा है, कम हुआ है और आर्थिक प्रगति, जीडीपी में ग्रोथ, जो लगभग 4-4.15% 2014 में हमें मिली थी वह आपने देखा होगा हाल ही में जनवरी से मार्च क्वार्टर 2018 का 7.7% तक पहुँच गया| ऐतिहासिक बदलाव अर्थव्यवस्था में देखे गए, नोटबंदी से एक काले धन पर बड़ा प्रहार हुआ उसके अलावा कई सारे कानूनी प्रावधानों से फिर चाहे वह बेनामी एक्ट  के रूल्स नोटिफाई करना, जो एक्ट 1988 में बना लेकिन 28 वर्ष तक operationalize नहीं हुआ था उसको लागू करना | Fugitive Offenders Bill के माध्यम से जो लोग कानूनी कंजे से भाग जाते हैं उनको वापिस लाने के लिए कानून बनाया गया, महिलाओं की सुरक्षा के लिए, बालिकाओं की सुरक्षा के लिए अन्य-अन्य प्रकारों से कानून में बदलाव या नए कानून लाये गए |

आज death penalty भी प्रोवाइड की गयी है अगर कोई छोटी बालिका के साथ गलत व्यवहार होता है, minimum punishment भी double कर दिया है 10 वर्ष से 20 वर्ष, SIT जो बनी थी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी जी के शपथ लेने के बाद उसके दिखाए हुए रास्ते पर कई बदलाव किये गए काले धन के विरोध में | इसी प्रकार से विदेशी संपत्ति अगर किसी के पास है तो उसके ऊपर भी सख्त से सख्त कार्रवाई शुरू की गयी है, जो विदेशी संपत्ति को इनकम टैक्स में डिक्लेयर नहीं किया गया |

ऐसे अन्य-अन्य विषयों को जोड़ते हुए काले धन, भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए और पारदर्शी सरकार देश में चले इसके लिए बहुत सारे अहम फैसले इस सरकार ने किये | मूलभूत परिवर्तन हो देश की अर्थव्यवस्था में उसके लिए जीएसटी का कानून सर्वसम्मति से पारित किया गया जिससे आज पूरा देश एक मार्किट के रूप में काम कर रहा है | और आपने देखा होगा कल ही निकले आंकड़ों के हिसाब से अप्रैल 2018 के महीने में 94,000 करोड़ से अधिक जीएसटी का कलेक्शन मात्र अप्रैल महीने में हुआ है | अप्रैल महीना साधारणतः एक धीमा महीना होता है जीएसटी कलेक्शन के लिए और पांच वर्षों के जब आंकड़े देखें तो लगभग सालाना जो आय आती है करों की, indirect taxes की उसका मात्र 7.1% अप्रैल के महीने में कलेक्ट होता है |

उस मापदंड को अगर लेते हुए इस वर्ष का जीएसटी  कलेक्शन को देखते हैं तो जो budgeted revenue था उससे काफी ज्यादा पैसा इस वर्ष जीएसटी  में आने की संभावना है और यह उसके बाद जबकि cascading effects of taxes अलग-अलग लेवल पर टैक्स लगता था, कभी एक्साइज, वैट, एंट्री टैक्स, ओक्ट्रॉय, अलग-अलग प्रकार के टैक्स, अलग-अलग प्रकार के सेस, लगभग 40 टैक्स और सेसों को ख़त्म करके, समाप्त करके एक टैक्स लाने का जो साहसी कदम इस सरकार ने लिया उससे उपभोक्ताओं को असलियत सामने आई कि हर एक वस्तु में पूरा टैक्स कितना लगता है, पहले यह छोटे-छोटे टुकड़ों में लगता था और उपभोक्ता को पता ही नहीं था कितना टैक्स दे रहा है | Excise duty manufacture किया लग गया, Octroi लग गया जब माल शहर में आया, cess लग गया जब बिजली का उत्पादन हुआ या अलग-अलग प्रकार से cess लगते थे, इन सबको समाप्त करके एक टैक्स जो सीधा उपभोक्ता देख सकता है कि कितना टैक्स हर वस्तु पर लग रहा है यह अपने आपमें एक बड़ा … वाला फैसला था|

और शुरू में लोग कहते थे कि इससे लोगों पर बोझ बढ़ जायेगा या लोगों को सामने असलियत दिखेगी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा यह मेरे भारत के 125 करोड़ नागरिकों पर क्या टैक्स लगता है यह उनको सबको पता चलना चाहिए | और इसलिए यह एक टैक्स लाने का साहसी कदम अपने आप में एक ऐतिहासिक मोड़ ले रहा है भारत की अर्थव्यवस्था के लिए | जन धन योजना और सुरक्षा की बीमा के योजना के माध्यम से 31.5 करोड़ नए खाते गरीबों के लिए जन धन खाते जिसमें जीरो बैलेंस भी परमिटेड है, ऐसे खाते खोले गए पर उस जीरो बैलेंस परमिट होने के बावजूद 80,000 करोड़ से अधिक आज उन खातों में पैसा गरीब भाई बहनों ने रखा है और यह रखकर के दिखाया है कि उनमें कितनी समझ है कि बैंक अकाउंट में पैसा रखना घर में रखने से अच्छा है उसपर कमाई होती है, एक क्रेडिट हिस्ट्री बनती है, आगे चलकर लोन लिया जा सकता है, अपना कारोबार किया जा सकता है |

सुरक्षा बीमा योजनाओं के माध्यम से मात्र 12 रुपये प्रति वर्ष देकर लगभग 13 करोड़ लोगों ने एक्सीडेंट इंश्योरेंस लिया है और दिन के 90 पैसे देकर 5 करोड़ से अधिक परिवारों ने इंश्योरेंस लिया अगर कोई भी कारण से उनका देहांत हो जाये या उनके ऊपर कोई आफत आये या उनको कोई इंजरी में डिसेबिलिटी हो| इसी प्रकार से स्वच्छ भारत पर बल देकर एक पूरे देश में स्वच्छता का अहसास लाना और वास्तव में पर्यटन और पर्यटक के शहर जैसे जोधपुर है उसके लिए तो स्वच्छता सबसे ज्यादा अहमियत रखता है|

और मैं समझता हूँ राजस्थान सरकार ने भी बहुत ही अच्छा काम किया है स्वच्छता के क्षेत्र में और आगे चलकर मुझे पूरा विश्वास है कि यह जो मन का बदलाव पूरे देश में आया है, स्वच्छता के प्रति जो संकल्प पूरे देश के हर नागरिक ने लिया है और यह जनभागीदारी का काम है, यह अपने आपमें सरकार या नेता नहीं कर सकते हैं| जब 125 करोड़ जनता इसमें जुड़ जाती है तभी देश स्वच्छ होगा और एक स्वच्छ देश में स्वास्थ्य की भी समस्याएं कम होंगी, सोचने का ढंग बदलेगा, काम करने का ढंग बदलेगा|

हमने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर से एलपीजी सिलिंडर की सब्सिडी लगभग 20 करोड़ लाभार्थियों को सीधा बैंक में, खाते में देने का काम किया| इसके अलावा 431 योजनाओं का जो सब्सिडी या सरकारी खर्च से जो बेनिफिट लोगों को दिया जाता है, 3,65,000 करोड़ रुपये से अधिक गत 3.5 वर्षों में लोगों को सीधा उनके खातों में मिला| और मैं समझता हूँ आप सबको ध्यान होगा एक ज़माने में एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो लोगों तक पहुँचते-पहुँचते मात्र 15 पैसे रह जाता है, बाकी 85% बिचौले ले जाते हैं, दलाल ले जाते हैं, भ्रष्टाचार में निकल जाते हैं|

मैं समझता हूँ यह आधार लाने से और जन धन खाते देने से हर व्यक्ति को सीधा उनके खाते में पैसा देकर बहुत बड़ा काम लाभार्थियों के जीवन में बदलाव का केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने उपलब्धि पाई है| और मैं तो कई बार सोचता हूँ कि यही 3,65,000 करोड़ अगर पुरानी व्यवस्था जो कांग्रेस के समय चलती थी जिसमें खुदके प्रधानमंत्री कहते थे कि एक रुपया भेजो तो 15 पैसे पहुँचते हैं उसके परिप्रेक्ष्य में देखें तो 3,65,000 करोड़ जो जनता तक सीधा पहुंचे हैं वह पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार को 20 लाख करोड़ रुपये भेजने पड़ते हैं तब जाकर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये लोगों को खाते में मिलते हैं|

तो यह बड़ा बदलाव जो हुआ है इस देश की सोच में, काम करने के ढंग में इसी का परिणाम है कि आज देश भर में बिना बिचौलियों के, बिना भ्रष्टाचार के सीधा लाभ जनता तक पहुँच रहा है| पूरा विश्व आज भारत को एक अलग नज़रिए से देख रहा है, एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति और एक पूरे विश्व को नेतृत्व करने वाली भारत की छवि पूरे विश्व में छा गयी है|

जब माननीय प्रधानमंत्री जी का उत्साहजनक स्वागत होता है या जब उनको कोई विश्व का नेता उनकी तारीफ करता है तो वास्तव में प्रधानमंत्री जी तो निमित हैं 125 करोड़ जनता का गौरव है, 125 करोड़ भारत की जनता का श्रेय है जो विश्व आज पहचान कर रहा है जिसका| सर्जिकल स्ट्राइक्स के माध्यम से भारत की सीमाओं को ही सिर्फ सुरक्षित नहीं किया गया, भारत की साख पूरे विश्व ने देखी और पड़ोसी देशों में भी यह क्लियर मेसेज गया कि भारत के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी कोई ना करने का साहस करेगा|

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई, जलवायु परिवर्तन की जो लड़ाई है उसमें भारत की अग्रणी भूमिका रही, भारत के नेतृत्व को पूरे विश्व ने पहचाना और सॅटॅलाइट लॉन्च करने के माध्यम से मार्स तक पहुँचने तक जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय साइंस और विज्ञान की छवि बनी है यह भी पूरे विश्व ने इसकी सराहना की है| किसानों की आमदनी को डबल करना, दुगना करना उसके लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस डेढ़ गुना लागत का देने का फैसला बजट में अन्नौंस किया गया और उसकी प्रक्रिया अब शुरू हो गयी है|

इसी प्रकार से अलग-अलग योजनाओं द्वारा फसल बीमा योजना, सिंचाई को प्रोत्साहन, सॉइल हेल्थ कार्ड देना, शत-प्रतिशत …….. को पर्याप्त मात्रा में खाद मिले, फ़र्टिलाइज़र मिले| खाद्य सुरक्षा जो पहले मात्र 11 राज्यों में थी आज पूरे 36 के 36 राज्य और यूनियन टेरिटरीज तक हमने लागू कर दी है और किसानों को सही दाम मिले उसके लिए eNAM के द्वारा पूरे देश को एक मार्किट बनाने के लिए और बाम्बू मिशन से आल्टरनेट इनकम किसानों को मिले इन दोनों का भी महत्वपूर्ण काम हुआ है| इसके अलावा हॉर्टिकल्चर, पिसीकल्चर, फिशरीज, एनिमल हसबेंडरी, इन सबसे वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स किसानों को मिले, किसानों के उत्पादन भी बढ़े और प्रोडक्टिविटी भी बढ़े, दोनों को बल दिया गया है और मुझे पूरा विश्वास है कि इन सब योजनाओं के माध्यम से किसानों की भी आय बढ़ेगी और उत्पादन बढ़ने से उपभोक्ताओं के ऊपर भी महंगाई की चोट नहीं पहुंचेगी|

आप सभी जानते हैं एक दालों का उदाहरण ले लें कि किस प्रकार से महँगी दालें इस देश में बिकती थी, सरकार ने बफर स्टॉक भी बढ़ाया, प्रोक्योरमेंट भी बढ़ाया ………… गर्भवती महिलाओं को 26 हफ़्तों की मैटरनिटी लीव जो विश्व में शायद 3-4 देश ही देते हैं इतनी| साथ ही साथ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की योजना को बल देकर आज सेक्स रेश्यो 104 जिलों में देश में सुधरा है| प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को आज 400 सिगरेट का धुआं नहीं फूंकना पड़ता है, पर मुफ्त में एलपीजी सिलिंडर मिलने से लगभग 3,80,00,000 महिलाओं को और घरों को एलपीजी सिलिंडर मुफ्त में मिल चुका है, आगे चलकर यह बढ़कर दुगना हो जायेगा 8 करोड़ महिलाओं को देकर, इस देश में हर परिवार को एलपीजी सिलिंडर देने की योजना भारत सरकार ने बनाई है| मुद्रा योजना के तहत हमारे युवाओं को, महिलाओं को, दलितों को, आदिवासियों को लगभग 12 करोड़ लोन के माध्यम से लाखों करोड़ रुपये, और अनुमानित 6 लाख करोड़ अभी तक दिए जा चुके हैं जिसमें 70% लगभग महिलाएं हैं और अधिकांश लोन आदिवासियों को और दलितों को दिया गया है|

यह देश में उद्यमी प्रक्रियाओं को बढ़ा रहा है, लोगों को ऑन्ट्रप्रन्योरशिप, स्वावलम्बी बना रहा है और अपने रोज़गार के साधन इस देश में स्वयंरोज़गार के साधन बढ़ें इसको सुरक्षित करने का काम मुद्रा योजना से किया गया है| दिव्यांगों के लिए Rights of Persons with Disabilities Act और उसमें 7 के बदले 21 disabilities cover करना, voice disability भी cover करना, acid attack भी कवर करना, अलग-अलग प्रकार से दिव्यांगों के प्रति संवेदना इस सरकार ने दिखाई है|

पिछड़े वर्ग के लिए (Scheduled Caste/Scheduled Tribes) के लिए 95,000 करोड़ का ऐतिहासिक budget outlay 2018-19 के बजट में और SCs/STs के लिए अलग-अलग योजनाओं से,….. स्कीमों में इनक्रीस के लिए ……….. 50 करोड़ भारत के लोग लगभग 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष मुफ्त में उनके स्वास्थ्य के खर्चे के लिए पालिसी के तहत आयुष्मान भारत को जल्दी लॉन्च किया जायेगा जो सुनिश्चित करेगा कि किसी को भी स्वास्थ्य सेवा के बिना या तो हानि न पहुंचे या क़र्ज़ लेकर स्वास्थ्य की लड़ाई ना लड़नी पड़े| इसी के साथ-साथ मिशन इन्द्रधनुष के तहत 80 लाख गर्भवती महिलाओं को immunize किया गया 3 करोड़ बच्चों को, लगभग 3000 से अधिक जन औषधि स्टोर खोले गए हैं जिसमें सस्ती जेनेरिक मेडिसिन मिलती है और इसी के साथ-साथ knee implant हों या heart के stent हों…….. इंफ्रास्ट्रक्चर और तेज़ गति से …… बड़े रूप में निवेश का साधन बना है|

मैं अपने रेल मंत्रालय का ही देख रहा था, कहा पिछली कांग्रेस की सरकार ने 2009 से 2014 में अवसतम सालाना …….. रेलवे व्यवस्था में राजस्थान में लगाये, प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार आने के बाद पहले ही टर्म में यह बढ़ाकर 2,911 रुपये अवसतम कर दिए गए हैं, यानी 327% बढ़त रेल के निवेश में इतने छोटे समय में शायद ही भारत के इतिहास में राजस्थान में कभी 5 वर्षों के भीतर लगभग 3000 करोड़ रुपये सालाना निवेश हुआ होगा – यानी आप 5 साल देखो तो 15,000 करोड़ का निवेश सिर्फ रेलवे की व्यवस्थाओं में|

रोड्स की भी कहानी लगभग इसी प्रकार से तेज़ गति से नेशनल हाइवेज में इन्वेस्टमेंट किया गया है, जोधपुर अकेले में बहुत सारी एमेनिटीज और आज मैं एक नयी रेल गाड़ी का भी फ्लैगिंग ऑफ़ करूँगा जो यहाँ से बांद्रा, मेरे ही शहर जाएगी| तो मैं आपके यहाँ जोधपुर आया हूँ एक पर्यटक और सेवक के नाते और आपके लोगों को मुंबई-बांद्रा जाना और बांद्रा और मुंबई के लोगों को जोधपुर पाली इन सभी इलाकों के बहुत लोग मुंबई में रहते हैं उनको यह सुविधा देने के लिए आज मैं यहाँ पर हाज़िर हुआ हूँ आप सबके बीच|

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ घर गत 4 वर्षों में बनाये गए हैं| आप सब जानते हैं छोटे घरों के लिए 6.5% ब्याज में छूट 6 लाख रुपये तक के लोन, अपने आपमें ऐतिहासिक है| लगभग मुफ्त में लोन मिलने लग गया है, 2%-1.30-2%, 2.15% पर आज छोटे व्यक्ति को अपने घर का मालिक बनने की सुविधा इस सरकार ने दी है| जो मध्यम वर्गीय 9 और 12 लाख तक लोन लेना चाहें उनको भी 4% और 3% रेस्पेक्टिवली ब्याज में छूट|

100 सेक्टर्स को स्मार्ट सिटी के रूप में 2 लाख करोड़ से अधिक स्मार्ट सिटीज में निवेश किया जायेगा और उड़ान सेवाओं में तो इस सरकार ने एक नया इतिहास रचा है कि गरीब से गरीब व्यक्ति, जैसे माननीय प्रधानमंत्री कहते हैं कि हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी आज हवाई सफ़र कर सकता है| 25 नए एयरपोर्ट गत दो वर्ष में शुरू किये गए हैं उड़ान स्कीम में, 25 और एयरपोर्ट अगले एक वर्ष में शुरू हो जायेंगे, आगे चलकर यह संख्या और तेज़ गति से बढ़ाई जाएगी| कोशिश है कि देश भर में एक ऐसे एयरपोर्ट्स का जाल बिछ जाये कि सुविधा तो मिलेगी ही नागरिकों को लेकिन साथ ही साथ पर्यटन को एक बहुत बड़ी छलांग मिलेगी, बहुत बड़ी उत्साहजनक प्रगति होगी पर्यटन के क्षेत्र में|

आप सब जानते हैं कि आर्थिक व्यवस्था पूरे विश्व में थोड़ी नाज़ुक होते जा रही है, तेल की कीमतों में बहुत बढ़त हुई है पिछले एक वर्ष के अन्दर, जो तेल की कीमतें काफी कम हुई थी वह बढ़कर आज लगभग 75-80 डॉलर के बीच घूम रही हैं, हो सकता है और बढ़ सकती है| यह चिन्ता का विषय है, जनता को भी चिंता है, सरकार को भी चिंता है और केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर एक दूरदर्शी योजना, लॉन्ग-टर्म कैसे इस चीज़ को सोल्व किया जाये और उपभोक्ताओं के ऊपर चोट कम से कम हो सके उसकी चिंता सरकारें कर रही हैं और जल्द ही इसपर एक फैसला आप सबको मिलेगा| लेकिन जो पैसा कम कीमतों के समय सरकार को मिला टैक्स के माध्यम से जब अंतर्राष्ट्रीय कीमतें कम थी उस पैसे का सदुपयोग करके यह आज रेलवे, रोड्स, नेशनल हाइवेज, वाटरवेज़, इन सबमें जिस प्रकार से निवेश हुआ है उसका भी लाभ सीधा जनता को मिलता है|

आखिर आप पहले घंटों लगाकर एक शहर से दूसरे शहर जाते थे उसके बदले जब कम समय में आप सीधा पहुँचते हैं तो पेट्रोल और डीजल भी कम लगता है, खर्चा भी कम होता है और एक देश के आर्थिक विकास के लिए यह बहुत बड़ी सौगात देश में तैयार हो रही है|

एक अमेरिकन प्रेसिडेंट ने कहा था, एक विवाद खड़ा हुआ था अमेरिका में कि अमेरिका ने हाईवे बनाये या यह हाईवे जो बने उसकी वजह से आज अमेरिका इतना प्रबुद्ध और बड़ा अर्थव्यवस्था और विकसित देश बना है| वैसे ही जब देश में बड़े रूप में एयर ट्रेवल, रेल ट्रेवल, रोड ट्रेवल, वाटरवेज़, इन सबका जाल बिछेगा, इंफ्रास्ट्रक्चर अवेलेबल होगा, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनेंगे माल गाड़ी चलाने के लिए और माल ढ़ोने के लिए, तेज़ गति से लोग एक जगह से दूसरी जगह जा पाएंगे तभी इस देश का बड़े रूप में प्रगति हो पायेगी और विश्वस्तरीय हमारी अर्थव्यस्था और विश्व में एक सुपर पॉवर के रूप में देश खड़ा हो पायेगा| साथ ही साथ जनता को महंगाई का भी बोझ न पड़े इसको बैलेंस करते हुए इस सरकार ने 4 साल काम किया है और आगे भी जनता के समर्थन और आशीर्वाद से इस काम को उतना ही तेज़ गति से अर्थव्यवस्था भी सुधारना और देश की जनता तक इस विकास को पहुंचाना, गरीब से गरीब जनता तक विकास पहुंचाने का काम यह सरकार लगातार करती रही है और आगे करती रहेगी|

मैं समझता हूँ जिस स्पीड और स्केल से इस सरकार ने गत 4 वर्षों में काम किया है यह दर्शाती है कि जब साफ़ नियत से सही दिशा में काम होगा तभी जाकर सही विकास हो सकता है| और यह बदलाव जो इस देश में 4 वर्षों में आया है, यह जो तेज़ गति से विकास का जो सिलसिला इस देश में शुरू हुआ है यह एक मूलभूत सिद्धांतों के बल पर यह विकास हुआ है| पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने जो अन्त्योदय का सपना रखा था कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार देश के गरीब का होगा, उस व्यक्ति का होगा जो सबसे अंतिम छोर पर खड़ा है, उस सपने को साकार करने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी, भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार ने किया है और हमें पूरा विश्वास है कि इस काम का सीधा फल इस देश के गरीब, किसान, गावों में बसने वाले लोग, दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा तक पहुंचा है और आगे और पहुंचेगा|

हमारा जो सपना है कि 2022 तक भारत एक विकसित देश के रूप में उभरे, भारत के हर नागरिक के सर पर छत हो, अपना घर हो, चौबीस घंटे बिजली हो, शौचालय हो घर में, 7,25,00,000 शौचालय मात्र 4 वर्षों में बने, इससे पहले 65 वर्षों में 6 करोड़ शौचालय बने थे, हमने 4 वर्षों में 7 करोड़ से अधिक शौचालय बनाये हैं| महिलाओं के सम्मान का सवाल आता है तब यह सरकार कोई कटौती नहीं करती पूरी तरीके से उसको तेज़ गति देती है|

ऐसे हर घर में बिजली हो, पानी हो, शौचालय हो, अच्छी स्वास्थ्य सेवा हो, शिक्षा मिले नज़दीक, रोड हो गाँव तक, ऐसा एक विकसित भारत बनाने का जो सपना भारत के 75 वर्ष आज़ादी के 2022 में जब पूरे होते हैं इस सपने को पूरा करने का जो बीड़ा सरकार ने उठाया है उस लक्ष्य को पाने के तेज़ कदम से यह सरकार चल रही है|

बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

प्रश्न-उत्तर

प्रश्न: सर मैं दैनिक भास्कर से हूँ, सर आप 48 माह का इंदौर में भी बात कर चुके हैं और आज भी आपने यही बात की, इन 48 महीनों में मोदी जी जितने देशों की यात्रा कर चुके हैं 48 सालों में कोई प्रधानमंत्री नहीं गया होगा, तो आप यह बता सकेंगे कि इन 48 महीनों में कितना विदेशी निवेश आया जो 48 सालों में नहीं आया?

उत्तर: स्वाभाविक है कि भारत की जैसे-जैसे साख बढ़ी है विश्व में और जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था सुधरी है तो निवेश तो बढ़ा है| और आपकी जानकारी के लिए 2013-14 के निस्बत जो FDI (Foreign Direct Investment) पिछले वर्ष 2017-18 में आया वह लगभग दुगना था|

प्रश्न: सर मेरा नाम करण पुरी है, मैं एबीपी न्यूज़ से हूँ, मैं यह जानना चाह रहा हूँ कि आप जो रेल मंत्री हैं, रेल में जो खाना मिलता है उसकी मान्यता और उसकी … को देखकर काफी सारी शिकायतें आ रही हैं उसको लेकर आप क्या कहेंगे?

उत्तर: एकदम सही बात है और मैंने इसके लिए कई बार दिल्ली में भी और एबीपी के भी कॉरेस्पोंडेंट को रिक्वेस्ट की है कि मैं बार-बार सभी को समझाता हूँ कि यह केटरिंग कॉन्ट्रैक्ट्स के माध्यम से लोगों को दी गयी थी, अब इन कॉन्ट्रैक्ट्स पर हमें अगर कार्रवाई करनी है तो हमें आपकी सूचना आपका फीडबैक अनिवार्य है| जैसे-जैसे आपका फीडबैक मिलता है उसके बेसिस पर इन्वेस्टीगेट करके मैं स्ट्रिक्ट एक्शन ले सकता हूँ और टर्मिनेट भी कर सकता हूँ| अपने आपमें एक जनरल कहना कि खाने की क्वालिटी अच्छी नहीं है उसपर मैं एक्शन ले नहीं पाता हूँ, एक्शन लूँगा तो कोर्ट से स्टे हो जायेगा, कोई अधिकारी पर एक्शन लूँगा तो सीएटी से स्टे हो जायेगा| तो एक्शन लेने के लिए हमें कॉज़ ऑफ़ एक्शन चाहिए|

तो मैं आप सभी मेरे मित्र पत्रकार बंधुओं से रिक्वेस्ट करूँगा कि आपको जब भी ऐसी कुछ सूचना मिले और आपने देखा होगा कई चैनल्स पर भी कभी-कभी आती है तो मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं की है, मैंने स्वागत किया है| और हर बार जब मुझे कोई पत्र मिलता है, हर बार जब कोई कंप्लेंट करता है हमारे कंप्लेंट नंबर पर तो स्ट्रिक्ट से स्ट्रिक्ट एक्शन होता है| आपकी जानकारी के लिए क्योंकि आपने केटरिंग की बात की जब पार्लियामेंट सेशन चल नहीं पाया था तो हमारी पार्टी ने हम सब सांसद, मंत्री, अलग-अलग स्थान पर हम अनशन पर बैठे थे एक दिन| बय चान्स उस दिन मैंने सब देश के बड़े-बड़े केटरिंग कॉन्ट्रैक्टर्स की मीटिंग बुला रखी थी दिल्ली में, लेकिन मेरी ड्यूटी लगी ठाणे मुंबई के पास अनशन पर जाने की|

तो अनशन करते हुए मैंने स्टेज के बाजू में नीचे उतरके उस केटरिंग के कॉन्ट्रैक्टर्स का वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा मीटिंग ली और उनको बताया कि मैं आज भूका हूँ अलग कारणों से क्योंकि विपक्ष ने पार्लियामेंट नहीं चलने दी लेकिन आप अपनी केटरिंग सुधारिए जिससे मेरे देश के रेल यात्रियों को अच्छा खाना-पीना मिले| तो हम उसपर एकदम बहुत सीरियस उसपर कार्रवाई करेंगे जो भी हमें इन्सटेंस ऐसे मिले| मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि इसपर हमारी पूरी निगरानी है, समस्या कुछ आती है जैसे कि हम दाम नहीं बढ़ा सकते हैं, दाम बढ़ाते हैं तो उसकी प्रतिक्रिया ज्यादा आती है| तो उस सबको मद्देनज़र रखते हुए कैसे इसको सुधारना, उसी दाम में कैसे अच्छा स्वादिष्ट भोजन देना और जहाँ ज़रूरत पड़े तो क्रॉस-सब्सिड़ाइज़ के माध्यम से, कुछ और चीज़ों भी वह बेचकर वह क्रॉस-सब्सिड़ाइज़ कर सके अपना काम|

और lastly, हमने e-activity start की है, तो आप मोबाइल फ़ोन से आर्डर कर सकते हैं कि आपके आगे जाने वाले कोई स्टेशन पर अगर आपको कोई और खाना चाहिए तो वह भी ला सकते हैं, और मैं consider कर रहा हूँ कि अगर optional हो सकता है मील, जितनी ज्यादा गाड़ियों पर optional हो तो व्यक्ति अगर घर से लाना चाहे तो उसको सस्ती टिकेट मिल जाएगी, खाने का खर्चा उनपर नहीं है|

प्रश्न: इंडिया न्यूज़ से ललित प्रयाग हूँ, बुधवार को जो आपने सेमिनार किया था उसमें आपने 65% से 90% रेलवे की punctuality के लिए आपने आर्डर दिया था, कहा था कि 6 महीने में यह हो जाना चाहिए और तब तक कोई ट्रेन नहीं चलेगी?

उत्तर: ऐसा है कुछ ट्रेनें तो पहले से निर्धारित हैं जिनका टाइम टेबल में अन्नौंस हो चुका है तो स्वाभाविक है वह तो हमको शुरू करनी ही पड़ेगी| जहाँ तक बात रही punctuality की, अलग-अलग ज़ोन में अलग-अलग punctuality के नंबर्स हैं लेकिन आपको बताना चाहूँगा कि कुछ महीने पहले जब मैं उसका रिव्यू कर रहा था तो ध्यान में आया कि काफी punctuality के figures manually feed होते थे, अब हमने उस सब figures को automated feeding करना शुरू किया है जिससे सही पिक्चर और सही दृश्य देश और दुनिया के सामने आये| लगभग 90% से अधिक आजके दिन auto feed कर दिया गया है जिससे figures में कोई गलत reporting नहीं हो सके, थोड़ा बहुत तो उससे figures बदले हैं, साथ ही साथ यह कोई overnight change होने वाली स्थिति नहीं है|

जैसा मैंने बताया सालों साल निवेश ना होने के कारण कई लाइनों पर 150%-125%, कुछ जगहों पर 175% लाइन कैपेसिटी इस्तेमाल हो रही है| उसी बीच हमको रिपेयर, मेंटेनेंस, डेवलपमेंट ऑफ़ न्यू लाइन्स, यह सब काम के लिए गाड़ियाँ रोकनी पड़ती हैं, जिसको कहते हैं ट्रैफिक ब्लॉक| तो यह सबको मद्देनज़र रखकर कई ट्रेनें डिले हो जाती हैं, अगर कोई सेफ्टी रिलेटेड रिपेयर करना है, कोई ट्रैक चेंज करना है, कोई नयी लाइन बिछानी है, और वैसे भी ओवरलोडेड, ओवर-कैपेसिटी पर चलने के कारण|

तो हमने निवेश बढ़ाकर कैसे भारतीय रेल की कैपेसिटी और बढ़े और कैसे यह punctuality सुधरे, 90% एक aspirational target है, मैं कभी भी टारगेट छोटा नहीं रखता हूँ, मेरी इच्छा होती है कि टारगेट इतना बड़ा छलांग होना चाहिए और लोग उसके प्रति इतनी मेहनत करें कि एक बदलाव लोगों को स्पष्ट रूप से दिखने को मिले|

प्रश्न: मैं सुनील चौधरी हूँ दैनिक भास्कर ऑनलाइन से, गोयल साहब मेरा सवाल यह है कि भाजपा ने पिछले चुनाव में, चुनाव प्रचार के दौरान आपने वादा किया था स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जायेगा, किसानों को लाभकारी, उनके उपज का प्रभावकारी …. दिलाया जायेगा| अभी हालात यह हैं कि देश के कई हिस्सों में किसान जगह-जगह पर आंदोलन कर रहे हैं और अभी भी किसानों का एक बड़ा आंदोलन देश के कई राज्यों में चल रहा है| तो किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है? जैसे अभी आपने कुछ पहले कहा था लेकिन वह पूरी आपकी बात स्पष्ट नहीं हुई?

उत्तर: मैं समझता हूँ मैंने काफी स्पष्टता से कही पर फिर एक बार दोहरा देता हूँ| किसानों की आमदनी दुगनी हो यह हमारा संकल्प है और 2022 तक इसको दुगनी करने का जो बीड़ा हमने उठाया है इसको हम शत-प्रतिशत पूरा करेंगे| हमने फसल बीमा योजना जो शुरू की थी बहुत सस्ते दरों पर किसानों की शत-प्रतिशत फसल को इंश्योर करने का काम पहली बार इस देश में मोदी सरकार ने किया| कभी कोई मुआवज़ा देना पड़ता है किसी का क्रॉप डैमेज हो जाये तो पहले 50% से अधिक डैमेज होता था उसको हमने घटा के 33% से अधिक डैमेज हो जाये तो मुआवज़ा देंगे यह निर्णय लिया|

डेढ़ गुना लागत का एमएसपी के रूप में रबी के अधिकांश क्रॉप्स पर आलरेडी मिल रहा है कुछ पर बाकी है, तो अगले रबी से शुरू हो जायेगा, खरीफ पर इसी साल से शुरू हो जायेगा| और जल्द ही ड्यू हो गए हैं मुझे लगता है एमएसपी प्राइसिज़ अन्नौंस होने का समय आ गया है, इसपर आपको जानकारी जल्द ही मिलनी चाहिए| दलहन जैसी चीज़ें जो इस देश में इम्पोर्ट हुआ करती थी और हजारों करोड़ रुपये देश के फॉरेन एक्सचेंज, विदेशी मुद्रा दलहन को लाने में लग जाते थे| हमने उसमें फोकस्ड मिशन मोड में काम करके उसका बफर स्टॉक बढ़ाया, उसका acreage बढ़ाया, उसमें किसानो को एमएसपी बड़े रूप में बढ़ाकर दी|

और आज यह स्थिति है कि दालों की कीमतें आधी हो गयी हैं उपभोक्ता के ऊपर और उत्पादन बहुत तेज़ गति से बढ़ा है| कुछ जगहों पर तो किसानों को शायद तकलीफ इसलिए भी आ रही है कि प्रोडक्शन और प्रोडक्टिविटी बहुत ज्यादा हुआ है कई क्रॉप्स पर उसके लिए एमएसपी पर प्रोक्योर करना और उसके लिए कुछ ऑल्टरनेट यूसेजिस क्या एक्सपोर्ट हो सकता है, क्या मालन्यूट्रीशन की लड़ाई में, कुपोषण की लड़ाई में इस्तेमाल हो सकता है, क्या फ़ूड सिक्योरिटी, खाद्य सुरक्षा में इसका इस्तेमाल हो सकता है| ऐसे अलग-अलग रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर इस प्रोक्योरमेंट का क्या करना जिससे इसका बोझा देश के नागरिकों पर भी न पहुंचे, किसानों को सही लागत मिले और फ़ूड ग्रेन, अनाज ख़राब भी ना हो| इसको हम सुनिश्चित कर रहे हैं|

हजारों सिंचाई की योजनायें देश में आधी-अधूरी पड़ी थी, हमने उसके लिए अधिकांश रूप में funds allocate किये कि सिंचाई की योजनाओं को जल्द से जल्द ख़त्म किया जाये| इसी प्रकार से micro-irrigation  को हमने बल दिया है, More Crop for Every Drop – इसको कैसे बढ़ाना, drip irrigation के माध्यम से और कैसे पानी का सदुपयोग हो| मुझे पता नहीं आपने कभी देखा हो तो महाराष्ट्र में जलयुक्त शिविर के माध्यम से लाखों किसानों को drought से, सूखे से freedom मिल गयी है, आज़ादी मिल गयी है| अब छोटे-छोटे ponds बनाकर ऐसा हो गया है कि 2-4 दिन भी बारिश आ जाये तो साल भर का पानी वहां पर स्टोर हो जाता है| Desilting का काम बहुत बड़े रूप में कई राज्यों ने किया है, micro-irrigation, जो छोटी इरीगेशन के प्रोजेक्ट्स हैं उसमें 26.87 लाख हेक्टेयर के ऊपर micro-irrigation  का लाभ हो यह काम इस सरकार ने किया है|

इसी प्रकार से नीम कोटिंग, पहले के ज़माने में पता नहीं किस कारणों से कांग्रेस की सरकार मात्र 30% को नीम कोटिंग एलोव करती थी| हमें आज तक यह नहीं समझ में आया कि नीम कोटिंग को कम क्यों किया, बढ़ाया क्यों नहीं क्योंकि आखिर उससे फ़र्टिलाइज़र की चोरी और केमिकल फैक्ट्री में जाना बंद हो गया, और वह चोरी बंद होने से आपने 4 वर्ष में किधर किसानों को फ़र्टिलाइज़र के लिए आंदोलन करते नहीं देखा होगा, सिर्फ इसलिए कि अब फ़र्टिलाइज़र किसान के पास जाता है बजाये कि बड़े कारखानों में चोरी होने के| और वैसे तो आपके प्रदेश में तो एक केस चल रहा है और बड़े नामी लोग के परिवार उसमें हैं जिसमें यह जो फ़र्टिलाइज़र, खाद, किसानों के लिए आता था फर्जी बिल बनाकर उसको दिखाया जाता था बेचा और फिर उसको एक्सपोर्ट कर दिया जाता था सस्ते में और पैकिंग बदलकर वापिस इम्पोर्ट करते थे महंगा, तो एक बहुत बड़ा स्कैम जिसके ऊपर कानूनी कार्रवाई चल रही है|

तो मैं समझता हूँ अलग-अलग प्रकार से, सॉइल हेल्थ कार्ड देने से किसान प्लान कर सकता है उत्पादन कैसे बढ़ाना और प्रोडक्टिविटी कैसे बढ़ाना अपने खेत में| कैश क्रॉप्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, बाम्बू मिशन से जो कोने होते हैं फार्म के| तो एक होलिस्टिक बहुमुखी एप्रोच से किसानों के जीवन में बदलाव, हो सकता है कुछ किसानों की अभी भी अपेक्षाएं और हों यह सरकार किसानों के साथ खड़ी है और किसानों के साथ संवेदना रखती है और जो विषय हमारे समक्ष आते हैं उसको संवेदनशील तरीके से सुलझाया जाये|

प्रश्न: सर सबसे बड़ी बात है कि ट्विटर पर आपकी सक्रियता से रेल की कुछ समस्याएं निपटने लगी हैं लेकिन कुछ सफाई की बात करें, जो एयर कंडीशनर जो ….. जनरल पार्ट्स में अभी भी बहुत अधिक गंदगी रहती है?

उत्तर: आपकी जानकारी के लिए यह विषय हमारे लिए बहुत प्राथमिकता रखता है, स्वच्छ भारत तभी हो पायेगा जब स्वच्छ रेल होगी, जब स्वच्छ देश होगा और मैं समझता हूँ कि अगर आपको कोई भी ट्रेन में ऐसी प्रॉब्लम दिखे तो आप तुरंत ……. आप उसपर कंप्लेंट कर सकते हैं एक मोबाइल ऐप है …. तो उसपर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी, या लोकल जीएम/डीएएम के ऑफिस को बताया जा सकता है| मैं समझता हूँ यह विषय जनभागीदारी का विषय है, मात्र दिल्ली में बैठे या कुछ अफसरों के बलबूते पर यह पूरी रेल में आज लगभग 14,000……. सभी ट्रेन में यात्रा करने वाले मेरे भाई बहनों को अनुरोध करूँगा किस इसपर आप भी चिंता करें, आप भी मेरा हाथ बटाएं|

प्रश्न: सर मैं प्रदीप धिंगरा दैनिक भास्कर से, आपका .. स्लोगन था ‘भ्रष्टाचार-मुक्त, पारदर्शी सरकार’, मोदी जी ने कहा ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’| आपने भी कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर 4 साल में काफी काम हो रहा है, सीबीसी की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अभी 12,000 शिकायतें आपके अधिकारियों और कर्मचारियों की रेलवे को लेकर और रेलवे सबसे टॉप है सारे डिपार्टमेंट में, इसको लेकर आप क्या कर रहे हैं?

उत्तर: स्वाभाविक है क्योंकि रेल में सालाना लगभग 864 करोड़ यात्राएं होती हैं, अब जब इतने बड़े रूप में यह सबसे बड़ी उपक्रम या सबसे बड़ा डिपार्टमेंट है तो उसकी कम्प्लेंट्स भी ज्यादा होना बड़ा स्वाभाविक है| लेकिन हर एक के ऊपर कार्रवाई होती है, उसपर काम होता है और उसमें से सुधार होता है| आप सब जानते होंगे सुरक्षा को लेकर पूरी सरकार ने कितनी प्राथमिकता रखी है जिसके कारण गत वर्ष 2017-18 में सबसे कम रेल एक्सीडेंट भारत के रेल के सफ़र में सबसे कम ट्रेन एक्सीडेंट 2017-18 में हुए और इसको कम करने के लिए तेज़ गति से और सुधार भारतीय रेल कर रही है| बहुत ज्यादा विरासत में हमें पुराने बैकलॉग जो मिला था उसको ख़त्म करने का काम कर रहे हैं, उससे सेफ्टी भी बढ़ेगी, स्पीड भी बढ़ेगी, सुरक्षा भी बढ़ेगी|

प्रश्न: मैं सुभाष सिंह चौहान न्यूज़ इंडिया से, सर मैंने आपका … ट्वीट देखा था उसमें आपने लिखा था – largest requirement 89,409 posts in railway. उसके बाद सर यह रेलवे की पोस्ट अभी तक बच्चों को कोई परीक्षाएं नहीं हुई हैं, और 31 मई को रेलवे बोर्ड ने नोटिस भी जारी कर दिया था परीक्षा अप्रैल-मई मतलब लास्ट तक होनी थी, जिसके लिए 2 करोड़ 37 लाख फॉर्म भरे गए थे, तो सर यह इन बच्चों को जो परीक्षाएं होनी हैं..?

उत्तर: आपकी जानकारी के लिए पहले भी रिक्रूटमेंट जब होता था तो वह एक-एक ज़ोन में अलग-अलग होता था, और उसके कारण से कई कमियां पाई गयी, जैसे एक ही व्यक्ति हर ज़ोन में जाकर अप्लाई कर सकता था उसमें कई लोगों को मौका नहीं मिलता था| अब समझो राजस्थान में भर्ती हो रही है और व्यक्ति बाकी पूरे देश भर से आकर राजस्थान में फॉर्म भरते हैं तो यहाँ के लोगों के चांसेस कम हो जाते थे| तो हमने पहली बार पूरे देश में एक रिक्रूटमेंट का काम शुरू किया इसलिए इतने बड़े रूप में, इतनी बड़ी मात्रा में लोगों ने अप्लाई किया लेकिन एक व्यक्ति एक ही एप्लीकेशन कर सकता है|

तो यह बड़ा बदलाव हुआ है और पहले डेढ़ साल लगता था पूरे रिक्रूटमेंट प्रोसेस को करने के लिए, यह साधारण नहीं है, करीब-करीब ढाई करोड़ लोगों का एग्जाम और कॉमन एग्जाम लेना जिसमें एक एग्जाम और दूसरे एग्जाम के बीच सिमिलरिटी हो, कोम्मोनालिटी हो क्वेश्चन्ज़ की| यह एग्जाम चलता है महीनों तक, रोज़ अलग-अलग स्थानों पर करना पड़ता है, एक साथ इतने देश में सुविधा ही नहीं है कि एक साथ ऑनलाइन एग्जाम हो सके| तो एक लम्बी प्रक्रिया है, पारदर्शी तरीके से और बहुत केयरफुली करनी पड़ती है जिसमें कोई कमियां नहीं आ जायें, फिर भी पिछले दिनों के निस्बत कम समय में इसको हम पूरा करेंगे|

प्रश्न: मैं संगीता शर्मा, डीएनए से, सर आपने जैसे 4 साल की सरकार की उपलब्धियां बताई सब काम की, मगर जिस तरह से पिछली राजस्थान से या उपचुनाओं में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको क्या लगता है कि जनता का मूड बदल रहा है?

उत्तर: मेरे ख्याल से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के काम को भी और उनकी विश्वसनीयता को और बढ़त मिल रही है| आप यह भूल रही हैं कि 14 राज्य सरकारें इसी दौरान भारतीय जनता पार्टी ने जीती हैं, हासिल की हैं| तो मैं समझता हूँ राज्य सरकार जीतना और उसके बनिस्पत उपचुनाव जो लोकल इश्यूज पर होते हैं उसमें बहुत बड़ा फर्क है|

प्रश्न: सर मैं राजेंद्र सिंह संधू न्यूज़-18 इंडिया से, मेरा सवाल यह है कि आपने अभी जो उज्ज्वला योजना का ज़िक्र किया, मैं यह पूछना चाहता हूँ कि सरकार ने इस योजना के प्रचार-प्रसार में all over media में कितना पैसा खर्चा किया?

उत्तर: वह आप आरटीआई से पूछ सकते हैं, यहाँ पर मैं उज्ज्वला के statistics लेकर तो नहीं आया हूँ|

प्रश्न: सर अगर आप इतना कर रहे हैं फिर भी किसान गाँव बंद करके सरकार के खिलाफ क्यों खड़े हैं?

उत्तर: कुछ लोगों में कुछ विषय हो सकते हैं जिसका मैंने पहले भी बताया संवेदनशील तरीके से हम उसपर विचार करेंगे|

Thank you.

 

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