Speeches

February 11, 2018

Speaking at Press Conference, in Vijayapura, Karnataka

जो अच्छा काम सदानंद गौड़ा जी और सुरेश प्रभु जी ने शुरू किया था उसको और तेज़ गति देने की जो ज़िम्मेदारी मुझे मिली है उसके तहत देश भर में और कर्नाटक में कैसे रेलवे की सुविधाएं यात्रियों के लिए और अच्छी हों, कैसे सुरक्षा, सेफ्टी, यात्रियों का सुनिश्चित हो और आगे चलकर आधुनिकीकरण करके, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन करके किस प्रकार से हम पूरे देश में, कर्नाटक में रेलवेज की सुविधाओं को अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय बना सकें यह काम में हम जुटे हुए हैं|

इसमें देश भर में कुछ प्रमुख मुद्दों पर तो काम शुरू हो रहा है जैसे कि सिग्नलिंग सिस्टम, 100 साल से भी पुराना सिग्नलिंग सिस्टम आज तक इस देश में चल रहा है| हमने निर्णय लिया है कि पूरे देश में जो लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का सिग्नलिंग सिस्टम है – ETCS2, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से देश को लाभान्वित करें, उससे लाइन कैपेसिटी भी देश भर में बढ़ेगी और सुरक्षा भी बढ़ेगी| साथ ही साथ देश में 600 स्टेशन पर एक साथ सरकार के खर्चे से काम शुरू करने का निर्णय जो माननीय वित्त मंत्री ने बताया उससे पूरे देश में जो यात्री स्टेशन का एक्सपीरियंस महसूस करते हैं, जब स्टेशन पर गाड़ी लेने आते हैं या गाड़ी से निकलते हैं वह एक्सपीरियंस कैसे और अच्छा हो और सुरक्षित हो इसपर काम तेज़ी से शुरू करने वाले हैं|

मैं कल बेलगावी में था वहां पता चला महात्मा गाँधी जी की अध्यक्षता में कांग्रेस का सम्मेलन 1924 में यहाँ हुआ था तो मैंने वहां निर्णय लिया है कि बेलगावी को हम महात्मा गाँधी जी से जोड़ते हुए उस स्टेशन को डेवेलोप करें| हो सकता है साबरमती आश्रम के डिजाईन को अगर हम कुछ स्टेशन पर ला सकें, कुछ एक्सिबिशन या प्रदर्शनी बना सकें| एक चरखा जो हमारे देश की एक प्रकार से महात्मा गाँधी जी की देन है और जिसको हमने गत तीन, साढ़े तीन वर्षों में बहुत प्रोत्साहन दिया है खादी को, सोलर चरखा भी अभी देश में इंट्रोड्यूस किये हैं| वैसे ही स्टेशन पर भी हम सोचते हैं कि एक चिन्ह के रूप में, प्रतीक के रूप में क्या एक चरखा लग सके|

तो आज मैं यहाँ आने के पहले मुझे यहाँ के भारतीय जनता पार्टी के नेता रिक्वेस्ट कर रहे थे कि विजयापुर के स्टेशन को एक विजयापुर से जोड़ते हुए कुछ न कुछ डेवलपमेंट किया जाये और उसको एक अपना स्वरूप और आइडेंटिटी मिले|

कर्नाटक में गत साढ़े तीन वर्षों में जो खर्चा होता था रेलवे का टिपिकली वह लगभग चार गुना बढ़ा है, एवरेज लें तो तीन गुना और जो 2018-19 का outlay है 3,353 करोड़. That is nearly 4 times the average expenditure जो हर वर्ष 2009 से 2014 के बीच में होता था|

और इस कड़ी में एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय जो बैंगलोर के लिए लिया गया है, 17,000 करोड़ के इन्वेस्टमेंट पर, लागत में, पूरे बेंगलुरु में एक नया सबअर्बन नेटवर्क जिसमें लगभग 68 किलोमीटर, 68 किलोमीटर तो एलिवेटेड रेलवे लाइन होगी| आप सब जानते हैं बेंगलुरु में ज़मीन मिलना बड़ा मुश्किल है, महँगी भी है, लेकिन वह एक बहाना न बनते हुए, that should not become an excuse, उसके लिए हमने एलिवेटेड ट्रैक 68 किलोमीटर में प्लान किया है| जिससे जल्द से जल्द बेंगलुरु में एक मॉडर्न रेल नेटवर्क जो वहां की ट्रैफिक की समस्याओं को हल कर सके ऐसा इस बजट में घोषणा हुई है जिसमें अभी सर्वे वगैरा तुरंत शुरू किया जायेगा|

गत वर्षों में जहाँ पर इतना इन्वेस्टमेंट हुआ है 2018-19 के बजट में, डबलिंग के भी तीन प्रोजेक्ट्स 111 किलोमीटर के सैंक्शन किये गए हैं, करीब-करीब 850 करोड़ की लागत पर| इलेक्ट्रिफिकेशन, और यह एक महत्वपूर्ण निर्णय मोदी सरकार ने लिया है कि पूरे देश में पूरी रेलवे नेटवर्क को 100% एलेक्ट्रिफ्य किया जायेगा| और आप सबको जानकर ख़ुशी होगी यह विश्व में पहला इतना बड़ा देश होगा जिसमें शत प्रतिशत – 100% electrified rail network चलेगा, that is good for the climate change also. It will reduce pollution level and it will reduce the foreign exchange which we are spending on import of diesel, and it will save 10,500 crores every year of railway expenditure.

तो यह कई बार चर्चा होती है कि किराए बढ़ाये जायें और सबअर्बन में बहुत नुकसान होता है, मेरा मानना है कि बिना किराए बढ़ाये हम एफिशिएंसी इम्प्रूव करके, खर्चे कम करके और सुविधाओं को और अच्छा बनाकर भी हम वही काम कर सकते हैं, पैसेंजर सर्विस भी सुधरेगी और बिना कोई बोझा डाले पैसेंजर्स को और अधिक रूप में रेलवे सर्विस दे सकेगी|

तो मैं समझता हूँ इनएफिशिएंसी को एफिशिएंसी में कन्वर्ट करने से जो बचत होगी उससे रेलवे अच्छी तरीके से सुधर सकती है, पहले की तरह हम कोई किराया बढ़ाने में नहीं विश्वास रखते हैं, सर्विस बढ़ाने में हम विश्वास रखते हैं|

इसी के साथ-साथ कई सारे रोड अंडर-ब्रिजिस, रोड ओवर-ब्रिजिस लगभग 100 करोड़ की लागत में सैंक्शन हुए हैं कर्नाटक में| फुट ओवर-ब्रिजिस, एस्केलेटर्स, इन सबसे भी पूरे प्रदेश में कैसे जनता को सुरक्षित स्टेशन का एक्सपीरियंस मिले और नगरहल्ली में एक नया कोचिंग टर्मिनल करीब-करीब 800 करोड़ की लागत से साथ-साथ में अलग-आलग एडिशनल लूप लाइन्स, बेलागुला में मैसूर के पास, ओसुर में थोरनागुलू में, बेंगलुरु के यार्ड मॉडलिंग करने का काम, आटोमेटिक सिग्नलिंग वाइटफील्ड से भंगार पेट करने का, कई सारे विषयों में हमने कर्नाटक में इस वर्ष सैंक्शन किया है|

मुझे आप सबको बताते हुए ख़ुशी होती है कि गडक और होडगी की जो डबलिंग करनी थी वह काम भी तेज़ गति से प्रगति कर रहा है और उसमें करीब-करीब 1400 किलोमीटर.. इसमें लगभग 284 किलोमीटर का डबलिंग का काम तेज़ गति से चल रहा है, साथ-साथ में उसमें 4 स्टेशन भी कमीशन होंगे, इस साल में, करंट इयर में| टोटल 42 किलोमीटर के अन्दर 4 स्टेशन कमीशन करने का काम इसी साल में पूरा हो जायेगा| एक 140 किलोमीटर की नयी लाइन बागलकोट से कुडची का काम भी चल रहा है जिसमें से 31 किलोमीटर कमीशनिंग के लिए आलरेडी रेडी हो चुकी है|

मैंने कल बताया कि एक बहुत ही अच्छी ट्रेन कर्नाटक से शुरू होने जा रही है 19 फरवरी को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों से, मैसूर से शुरू होते हुए बैंगलोर जाएगी, बैंगलोर से बेलगाम होते हुए आगे महाराष्ट्र में पुणे, कल्याण जो मुंबई से लगा हुआ है, होते हुए गुजरात में सूरत, और वहां से आगे रतलाम, रतलाम से उदयपुर तक जाने वाली एक हमसफ़र एक्सप्रेस शुरू होने जा रही है 19 तारीख को और वह आगे उदयपुर से दिल्ली तक जाएगी| तो एक प्रकार से मैसूर बैंगलोर को दिल्ली तक कनेक्ट करने वाली यह गाड़ी माननीय प्रधानमंत्री जी उसको हरी झंडी दिखाएंगे, फ्लैग-ऑफ करेंगे 19 तारीख को| और इसकी विशेषता यह है कि पूरे पश्चिम भारत को यह जोड़ता है, उसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान जिसमें आप सब जानते हैं कि 4 राज्य अपना निर्णय दे चुके हैं वह किसके साथ हैं| अब पांचवें राज्य कर्नाटक को इन चार राज्यों से जोड़ते हुए पूरे पश्चिम भारत में मुझे लगता है विकास की कड़ी तेज़ गति से हो, इसका काम इसकी ज़िम्मेदारी हम सबने उठाई है|

कई छोटे-छोटे काम विजयापुरा में किये गए हैं जिसकी जानकारी आपको बाद में दे देंगे लेकिन आज विजयापुरा के स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद इसको भी एक आधुनिक स्टेशन, मॉडर्न स्टेशन के रूप में डेवेलोप करने का काम हम जल्द से जल्द शुरू करेंगे यह मैं आप सबके माध्यम से विजयापुरा के सभी मेरे नागरिक भाईयों बहनों को बताना चाहूँगा| जीजानगी जी बहुत मेरे पीछे पड़े हुए हैं, बहुत टाइम से, मुझे लगता है 4-5 बार आप आ चुके होंगे कि इस एरिया में डेवलपमेंट का, प्रोग्रेस की गति को और तेज़ बनाई जाये उस काम को हम पूरी तरीके से यहाँ पर लागू करने के लिए वचनबद्ध हैं|

बाकी कर्नाटक में कल भी कई जगह मुझे चिकोडी में, बेलगावी में अपने कार्यकर्ताओं को मिलने का मौका मिला, थोड़ा रिव्यू करने का मौका मिला क्या चल रहा है कर्नाटक में| और मुझे ख़ुशी होती है आप सबसे शेयर करते हुए कि दिखता है कि कर्नाटक की जनता ने अपना मन बना लिया है कि यहाँ पर परिवर्तन होना चाहिए, एक अच्छी सरकार, विकास से प्रेरित सरकार, कन्नड़ इंटरेस्टस को प्राथमिक देने वाली भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार और केंद्र सरकार की अलग-अलग योजनाओं को यहाँ पर अच्छी तरीके से लागू करने वाली सरकार कर्नाटक में स्थापित की जाये यह निर्णय कर्नाटक की जनता ने बना लिया ऐसा मुझे अपने अभी तक के प्रवास में दिख रहा है|

मुझे लगता है कि religious tourism, मंदिर मठों में चुनाव के पहले आने से जनता विचलित नहीं होती है, जनता बहकावे में नहीं आती है| You cannot fool the people by just going to a temple or a mutt very near the election, the people are bound to ask you whether you visited any temple or mutt after the Gujarat election and before the Karnataka election.

So, I think it is the people trust leadership which is consistent, which is honest, which believes in सबका साथ, सबका विकास. They trust Prime Minister Modi for the progress and development that this country has seen in the last three-three and a half years, for the massive transformation of the economy, of the lives of the people of India. And they would like Karnataka also, like a double engine, to have a government which is aligned, which works in cooperation and with high level of integrity, just like the central government. And when both the central government and state government work like a double engine, then the journey, the train of progress will have double speed and will reach good governance to the people of Karnataka.

I am quite confident that all this good work that all of the central government has been working in Karnataka to take the Ujjwala Yojana to the people, to give free gas connections, to give free health insurance to 10 crore families in the country, to provide crop insurance – किसानों को जो फसल बीमा योजना से सुरक्षित किया गया शत-प्रतिशत लाभ मिले इस सब में जब राज्य सरकार का भी सहयोग मिलेगा तो फिर आगे चलकर कोई किसान को यहाँ आत्महत्या नहीं करनी पड़ेगी, ऐसा मुझे पूरा विश्वास है|

बहुत-बहुत धन्यवाद|

प्रश्न-उत्तर

प्रश्न: सर, यह जो बुलेट ट्रेन की जो बात चल रही थी, पहला सवाल यह है कि उसकी प्रोग्रेस कहाँ तक पहुंची है, दूसरा उससे रिलेटेड सवाल यह है कि करीब एक लाख करोड़ के आस पास का जो बजट है बुलेट ट्रेन के लिए तो एक feasibility report कहती है, कि feasibility पर अगर उसको चलाना हो तो उसकी टिकेट का दाम कम से कम 4000 होना चाहिए, जबकि अहमदाबाद-मुंबई के बीच में फ्लाइट का टिकेट है करीब 3000 रुपये, फिर 4000 का…?

उत्तर: यह दुर्भाग्य से यह एक दक़ियानूसी सोच, बैकवर्ड थिंकिंग कुछ लोगों ने इस देश में रखी है, और यही बैकवर्ड थिंकिंग से 55 साल जो कांग्रेस ने यहाँ शासन किया, भारत की जनता को अच्छी रेल सुविधाओं से वंचित रखा| They deprived the people of India of modern technology, safe, secure and comfortable passenger journeys, fast journeys. And that is the result why today the country is suffering, and the people and the rail travelers are suffering.

I come from Mumbai. In 70 years, no investment has happened in Mumbai. You all in Karnataka know that in Bengaluru if you have to go from one place to the other, it takes minimum 2 hours. Now in this situation Prime Minister Modi and this government firmly believes, हमारा दृढ़ निश्चय है कि सबसे अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी भारत में आएगी, बड़े पयमाने पर जब लगेगी तो खर्चा भी कम होगा, बुलेट ट्रेन में जो हमने करार किया है उसमें technology transfer compulsory रखा है| तो जो Shinkansen technology से मुंबई से अहमदाबाद बुलेट ट्रेन चलेगी वह technology भी भारत में आएगी, Make in India के तहत यहाँ पर उसका सब सामान बनेगा आगे चलकर, जब यहाँ बनेगा तो सस्ते खर्चे पर हम उसको पूरे देश में उसका विस्तार कर सकेंगे, जब पूरे देश में उसका विस्तार होगा तो सब पैसेंजर्स को पूरे देश में और कर्नाटक के पैसेंजर्स को भी उसका लाभ मिलेगा, और साथ ही साथ पूरे भारत में इसके अलग-अलग जब प्रोजेक्ट के कंपोनेंट्स लगेंगे, बनेंगे तो लाखों लोगों को रोज़गार मिलेगा, नौकरी मिलेगी, काम के अवसर मिलेंगे| यह एक होलिस्टिक थिंकिंग है पूरे देश को मॉडर्नाइज़ करने की, टेक्नोलॉजी लाने की|

मुझे याद है जब मैं फाइल देख रहा था, जब भारत में राजधानी आई थी, 1969 में, आजसे 50 साल पहले, 50 साल पहले लास्ट फ़ास्ट ट्रेन भारत में इंट्रोड्यूस हुई है राजधानी| और उसके बाद 50 साल में कोई significant development technology-wise, speed-wise रेलवे में किया नहीं गया है| और तभी भी ’69 में भी यह आलोचना किसी ने की थी कुछ लोगों ने जो अभी तक पुरानी सोच के हैं कि अरे भाई देश में राजधानी की क्या ज़रूरत है?

हमारा मानना है कि भारत अब तैयार है, भारत अब लेटेस्ट टेक्नोलॉजी चाहता है, भारत के युवा-युवती आज इन्टरनेट के माध्यम से, मोबाइल के माध्यम से पूरी दुनिया में क्या-क्या हो रहा है वह देखते हैं और चाहते हैं कि भारत में भी इस प्रकार की प्रगति हो, प्रोग्रेस हो| इसी प्रकार से जब यह एक लाइन शुरू हुई, साथ-साथ में हमने बताया कि मुंबई से बेंगलुरु, मुंबई से चेन्नई, मुंबई से हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली, और एक पूरा जाल हाई-स्पीड नेटवर्क का बिछाने का इस सरकार का इरादा है, यहाँ की स्टडी चल रही है| लेकिन आप ताज्जुब करोगे जानकर कि आज़ादी के 70 वर्ष बाद रेलवे के 160 वर्ष भारत में रहने के बावजूद मुंबई से बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई जो लाइन कनेक्ट होती है उसमें आज भी सिंगल लाइन है बहुत बड़े हिस्से में, 284 किलोमीटर में आज भी सिंगल लाइन चलती है|

क्या यह देश का विकास इस देश को मिला है कांग्रेस के 55 वर्षों में? क्या कभी किसी ने सोचा नहीं कि कम से कम डबलिंग तो कर दो जिससे कैपेसिटी बढ़ जाये और लोगों को सुविधा मिले, सिंगल लाइन होने से आप सब जानते हैं कि दोनों तरफ से गाड़ी नहीं आ सकती है, आती है तो एक को लूप लाइन में जाना पड़ता है, दूसरी पास होती है फिर वह जाती है जिसके कारण आज मुंबई से बैंगलोर आने के लिए शायद 17-18 घंटे लगते हैं| 18 hours!

कितने दुख की बात है, कितनी शर्म की बात है कि हमको आना पड़ा 2014 में, मोदी जी की सरकार को इसको तेज़ गति देनी पड़ी और जल्द से जल्द यह हम पूरा डबलिंग का प्रोजेक्ट ख़त्म करके दक्षिण भारत को सुविधाओं से जोड़ेंगे, स्पीड से जोड़ेंगे| और मैंने यही काम पॉवर मिनिस्टर के नाते ट्रांसमिशन में किया था, आप जानते हैं पहले दक्षिण भारत में बिजली कितनी महँगी खरीदनी पड़ती थी, हमने मैसिव स्केल पर ट्रांसमिशन लाइन साउथ इंडिया में लगायी जिससे देश में पूरा One-Nation, One-Grid हो गया और दक्षिण भारत के बिजली के दाम एकदम immediately बहुत कम हो गए| तो राज्य सरकारों को उसका लाभ मिला जो कई जगहों पर जनता को…

प्रश्न: सर आपने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट कहाँ तक पहुंचा…. ?

उत्तर: यहाँ पर स्टडीज चल रही हैं, बुलेट ट्रेन कोई ओवरनाइट तो नहीं लगती है, जो स्टडी हो गयी थी वह स्टडी का हमने लॉन्च कर दिया ऐसे ही स्टडी चल रही है|

प्रश्न: सर फिर मुंबई-अहमदाबाद का ही बताइये, क्योंकि उनका एक ही लॉन्च किया है अभी तक… I am asking only about the Mumbai status, what will be the ticket cost?

उत्तर: अच्छा, जहाँ तक टिकेट कॉस्ट का सवाल है, यह भी बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कुछ लोग अपनी कैलकुलेशन ठीक से नहीं कर सकते हैं| हमने जो बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट है उसमें 88,000 करोड़ जापान से concessional interest, और interest जो ना के बराबर है, almost zero. 0.1% interest पर Rs 88,000 crore का लोन लिया है जिससे अधिकांश खर्चा इस बुलेट ट्रेन पर हो रहा है| अब .1% interest तो आप calculate कर सकते हैं कितना कम होगा, रुपया भी आज कल भारत में strong हो रहा है, कोई depreciate नहीं हो रहा है और भारत की अर्थव्यवस्था जितनी मज़बूत रहेगी तो रुपये की depreciation की भी चिंता नहीं है|

और 50 वर्ष का लोन जिसमें 15 वर्ष का moratorium है, repayment 15 वर्ष के बाद शुरू होगी, 16 से 50 वर्ष के बीच| तो यह सब सुविधाओं के कारण जो भी यह कैलकुलेशन कर रहा है 4000 रुपये का यह मुझे मालूम नहीं किस प्रकार से है पर इसकी कॉस्टिंग तो 2022 में जब वह प्रोजेक्ट ख़त्म होगा तब तय होगी और मेरे ख्याल से उस समय के क्या एयर फेयर होंगे और उस समय के क्या बुलेट ट्रेन के फेयर होंगे वह तब देखेंगे| पर इतना मैं विश्वास दिलाता हूँ कि डिमांड बहुत है और मेरे जैसा व्यक्ति भी आज दक्षिण मुंबई में मेरा घर है, मुझे अहमदाबाद जाना हो तो आज मेरे घर से एयरपोर्ट जाऊँ, चेक-इन करूँ, प्लेन लूं, उतरूं और अहमदाबाद एयरपोर्ट से काम के लिए वहां तक पहुँचूँ या सूरत तक पहुँचूँ उससे कम समय में बुलेट ट्रेन से मैं पहुँच जाऊंगा|

प्रश्न: सर आप विजयापुरा आये हुए हैं, विजयापुरा से जितने ट्रेन निकलते हैं मुंबई या बेंगलुरु उसका टाइमिंग बहुत … है, यहाँ से दोपहर में मुंबई को ट्रेन निकलती है और बीच रास्ते में…..?

उत्तर: मैंने अभी तो आपको बताया वह इसलिए क्योंकि यहाँ पर कैपेसिटी नहीं क्रिएट की गयी|

प्रश्न: ट्रेन की यहाँ से जाने के लिए मुंबई के लिए बिजली की लाइन क्यों नहीं देती है सरकार?

उत्तर: बिजली तो हम पूरे देश में हर लाइन को विद्युतीकरण कर रहे हैं, 100% electrification.

प्रश्न: सर, मेरा मतलब है टाइमिंग जो है यहाँ की ट्रेन जो छूटती है, शाम को बैंगलोर को छूटती है सुबह 11-12 बजे पहुँचती है| और यहाँ दोपहर में 2 बजे मुंबई के लिए ट्रेन छूटती है और 3-4 बजे सुबह निकलती है, ऐसी ट्रेन की सुविधा नहीं दे सकते कि शाम को बैठें और सुबह जाकर वहां उतरें?

उत्तर: मैं वही तो कह रहा हूँ, इसलिए तो मैंने आपको बताया कि अभी तक जो कैपेसिटी क्रिएट की गयी है, इतने वर्षों में कांग्रेस का शासन रहा केंद्र में उनके रेल मंत्री रहे| इतने वर्षों में किसी ने दक्षिण की तरफ चिंता ही नहीं करी, कर्नाटक की जनता की इस पीड़ा को समझा ही नहीं| यह हमने तेज़ गति से जो 3,500 करोड़ इस साल में एक साल में और ऐसे तेज़ गति से जो हम इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं कर्नाटक में यह पहली बार हुआ है| पिछले 5 सालों का 2009 से 2014 हमारे आने के पहले जो एलोकेशन था वह मात्र 835 crore – average allocation 5 years. मतलब 5 वर्षों में 4,200 करोड़ के करीब, 5 वर्षों में खर्चा हुआ| और हम एक वर्ष 2018-19 में 3,353 करोड़ खर्चने वाले हैं| यह स्केल है डेवलपमेंट का और जब तक आप कैपेसिटी नहीं बनाओ तो how can you reduce the time taken, capacity चाहिए न train lines को जाने के लिए|

प्रश्न: नहीं अगर, शाम में अगर रात को निकलेंगे, सुबह बैंगलोर पहुंचेंगे इसपर immediately आप क्या करेंगे, बहुत साल से पुराना पेंडिंग मामला है?

सेक्रेट्री: इस सेक्शन पर सिग्नलिंग भी पुरानी थी, यह जब डबलिंग हो रही है तो सारी सिग्नलिंग भी हम लोग रिप्लेस कर रहे हैं|

उत्तर: यह सिग्नलिंग का बहुत बड़ा लाभ यह होता है कि अब व्यक्ति को सिग्नलिंग वह लाल, पीली, हरी जो सिगनल होती थी 100 साल पुरानी वह ख़त्म होकर हम सिग्नलिंग को अपग्रेड कर रहे हैं और जैसे सिग्नलिंग अपग्रेड होता है और लाइन डबल हो जाती है तो immediately capacity expand हो जाती है| वह होते ही आपको बहुत कम टाइम में बैंगलोर जाना है या मुंबई जाना है वह सुविधा मिलेगी|

प्रश्न: हमें जो इनफार्मेशन मिला है उसके मुताबिक जो ट्रैक है वह ट्रैक not up to the mark है?

उत्तर: जहाँ तक ट्रैक रिन्यूअल है, बहुत अच्छा सवाल पूछा आपने, यह भी आपको जानकारी देकर बहुत, मालूम करके अच्छा लगेगा| पहले हमारी सरकार आने के पहले ट्रैक रिन्यूअल को बहुत ज्यादा फोकस नहीं दिया जाता था जिसके कारण सालों साल बैकलॉग चलता था ट्रैक जो मेंटेनेंस के लिए रिप्लेस करना है वह कई साल तक बैकलॉग चलता था| आपको जानकर ख़ुशी होगी कि पहले 2,500 किलोमीटर के करीब हर वर्ष में ट्रैक रिन्यूअल होता था, रिप्लेसमेंट| इस साल, 2017-18 में 4,300 किलोमीटर ट्रैक रिप्लेसमेंट होगा और यह क्यों होगा? क्योंकि पुराना सब बैकलॉग हम जल्द से जल्द ख़त्म करना चाह रहे हैं| मुझे लगता है अगले एक-डेढ़ साल में इस देश का पूरा जो बैकलॉग है, पूरे देश का, मेंटेनेंस का जो बैकलॉग है, रिप्लेसमेंट का हम पूरा कर देंगे| जनवरी के अकेले महीने में कहाँ पहले एवरेज 200-225 किलोमीटर हर महीने होता था ट्रैक रिप्लेसमेंट, January alone 576 kilometers का ट्रैक रिप्लेसमेंट हुआ है|

माननीय प्रधानमंत्री जी जब बेंगलुरु में परिवर्तन यात्रा को समापन के लिए आये थे, जो ऐतिहासिक रैली पता नहीं आपने देखा कि नहीं| उस दिन कि जो रैली हुई मुझे लगता है देश में इस प्रकार की इतनी विशाल रैली बहुत ही कम देखने को मिली हुई होगी जैसे उत्तर प्रदेश में जो रैली हुई थी जिसके फलस्वरूप हमको 325 सीट मिले 400 में से, उस लेवल की रैली बैंगलोर में 29 जनवरी को हमने देखी, उसमें भी माननीय प्रधानमंत्री ने यही बात रखी थी कि इस सरकार का काम करने का ढंग एकदम अलग है – स्पीड, स्केल और अच्छी ईमानदारी से कैसे काम जनता को जोड़े वह इस काम करने का ढंग इसमें झलकता है| 200-225 से बढ़कर 576 किलोमीटर एक महीने में, so that track renewal हो और safety आ जाये|

प्रश्न: विजयापुर में ट्रक ट्रेन सर्विस मिलेगा?

उत्तर: आज …. जी ने मेरे से कुछ रिक्वेस्ट किये हैं कुछ ट्रेन्स जो मैं कंसीडर करके शुरू करवा रहा हूँ|

प्रश्न: विजयापुर के लोग 4 बार बीजेपी एमपी को चुने हैं यहाँ के लिए, कुछ भी देन नहीं है यहाँ पर?

उत्तर: चलो, तो आपको जल्द शायद कुछ खुशखबरी सुनने को मिलेगी|

प्रश्न: सर विद्युतीकरण कब कम्पलीट होगा, आप बताएये विद्युतीकरण पूरा रेलवे में कब होगा?

उत्तर: पूरे देश में आज भी लगभग 60-70,000 लाइन किलोमीटर ऐसी है जिसका विद्युतीकरण नहीं हुआ है – 60-70,000 किलोमीटर, और पहले 2014 तक 1000 किलोमीटर से कम हर वर्ष विद्युतीकरण होता था, less than 1000 kilometers. उस पेस पर चलते तो 60 वर्ष लगते विद्युतीकरण करने को, हम इसको बढ़ाकर अब 4000 kilometer per year और 2019-20 से 8000 kilometer per year करने के प्रति हम स्पीड से प्रोग्रेस कर रहे हैं जिससे 6 वर्ष के अन्दर पूरे देश को शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो|

प्रश्न: अभी रेलवे में टोटल कितने पोस्ट खाली हैं और आरआरबी का पिछले तीन साल से exams हुए नहीं हैं?

उत्तर: आपकी जानकारी के लिए रिक्रूटमेंट का प्रोसेस आलरेडी शुरू कर दिया है| लगभग 1 लाख के करीब पोस्ट भरने का काम शुरू कर दिया गया है, बाकी को assess कर रहे हैं कि realistic requirement क्या है क्योंकि आप सब जानते हैं कि यह post जब create हुई थी तब modern technology कितनी थी नहीं थी वह किसी को मालूम नहीं है| तो modern technology के हिसाब से क्या requirement रहेगी वह assess होने के बाद बाकी posts को fill up करेंगे|

प्रश्न: सर लगातार जम्मू कश्मीर में terror attacks हो रहे हैं उसके लिए opposition blame कर रहे हैं..?

उत्तर: बहुत ही दुखद घटना आज सुबह भी मैं टीवी पर देख रहा था, बहुत ही दुखद घटना हुई है और मुझे विश्वास है कि हमारे सेना बल हमारे जो armed forces हैं पूरी तरीके से सक्षम हैं उसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए|

प्रश्न: सर अभी रेलवे स्टेशनों में कभी ज़रूरत पड़ती है तो मीडिया वालों को जाने की इजाज़त है या नहीं है?

उत्तर: Of course है|

प्रश्न: अभी यहाँ पर विजयापुर में बीते 25 तारीख को यह घटना हुई, जावेद मुकासी नाम का एक आरपीएफ ने हमें रोक दिया, जिस दिन हमें खबर बनानी थी हमें बना..

उत्तर: मैं चेक करूँगा और आपको रोकेगा नहीं, आपकी accreditation आपको साथ में रखनी पड़ेगी, आप accreditation साथ में रखिए आपको कोई रोकेगा नहीं| देखिए जहाँ पर कोई क्राइम हुआ है वहां तो पुलिस तय करती है रेलवे नहीं तय करता है|

प्रश्न: रेलवे पुलिस रोक रही थी अन्दर आने के लिए?

उत्तर: आप accreditation कार्ड लेकर रेलवे स्टेशन पर जा सकते हैं और पुलिस जो आपको इंस्ट्रक्शन दे उसको कृपा करके फॉलो करें|

प्रश्न: पुलिस यह कहती है कि प्लेटफार्म टिकेट लेकर चले जाओ अन्दर?

उत्तर: आगे से नहीं होगा, मुझे नहीं मालूम था आपने आज बताया आगे से नहीं होगा?

प्रश्न: आप मंत्री जी हैं तो हम आपको बोलेंगे न?

उत्तर: आपने बताया इसलिए आगे से नहीं होगा, सिंपल है|

प्रश्न: सर, विजयापुर में एनटीपीसी बोलते हैं एक बड़ा पॉवर प्लांट जायेगा, कोल् का प्रॉब्लम है कुछ?

उत्तर: कोई भी कोल् की प्रॉब्लम नहीं है, जब कोयला 70 मिलियन टन, 68. something million tonnes Coal India के पास था 1 अप्रैल 2017 को तब हम विनती करते थे, रिक्वेस्ट करते थे स्टेट गवर्नमेंट को कि आप अपने कोल् स्टॉक बढ़ाइये, जल्दी से स्टॉक अप करो समर के मंथ्स में, डिमांड बढ़ेगी तो आपको तकलीफ आएगी| तब स्टेट गवर्नमेंट ने पर्याप्त मात्रा में कोल् नहीं उठाने के कारण स्टेट गवर्नमेंट की ज़िम्मेदारी थी कि वह 30 दिन का स्टॉक रखें| यह सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी का निर्देश है कि जितने पॉवर प्लांट्स दूर हैं, पिटहेड के दूर हैं वहां 30 दिन का स्टॉक होना चाहिए| तो जो समय पर कोल् स्टॉक जिस-जिसने प्लांट ने नहीं रखा और जहाँ शेड्यूलिंग कम होता था उधर बाद में पॉवर डिमांड बढ़ने से जो शेड्यूल बढ़ा उसके कारण उधर स्टॉक ज़रूर कम हुआ है लेकिन कोई कठिनाई नहीं आई है|

यह भी अच्छी खबर है कि जो कोयले को ट्रांसपोर्ट करती है विजयापुर के थर्मल पॉवर प्लांट को, वह भी सिंगल लाइन है| इतने वर्षों में वह भी चिंता नहीं की गयी, हमने उसको प्रायोरिटी देके उसको डबलिंग का काम शुरू किया जिससे और ज्यादा अधिक रेक जल्द से जल्द यहाँ पर आ सके|

प्रश्न: सदानंद गौड़ा जी जब मिनिस्टर थे तो उन्होंने यह कहा था यह उस वक्त पहले भाषण में कि हम लोग वैक्यूम टॉयलेट इंट्रोड्यूस कर रहे हैं उसमें रेलवेज में, तो कितने वैक्यूम टॉयलेट अब तक बने हैं? और दूसरा unmanned जो railway crossing थे वह सारे निकाले जायेंगे, कितने टॉयलेट बने हैं और कितने unmanned ..?

उत्तर: जहाँ तक वैक्यूम टॉयलेट का सवाल है वह आरडीएसओ में अभी तक 500 टॉयलेट का trail order देकर उसकी चेकिंग चल रही है, एक बार वह successful हो जायेगा तो हमारा प्लान है कि सभी bio-toilets को vacuum toilets में convert करेंगे सभी कोचेस में| आजके दिन लगभग 30,000 से अधिक कोचेस में bio-toilet लग चुका है बाकी 25,000 को हम करीब-करीब डेढ़ साल में पूरे कोचेस को bio-toilet लगाने का हमने आलरेडी प्लान बना लिया है| जैसे ही यह वैक्यूम टॉयलेट successful हो जायेगा फिर इसको भी रोल-आउट करने का काम शुरू करेंगे, जब तक आरडीएसओ अप्प्रूव नहीं करता है क्योंकि hydraulics involved है इसमें तब तक I cannot take any time line कब तक होगा|

प्रश्न: Unmanned?

उत्तर: और जहाँ तक Unmanned level crossing का सवाल है, जितने ज्यादा ROB और RUB यह साढ़े तीन वर्ष में लगे हैं इतने शायद गत 20 वर्षों में नहीं लगे थे| आगे चलकर मैंने इस साल के सितम्बर तक निर्णय लिया है कि unmanned level crossing main lines में कोई भी नहीं रहेगा| जो halt station या जो दूर दराज़ की lines हैं जहाँ एक गाड़ी जाती है, दो गाड़ी दिन में वह छोड़कर, 1200-1400 station हैं ऐसे वह छोड़कर बाकी सब जगह कोई न कोई गेट-मित्र हर level crossing के ऊपर सितम्बर तक हो जायेगा|

साउथ-वेस्टर्न रेलवे, जो विजयापुर को कवर करता है वहां आलरेडी 100% लेवल level crossing पर गेट-मित्र आलरेडी appointed हैं|

और आपने क्योंकि ROB की बात पूछी अभी-अभी जो बजट आया है उसमें 5 ROB और 23 RUB या subways कर्नाटक में सैंक्शन हुए हैं 100 करोड़ की लागत पर जिसमें से 2 विजयापुर एरिया में हैं|

प्रश्न: सर आपके पीरियड में विजयापुर को ज़्यादातर रेल सेवाएं मिलेंगी, ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ेगी या और अपग्रेडेशन भी हो जायेगा?

उत्तर: स्वाभाविक है कि यह चीज़ ओवरनाईट नहीं हो सकती है, आप लोग सब जो पत्रकार भाई बहन हैं वह समझते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में समय लगता है| लेकिन मैं आपको विश्वास दिला सकता हूँ कि जिस तेज़ गति से यह infrastructure development हो रहा है, line doubling, electrification, signal modernisation, station development, इससे विजयापुर के यात्रियों को चाहे बेंगलुरु जाना हो, चाहे मुंबई या दिल्ली इसकी speed और इसका comfort दोनों बहुत बढ़ेगा| वह continuous process है, regularly improve होता रहेगा और दो-तीन साल में एकदम first class हो जायेगा|

Ends.

Subscribe to Newsletter

Podcasts