Speeches

October 29, 2017

Speaking at Press Conference on Anti Black Money Day, in Bidar (Karnataka)

बीदर आने का मौका मिला और एक बहुत ही महत्वपूर्ण रेलवे की जो परियोजना है उस परियोजना का आज भारत के सबसे लोकप्रिय नेता सम्मानीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों से आज इस कार्यक्रम का शुभारंभ होने वाला है, इस रेल गाड़ी का शुभारंभ होने वाला है जो बीदर से गुलबर्गा जाएगी| बीदर की बहुत इम्पोर्टेंस रही है कई वर्षों में और मुझे ख़ुशी है कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने स्वीकार किया इस रेल परियोजना की महत्वपूर्णता को देखते हुए कि वह स्वयं इसका उद्घाटन करेंगे|

जैसे कि आप सब जानते होंगे यह योजना बीदर से कलाबुर्गी को ज्वाइन करने वाली जो रेल लाइन है, यह जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी तब यह प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिली थी| 1998-99 में यह बीदर-कलाबुर्गी न्यू रेल लाइन का सैंक्शन 110.40 किलोमीटर की यह लाइन भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली वाजपेयी जी की सरकार में इसको स्वीकृति मिली थी| उसके बाद काफी प्रयत्नों के बावजूद यहाँ की कांग्रेस की सरकारों ने इसके लिए पर्याप्त ज़मीन उपलब्ध नहीं करने के कारण इसमें काफी विलंभ हुआ|

अंत में जब येदियुरप्पा जी कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे तब 2007 में येदियुरप्पा जी ने आगे बढकर उस समय की कांग्रेस की यूपीए केंद्र सरकार को कहा कि हम 50% पैसा इस लाइन का राज्य सरकार से देंगे जिससे यह लाइन जल्दी ख़त्म हो सके और ख़त्म करके यह लाइन देश की सेवा में और कर्नाटक के लोगों की सेवा कर सके|

तब से इस योजना को बल मिला| प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार आने के बाद हमने यहाँ की राज्य सरकार से लगातार फॉलो-अप करके जो आखरी ज़मीन का हिस्सा था, वह आखरी ज़मीन हमें सिर्फ फरवरी 2017 में मिली जिससे यह प्रोजेक्ट ख़त्म हो सका| और मुझे आप सबको बताते हुए ख़ुशी है कि फरवरी 2017 में ज़मीन मिलने के बाद रिकॉर्ड टाइम में इसको रेल मंत्रालय ने ख़त्म किया| मैं माननीय खासदार साहब का, सांसद जी का धन्यवाद करना चाहूँगा कि लगातार बीदर और गुलबर्गा को कनेक्ट करने वाली इस लाइन के काम को गति देने के लिए लगातार पहले सुरेश प्रभु जी और फिर मेरे पीछे लगे रहे जिससे आज यह ट्रेन को शुरू करना और इस कार्यक्रम को माननीय प्रधानमंत्री जी अपने कर कमलों से इस ट्रेन को शुरू कर पाए यह हम सबका सौभाग्य है|

इसमें पहली जो लाइन थी, खानापुर से हुम्नाबाद 37 किलोमीटर की, यह तो दिसम्बर 2013 में ख़त्म हो गयी लेकिन इससे जनता को कोई लाभ नहीं मिल सका| आखिर जब तक पूरी लाइन नहीं ख़त्म होगी, 37 किलोमीटर जाकर कोई लाभ नहीं हुआ| मोदी जी की सरकार आने के बाद इसको तेज़ गति देके यह हुम्नाबाद से गुलबर्गा की जो लाइन है, कलाबुर्गी तक लेकर जाने वाली इसको भी तेज़ गति देकर ख़त्म किया गया है| और इस लाइन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें लगभग 12 नए रेलवे स्टेशन हैं, 1.7 किलोमीटर का टनल है मर्गुट्टी के पास, 259 bridges हैं जिसमें 14 major bridges हैं, 13 road-over bridges हैं और 51 road-under bridges हैं|

इस लाइन की commissioning के बाद बीदर और कलाबुर्गी इन दोनों क्षेत्रों के विकास के लिए, आर्थिक विकास और सामाजिक विकास के लिए नए आवाम मैं अपने सामने देखता हूँ, और खासतौर पर बेंगलुरु से मुंबई और हैदराबाद, यह जो कनेक्टिविटी है उसको इससे बहुत फायदा होगा क्योंकि यह कनेक्टिविटी का डिस्टेंस बहुत कम हो जायेगा| बीदर से मुंबई और बेंगलुरु आने का जो डिस्टेंस है वह बीदर-मुंबई 115 किलोमीटर कम हो जायेगा, और बीदर से बेंगलुरु 52 किलोमीटर कम हो जायेगा जिससे मैं समझता हूँ यहाँ के किसानों को भी लाभ होगा – pulses, sugarcane, dairy products – यह सब जो यहाँ पर आते हैं इस सब में भी लाभ होगा और यहाँ के किसानों को अपना सामान बेचने में भी लाभ होगा, यहाँ की जो सीमेंट इंडस्ट्री की संभावनाएं हैं उत्तर कन्नड़ की, इसको भी एक नया डेवलपमेंट की गति मिलेगी, नयी नौकरियों का अवसर मिलेगा| और वाडी जंक्शन को बाईपास करते हुए यह एक alternate route बनने से रेल सुविधाओं में सुधार मैं समझता हूँ कर्नाटक के सभी लोगों को इसका लाभ देगी खासतौर पर बीदर और गुलबर्गा के लोगों को|

एक दूसरा विषय जो मैं आपके समक्ष रखना चाहूँगा वह है पूरे कर्नाटक में जो रेल सुविधाओं के लिए मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने जो गति दी है, आपको जानकर ख़ुशी होगी कि जो इन्वेस्टमेंट, जो पैसा कर्नाटक में लगाया जाता था रेलवे द्वारा हर वर्ष उसमें लगभग 5 गुना वृद्धि मोदी जी की सरकार आने के बाद हुआ है| और जिस प्रकार से तेज़ गति से अलग-अलग प्रोजेक्ट्स को कम्पलीट करने का काम शुरू किया गया है, मेरे पास बहुत सारे कामों की यहाँ पर सूचना है जिस तेज़ गति से बजट आउटले बढ़ाया गया है| पिछले चार बजट अगर आप देखें तो 2014-15 में 783 crores, 2015-16 में 1,781 crores, 2016-17 में 2,567 crores और 2017-18, current year में Rs 3,174 crores budget provision किया गया है सिर्फ कर्नाटक में रेलवे के इन्वेस्टमेंट पर|

तो इस प्रकार से तेज़ गति से कैसे कर्नाटक में सुधार आये, रेलवे की सुविधाएं सुधरें उसके लिए हमने पूरा काम जोर लगाया है|

एक और विषय जो आपके सामने रखना चाहता हूँ, 8 नवंबर 2017 को विमुद्रीकरण, जो नोटबंदी हुई थी उसके एक वर्ष पूरा होता है 8 नवंबर 2017 को जिसको हमने Anti-Black Money Day, इस प्रकार से देश भर में लोगों के साथ गोष्ठी, वार्तालाप, चर्चा, मोदी जी के कार्यकाल में उठाये गए अलग-अलग कदम जिससे काले धन के ऊपर बहुत तेज़ प्रहार किया गया, attack on black money, उसके बारे में जानकारियां देना, demonetization के क्या लाभ हुए हैं भारत की अर्थव्यवस्था को उसके बारे में चर्चा करना| जीएसटी किस प्रकार से देश की अर्थव्यवस्था को आगे चलकर लाभ पहुंचाएगी, इन सब विषयों को लेकर 8 नवंबर 2017 को Anti-Black Money Day, यह भारतीय जनता पार्टी देश भर में इसको Anti-Black Money Day के नाते प्रोग्राम organise करेगी और हमारे नेता देश भर में जायेंगे और अलग-अलग प्रकार से कैसे हमने पहले कैबिनेट मीटिंग में SIT बिठाई काले धन के बारे में, कैसे हमने विदेश से वापिस लानी की, काले धन को वापिस लाने का काम किया, कैसे HSBC, Liechtenstein accounts वगैरा के बारे में जानकारियां निकालकर उसपर उचित कार्रवाई की और लोगों के ऊपर कैसे काला धन, जो-जो रखते थे उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो उसके लिए Switzerland, Cyprus और Mauritius, और Singapore सबके साथ अलग-अलग treaties करी और उस treaties के माध्यम से काला धन रखने वालों के ऊपर प्रहार करना, किस प्रकार से Double Tax Avoidance treaties का जो दुरुपयोग होता था उसको रोकना, जो कानून बेनामी संपत्ति का कानून 28 साल पहले पारित हुआ था लेकिन 28 साल में जिसको नोटिफाई नहीं किया, रूल्स नहीं बनाये उसको रूल्स बनाना, demonetization के बाद formalization of the economy लोगों को ईमानदार व्यवस्था, ईमानदार व्यापार की तरफ लेकर जाना इसको बल दिया, cash transactions कम होकर digital economy को और तेज़ गति से बढ़ावा देना|

और इन सभी माध्यमों से देश में कैसे काला धन रखने वालों पर प्रहार, ईमानदार व्यापार करने वालों को सुविधा और इस अधिक कर (Additional tax collection) से कैसे गाँव में गरीबों के बीच, किसानों के बीच जो वर्षों से शोषित और वंचित, और पीड़ित रहे हैं – The deprived sections of society should get a benefit, the poor, the farmer, the women, the youth, programmes for their welfare should get additional funds.

यह जो भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी की काम करने का जो 4-3.5 वर्षों का जो प्राथमिकता रही है, priority रही है इसके बारे में हम लोगों के पास 8 नवंबर 2017 को देश भर में कार्यक्रम करेंगे, इसकी जानकारी मैं आप सबसे शेयर करना चाहता था|

पुनः एक बार बीदर के लोगों को बहुत-बहुत बधाई, बहुत-बहुत शुभकामना इस नयी रेल लाइन की|

प्रश्न-उत्तर

प्रश्न: सर गुलबर्गा divisional office कब तक sanction होगा……?

उत्तर: इसकी जानकारी लेकर फिर हम आपको बताएँगे लेकिन अभी तक मेरे पास गुलबर्गा की यह डिमांड न तो वहां के सांसद ने की है या न कोई वहां के प्रतिनिधि ने, इसके बारे में हम पता करके अगर वहां पर divisional office sanction हो चुका है तो उसको बहुत तेज़ गति से implement करेंगे|

प्रश्न: सर आप यह बोल रहे हैं कि प्रधामंत्री जी कहते हैं कि…… तो हमारे इंचार्ज मंत्री ने यह कहा कि इसका श्रेय जो है कांग्रेस सरकार को जाना चाहिए और उसके………..??

उत्तर: भाई इसके delay का श्रेय अगर वह लेना चाहें तो पूरी तरीके से ले सकते हैं क्योंकि अगर यह sanction वाजपेयी जी की सरकार के समय हो गया था तो 2004 से तो यूपीए की सरकार थी, 2004 से 2014 में कांग्रेस की सरकार थी तो तब यहाँ के कांग्रेस वालों ने क्या किया उसका|

प्रश्न: आपके पास यह allegation किया है जो-जो काम खर्गे करते थे वह काम आपने नाम………?

उत्तर: Allegation से क्या है मैं तो आपको तत्वों के साथ बता रहा हूँ, मैं आपको तत्वों के साथ बताया है कि यह वाजपेयी जी के टाइम sanction हुआ और इसको स्टेट गवर्नमेंट का सपोर्ट नहीं मिलने के कारण डिले हुआ और 2007 में जब येदियुरप्पा जी ने 50% फंडिंग दी तब यह काम में गति हुई| और आखरी ज़मीन यहाँ की राज्य सरकार कांग्रेस की 5 साल से दिला नहीं पाई, फरवरी 2017 में, तो मैं पूरी तरीके से यहाँ की कांग्रेस की सरकार को ज़िम्मेदार ठहराता हूँ कि यह प्रोजेक्ट को इतना डिले किया और इसपर खर्चा इतना जो cost over-run हुआ इसकी पूरी ज़िम्मेदारी कांग्रेस की सरकार के ऊपर है|

प्रश्न: खर्गे जी के टाइम पर रेलवे डिवीज़न गुलबर्गा में बनाने का प्रपोजल था, उसको बजट में…..?

उत्तर: खर्गे जी के टाइम पर प्रपोजल था तो उन्होंने काम को ख़त्म करना चाहिए था, दुर्भाग्य से उन्होंने फोकस करना चाहिए सिर्फ एक डिवीज़नल ऑफिस के लिए नहीं, लेकिन काम करने के लिए| डिवीज़नल ऑफिस से जनता की सेवा नहीं होती है लेकिन बीदर से गुलबर्गा की लाइन शुरू होने से जनता की सेवा होगी, हम जनता की सेवा काम करने में लगे हुए हैं|

उत्तर: Chief Minister की allegation क्या है आपके ऊपर कि you have not consulted the Karnataka government in time, he has made this allegation against you, that’s why he has not come here?

उत्तर: नहीं, he may not have come here, that is his choice. But as soon as the Prime Minister’s programme got finalized, we had informed all the concerned officials. If he is so busy that he does not have time to come for the Prime Minister’s programme, then I think all of you should be asking him questions about constitutional propriety.

प्रश्न: सर यह बुलेट ट्रेन का कांसेप्ट क्या सिर्फ नार्थ इंडिया में लिया है?

उत्तर: नहीं, यह पहला प्रोजेक्ट है बुलेट ट्रेन का …..

प्रश्न: सर मेरा एक … अभी इसका जो कांसेप्ट है कि चेन्नई से बैंगलोर जोड़ना है, क्या ऐसे जो यहाँ के जो ….?

उत्तर: बुलेट ट्रेन के बारे में लगभग 10,000 किलोमीटर के प्रोजेक्ट्स की स्टडीज चल रही हैं उसमें सबसे पहली जो स्टडी शुरू हुई थी वह मुंबई-अहमदाबाद की थी वह फाइनल होने के बाद उसका काम शुरू हो गया है| आगे चलकर जैसे और sections के बारे में studies आएँगी, उसकी techno-economic feasibility आएगी, उसकी funding का काम होगा वैसे-वैसे हमारी कल्पना है कि जो भारतीय रेल 150 साल पुरानी है लेकिन उसमें आधुनिक टेक्नोलॉजी, मॉडर्न टेक्नोलॉजी अभी तक इतने वर्षों में तेज़ गति से लायी नहीं गयी उसको प्रधानमंत्री मोदी जी देश में तेज़ गति से देश भर में नयी टेक्नोलॉजी, अच्छी टेक्नोलॉजी, सेफ, सिक्योर, कम्फ़र्टेबल ट्रेवल देश के हर व्यक्ति को मिले उसपर हम पूरा बल दे रहे हैं|

प्रश्न: (Inaudible)

उत्तर: Well, I think they are free to take their own view, but the programme was finalized, immediately our General Manager talked to Mr Mallikarjun Kharge and he expressed his inability to come. That shows the insensitivity towards a public service, which because of the congress has got delayed by so many years. It only shows that they are not sensitive to the demands and needs of the people of the area.

प्रश्न: (Inaudible)

उत्तर: मुझे लगता है आ रहे हैं, मुझे जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से आ रहे हैं|

प्रश्न: (Inaudible)

उत्तर: उसके बारे में जो चर्चा हो रही है, प्रस्ताव के ऊपर चर्चा होती है और वह विदेश मंत्रालय दोनों, विदेश मंत्रालय मिलकर तय करते हैं, उसके बारे में यहाँ पर चर्चा वाला विषय नहीं है, वह तो foreign offices का….

प्रश्न: सर आपके पास प्रस्ताव आया क्या उनका?

उत्तर: वह विदेश मंत्रालय उसको फाइनल करता है| Any engagement with a foreign country, वह विदेश मंत्रालय तय करता है|

प्रश्न:.. सर यह… का जो बोले आप 1998-99 में, सर बीजेपी के एमपी काम कर रहे थे (Inaudible)……??

उत्तर: अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है लेकिन मुझे लगता है अभी तक ट्रेन्स कभी भी किसी के नाम पर रखी नहीं गयी हैं पर आपके आईडिया पर मैं विचार करूँगा|

प्रश्न: (Inaudible)

तो मैं इसको examine करूँगा ..अच्छा सुझाव है …..मैं सांसद जी के साथ चर्चा कर के इस पर उचित निर्णय लूंगा |

बहुत बहुत धन्यवाद |

Ends.

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