Speeches

July 2, 2017

Speaking on GST with India TV

Q&A

Q: पियूष जी स्वागत है आपका, आपसे आज हम GST की बारीकियां तो समझेंगे ही, आप इंडस्ट्री के साथ जुड़े रहे हैं, चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं, बहुत टेक्निकली आप समझते हैं तो आप…..
A: मैं practicing chartered accountant नहीं हूँ, investment banker था |

Q: ठीक है, और दूसरा जो इसका पोलिटिकल पहलू जो है, तो मैं उससे पहले शुरुआत करना चाहता हूँ | इतनी बड़ी पहल हुई है, आपकी सरकार को यह श्रेय है कि 14-17 बरसों से, 17 बरस अगर आप 2000 में जो पहली कमिटी बनी थी वहां से देख लें, जो मामला लटका हुआ था जिससे एक सुर में सब कहते थे कि देश के हित में है, उससे आपकी सरकार ने लागू करवाया, यह आपके क्रेडिट में जाता है | लेकिन वही लोग जिन्होंने आपका साथ दिया इस कानून को बनाने में क्यों विरोध कर रहे हैं अब आपका, क्यों boycott किया गया कल के session  में ?
A: पहली बात तो हमने कभी क्रेडिट लेने की इसकी कोशिश नहीं की, हम सब appreciate करते हैं कि यह संयुक्त प्रयास था सभी राजनीतिक दल इस देश के, चाहे वह सत्ता में हो या ना हों कोई राज्य में भी, उनका भी सहयोग मिला, उनका भी समर्थन मिला जब यह कानून को पारित किया गया अलग अलग assemblies में, पार्लियामेंट में | कई पार्टीज हैं जिनके शायद एक ही MLA हों पूरे देश में पर उनका भी समर्थन मिला, तो एक प्रकार से जैसा कल मान्य प्रधानमंत्री जी ने कहा cooperative and collaborative federalism का एक जीता जागता एक बहुत बढ़िया मिसाल है | मान्य राष्ट्रपति जी ने भी इसका उल्लेख किया |

साथ ही साथ, कल के कार्यक्रम के बारे में अगर देखें तो वह दो-तीन पार्टीज ही रह गयी थीं | वैसे भी जनता ने जिस प्रकार से उनकी हालत बना रखी है आज के दिन मुझे लगता है कि वह कोई बहुत बड़ा ऐसा वर्ग ने boycott किया ऐसा दिखता नहीं है, तीन पार्टीज रह गयी थीं | बाकी जो सब जेडीयू हो, समाजवादी पार्टी हो, बाकी सभी पार्टीज लगभग आ गयी थीं | मुझे लगता है कि इसका भी स्पष्टीकरण आज मैं एक अखबार में पढ़ रहा था, जयराम रमेशजी ने उसका भी स्पष्टीकरण किया कि हम GST के विरोध में नहीं है लेकिन हमने कार्यक्रम में जाने से इनकार किया | तो ठीक है भाई, आपको एक देश सेलिब्रेट कर रहा है, मैं रात को दो-ढाई बजे तक टीवी देख था लगभग हर चैनल पर एक देश भर में उत्साह का माहौल था, उत्सव का माहौल था | उसके बावजूद अगर उनको उस सेलिब्रेशन में श्रेय नहीं लेना था, हमतो पूरी तरीके से इसको बाँटके श्रेय दे रहे थे | तो यह दुर्भाग्य की बात है, उसका जनता देख रही है, जनता खुद उसका निर्णय करे कि उसका सही या था या गलत था |

Q: लेकिन जैसे राहुल गाँधी ने कहा, उन्होंने कहा कि यह एक अध्-पक्का कानून है, अध्-पक्का GST आप लोगों को दे रहे हैं और एक संवेदनहीन सरकार है |
A: सबसे पहले तो अगर कोई वास्तव में देश की और जनता की चिंता करता है तो पहले देश में आये और फिर बात करे |

Q: लेकिन, फिर भी वह कांग्रेस पार्टी के वाईस प्रेसिडेंट हैं?
A: कोई विदेश में बैठे हुए टिप्पणियां करना नासमझी से उसका क्या जवाब दे सकते हैं, समझने के लिए आना तो पड़ेगा ना | वैसे समझने की कैपेसिटी कितनी है वह मुझे नहीं मालूम |

Q: आप यहाँ से ले के भी उनको कोशिश तो कर सकते हैं समझाने की?
A: वह ज़रूर आयें मैं तो कल मिलने को, आज मिल लूँगा, मेरा कार्यक्रम छोडके मैं आज मिल लूँगा अगर वह आयें, बहुत अच्छी तरीके से समझा सकते हैं, बड़े सरल शब्दों में जो उनको मुश्किल भी नहीं होगा |

Q: वह जो यह आरोप लगा रहे हैं कि यह half-baked GST है, असली GST नहीं है, और तैयारी नहीं है इसमें?
A: यह GST Council ने तय किया है, पूरा GST का ढांचा जिसमें 6 मुख्यमंत्री के representatives, अभी भी 6 राज्य सरकार उनकी चल रहीं हैं | आगे का पता नहीं क्या होगा लेकिन आज के दिन 6 राज्य सरकारें हैं उनके मुख्यमंत्रियों ने depute किये हुए Finance Minister GST Council की हर बैठक में रहते हैं, unanimously यह पूरा ढांचा और सभी कुछ तय किया गया है | तो मुझे पता नहीं वह अपने खुद के मुख्यमंत्री और उनके खुद के राज्य सरकारों की टिप्पणी कर रहे हैं या क्या कर रहे हैं | पर इसमें भी कोई असमझ नहीं है, पहले भी कई बार हुआ है, एक प्रधानमंत्री ने पारित किया हुआ कानून हम सबने फाड़ते हुए देखा था, आपको याद होगा | तो ऐसी परिस्थिति में अपनी खुद की सरकारों की टिप्पणी करें तो वह तो उनको पूरा अधिकार है पर मुझे लगता है पूरे देश ने इसका स्वागत किया है |

Q: तो लोगों को उनकी आपत्तियों पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है जो वह..?
A: पर अब कोई समझदार आपत्ति हो तो हम भी ध्यान देंगे, जनता भी देगी, आप भी देंगे | कोई एक-आध समझदारी की कोई आपत्ति हो तो ज़रा बताएं मुझे?

Q: नहीं, जैसे वह यह कह रहे हैं कि आप कोई पहले पायलट प्रोजेक्ट चला लेते इसका, तीन-चार महीने का वक़्त दे देते?
A: अब अगर आपके हिसाब से यह समझदारी है तो मुझे तो वैसे और ही शक होता है |

Q: नहीं, कांग्रेस पार्टी के लोगों ने जो बात की वह कह रहा हूँ मैं?
A: अगर आपको लगता है कि पायलट प्रोजेक्ट ऐसी चीज़ का हो सकता है तो ज़रा आप ही इसका मुझे जवाब दे दीजिये कि यह पायलट प्रोजेक्ट टैक्सेशन में कैसे चलता है? पायलट प्रोजेक्ट क्या होगा कि मैं अभी हेयर कट ले के आ रहा हूँ तो क्या वह पायलट प्रोजेक्ट में वह हेयर कट वाला बोलेगा आज मैं पायलट GST आपके ऊपर लगा रहा हूँ, बाद में तय होगा दो महीने बाद कि GST कितना लगना चाहिए | मैं आज पायलट आपको बिल दे रहा हूँ, दो महीने बाद आप फिर आना अपने फाइनल बिल के लिए और हम अकाउंट एडजस्ट करेंगे 10-20 रुपये का | मैं तो हैरान हूँ किस प्रकार से मुझे तो लगता था वहां भी कुछ वरिष्ठ लोग, lawyers, बड़े बड़े वकील है, बड़े बड़े Chartered accountants हैं पर जो हमारी जानकारी है उसके हिसाब से शायद एक-आध व्यक्ति की समझ और पूरी पार्टी की समझ में बहुत अंतर है |

Q: यानी आप राहुल गाँधी को नासमझदार कह रहे हैं और पार्टी में कुछ समझदार लोग हैं यह कह रहे हैं?
A: मैंने कोई नाम तो लिया नहीं, आप अगर ऐसा सोचते हैं तो अलग बात है |

Q: अच्छा उनका जैसे अब मैं बात करता हूँ स्पेसिफिक आपत्ति की, उन्होंने कहा कि हम यह चाहते थे कि जो रेट हैं इसपर एक कैप होना चाहिए वह उन्होंने नहीं किया और वह 18% का कैप चाहते थे कि इससे ऊपर किसी चीज़ पर न लगे?
A: इसमें भी मुझे लगता है जनता की आम राय ले ली जाये, अगर उनके हिसाब से चलते जिस प्रकार से उन्होंने एक बड़ा हल्ला करने की कोशिश की कि पता नहीं शायद 18% से ज्यादा कोई रेट नहीं होना चाहिए कुछ, तो revenue neutral रहने के लिए, और मुझे लगता है शायद वित्त मंत्री जी ने भी इसका खुलासा किया होगा कि तरीका यह अपनाया गया कि जो जो existing रेटें उसके nearest … की जायें | कुछ नासमझ लोग तो यह भी कहते हैं कि यह half-baked है जैसे आपने कहा एक ही रेट होना चाहिए था देश में | अब आप लोग तय करें कि इस देश में क्या BMW या Mercedes car खरीदने के ऊपर टैक्स रेट और एक गरीब आदमी जो अनाज खरीदता है या कोई गरीब आदमी रबर की चप्पल खरीदता है, इन दोनों के ऊपर टैक्स रेट सामान्य हो सकता है और desirable है? क्या इस देश में जहाँ पर आज भी कई लोग दो वक़्त की रोटी के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, उनकी कोई चिंता करेगा कि नहीं? ये अलग बात है कि कांग्रेस ने चिंता करनी शायद बंद करदी है जिसके कारण अभी भी उनके कुछ लोग कह रहे हैं कि नहीं यह तो एक ही रेट होना चाहिए था, यह half-baked है, कैप होना चाहिए था |

भाई BMW कोई खरीदता है तो 10-20 लाख उसपर कुछ ज्यादा ही ले के किसी गरीब की झोपडी में बिजली का बल्ब लगना चाहिए, किसी गरीब के बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए | हमारी सरकार की तो प्राथमिकता यह है गरीबों का, मध्यम वर्गीय लोगों का ध्यान रखा जाये, उनके जीवन में उजाला आये, उज्ज्वला आये, उनका जीवन और बेहतर हो | आखिर यही जनता है जिसने Give It Up और मैं समझता हूँ इस कमरे में बैठे हुए अधिकांश लोगों ने अपनी LPG subsidy Give It Up के माध्यम से मान्य प्रधानमंत्री के एक आवाहन पर छोड़ी थी, आज कितनी संतुष्टि मिलती है कि मैंने सब्सिडी छोड़ी उससे एक गरीब महिला, कोई मेरी बहन के यहाँ पर लकड़ी से, कोयले से आग नहीं जलती है, LPG के कनेक्शन उनको मुफ्त में मिली जिससे उनका स्वास्थ्य अच्छा होगा | मुझे लगता है यह संतुष्टि हर टैक्स पेयर के दिमाग में रहती है जब वह कर पे करता है |

आप देखते हैं पेपर में भी जैसे आ रहा है, टीवी पर भी कई इश्तेहार आ रहे हैं जो व्यक्ति जब टैक्स पे करता है वह एक गर्व से सोचता है कि मैंने इस देश के गरीबों के उद्धार में उनके जीवन को सुधारने में मेरा भी योगदान है |

Q: लेकिन जो बात आप समझ रहे हैं, जो बात जनता समझ रही है, यह राहुल गाँधी क्यों नहीं समझ रहे हैं?
A: 2014 में जनता ने उसका भी जवाब दे दिया, अभी अभी हाल में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, सब जगह आपने देख लिया | तो मुझे लगता है जल्द वह भी समझने लग जायेंगे, बहुत जल्दी समझ जायें वह भी अच्छा नहीं है |

Q: अच्छा, उनकी एक, मैं उसके बाद उनकी एक आपत्ति और विपक्ष की बात कर रहा हूँ फिर हम आगे बढ़ेंगे GST की details में बात करेंगे | वह यह कह रहे हैं कि आपने जो यह कल आयोजन किया, प्रोग्राम किय है उन्होंने कहा यह तमाशा है, मोदी सरकार तमाशा कर रही है, रात को बारह बजे क्यों सभी सांसदों को बुला रखा है, पूरी दुनिया को जगा रखा है | आपने इसको ऐसे प्रस्तुत किया जैसे कोई हमारी कोई और नयी स्वतंत्रता हमें मिल रही हो?
A: मुझे लगता है वह जो वरिष्ठ लोग, अधिकांश सांसद थे वहां पर, अलग अलग दलों के सांसद थे देश भर के, कुछ उसमें ऐसी पार्टियाँ भी थीं जो उनके, कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकारें चलाती हैं तो शायद यह चमाटा वह अपने खुद के मित्रों के पास, जो वरिष्ठ लोग थे वहां, रतन टाटा जी थे, वहां पर RBI के Governor थे, वहां पर बड़े बड़े विशेषज्ञ आये थे, लघु उद्योग के, मध्यम उद्योग के, अलग अलग संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी थे | तो मैं समझता हूँ अगर कांग्रेस के सबसे सर्वोच्च नेता इन सभी को तमाशा वाले बोलना चाहते हैं, उन सभी के उत्साह को तमाशा का रूप देना चाहते हैं तो बहुत दुर्भाग्य की बात है | मैं समझता हूँ अभी भी समय है, पूरा देश इसके साथ जुड़ रहा है, सोच समझके जुड़ रहा है कि यह देश हित में है, जनता के हित में है, सोच समझके जुड़ रहा है कि कुछ दिनों में कठिनाई दूर हो जाएगी, कठिनाइयाँ आना तो स्वाभाविक है | कोई एक जादू की छड़ी नहीं है कि विश्व का सबसे बड़ा रिफार्म जो ट्रांसफॉर्म कर सकता है इस देश की अर्थव्यवस्था को, जो गाँव-गरीब में एक नया परिवर्तन ला सकता है, इतना बड़ा रिफार्म जो अमेरिका तक करने की साहस नहीं कर सकता है | आज भी अमेरिका में GST नहीं है, भारत ने साहस किया है, भारत के सभी नेताओं ने मिल के साहस किया है, उनके भी Chief Minister उस साहस में शामिल हैं, कम से कम उनको तो बधाई दे दो, छोड़ो और किसी को दो न दो, उनको ही बधाई दे दो |
Q: अच्छा अब एक चिंता यह है पियूष जी, जैसे नोटबंदी के वक़्त लोगों को बहुत तकलीफ हुई, परेशानी हुई?
A: लोगों ने उस परेशानी को समझके लिया कि यह देश हित में है, इससे देश में काला बाजारी और भ्रष्ट्राचार ख़त्म होने का एक और मार्ग होगा, और यह एक series of steps है तो आप महरबानी करके जनता के परिश्रम को, जनता के जो समर्थन और आशीर्वाद मिला उसको परेशानी-परेशानी में बार-बार मत ले लो….लोग कई आपके टीवी चैनल वाले तो, अलग अलग चैनल वाले तो लोगों को माइक मुंह में डाल-डाल के बोलते थे परेशानी है, परेशानी है, तो भी जनता बोलती थी नहीं हम खुश हैं |

Q: चलिए परिश्रम कह देता हूँ, परेशानी नहीं परिश्रम कह देता हूँ, तो जितना परिश्रम लोगों को करना पड़ा नोटबंदी के बाद, demonetization के बाद | क्या हम कुछ अगले महीनों के लिए खुद को वैसा ही तैयार करें, उतनी ही कसरत करनी पड़ेगी हमको?
A: कितनी कसरत करनी पड़ेगी वह तो आहिस्ते-आहिस्ते मालूम पड़ेगा लेकिन एक कहावत है अंग्रेजी में – The road to progress, the road to change, the road to a better future is difficult in the beginning. It gets better and ultimately it’s beautiful. आपको एक छोटा उदाहरण देता हूँ, जब बिल्डिंग की construction होती है, हमारे यहाँ कई माता-बहनें हैं, बड़ा उत्साह होता है हर एक को कि मेरा खुद का घर हो | इस सरकार ने तय किया है कि 2022 जब भारत आज़ादी के 75 वर्ष का जश्न, उत्साह और शायद उस दिन भी कुछ मित्रों को तमाशा दिखेगा पर हम तो उसको भी उतना ही उत्साह से celebrate करेंगे, उस दिन तक हम चाहते हैं कि हर एक के घर में छत हो, उसमें बिजली हो चौबीस घंटे, पेयजल हो, शौचालय हो, स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, शिक्षा मिले | अब इस सपने को पूरा करने के लिए क्या इस देश से भ्रष्ट्राचार, काला धन, काला बाजारी ख़त्म करना आवश्यक है कि नहीं है और यह देश समझता है इस बात को |

पर जब बिल्डिंग बनती है तो बिल्डिंग बनने के लिए पहले तो गड्ढा ही खोदना पड़ता है ना? गड्ढा खोदके उसमें से गंदगी और मैल निकलती है उसको ठिकाने लगाना पड़ता है, गड्ढे में एक अच्छी फाउंडेशन बनती है, फाउंडेशन के ऊपर बिल्डिंग बनती है, बिल्डिंग में कचरा धूल, सब निकलता है कि नहीं? सीमेंट का धूल, कचरा, जब रेती लगती है, जब स्लैब कास्ट होता है आप सबने देखा है अपने मुहल्ले में कोई कंस्ट्रक्शन होते हुए, तो क्या बड़ा आसान होता है वहां पर? हम भी तो मुंह फेर लेते हैं कि ज़रा मिटटी हमारे ऊपर नहीं जाये लेकिन जब सुन्दर बिल्डिंग बन जाती है और जब हमारी बहन उसमें जा के वहां पर पूजा करती है उसके  गृह प्रवेश करती है या जो एंट्री होता है घर का जब वहां पर अपने भगवान् की फोटो, कोई क्राइस्ट की लगाता है, कोई अलग अलग धर्मों की मेसेज लगाता है, कोई अपने भगवन राम के चित्र लगाता है, कोई गणेश जी की पूजा करता है | उस समय का जो उत्साह है, उस समय थोड़े ही याद रहता है कि कितनी तकलीफ हुई थी, गड्ढा खुदा था, फाउंडेशन बनी थी, बिल्डिंग बनी थी, सीमेंट का काम हुआ था, फिर हम सब भूल जाते हैं, हम तो एक सुन्दर घर देखते हैं और वह सुन्दर घर बनाने के लिए वह गड्ढे खोदने से काम शुरू करना ही पड़ेगा |

Q: तो यह आधा गड्ढा जो है वह पहले आपने नोटबंदी में खोद दिया, आधा आप GST में खोद रहे हैं, यह आधा-आधा ही है कि और कोई किश्त बाकी है?
A: देखिए यह एक प्रवाह है, जिस दिन कोई भी व्यक्ति सोचे कि बस अब सब कुछ परफेक्ट हो गया, अब आज के बाद कुछ तकलीफ नहीं है, वह मेरे ख़याल से एक बहुत ही अनपढ़ या नासमझने वाला ही व्यक्ति हो सकता है | Life is a journey, life is a continuous state of flux. एक तरीके से इस journey इस प्रवाह में चलते ही रहेंगे, आखिर पानी गंगा माँ के अन्दर जब, गंगा माँ का जो प्रवाह है उसमें पानी जाता है, आप कितनी भी उसकी गन्दगी ख़त्म कर दो तो पानी तो आगे जायेगा, दूसरा पानी आएगा ही ना, उसकी भी गन्दगी बंद करते रहना पड़ेगा | तो यह तो एक journey है और इस देश को इस journey से गुज़रना है, बहुत अहम् कदम इस सरकार ने लिया है | पहली कैबिनेट से, मई 26, 2014 को यह सरकार बनी, उसदिन से लगातार काला धन और भ्रष्ट्राचार के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी जी काम करते रहे हैं और यह काम का प्रवाह आगे भी चलते रहेगा |

Q: कुछ सवाल हमें और शहरों से भी आये हैं तो लखनऊ के कुछ कारोबारी सवाल पूछना चाहते हैं पियूष गोयल जी से, सवाल सुनते हैं?

GST हम पर अब थोप दी गयी, हमको बताया नहीं कि GST है क्या, इसके आगे क्या अंजाम होगा, हमारा फायदा होगा कि हमारा नुकसान होगा | हम अपना फॉर्मेट पूरा चेंज करें, कस्टमर को रसीद देते हैं वह रसीद किस तरह से बनेगी, कौन हमको गाइड करेगा, सीए के पास जाओ, सीए भी कहता है कि हमको ठीक से पता नहीं है, वकील के पास जाओ तो वकील बोलता है हमको ठीक से पता नहीं है, तो फिर पता किसको है?
A: बड़ा इंटरेस्टिंग हैं, यह किस टाइप के वकील के पास गए होंगे मुझे देखना पड़ेगा, सोचना पड़ेगा | वह भी कहीं उसी प्रकार के वकील नहीं हो जिनको कल का जश्न और कल का उत्साह तमाशा लगा | लेकिन, देखिए सबलोग इसको भलीभांति समझ लें जो मैं अभी 2-3 मिनट में आपको बताने जा रहा हूँ | पहली बात तो है यह शंका निकाल दो कि यह बड़ा complicated है, इससे सरल सिस्टम शायद विश्व में किधर नहीं होगा जो इस GSTN में बनाया गया है, बदलाव के समय समझने में थोड़ा समय लग सकता है | और अगर कोई chartered accountant इनको बोलता है मुझे समझ नहीं आया तो मुझे उसकी डिग्री चेक करवानी पड़ेगी |

आज देश में 2.15-2.5 लाख chartered accountants हैं, अलग अलग industry associations काम कर रही हैं, chartered accountants ने तो students जो पढाई कर रहे हैं CA की उनको भी train किया है | एक सरल प्रोग्राम बनाया है जिसमें वह अंजान आदमी, आप चाहे तो उस प्रोग्राम में चले जाओ आप भी expert हो जायेंगे उनको advice देने के लिए | देश भर में 200 से अधिक स्थानों पर help desks बनाई हैं जो मुफ्त में मदद करेंगी, कोई चले जाये वहां registration करने में, फॉर्म भरने में, सभी कुछ | अलग अलग industry associations ने help desks बनाई है, सरकार ने अपने जितने सरकारी दफ्तर हैं चाहे वो local state government का VAT office हो, Octroi office हो, central government का excise office हो, service tax office हो, सब जगह मुफ्त में help desk लगा रखे हैं |

हाँ, अगर अब कोई सोचे कि भाई मैं तो अपने गल्ले पर बैठा रहूँगा, मैं तो कोई मेहनत करूँगा नहीं, बस परिवर्तन आ के मुझे छू जाये और मेरा देश अच्छा सुन्दर बना दे तो यह तो असंभव है ना? स्वच्छता के लिए भी हमें दो कदम आगे तो बढ़ना पड़ेगा, दो हाथ तो बटाने पड़ेंगे, तो एक स्वच्छ भारत की तरफ जाने के लिए आप क्यों वकील और CA के पास जा रहे हो अगर आपको अच्छे नहीं मिल पा रहे हैं, सरकारी एक दफ्तर में चले जाओ | और वास्तव में तो सभी कुछ हमने इश्तेहारों में दे रखा है, देश भर के अख़बार में, सब डेटा दिया, आपके जो products हैं उसका डेटा दिया क्या रेट आपको apply होगा |

FAQs, 500 से अधिक Frequently Asked Questions का जवाब अलग अलग भाषाओँ में उपलब्ध है, जिसको चाहिए दूर भी नहीं जाना है, FAQ पढलो, उसके भी इश्तेहार दिए जा रहे हैं, advertisements अलग अलग questions कि क्या होना चाहिए |

अच्छा सिस्टम इतना सरल है, मैंने भी व्यापार किया है | जब मैं छोटा था, कॉलेज में था तब मैंने उद्यमी के नाते एक फैक्ट्री लगायी थी, small scale industry | मुझे अभी भी वह दिन याद है, excise officer अलग आता था, sales tax officer अलग आता था, entry tax officer अलग आता था और ऐसे 17 taxes को इसमें सम्मिलित किया गया है | शायद 20-22-23 cesses को भी सम्मिलित किया गया है | अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग return भरो, अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग data रखो, हर एक का अलग format होता है, मैं तो sales register भी 4 बनानी पड़ती थी, excise के लिए अलग sales register, sales tax के लिए अलग, service tax के लिए अलग, अलग data, अलग format, अलग information |

अब आपको क्या करना होगा? यह सब परेशानी ख़त्म, उसके बदले आपको मात्र और मात्र सिर्फ एक sale register बनानी है एक ही format में और उसका भी वैसे format कोई निर्धारित नहीं है, आप कोई format में बना लो लेकिन उसमें जो आपका purchaser है और purchaser का जो GST Number है वह दो डालना आवश्यक है | और कितने amount के goods बेचे और उसपर कितना tax collect किया यह चार fields basically आवश्यक हैं | एक बार sales register बन जाये उसके बाद आपको कुछ नहीं करना है | यह गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं कुछ लोगों द्वारा जो technical issues खड़े करते हैं, so-called technical issues, कोई technical issue नहीं है एक भी return नहीं फाइल करना है, 37 तो दूर की बात है | सब returns automatically system द्वारा बनेंगे, system में भी software free of charge सरकार देने को तैयार है |

आगे चल के अभी अभी वित्त मंत्री जी बता रहे थे कि आपके फ़ोन के ऊपर ही आप यह डेटा डाल सकते हैं | जो छोटे काम, व्यापार करते हैं या उद्योग चलाते हैं, 20 लाख रुपये तक की sales हैं उनको तो GST से ही बाहर रखा गया है, नंबर भी नहीं लेना कुछ नहीं करना, 20 लाख तक की सेल हो तो | 20 से 75 लाख को आपको composition scheme में मात्र sales register बनानी है, sales के ऊपर trader हो तो 1% व्यापारियों के लिए, manufacturer हो तो 2% composite tax भर दिया आपकी कहानी ख़त्म | और बाकी भी कोई return आपने मेहनत नहीं करनी है, आपने sales बना दिया तो आपकी purchase register अपने आप बनेगी दूसरों के sales register में से जिससे भी आप सामान खरीदोगे आपकी purchase register बनती रहेगी, फिर उन दोनों का matching हो के आपका tax, GST liability अपने आप बन जाएगी |

तो यह भ्रमित करने की अगर कोई कोशिश करे या आपको बिना बात अनाप-शनाप charges लगाके कंसलटेंट बनने की कोशिश करे तो उसके बदले आप सीधा सरकारी ऑफिस में जाओ उनके मदद से पूरा काम करो | कोई आपको तंग करे, harass करे तो तुरंत अपने जनप्रतिनिधि को बताओ या सीनियर अधिकारी के पास पहुँच जाओ, हम सब तट पर रहेंगे चौबीसों घंटे आपकी सेवा में |

Panelist: जिन लोगों को practically यह returns बनानी हैं या जानकारियाँ देनी हैं सरकार को, जिनको भी जानकारी upload करनी है जो format है उसके बारे में कुछ ऐसे कारोबारी ने सवाल पूछा है format पर ही, हो सकता है उस सवाल जा जवाब आप दे चुके हों already फिर भी सुनते हैं वह सवाल, पटना से यह प्रश्न है |

Q: मैं पियूष गोयल जी से यह सवाल पूछना चाहूँगा कि जो यह GST की जो बातें जो हैं, बहुत confusion है mind में लेकिन एक सवाल मेरे मन में है कि जो बिल बनती है, जो हम customer को देते हैं उसकी format क्या होगी इसके बारे में कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है?

Panelist: यह GST network है जहाँ पर जाकर के इनको access करना पड़ेगा यह format?
A: Format तो publicly available होगा, और जहाँ तक सवाल है format का, मेरे खयाल से तो आ गया होगा, अगर कोई उसमें नहीं भी आपको मिला है | तो आपको क्या है सेल्स क्या आइटम की कर रहे हो वह दिखाना है, उसपर कितना टैक्स लगा रहे हो वह दिखाना है और कुल अमाउंट उपभोक्ता को देना है | मेरे खयाल से इसमें कोई आप लोगों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, कोई बहुत लम्बा-चौड़ा format के ऊपर हम sticky नहीं हैं, डेटा होना चाहिए कि आपने किसको बेचा, उनका GST नंबर क्या है अगर वह भी आगे बेचने वाला हो या उसपर कुछ काम करने वाला हो, business to business. अगर उपभोक्ता, मैं जैसे अभी बताया hair cut ले के आ रहा हूँ तो मुझे कोई उसने मेरा GST no. थोड़े ही पूछा, बिल में लिखा इतने रुपये hair cut के उसके बाद 18% मुझे charge किया और कुल amount मेरे से credit card से ले लिया, कहानी ख़त्म हो गयी | कोई format की उनको तो तकलीफ नहीं है, उन्होंने यह तो नहीं कहा कि आज hair cut free है क्योंकि format नहीं है मेरे पास | तो कठिनाई, हम अपने ऊपर अगर सोचें कि कठिनाई है तो कठिनाई है, उसके लिए भी यह GST Council जिसमें सभी पार्टियाँ बैठी हैं उन्होंने मिल के कहा कि भाई दो महीने तक किसी प्रकार का पूछताछ नहीं होगी आप लोगों को आराम से समझने के लिए समय दिया जा रहा है, कोई गलती भी हुई तो उसको Rectify कर देना, कोई आपके ऊपर जुर्माना नहीं है, कोई आपको तकलीफ नहीं रहेगी |

आप सोचिये जब इतना बड़ा परिवर्तन हो तो एकदम परफेक्शन से…. अभी अभी वित्त मंत्री जी ने बताया 85 लाख ऐसे लोग हैं जो टैक्स पहले भरते थे, हो सकता है उसमें से किसी को अब नहीं भरना पड़ेगा क्योंकि उनकी सेल 20 लाख से कम हो, पहले तो सेल्स टैक्स वगैरा कम अमाउंट पर भी भरनी पड़ती थी सेल पर, हो सकता है अभी कुछ नए लोग आ जायेंगे जो पहले शायद टैक्स नहीं भरते थे अब ध्यान में आएगा कि नयी व्यवस्था इतनी सुचारू रूप से बनाई गयी है कि अगर आपने tax evade करने की कोशिश की तो दूसरों के tax returns में से अपने आप trigger आ जायेगा कि भाई इस आदमी को टैक्स भरने की आवश्यकता है |

Q: यह मैं आपसे समझना चाह रहा हूँ, जिन लोगों ने आज तक टैक्स दिया नहीं, जो किसी भी खाते से जुड़े नहीं हुए वह अगर अपने आपको इस GST Network के साथ नहीं जोड़ते वह पहले की तरह ही चलना चाहते हैं तो उनको आप कैसे पकड़ेंगे?
A: देखिए बहुत सरल तरीके से मैं आपको उसका भी बता देता हूँ, अगर यहाँ कोई व्यापार जगत से जुड़ा हुआ व्यक्ति है तो उसको ध्यान में होगा पहले ऐसा नहीं कि सब लोग, कई लोग दो बहीखाते रखते थे, दो account books रखते थे, एक formal, एक informal, एक tax एक no-tax | और यह व्यवस्था दुर्भाग्य से कुछ लोगों को तो इसलिए करनी पड़ती थी कि भाई मार्किट में 10 लोग में 2 लोग चोरी करते हैं, 8 ईमानदार लोग compete ही नहीं कर पाते थे, जो चोरी करता है उसका दाम सस्ता होने के कारण, ईमानदार लोगों को भी या तो चोरी करनी पड़ती है या उनको धंधा बंद करना पड़ता है तो यह competition unfair हो जाती है | GST का सबसे बड़ा लाभ व्यापारियों को, उद्योगपतियों को, उद्यमियों को यह होगा कि अब अलग अलग states में भी एक ही रेट होगा, ऐसा नहीं है कि कोई बाजू वाला स्टेट सस्ती टैक्स कर दे तो मेरा धंधा चौपट हो जायेगा | और कई जगह हुआ, कोई स्टेट में टैक्स कम होता था, आप लोगों में से कई लोग याद करेंगे गाड़ियाँ भी लोग इधर-उधर खरीदते थे, यूपी जाके खरीद् लो या हरियाणा में खरीदो दिल्ली में रेट ज्यादा है |

यह सब कहानियां ख़त्म और एक प्रकार से आगे चल के सभी को ईमानदार व्यवस्था में जुड़ने का इसलिए भी प्रोत्साहन होगा कि अगर मैं ईमानदार व्यवस्था में नहीं जुड़ा और मैंने अपना टैक्स नहीं भरा, लेकिन किसी ने तो वह सामान बनाया होगा, वह सामान शुरू हुआ, सामान शुरू हुआ उधर उसका GSTN No. के हिसाब से किसी को बेचा, उसने आगे मुझे बेचा, मैंने अगर आगे नहीं बेचा लेकिन उसके बेचने के ऊपर मेरी purchase है, यह सिस्टम में register हो जाएगी | तो सिस्टम अपने आप बताएगा कि भाई यह व्यक्ति ने purchase तो किया उसके बाद इसका आगे क्या किया वह सिस्टम में कुछ दिख नहीं रहा है तो एक trigger आ जायेगा और पता चल जायेगा कि इस व्यक्ति ने कुछ गड़बड़ की है |

मैं आपको साधारण उदाहरण की बात कर रहा था, पहले क्या होता था बिल्टी बनती थी – transport receipt, ट्रक में माल जाता था, शुरू होता था proper invoice के साथ, बिल के साथ, BR बनता था, Bill of Receipt या जो भी बोलते थे, destination पहुँचने के बाद उसको फाड़ दिया जाता था और वह माल का कोई account नहीं, कोई टैक्स नहीं भरा जाता था | अगर कोई check  point पर कोई देख ले तो फिर उसको फाड़ते नहीं थे उसको Account for कर देते थे | यह एक पुराने ज़माने की समस्या थी और यह check points पर धुआं हो रहा है, प्रदूषण हो रहा है, लम्बी कतारें लग रही हैं, वह अलग नुकसान था, भ्रष्ट्राचार का समस्या अलग थी, हम transport 15,000 देते थे तो उसका एक बड़ा अंश illegal जाता था, भ्रष्ट्राचार में जाता था | अच्छा और इनकम टैक्स में तो खर्चा दिखाना पड़ेगा ना | यहाँ मार नहीं पड़ेगी तो इनकम टैक्स में तो 33% की मार पड़ेगी तो आदमी को अपना दिखाना तो पड़ेगा खर्चा किया | तो ट्रक वाला दिखायेगा कि मैंने डीज़ल ख़रीदा, 10 बार डीज़ल ख़रीदा, ऊपर नीचे मेरा ट्रक गया, मुंबई से दिल्ली वापिस आया पर कोई सेल तो किया नहीं, कोई माल तो मैंने ढोया ही नहीं | तो अपने आप यह कंप्यूटर बताएगा, अच्छा आपको बड़ा शौक है पेट्रोल फुकाने का कि up and down ट्रक कर रहे हो और माल ही नहीं बेच रहे हो उसका | तो अपने आप पकड़ में आएगा कि बताओ ये ट्रक में क्या माल गया था |

तो एक प्रकार से system-driven व्यवस्था जिसमें अधिकारी आपको आ के तंग ना कर सके यह इसमें से बनाई गयी है | मैं वास्तव में GST Council के सभी सदस्य और अधिकारियों को तहे दिल से मुबारकबाद दूंगा |

Panelist: यह एक बड़ा मेसेज है कि अब बेईमान रहना या टैक्स न देना, आपके पास विकल्प नहीं है | कुछ सवाल अगर आप पूछना चाहते हैं पियूष जी से?

Q: This is a welcome move and I congratulate government. The only problem I see is, so many speculations going on and people spreading rumours. What will BJP lacked was it could have conducted more seminars in advance to educate the normal person. बाकी लोग तो anticipate करेंगे problem इसका. मैं face कर रहा हूँ, मैंने 15% service tax charge किया हुआ है 6 months के लिए 1st April से, अब इस बात का जवाब 4 महीने हो चुके हैं अब इस महीने से वह जो टैक्स है service tax वह 18% हो गया है सर, ठीक है? Additional 3% component ना तो मुझे मेरा client देगा, am I right? अब जो पुराना वह जो हो चुके transaction उसको अगर waive off कर दिया गया है इसके लिए एक help desk हो, clarity हो, because some things have not come in open for CAs also?
A: अभी मैंने बताया हेल्प डेस्क का, मैंने कहा CAs ने हेल्प डेस्क बनाई है, associations ने बनाई है, सरकार ने हेल्प डेस्क बनाई है | आपकी जानकारी के लिए जनवरी से अभी तक 5000 से अधिक seminars किये गए हैं देश भर में, 5000 से अधिक, departments द्वारा, जिसमें अधिकारी जाते हैं | खुला मंच होता है, कोई आ के कोई सवाल पूछले | अब आप दिल्ली में रहते हो भाई साहब, इतने इश्तेहार होते हैं, इतना डेटा होता है आपका कोई पुराना आप अगर पहले से काम करते हो तो कोई दफ्तर तो होगा ना, service tax office, थोड़ा से मेहनत करके यहाँ से निकलने के बाद वहां चले जाना, उधर हेल्प डेस्क होगी ज़रूर, वह आपको गाइड कर देगा |

और दूसरी बात सब लोग समझ लें, कि यह 15 से 18 हुआ, इसका यह मतलब नहीं कि 3% टैक्स बढ़ा है | यह आप सबलोग समझ लें, आप जहाँ जहाँ जाते हैं आप यह सवाल पूछिए, अगर कोई आपको कहने की कोशिश करे और मैं आपके माध्यम से आपके सभी श्रोताओं को, दर्शकों को बताना चाहूँगा कि कोई अगर आपको बोले कि भाई अब 15 से 18 हो गया मेरा टैक्स बढ़ गया अब 3% ज्यादा दो, तो उसको पूछो जो जो सामान आप खरीदते हो, जो जो आप सर्विसेज लेते हो किसी से, कोई आपके यहाँ सिक्यूरिटी सर्विस देता है उसके सिक्यूरिटी का बिल है, कोई हाउसकीपिंग सर्विस देता है उसका बिल है, कोई आप किसी को सब-कॉन्ट्रैक्ट करते हो कोई काम उसका बिल है, उस सबपर जो आपने टैक्स भरा उसका क्रेडिट आप जोड़ो और फिर मेरे ऊपर चार्ज लगाओ | तो अगर 15 काटा हुआ है तो बेसिक कास्ट कम होनी चाहिए, क्योंकि अब बेसिक कास्ट में बहुत क्रेडिट्स भी मिल रहे हैं |

तो हम सब जनता को भी सतर्क रहना पड़ेगा और अपना जो भी सामान लेने जायें उसके बारे में आप जानकारियां भी ट्वीट करें तो हम भी उसके ऊपर ध्यान रख सकते हैं और उसी के लिए एक anti-profiteering कानून या व्यवस्था भी बनाई है |

Panelist: एक ऐसा ही सवाल लुधियाना से आया है, कपडा व्यापारी हैं वह कुछ पूछना चाहते हैं, सुनते हैं सवाल |

Q: हमारा कपडे का कारोबार है, हम लोग बहुत परेशान हैं कि हमको वक़्त नहीं दिया गया GST के बारे में समझने के लिए, न हमारा CA, न हमारा accountant पूरी तरह इससे aware है | परेशानी यह है कि कल जो हम जो माल बेचते हैं आज कस्टमर ले गया वापिस करता है वह तो GST हमने जो pay कर दी वह GST हमारी कैसे वापिस आएगी, इसके बारे में कोई clear हमको बताया नहीं गया है?
A: मैं ही बता देता हूँ, बड़ा simple है, सब goods वापिस आयेंगे तो उसका आप एक reverse charge का invoice बनाएंगे और आप उसका credit ले लेंगे, कोई मतलब इसमें कोई rocket science नहीं है, कोई difficulty नहीं है|

Panelist: पियूष जी यह जो वकील हैं या tax lawyers हैं, या CA हैं, इनकी दुकानें तो नहीं चमक जाएँगी?
A: Actually, अभी अभी वित्त मंत्री जी ने इसका भी खुलासा किया, by chance, मैं तब तक पहुँच गया था कि वास्तव में chartered accountants तो उल्टा यह चिंतित हैं कि उनका दुकान बंद हो जायेंगे | अब उनको audit और professional services के नए माध्यम ढूँढने पड़ेंगे, हो सकता है कुछ whistleblowers भी बन जायेंगे जो लोग गलत काम करते हैं उससे अच्छी आमदनी हो जाएगी, जो लोग चोरी करते हैं टैक्स की, इनकम टैक्स भी भरते हैं | शायद chartered accountants को उनके whistleblowers बनने में हमें प्रेरित करना पड़ेगा | क्योंकि पहले तो यह था कि भाई service tax ऑफिस जाना है तो CA का बिल बन रहा है और वह जा रहा है आ रहा है, रिटर्न भर रहा है, assessment करा रहा है, assessee को बोलता था भाई assessment कराने के लिए 5000 रुपये, 10,000 रुपये, 1 लाख रुपये लग जायेंगे | अब वह सब ख़त्म, आप ईमानदारी से अपना sale invoice डालिए ज़रूर, अगर आपका दामन साफ़ नहीं है तो आपको ज़रूर वकील और CA की ज़रूरत पड़ेगी | जो व्यक्ति अपने sales invoice ईमानदारी से पूरे दिखा दे उसको आज के बाद कोई वकील कोई CA की ज़रूरत नहीं पड़ेगी |

Panelist: क्या नाम है सर आपका?

Q:  बृजमोहन मेहता और मंत्री जी को शुक्रिया अपनी association की तरफ से जो मैं 5-7 association से जुड़ा हूँ | मेरा सवाल है कल शाम को मोदी जी ने कहा कि जो पिछड़े राज्य हैं वह बराबरी में आ जायेंगे जैसे बिहार है या पूर्वी यूपी है, तो यह कब तक …….?
A: इसमें दो चीज़ें महत्व की हैं, पहली बात तो जब टैक्सेज, और ईमानदार व्यवस्था देश में बन जाये और लोग अपना ईमानदारी से टैक्स भरने की आदत पड़े, सोच बदलने में थोड़ा समय लगेगा | पर विश्व भर का यह अनुभव है कि टैक्स बढ़ता है GST आने से और वह बढ़ता इसलिए नहीं है कि आपके ऊपर बोझ है, क्योंकि आपके ऊपर तो बोझ कम होगा, इनपुट क्रेडिट पूरा मिलेगा |

 

Ends.

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June 30, 2017 Speaking on GST with CNBCTV18

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