Speeches

May 3, 2017

Speaking at “Conference of Power, Renewable Energy and Mines Ministers of States”, New Delhi

Renewable energy and ore mining from the various states from different regions, different parts of India. I have just been advised that about 22 states have already joined the programme at the level of Ministers, and I am sure, as the day progresses we will have more presence. I very very warmly welcome each and every Minister, all the various officials of the central government, the state governments, from different wings of the central and state government – the regulatory wing, the transmission wings, the Central Electricity Authority – friends from the media, ladies and gentlemen.

When Prime Minister Modi talks about New India, he’s talking about a new India of the dreams of the youth. And that is the new India that we are trying to create with the collective efforts of all of you, and that new India, that aspirational new India that the honorable Prime Minister has articulated is truly the goal post that each one of us here is trying to achieve.

एक प्रकार से मान्य प्रधानमंत्री जी ने जो देश को एक दिशा दी है, किस प्रकार का देश हम भविष्य में बनाना चाहते हैं, किस प्रकार का देश हम अगली पीढ़ी के लिए युवा-युवतियों के लिए छोड़ के जाना चाहते हैं, क्या आधारभूत सुविधाएं हैं जिससे इस देश का सामान्य नागरिक वंचित रहा है, वर्षों वर्षों से पीढ़ियों से वंचित रहा है और वह कौनसी ऐसी प्रतिबद्धताएं हैं, which are the important …… before each one of us that we can focus on and towards that objective the honorable Prime Minister has laid down his vision that when India turns 75 on 15th August, 2022, can we envisage an India where every citizen has shelter over his head, where every citizen has a home in which there is a good toilet, there is 24 hours electricity, there is good quality water, a good road by which he can connect to the rest of the world. Can we ensure quality education, quality healthcare, can we create a holistic good quality of life for every individual of this country. And I think it’s a very challenging but very exciting aspiration that the honorable Prime Minister has articulated. And I am sure nobody in this room can find fault or can differ with this objective.

मेरे समझ में है कि हम सभी चाहे हम राजनीतिज्ञ हों, चाहे हम सरकारी अधिकारी हों, हम सबका अगर उद्देश्य देखें और एक प्रकार से public servant का उद्देश्य तो जनता के हित करने का ही हो सकता है | और उस हित को करने के हेतु अगर हम यह चार-पांच जो आम सुविधाएं हर व्यक्ति जिसके लिए अपेक्षा करता है जो उसका मैं समझता हूँ अधिकार है उसके लिए जब हम सब मिलके संयुक्त कोशिश करेंगे, सब मिलके एक collaboration, cooperation के साथ काम करेंगे तो मुझे लगता है कि यह बहुत बड़ा मुश्किल लक्ष्य नहीं है जहाँ तक ऊर्जा का सवाल है, जहाँ तक electricity का सवाल है |

हमने लगभग 6 ऊर्जा मंत्रियों की ऊर्जा और खनन मंत्रियों की conferences कर ली हैं, इस conference में, वैसे यह पिछले हफ्ते होनी थी विजयवाड़ा में, या विशाखापट्नम में, विशाखापट्नम में और क्योंकि त्यौहार आ गया 28 तारीख को तो कुछ मान्य मंत्रियों ने मुझे फ़ोन किया था कि त्यौहार के बीच और शायद ……… भी था उसी दिन तो बावन कुले जी वगैरा का रिक्वेस्ट थी कि इसको थोडा आगे किया जाये जिससे त्यौहार में बाधा ना आये | और क्योंकि समय कम था तो फिर हमें दिल्ली करना पड़ा, वैसे हमारी पहली conference दिल्ली में विज्ञान भवन में हुई थी | तो पहली के बाद हमने देश के अन्य अन्य इलाकों में conferences की जिसका अच्छा प्रभाव पड़ा, गुवाहाटी में पहली बार पूरे देश के सभी मंत्री इकट्ठे हुए थे एक पूर्वांचल, North East के लिए, बहुत ख़ुशी की भी बात थी और बहुत गर्व की बात थी कि देश भर के मंत्री पहली बार पूर्वांचल गए बजाये कि पूर्वांचल के मंत्रियों को पूरे देश भर में हर बार जाना पड़े |

इसी प्रकार से दक्षिण में हुई, इसी प्रकार से वडोदरा में हुई जिसमें कई उसके साथ साथ एक बड़ी exhibition और conference थीं, उसके साथ हमने नवरात्री का आनंद लिया | इस बार ज़रूर हम आपको cultural activity से शायद वंचित ही रखेंगे लेकिन this will be a completely business-oriented focus to outcomes session that we are going to have over the course of the next two days.

वास्तव में इस वर्ष हम पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का 100th birth anniversary, 100वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं, जन्म तिथि भी मना रहे हैं | और इस जन्म शताब्दी के अवसर पर फिर एक बार अगर हम सब अपने को dedicate करें उनकी ideology पर, उनकी विचारधारा पर और उनकी विचारधारा देखें तो बहुत ही सामान्य बात थी पर उस सामान्य बात में कितना बड़ा मेसेज था उसको हम ज़रा सोचें | एक तरफ पूरा विश्व इस लड़ाई में लगा हुआ है कि capitalist economy अच्छी है, socialist अच्छी है, communist अच्छी है, कुछ लोग उसके अलग अलग variations try कर रहे हैं लेकिन पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी ने आज से 50 वर्ष पहले, and in some sense I genuinely believe he was a man far ahead of his times. जो उन्होंने 50 वर्ष पहले विचारधारा रखी थी, जो उनकी कल्पना थी कि इस देश में सबसे गरीब से गरीब जो व्यक्ति है उसके जीवन में कैसे सुधार लाया जाए वह हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए |

उन्होंने एक कल्पना रखी थी कि देश में जो हमारे पास wealth है, जो हमारे पास available resources हैं उसका पहला अधिकार देश में सबसे गरीब व्यक्ति, the person who is at the bottom of the pyramid, जो अंतिम छोर पर व्यक्ति खड़ा है उसका अधिकार, पहला अधिकार होता है देश की समृद्धि पर, देश के कामों पर, देश की योजनाओं पर | और साथ ही साथ पंडित जी ने यह भी कहा था कि कोई व्यक्ति सिर्फ आर्थिक सुख-सुविधाओं से खुश नहीं हो सकता, अगर किसी व्यक्ति को वास्तव में ख़ुशी देनी है, किसी व्यक्ति के जीवन परिवर्तन करके उसको एक हर्ष का जीवन जीने के लिए हमें मौका देना है, जिसको आज पूरी दुनिया Gross Happiness Index के नाम से जानती है |

आज तो कल्पना बहुत ही exciting लगती है, United Nations उसकी चर्चा करती है, कई बार यह बात होती है कि भूटान शायद विश्व का सबसे खुशहाली वाला देश है | Gross Happiness Index of Bhutan is the highest in the world. वहाँ आर्थिक समृद्धि कम है शायद सुख सुविधाएं, material wealth कम होगी लेकिन ख़ुशी जो भूटान के नागरिक महसूस करते हैं वह विश्व में सबसे अधिक है | और इसी प्रकार से जब हम व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास की बात करें, चर्चा करें, तभी जाके उसके जीवन में भी ख़ुशी आएगी, उसका भी जीवन पूरा complete होगा, a complete man, a complete life. और उस प्रकार की कल्पना जब हम करते हैं तो power, ऊर्जा, का एक बहुत central role रह सकता है और रहेगा | It’s like a fulcrum around which one can create an ecosystem for a better quality of life for every individual in this country.

And that is the objective with which Prime Minister Shri Narendra Modi’s government has worked over the last three years. Later this month, we will be completing 3 years of good governance, of government which is corruption-free, of a government which has focused on significantly changing the framework of governance in this country and working on principles, which last or will outlast all of us in this room. And will create a very strong foundation for prosperity in this country, for better quality of life of our people and to make India once again reclaim that lost glory of, probably, being one of the most richest, wealthiest and happiest countries that the world had and which we often read in mythology, which we often discuss about.

फिर से एक बार वह सोने की चिड़िया बनाने की कल्पना से हम सब काम में लगे हुए हैं, और जैसा नेलसन मंडेला ने कहा था, अगर एक बार हम सब किसी चीज़ के लिए अपना मन बना लें, किसी कार्य के लिए हम सब अपने संकल्प को पक्का कर लें, तो हम कोई भी काम असंभव नहीं रहेगा, कोई भी काम किया जा सकता है | और इस room में तो ऐसी ताकत है, इतनी ऊर्जा है कि जो निर्णय इस room में किए जाएँगे उस निर्णय को पूरा करना हम सब की सामूहिक responsibility भी है, it is a joint and several responsibility. हम सब की व्यक्तिगत भी responsibility है और हम सब की सामूहिक भी responsibility है | और जब हम सब इसको अपने अंतर्गह में ग्रहण कर लेंगे कि यह मेरी mission है और मेरी mission aligned हो जाए आप सब की mission के साथ | और यह हम सबकी सामूहिक mission बन जाए तो मैं समझता हूँ कोई भी काम असंभव नहीं है |

जो 2022 का सपना है मान्य प्रधानमंत्री जी का कि हर घर में बिजली हो, हर कारखाने में बिजली हो, हर दफ्तर में बिजली हो, इन सभी को चौबीस घंटे बिजली मिले | कभी कोई diesel generator चलाना न पड़े, कोई inverter के ऊपर किसी को जीवन न करना पड़े अपना चलाना न पड़े | किसानों को पर्याप्त मात्रा से बिजली मिले, जहाँ सौर ऊर्जा से मिल सकती है off grid या distribution में, उसकी कल्पना की जाए, जहाँ grid से connect करना पड़े तो पर्याप्त मात्रा में बिजली मिले | ऐसा भी नहीं हो कि इतनी ज्यादा बिजली मिले कि वह पानी से flood करके अपने खेत को ख़राब कर दे, उसमें हम सबको चिंता करनी पड़ेगी कि पर्याप्त मात्रा में बिजली मिले | बिजली का भी waste न हो, पानी का भी waste न हो |

आखिर हम सब जानते हैं कि soil quality erode हो जाती है, अगर over-flood करदो आप पानी से कोई भी खेत को | तो इन सब चीज़ों को मद्देनज़र रखते हुए क्या हम energy-efficient pumps देके किसानों को समृद्ध कर सकते हैं कि वह पानी भी waste न हो, बिजली भी waste न हो, उनको दिन और रात wiremen का काम करके अपने बाबा आदम के ज़माने के पंप repair न करते रहना पड़े | क्या हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि feeder segregation से किसानों को जिस समय फसल में पानी की ज़रूरत हो उस समय उसको पानी मिले | अलग अलग प्रकार से हमारी जिम्मेदारियां देश भर में हर व्यक्ति की चिंता करते हुए, हर सेक्टर की चिंता करते हुए हमें पूरी करनी है | और जब हमारा लक्ष्य clear है, when we are very very clear where we want to be तो पीछे काम करना भी आसान हो जाता है |

और मैं समझता हूँ कि पिछले बैठक में, वडोदरा में, हम सबने सामूहिक रूप से निर्णय लिया था कि यह लक्ष्य हम 2022 के बदले 2019 तक पूरा करने के लिए हम सबने इसपे मुहर लगाई थी | कुछ मंत्री यहाँ नए हैं उनको मैं बताना चाहूँगा, we will have a round of introductions after I finish. But वडोदरा में सभी देश के राज्य मंत्रियों ने और अधिकारियों ने सामूहिक रूप से समय सीमा तय की थी state by state कब तक हर घर को हम बिजली से connect करेंगे, एक एक state का commitment है पिछले resolution में, as an annexure to the resolution. वह circulate हुआ है क्या? वह circulate हुआ है, हाँ आपकी मंजूरी भी लगेगी उस resolution में | तो वह लक्ष्य के हिसाब से आज और कल के बीच हम focus करके कैसे उसको पूरा करना है, साथ ही साथ 24/7 बिजली कैसे लोगों को लाभान्वित कर सकती है |

आज देश में पर्याप्त मात्रा में बिजली बनाने की क्षमता है हमारे पास, transmission ability भी surplus है, transmission ability हम और बढ़ा रहे हैं, energy efficiency का focus जिसमें मैं आप सबको बधाई देना चाहूँगा उसका लाभ हुआ है | नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा हो, पवन ऊर्जा हो, जल ऊर्जा हो, इन सब योजनाओं में सफलता हुई है, आगे चलके हमें उसे और तेज़ गति से बढ़ाना है | कोयले की जो आपूर्ति में कमी रहती थी वह अब इतिहास बन गया है, कोयले की कीमतों पर हमने नियंत्रण रखा है, अब कोयला surplus भी available है और कोयले की quality इस वर्ष का हमारा लक्ष्य है कि quality कैसे सुधरे | पिछले एक वर्ष में लगभग 8% Specific Heat Rate सुधरने के कारण कोयले की consumption कम हुई है per unit of electricity, mines में तेज़ गति से कैसे खनन का काम देश में तेज़ गति से बढे, exploration हो, prospecting हो, exploitation of mines हो, जिससे mining activity बढे |

और यह देश की जो समृद्धि है, भगवान ने, इश्वर ने, खुदा ने, जिसको भी हम मानते हैं, समझते हैं, उन्होंने जो हमारे ऊपर उदारता दिखाई, लगभग हर mineral है भारत में, उसको हम कैसे तेज़ गति से ज़मीन से बाहर निकालें और जनता की सेवा में लाएँ | और नीलामी की auction प्रक्रिया के बाद तो एक एक रुपया खनन क्षेत्र का जनता की सेवा में लगेगा, राज्य सरकारों के हाथ में आएगा | तो इस प्रकार से इन चारों क्षेत्रों में मैं जहाँ आप सबको बधाई भी दूंगा वहां यह भी कहूँगा कि challenges अब ख़त्म नहीं हुए हैं, हम सबको मिलके अगले 3-4-6 महीने में एक ऐसा धक्का लगाना है कि न एक भी village बचे, अब कुछ चार-एक हज़ार villages रह गए हैं, 4001 villages | मैं कल ही ग्रामीण विद्युतीकरण का review कर रहा था उसपर भी आज चर्चा होगी, 4001 villages रह गयी हैं |

कुछ खबर मिली है, वैसे बड़े आश्चर्य की खबर है पर ऐसी खबर आई है कुछ राज्यों से कि कुछ और गावों revenue villages चिनित हुए हैं जहाँ शायद विद्युतीकरण नहीं हुआ, शायद गलती रह गयी हो जो मैं इतिहास में और postmortem में नहीं जाना चाहूँगा | ऐसे कोई villages हैं तो उसको भी हम जोड़ लेंगे, उसको भी अगले 6 महीने में काम ख़त्म करने की कोशिश करें, कुछ villages मिलीं जो uninhabited मिलीं वह भी मेरे लिए वास्तव में बड़ा आश्चर्य का विषय था कि इस देश में uninhabited villages भी हैं और revenue record पर हैं | और revenue record के हिसाब से states ने मुझे proposals भेजे हैं जिसको मैंने approve किया है और जिसके ऊपर funds sanction हुए | तो मैं तो वास्तव में बधाई दूंगा मेरे पत्रकार बंधुओं को जिन्होंने मेरा ध्यान आकर्षित किया कुछ राजस्थान की 3-4 villages के बारे में जिसमें हमने उसको कहा कि इसका विद्युतीकरण हो गया तो एक front page news आई जिसमें आया कि 3 villages का विद्युतीकरण गर्व के app में लिखा है, और वास्तव में गर्व के app में मैं नहीं डालता हूँ, वह राज्य से जो data आता है सीधा उसको cut-paste copy उसपर लगा देते हैं |

तो हम भी आश्चर्यचकित हो गए, हमने teams भेजीं, राज्य सरकार से पूछा, तो मालूम पड़ा अब हम क्या करें यह uninhabited villages हैं तो इसलिए उसको close करना था chapter को | फिर जब देखा तो कुछ 650 villages इस देश में निकलीं और यह वास्तव में बड़ा गंभीर विषय है और यह मैं इसलिए मेरे opening address में कह रहा हूँ कि similar issues जब हम household electrification में भी देख रहे हैं तो similar issues आ रहे हैं कि वास्तव में कितने घर हैं जिनको अभी तक बिजली नहीं पहुंची, क्या कुछ घर ऐसे हैं जिनको अवैध रूप से बिजली मिलती है जिसको तुरंत formalize करने की आवश्यकता है, उसको official connection में जोड़ने की आवश्यकता है |

इन सब विषयों पर मैं समझता हूँ free and frank discussion हो जाए, इसके ऊपर कार्रवाई बहुत तेज़ गति से हो | कुछ राज्यों में हमें कुछ तकलीफ भी आ रही है, मैंने कल भी 3-4 मुख्यमंत्रियों से बात की जहाँ पर tendering process या award देने के process में या paperwork में थोड़ी विलंभ हो रही है | कुछ जगाओं पर कुछ लोग court में भी गए हैं मैं उन राज्यों के Power Ministers या Secretaries को कहूँगा कि भाई लोगों को जल्द से जल्द उसको resolve किया जाए जिससे हमारा overall target ख़राब नहीं हो | एक-आद राज्यों में left-wing extremism के कारण, माओवादी ताकतों के कारण कुछ तकलीफें आ रही हैं उसमें Power Secretary, Home Ministry से बात करके देखें अगर कुछ हो सकता है | अगर उन राज्यों के Power Ministers अलग से चर्चा कर लें तो उसपर भी हम बात कर सकते हैं |

मैं समझता हूँ in the overall context एक संतोषजनक काम हुआ है 3 वर्ष में, पर संतोषजनक काम से कभी हमने सुस्ती नहीं लानी है | संतोषजनक काम से हमें और उत्साह ले आना है, संतोषजनक काम से हमें और तेजस्वी काम आगे हो और तेज़ गति से जनता की सेवा हो सके, और अब नए नए तरीके से एक विषय इस मीटिंग का जैसे power tariffs के ऊपर है, क्या कर सकते हैं जिससे power tariffs में जनता को भी राहत मिले और system भी ठीक से चले | एक पुराने ज़माने की एक thinking होती थी कि जितनी ज्यादा बिजली state खरीदेगा उतना उसका loss बढेगा, मेरा मानना है वह परिस्थिति अब बदल गयी है | वह तब की परिस्थिति थी 3 साल पहले की जब 8 रुपये, 10 रुपये और 12 रुपये में राज्यों को बिजली खरीदनी पड़ती थी |

मेरे मित्र यहाँ आंध्र प्रदेश के बैठे हैं, तेलंगाना के बैठे हैं, उत्तर प्रदेश के बैठे हैं, इन सबने अनुभव किया होगा, वास्तव में तो महाराष्ट्र तक ने अनुभव किय है कि एक ज़माने में peak load के समय 8-8, 10-10 रुपये, तेलंगाना में मैं उस दिन मान्य प्रधानमंत्री जी के साथ था तो हमने विद्युत् प्रवाह खोला 1.10 रुपये में दिन के समय बिजली मिल रही थी गर्मी के समय | मैंने ज्योति अरोरा जी को फ़ोन किया कि भाई यह confirm करो इसी समय 3 साल पहले कितना दाम था, उन्होंने बताया 11 रुपये या 11.15 रुपये का, 11 रुपये उसी समय, उसी दिन 3 साल पहले 1.10 रुपये में उस समय मिल रहा था | यह परिवर्तन इस देश में आया है और आज जितनी बिजली खपत बढ़ेगी उतना आपका state DISCOM का मुनाफा बढेगा, state DISCOM की तकलीफें कम होंगी |

तो हम इतिहास के हिसाब से हमारी रणनीति और हमारा काम ना करें | मेरे Ministry में तो वैसे rule ही है मैं आपके समक्ष भी रख सकता हूँ कि मेरे यहाँ पर कोई अधिकारी को यह allowed नहीं है कि 2014, 27 मई के पहले काम कैसे होता था वह याद दिलाने की किसी को अनुमति नहीं है | They are not permitted to tell me कि पहले ऐसे होता था | अब यह देश बदल रहा है और तेज़ी से बदल रहा है और इस बदलती हुई परिस्थिति में हम सबको भी अपने सोचने का ढंग बदलने की आवश्यकता है | और मैं समझता हूँ आज पर्याप्त बिजली होने के कारण हम Make in India को बहुत बड़ा बल दे सकते हैं, प्रोत्साहन दे सकते हैं | कुछ राज्यों ने शायद शुरू किया है, मुझे मान्य श्रीकांत शर्मा जी, ऊर्जा मंत्री उत्तर प्रदेश बता रहे थे कि उन्होंने कल्पना शुरू की है, अपने regulator से बात करना शुरू किया है कि उद्योग को और attract करने के लिए, उद्योग को और प्रोत्साहन देने के लिए क्या हम एक सस्ती बिजली नए उद्योग के लिए या जो उद्योग expand करता है उसको encourage करने के लिए हमें एक fix tariff या एक tariff जो determine हो सके 10 साल के लिए उसको किस दाम पर बिजली मिले उस रूप में हम कुछ incentive देके industry को ला सकते हैं क्या |

मुझे लगता है पंजाब ने भी इसकी कुछ कल्पना की थी शायद पिछले वर्ष और I hope कि इस type की नई thinking हम सभी राज्यों में सोचें जहाँ जहाँ पर्याप्त बिजली available है | महाराष्ट्र को भी मैं बधाई देना चाहूँगा not only for the fact that he has come this time, कई meetings में आपका हमने absence feel भी किया है, आप आते हैं और चले जाते हैं | पर इसलिए भी बधाई दूंगा कि इतनी high demand होने के कारण, बीच में तो 23,000 MW तक गर्मी में demand बढ़ी जो ऐतिहासिक है, महाराष्ट्र के इतिहास में कभी 23,000 MW, मतलब महाराष्ट्र शायद उत्तर प्रदेश का half size है पर double demand तक उन्होंने meet की बिना कोई outage के, बिना किसी प्रकार की तकलीफ के और यह भी एक प्रकार से हम सबकी सामूहिक सफलता का एक प्रतीक है | चाहे वह generation हो, चाहे transmission हो, चाहे DISCOM को strengthening करने का काम हो, better management का काम हो, POSOCO का काम हो, PGCIL का हो, चाहे वह regulator का काम हो, चाहे Central Electricity Authority का काम हो, चाहे neighbouring states का काम हो | आखिर एक state, हम 2012 के इतिहास में जाएँ तो उस समय उत्तर प्रदेश या एक 2-3 states में, मुझे exact पूरी details याद नहीं हैं पर कोई अगर हो यहाँ जिसको पता हो तो वास्तव में स्थिति तो 1-2 state ने बहुत ज्यादा draw किया power और उसकी वजह से पूरा national grid collapse हुआ |

तो better regional control on the grid, national control on the grid, यह सबका यह एक सामूहिक हम सबके लिए ख़ुशी की बात है | और इस ख़ुशी में इस मीटिंग को हम शुरू करेंगे और मुझे पूरा विश्वास है कि इस मीटिंग के अंत तक जहाँ से मैंने शुरू किया कि एक नए भारत की जो कल्पना, एक भारत जो विश्व में पहचाना जाए, माना जाए, ऐसा भारत जो पूरे विश्व को नेतृत्व करे | We do not follow what the world does, we lead the future of the world. ऐसे भारत की तरफ हम सब मिलके काम करें | मुझे लगता है कि जिस प्रकार से अभी तक का response हमारे अलग अलग projects को मिला है फिर वह चाहे ग्रामीण विद्युतीकरण जिसकी जानकारियां गर्व app में मिल जाती हैं, चाहे वह दक्षता, ऊर्जा दक्षता की बात हो, energy efficiency – LED bulbs, LED tube lights, energy efficient fans, agricultural pumps, energy efficient pumps – इनकी जानकारियां उजाला में मिलती हैं |

और मैं समझता हूँ सेक्रेटरी साहब उजाला को अब यह सब चीज़ें भी reflect करना शुरू कर दें – tube lights, fans, agricultural pumps – एक दूसरे की देखा-देखी से प्रोत्साहन भी बढ़ता है | चाहे वह बिजली की उपलब्धता हो, power availability at a good price, विद्युत् प्रवाह के माध्यम से जिसकी हमें जानकारी मिलती है, चाहे वह उदय का app हो जिसमें उदय का क्या क्या काम अलग अलग राज्य कर रहे हैं उसकी क्या progress है उसकी जानकारियां मिलती हैं, DISCOM की health जनता के समक्ष पेश होती है | चाहे वह TAMRA app हो जिससे हम खनन क्षेत्र में, mining में clearances जल्दी हों, transparently mining sector चले, चाहे वह Urja app हो जिसके माध्यम से IPDS के जो काम है जो शेहरी क्षेत्रों के विद्युतीकरण के ढांचे को सुधारने का काम है, Urban areas infrastructure improvement, उसकी जानकारियां मिलती हैं | और साथ ही साथ consumers को यह जानकारी मिलती है कि कितने hours power cut हो रहे हैं किस feeder पर, कितनी बार बिजली कटती है, power outage होता है, pending consumer complaints की क्या स्थिति है, AT&C losses का क्या situation है यह सब Urja app के माध्यम से जानकारियां मिलती हैं |

ऊर्जा मित्र जिसको हमने recently launch किया, उससे हम चाहते हैं कि हर consumer को पहले से जानकारी हो अगर कोई planned outage हो, कितने समय के लिए होगा वह अपना planning कर सके, कोई उद्योग हो, कोई दुकान हो, कोई अस्पताल हो, कोई घर हो, सबको पहले से plan करने के लिए जानकारी मिले SMS द्वारा | इन सब चीज़ों को मद्देनज़र रखते हुए transparency has been made the hallmark of this government. हमने अपने सभी कामों को जनता के समक्ष पेश किया है, transparently पेश किया है और इस उद्देश्य से पेश किया है कि हम सब उसमें कोई डरे नहीं, हम आलोचना या आलोचकों से पीछे न हटें, हम आलोचना को अपने spirit में लें कि वह आलोचना भी देश हित के लिए ही है | अगर कोई उसमें से इस app में से data लेके मेरे काम की आलोचना करता है तो मैं उसका स्वागत करता हूँ और मैं आप सबसे भी अनुरोध करूँगा आप भी उसको उसी spirit में लें | Transparency से हमारा काम सुधरेगा, हम भ्रष्टाचार का सामना कर पाएंगे, भ्रष्टाचार को रोक पाएंगे, आपने देखा सौर ऊर्जा को हमने नीलामी से किया तो कहाँ 7 रुपये और कहाँ 3.15 रुपये पर आ गयी है, पिछले tender में तो 3.15 से भी कम, 3.15 रुपये NTPC ने जो last bidding की |

Wind power, GBI अलग मिलता था, acceleration depreciation 80% था पिछले वर्ष तक, साथ में rate लगभग 5-5.15-5.30 किधर तो उससे भी ज्यादा, और पहला ही auction मात्र 1000 MW का, 3.46 रुपये | यह सोचने की बात है कि बाकी पैसा कहाँ जाता था, सोचने की बात है कि आखिर certainly wind power में तो volume भी इतना नहीं बढ़ा, कोई technology में भी इतना आधारभूत परिवर्तन नहीं हुआ जिससे दाम आधा हो गया या 40% कम हो गया | बहुत विचार करने की बात है हम सबको | और इसी से जो प्रधानमंत्री जी बार बार कहते हैं कि भ्रष्टाचार-मुक्त भारत ही इस देश का भविष्य है, वह एक मात्र हमारे हाथ में साधन है, हमारे हाथ में शस्त्र है, ब्रह्मास्त्र हैं जिससे हम इस देश का परिवर्तन कर सकते हैं और इस देश की जनता की जो आकांक्षाएं हैं, अपेक्षाएं हैं हम सबसे उसको पूरा करने में सफल हो सकते हैं इस उम्मीद में कि इस बैठक का भी काम बहुत ही organised और व्यवस्थित तरीके से चलेगा | और हम सब इस बैठक से बहुत पक्का निर्णय लेके जाएँगे कि दिसम्बर 2018 जो हमने target लिया था कि दिसम्बर 2018 तक इस देश में एक भी घर नहीं रहेगा जो बिजली से वंचित रहेगा | कोशिश रहेगी दिसम्बर 2018 तक हर घर को, हर कारखाने को, हर एक को चौबीस घंटे बिजली मिले, किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिजली मिले, समय पर बिजली मिले, सस्ती बिजली मिले, गरीबों को सस्ती बिजली मिले |

इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम सब सामूहिक निर्णय लेके इस बैठक से उठेंगे, जैसा आप लोग जानते हैं मेरी बैठक में कोई ख़त्म होने का समय नहीं होता है, रात को कितने बजे तक चलेगी वह काम निर्धारित करेगा बजाए कि हमारी खुद की conveniences. और मैं उम्मीद करूँगा कि हम सब बैठक में दिलचस्पी से भाग लें, पूरे समय भाग लें और अंत तक, कल शाम तक जब तक बैठक ख़त्म नहीं होती हैं, शाम तक, रात तक जब तक हम सब रहें | अगर किसी ने कोई bookings कर रखी हैं कल रात की तो उसको आज ही change करके परसों सुबह के लिए करें |

क्योंकि यह भी बात स्पष्ट है और मैं कई बार कह चुका हूँ लेकिन मैंने मेरे अधिकारियों को कहा है इस बार मैं बहुत strictly खुद भी follow करने वाला हूँ कि अगर seriousness कोई state नहीं दिखाता है, अगर state के Ministers इतना busy हैं कि उनको समय नहीं है इस बैठक में आके भाग लेने की तो अगर वह भाग नहीं ले सकते हैं तो वह भाग लें यहाँ से | और फिर मेरे पास न आएँ कोई सुविधाओं के लिए, मेरे पास न आएँ कोई दरख्वास्त लेके, मेरे पास न आएँ कि हमको दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में यह चाहिए, हमको IPDS में यह चाहिए, हमको Power System Development Fund से यह चाहिए, हमको unallocated बिजली चाहिए, हमको कोयले की तकलीफ हो रही है, हमको कोयले की quality की तकलीफ हो रही है, तो मेरे भी कान बंद हो जाएँगे |

और जिसके भी यहाँ पर मित्र मंत्री नहीं आये हैं कोई state से तो जब tea break होगा तो मैं आप सबसे दरख्वास्त करूँगा आप उनको ज़रा फ़ोन करके मेरी यह सूचना भी पहुंचा दें, कोई भी पक्ष का हो वह बीजेपी का हो या कोई पक्ष का हो | यहाँ पर हमने कभी पक्षपात नहीं किया है इस हमारे मंत्रालय में और इसके लिए मैं बहुत दावे से कहता हूँ और आप सबने भी महसूस किया होगा | हमने कभी पक्षपात नहीं किया है, मुझे महाराष्ट्र की माइनें भी काट के कर्नाटक को देनी पड़ीं, तो मैंने किया बहुत भारी भोजा लेके क्योंकि मेरे राज्य सभा की re-nomination तक खतरे में थी | और यह अलग बात है कि शिव कुमार जी ने कहा था कि हम आपको कर्नाटक से ….. करेंगे, लेकिन यह भी ख़ुशी है देखके कि देखिए दोनों बाजू बाजू में बैठे हैं | तो इस प्रकार के दोस्ताना व्यवहार से हम पूरा समय इसमें बैठके इस मीटिंग को भी सफल बनाएं, और हमारे संकल्प को भी सफल बनाएं कि भारत की जनता हम सबके ऊपर एक अपेक्षा से देख रहे हैं |

Let us not fail in our duties. Let us not fail in our commitment to the people of India.

बहुत बहुत धन्यवाद |

 

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