Speeches

April 7, 2017

Speaking on “Quint Facebook Live” in New Delhi

A: बिजली के बनते हैं सालाना और यह लगातार हर वर्ष बढ़ते जा रहे हैं | गत 3 वर्षों में हमारी सरकार आने के बाद लगभग 6.15-6.30% compounded इसमें growth रही है, और यह बावजूद 3.5% हम हर वर्ष energy efficiency से, दक्षता से हम बिजली को कम इस्तेमाल हो उस पर focus देने के बाद, अगर वह नहीं देते तो शायद यह growth 9.5-10% demand growth हो जाती | लेकिन हमारा लक्ष्य यह है कि भारत में हर एक को चौबीसों घंटे – सातों दिन बिजली उपलब्ध रहे, सस्ती अच्छी बिजली मिले और प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने तो एक target भी रखा है कि 15 August, 2022, जब भारत आज़ादी के 75 वर्ष celebrate कर रहा होगा उस दिन इस देश में एक भी गाँव, एक भी गरीब, एक भी किसान ऐसा नहीं रहेगा जिसको बिजली के लिए कोई समस्या होगी |

Q: बिलकुल, इसपर और हम विस्तार करेंगे लेकिन अभी चूँकि flavour of the season उत्तर प्रदेश है, इकलौता राज्य था जो आपके initiative पर onboard नहीं हुआ था, अब तो ज़ाहिर है कि onboard होना है | लेकिन बड़ा challenging काम है, वहां भी आपका वादा है हर घर को बिजली, पूरे वक़्त चौबीस घंटे बिजली और वह काम आपको एक deadline के तहत करना है, आपने 2022 का कहा, मन की deadline है 2019?

A: आपने मुझे follow किया है, मन की वास्तव में deadline मेरे बस में होता तो कल है, 2019 पे क्यों है |

Q: बहुत challenging है, कैसे करेंगे?

A: संजय जी सोचिये जो विद्यार्थी गाँव में पढ़ रहा है, जिसको कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, बिजली तक नहीं है गाँव में गर्मी में बिना light के, बिना पंखे के, वह बिचारा विद्यार्थी बाकी जो समृद्ध विद्यार्थी हैं उनके साथ competition में कैसे खड़ा हो पायेगा | तो इसलिए प्रधानमंत्री जी की जो संवेदना है समाज के गरीब वर्ग के लिए, समाज के गावों के लिए, उस वर्ग के लिए जो सालों से वंचित रहा है विकास से | उसके हिसाब से तो हमने तो काम दिन-रात करके जल्द से जल्द ख़त्म करना है | और मुझे ख़ुशी है आदरणीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जिस दिन से कमान संभाली है मैं समझता हूँ 10-12 बार, उलटे कल भी हमारी चर्चा हुई फ़ोन पे, उन्होंने सिर्फ इस विषय में मेरे साथ चर्चा की है | और आपके दर्शकों को, आपको बताने में मुझे ख़ुशी होती है कि 14 तारीख को, 14 अप्रैल, बाबा साहेब आंबेडकर जी के जन्मदिन के दिन उत्तर प्रदेश ने तय किया है कि Power For All 24×7 document पे वह भी जुड़ेंगे | उलटे पिछले दिनों में जिस दिन सरकार की घोषणा हुई, 11 तारीख शाम से ही हमारे अधिकारी और उत्तर प्रदेश के भी अधिकारी आ गए line पे सब मिलके इसकी documentation कर रहे थे | पिछले हफ्ते तो रविवार, शनिवार भी बैठके दिल्ली में ही काम चल रहा था | आज भी मेरे अधिकारी लखनऊ में हैं, सब final touches हो रहे हैं और हम कोशिश कर रहे हैं कि अक्टूबर 2018 तक उत्तर प्रदेश में हर घर तक बिजली पहुँच जाये, किसानों को पर्याप्त बिजली मिले और जैसे जैसे लोग बिजली की wastage कम करें जिसको AT&C losses कहते हैं, जिस जिस इलाके में losses 15% पे आ जाये उन इलाकों में हम 24 घंटा बिजली कल से ही देने के लिए तैयार हैं |
Q: देखिये लक्ष्य अच्छा है और आप लोग करते भी हैं तो जुटके करते हैं | लेकिन जो राज्य बिजली बोर्ड और खास करके यूपी की जो grassroots की जो दिक्कतें हैं ground level की, transmission की दिक्कतें हैं, distribution की दिक्कतें हैं, बहुत पुराना infrastructure है, और यूपी चोरी के मामले में famous है कटियाबाज़ों के लिए?

A: मैं समझता हूँ जिस दिन से मान्य योगी आदित्यनाथ जी ने कमान संभाली है वैसे ही सभी को चेतावनी मिल गयी है कि अब इस प्रकार का राज चलने नहीं वाला है, अब एक ईमानदार शासन आया है, एक शासन जो प्रगति से बहुत अच्छी तरीके से जुड़ा हुआ है जिसमें भ्रष्टाचारमुक्त शासन होगा, जिसमें हर एक चीज़ पारदर्शिता से होगी | और मैंने तो अपील की है पीछे सभी अधिकारियों को कि अगर किसी को इस नए व्यवस्था में अपने आप को अलग-थलग महसूस होता है कोई तो वह उसने छोड़ देना चाहिए, यह काम उसके बस का नहीं है | अब की व्यवस्था में सभी को बहुत ईमानदारी से काम में लगना पड़ेगा और जब लोग देख लेते हैं कि व्यवस्था सुधर रही है, व्यवस्था में ईमानदारी आ रही है तो मैं समझता हूँ पूरी व्यवस्था भी उसके साथ जुड़ना चाहती है | अधिकारी भी मुझे लगता है हमें कोई तकलीफ नहीं देंगे, जिन अधिकारियों का पाया गया कि यह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं या जो भ्रष्टाचार से जुड़े हैं उनपे सख्त से सख्त कार्रवाई होगी | मान्य श्रीकांत शर्मा जी बहुत ऊर्जावान नौजवान हैं जिन्होंने ऊर्जा मंत्रालय संभाला है उत्तर प्रदेश का और मुझे पूरा विश्वास है हम मिलके उत्तर प्रदेश का पूरा चित्र बदल देंगे |

Q: अब फिर से थोडा सा national picture पे जाते हैं, ऐसी खबरें हम पढ़ते रहते हैं कि सचमुच record production हुआ है बिजली का, लेकिन उसकी demand नहीं है | तो भाव, दाम और demand पर थोडा हम लोगों को यह सम्झाइये क्योंकि industrial production pick नहीं हो रहा है, commercial consumption में भी समस्याएं हैं तो आपके पास बिजली बहुत है लोग ले नहीं रहे हैं?

A: ऐसी बात नहीं है, बिजली का जिस प्रकार से पहले diesel generator sets और invertors के ऊपर लोगों को dependent रहना पड़ता था वह काफी मात्रा में कम हुआ है | अब जैसे यह जो आंकड़े मैं बता रहा हूँ लगभग 1 लाख 20 हज़ार करोड़ यूनिट जो बिजली के बनते हैं सालाना, इसमें captive generation नहीं आती है जो आपने खुद की बिजली बना के खुद इस्तेमाल करते हैं | और वैसा काफी बड़े पयमाने पे इस देश में captive generation भी लगा है, उसमें भी आज कोयला इतना पर्याप्त मिलने से उसका generation भी बढ़ा है | उसके आंकड़े मैंने कहा है डिपार्टमेंट को कि वह भी निकाले जायें, उसमें आप देखोगे कि बहुत बड़ी उछाल आई है |

वैसे ही हमने नवीकरणीय ऊर्जा, renewable पे focus करके उसमें लगभग पिछले वर्ष 26% growth हुई, output में, power units generated में | तो मेरे ख़याल से बिजली का उत्पादन भी बढ़ रहा है, demand भी बढ़ रही है, हाँ यह ज़रूर है कि कुछ इलाके अभी भी हैं जहां 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है, उसके लिए उसका सुविधाएं सुधारने की आवश्यकता है, infrastructure सुधरे | उसपे हमने पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में, Integrated Power Development Scheme के तहत शहरी क्षेत्र में सुधार हो | लगभग 1,40,000 करोड़ के projects केंद्रीय सरकार के सहायता से राज्य सरकारों को हमने लगाया है काम पे उसको करने में | और मैं समझता हूँ कि इस पूरे प्रोजेक्ट जैसे जैसे यह आगे बढेगा वैसे वैसे बिजली में भी सुधार आएगा, उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना से हमने DISCOMs को और मज़बूत बनाया है | इन सबको जब आप पूरे परिपेक्ष में देखें तो एक comprehensive reform पूरे क्षेत्र का चल रहा है और मुझे पूरा विश्वास है कि जनता को चौबीसों घंटे बिजली देने में हम समर्थक हैं |

Q: एक बड़ी समस्या है, आपने बहुत ही focused और aggressive ढंग से अपना पूरा plan किया, पिछले 3 वर्षों में महनत भी की लेकिन आपकी सफलता depend कर रही है राज्य बिजली बोर्डों पर उन में कुछ थोडा आगे, कुछ थोडा पीछे | तो अभी सबसे challenging राज्य कौन कौन से हैं आपके लिए?

A: देखिये challenge में तो opportunity भी सम्मिलित होती है | हो सकता है किधर कभी तकलीफ आये, कोई project करने में हमें भी तकलीफ आती है, लेकिन मेरा अभी तक का अनुभव यह रहा है कि अगर आप ईमानदारी से अपना काम करो और ईमानदारी से राज्य सरकारों से भी बात करके उनकी सहमति लो तो मुझे लगता है काम किया जा सकता है, अच्छी तरीके से किया जा सकता है | कोई राज्य सरकार ने ऐसे कोई विशेष रूप में हमें तंग नहीं किया है, राज्य सरकारों के साथ काम करने में ज़रूर कुछ न कुछ चुनौतियां आती हैं लेकिन उन चुनौतियों को साथ साथ हम हल करके चल रहे हैं |

Q: तमिलनाडु कुछ ठीक हुआ आपका?

A: तमिलनाडु में तो बहुत अच्छा परिवर्तन है | जबसे मेरी मान्य जयललिता जी से मीटिंग हुई थी लगभग एक वर्ष पहले उसके बाद उन्होंने तुरंत एक ही मीटिंग में फैसला किया, निर्णय लिया कि वह भी उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना से जुड़ना चाहती हैं उसका बड़े पयमाने पे उन्होंने लाभ लिया है | और आपको जानके ख़ुशी होगी दो बड़ी चीज़ें जो तमिलनाडु का loss, DISCOM का loss बड़ी मात्रा में कम हुआ है जिसमें केंद्रीय सरकार का बहुत बड़ा योगदान था, सस्ती बिजली तमिलनाडु को मिलनी शुरू हो गयी है, पर्याप्त कोयला मिलना शुरू हो गया है | जो बिजली वह 8-10 रुपये में लिया करते थे आज वह उनको 2.5-3 रुपये में मिलने लग गयी है | तो उनका loss हम कम कर पाए हैं, उनके financial interest cost कम कर पाए हैं | अलग अलग प्रकार से तमिलनाडु से हमारा काम चल रहा है |

और दूसरा बड़ा महत्वपूर्ण फैसला जो हाल ही में उन्होंने आके मुझे दिया, मैं तीन वर्षों से लगा था कि वह imported coal, विदेश से लाने वाले coal के ऊपर ultra-mega power project ना लगाएँ, भारत के ही coal से उनका एक UMPP लगे | काफी resistance चल रही थी पर मुझे ख़ुशी है बताते हुए कि गत पिछले महीने में, उनके ऊर्जा मंत्री ने आके मुझे चिट्ठी दी है कि चेय्युर का भी UMPP वह भारत के अपने खुद के कोयले पे लगाएँगे |

Q: भारत के कोयले पर यह कहानी shift करते हैं, उसपर भी बड़ा काम हुआ लेकिन अभी भी कोयला निकल रहा है उसको कोई ले नहीं रहा जैसे बिजली की demand का भी मैंने issue raise किया | और फिर दूसरा सवाल कोयले की quality का, कोयले को ले करके हम लोग बहुत आशा से देख रहे थे कि यहाँ पर क्रांतिकारी काम शुरू हुआ है, आगे नहीं हुआ ?

A: ऐसा है कि मेरे खयाल से इसपे थोडा और आप जांच करें, थोड़े और लोगों से बात करें तो आपको बहुत अच्छे feedback मिलेंगे | पहली बात तो यह भी एक विषय है जो हम आज़ादी के बाद हर वर्ष सुनते थे कि कोयला कम है, कोयले में तकलीफ है, विदेश से कोयला बहुत बड़े पयमाने पे आते था | और वास्तव में देश की मनोस्थिति इतनी कमज़ोर हो गयी थी कि गत 10-12 वर्षों में जितने projects लगे, वह सभी projects विदेश से कोयले के ऊपर निर्धारित बने |

Q: अब विदेश का कोयला अभी आ रहा है या बंद हो गया?

A: ऐसा है कि यह जो power plants इस period में लगे, इसकी technology ऐसी है कि विदेश के कोयले के बगैर यह चल नहीं सकता है | नहीं तो आज हम पूरा विदेश से कोयला thermal power plants का बंद करने के लिए सक्षम है | आज मेरे पास 60 million tonne कोयला pitheads पे stock में पड़ा है लेकिन क्योंकि यह technology allow नहीं करती और वास्तव में यह weakness है | पिछली सरकार ने यह कोशिश ही नहीं की कि भारत का कोयला बढे, आखिर हमें तो आये सिर्फ 3 साल हुए, 94 million tonnes कोयला अगर 3 साल में ही अगर production बढ़ सकती है तो आप सोचिये कि कितनी capacity भारत में थी | सिर्फ तकलीफ थी या जो limitation थी वह अपने मन की थी, अपने निश्चय की थी, दृढ निश्चय की थी | दूसरी बात आपने quality की कही, अभी अभी 5 तारीख को, 5 अप्रैल को हमने पूरे दिन का workshop किया, private sector, public sector, producers, हर एक के साथ बैठके Coal India ने coal quality पे चर्चा की | हमने third party sampling वगैरा से काफी कुछ कोयले की quality में सुधार लाये हैं लेकिन मैं संतुष्ट कभी भी नहीं होता हूँ, और अधिक काम करने का हमें मनोबल बढ़ता है | तो अभी हमने निर्णय लिया है कि सब grades को भी recalibrate किया, हर खदान के grade को testing करके recalibrate किया और आपको जानके ख़ुशी होगी कि इस साल का लक्ष्य जो हमने रखा है उसमें कोई भी कोयला जो supply हो उसमें जहाँ पे 70-80% supplies में complaints आती थी, इस वर्ष हम उसको 10% पे ले आये |

Q: मैं Facebook Live पर हम बात कर रहे हैं पियूष गोयल जी से, बहुत सारे विषय और भी हम शामिल करेंगे, कुछ politics की, media की और ज़ाहिर तौर पर GST की भी हम बात करेंगे, वह एक बड़ी चीज़ unfold होनी वाली है | लेकिन Facebook Live पर हमारे साथ कुछ live सवाल हमारे दर्शक जो जुड़े हैं वह पूछ रहे हैं, नीरज गुप्ता मेरे साथ हैं वह आपके यह सवाल सामने रखेंगे |
Q: सर दो सवाल पूछूँगा क्योंकि बहुत ज्यादा तादाद में live सवाल हमारे पास आ रहे हैं | राहुल केजरीवाल ने पूछा है कि what benefits is Power Ministry giving to help urban households adopt solar power and how do we get these benefits?
Q: Sorry to interrupt. नाम बड़ा अच्छा है – राहुल केजरीवाल |

A: नहीं हर एक नाम बड़ा सम्मानित होता है और मैं धन्यवाद करता हूँ राहुल जी का कि उन्होंने यह सवाल पूछा | वास्तव में rooftop पूरे देश में promote करने के लिए पहले कोई योजना ही नहीं थी, आपको जानके ख़ुशी होगी कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो लक्ष्य रखा 1 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा इस देश में उत्पादन हो 2022 तक, उसमें 40,000 MW सिर्फ rooftop का रखा | मैं जब मंत्री बना तब लगभग जो rooftop की capacity थी वह कुछ 40 MW या कुछ थी, 3 वर्ष में वह बढ़के कुछ 650 MW हो गयी | 1400% growth सिर्फ 3 साल मैं और अब तो हमें बहुत आगे जाना है, हमने कई schemes मंज़ूर की हैं, कई तरीके से Ministry of New and Renewable Energy से incentive या subsidy मिलती है, लगभग …….% subsidy मिलती है | हमने देश भर में सूर्य मित्र के नाम पे लोगों को training दी जो यह काम कर सकते हैं, एक प्रकार से देश भर में लगभग 1200 लोगों को identify करके select किया गया जो rooftop को लगाने के लिए सक्षम हैं, trained हैं | यह पूरा data हमने mobile apps पे एक अरुण नाम का app है उसपे यह पूरा data हमने दे रखा है और मैं राहुल जी को कहूँगा कि Ministry of New and Renewable Energy या मेरे वेबसाइट पे चले जाएँ या अरुण app को खोलें तो उसपे काफी data मौजूद है |

Q: यहाँ एक सवाल, इसको थोडा perspective में रखते हैं, 650 MW rooftop वाले हैं, टोटल production करीबन आपका 10,000 MW इसमें पहुँच गया है | बहुत बड़ा record है, यह एकदम clean achievement है, लेकिन हमारे जो units हैं वह इस power को लेने को तैयार नहीं है, अलग अलग किस्म के grid है, अलग अलग किस्म की technology है | तो यहाँ वितरण एक समस्या है और दूसरी समस्या इसका दाम और इसकी viability?

A: संजय जी वास्तव में वह आप फिर इतिहास में आ गए | Reality यह है कि वह 10,000 से बढ़के अब 12,000 से भी अधिक हो गया है | 10,000 का figure था 10 March का, पिछले एक महीने में और 2000-2500 MW और solar plants commission हुए, तो जो 3 वर्ष मोदी जी के आने के बाद इस सरकार ने सौर ऊर्जा installed capacity ….%  बढ़ा है, सिर्फ 3 वर्ष में, शायद compounded annual growth rate देखें तो 100% से ज्यादा हो जाएगी | और मुझे ख़ुशी है कि पूरे देश में सभी राज्य सरकारें भी इसमें जुडी हैं, कई राज्य सरकारों ने इसमें पहल करके solar parks के लिए ज़मीन उपलब्ध कराई है, बहुत सुविधाएं दी हैं | मध्य प्रदेश में अभी अभी हाल में एक tender हुआ था रेवा में, आपको जानके ख़ुशी होगी उस tender में पहले साल का solar power का tariff मात्र Rs 2.97 है और हर वर्ष 5 पैसा बढ़के 15 साल में वह थोडा बढेगा तो levelised tariff भी 3.30 रुपये | तो यह तो आज मैं एक कोयले के ऊपर plant लगाऊं उससे भी सस्ती बिजली है और यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी मज़बूत बनाती है क्योंकि कुछ भी हो जाये सूरज तो रोज़ सुबह आयेंगे भारत में |

और दूसरी बात यह साफ़ बिजली है इससे पर्यावरण को कोई नुक्सान नहीं होता है | तो आज वह महँगी बिजली नहीं रही, आज उस बिजली को खरीदने के लिए हमने Renewable Purchase Obligation भी, RPO को भी और मज़बूत किया है और राज्य सरकारों को भी ध्यान में आया है कि यह बिजली तो 25 साल तक उनको उपलब्ध होगी सस्ती बिजली, तो बढ़ रहा है यह इसका डिमांड | और मुझे पूरा विश्वास है कि यह हम 1 लाख मेगावाट तक 2022 में achieve कर लेंगे |

Q: अब मैं कुछ आपसे राष्ट्रीय और राजनीतिक सवाल पूछूँगा लेकिन उसके पहले एक सवाल एक छोटी सी घटना के साथ | आपके एक वरिष्ठ सहयोगी हैं, एक दिन मैं उनके यहाँ भैठा था नाम नहीं दूंगा, तो वहां मुझे, मैंने overhear किया यार यह app बनाओ और देखो app के मामले में क्या करना है, यह पियूष की app ………………………………………………………

A: लोग मुझे happy बुलाते थे और मान्य अटल बिहारी वाजपेयी जी तो शायद मेरा real name कभी याद ही नहीं रखते थे, वह तो मुझे इसी नाम से बुलाते थे और मैंने कभी अपने नाम से app को जोड़ा नहीं पर आज आपने कहा तो ध्यान आ गया | पर वास्तव में मैंने बहुत लाभ लिया है apps का |
Q: As a user मुझे बतइये कि मैं आप पर नज़र रखता हूँ तो मैं क्या क्या जान सकता हूँ?

A: देखिये एक तो मैं अपने काम पर नज़र रखता हूँ और मेरे विभाग में क्या काम हो रहा है उसके लिए मैंने एक app बनाया है जो मेरा एक dashboard है | और मेरा उस dashboard के माध्यम से हर एक मंत्रालय में क्या काम हो रहा है कैसे हो रहा है वह मैं देख पाता हूँ, उसपे नज़र रख पाता हूँ | तो यह एक app है जिसमें मेरा dashboard नज़र आता है, पर इस dashboard में हर मंत्रालय में top priority की मुझे regularly देखना है, high priority, medium priority यह……..

Ends.

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