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June 13, 2021

भारतीय रेल का प्रयास, हो रहा पूर्वोत्तर का समग्र विकास: पूर्वोत्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ साथ रेलवे किसान रेल के माध्यम से यहां के किसानों की उपज नए बाजारों तक पहुंचा रही है। नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए भारतीय रेल प्रतिबद्ध है। #FocusOnNorthEast

पूर्वोत्तर का राज्य त्रिपुरा (Tripura) अपनी प्राकृतिक सुषमा के लिए तो विख्यात है ही, अपने रसीले और अनूठे स्वाद वाले फलों (Fruits) के लिए भी जाना जाता है। लेकिन, देश के सुदूर भाग में स्थित होने की वजह से त्रिपुरा के फल किसानों को आसानी से बाजार (Market) नहीं मिल पाता है। लेकिन अब उन्हें आसानी से बाजार मिलेगा।

रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने कुछ ऐसी व्यवस्था की है, जिससे त्रिपुरा के किसान अपना अनानास गुवाहाटी, कोलकाता और दिल्ली के बाजारों में भी बेच पाएंगे। अनानास को आसानी से बाजार मिलेगा। इन किसानों को दिल्ली तक अनानास पहुंचाने में भाड़ा (Freight) प्रति किलो तीन रुपये से भी कम पड़ेगा। ऐसा संभव हो पाया है रेलवे के किसान रेल (Kisan Rail) चलाने से।

क्या है किसान रेल

रेलवे ने देश के कुछ रूट पर किसान रेल का संचालन शुरू किया है। इस रेलगाड़ी में किसानों की फल और सब्जी की लोडिंग होती है। जहां जरूरत पड़ती है, वहां रेफ्रिजरेटेड डिब्बों की व्यवस्था होती है। यदि आलू, प्याज, अनानास आदि की ढुलाई करनी हो तो फिर सामान्य डिब्बों में भी ढुलाई हो जाती है। त्रिपुरा के अनानास किसानों के लिए जनरल डिब्बे की रेलगाड़ी को ही किसान रेल बनाया गया है। त्रिपुरा से दिल्ली के आदर्शनगर स्टेशन के लिए पहली किसान रेल कल चल भी चुकी है।

करीब 12 टन अनानास की पहली ट्रेन हुई अगरतला से रवाना

कल अगरतला से आदर्शनगर के लिए जो पहली किसान रेल रवाना हुई है, उसमें करीब 12 टन रानी अनानास लदा है। इसमें पश्चिमी त्रिपुरा और सिपहीजला जिले के करीब 20 फल उत्पादकों का अनानास लोड किया है। यह 48 घंटे के सफर के बाद दिल्ली पहुंच जाएगी। यदि इसे सड़क मार्ग से दिल्ली भेजा जाता तो इसे यहां आने में पांच से छह दिन लगते। एक बाद अनानास दिल्ली पहुंच गया तो यहां से इसे आसपास के इलाकों में भी भेजना आसान हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि रानी अनानास त्रिपुरा का मशहूर अनानास है जो अपने अनूठे स्वाद के लिए जाना जाता है।

रेल से भेजने का भाड़ा बेहद कम

यदि किसान रेलगाड़ी से अपना सामान दिल्ली भेजते हैं तो सड़क मार्ग के मुकाबले काफी कम भाड़ा पड़ता है। उदाहरण के लिए इस समय किसानों को अगरतला से हावड़ा तक अनानास भेजने में 2025 रुपये का भुगतान करना होगा। मतलब प्रति किलो महज 2.25 रुपये। इसी तरह यदि सामान अगरतला से गुवाहाटी भेजना हो तो भाड़ा 882 रुपये प्रति टन। अगरतला से नई दिल्ली तक का भाड़ा 2815 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया है। यह सड़क मार्ग से लगने वाले भाड़े के मुकाबले काफी कम है।

फिलहाल दिल्ली और कोलकाता के लिए चलेगी किसान रेल

रेलवे से मिली सूचना के मुताबिक अगरतला से नई दिल्ली के लिए अगली किसान रेल 25 जून को चलेगी। इसके बाद अगले महीने मतलब 9, 16 और 23 जुलाई को भी किसान रेल दिल्ली के लिए रवाना होगी। वहीं अगरतला से हावड़ा के लिए इस महीने 16 और 30 तारीख को किसान रेल रवाना होगी। इसके बाद अगले महीने मतलब जुलाई को 7, 14, 21 और 28 जुलाई को किसान रेल चलाई जाएगी।

दुबई भी भेजा जाता है रानी अनानास

त्रिपुरा के अनानास किसान कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से अपनी फसल दुबई के ग्राहकों को भी बेच चुके हैं। विदेशी बाजार भेजने में जो भाड़ा लगता है, उस पर कुछ सब्सिडी केंद्र सरकार भी देती है। दुनिया भर में त्रिपुरा को सबसे बड़ा अनानास उत्पादक राज्य के रूप में जाना जाता है। वहां से बगलादेश भी खूब अनानास का निर्यात होता है। वहां के किसानों का कहना है कि यदि अनानास बाहर चला जाए तो तीन स्थानीय बाजार के मुकाबले तीन गुने तक दाम मिलता है। अनानास त्रिपुरा का राजकीय फल है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन साल पहले ही अनानास को त्रिपुरा का राजकीय फल घोषित किया था।

Link : https://navbharattimes.indiatimes.com/business/commodity/have-you-tasted-the-queen-pineapple-of-tripura-reaching-delhi-kolkata/articleshow/83456585.cms?story=4

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