Speeches

January 10, 2019

Speaking at Flag off ceremony of 1st Voyage of CONCOR Coastal Movement through VC, in New Delhi

और शिपिंग मंत्रालय, दोनों की संयुक्त भागीदारी, संयुक्त पार्टनरशिप के लिए तहे दिल से धन्यवाद भी देता हूँ, बहुत-बहुत मुबारकबाद देता हूँ और बहुत ख़ुशी है कि सन्मान्य नितिन गड़करी जी के कर कमलों द्वारा आज यह पहली voyage – और शायद शिपिंग में ‘voyage’ is the right terminology to use – पहली voyage CONCOR के coastal movement की आज नितिन जी flag-off करेंगे। इस अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद भी दूंगा, बहुत-बहुत मुबारकबाद भी दूंगा।

वास्तव में भारतीय रेल ने गत चार-साढ़े चार वर्षों में बहुत सारी नयी-नयी चीज़ें की हैं। और यह भी एक नया कीर्तिमान स्थापित हो रहा है जिसमें कंटेनर का मूवमेंट संयुक्त रूप से कुछ हिस्सा रेलवे से होगा, कुछ सड़क के माध्यम से होगा, कुछ शिप रूट, सी रूट से होगा। एक multi-modal movement से सामान सही जगह पर पहुंचे, समय पर पहुंचे, सस्ते खर्चे पर पहुंचे इसका एक नया कीर्तिमान आज स्थापित करने जा रहे हैं।

इसी प्रकार से कई नयी चीज़ें रेलवे में देखने को मिलती हैं, आज कल उदाहरण के लिए हमने जो पुराने कोचेस बनते थे वह सब बंद करके अब सिर्फ एलएचपी कोच बनाना शुरू कर दिया है। विद्युतीकरण में शत प्रतिशत भारतीय रेल विश्व की पहली बड़ी रेल होगी, इतनी बड़ी रेल, जो शत प्रतिशत बिजली पर चलेगी और उतना पर्यावरण पर भी उसका प्रभाव अच्छा पड़ेगा।

इसी प्रकार से आपने हाल में ही संयुक्त प्रयासों से, रोड मंत्रालय और रेल मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से बोगीबील ब्रिज जो भारत का सबसे लम्बा पहला रोड-कम-रेल ब्रिज उसका उद्घाटन माननीय नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा हाल ही में हुआ। रेल यूनिवर्सिटी अपने आप में कई वर्षों से इसकी कल्पना देश के समक्ष थी, रेल यूनिवर्सिटी को अब शुरू कर दिया गया है। और उसमें भी मैं हाल में होकर आया, बहुत ही उत्साहित 100 से अधिक बच्चे वहां पर तैयार हो रहे हैं और इस यूनिवर्सिटी की कल्पना सिर्फ रेलवे के लिए तैयार करना नहीं है, लॉजिस्टिक्स के लिए। तो एक ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर की बड़ी यूनिवर्सिटी बने इस कल्पना से रेल यूनिवर्सिटी का काम चल रहा है।

थोड़े ही दिनों में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली से बनारस के लिए सबसे तेज़ गति से चलने वाली भारत की खुदके डिज़ाइन वाली और खुद भारत की फैक्ट्री में बनी हुई मेक इन इंडिया के इनिशिएटिव की ट्रेन-18 अब थोड़े ही दिनों में शुरू होने वाली है, दिल्ली से बनारस जाएगी। और जो लगभग 8 घंटे में वह जर्नी करेगी जो आज जो फास्टेस्ट ट्रेन उस रूट पर है वह लगभग डेढ़ गुना समय लेती है, उतना लाभ सभी यात्रियों को मिलेगा। और एक प्रकार से आगे आने वाली बुलेट ट्रेन के लिए यह एक first baby step in that direction के रूप में हम उसको देख सकते हैं।

तो कई सारे firsts रेलवेज में भी हो रहे हैं, रोड्स के तो किस्से ही अद्भुत हैं जिस प्रकार से पूरे देश में नेटवर्क ऑफ़ हाइवेज, सागर माला के माध्यम से सी रूट्स, अब बनारस से भी कंटेनर जाना शुरू हो गए हैं, बनारस से भी सी रूट खुल गए हैं बंगलदेश तक। The number of firsts that we have seen have been phenomenal. और मुझे ख़ुशी है कि नया वर्ष 2019 भी कई सारे नए कीर्तिमानों के साथ शुरू हो रहा है।

पीछे मैंने शेयर किया था unmanned level crossings main lines पर, broad gauge पर ना के बराबर है, आज शायद पूरे देश में एक unmanned level crossing रह गयी है, एक, जो एक प्रकार से बड़ा एक घातक, जिसमें कई लोगों की जान जाती थी, कई एक्सीडेंट होते थे, पिछले 5 वर्षों के लगातार प्रयासों के कारण अब भारतीय रेल उससे मुक्त हो गया है  पूरी तरीके से।

Of course, मीडिया की हेडलाइन जैसे हम अभी आपके कमरे में बात कर रहे थे, हेडलाइन तो शायद यही बनेगी कि ‘Railways fails in its target’ क्योंकि अभी तक एक बाकी है सर, पूरा एलिमिनेट नहीं हुआ है।

लेकिन अब यह जो नयी सर्विस शुरू हो रही है मुझे पूरा विश्वास है यह भी फ्रेट मूवमेंट के लिए भी बहुत लाभदायक रहेगी, इससे सस्ते खर्चे पर सामान दूर-दूर तक जा पायेगा और रेलवे और रोडवे पर जो बहुत हेवी कंजेस्शन रहता है उससे भी थोड़ा निजात, उससे भी थोड़ी राहत मिलेगी सभी को।

तो पूरा विश्वास है कि यह जो नवरत्न था, कॉनकोर, 2014 में इसको नवरत्न घोषित किया गया था और आज 2019 में मैं इसको नए भारत के रत्न के रूप में देख रहा हूँ। और इसी तेज़ गति से प्रगति करे ऐसी मेरी पूरी इच्छा है, पिछले वर्ष आपने 6,500 करोड़ का टर्नओवर किया था, आपने लक्ष्य रखा है कि 25,000  करोड़ तक अगले 5 वर्ष में आप कॉनकोर को बढ़ाएंगे इस लक्ष्य के लिए आपको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। आपने पहले शुरू किया था 7 टर्मिनल से, आज कॉनकोर के 81 टर्मिनल हो गए हैं और हमारा लक्ष्य है कि अगले वर्ष तक यह 100 का आंकड़ा पार करेगा।

वैसे गडकरी जी को क्रिकेट का बहुत शौक है तो मैं समझता हूँ इनकी प्रेरणा से, इनके सहयोग से और इनके आशीर्वाद से कॉनकोर और तेज़ गति से बढ़े और सेंचुरी के बाद फिर डबल सेंचुरी के प्लान्स भी अभी से शुरू करें। तो जो एक कल्पना है कि भारत में लॉजिस्टिक्स कॉस्ट विश्वस्तरीय हो जाये। कई बार चर्चा होती है भारत में 12-13-14% लॉजिस्टिक्स कॉस्ट है, अन्य देशों में वह 8% के आस पास है, तो जो लक्ष्य एक रखा गया है कि भारत ने भी 8% पर लॉजिस्टिक्स कॉस्ट लानी चाहिए उसके लिए आपका योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहेगा।

और रोड, रेल और सी यह तीनों का जब मिलन होगा, जब तीनों की संयुक्त भागीदारी से, तीनों के संयुक्त प्रयासों से इस काम को हम गति देंगे तो मुझे पूरा विश्वास है कि यह लक्ष्य भी अचीव कर पाएंगे, जल्द ही कर पाएंगे और इससे पूरे देश में एक नए रूप से आगे का विकास तय होगा, आगे की आर्थिक व्यवस्थाएं तय होंगी और इस देश का जो लक्ष्य है कि हम डबल डिजिट ग्रोथ जिसके लिए इस सरकार ने जो पूरी भूमिका बनाई है जो पूरा फ्रेमवर्क क्रिएट किया है गत पांच वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट करके, एक ईमानदार व्यवस्था पूरे देश में स्थापित करके, अलग-अलग प्रकार से जो व्यापार करने की सुविधाएं हैं वह देकर।

अभी-अभी जीएसटी की भी मीटिंग चल रही है दूसरे स्थान पर उसकी भी खुशखबरियाँ और आएँगी जिससे मुझे उम्मीद है कि सब राज्य सरकारें संयुक्त रूप से सहयोग करके कुछ अच्छी खबर वहां से भी आज देंगे। यह सब चीज़ें जो फ्रेमवर्क क्रिएट कर रही हैं, जो नीव रख रही हैं, फाउंडेशन रख रही हैं नए भारत की उस नए भारत में मुझे पूरा विश्वास है कि भारत की आने वाली पीढ़ियां अवश्य याद रखेंगी कि यह भारत के सुनहरे कल की शुरुआत इस 2014 से 2019 के समय सीमा में हुआ। यह शुरुआत बहुत ही शानदार रहा, यह शुरुआत देश के कोने-कोने तक पहुंचा, इस शुरुआत ने पूरे भारत के सभी लोगों को साथ में लिया, जो हमारी कल्पना है सबका साथ, सबका विकास करने की उस कल्पना के हिसाब से यह काम किया गया।

और ऐसे ही हम सबके साथ से भारत की अर्थव्यवस्था को और तेज़ गति मिले यह हम सबका प्रयत्न लगातार आगे भी बना रहेगा यह मैं आप अबको विश्वास दिलाना चाहता हूँ। पुनः एक बार आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद, कॉनकोर और शिपिंग मिनिस्ट्री को बधाई और माननीय नितिन गडकरी जी का बहुत-बहुत धन्यवाद जो उन्होंने अपना अमूल्य समय इस कार्यक्रम के लिए हमें दिया।

Subscribe to Newsletter

Podcasts