Speeches

December 3, 2018

Speaking at Press Conference, in Ajmer, Rajasthan

आज राजस्थान में बहुत ही महत्वपूर्ण चुनाव के आखिरी दो दिन के प्रचार का समय आ गया है, मेरा सौभाग्य है कि अजमेर में आने का मुझे मौका मिला। शायद राजस्थान का भी ह्रदय है अजमेर और ह्रदय योजना में भी चुना गया है इसके विकास के लिए, विस्तार के लिए। एक प्रकार से धर्म नगरी भी मानी जाती है, ब्रह्मा जी का भी बहुत सुन्दर मंदिर और अजमेर शरीफ का दरगाह, इन दोनों ने अजमेर को शायद पूरे देश और विश्व में प्रसिद्ध किया है।
आज राजस्थान की जनता को तय करना कि एक धीमे-धीमे रेंगती हुई सरकार जो कांग्रेस के समय राजस्थान में चलती थी या एक तेज़ रफ़्तार से चलने वाली भाजपा की सरकार इन दोनों के बीच में चुनाव में जनता को फैसला सुनाना है। मैं देख रहा था किस प्रकार से 2008 से 2013 के बीच राजस्थान में विकास की गति बड़ी धीमी हुई थी, अलग-अलग विभागों के जो आंकड़े देखें तो ध्यान में आता है कि राजस्थान विकास से वंचित हो गया था अशोक गहलोत जी के नेतृत्व में।
मैंने खुद ऊर्जा विभाग संभाला और ऊर्जा विभाग में तो मैं हैरान हो गया कि मात्र पांच वर्ष की अवधि में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने सालाना 12 से 15,000 करोड़ रुपये का घाटा करके 70-75,000 करोड़ का ऋण राजस्थान के डिस्कॉम के ऊपर थोप दिया था। वैसे साधारणतः मेरे लिए तो मुश्किल है कल्पना भी करना कि एक प्रदेश और राजस्थान में तो देश की कोई 5% जनसंख्या रहती है, एक प्रदेश कैसे 12-15-16,000 करोड़ रुपये का सालाना घाटा सिर्फ बिजली विभाग में, और यह दर्शाता है किस प्रकार से बड़ी जर्जर सी व्यवस्था कांग्रेस के शासन में चल रही थी।
कई सारी योजनाएं जो वसुंधरा जी ने पहले उनके पहले कार्यकाल में शुरू की थी उन सबके ऊपर भी गति धीमी हो गयी थी और जनता ने सही मायने में उनको नकारकर भाजपा की सरकार को पुनः स्थापित किया। मैं समझता हूँ गत पांच वर्षों में जो तेज़ गति से राजस्थान में विकास हुआ है, खासतौर पर एक रेल मंत्री के नाते मैं कई बार यह ज़िक्र करता हूँ कि जब ट्रेन को हमें लम्बे सफर के लिए तैयार करना होता है और तेज़ गति से चलानी होती है तो हम डबल इंजन लगाते हैं। और मुझे लगता है राजस्थान में केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व वाली और राज्य सरकार वसुंधरा जी के नेतृत्व वाली, इन दोनों ने जो मिलकर गति दी विकास को उससे आज राजस्थान के कोने-कोने में लाभार्थी संतुष्ट हैं और भारतीय जनता पार्टी को पुनः एक बार जिताकर राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाएंगे।
मैं कुछ आंकड़े देख रहा था कि कैसे कांग्रेस के समय 13वीं वित्त आयोग ने 1,09,000 करोड़ रुपये दिए थे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार 2014 में आयी और जो 14वीं वित्त आयोग का आवंटन हुआ राजस्थान के लिए वह लगभग ढाई गुना कर दिया – 2,63,000 करोड़ रुपये। पिछले पांच साल में जो विकास के ऊपर निवेश हुआ है राजस्थान में वह भी डेढ़ लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग सवा चार लाख करोड़ गत पांच वर्षों में ढाई गुना हो गया है – अलग-अलग क्षेत्र में चाहे सड़क हो, पेयजल हो, सिंचाई हो, आवास योजना हो, स्वास्थ्य सेवाएं हो, हर एक में राजस्थान ने ऐतिहासिक प्रगति की है, भामाशाह योजना अकेले में 6 करोड़ लाभार्थी हैं आज राजस्थान में।
विद्युतीकरण के क्षेत्र में तो लाजवाब काम हुआ है राजस्थान में, जो घाटा 15,000 करोड़ रुपये का विरासत में मिला था सालाना वह आज एक चौथाई रह गया है। और मैं वसुंधरा जी का उनको बधाई भी दूंगा और धन्यवाद भी करूँगा एक प्रकार से एक नागरिक के नाते कि उन्होंने राजस्थान को बिजली के क्षेत्र में जो काम किया जिस प्रकार से हर गांव, हर घर तक बिजली पहुंचाई, जिस प्रकार से चौबीस घंटे सभी को बिजली मिले, किसानों को पर्याप्त बिजली मिले उसको सुनिश्चित किया, जिस प्रकार से नवीकरणीय ऊर्जा, रिन्यूएबल एनर्जी को बल दिया यह अपने आपमें एक देश के लिए मिसाल बना।
509 गावों में जहाँ बिजली नहीं थी और 10,515 मजले, ढाणी, टोले जहाँ बिजली पहुंची नहीं थी उन सभी तक बिजली पहुंचाई और सौभाग्य योजना के तहत लगभग सवा चौदह लाख घरों तक मुफ्त में बिजली का कनेक्शन पहुंचाकर मैं समझता हूँ प्रदेश के हर घर तक बिजली पहुंचाने का जो लक्ष्य वसुंधरा जी ने लिया है इसमें वह बड़ी मात्रा में सफल हुई हैं।
लगभग 1600 गावों और 4142 ढाणी और मजले तक पहली बार सड़कों से जोड़ा गया, पेयजल से वंचित 9900 गावों को पहली बार पेयजल पहुंचाया गया। उज्ज्वला योजना में हमारी माता-बहनों को जिस प्रकार से परेशानी होती थी घर में चूल्हा जलाने में, लकड़ी, कोयला इस्तेमाल करके जो उनके स्वास्थ्य, उनके परिवार के स्वास्थ्य के ऊपर ख़राब परिणाम होता था उससे बचाने के लिए केंद्र की उज्ज्वला योजना के तहत 37 लाख से अधिक माता बहनों को, गरीबों के घर को मुफ्त में एलपीजी सिलिंडर कनेक्शन दिया गया, मुद्रा योजना के तहत 47 लाख लाभार्थियों को अलग-अलग प्रकार के लोन दिए गए जिससे वह स्वावलंबी बन सकें, अपने पाँव पर खड़े हो सकें, स्वयं रोज़गार के साधन बनें, रोज़गार ढूंढने के बदले रोज़गार के अपने आपमें मौके नए बनाएं।
इसी प्रकार से लगभग ढाई करोड़ जन धन बैंक अकाउंट राजस्थान में खोले गए और 1 करोड़ 70 लाख रुपे कार्ड जिससे डिजिटल कनेक्टिविटी से भी राजस्थान के लोगों को लाभ मिला है। फसल बीमा योजना में जो हमारे किसान भाई बहन हैं ऐसे 43 लाख किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ा गया और लगभग 1 करोड़ 20 लाख किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड देकर आगे के लिए सुनिश्चित किया कि वह अच्छी तरीके से अपना उत्पादन बढ़ाएं, किस प्रकार से उनके खेत से आमदनी बढ़ सकती है।
बीमा योजना इंश्योरेंस और पेंशन स्कीम्स में लगभग 63 लाख लोगों को जोड़ा गया है और सबसे मैं समझता हूँ खासतौर पर महिलाओं बहनों के लिए और सभी नागरिकों के स्वाभिमान के लिए अगर किसी योजना ने बड़ा योगदान दिया है तो वह स्वच्छता अभियान के तहत जो बड़े रूप में शौचालय बनाये गए जिससे सैनिटेशन कवरेज 40% से बढ़कर 95% आज घरों में शौचालय बनाने का काम केंद्र और राज्य सरकार ने इस डबल इंजन के तहत बड़ी तेज़ गति से किया।
राजस्थान गौरव संकल्प में बहुत सारी नयी योजनाओं का ज़िक्र है, बहुत सारे नए कार्यक्रम प्रदेश के समक्ष रखे गए हैं, मैं समझता हूँ कि भारतीय जनता पार्टी ने जो विकास की राजनीति की है और जिस प्रकार से तेज़ गति से राजस्थान के हर घर को, हर नागरिक भाई बहन को विकास से लाभान्वित किया है इसका परिणाम इस चुनाव में ज़रूर देखने को मिलेगा। जिस प्रकार से तेज़ गति से रेलवे में, एयरपोर्ट और हवाई सेवाओं में, रोड की नेटवर्क में, जिस प्रकार से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का तेज़ गति से काम हो रहा है, अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट से राजस्थान में विकास की गति बढ़ी है, आर्थिक क्षेत्र में काले धन के ऊपर लड़ाई और आगे चलकर एक ईमानदार देश की छवि विश्वभर में भारत की बने जिससे निवेश आये, जिससे बड़े रूप में युवा पीढ़ी को नयी ईमानदार व्यवस्था से काम करने में लाभ हो, कैसे स्वास्थ्य की सेवाएं घर-घर तक पहुंचे।
राजस्थान की वास्तव में भामाशाह योजना अपने आपमें एक मिसाल है जिसे अब हम पूरे देश में आयुष्मान भारत के नाम से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 50 करोड़ लोगों तक मुफ्त में स्वास्थ्य की सेवाएं मिलें यह सुनिश्चित किया है माननीय प्रधानमंत्री जी ने।
इन सबके सामने कांग्रेस की जो बटवारे की राजनीति है, जो जातिवाद की राजनीति है, जो वंशवाद की राजनीति, जो टूट, फूट और झूट की राजनीति है मैं समझता हूँ वह राजस्थान के लोगों के सामने टिक नहीं पायेगी, राजस्थान की जनता विकास चाहती है, राजस्थान की जनता आपस में अच्छे तालमेल से रहना चाहती है। अजमेर तो अपने आपमें विश्व में प्रसिद्ध है यहाँ दरगाह भी अजमेर शरीफ जी का पूरे देश और दुनिया से लोग आते हैं। और इसी प्रकार से मंदिर भी, चाहे वह जैन मंदिर हो चाहे वह ब्रह्मा जी का मंदिर हो इन सबमें एक मिसाल है आपसी तालमेल, सुख-शांति में जीवन बिताने का।
मैं समझता हूँ जिस प्रकार से कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता चाहे कोई नेता प्रधानमंत्री मोदी जी के ऊपर टिप्पणी करके पूछे कि अरे उनके पिता का नाम भी नहीं मालूम है और चाहे कोई नेता कहे कि किसी भी तरीके से चाहे किसी का सिर फोड़ना पड़े जो हथकंडे अपनाने पड़ें पर चुनाव जीतना है इस प्रकार के कांग्रेस के प्रत्याशियों का बयान या दूसरा प्रत्याशी भारत माँ के घोष को भी रोककर एक परिवार के घोष को आगे बढ़ाये।
यहाँ अभी-अभी खबर आयी है कि तेलंगाना में एक विशेष समुदाय के लिए एक अलग मैनिफेस्टो घोषणा पत्र बन रहा है, इस सब प्रकार की मैं समझता हूँ जो बहुत ही निचली स्तर की राजनीति कांग्रेस कर रही है, जिस प्रकार से जातिवाद एक मुख्यमंत्री का प्रत्याशी फैलाने की कोशिश कर रहा है और यह पूछता है कि क्या अधिकार है, साध्वी उमा भारती या साध्वी ऋतम्भरा देवी जी का कि वह हिंदुत्व के ऊपर बात करें, हिन्दू धर्म की बात करें और एक प्रकार से माननीय प्रधानमंत्री की जाति के ऊपर भी टिप्पणी करते हैं, मैं समझता हूँ ऐसी पार्टी जिसका न नेता तय है, न नियत साफ़ है न कोई नेतृत्व भारत माँ के प्रति संकल्पित है इस पार्टी को हराने की ज़िम्मेदारी आज राजस्थान के हर नागरिक ने अपने कंधे पर उठाई है और फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार, प्रधानमंत्री मोदी जी की केंद्र की सरकार को और बल देने के लिए वसुंधरा राजे जी के नेतृत्व में राजस्थान में फिर एक बार राजस्थान की जनता स्थापित करेगी, भारी बहुमत के साथ स्थापित करेगी और प्रदेश के जो तेज़ गति के विकास के काम चल रहे हैं, जिस प्रकार से प्रदेश में सुख-शांति रही है उसको आशीर्वाद देगी यह मेरा पूरा-पूरा विश्वास है।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

प्रश्न-उत्तर
प्रश्न: पीयूष जी, मैं अभिजीत न्यूज़-18 से, प्रदेश में आचार संहिता लगने से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी ने 180 का टारगेट दिया था, क्या आप बता सकते हैं बीजेपी कितनी सीटें जीतेगी प्रदेश में?
उत्तर: देखिये अगर मैं एस्ट्रोलॉजर होता तो ज़रूर बता देता पर मेरा पूरा विश्वास है कि भारतीय जनता पार्टी पूरी 200 की 200 सीटों पर बहुत अच्छी लड़ाई लड़ रही है और दो-तिहाई बहुमत से ज़्यादा से जीतकर फिर एक बार इतिहास रचाएगी राजस्थान में।
प्रश्न: पीयूष जी नमस्कार, मैं दैनिक भास्कर से विनेश, सर आप रेल मंत्री हैं पिछले बजट के अंदर अजमेर रेल मंडल में अजमेर से कोटा, अजमेर से सवाई माधोपुर से चार शहरों को जोड़ने के लिए रेल लाइनों का स्वीकृत किया था आप लोगों ने, उसमें एक-एक करोड़ का बजट दिया है सर, एक करोड़ में तो लाइनें बिछती नहीं, क्या आप लोक सभा चुनाव का इन्तिज़ार कर रहे थे इसके लिए सर?
उत्तर: भाई साहब ऐसा है कि मैं आपको थोड़ा बजट कैसे बनता है उसकी जानकारी दे दूँ। बजट में एक लाइन आइटम क्रिएट किया जाता है जब कोई नए प्रोजेक्ट की स्वीकृति होती है और वह लाइन आइटम क्रिएट करके फिर उसकी सर्वे होती है और आगे चलकर जैसे-जैसे उसका बजट बनता है, टेंडरिंग होती है तो पैसे निर्धारित किये जाते हैं और अलॉट किये जाते हैं। जो एक करोड़ फिगर है वह एक नोशनल या नॉमिनल फितूर होता है जो कोई भी अर्थशास्त्री जो बजट को पढ़ता है वह अच्छी तरीके से समझ सकता है। आपके भी न्यूज़पेपर के जो इकोनॉमिक जर्नलिस्ट हैं वह आपको इस बात की पुष्टि कर देंगे।
प्रश्न: सर आपको इसमें एक जानकारी दे दूँ उसमें सिर्फ दो…… वह तो कम से कम पांच साल पहले से स्वीकृत थे केंद्र सरकार आ गयी थी सर ……?
उत्तर: ऐसा है कि जब हमारी सरकार 2014 में आयी तो ऐसे सैंकड़ों प्रोजेक्ट देश में अन्नौंस किये गए थे जिनके ऊपर कोई भी प्रकार का काम नहीं हुआ था। ऐसे आप सब जानते हैं कि रेलवे का बजट पहले राजनीति से प्रेरित रहता था आर्थिक उसमें सूझबूझ की कोई गुंजाइश नहीं रहती थी। तो हर एक रेल मंत्री कई सारे प्रोजेक्ट अन्नौंस करते थे लेकिन उसपर काम बहुत कम कर पाते थे। प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार आने के बाद जो निवेश रेलवे पर हो रहा है वह लगभग ढाई गुना हो गया है। अगर आंकड़े में आपको इंटरेस्ट है तो जब कांग्रेस की सरकार थी 2009 से ’14 के बीच उस दौरान जो केंद्र में पैसे दिए जाते थे रेलवे के लिए वह लगभग सवा दो से ढाई लाख करोड़ रुपये पांच वर्ष में दिए गए और मोदी जी की सरकार ने लगभग साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये रेलवे में निवेश के लिए 2014 से 2019 के बीच में लगाए अथवा अगले तीन-चार महीने में लग जायेंगे।
अगर हम राजस्थान की बात देखें तो 2009 से 2014 के बीच कांग्रेस की सरकार थी केंद्र में और कांग्रेस की सरकार थी अधिकांश समय के लिए राजस्थान में 2013 नवंबर-दिसंबर तक। इतने लम्बे समय दोनों कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद अगर आप पांच वर्षों का निवेश देखें राजस्थान में तो मात्र 3500 करोड़ रुपये था और मोदी जी की सरकार और वसुंधरा जी की सरकार जब आयी तो वह निवेश बढ़कर लगभग 15000 करोड़ रुपये हो गया 2014 से 2019 के बीच, यानी चार गुना हो गया।
यह है तेज़ गति विकास की जो मोदी जी और वसुंधरा जी ने राजस्थान को दी है, मैं समझता हूँ पहले सिर्फ घोषणाएं होती थी अब वास्तव में काम होता है लेकिन रिक्वायरमेंट्स या काम बहुत सारे होने के कारण अलग-अलग जगह पर काम अब शुरू हो रहा है। कई जगह पर जो काम आधा अधूरा था उसको तेज़ गति मिल रही है, मैं एक-दो उदाहरण आपको दे सकता हूँ – अजमेर से बांगड़ ग्राम जो लाइन बननी थी उसका 2015 के पहले कुछ काम नहीं हुआ था। हमारे आने के बाद हमने उसको गति दी और आज लगभग 52% काम ख़त्म हो गया है, 23 किलोमीटर पर काम तेज़ गति से चल रहा है और फरवरी 2019 तक यह दौराई मांगलियावास, यह इलाके का काम पूरा हो जायेगा।
इसी प्रकार से बांगड़ ग्राम-गुड़िया के बीच 2012-13 में स्वीकृति दी थी पर 2015 तक कुछ काम नहीं किया था कुछ निवेश नहीं दिया था। हमारी सरकार ने 2015 के बाद इस काम को हाथ में लिया, 50% काम पूरा हो गया है, फरवरी तक बांगड़ ग्राम से सेंदरा तक का काम पूरा हो जायेगा। इसी प्रकार से जो गुड़िया-मारवाड़ जंक्शन है 2011-12 में शुरू हुआ था उसका 60% काम 45 किलोमीटर का तेज़ गति से चल रहा है और 60% काम ख़त्म हो गया है। मारवाड़ जंक्शन से रानी यह भी 2012-13 में स्वीकृत हुआ था, 2015 तक कुछ काम नहीं हुआ, हमने उसको तेज़ गति दी 95% काम ख़त्म कर दिया है, 24 किलोमीटर पर काम चल रहा है। बिनवलिया-रानी, यह काम फरवरी तक पूरा हो जायेगा। केशव गंज-स्वरूपगंज, यह जो काम है यह 2010-11 में शुरू हुआ था अब वह पूरा हो गया है, शत प्रतिशत पूरा हो गया है।
और मैं यह और सुनाते जा सकता हूँ आपको चाहिए तो, पूरे आंकड़े लेकर आया हूँ। लेकिन यह आपको विश्वास दिलाता हूँ कि राजस्थान में जो चार गुना निवेश हुआ है हमारी सरकार के दौरान गत चार वर्षों में इसी की वजह से इतनी तेज़ गति से काम बढ़ा है। राष्ट्रीय रेल विकास निगम लिमिटेड के भी कई सारे प्रोजेक्ट – रानी-केशव गंज, सरूपगंज-आबू रोड, आबू रोड-सरोत्रा रोड, सरोत्रा रोड-कारजोड़ा, कारजोड़ा-पालमपुर, यह सब 2010 और 2012 के बीच के प्रोजेक्ट्स लगभग 75% से अधिक अब ख़त्म हैं। इसमें रानी से केशव गंज तो शत प्रतिशत ख़त्म हो गए हैं।
तो इस प्रकार से काम में गति लाने का जो सिलसिला यह डबल इंजन ने किया है मोदी जी और वसुंधरा जी की जोड़ी ने यह आगे चलकर और तेज़ गति पाए इसलिए हमने राजस्थान की जनता से फिर एक बार राजस्थान में हमारी सरकार चुनने का अनुरोध किया।
प्रश्न: गोयल साहब नमस्कार, मेरा सवाल है सर जो प्रदेश के 460 ex apprentices को बेरहमी से निकाला गया, आज उनके परिवार, मतलब भूखे मरने की नौबत है उन लोगों की, तो क्या रेलवे सुप्रीम कोर्ट में ऐसा कोई …. का तैयार है कि उन 460 परिवारों को कुछ सहूलियत हो?
उत्तर: भाई साहब, आपकी जानकारी पूरी तरीके से गलत है सबसे पहले तो मैं वह स्पष्ट कर दूँ। अपरेंटिस जब किसी व्यक्ति को लिया जाता है, रेलवे में हो या कोई और भी कारखाने में हो, कोई और उद्योग में हो, वह स्पष्ट होता है कि यह ट्रेनिंग का प्रोग्राम है, अपरेंटिस का काम है और ट्रेनिंग के बाद नौकरी सुनिश्चित नहीं की जा सकती है कानून के तहत। सुप्रीम कोर्ट का एक स्पष्ट निर्देश है कि अगर अपरेंटिस को हम सीधा भर्ती देते हैं तो वह गैरकानूनी है और उन सबको नौकरी से बाहर करना यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है, कोई रेलवे का निर्णय नहीं है।
जब उनको अप्पोइंट किया गया तो वह ab initio, शुरुआत से ही वह illegal था, वह गैरकानूनी था। इसमें सरकार की या रेलवे की कोई भूमिका नहीं है, यह न्यायाधीश का फैसला है और मैं समझता हूँ हम सब पत्रकार बंधु हों या राजनीतिज्ञ हों हम न्यायाधीश को इज़्ज़त करते हैं, उसके कानून के फैसले को हमें पालन करना पड़ता है।
लेकिन जितने अपरेंटिस सीखते हैं रेलवे में उनके प्रति इस सरकार की संवेदना होने के कारण जो नयी भर्ती अभी चालू है, लगभग 1,30,000 लोगों की नयी भर्ती चालू है उसमें अपरेंटिस किये हुए लोगों के लिए एक स्पेशल रिजर्वेशन रखा है, एक कोटा रखा गया है जिसमें उनको लगभग जो भी उनमें से व्यक्ति अच्छा काम किया है, अच्छे काम कर सकते हैं और एग्जाम में अच्छे अंश लेकर आएंगे लगभग साधारणतः तीन में से दो लोगों को और शायद उससे भी अधिक उनको नौकरी मिलने का प्रावधान रखा गया है रिजर्वेशन के द्वारा और जिनको उस रिजर्वेशन में नहीं मिलेगी वह रेगुलर कोटा में उनको फिर शिफ्ट कर दिया जायेगा उसमें भी उनको नौकरी मिलने की पॉसिबिलिटी है। तो इस सरकार ने अपरेंटिस के लिए जितना किया है पहले कभी नहीं किया गया।
प्रश्न: रेलवे में और भी बैक डोर एंट्री है जो आप लोग लगातार दे रहे हैं….. ?
उत्तर: यह व्यवस्था को पूरी तरीके से बंद करने का मैंने आदेश दिया है और जितने यह बैक डोर एंट्रीज हैं रेलवे में इस सबको बंद करने का निर्णय इस सरकार ने लिया है क्योंकि यह गैरकानूनी मानी जाती है और सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि हर नयी भर्ती के लिए सबको सामान्य अवसर मिलना चाहिए।
प्रश्न: सर 2016 के बाद में भी रेलवे में अपरेंटिस रेगुलर हुए हैं और जिनको बाहर निकाला गया है उन्होंने….. सब सेवाएं दी हैं रेलवे ने?
उत्तर: वह मेरे हाथ में नहीं है, कानूनी फैसला है।
प्रश्न: हम आपसे सिर्फ इतना कह रहे हैं कि आप इसको वापिस क्यों रिव्यू में जा रहे हैं?
उत्तर: रिव्यू सुप्रीम कोर्ट ने कोई स्कोप ही नहीं रखा है और मेरे ख्याल से जो अभी हमने किया है रिजर्वेशन उस माध्यम से कानून के दायरे के अंदर हमने अपरेंटिस के लिए एक अच्छा भविष्य बनाने को सुनिश्चित किया है।
प्रश्न: गोयल साहब मैं पंजाब केसरी से, मेरा सवाल आपसे है कि पिछले 11 साल के समय में अजमेर में बहुत विकास को गति मिली उसमें सेकंड एंट्री गेट का काम, रेलवे म्यूजियम ……. स्टेशन के काम शुरू होना, कई दूसरे ऐसे काम थे जो एक अच्छी गति से शुरू हुए थे … वह काम सब ऑलमोस्ट बंद से हो गए हैं या धीमे पड़ गए हैं इसके बारे में आप क्या कहेंगे?
उत्तर: अगर कोई रेल म्यूजियम में तो कोई पीछे नहीं पड़े हैं और मेरे हिसाब से रेल म्यूजियम तो शुरू भी हो गया है। अभी शुरू नहीं हुआ है तो मैं अभी आचार संहिता के बाद चेक करवा लूंगा लेकिन जहाँ तक मेरी जानकारी है मेरे हिसाब से रेल म्यूजियम का काम….
प्रश्न: अभी ऐसी हालत ख़राब है पिछले दिनों पंजाब केसरी में एक आर्टिकल छपा था जिसमें उसकी दुर्दशा के बारे में काफी कुछ लिखा गया है। मेरे कहने का मतलब है कि जहाँ सॅटॅलाइट स्टेशन दो मदार और दौराई स्टेशंस आप लोगों ने चालू किये हैं वहां अभी भी पूरे काम ढंग से नहीं हो रहे हैं जो विकास की गति को आपको धीमा कर रहे हैं ?
उत्तर: चेक कर लेंगे उसको पर वैसे मैं देख रहा था कि आज लगभग 3000 करोड़ रुपये के काम अजमेर एरिया में चल रहे हैं। अजमेर से सरोत्रा का सेक्शन, 330 किलोमीटर का लगभग 2171 करोड़ की लागत से डबलिंग हो रहा है, इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है मदार से पालमपुर का 76 किलोमीटर का, अजमेर से उदयपुर का 68 किलोमीटर का, इन दोनों को मिलाएं तो 700 से अधिक करोड़ रुपये की लागत है, 14 एस्केलेटर लग रहे हैं। साथ ही साथ वाई-फाई दिया गया है यहाँ पर, एस्केलेटर और लिफ्ट दिए गए हैं, सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं, पांच नयी ट्रेनों को शुरू किया गया है, चार ट्रेनों को एक्सटेंड किया गया है मदार दौराई तक, कई काम ख़त्म हो गए हैं इलेक्ट्रिफिकेशन अजमेर से देर का ख़त्म हो गया है, रोड ओवरब्रिज बन गया है अजमेर चित्तौड़गढ़ सेक्शन में और मदार-पालमपुर सेक्शन में। अलग-अलग काम, 16 रोड ओवरब्रिज बने हैं।
तो रेलवे में जितना काम इस पांच वर्ष में हुआ है, आप सब यहाँ पर पुराने निवासी हैं आप याद करके बता दीजिये कोई और पांच वर्ष क्या कोई दशक में इतना काम हुआ।
प्रश्न: सर सारी बातें जो हुई यह तो आंकड़ों के अंदर था लेकिन हालात जो अजमेर रेलवे की की बात करें तो जनता को देने की सौगात की बात नहीं है, वह पुष्कर मेला तो अभी तक नहीं जोड़ा गया, रेलवे अस्पताल के हालात ख़राब हैं ?
उत्तर: यह चेक करना पड़ेगा, अब इतने सारे काम हुए हैं अब एक काम और जोड़ देंगे उसमें कोई बड़ी बात नहीं है।
प्रश्न: मंत्री जी, छोटी सी चीज़, आपने कहा विकास बहुत हो गया, रेलवे….. ?
उत्तर: कभी भी विकास ख़त्म नहीं होता, विकास बहुत हुआ, आगे इससे भी ज़्यादा करना है।
प्रश्न: रेलवे अस्पताल में हालात ख़राब हैं, यहाँ पर …. नहीं है यहाँ जो……. ?
उत्तर: मैं रेल अस्पताल की जानकारी निकाल लूंगा लेकिन एक समस्या जो हर एक अस्पताल में आती है वह है डॉक्टरों की, और आज कल डॉक्टरों की भर्ती भी चालू है और वास्तव में हम तो अभी वॉक-इन इंटरव्यू करके भर्ती कर रहे हैं क्योंकि डॉक्टरों की कमी देश भर में महसूस हो रही है।
प्रश्न: गोयल साहब आपने आज जानकारी ली होगी, आज एक प्रवक्ता ने आप पर आरोप लगाया क्रोनी कैपिटलिज्म का ?
उत्तर: मुझे मालूम नहीं मैं तो अभी आ रहा हूँ वहां से पर उनके आरोप बेबुनियाद होते हैं, पुराने आरोप को बार-बार उठाते रहते हैं जिसका पूरा खुलासा हो चुका है और मैं समझता हूँ आज वह बिना कोई मुद्दे के चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए पुरानी बातों को झूट फरेब को बार-बार सुनाने के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता या कांग्रेस नेतृत्व के पास कोई मुद्दा नहीं है।
प्रश्न: पीयूष जी, अजमेर रेल मंडल के चार सेकंड एंट्री गेट करीब 8 महीने एक साथ लेट चल रहे हैं, आप कह रहे हैं विकास की रफ़्तार है इस बारे में आप क्या कहेंगे सर?
उत्तर: मुझे चार एंट्री गेट की तो जानकारी नहीं है, पर मेरे हिसाब से थर्ड एंट्री गेट का काम अभी ख़त्म होने जा रहा है, दो एंट्री गेट आलरेडी तैयार हैं, थर्ड का काम अभी ख़त्म होने जा रहा है।
प्रश्न: सर अजमेर, भीलवाड़ा, आबू रोड और एक स्टेशन और है, न सेकंड एंट्री गेट 8 महीने लेट चल रहा है सर?
उत्तर: रेलवे की मुझे लगता है चुनाव के बाद आकर एक अलग से अधिकारियों के साथ बैठकर आपके साथ रेलवे की चर्चा कर लेंगे।
प्रश्न: सर एक सवाल मेरा है, एक दौराई रेलवे स्टेशन 220 करोड़ रुपये आपने खर्च किये, लेकिन वह फाटक वहां हमेशा बंद रहता है?
उत्तर: चेक कर लेंगे, मुझे अभी रेलवे की जानकारी नहीं है, इसकी प्रेस अलग कर लेंगे।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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