Speeches

November 20, 2018

Meeting with BJP Workers, in Jaipur

हमारे सबके प्रिय और वास्तव में जब भी मैं राजीव जी को मिलता हूँ तो बाबोसा की याद ज़रूर आती है, मुझे भी सौभाग्य मिला उनके साथ कई बार मिलने का पापा के कारण और वास्तव में उस प्रकार के नेता आजके दिन हम राजनीति में बहुत मिस करते हैं| जो जुझारू पना उनमें था जो कोई काम लेते थे तो संकल्प के साथ पड़ जाते थे उस काम को अचीव करने में, जितना अच्छी तरीके से उन्होंने राज्य सभा का संचालन किया उपराष्ट्रपति रहते हुए| वास्तव में नरपत जी आप सौभाग्यशाली हैं कि आपको शेखावत जी के साथ काम करने का मौका मिला, उनके परिवार के सदस्य बने |
और वास्तव में मैं समझता हूँ हम सब यहाँ पर सौभाग्यशाली हैं कि विद्याधर नगर में आप हमारे विधायक हैं दो बार से यहाँ से हैं, पहले तो आप दूसरी जगह से थे। और मुझे पूरा विश्वास है कि अब कम्पटीशन होगी कि रामचंद्र बोहरा जी को ज़्यादा वोटों से जिताएं या आपको ज़्यादा वोटों से जिताएं। आपको हम सबकी बहुत-बहुत शुभकामनाएं, शुभेक्षा, और मुझे पूरा विश्वास है पूरा विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन हमारे परिवार, हमारे मित्र, हमारे रिश्तेदार, हम सबके कामगार और जो-जो हमारे नज़दीक के इस क्षेत्र में रहते हैं उन सबको प्रेरित करेंगे कि काम में उतरें, काम में लगें और आपको भारी मतों से जिताके यहाँ से भेजें।
हम सबके वरिष्ठ विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष माननीय श्री प्रेम पोद्दार जी, माननीय श्री सतीश जी तांबे, महासचिव; आजके कार्यक्रम के संयोजक माननीय महेश पारीक जी। नेता के गुण सबसे ज़्यादा तो मैं … जी आपमें देख रहा था। आपने हार तो बाद में पहनाया पहले अटैक कर दिया और यह बड़ा अच्छा तरीका होता है पहले दूसरा व्यक्ति कुछ कर सके उसके पहले अटैक पर आ जाओ तो दूसरा व्यक्ति थोड़ा डिफेंसिव हो जाता है। पर ….. जी मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे सभी प्रतिनिधि, हमारे सभी नेता लगातार संपर्क में भी रहते हैं, लगातार आपके दुःख-सुख की चिंता करते हैं।
मैं स्वयं 14 जुलाई को जब यहाँ आया था तब मैंने सामने से फ़ोन करके मुख्यमंत्री जी को कहा था कि मुझे आके व्यापारी समाज को सबको मिलना है, उनके दुःख-सुख, दुःख-दर्द को समझना है, और जीएसटी कॉउन्सिल की मीटिंग आने जा रही है 21 जुलाई को उसके पहले मुझे समझना है कि मेरी क्या ज़िम्मेदारियाँ है जयपुर के और राजस्थान के व्यापार के लिए।
और जो उत्साह से उस दिन मैंने आप सबके सुझाव सुने, मेरे उत्साह नहीं आपके उत्साह की बात कर रहा हूँ मैं, जिस प्रकार से सब तैयारी लेकर आये थे। यहाँ तक कि जब कोटा स्टोन पर मेरे अधिकारी मुझे थोड़ा अलग दिशा में लेकर जा रहे थे तो लोगों ने कोटा स्टोन ही वहां मंगा के दिखा दिया कि भाई देखो हम यहीं कह रहे हैं आपके अधिकारी गलत बोल रहे हैं।
और वास्तव में जिस प्रकार से उस दिन चर्चा हुई सार्थक चर्चा हुई, मुझे भी सीखने को बहुत मिला। शायद मैं भी कई वर्षों से अब स्वयं के उद्योग से निवृत्त हो चुका हूँ, मैं बहुत छोटा था, 17 वर्ष का था जब मैंने उद्यमी के नाते एक छोटी सी फैक्ट्री लगाने का काम शुरू किया था और ’99 में लगभग उसमें से निकल गया थातो अब तो 18 साल हो गए, अब तो आहिस्ते-आहिस्ते ध्यान में नहीं आता है कि ज़मीनी हकीकतें कितना परेशान करती हैं एक छोटे उद्योजक को, एक छोटे उद्यमी को, व्यापारी को।
तो वास्तव में मैं आप सबका आज धन्यवाद करने आया हूँ कि 14 जुलाई को जो आप सबके सुझाव मुझे मिले उसी के कारण शायद 21 जुलाई की बैठक में काफी कुछ निर्णय हम ले पाए थे, फिर चाहे वह कोटा स्टोन हो, चाहे वह मूर्तिकारों की तकलीफ हो, चाहे मार्बल की तकलीफ हो, चाहे छोटे लोगों को जो हर महीने रिटर्न देने पड़ते थे और कई सारे रिटर्न देने पड़ते थे, उसमें जो आपकी मांग थी कि 1.5 करोड़ रुपये तक क्वार्टरली रिटर्न कर दिया जाये और सरल रिटर्न कर दिया जाये।
इन सब मांगों को लेकर जब पूरे जीएसटी कॉउंसिल के साथ बैठा तो आपने तो कुछ माँगा था हम उसके भी दो कदम आगे गए और आज 5 करोड़ रुपये तक की टर्नओवर वाले व्यापारियों को क्वार्टरली रिटर्न कर दिया गया है, तीन माह में एक बार ही रिटर्न करना है। और रिटर्न को भी एकदम सिम्पलीफाइ करना है, वह अभी सॉफ्टवेयर में चेंजेस हो रहे हैं और उतना तो व्यापारी वर्ग पूरी अच्छी तरीके से समझता है कि बदलाव कोई एक दिन में, दो दिन में सॉफ्टवेयर और पूरे सिस्टम्स का नहीं हो सकता है। लेकिन हमने पूरा कंप्यूटर पर दे दिया है किस प्रकार का रिटर्न का सिलसिला आगे आप सबको पालन करना पड़ेगा और एकदम सरल रिटर्न है, तीन महीने में एक बार, सिंगल रिटर्न।
और मैं समझता हूँ कि प्रधानमंत्री मोदी जी इस मामले में हर वक्त सुनने की मुद्रा में रहते हैं। उलटे मेरे ऊपर तो कई बार टिप्पणी हो जाती है कि थोड़ा कम बोलो, ज़्यादा सुनो, प्रधानमंत्री जी कई बार मुझे यह सीख देते हैं कि भाई थोड़ा कम बोलो ज़्यादा सुनो। और मेरा अनुभव खुदका यह है कि प्रधानमंत्री जी स्वयं बहुत शांति से और बहुत इंटरेस्ट लेकर जब भी हम सब कुछ सुझाव देते हैं, कुछ इनसे चर्चा करते हैं, बहुत इंटरेस्ट लेकर सुनते हैं, कभी उनको नोट्स नहीं बनाने पड़ते हैं। और उसपर फिर विषय के ऊपर काम करते हैं, कार्यान्वित करते हैं, सुझाओं को अमल करते हैं।
एमएसएमई के लिए जो 12 रिहायतें हाल में ही अन्नौंस की गयी वह प्रधानमंत्री जी ने जो फीडबैक लिया सब जगह से उसको देखते हुए उन्होंने उन सब चीज़ों पर निर्णय लिया, कैसे कम्पनीज एक्ट में परिवर्तन की आवश्यकता है जिससे लोगों को छोटी-छोटी गलतियों के लिए, बहुत सरल गलतियों के लिए कोर्ट कचहरी न जाना पड़े, लॉयर के खर्चे न करने पड़े। वैसे वह भी आपके एक राजस्थान के नेता की ही देन थी, एक राजस्थान के ही नेता कंपनी लॉ मिनिस्टर थे, कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्टर, अब आप भलीभांति जानते हो मैं किसके ऊपर इशारा कर रहा हूँ।
अब यह अलग बात है कि उनकी पार्टी तय नहीं कर पा रही है कि किसको मुख्यमंत्री उमीदवार बनाएं इसलिए सबको लटका दिया, सबको दाना देकर रखा है कि भाई चलो आप भी बन सकते हो, आप भी बन सकते हो, आप भी बन सकते हो। हिम्मत नहीं है किसी एक को घोषित करने की। लेकिन जिस प्रकार से कंपनी लॉ में बदलाव लाया गया था कांग्रेस की सरकार ने और जिस प्रकार से कानून ऐसे सख्त कर दिए गए कि आप एनुअल रिटर्न 15 दिन डिले कर दो तो आपके ऊपर पेनल्टी तो एक बात है पर आपके ऊपर क्रिमिनल कार्रवाई भी हो सकती है।
और इस प्रकार से कानून इतना सख्त कर दिया गया कि छोटी-छोटी गलतियां, हाँ मैं समझ सकता हूँ कोई फ्रॉड करे, कोई बड़ा घोटाला करे तो सख्त कानून होना चाहिए, लेकिन क्या छोटी-छोटी, मेरा रिटर्न थोड़ा डिले हो गया, मेरी एनुअल जनरल मीटिंग मैं समय पर नहीं कर पाया, मेरी चार्जिस मैं समय पर रजिस्टर नहीं कर पाया। अब छोटी-छोटी चीज़ों के लिए भी अगर कोर्ट कचेहरी और जेल और वकीलों के आगे-पीछे घूमना पड़ेगा तो व्यापारी काम करेगा या कोर्ट कचेहरी में उलझा रहेगा।
पर प्रधानमंत्री जी इन सब चीज़ों पर निगरानी रखते हैं, आखिर जीएसटी लाने के पीछे भी हेतु यही था कि अफसरशाही से कैसे हमारे व्यापारी वर्ग को मुक्त किया जाये। आखिर 40 अलग-अलग टैक्स – 17 टैक्स, 23 सेस लगते थे, सबको जोड़कर अब एक कर दिया गया है। और कई बार लोग समझते नहीं हैं कि इसके कितने सारे लाभ हैं, आखिर हर चीज़ का अलग इंस्पेक्टर होता था पहले अब एक ही बार आपका ऑडिट होगा, इंस्पेक्शन होगा। ऑडिट कोई मनमर्ज़ी से नहीं कर सकेगा, कंप्यूटर द्वारा तय होगा किसका ऑडिट, किसकी चेकिंग होनी है। सरल सिस्टम इसलिए लाया गया कि एक ही टैक्स होगा तो उपभोक्ता को भी मालूम पड़ेगा कि मैं जब कोई चीज़ खरीदता हूँ तो मैं कितना टैक्स भरता हूँ, पहले तो एक्साइज अलग था वह फैक्ट्री पर लग जाता था, ऑक्ट्रॉय या एंट्री टैक्स सामान आते हुए लग जाता था, कोई सेवाएं लेते थे तो सर्विस टैक्स अलग लगता था।
अभी कुछ मित्र कह रहे थे परेशानी हो रही है पुराने मामलों की, जब उपभोक्ता को बेचते थे तो वैट लगता था, हर एक के अलग-अलग इंस्पेक्टर थे, हर एक के अलग-अलग रिटर्न थे, हर एक के अलग-अलग ऑडिट होती थी। और कभी सुबह हम अपनी फैक्ट्री पहुँचते थे या दुकान पहुँचते थे और दुर्भाग्य से सफ़ेद एम्बेसडर बाहर खड़ी होती अगर और सफ़ेद एम्बेसडर में अगर पीछे एक गोला लगा हुआ हो तब तो भगवान जाने रात को घर जायेंगे भी कि आज रात को यहीं रहना पड़ेगा। सही था कि नहीं?
अब वह सबसे निपटारा करने के लिए और सभी को सामान्य अवसर मिले ईमानदार व्यापार करने के लिए। आखिर प्रधानमंत्री मोदी जी का पक्का मानना है और इस सरकार का पूरा विश्वास है कि कोई भी इस देश का व्यापारी, कोई उद्यमी, कोई उद्योजक कभी बेईमानी के रास्ते पर नहीं जाना चाहता है, कोई टैक्स की चोरी नहीं करना चाहता है, वह हमारी मजबूरी होती थी कि हमको गलत रास्ता अपनापा पड़ता था।
और वह मजबूरी से मुक्त करने के लिए आप सबको जीएसटी लाया गया है, हाँ, ज़रूर कुछ लोग तो बेईमानी करना चाहते हैं, कुछ लोग फ्रॉड होते हैं उसका तो हमारे पास कोई सलूशन नहीं है वह तो कल भी पकड़े जायेंगे, आज भी पकड़े जा रहे हैं और बड़े पैमाने पर उनपर कार्रवाई हो रही है। लेकिन सामान्यतः व्यक्ति इस देश का ईमानदार होता है, वह अपना लोन वापस देना चाहता है वह अपना टैक्स पे करना चाहता है। और मेरा तो अनुभव है कि कई बार अगर 6-8 दुकानें कपडे की आजू-बाज़ू में चल रही हैं तो एक दुकान बेईमानी शुरू करती है और जब टैक्स की चोरी करती है तो बाकी 6 दुकानों के पास कोई पर्याय नहीं रहता है। या तो वह दुकान बंद करके चले जाएं और या कम्पटीशन में खड़े रहने के लिए उसको भी गलत काम करना पड़े।
पर मैं समझता हूँ अब सरल व्यवस्था है, जैसे-जैसे टैक्स का रेवेन्यू बढ़ेगा माननीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने हमें आश्वस्त किया है कि वैसे-वैसे टैक्स के रेट भी घटाएंगे। आप सब जानते हैं कि जो पहले टैक्स सिस्टम था जिसमें 6-8 टैक्स एक-एक वस्तु पर लगते थे उसको जोड़कर जीएसटी का रेट निर्धारित हुआ, अब जैसे-जैसे रेवेन्यू ठीक हो रहा है, अच्छा आ रहा है, एक ही साल में पहले साल में मोदी जी ने लगभग 350 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स कम किया, 65 के करीब सेवाओं पर टैक्स कम किया है।
और आगे चलकर मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ जो-जो वस्तुओं में, जो-जो विषय में अच्छी टैक्स कलेक्शन होती रहेगी वैसे-वैसे और आगे चलकर टैक्स के रेट्स कम करने में हमें सहूलियत होगी, हम और सक्षम होंगे, हमारे पास ताकत आएगी। और अब कोई व्यक्ति जब टैक्स की चोरी करता है तो मैं समझता हूँ विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जैसे हमारे सिपाही इस बात का खुलासा करें, उनको कटघरे में खड़ा करें जिससे हम सबको एक इक्वल ऑपर्चुनिटी मिले ईमानदार व्यवस्था के साथ जुड़ने की और अनफेयर कम्पटीशन से हम सब मुक्त हों।
और मैं वास्तव में आप सबका, मेरे सभी भाई-बहनों का जो व्यापार जगत से, उद्योग जगत से जुड़े हैं तहे दिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ आपने जितना अच्छी तरीके जीएसटी को अपनाया। थोड़ी शुरू-शुरू में टीथिंग ट्रबल तो हर एक चीज़ की होती है, पता नहीं मैंने उस दिन जयपुर में उदाहरण दिया था कि नहीं जब मैं 14 जुलाई को पिछली बार आप सबसे मिला पर अगर हम अपने घर का या दफ्तर का इंटीरियर डेकोरेशन भी करने जाएं ना – पेंट करने जाएं, या फर्नीचर बदलने जाएं या कुर्सियों पर नया अपहोल्स्टरी लगाने जाएं तो आप याद करिये कितना मुश्किल होता है। पेंट करना हो तो पहला स्क्रैप-डाउन करना पड़ता है, स्क्रैप डाउन करते हैं तो धूल-मिट्टी निकलती है, उस धूल-मिट्टी को भी ठिकाने लगाना पड़ता है। अगर अपहोल्स्टरी बदलनी है तो पुरानी अपहोल्स्टरी निकालनी पड़ती है जिसमें दीमक लगा होता है कई बार, फिर उसको यहाँ तो नहीं छोड़ सकते उसको अपनी जगह ठिकाने लगाना पड़ता है, फिर कारीगर आते हैं नयी अपहोल्स्टरी लगाते हैं, कारपेंटर आते हैं नया फर्नीचर बनाते हैं। इलेक्ट्रीशियन आते हैं सुन्दर आजके दिन एलईडी लाइटें लगाते हैं जिसकी कीमतें मोदी सरकार ने 80-90% घटा दी हैं।
पर यह सब करते हुए थोड़ी कठिनाई तो होती हैना घर में या दफ्तर में, आपने इस कठिनाई को बेखूबी इतना अच्छी तरीके से सहन करके जीएसटी को सफल बनाया यह वास्तव में सिर्फ भारत ही है जिधर यह हो सकता था, विश्व में और किधर यह इतनी अच्छी तरीके से नहीं हो सकता है। वैसे आपकी जानकारी के लिए जो भारत में हुआ है यह इतना बड़ा कोई देश नहीं है दुनिया में जिसने जीएसटी करने का साहस किया। आज अमेरिका में जीएसटी जैसा एक कानून नहीं है, बड़े-बड़े देशों में एक कानून इस प्रकार का नहीं कर पाएं हैं जो हमने यहाँ पर करके दिखाया।
और यह कोई सरकार नहीं कर पाती थी, यह आप लोगों ने किया है, यह आपकी उपलब्धि है। और वास्तव में मुझे लगता है आगे आने वाले दिनों में जो भारत की और भारत के व्यापार जगत की सोच बदली है और लगातार बदलती जा रही है, एक ईमानदार देश की छवि पूरे विश्व में भारत की बन रही है, यह इस देश को नयी ऊंचाइयों तक लेकर जायेगा और मेरा मानना है हम सबका व्यापार, हम सबका जो बिज़नेस है उसको यह नए रूप से और तेज़ गति देगा, और तेज़ प्रगति देगा मुझे इसका पूरा-पूरा विश्वास है।
और मैं समझता हूँ बाबोसा आज जब देखते होंगे ऊपर से कि उन्होंने जो काम शुरू किया था, जिस प्रकार से उन्होंने यह श्रंखला शुरू की थी गरीबों की सेवा की, उद्योग जगत को प्रोत्साहन देने की वह वास्तव में जब आज वह देखते हैं कि कार्यान्वित हो रहा है देश में, प्रदेश में तो मुझे पूरा विश्वास है तो उनको शांति मिलती होगी, उनको सैटिस्फैक्शन होगा, ख़ुशी होगी कि आज मेरा प्रदेश तेज़ गति से विकास कर रहा है, मेरा प्रदेश आज तेज़ गति से अन्य-अन्य क्षेत्रों में, गावों में गरीबों की वंचित, शोषित परिवारों की सेवा कर रहा है, आज मेरे प्रदेश में उद्योग बढ़ रहा है, मेरे प्रदेश में पर्यटन बढ़ रही है। और अब मौका है फिर एक बार नरपत सिंह जी को जिताकर, विजयी बनाकर इस प्रगति को और तेज़ गति देनी है।
थोड़ी रेलवे की बात करूँगा लेकिन उसके पहले आपसे एक शिकायत करनी है। और वास्तव में जब मुझे बताया गया कि उद्योग जगत के लोग मिलने वाले हैं तो मुझे अच्छा लगा मुझे लगा वह तो मेरी शिकायत अच्छी तरह समझेंगे। बोहरा जी जितना मुझे परेशान करते हैं एक सांसद के नाते शायद ही कोई और सांसद मुझे इतना परेशान करता है।
मैंने आज सुबह एक कार्यक्रम में बताया मुझे तो शक है कि उन्होंने कोई मेरे जेब में या मेरे सिस्टम में कुछ एक माइक्रो चिप लगा रखा है जिससे उनको पता चल जाता है मैं अब ऑफिस आ रहा हूँ, मैं अब पार्लियामेंट जा रहा हूँ वह मेरे पहले पहुँच जाते हैं एक पूरी डिमांड की लिस्ट लेकर, कोई टाइपिस्ट फ्री में काम करता है क्या आपका?
अच्छा और यह अभी आपने बड़ी तारीफ करी उनकी, मैंने शब्द लिखे “सरलता, सज्जनता, सहजता”, वास्तव में यह सरलता, सहजता से ही इमोशनली ब्लैकमेल करके सब काम निकाल लेते हैं | वह हँसते हुए आते हैं, ‘भाई साहब एक तो यह, यह तो स्टॉपेज करना ही है, मेरे लिए बहुत ज़रूरी है, आश्रम में यह स्टॉपेज तो होना ही चाहिए, यह फाटक नहीं होगा तो मेरे लिए बड़ी मुश्किल हो जायेगा, मेरा अगला चुनाव हार जाऊंगा यह फाटक की वजह से।’ मैंने कई बार कहा मैं आज तक कभी सुना नहीं है कि कोई रेलवे के ऊपर चुनाव जीतता है हारता है, ‘नहीं, नहीं भाई साहब अगला चुनाव मेरा बस यहीं फाटक पर ही तय होने वाला है।
पर वास्तव में मुझे आनंद आता है जब भारतीय जनता पार्टी का एक सिपाही एक कार्यकर्ता इस प्रकार से जनता के विषयों को लेकर झगड़ता है, जनता के विषयों को ऊपर तक पहुंचाता है, जनता के लिए चौबीसों घंटे तट पर रहता है सेवा करने के लिए। और आज भी मेरे पीछे पड़े हुए था – ज़रा यह अन्नौंस कर देना, आज यह अन्नौंस कर देना। मैंने कहा अभी अन्नौंस कर नहीं सकता, चुनाव चल रहा है पर पक्का जो-जो विषय मेरे सामने यह सब आये हैं इन सबको आप जिस प्रकार से फॉलो-अप करते हैं वैसे ही फॉलो-अप करके इन सबका….
एक अभी-अभी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की चर्चा हो रही थी। मैं आपसे शेयर करना चाहूंगा पुराने काम करने के ढंग और अबके काम करने के ढंग में कितना बदलाव आया। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शायद 2007-08 में इसकी कल्पना हुई और काम शुरू हुआ, 2014 तक 7-8 साल पूरे हो चुके थे, जब हम सरकार में आये तो हमें तो लगा अभी तक तो बहुत काम हो गया होगा। आखिर यह प्रेस्टीजियस प्रोजेक्ट था देश का, इसके ऊपर हम सबके व्यापार को बहुत गति मिल सकती है, बल मिलेगा, सीधा मुंबई के पोर्ट जुड़ जायेंगे, दिल्ली की तरफ जुड़ जायेगा। फिर इसकी दूसरी कड़ी आपको कोलकाता तक जोड़ देगी।
अब हमारे मन में कल्पना है कि ऐसे और 4-5 कॉरिडोर बनाये जाएं, लेकिन मैं हैरान हो गया देखकर कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 25% भी ज़मीन का अधिग्रहण नहीं हुआ था 2014 में और मात्र-मात्र 10,000 करोड़ का काम 7-8 साल में हुआ था। मोदी जी समझते हैं कि व्यापार और उद्योग को अगर गति देनी है और जब तक व्यापार उद्योग और आर्थिक व्यवस्था में गति नहीं आएगी तब तक देश के गरीब की सेवा करने के लिए टैक्स कहाँ से आएगा, रेवेन्यू कहाँ से आएगा। उन्होंने आदेश दिया, पहले सदानंद गौड़ा जी थे, फिर सुरेश जी थे फिर मैं आया, और लगातार मोदी जी स्वयं इसका मॉनिटरिंग करते हैं, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का, मोदी जी स्वयं मॉनिटर करते हैं। यह उनके काम करने का ढंग है।
और आपको जानकर ख़ुशी होगी आज 99% ज़मीन हमारे हाथ में है, किधर एक हेक्टेयर, दो हेक्टेयर, चार हेक्टेयर जो बची है उसके लिए मैंने कम से कम तीन-चार बार अलग-अलग मुख्यमंत्रियों से बात की है – उत्तर प्रदेश, गुजात वगैरा में छोटे-छोटे लैंड के पीसेज बाकी हैं। मेरा लास्ट डीएफसी का रिव्यू हाल में ही शायद 8 या 10 दिन पहले हुआ है, मीटिंग से ही मैंने योगी आदित्यनाथ महाराज जी से बात की कि एक बहुत छोटा सा ज़मीन का हिस्सा मिलना बाकी है, वहीँ से रुपानी जी से बात की एक बहुत मामूली वहां पर अड़चन है। और दोनों ने आश्वस्त किया कि कोई सवाल ही नहीं है, जल्द से जल्द हम इसको समाधान करेंगे।
और आपको जानकर ख़ुशी होगी कहाँ 7-8 साल में 10,000 करोड़ का काम हुआ था, पिछले चार साल में 40,000 करोड़ रुपये का काम डीएफसी के ऊपर हुआ है। एक सेक्शन तो शुरू हो गया है, औरेला या… मेरे पास लिखा हुआ है एग्ज़ैक्ट, मैं कोई कागज़ लेकर नहीं आया हूँ, मैंने कहा अनौपचारिक बातचीत करूँगा आपके साथ। एक सेक्शन 15 अगस्त को शुरू हो गया है और मार्च के पहले यह जो दो डीएफसी का काम चल रहा है इसमें 777 किलोमीटर पूरी तरीके से ख़त्म हो जायेगा और शुरू हो जाएँगी गाड़ियां चलना।
और हमने अभी लक्ष्य रखा है कि अगले वर्ष तेज़ गति से हम काम इसपर चलाएंगे और मार्च 2020 तक पूरे डीएफसी को मुंबई से जो पंजाब तक आता है, दिल्ली तक आता है और जो पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक जो दूसरा डीएफसी की लाइन जाती है उसको पूरी तरीके से कम्पलीट कर देंगे मार्च 2020 तक।
और ऐसे ही अलग-अलग, आप जितने आंकड़े चाहो मैं आंकड़े दे सकता हूँ आप आश्चर्यचकित हो जायेंगे। पर एक बड़ी पिक्चर अगर देखें, बिग पिक्चर, तो 2009 से 2014 के बीच – 5 वर्षों में – तब तो कांग्रेस की सरकार केंद्र में भी थी, राज्य में भी थी। राज्य सरकार ने स्वाभाविक रूप से केंद्र सरकार पर दबाव डालना चाहिए था जैसे बोहरा जी मेरे ऊपर डालते हैं और यहाँ पर प्रोजेक्ट्स के ऊपर निवेश करवाना चाहिए था, पर आपको जानकर आश्चर्य होगा 5 साल में राजस्थान या इसके इर्द-गिर्द जो राजस्थान से गुज़रते हुए प्रोजेक्ट्स हैं इसमें मात्र 3410 करोड़ रुपये सिर्फ 5 साल में, तो अवसत निकालें तो 630-632 करोड़ रुपये होगा। कुल मिलाकर 5 साल में 3410 करोड़ का काम हुआ और मोदी जी की सरकार आने के बाद वसुंधरा जी ने, मोदी जी ने मिलकर जो तेज़ गति से रेलवे के प्रोजेक्ट्स राजस्थान में लगाए, 2014 से 2019 के बीच, 14,555 करोड़ रुपये के काम राजस्थान में हो रहे हैं, यानी कि लगभग चार गुना, चार गुना से भी अधिक वैसे। चार गुना से अधिक काम इन चार वर्षों में राजस्थान में हुआ है।
वास्तव में कई सारी योजनाएं मुख्यमंत्री जी की भी मैं देख रहा था कैसे अलग-अलग विषयों में खासतौर पर ऊर्जा के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुआ है राजस्थान में। आप तो सब व्यापारी और उद्योजक हैं यहाँ पर, आप सब समझते हैं प्रॉफिट और लॉस को। जब मैं ऊर्जा मंत्री था और ऊर्जा मंत्री बनने के बाद मैंने एक-एक राज्य की स्थिति को देखा मैं तो हैरान हो गया कि कैसे कांग्रेस की गेहलोत सरकार ने 2008 से 2013 के बीच – मात्र 5 वर्ष में – राजस्थान के ऊर्जा क्षेत्र पर लगभग 70-75,000 करोड़ रुपये का लोन का बोझा डाल दिया और सालाना 12 से 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान ऊर्जा क्षेत्र में राजस्थान की डिस्कॉम्स किया करती थी।
मैं वास्तव में आश्चर्यचकित रह गया, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के नाते मेरी समझ के बाहर था कि कितनी भी बेईमानी करो, कितना भी भ्रष्टाचार करो, कितनी भी बुरी मैनेजमेंट दो तो भी 12-15,000 करोड़ का नुकसान एक साल में करना और पांच साल में 70-75,000 करोड़ का लोन खड़ा कर देना डिस्कॉम के ऊपर यह ह्यूमनली कैसे पॉसिबल है मुझे तो यह नहीं आज तक समझ में आया। आखिर एक ही राज्य है, देश की 5% लगभग आबादी है यहाँ पर, 12-15,000 करोड़ अगर एक ही राज्य हर वर्ष नुकसान करेगा तो आप सोचिये देश की कितनी झरझर ऊर्जा की व्यवस्था कांग्रेस ने मोदी जी को विरासत में दी।
लेकिन मैं बधाई दूंगा वसुंधरा जी को जिन्होंने कठोर कदम उठाये, पूरी ऊर्जा की व्यवस्था को सुधार किया, ठीक किया। और आज चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध है राजस्थान में, दूरदराज़ के गावों हर एक गांव तक बिजली पहुंची है, दूरदराज़ के मजला टोला ढाणी तक बिजली पहुंची है और लगभग हर घर तक आज बिजली का कनेक्शन पहुँच गया है। आने वाले दो-तीन महीने में शत-प्रतिशत सौभाग्य योजना में हर एक व्यक्ति को घर में बिजली मिलेगी, कोई बच्चा वंचित नहीं रहेगा बिजली से, बिजली आती है तो और दस प्रकार की सुविधाएं घर में पहुँचती हैं।
आज ओडीएफ हो गया है पूरा प्रदेश, महिलाओं को स्वाभिमान की ज़िन्दगी मिली, उज्ज्वला के तहत कुकिंग गैस कनेक्शन मुफ्त में मिला, भामाशाह के तहत मुफ्त में स्वास्थ्य की सेवाएं आप सबको मिलती थी, गरीबों को इस प्रदेश में मिलती थी। अब आयुष्मान भारत से जोड़कर पांच लाख रुपये तक हर परिवार का मुफ्त में इलाज होगा, और ऐसे गिनते-गिनते-गिनते इतनी सारी योजनाएं राजस्थान में लागू की गयी हैं कि मैं समझता हूँ कि देश की जो जनता गावों में बस्ती है, जो देश की गरीब जनता है, जो वंचित, शोषित, पीड़ित परिवार सालों साल वंचित रहे थे विकास से आज उन सब तक सीधा विकास की लहर पहुंची है।
मुझे पूरा विश्वास है राजस्थान की जनता अब भलीभांति जानती है कौनसी सरकार उनके लिए अच्छी सरकार है, कौनसी सरकार चिंता करती है हर एक व्यक्ति की, हर परिवार की चाहे गरीब हो, चाहे निम्न मध्यम वर्गीय हो, चाहे मध्यम वर्गीय हो, चाहे छोटा व्यापारी हो, चाहे छोटा उद्योजक हो, सबके दिल की बात सुनने-समझने वाली सरकार प्रदेश में वसुंधरा राजे जी के नेतृत्व में, केंद्र में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जब डबल इंजन करके काम करती है तब तेज़ गति से विकास होता है, तब तेज़ गति से प्रदेश में प्रगति होती है।
मुझे पूरा विश्वास है कोई गलती नहीं करेगा, और आगे आने वाले 7 दिसंबर को हम सब अपने परिवार के साथ, अपने रिश्तेदारों के साथ, अपने कामगारों के साथ सुबह-सुबह घरों से निकलकर कमल के बटन को दबाकर नरपत सिंह, राजवी जी को भारी मतों से जिताएंगे, इस विश्वास के साथ मैं आज आपसे विदा लेता हूँ।
आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं, शुभेक्षा, आपके परिवारों को दीपावली और नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह रानी लक्ष्मी बाई का अभी-अभी हमने जन्मदिन मनाया था दो दिन पहले और मैं समझता हूँ आपके यहाँ तो स्वयं ही एक ऐसी जुझारू नेता हैं जो प्रदेश में विकास के लिए लड़ रही हैं विकास के लिए दिन और रात काम कर रही हैं। मुझे पूरा विश्वास है आप सब उनको भारी मतों से जिताकर दो-तिहाई बहुमत भाजपा को देंगे और पूरे प्रदेश में राजस्थान में फिर एक बार भाजपा की सरकार आएगी।
आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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