Speeches

November 11, 2018

Speaking at the 13th Foundation day of DFCCIL India, in New Delhi

चेयरमैन रेलवे बोर्ड श्री अश्विनी लोहानी जी, मैनेजिंग डायरेक्टर, DFCCIL, श्री सचान, सभी रेलवे बोर्ड के मेंबर्स, पदाधिकारी, रेलवे के अलग-अलग इकाइयों के डायरेक्टर्स और सभी सन्मान्य भाइयों और बहनों| वास्तव में मुझे थोड़ी embarrassment हो गयी जब मैं वह targets देख रहा था दोनों तरफ| मुझे लगा कि कहीं ऐसा न लगे कि मैं जिधर भी जाता हूँ तो सिर्फ काम की बात करता हूँ और all work and no play is a very lousy idea.

तो मुझे अच्छा लगता है कि आप लोग socialize करते हैं, आप लोग मिलना जुलना regularly करते हैं क्यूंकि मैं समझता हूँ यह भी बहुत ज़रूरी है इसके बगैर काम में भी चुसती नहीं आती है| And therefore, I must say I am really delighted that the dedicated freight corridor organization has decided to celebrate its 13th anniversary. Thirteen is a lucky number, by the way. My birthday is on the 13th. I always like the number, 13.

And from whatever progressI have seen in the last three or four years happen in the setting up of the dedicated freight corridors, I must say we all feel confident, we all feel reassured that this long awaited and delayed project has finally come on stream and will be completed by March, 2020.

उस दिन पता चला कि लोहानी जी तो शायद हर महीने इसका review लेते हैं और उससे काफी प्रगति भी आयी है| ज़मीन लगभग पूरी अपने हाथ में है| छोटे मोटे हिस्से बाकी हैं वह भी अभी तेज़ गति से ख़त्म किये जाएं| और 777 किलोमीटर अगर हम मार्च या फरबरी 2019 तक कर लेते हैं तो उससे बाकी भी काम में और प्रगति आएगी, और उत्साह आएगा| और आप अगर इस उत्साह के साथ करते हैं तो हमें भी उत्साह आएगा कि और नये projects को लिया जाए इसके अंतर्गत|

After all, you cannot set up such a large organization in just two dedicated freight corridors तो अपनी कल्पना है कि इसको और बढ़ाया जाए| और रूट्स निकाले जाएँ जहाँ फ्रेट की संभावना अच्छे मात्रा में है| मुझे बताया गया दिल्ली से चेन्नई का भी एक रूट पॉसिबल हो सकता है आगे चलके| शायद अलग-अलग पोर्ट्स से क्या-क्या रूटस  viable बनते हैं उसको स्टडी करके अगर हम उसपे भी preliminary काम शुरू कर देते हैं तो this organization will have a very glorious future, will have something to look forward to. And my own sense is at least, 70-80% of the freight carrying routes – major freight carrying routes – if they have dedicated freight lines, simultaneously we are looking at more and more semi-high speed and high speed railway tracks. With both of these developing in a big way, the routes that we have available, the 65-70,000 kilometers, that are currently available will be able to serve the common man, will be able to be dedicated to the common passengers who today are often asking me कि कब वेटिंग लिस्ट ख़त्म होगी| कब हमें on-demand टिकट मिल पाएगी| मैं समझता हूँ जितनी तेज़ गति से आप dedicated freight corridors बनाएँ, जितनी जल्द से जल्द हम पैसेंजर्स के लिए dedicated lines बना सकते हैं, at least on the main routes, उतना ज़्यादा हम सुनिश्चित कर पाएँगे कि इस देश की जनता को सुगम तरीके से, अच्छे तरीके से टिकट भी मिले, जब चाहे वह यात्रा कर सके, सुविधाजनक यात्रा हो| अच्छे तरीके से, ख़ुशी राज़ी ख़ुशी लोग अपने स्थान पर पहुँच पाएँ, समय पर पहुँच पाएँ और तेज़ गति से freight भी अपने अपने स्थान पर पहुंच पाए | क्यूंकि आखिर भारत जितना ज़्यादा आर्थिक प्रगति कर रहा है उसमें logistics cost और efficiency of logistics, availability of enough capacity to reach our products in time will become a very important element.

तो मैं समझता हूँ आप सबके पास बड़ी चुनौतियां हैं, आप सबके पास मौका है एक अच्छी लिगेसी छोड़ने का, देश के लिए अच्छा काम करने का| और मुझे पूरा विश्वास है कि जो गति हमने, जो प्रगति गत दो-तीन वर्षों में देखी है dedicated freight corridors में| लगभग 40,000 करोड़ के contracts या काम हो चुका है| मेरे ख्याल से पिछले चार साल में 40,000 करोड़ का काम हुआ है|

लगभग 90-95 प्रतिशत तक सब contracts इशू हो चुके हैं, 98 प्रतिशत तक ज़मीन आपके हाथ में है| You are quite well on track to achieve these targets. Bridges लगभग बड़े-छोटे सब बन गए हैं, automatic track laying से आप तेज़ गति से ट्रैक्स भी lay कर पा रहे हैं और मेरे ख्याल से इन मशीनों के द्धारा आपकी track laying भी बहुत साइंटिफिक तरीके से और अच्छी होगी,प्लस इसमें मल नहीं जाएगा, कोई यूरिक एसिड नहीं जाएगा तो शायद ट्रैक की भी लाइफ…. we can hope for longer life on the tracks.

उस दिन बात हो रही थी आगे चलकर हम स्टेनलेस स्टील के वैगन्स की भी अब एक चर्चा कर रहे हैं, RDSOउसपर जल्द से जल्द कुछ designs finalize करें, हो सकता है हम कोशिश करें कि DFCs में शुरू कर दें स्टेनलेस स्टील की वैगन्स| So that at least यहाँ पर एकदम अच्छी तरीके से organized way में हमारे  सब dedicated freight corridors चलें| तो please keep your eyes and ears open, come up with new ideas. I would appeal to all of you also to participate in the ideation. ऐसा नहीं है कि ideas सिर्फ इस मंच से आने चाहिए, ideas आप सबसे आने चाहिए, आप सब सोचिए और क्या कर सकते हैं जिससे यह पूरा प्रोजेक्ट भी जल्दी लगे, प्रोजेक्ट अच्छी तरीके से लगे, प्रोजेक्ट जल्द से जल्द profitable हो, long-term में  इसकी viability अच्छी बने, सुरक्षित तरीके से सामान लेकर जा सकें DFC sub-corridors के माध्यम से, समय पर सामान जाए|

अभी-अभी मैं पढ़ रहा था 10 मिनट का हेड-वे होगा दो ट्रेनस के बीच| मुझे लगता है 10 मिनट की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए| आप देखिए इसको कैसे कम कर सकते हैं, क्या वह automatic signaling वगैरा करकर इसको कैसे कम किया जाए| आपने शायद अभी throughput 120 ट्रेनस का बताया, each way, तो 250 कैसे हो सकती है मुझे वह बताइये| तो हम सबको मिलकर we will have to apply our mind for better and newer ideas. We cannot be satisfied with what is already planned और 120 तो किसी हालत में मतलब you are really under-utilizing a almost a lakh of crores that we are investing on these DFCs. तो हो सकता है 2,000-5,000 करोड़ और खर्च करकर आप इसकी कैपेसिटी डबल कर सको. Whatever you call that, signaling system तो ठीक है वह जिससे दो स्टेशनस के बीच के फासले में भी…. हाँ, तो वह है इसमें, तो फिर आप क्यों 10 मिनट प्लान कर रहे हो?

That means, हमारी जो अभी-अभी जो लोहानी जी ने भी कहा, हमारी सोच बदलने की ज़रूरत है| हम क्या बहुत conservative तो नहीं चल रहे हैं, क्या हम आधुनिक technology को वास्तव में ग्रहण कर रहे हैं, उसको इस्तेमाल कर रहे हैं| इस सब पर मैं चाहूँगा जो youngsters हैं हमारे रेलवेज के, खासतौर पर उनको थोड़ा research करना चाहिए, थोड़ा अपना दिल लगाना चाहिए कि कैसे हम इस काम को और अच्छे तरीके से कर सकें|

आज ख़ुशी का दिन है तो शायद इस विषय को यहाँ ही रोकता हूँ लेकिन celebrate जब 13th एनिवर्सरी करते हैं तो साथ ही साथ 14th एनिवर्सरी का भी कुछ न कुछ लक्ष्य तय होते हैं जो आज लोहानी जी ने, और मैं स्पष्ट कर रहा हूँ मेरा आईडिया नहीं था वह targets लगाने का| वह targets meet करने का भी संकल्प लेकर यहाँ से हम सब जाएं जिससे जब 14th एनिवर्सरी सेलिब्रेशन के लिए हम सब इकट्ठे होंगे तब और बड़ा जश्न बन सके, और बड़े रूप से सफलता के साथ आगे का रोडमैप भी निर्धारित कर सकें|

तब तक हो सकता है इतना प्रोग्रेस हो जाए कि आगे के भी जो सब dedicated freight corridors का भी अप्रूवलस वगैरा का प्रोसेस हम ख़त्म कर पाएँगे| और मुझे पूरा विश्वास है जो आज फीडबैक मुझे मिल रहा है वर्ल्ड बैंक से, जो फीडबैक मिल रहा है JAICA से, जिस संतुष्टि से वह बताते हैं कि we are really satisfied with the work that’s happening on the dedicated freight corridor. आगे के प्रोजेक्ट्स में हमें better terms मिलेंगे, आगे के प्रोजेक्ट्स में यहाँ की learnings के कारण शायद हम और सस्ते और अच्छी तरीके से अपने काम को प्लान कर पाएंगे, कम समय में ज़्यादा आउटपुट दे पाएंगे और जिस dedicated freight corridors के पहले दो अंक को 2007-08 में शुरू करकर लगभग 2020यानी 12-13 साल लग गए, मैं समझता हूँ आगे आने वाले प्रोजेक्ट्स में तीन-तीन साल में कैसे एकदम फ़ास्टट्रैक में यह प्रोजेक्ट्स लगें, इस प्रकार की कल्पना करकर, इस प्रकार की planning करके हमने पूरे देश और दुनिया को दिखाना चाहिए कि भारतीय रेल अब नया भारतीय रेल बन गया है, भारतीय रेल नयी सोच के साथ काम कर रहा है|

और अब भारतीय रेल में प्रोजेक्ट्स डिले नहीं होते हैं, प्रोजेक्ट्स एडवांस होते हैं, before time implement होते हैं| यह मैसेज अगर लेकर हम सब आज यहाँ से उठेंगे और प्ले भी बड़ा मज़ेदार है, शायद बड़ा humour है उस प्ले में, तो आज का दिन तो humour को पूरा समर्पित किया जाए और कल से लगें काम पर जिसमें हम इसको रियली एक new railway, new dedicated freight corridors स्पीड के साथ इम्प्लीमेंट करने का काम करें और आगे चलकर चार-पाँच-छह हज़ार किलोमीटर और dedicated freight corridors आपकी संस्था बनाए इस उम्मीद के साथ, इस विश्वास के साथ मैं आज आपसे विदा लूंगा, आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ| दीपावली और भाईदूज अभी-अभी हमने सेलिब्रेट किये, आपको और आपके परिवारों को दीपावली की बधाई, भाईदूज की बहुत-बहुत सुभेच्छा|

 

धन्यवाद|

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