Speeches

November 2, 2018

Speaking at the Launch of MSME Support and Outreach programme, in Ahmedabad

मुझे आने का मौक़ा मिला और एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम जो प्रधानमंत्री जी के दिल में बहुत समय से चल रहा था और लगातार वह हम सबके पीछे पड़े थे कि मेरे जो छोटे व्यापारी हैं, मेरे जो लघु और मध्यम वर्गीय उद्योग के साथ जुड़े हुए सभी देशवासी हैं उनके लिए हमने कुछ विशेष कार्यक्रम, योजनाएं बनाकर बल देना है उनके कामकाज को, कारोबार को। तो मैं बहुत ही अपने आप को धन्य मानता हूँ कि आज आप सबके बीच मुझे आने का मौक़ा मिला, आप सबके साथ अपने विचार रखने का मौक़ा मिला ।

हमारे बीच में अहमदाबाद की लोकप्रिय युवा महापौर बीजल बेन हैं,देना बैंक के श्री रमेश सिंह जी एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर,श्रीमती थारा जो वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर है गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की जिन्होंने आज के कार्यक्रम में डॉ विक्रांत पाण्डेय के साथ मिलकर आपके डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बहुत ही कम समय में इस कार्यक्रम को आयोजन किया,इस कार्यक्रम को इतना विशाल रूपरेखा दी।

दिल्ली से आए हमारे श्री सुधीर कुमार जी जो प्रभारी के रूप में आए हैं इस कार्यक्रम को एक कड़ी में पिरोने के लिए, पूरी उसकी व्यवस्थाएं देखने के लिए। सभी हमारे बैंकर्स जो हमारे साथ आज उपस्थित हैं श्री दुखबंधु रथ सीजीएम स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, श्री रवीन्द्रन जनरल मैनेजर SIDBI, श्री तुलशीबग्वाले जी जनरल मैनेजर बैंक ऑफ़ बड़ौदा, श्री रोहित पटेल जी जनरल मैनेजर देना बैंक, सभी सन्माननीय महानुभाव जो मेरे साथ आज यहाँ उपस्थित हैं स्टेज पर, स्टेज के नीचे, एमएसएमई सेक्टर से जुड़े हुए अलग-अलग इंडस्ट्रीज़ के साथ कारोबार करने वाले मेरे मित्र, उद्योजक, उद्योगपति, व्यापारी, भाइयों और बहनों।

 

 

थोड़ी ही देर में माननीय प्रधानमंत्री जी भी हमारे साथ जुड़ने वाले हैं और वास्तव में उनके मन की आज जब बात आप सुनेंगे और कई सारी अलग-अलग घोषणाएँ माननीय प्रधानमंत्री जी करेंगे तो मुझे पूरा विश्वास है कि एमएसएमई सेक्टर को एक नई तेज़, नया प्रगति का राह आज ज़रूर मिलेगा और आगे के लिए कैसे तेज़ गति से हम सब अपने व्यापार को, अपने उद्योग को बढ़ा सकते हैं उसका मार्ग भी खुलेगा।

अभी-अभी प्रधानमंत्री जी अहमदाबाद में थे 30 तारीख़ को, 31 तारीख़ को उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया, देश को समर्पित किया। और मुझे लगता है गुजरात के तो सभी लोग जानते हैं कि माननीय प्रधानमंत्री कुछ काम करते हैं तो साधारण काम नहीं करते हैं वह ऑलवेज़ असाधारण ही होते हैं, it has to be different.

आपको याद होगा, आपको क्या याद दिलाऊँ हमें याद करना पड़ता है आपने तो महसूस किया है कि उनका काम में ऑलवेज़ स्पीड, स्किल और स्केल, तीनों चीज़ें रहती हैं। वह तो आपने सुना होगा स्पीड, स्किल और स्केल यह एक मूल मंत्र प्रधानमंत्री जी के काम में हर वक़्त रहता है। यह अलग बात है कि उसका भुगतान हमको करना पड़ रहा है अभी दिल्ली में, आपने तो कई वर्षों तक किया अब हमको दिल्ली में उसी प्रकार से वह पूछते रहते हैं भाई काम की प्रगति कितनी हुई, कितनी तेज़ गति से हो रहा है, छोटा तो नहीं सोच रहे हो, व्यापक सोचो, बड़ा सोचो।

और वास्तव में जो स्टैचू ऑफ़ यूनिटी बनी है, जो स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी से दो गुना बढ़ी है, ऊँची है। 182 मीटर ऊँचा होना कोई साधारण बात नहीं है, कोई सरल बात नहीं है। स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी 97 मीटर हाइट की है, यह 182 मीटर हाइट की है। और जो सुंदर प्रतिमा बनी है वास्तव में अपना दिल ख़ुश होता है देखकर कि सरदार वल्लभ भाई पटेल को देर हुआ 70 वर्ष लग गए आज़ादी के बाद लेकिन वास्तव में अगर सही मायने में श्रद्धांजली मिली है सरदार वल्लभ भाई पटेल को, उनके बड़े व्यक्तित्व का पह्चान आज देश और दुनिया तक पहुँची है तो 31 अक्तूबर 2018 को यह फिटिंग ट्रिब्यूट।

वैसे तो पता नहीं आप में से कितने लोग जानते हो कि सरदार पटेल अहमदाबाद के म्युनिसिपल प्रेजीडेंट थे, वहाँ से उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। और उनकी विरासत हम सबको गौरवान्विय करती है, it is truly a remarkable legacy that he has left behind for all of us. बहुत ही प्रो-बिजनेस, प्रो-ट्रेड व्यक्ति माने जाते थे। व्यापार को प्रोत्साहन देना ज़रूरी है देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए, देश में लोगों को काम करने के नए अवसर देने के लिए।

वैसे मूलतः किसान नेता थे लेकिन समझते थे कि जब तक उद्योग और व्यापार को भी तेज़ गति से वृद्धि नहीं मिलेगी तब तक किसान का जीवन भी अधूरा रहेगा, उसकी आमदनी भी नहीं बढ़ सकेगी। तो किसानों का जीवन सुधरे, साथ ही साथ तेज़ गति से व्यापार और उद्योग जगत में भी उत्साह हो, प्रगति हो। जब दोनों एक साथ चलते हैं तभी देश का विकास और उन्नति हो सकती है। यह सरदार पटेल की सोच थी।

और आज कल आपने परसों ही देखा होगा ease of doing business में भारत ने कैसे ऐतिहासिक छलांग लगाई है, कैसे हमारा रैंक 143 से सुधर कर 77 हो गया है। लगभग टॉप 80 में आ गए हैं अभी और चार साल पूरे हुए हैं जब तक हमारा पाँचवा साल पूरा होगा मुझे पूरा विश्वास है हम विश्व में टॉप 50 में आ जाएंगे  ease of doing business में।

पर आपको बताना चाहूँगा कि यह कल्पना भी सबसे पहले सरदार पटेल ने रखी थी आज से 70 साल पहले। सरदार पटेल कहते थे और हर वक़्त लोगों से कहते थे कि हम सबको मेहनत करनी चाहिए, कैसे व्यापार और उद्योग को हम और सरल कर सकें, आसान कर सकते हैं। और मैं पढ़ना चाहूँगा एक उनका वाक्य जो क्योंकि हम आज बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए कार्यक्रम में यहाँ पर एकत्र हुए हैं बहुत रिलेवेंट है आज के इस कार्यक्रम के लिए भी।

And I am quoting Sardar Patel, “We must encourage Indian insurance, companies, banks and other enterprises and persuade others to do the same”. मतलब हमने तो प्रोत्साहन देना चाहिए इंश्योरेंस कंपनियों को, बैंकों को, बाक़ी व्यापार उद्योग को लेकिन बाकियों को भी इसमें जोड़ना चाहिए कि वह भी encourage करें। Further he says, “only by using their goods and services and making helpful suggestions we can help in making them better.”मतलब हम सब जुड़ें, अच्छे सुझाव दें, उनकी तकलीफें सुनें, उन तकलीफों को समाधान करें तभी जाकर उनका काम भी सरल होगा और उनका सामान जो है वह बड़े रूप में इस्तेमाल हो पाएगा।

और मैं समझता हूँ कि प्रधानमंत्री जी जो गत चार वर्षों में लगे हैं भारत की अर्थव्यवस्था सुधारी, भारत में एक इमानदार व्यवस्था बने उसका ढांचा बनाने में पूरे तरीक़े से प्रयास किया, बैंकों की स्थिति सुधारना और जो कई वर्षों से बैंकों की स्थिति नाज़ुक होती जा रही थी, लोन ख़राब होते जा रहे थे, एनपीएऔर स्ट्रेस अकाउंट बढ़ रहे थे लेकिन सामने नहीं लाए जा रहे थे, वह सिर्फ़ कार्पेट के नीचे धकेले जा रहे थे, छुपाए जा रहे थे। उस सबका पर्दाफ़ाश कर कर एक बार ख़ुलासा किया जिससे जो असलियत है सामने आए, उसके बारे में अलग कार्रवाई कर कर उसको ठीक किया जाए।

बैंकों को मज़बूत बनाया जाए कि बैंक फिर एक बार लोन देने की क्षमता बना सकें। यह सब काम के पीछे अगर कोई हेतु था तो वह एमएसएमई सेक्टर को ख़ासतौर पर, किसानों को ख़ास तौर पर, छोटे borrowers को ख़ासतौर पर कैसे लोन मिल सके, सरलता से मिल सके और सस्ते ब्याज पर मिल सके।

और मैं सस्ते ब्याज की इसलिए बात कर रहा हूँ कि पहले के समय और उसमें कुछ तो बैंकर्स आपको यहाँ पर बता भी सकते हैं कई ऐसे बैंकस की हालत नाज़ुक इतनी हो गई थी कि लगभग एक-चौथाई, एक-तिहाई जितने लोन थे वह अपना ब्याज कभी भरते ही नहीं थे और उसमें अधिकांश बड़े लोग थे, छोटे लोग नहीं थे। छोटे लोग बेचारे मेहनत कर कर किसी न किसी तरीक़े से बैंक को अपना लोन वापस करना चाहते हैं। छोटे लोग पर प्रेशर रहता है कि भाई मैंने बैंक से लोन लिया है मुझे वापस देना है। बैंक वाले भी हमारे पास आते हैं कि आप वापस दो लोन।

लेकिन पहले एक ज़माना था 2014 के पहले जब अनाप-शनाप लोन दिए गए और जिसको 10,000/20,000/50,000 करोड़ का लोन मिल गया बड़े लोगों को उनको कभी ज़िम्मेदारी महसूस ही नहीं होती थी कि हमको कभी यह लोन वापस देना पड़ेगा। वह तो सोचते थे अब बैंक की ज़िम्मेदारी है हमसे लोन वापस लेने की, हमारी ज़िम्मेदारी नहीं है वापस देने की। और कोई बैंकर हो जो इस बात से अग्री नहीं करें तो मुझे बता दे।

यह असलियत थी कि नहीं भाई साहब कि बड़े लोग तो सोचते थे अब तो मज़ा है हमारे पास 50 हज़ार करोड़ लोन आ गया अब हमारा बैंक क्या बिगाड़ देगा। हम नहीं देंगे लोन तो उसको एवरग्रीन कर देगा, हम नहीं दे पाएँगे लोन तो रीस्ट्रक्चर कर देगा, कोई न कोई तरीक़े से किताबों में हेर फेर कर करअसली तो लोन की स्थिति सामने कभी आती ही नहीं थी पर उसका परिणाम आपके ऊपर कैसे होता था मैं आपसे वह शेयर करना चाहता हूँ।

आप समझिए अगर कोई बैंक है उसमें 20-25% जो लोन दिए हैं वह वास्तव में अपना ब्याज भरने की स्थिति ही नहीं रखते हैं। छुपाया जा रहा है, एवरग्रीन किया जा रहा है पर ब्याज तो आ नहीं रहा है। तो 100 रुपयेमें से अगर 25 रुपये पर ब्याज नहीं आएगा बैंक के पास तो अपने डिपॉजिटर को तो नहीं बोल सकता है न कि भाई मेरा पैसा ब्याज नहीं आ रहा है तो मैं आपके डिपॉज़िट पर भी 25% ब्याज नहीं दूँगा। ऐसा संभव है क्या भाइयों बहनों?

अगर आपने फिक्स्ड डिपॉज़िट या करंट अकाउंट सेविंग बैंक में अपना पैसा रखा है बैंक वाला आपको बोल सकता है क्या कि अच्छा मैं अभी आपको 60% नहीं 5% ही लोन दूँगा ब्याज दूँगा आपके डिपॉज़िट पर क्योंकि मेरा लोन जिसको दिया है वह ब्याज नहीं भर रहा है। ऐसा तो संभव है नहीं। तो अब यह ब्याज… तो लोन के ऊपर ब्याज नहीं मिल रहा है , डिपॉजिटर को पूरा ब्याज देना है तो ऐसी परिस्थिति में जो लोन बाक़ी लोन लेने वाले हैं उनके ब्याज के दर बढ़ जाते हैं।

स्वाभाविक है वह पैसा तो बैंक को किसी न किसी से रिकवर करना है और बड़े लोगों से रिकवर करने की स्थिति नहीं है उनकी। बड़े लोग तो निगोशिएट कर कर टाइट टर्म्स ले लेते हैं तो वह मध्यम वर्गीय और छोटे जो लोनी हैं उनके ऊपर ब्याज के दर बढ़ जाते हैं और इस करकर एमएसएमई सेक्टर को पैसा भी नहीं मिलता था और उनके ऊपर ब्याज भी बढ़ जाता था।

यह परिस्थिति बदलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने सख़्त कार्रवाई की और यह कार्रवाई करकर जितने लोगों के लोन वापस नहीं आ रहे थे उन सब को मजबूर किया लोन वापस करो नहीं तो इन्सॉल्वेंसी में जाकर आपके कारख़ाने बिकेंगे, आपकी ज़मीन-जायदाद बिकेगी लेकिन बैंक का लोन तो आपको वापस देना होगा और वह लोन आने के कारण आप आज यह कार्यक्रम में पीएसबीलोन इन 59 मिनट्स जैसी सुविधा आप सब को मिल सकती है, कम ब्याज पर लोन मिलेगा।

अभी-अभी हमने भाई साहब का उद्बोधन सुना जिसमें उन्होंने बताया कि विमल मिश्रा जी को कैसे बहुत सरल तरीक़े से लोन मिल पाया और आगे चलकर इसी प्रकार से आप सब भी इससे लाभ ले सकेंगे इस विश्वास के साथ मैं समझता हूँ कि प्रधानमंत्री जी आज इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। सिर्फ़ एक घोषणा नहीं होगी यह 59 मिनट्स लोन की, और बहुत सारी घोषणाएँ आज माननीय प्रधानमंत्री जी करने जा रहे हैं।

और मुझे पूरा विश्वास है गुजरात में जो बड़े पैमाने पर छोटे लघु उद्योग, मध्यम वर्गीय उद्योग काम करते हैं इन सबको इसका बड़े रूप में लाभ मिलेगा। गुजरात नए स्टार्ट अप्स को भी प्रोत्साहन देता है, स्टैंड अप इंडिया में भी गुजरात का बड़ा योगदान है और इन सब इंडस्ट्रीज़ को प्रमोट करने के लिए यह क्लस्टर कॉन्सेप्ट जिसमें 100अलग-अलग क्लस्टर्स देश में initially identify किए हैं उनको जैसा पहले कुमार जी भी बता रहे थे केंद्र से सहायता देंगे अगर कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाना है, कुछ और चीज़ें करनी हों जिससे आपको अपनी इंडस्ट्रियल एरिया का डेवलपमेंट करना है, रोड्स सुधारनी हैं, बाउंड्री वॉल बनानी है, कॉमन लैबोरेटरी बनानी है, टेस्टिंग फैसिलिटीज बनानी हैं इन सबके लिए हम सुविधाएँ भी उपलब्ध कराएंगे।

कोई छोटा मध्यम वर्गीय ईमानदार व्यापारी या उद्योजक को कभी लोन की कमी नहीं हो यह संकल्प लेकर हम सब बैंकों ने यह योजना तैयार की है। जो-जो लोग ईमानदार व्यवस्था से जुड़ते हैं, अपना GST मैं पूरा टैक्स भरते हैं, GST रिटर्न्स भरते हैं, इनकम टैक्स भरते हैं उससे एक formalize हो रही है इकॉनोमी, ईमानदार व्यवस्था की तरह पूरा देश जा रहा है।

उससे कम ब्याज पर आज आपको साहूकार के पास नहीं जाना पड़ेगा लोन के लिए। आपको सीधा इस वेबसाइट के द्वारा लोन मिल सकेगा और मुझे विश्वास है यह जो करोड़ों की संख्या में लोगों के पास, छोटे उद्योगों के पास जो तकलीफ़ें होती थी लोन की, जो तक़लीफ़ होती थी पैसे की उसको हम आगे चलकर पूरे तरीक़े से resolve कर पाएंगे।

 

 

आज मुझे ज़्यादा बोलना नहीं है, मैं तो आप सबके बीच मिलने के लिए आया हूँ। आज हम सभी माननीय प्रधानमंत्री जी को सुनेंगे, उनके उद्बोधन को, उनकी घोषणाओं को, उनके मन में क्या कल्पना है आगे छोटे उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए उसके बारे में आज सुनेंगे।

आज ही हमने देखा GST का सफलता आज एक लाख करोड़ से ज़्यादा जो सितम्बर की सेल्स अक्टूबर में GST पे हुआ उसका फिगर आया है तो जो लगभग कल्पना थी उस कल्पना पर हम पहुँच रहे हैं। तो मुझे पूरा विश्वास है यह जो एक देश में बदलाव आया है, देश की सोच में बदलाव आया है, आज स्वैच्छिकताके साथ लोग ईमानदार व्यवस्था के साथ जुड़ रहे हैं।

GST में इतने सारे बदलाव किए गए जिससे आज GST सरल हो गया है। आपको याद होगा पिछली बार GST Council में टेक्सटाइल की जितनी समस्याएं थीं वह सब शत प्रतिशत resolveकर दी गई, handicrafts की समस्याएं resolve कर दी गई, अलग-अलग प्रकार से जो-जो चीज़ें सामने आती हैं उनको हम resolve करने में प्रयत्नशील है, संकल्पित हैं।

और मुझे पूरा विश्वास है कि जो समर्थन और आशीर्वाद आपका हमें मिला है उस आशीर्वाद को हम पूरे तरीक़े से आपके व्यापार को सरल बनाना, आसान बनाना, सुगम बनाना और आपके व्यापार में हमारी पूरी ज़िम्मेदारी है आपको सहयोग देने की। इस ज़िम्मेदारी को निभाने का काम हम करेंगे यह विश्वास मैं आपको दिलाने के लिए आपके बीच में आया हूँ।

कुछ और अगर कार्यक्रम के बाद प्रश्न हों या कुछ तो मैं थोड़ा समय आपसे बात भी कर सकूंगा। आज के लिए अब माननीय प्रधानमंत्री जी थोड़ी ही देर में स्टेज पर जाएंगे और वहाँ का कार्यक्रम शुरू करेंगे। तो चलिए हम दिल्ली के साथ जुड़ते हैं और दिल्ली से माननीय प्रधानमंत्री जी के उद्बोधन और उनकी घोषणाओं को सुनकर उसमें से अपने आगे के लिए कारोबार को और सफल बनाने का मार्ग बनाते हैं।

आप सब को दीपावली के लिए, आपको आपके परिवारजनों को सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। आगे विश्वकर्मा की भी पूजा है हम सब व्यापार जगत के लोग तो विश्वकर्मा को भी पूजा करते हैं। गुजरात में नए वर्ष की सेलिब्रेशनस होगीं, भाईदूज की सेलिब्रेशनस होगीं। मैं आप सबको बहुत-बहुत त्योहारों के लिए शुभकामनाएं देता हूँ।

धन्यवाद।

 

 

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