Speeches

July 12, 2018

Speaking at Press Conference on Steps taken for Reducing Tax Litigations, in New Delhi

छोटे केसेस में करदाताओं को सुविधा मिले और अगर अपील में वह जीत जाते हैं तो उसपर सरकार higher levels पर अपील न करे – unless a point of law is involved. अगर कोई केस में कोई point of law है वह आप सब finance के journalists  समझते हैं कि point of law involved  होता है तो वह एक केस नहीं वह कई केसेस में उसका reflection  आ सकता है, हाँ precedent बन जाता है| तो if there is a substantial point of law involved  तो फिर यह सीमा को फिर application नहीं होगी|

इसके पीछे हमारा जो उद्देश्य है कि जो कर व्यवस्था है जो टैक्स की पूरी प्रणाली चल रही है देश में उसमें हम विश्वास का वातावरण बढ़ाएं| हमारा मानना है कि भारत का टैक्स-पेयर मूलतः ईमानदार है, मूलतः उसकी इच्छा है कि वह अपना पूरा टैक्स पे करे और उस भावना से हर छोटे टैक्स-पेयर को, मध्यम टैक्स-पेयर को, मध्यम वर्गीय छोटे व्यापारी को, लघु व्यापारी को, मध्यम वर्गीय व्यापारी और उद्योग को, सभी को इससे बहुत बड़े पैमाने पर राहत मिलेगी| और मैं समझता हूँ कि Ease of doing business में भी लोगों का समय कोर्ट कचहरी के बदले व्यापार करने में, अपने उद्योग चलाने में ज्यादा रहे, व्यापार की आसानी भी हो और किसी भी प्रकार की तकलीफ लोगों को न झेलनी पड़े यह माननीय प्रधानमंत्री, माननीय अरुण जेटली जी, सभी का मानना है कि government trusts the honest tax payers.

और यह छोटे tax payers जो हैं उनके ऊपर शत-प्रतिशत trust की भावना से यह सरकार उस नज़र से देखती है, आगे चलकर और इसमें क्या-क्या हम सुधार ला सकते हैं| जीएसटी काउंसिल के साथ भी 21 तारीख को बैठक है, उसमें भी कई सारे विषयों पर चर्चा होने वाली है| Ease of filing returns, ease of assessment इसके ऊपर भी चर्चा होने जा रही है, सुशील मोदी जी की कमिटी ने जो रिटर्न्स का सिलसिला है उसको बहुत ही सरल कर दिया है और वह public consultation के लिए भी हमने शायद निकाल दिया है, नहीं निकाला है? हाँ, काउंसिल के बाद होगा|

मैंने अपनी तरफ से लोगों से फीडबैक लेना शुरू किया है, मैं हाल में भोपाल गया था, लगभग 37 अलग-अलग institutions ने, Chambers of Commerce, industry के लोगों ने, 37 लोगों ने अपनी-अपनी बात रखी और 61 सुझाव आये और उन सब पर विभाग ने गौर करके लगभग अधिकांश चीज़ों को समाधान भी निकाल लिया है| तो आगे चलकर मैं जयपुर में मिलने वाला हूँ, लोगों को फिर मुंबई में मिलने वाला हूँ, तो अलग-अलग जगह पर लोगों का फीडबैक लेकर एक responsive government जो समस्याओं को समझकर समाधान की दिशा में तेज़ गति से steps ले इसमें हम जुटे हुए हैं|

आपको ध्यान होगा रिफंड्स के लिए भी हमने एक 15 दिन का पखवाड़ा रखा था, लगभग उसके बाद मुझे किधर से भी रिफंड की complaint नहीं आई है| अगर कोई specific इलाके में अभी भी दिक्कत हो तो मैंने लोगों को कहा है कि तुरंत अपने commissionerate में जाकर रिफंड की प्रक्रिया को पूरा करके अपना रिफंड लें| हमारी इच्छा है कि कोई बैकलॉग किसी प्रकार का सिस्टम में रिफंड्स का रहना नहीं चाहिए, आप सबने नोट किया होगा यह भारत के इतिहास में पहली बार पहले क्वार्टर में, अप्रैल से जून के क्वार्टर में 99% रिफंड्स इनकम टैक्स के लोगों को घर बैठे मिले हैं| सीधा बैंक में रिफंड पहुंचा है या उनको चेक मिला है, मुझे भी अपना रिफंड का चेक अपने आप घर पर मिल गया|

नहीं, ऐसा नहीं है, सबको गया है, वह कंप्यूटर जनरेटेड है, एफएम हो या सुनील प्रभु हो एनडीटीवी से, सभी के रिफंड कंप्यूटर से अपने आप जनरेट होकर based on your return सभी को चले गए हैं| 99% रिफंड्स, 70,000 करोड़ के रिफंड शायद ही इतिहास में पहले क्वार्टर में किसी सरकार ने इनकम टैक्स के payers को दी हो क्योंकि सरकार ट्रस्ट करती है आपने जो रिटर्न फाइल किया है उस रिटर्न के आधार पर रिफंड आप सबको पहुँच गया है|

एक सभी विभाग के अधिकारियों ने सुनिश्चित करने का फैसला किया है कि honest taxpayers को कितनी ज्यादा कैसे राहत पहुंचे और जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का समाधान हो इस भावना से यह आज अपील्स की सीमा जो लिमिट है for filing appeal इसको भी tribunal में डबल, हाई कोर्ट में ढाई गुना और सुप्रीम कोर्ट में चार गुना करके एक बड़े पैमाने पर रिलीफ छोटे करदाताओं को, छोटे व्यापारियों को देने का प्रयास सरकार ने किया है|

धन्यवाद|

 

Q: Sir how many cases were filed by the Income Tax department in high court and Supreme Court last month?

A: वह डेटा लेकर नहीं बैठा हूँ यहाँ|

Q: Sir, usually there is a net number that you release for direct ads, between April to June there has not been any release, only the gross numbers….. blog by Mr Arun Jaitley, apart from that there is only a press release …?

A: I will just check it out. But I gave you the refund figure, but you have the gross figure.

Q: सरकार GST Council की बैठक में आप लोग ease of doing business की तरफ और कदम उठाएंगे?

A: शत-प्रतिशत उठायेंगे|

Q: यह सिर्फ ease of doing business की तरफ होगा या फिर टैक्स रेट में भी कोई संभावना देखी जा सकती है?

A: वह तो GST Council ही तय करेगा, मेरी जानकारी है कि एक समिति बनाई थी पिछली GST Council ने सुशील मोदी जी की अध्यक्षता में जिसको यह रिटर्न्स की प्रक्रिया और assessee-friendly बनाने के लिए काम दिया गया था उसकी रिपोर्ट आने के बाद, वह तो मुझे मालूम है कि वह डिस्कस होगा 21 तारीख को|

Q: Sir there is a lot of rumour when it comes to rate rationalization which is being expected in the upcoming….

A: Don’t believe in any rumours.

Q: What about getting in new commodities under the GST ambit, be it natural gas, be it…?

A: That will be discussed in the GST Council. I don’t have the agenda as yet put up to me of the GST Council, but please don’t believe any rumours. My view is you should stop believing rumours.

Q: Sir, but is it possible for any sort of rate rationalization given the fact that GST is still stabilizing?

A: I think over a period of time, the GST Council has been very responsive, whenever there were any inverted duty cases that came up, wherever any cases came up that merited attention, and as I said earlier, 328 items the GST Council has already reduced the rates. So you may possibly find some chances of that if there are any, anything where there is a meritorious reason why there should be some rightsizing.

Q: There are going to be revenue considerations as well sir?

A: Of course, it has to be a balance between revenue consideration, but ease of business and support to industry is also a consideration we have to take.

Q: सर पिछली बार कब बढ़ाई गयी थी सर और दूसरा मुंबई में कंसल्टेशन की डेट नहीं की फाइनल की आपने?

A: डेट सन्डे सुबह मिलने की मेरी इच्छा है, इस सन्डे को|

Q: Sir one question, …last कब बढ़ाई गयी थी?

A: पिछले साल ही बढ़ाई थी 2017-18 में, एक साल पहले|

Q: Sir one question here, has the issue of the sugar cells been buried or it is still an open ended matter?

A: उसमें भी एक कमिटी बनाई थी हिमंता बिस्वा शर्मा जी की अध्यक्षता में उसकी रिपोर्ट अभी तक आई नहीं है मेरे पास और वह फिर जीएसटी काउंसिल को सबमिट होगी|

Q: But in principle are we still like open to the states in bringing about the cess?

A: The GST Council takes these decisions. The central government doesn’t take these decisions, even the simplification process, ultimately the report will be placed before the GST Council.

Q: What is the central Finance Ministry’s view in the GST Council on this issue of cess?

A: We will take that view after consultation with all the states. We have not taken any view on that.

Q: सर GST anniversary पर आपने हिंट किया था कि जो composition dealers हैं शायद उनको सालाना return भरना पड़ेगा, क्या GST Council में उसको discuss करेंगे?

A: वह GST Council का prerogative है लेकिन मुझे लगता है जो अब सरल return जो अभी plan किया है उसको देखने के बाद शायद यह विषय non-issue बन जायेगा|

Q: सर World Bank की एक रिपोर्ट आई जिसमें इंडिया की GDP को 6थ वह बोला गया है, इसके पीछे क्या वजह है?

 A: क्या बोला गया है?

Q: 6th largest economy.

A: यह एक प्रकार से दर्शाता है कि जो भी कुछ मित्र सोचते थे कि भारत की अर्थव्यवस्था को तकलीफ आएगी या तकलीफ के अन्दर गुज़रेगी वह सब गलत साबित हुए हैं| आज पूरे विश्व में भारत के प्रति देखने का नजरिया उत्साह का भी है निवेश की दृष्टि से और मेरे ख्याल से आदर का भी है कि आज भारत ऐसी अर्थव्यवस्था बन गया है मज़बूत जहाँ पर महंगाई भी नियंत्रण में है, ब्याज के दर नियंत्रण में है, फिस्कल डेफिसिट नियंत्रण में है| दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था का भारत को ख़िताब मिला है पिछले 3-4 सालों में लगातार अच्छे सरकारी कदम से|

भारत की अर्थव्यवस्था आज मज़बूत है, कितनी भी तकलीफ आये विश्व में उसको सामना करने की क्षमता आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इस देश में तैयार की है| जिसको कहते हैं कि when the times are good, the government should prepare itself, armour itself for tougher times. मैं समझता हूँ भारत की सरकार ने पिछले चार वर्षों में अपने आपको मज़बूत बनाया, अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाया कि अगर तकलीफ का समय भी आगे चलकर कभी विश्व में ऑइल प्राइस बढ़ती जा रही है, ट्रेड वॉर का काला संकट है विश्व के सामने, अलग-अलग प्रकार से, ईरान का ऑइल सप्लाइज का एक विषय है, तो अलग-अलग बहुत serious macro-economic indicators हैं| उस परिस्थिति में भी भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ गति से बढ़ना, organized way में बढ़ना, चीज़ें कंट्रोल में रखना, जो-जो चीज़ें हम प्लान करते हैं उसको लागू करने में सफल होना मैं समझता हूँ बहुत बड़ी बात है|

इसना बड़ा structural change, GST जैसा भारत जैसे बड़े विशाल देश में, अलग-अलग राज्य, federal structure, उसके बीच में एक वर्ष में इतनी सफलतापूर्वक ज़मीन पर, धरातल पर उतरना एक बहुत बड़ी सफलता की निशानी है और आज पूरा विश्व उसके लिए भारत की तरफ पॉजिटिव वे में देख रहा है| अब हम छट्टी बन गए हैं ना? The 6th largest! अब हमारी इच्छा है कि उसको 5th largest … यह तो देखिए figures में न जाते हुए तेज़ गति से जो भारत की प्रगति हो रही है मैं समझता हूँ वह बड़ा विषय है|

Q: Sir, the 6000 crore you mentioned is the value of the indirect taxes only?

A: No. I mentioned that the total tax disputes (direct and indirect taxes) is 7,60,000 crores, which are stuck at different levels. 6000 is like this that we will be in a position to withdraw….these are estimates, about 41% cases as I said. In the tribunals 34%, in the high courts 48% and the Supreme Court 54% of the cases. It’s a big number, half the cases in Supreme Court. That all put together will be about 4,800 crores and in the 18% indirect tax cases which will be 16% tribunal, 22% high courts and 21% of Supreme Court cases, the figure comes to barely 800 odd crores.

Q: Sir, but there is a target you said from substantial amount of law, the problem is that your babus will have to finally take a call on this.

A: My bureaucrats are very seasoned, responsible officers and they will take a honest assessment of the case. Obviously, in consultation with law.

Q: So that has been decided but what level a committee has been formed, because you know it goes into the minority, when you have to withdraw everybody will say this is a substantial point of…….?

A: We will give you a report card on what happens after one year. It takes time to do this whole process.

Q: सर 7.6 लाख जो बता रहे हैं यह टैक्स डिस्प्यूट की संख्या है या फिर अमाउंट है सर?

A: 7.6 lakh crore of tax disputes – amount, which is all in litigation at different levels.

Q: पीयूष सर, मानसून सेशन शुरू हो रहा है 18 जुलाई को और टीडीपी ने कहा है कि वह नो-कॉन्फिडेंस मोशन …?

A: वह तो अनंत कुमार उसका जवाब देंगे|

Q: Sir, Manoj ji is trying to deal with it and, I mean is it a serious channel?

A: I think this is consultations are going on amongst the various countries, both at the foreign office level and at the petroleum ministry level. We will wait for the consultation to….

Q: About higher oil prices is there  a possibility that government could cut the excise duties on the petroleum?

A: We will let you know when we decide.

Q: Am just adding to that, sir there is an oil formulae that was in the … is it on the backburner?

A: That Dharmendra would be able to say, I wouldn’t know.

Q: सर ईरान ने यह कहा है कि क्रूड के मसले पर कि अगर इंडिया अगर कहीं और से या सऊदी अरब से क्रूड सप्लाई करता है तो हम वह favoured country का वह नहीं करेंगे तो ऐसे केस में….?

A: मुझे उसकी जानकारी नहीं है मुझे कॉमर्स मिनिस्टर से बात करनी पड़ेगी| I wouldn’t know much about it.

Q: Sir on this excise duty sir, because there has been no clarity, the common man keeps getting, we are been taking petrol prices?

A: I keep meeting you again and again, so make me lose the opportunity to meet you again.

Thank you.

 

 

 

 

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