Speeches

July 13, 2017

Speaking at Press Conference, New Delhi

आज मंसूख भाई मेरे पास आये थे और हम चर्चा कर रहे थे जीएसटी के संबंध में, उसमें एक बात निकली कि कुछ लोगों को ग़लतफ़हमियाँ हैं जीएसटी के बारे में और उसके कारण कुछ व्यापार में लोगों में चिंताएं भरी हुई हैं | मैंने और उन्होंने जब चर्चा की तो ध्यान में आया कि वास्तव में इतना बड़ा परिवर्तन जब होता है देश में जिसमें पूरे देश की अर्थव्यवस्था को एक प्रकार से मज़बूत बनाना, सरल बनाना और ईमानदार बनाने का काम किया जा रहा है | उसमें स्वाभाविक है कि जैसे-जैसे अनुभव आयेंगे कुछ न कुछ, और अच्छी तरीके से लोगों को व्यापार करने का मौका मिले और अच्छा स्पर्धा में सबको इक्वल ओप्पोर्चुनिटी मिले, सामान्य मौका मिले व्यापार में अच्छा काम करने का, व्यापार बढाने का| उसके लिए समय-समय पर जैसे-जैसे कोई विषय आयेंगे उसपर जीएसटी काउंसिल ज़रूर विचार-विमर्श करके निर्णय ले सकती है |

पर आज के दिन जैसे जीएसटी लागू हो गया है, मुझे लगता है सभी को जीएसटी में जुड़ना चाहिए, अपना रजिस्ट्रेशन करके काम तेज़ी से शुरू करना चाहिए| अनुभवों के आधार पर ही पता चलेगा कि वास्तव में कहां-कहां पर और सुधार की आवश्यकता है जिसका भी निर्णय जीएसटी काउंसिल के समक्ष ही रखना पड़ेगा | आज जो परिस्थिति है केंद्र सरकार या कोई एक व्यक्तिगत राज्य सरकार कोई निर्णय लेकर जीएसटी में परिवर्तन नहीं कर सकती है | परिवर्तन तो सामूहिक होगी क्योंकि जीएसटी एक सांझी विरासत है, पूरे देश की विरासत है| देश के 29 राज्य, केंद्र सरकार, सबने मिलकर पूरा प्रोसीजर, सिस्टम, टैक्स के रेट, किस प्रकार से यह व्यवस्था अच्छी तरीके से चलेगी वह तय किया है |

मुझे लगता है जैसा मैंने मंसूख भाई से भी बात की कि सब लोग जीएसटी में जुडें, मेरी भी अन्य-अन्य जगहों पर, अन्य स्थानों पर चर्चाएं हुई हैं, व्यापार मंडलों से, इंडस्ट्री एसोसिएशन से, हमने भी कई चीज़ें सीखी हैं, समझी हैं, कुछ सुझाव अच्छे आये हैं हमारे पास| कल भी मैं व्यापारी जो देश भर से आये थे टेक्सटाइल ट्रेड के, कपडा बाज़ार के, उनके साथ लम्बी मीटिंग मेरी चली, बहुत अच्छी चर्चा, सार्थक चर्चा हुई| आज भी इसके बाद मैं जाने वाला हूँ, कई इंडस्ट्री के लोग मुझे आज मिलने वाले हैं, कई व्यापार मंडल मिलने वाले हैं| तो यह तो एक लगातार प्रक्रिया चलती रहेगी| परन्तु एक अच्छी, नयी व्यवस्था के साथ जो सरल भी है और देश को आगे का मार्ग भी, व्यापार का मार्ग भी और बढ़ाएगी, ऐसे में सब लोग जुडें|

लगभग देश भर में इसकी सराहना हुई है, सबने इसको स्वीकार किया है, सबने इसमें लाभ देखा है| मैंने स्वयं जो भी सामान्य उपभोक्ताओं के वस्तु हैं, जो रोज़मर्रा की चीज़ें गरीब आदमी, सामान्य आदमी, मध्यम वर्गीय आदमी खरीदता है, उसका आंकलन किया तो लगभग हर एक आइटम में सस्ती हुई है सामान| जो इनपुट क्रेडिट पहले रह जाता था, मिलता नहीं था, अलग-अलग स्टेज पर टैक्स लगता था वह अब नहीं लगने के कारण और उसका लाभ मिलने के कारण हर प्रकार से सामान्य वस्तुओं में कमी आई है| अगर कुछ बहुत अमीरों के वस्तुओं में दाम बढे या एकाद कोई वस्तु में दाम बढे तो उसी को exampleलेकर पूरे जीएसटी के ऊपर कोई ग़लतफ़हमियाँ न फैलाये, सरल सिस्टम है, यह रिटर्न्स की भी ग़लतफ़हमियाँ फैलाई जा रही हैं| एक सेल्स का स्टेटमेंट भरना है उसके अलावा कुछ नहीं है|

कुछ ग़लतफ़हमियाँ फैलाई जा रही हैं कि छोटे व्यापारियों को तकलीफ होगी| वास्तव में छोटे व्यापारी जो 20 लाख तक की सेल करते हैं उनको तो जीएसटी में लाना ही नहीं है, कुछ रजिस्टर भी नहीं करना है| 20 से 75 लाख तक कम्पोजीशन स्कीम दी गयी है जिसके कारण वह अगर व्यापारी हो तो मात्र 1% टैक्स भरेगा, अगर उद्योगपति हो तो 2% भरेगा| तो अलग-अलग प्रकार से सरलता इस देश में लायी गयी है|

आज माल भेजने में, इधर से उधर लेकर जाने में आसानी हो गयी है, 22 राज्यों ने चेक पोस्ट ख़त्म कर दिए हैं| मुझे लगता है नयी व्यवस्था से सब लोग जुडें, उसके अनुभव लें, किसी प्रकार का कोई अधिकारी किसी को तंग नहीं करेगा, कोशिश है कि सब कुछ सिस्टम-ड्रिवेन हो कि किसी को अधिकारी, जो व्यवस्था थी पहले उससे मुक्त करने की हमने पूरी कोशिश की है| और साथ ही साथ मुझे पूरा विश्वास है कि यह एक स्वदेशी, मेक इन इंडिया, भारत के उद्योग को बहुत बड़ा बल देगा, भारत के एक्सपोर्ट को, निर्यात को बहुत बड़ा बल देगा क्योंकि जो भी विदेश से माल आता है उसके ऊपर भी IGST लगने के कारण भारत के उद्योग की क्षमता स्पर्धा में और बढ़ जाएगी, एक्सपोर्ट करता है तो पूरा जो टैक्स लगता है वह पूरा रिफंड मिलने के कारण हमारी competitveness विदेश में माल भेजने की बढ़ जाएगी|

तो मेरा पूरा विश्वास है कि उपभोक्ता भी लाभ लेंगे, व्यापारी भी लाभ लेंगे, उद्योग भी लाभ लेगा, यह सभी को लाभ देने वाला एक सरल और अच्छा सिस्टम कर का, टैक्स का, इस देश ने सभी की आम सहमति से, सब राज्य सरकार, लगभग सभी पार्टी, कोई सरकार में न भी हो तो उनके एमपी/एमलए ने भी इसके लिए वोट किया है देश भर में, पार्लियामेंट में, लेजस्लेचर्स में| तो एक देश की सांझी विरासत है इसमें देश के 125 करोड़ लोगों का लाभ है, खासतौर पर किसान, गरीब, महिलाएं, युवा, सबके लिए सोचकर उनको लाभ मिले इस प्रकार की व्यवस्था बनाई गयी है|

मेरा आपके माध्यम से सभी को अनुरोध है कि वह इसमें जुडें, जल्द से जल्द रजिस्टर करके अपने व्यापार को तेज़ गति से बढाएं|

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: सर यह बात जो शुरू से, लम्बे समय से आप लोग कह रहे हैं, प्रधानमंत्री जी ने भी अपील की थी, जिसके बाद जो लोग विरोध कर रहे हैं उनका साथ ………?

उत्तर: शायद कुछ ग़लतफ़हमियाँ होंगी, कभी-कभी थोड़ा समय लगता है पूरी बात को समझने में, मंसूख भाई स्वयं सबसे मिल रहे हैं, मैं सबसे मिल रहा हूँ, मान्य वित्त मंत्री जी सबसे मिल रहे हैं| हमारे अलग-अलग मंत्रियों ने यह चर्चा की है, निर्मला जी ने, मान्य स्मृति ईरानी जी ने, अलग-अलग जगहों पर चर्चाएं हुई हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि यह ग़लतफ़हमियाँ दूर हो जाएँगी|

प्रश्न: सर कपडा व्यापारी जो हैं उनकी मांग यह है कि 5% जो जीएसटी लगाया गया है, वह धागे पर लगाकर सरकार को हमारी हरताल ख़त्म……. है?

उत्तर: ऐसा है जीएसटी जो टैक्स लगा है, मैं आपके माध्यम से सभी को यह बताना चाहूँगा, जीएसटी टैक्स की सुन्दरता इस बात में है कि वह शुरू से आखरी तक पूरे वैल्यू चैन को सिस्टम में कैप्चर करता है| उससे आगे चलकर हमको रात को चैन की नींद सोने को मिलेगी क्योंकि कोई अधिकारी हमको तंग ही नहीं कर सकेगा आपका सेल आपने सही दिखाया, गलत दिखाया, कम दिखाया, ज्यादा दिखाया| पूरी चीज़ सिस्टम में आने के कारण और सिस्टम में मैचिंग होने के कारण शुरू से जब फाइबर बनता है, वहां से लेकर फाइनल फैब्रिक तक पूरी चेन कैप्चर होने के कारण यह सिस्टम अपने आप में सबको एक ही कड़ी में ले आएगा और पूरी व्यवस्था में अधिकारियों से मुक्ति पाने के लिए अच्छा रहेगा कि एंड टू एंड वैल्यू चेन कैप्चर हो, कोई तंग न कर सके, उपभोक्ता के ऊपर कोई मार न पड़े, उपभोक्ता को सस्ता सामान मिले, उपभोक्ता को जितने इनपुट टैक्सेज हों उस सबका क्रेडिट का लाभ मिले, इस प्रकार की व्यवस्था जीएसटी बनाई गयी है |

तो मुझे लगता है यह मांग में कोई विचार नहीं है कि कोई भी सेक्टर में एंड में टैक्स न लगे, पूरा एंड टू एंड टैक्स लगेगा ही|

 

                    

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