Speeches

September 11, 2017

Speaking at Press Conference, in New Delhi

लोग एक जगह से दूसरी जगह तेज गति से सुविधाजनक तरीके से जा सकें ऐसी टेक्नोलॉजीस को जोड़ते हुए बड़े-बड़े देशों ने अपनी आर्थिक प्रगति को रेल के माध्यम से और गति दी। उसके निष्पक्ष भारत मैं समझता हूं पिछले चार-पांच दशकों में पीछे रह गया। आज भी भारत में पुरानी टेक्नोलॉजी, टेक्नोलॉजी जो कई वर्ष पहले डेवेलप्ड कंट्रीज ने डिस्कार्ड कर दिए हैं, हम उसी पर अपनी पूरे रेल की आगे की Journey तैयार करते रह गए कई वर्षों तक।

माननीय प्रधानमंत्री जी ने जब 2014 में भारत के शासन की कमान संभाली तब उनके मन में तीव्र इच्छा थी कि भारत अब बाकी देशों से पीछे नहीं रहे, बाकी देशों की कड़ी में खड़ा हो, विकसित देशों की कड़ी में खड़ा हो और एक विकसित देश के रूप में उसकी पहचान पूरे विश्व में बने। रेल उसका एक जीता-जागता उदाहरण है। और कैसे रेल मोस्ट मॉडर्न टेक्नोलॉजी भारत में आए और उसके साथ-साथ उसकी टेक्नोलॉजी भारत को नई नौकरियों का अवसर बने, नए उद्योग का अवसर बने, नए लोगों को नई टेक्नोलॉजीस बनाने के लिए प्रोत्साहित करने का अवसर बने। कैसे किसानों को अपने उत्पादन को दूर-दराज के इलाकों में कम समय में बेच के  अपनी आमदनी बढ़ाने का मौका मिले।

इस प्रकार से एक होलिस्टिक अप्रोच रेलवे के विकास में माननीय प्रधानमंत्री जी ने दिशा दी और उनकी प्रेरणा से ये जो जापनीज टेक्नोलॉजी इस देश में लाई जा रही है। जैसा अभी-अभी आप को सूचित किया गया, मैं समझता हूं इतने सस्ते ब्याज में 50 साल का फाइनेंसिंग शायद ही विश्व में कभी हुआ होगा और भारत में भी अभी तक कभी इस प्रकार का फाइनेंसिंग कोई प्रोजेक्ट का हुआ नहीं है। ये तो माननीय प्रधानमंत्री जी ने जिस प्रकार से अपनी छवि बनाई, अंतर्राष्ट्रीय छवि बनाई, भारत की छवि को सुधारा जिस प्रकार से उन्होंने रिश्ते सुधारे भारत और जापान के बीच, ये उसका परिणाम है कि जापान तैयार हो गया इतने सस्ते ब्याज पर इतनी लंबी अवधि का ऋण, अब आप अनुमान लगाइए लगभग 1 लाख करोड़ रुपये .1 परसेंट तो 1 लाख करोड़ रुपये में कितना होता है? 100 करोड़ रुपये, सालाना। 100 करोड़ रुपये ब्याज।

अब कई लोगों को गलतफहमी है कि अरे इतना महंगा ये रेलवे लाइन क्यों लाई जा रही है। आपको याद होगा मैं क्योंकि ऊर्जा क्षेत्र से यहां पर आया हूं, एलईडी बल्ब भी जब पहले आए तो नए-नए बल्ब तो शायद हजार रुपये-डेढ़ हजार रुपये के बिका करते थे। तो जब नई टेक्नोलॉजी आती है तो उसका एक कीमत होती है। जैसे-जैसे उस टेक्नोलॉजी को भारत में हम बड़े स्केल पर इम्प्लीमेंट करते हैं और भारत में उसका प्रोडक्शन शुरू करते हैं, निर्माण शुरू करते हैं, मेक इन इंडिया में उसको लाते हैं तो उसके खर्चे भी कम होते हैं, उसकी इनवेस्टमेंट कम होती है। आप सब जानते हैं एलईडी का इनवेस्टमेंट 87 परसेंट हर बल्ब के पीछे गिर गया है। आगे चलकर ये भी जब बुलेट ट्रेन हमारे डे-टु-डे डेवेलपमेंट का एक हिस्सा बन जाएंगी तो इसका भी कॉस्ट massively गिरेगा। क्योंकि भारत में बनेंगी, नौकरियां प्रदान करेंगी लोगों को, हम इसमें इनोवेट करेंगे, इस टेक्नोलॉजी को और सुधारेंगे। यहां पर सस्ती बनेंगी तो पूरे विश्व में बेचेंगे, एक्सपोर्ट करेंगे भारत में बनाए हुए बुलेट ट्रेन्स को।

तो इसका एक इतना बड़ा आर्थिक लाभ भारत को आगे चलकर मिलने जाने वाला है। और वैसे अगर आप हमारे भारतीय जनता पार्टी का मेनिफेस्टो भी देखें तो ये कल्पना कोई हमारी नई नहीं है। जब मेनिफेस्टो… जब हमारा इलेक्शन मेनिफेस्टो रिलीज हुआ उसके पेज नंबर 33 में हमने कल्पना की थी कि डायमंड क्वाड्रीलेटरल बने देश में, हाईस्पीड ट्रेन्स का नेटवर्क बने| ये इसकी पहली कड़ी है। और पहली कड़ी क्योंकि ये टेक्नोलॉजी भारत में नहीं है हमको विदेश से लानी पड़ रही है। लेकिन इसकी नेगोसिएशन में ये एक अंश जोड़ा गया कि टेक्नोलॉजी भी हमें साथ-साथ में मिलेगी। समय-सीमा में इस प्रोजेक्ट को इम्प्लीमेंट करने के लिए जापनीज ने कमिटमेंट दी है। हम सब कोशिश कर रहे हैं कि उसको 1 साल और पहले कैसे बनाया जाए जिससे इसकी तेज गति से इम्प्लीमेंटेशन और वो टेक्नोलॉजी आने से उसको हम देश भर में बाकी जगहों पर भी इम्प्लीमेंट करना शुरू कर सकें।

तो एक प्रकार से जैसा स्वामी विवेकानंद जी ने 125 वर्ष पहले अपनी फेमस स्पीच में शिकागो में कहा था अलग परिपेक्ष्य में and I will say it in english, ‘In my opinion, if all our rich and educated men once go and see Japan, their eyes will be opened.’ स्वामी विवेकानंद के उस वाक्य को हम अब जमीन पर भारत में लागू करने जा रहे हैं कि कैसे जापान ने जो प्रगति की वो भारत के 125 करोड़ नागरिकों को उसका लाभ कैसे मिले उसकी ये पहली कड़ी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और जापान के माननीय प्रधानमंत्री शिंजो आबे सान 14 तारीख को परसों अहमदाबाद में जो साबरमती में स्थित हमारा स्टेडियम है, रेलवे स्टेडियम, उसमें सुबह 10 बजे इन दोनों महानुभाओं के कर कमलों से इस काम की शुरुआत की जाएगी। ये भारत के आगे के ट्रेन की व्यवस्था को पूरी तरीके से, रेल की व्यवस्था को पूरी तरीके से रेवोल्यूशनाइज, ट्रांसफॉर्म करने वाला इनीशिएटिव परसों शुरू होने जा रहा है।

वैसे आप याद करें तो एक पैरलल मैं आपको बताऊं मारुति सुजुकी, जब सुजुकी के साथ पार्टनरशिप करके मारुति यहां पर लाई गई तो काफी लोगों ने आलोचना की थी। काफी लोगों ने कहा था कि इसकी क्या जरूरत है, ये गाड़ी विदेश से क्यों आनी चाहिए। आज क्या हम कल्पना कर सकते हैं कि वो दो पुराने मॉडल जो आज दोनों बनते नहीं हैं भारत में। और ये कितने 30 वर्ष की कहानी है सिर्फ। 30, मात्र 30 वर्ष में पुरानी टेक्नोलॉजी रिडंडेंट हो गई और पूरा देश नई-नई टेक्नोलॉजी की अच्छी गाड़ियों में आज पूरा देश ट्रैवल कर रहा है।

तो जो काम 30 वर्षों में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में हुआ पहले सुजुकी के आने के साथ-साथ, मुझे विश्वास है ये जो शिन्कंसेन ट्रेन अब भारत में आने जा रही है, ये भी उसी प्रकार से ट्रांसफॉर्म करेगा आगे के भारत के भविष्य के ट्रांसपोर्ट सेक्टर को। और जब भी कोई नई टेक्नोलॉजी आती है, फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी कुछ लोगों को संदेह होता ही है। उनको अंग्रेजी में ‘नेसेयर्स’ कहते हैं। मैं कहता हूं ये नेसेयर्स का जमाना अब बदल रहा है और आगे चलकर एक पॉजिटिव, सकारात्मक सोच रखने वाले लोग इस भारत के आगे के भविष्य का निर्माण करेंगे। आज की युवा पीढ़ी, आज के नए युवा-युवती नवजवान चाहते हैं भारत भी विश्वस्तरीय क्षेत्र की टेक्नोलॉजी लाए, सब चाहते हैं अच्छे लैपटॉप और अच्छे कम्प्यूटर्स मिलें, सब चाहते हैं अच्छे फोन मिलें।

और इसी प्रकार से सब चाहते हैं सुविधाजनक तेज गति से चलने वाली ट्रेन्स भारत में आएं। पुराने व्यवस्था को भी कैसे और तेज करना, पुराने व्यवस्था की ट्रेन्स में पैसेंजर एमेनेटीज क्या सुधार करना, उस पर तो हम सब काम कर ही रहे हैं। और उसमें हमारी जिम्मेदारियां और बढ़ जाएंगी। देखा-देखी भी कई बार जिम्मेदारियां बढ़ जाती है कि अगर एक ट्रेन इतनी अच्छी सुविधाएं दे रही है, इतनी तेज गति से चल रही है तो बाकी व्यवस्था को भी सुधारने में और तेज गति आएगी।

तो मैं समझता हूं कि इतने कम खर्चे में इतनी बड़ी व्यवस्था बुलेट ट्रेन की भारत में आना, उसके इर्द-गिर्द लाखों लोगों को नौकरी मिलना, काम के अवसर मिलना उसके इर्द-गिर्द नई टेक्नोलॉजी आने से भारत के उद्योग जगत को और प्रोत्साहन मिलना, भारत सस्ती बुलेट ट्रेन बनाए और पूरे विश्व में एक्सपोर्ट करे उसका मौका शुरू करना। और आगे चलके भारत पूरे विश्वस्तरीय ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी से जुड़ने का हम सबके लिए ये सुनहरा अवसर मिला है। आगे चलकर किसान हॉर्टीकल्चर में जाएंगे, फ्रूट्स, वेजीटेब्ल इंटीरियर से ट्रांसपोर्ट करना होगा तो फास्ट स्पीड ट्रेन से हमारे पोर्ट्स तक पहुंचके उसका एक्सपोर्ट होने में हमें सुविधा होगी। कोल्ड स्टोरेज ट्रेन्स इस ट्रैक पर चल सकेंगी। तो किसानों के लिए भारत के कई लोग जो हवाई जहाज का ट्रैवल अफोर्ड नहीं कर सकते हैं उन सबको राहत मिलेगी।

मेरा तो मानना है ये एक बार आ जाएगा तो शायद मुंबई-अहमदाबाद के पूरी एयर ट्रैफिक के ऊपर तकलीफ आ जाएगी, और फिर जैसे-जैसे यह बढेगा तो पूरा रिराइट करा जायेगा भारत का ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर| मैं एक छोटा उदाहरण देता हूँ, मैं मुंबई से आता हूँ, आप याद करिए मुंबई-पुणे कितनी ट्रेन्स हुआ करती थी और कितनी फ्लाइट्स हुआ करती थी| माननीय श्री नितिन गडकरी जी ने भारत की पहली फ्रीवे एक्सप्रेस वे, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे बनाई थी| उसके बाद ट्रेन ट्रैफिक भी घटा, नंबर ऑफ़ ट्रेन्स भी घटी पुणे के लिए, आज कोई डेक्कन क्वीन वगैरा में पता नहीं है भी कि नहीं वह ट्रेन, बहुत कम जाते हैं, टिकट के लिए कोई हमारे पास नहीं आता है कन्फर्म करा दो, क्योंकि वह रोड इतनी अच्छी हो गयी है कि बहुत आसानी से डेढ़ घंटे में सीधा, पौने दो घंटे में वाशी के बाद पुणे पहुँच जाते हैं, और आगे चलकर उसको सायन तक लाया जा रहा है फिर तो शहर से, क्योंकि वह आलरेडी हारबर लाइन से हमने एक हाईवे दे दिया है सायन तक, तो वीटी से 10 मिनट में चेम्बूर, आधे घंटे में वाशी, सवा घंटे में पुणे – 2 घंटे के अन्दर मुंबई-पुणे रोड से पहुँच सकते हैं लोग| लेकिन वह मात्र 170 किलोमीटर है, यहाँ 2 घंटे में 500 किलोमीटर का फासला पूरा किया जायेगा|

तो इस प्रकार से नयी टेक्नोलॉजी से भारत सुशोभित होगा और यह नयी टेक्नोलॉजी आगे का भारत का ट्रांसपोर्ट सेक्टर का भविष्य लिखने जा रही है, हम सबके लिए मैं समझता हूँ एक सेलिब्रेशन का मौका है और इसी सेलिब्रेशन में हम सब भी जुडें इसके लिए आपको आज यहाँ पर आमंत्रित किया है|

बहुत बहुत धन्यवाद|

Q&A

Q: Sir, is it a tied loan that you are getting from Japan?
A: No, in fact, it is tied to giving us the technology. So, in fact, India is benefiting with this loan that they will also have to give us the technology, so that, later on, it can be manufactured in India.

Q: And sir one more thing, the land acquisition sir, how much land has been acquired, because I believe for the JICA loan condition, 80% has to be acquired?
Secretary: Acquisition के लिए पहले हम लोगों को लैंड प्लान बनाना पड़ता है, and for that, technical study होता है, the technical study complete हो गया, प्लान बन रहा है| और 2 डिस्ट्रिक्ट के लिए वह 15 September तक ready हो जायेगा|

Q: Sir, you talked about the affordability part, so how much it’s going to be affordable in terms of……
A: We will get down to that, but we will certainly keep it affordable. Because देखिए दुनिया तो आजकल competitive है, अगर हवाई जहाज़ से सस्ता आदमी पहुँच जायेगा तो ट्रेन में क्यों आएगा| So, it will have to be competition will find its own level, and in this day and age of competition, सुविधा अच्छी दो और competitive price रखो तभी लोग आते हैं आपके पास|

Q: नवतन कुमार, संडे गार्जियन से, यह बताया गया कि यूरोपियन टेक्नोलॉजी और जापानीज टेक्नोलॉजी से तुलना की गयी थी और उसके बाद जापानीज को.. यूरोपियन टेक्नोलॉजी में जब बात की गयी तो किन-किन कन्ट्रीज को देखा गया और कहां से …..?
A: यह 2013 से प्रोसेस चल रहा है, I am sure, लोगों ने सब स्टडी किया होगा, तब हमारी सरकार नहीं थी, पहली वाली सरकार ने सब स्टडी करके फिर जपान को shortlist किया होगा, उसमें सबसे लोवेस्ट है, zero accident rate in the Japanese technology, plus यह terms, ऐसे terms कोई और country से offer ही नहीं हुए थे|

Q: But which are the countries which were….?
A: I honestly don’t know that, but we can found out and let you know.

Q: सर सिद्धार्थ हूँ आजतक से, मेरा एक बड़ा सीधा सा सवाल है|
A: देश के सभी सवाल सीधे होते हैं बॉस|

Q: सर बार-बार जिस तरीके से पटरी से ट्रेन उतर रही है, उस स्थिति में बुलेट ट्रेन को किस परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए?
A: बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी इसी लिए लायी जा रही है कि क्या भारत 140 साल पुरानी जो ट्रेन शुरू हुई थी, 160 साल पहले जो भारतीय रेल शुरू हुई थी क्या उसी परिप्रेक्ष्य में हम आगे प्रगति करेंगे कि अब नयी चीज़ें भी भारत में आएँगी| तो वही तो मैं कह रहा था कि यह एक हमारे देश के लिए कितना बढ़िया अवसर है to celebrate the advent of most modern technology, after 160 years भारत अपने आपको latest technology के साथ जोड़ रहा है रेलवे में| और zero accident rate रहा है जापान में, मुझे पूरा विश्वास है इसका भारत में भी इसी प्रकार का ट्रैक-रिकॉर्ड होगा|

Q: Mr Goyal, can you give us a timeline for the completion of this project?
A: अनुमानित 2023 है जापानीज के हिसाब से, प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी का विश्वास है कि भारत के engineers में इतनी क्षमता है और भारत के कामगारों में इतनी क्षमता है कि हम इसको एक साल पहले ही ख़त्म करने का पूरा जोर लगाने वाले हैं|

Q: That means you target for 2022?
A: 2022 तक| The official target will, of course, be in consultation with the Japanese will set it, but we would like to do it by 2022.

Q: Sir, this is Shaheen from Business Standard. What will be your roadmap as far as other high-speed corridors are considered, what will be your roadmap?
A: Well, I am sure, looking at the very attractive terms that we have got here, we will be exploring other options also. If we can get good financing at such competitive rates or thereabouts, and we can expand, roll it out faster, we would love to roll it out faster – point 1. Secondly, we are already examining different ways by which the existing network can also be made more robust by better locomotives, by better rolling stock, by better track renewal to see if we can increase the average speed of the existing rail also. We have already started extensive discussions, both internally and with external experts.

Q: …2022 को आप ट्रेन को चलाना चाहते हैं, 2023 को लोक सभा के चुनाव हैं, तो क्या ट्रेन के साथ कुछ पॉलिटिक्स भी है?
A: क्यों भईया 2023 के चुनाव क्या साल पहले क्यों कर रहे हो? आप यार मैथमेटिक्स तो ठीक कर लो यार? पर at least आपने 2019 का चुनाव लगता है दे दिया है|

Q: सर यह मेक इन इंडिया के तहत देश में यह बुलेट टेक्नोलॉजी को लेकर कुछ फैक्ट्रियां कोच बनाने के लिए कुछ इसका है कि कितना रोज़गार मिलेगा और ….?
A: ऐसा है कि भारत का जो रेल नेटवर्क इतना बड़ा है उसको मद्देनज़र रखते हुए जैसे-जैसे आधुनिक टेक्नोलॉजी हम विस्तार से यहाँ पर लाएंगे और खर्चे कम होंगे जब मेक इन इंडिया से होता है, तो मेरा तो अनुमान है कि इसमें कम से कम 12 से 15 लाख लोगों को इसमें रोज़गार मिलेगा आगे चलकर|

Q: सर क्या इस रूट के सक्सेसफुल होने के बाद दूसरे रूट की शुरुआत की जाएगी या फिर…?
A: नहीं ऐसा कोई लिमिटेशन नहीं है, हम साथ ही साथ अलग-अलग देशों से भी और जापान से भी बातचीत करके कैसे इसको और फास्टर रोल-आउट कर सकते हैं, इसके लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे, कोई वेट नहीं करेंगे 2022 या 2023 का|

Q: Sir, I am Vishwas from Governance Now Sub TV. What kind of factors make you so sure that the project will be completed within stipulated deadline?
A:Because with the speed with which the Modi government has implemented projects, अभी देखो LED का हमने 77 करोड़ सोचा था 2019 तक करेंगे, 67 crores तो already हो गया है, अभी तो 2019 दो साल आगे है| तो हमारे कोई प्रोजेक्ट ले लो, ऑप्टिक फाइबर ले लो, 358 किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर ले हुआ था 2014 में, आज दो लाख से ऊपर किलोमीटर हो चुका है मात्र 3.5 साल बाद| हर प्रोजेक्ट जो इस सरकार ने लिया है, समय पर उसको ख़त्म करना, उसपर पूरी निगरानी रखना और उसपर जवाबदारी लोगों को देकर कैसे प्रोजेक्ट अच्छी तरह समय-सीमा और कॉस्ट में बने उसपर हमारा पूरा जोर रहता है| मुझे पूरा विश्वास है समय पर नहीं उसके पहले बनाएंगे|

Q: सर पिछले साल एक खबर आई थी कि महाराष्ट्र सरकार ने BKC में जो जगह मिलने वाली है, बांद्रा-कुर्ला में, वह revenue का कारण देकर देने से इनकार कर दिया था, फाइनेंसियल loss का कारण देकर| तो क्या डेवलपमेंट है इस स्टेज में?
A: सरकार पूरी तरीके से इसमें हमारे साथ है, जुडी हुई है, और महाराष्ट्र सरकार को कोई revenue loss नहीं है, उलटे revenue gain ही होगा क्योंकि जो टर्मिनल बनेगा चाहे एक जगह बने या दूसरी जगह बने उसके ऊपर के डेवलपमेंट राइट्स की जो वैल्यू है वह इतनी इनक्रीज़ हो जाएगी कि महाराष्ट्र के लिए तो यह विन-विन है| तो मैं देवेन्द्र जी से लगातार संपर्क में हूँ और देवेन्द्र जी पूरी तरीके से संतुष्ट हैं इस प्रोजेक्ट के पूरे प्लान के साथ और भारत सरकार और हमारे सभी राज्य इस देश के, हम सब सैलोज़ में अभी काम नहीं करते हैं, हम सब एक टीम की तरह काम करते हैं| लोगों को अपने विचार रखने की पूरी छूट है और सबके विचार मद्देनज़र रखते हुए भारत के और भारत के नागरिकों के जो हित में निर्णय होते हैं उसमें हम सब साथ में काम करते हैं|

Q: अभी first phase में मुंबई टु अहमदाबाद बुलेट ट्रेन चालू हो रही है, वैसे ही दिल्ली से बुलेट ट्रेन कब चालू होगी और दिल्ली से कहाँ तक चालू हो सकती है?
A: जैसे ही इसका प्लान तय हो जाता है मैं आपको एक्सक्लूसिव ब्रेकिंग न्यूज़ पहले दूंगा|

Q: मैं मनोहर केसरी हूँ इंडिया न्यूज़ चैनल से, सर आपने कहा कि मेनिफेस्टो में भी आपका था यह डायमंड क्वाड्रीलेटरल, राइट?
A: पेज नंबर 33 पर|

Q: तो अभी इलेक्शन होने वाला है गुजरात में, क्या इसका फायदा होगा या..?
A: नहीं, मैं तो 2014 के लोक सभा चुनाव के मेनिफेस्टो का बता रहा हूँ|

Q: नहीं, इसबार कह रहा हूँ, क्योंकि अभी इस साल ही गुजरात में चुनाव हैं तो क्या इसका फायदा मिलेगा? दूसरा, इसका किराया क्या राजधानी से डेढ़ गुना ज्यादा होगा बुलेट ट्रेन का?
A: किराया कुछ अभी तक तय नहीं किया है, किराया तो समय जब आएगा तब तय करेंगे, और गुजरात के चुनाव के लिए हमको, मतलब यह कोई बुलेट ट्रेन से चुनाव का फायदा नहीं होगा – गुजरात में प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो 2001 से लगातार 15 वर्ष, 16 वर्ष अब, जो काम किया है, जिस कर्मठ निष्ठा के साथ गुजरात की जनता की सेवा की है मुझे पूरा विश्वास है जो हमारे पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह जी का 150 सीट का लक्ष्य है वह शत-प्रतिशत हम लेने वाले हैं|

Q: सर मैं दिपाली हूँ सीएनबीसी आवाज़ से, सर यह जानना चाहेंगे कि 14 तारीख को जो भूमि पूजन प्रधानमंत्री कर रहे हैं, कंस्ट्रक्शन कब से शुरू हो जायेगा और इसके साथ दूसरा सवाल यह कि अगर हम अहमदाबाद रेलवे स्टेशन की बात करें तो मेन स्टेशन से क्या इसको लिंक रखा जायेगा?
Secretary: See the project का एक master implementation schedule जो each element continuing from the day 14th September से लेकर 22 का completion था, each element वहां पर present किया जायेगा| उसमें पहला चीज़ है कि जो passenger terminal, it’s very symbolic. जहाँ पर function हो रहा है वहीँ पर साबरमती का passenger terminal बनेगा, उसका काम उसी दिन ही स्टार्ट हो जायेगा और बरोडा में training institute हो रहा है उसका काम उसी दिन स्टार्ट हो जायेगा| Then हमने जैसे बताया कि land acquisition का process हमारा शुरू हो जायेगा और हमारे जो contracting schedule है तो हमको लगता है कि within one year actual construction start हो जायेगा|
A: यह commencement है, भूमि पूजा सिर्फ नहीं है, commencement of work का 14 तारीख को 10 बजे commencement of work का प्रोग्राम है|
साबरमती पर टर्मिनेट होगी|

Q: ….(Inaudible)
A: यह पुराना चलते आ रहा है 2013 में उस समय की सरकार को पूछना पड़ेगा, उन्होंने क्यों चूज़ किया था| शायद उनको दूरदर्शिता थी कि प्रधानमंत्री अभी.. मतलब उस समय के चीफ मिनिस्टर प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और महाराष्ट्र में भी सरकार परिवर्तन होनी वाली है|

Q: सर इतना बड़ा प्रोजेक्ट है और ऐसी क्या मजबूरी थी कि श्राद्ध पक्ष पर इसका भूमि पूजन करना पड़ रहा है और दूसरा प्रेजेंटेशन के समय चूक गया मैं, 2022 में कितनी, 35 ट्रेनें चालू होंगी?
A: जहाँ तक पहला सवाल है, मुझे लगता है भगवान ने हर दिन अच्छा दिन दिया है, हम सब रोज़ ट्रेन चलाते हैं, कोई ऐसा तो नहीं करते कि श्राद्ध या पितृपक्ष में ट्रेन बंद हो जाती है| और मुझे पूरा विश्वास है कि परमात्मा का पूरा आशीर्वाद इस प्रोजेक्ट के साथ रहेगा, अच्छा काम किया जा रहा है और अच्छे काम के लिए कोई अच्छा समय या दिन नहीं होता है| जब मान्य प्रधानमंत्री जी ने अपना नामांकन पत्र भी भरा था तब काफी लोगों ने आलोचना की थी कि यह समय ठीक नहीं है आप कोई और टाइम पर नामांकन पत्र भरिये, लेकिन उन्होंने फिर भी अपने हिसाब से भरा और बड़े भारी बहुमत से भाजपा की विजय हुई|

Q: सर गुजरात में अभिजीत मुहूर्त जो दोपहर में होता है उसी समय उन्होंने फॉर्म भरा था?
A: पता नहीं, मेरे खयाल से हर दिन अच्छा दिन होता है, भगवान की असीम कृपा इस प्रोजेक्ट पर रहेगी|

Ends.

 

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September 9, 2017 Speaking at India’s Road Ahead, in Kolkata

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