Speeches

January 5, 2019

Speaking at Chaupal, in New Delhi

हम सबको आशीर्वाद देने के लिए उन्होंने अपना समय दिया, शिवकुमार जी के साथ शायद पैदाइश जबसे हुई है तबसे ही मेरा निकट संबंध रहा है। खुराना जी हम सबके नेता थे, हम सब उनको बहुत इज़्ज़त आदर करते थे लेकिन वह हम सबको बहुत प्यार करते थे। और मैं समझता हूँ एक साथ लगभग स्वर्गीय श्रद्धेय अटल जी का जाना और श्रद्धेय मदन लाल जी का जाना एक प्रकार से पार्टी को ही नहीं, हम सबको ही नहीं पूरे देश को बहुत बड़ी छति पहुंची है। पर अच्छा लगता है जब आंटी हमारे बीच में रहती हैं, हम सबको प्रोत्साहन देती हैं और लगातार उनका भी आशीर्वाद और सहयोग हम सबके कार्यक्रमों में मिलता रहता है।

राज खुराना जी अपने आपमें एक समाज सेविका हैं और बहुत ही हम सबके लिए प्रेरणा देती रहती हैं कैसे किस दिशा में हम सबको काम करना चाहिए, मैं दोनों महानुभाओं को नमन करता हूँ। राजकुमार भाटिया जी ने मैं समझता हूँ हम में से सभी को विद्यार्थी परिषद में नेतृत्व दिया, सबको लगाम पकड़कर सिखाया किस प्रकार से समाज सेवा करना है, राजनीतिक काम करना है और चौपाल के काम को भी जिस प्रकार से राजकुमार जी ने, भोलानाथ विद जी ने, रवि बंसल जी ने, इन सबने दिशा दी है, जिस प्रकार से चौपाल को आगे बढ़ाया है मैं बधाई दूंगा सभी चौपाल के पदाधिकारियों को, सभी चौपाल के साथ जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को कि एक बहुत अच्छा काम, और खासतौर पर आज का अगर देखें यह श्री गोपाल फाउंडेशन के द्वारा गरीबों को, मध्यम वर्गीय हमारे समाज के भाई बहनों को आत्मनिर्भर करने के काम को जो गति दी है उसके लिए मैं श्री गोपाल फाउंडेशन, मेयर आदेश गुप्ता जी, उनके परिवार को और चौपाल से जुड़े हुए सभी महानुभाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ।

मेरे मित्र और पार्टी के वरिष्ठ नेता, श्री विजेंद्र गुप्ता जी, श्री सतीश उपाध्याय जी, भारत भूषण, मदन जी, रविंद्र इन्द्रराज सीए जी, छैल बिहारी गोस्वामी जी, और सभी यहाँ पर उपस्थित पार्टी के कार्यकर्ताओं को अच्छे कामों में, समाज सेवा में जुड़ने से जो राजनीतिक कामों में भी गति मिलती है, जो राजनीतिक और समाज सेवा को जोड़ने का काम करने का प्रयास लगातार भारतीय जनता पार्टी करती है उसके लिए बहुत-बहुत बधाई दूंगा।

मंच पर बैठे सभी महानुभाव, यहाँ उपस्थित सभी भाई बहन, युवा-युवती और खासतौर पर यह प्यारे बच्चे जो इस देश का भविष्य हैं, आप सभी को नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ। और मुझे विश्वास है यह वर्ष आप सबके जीवन में बहुत नया उजाला भी लाएगा और बहुत तेज़ी से विकास की गति भी आप सबके जीवन में आएगी यह मेरी आप सबको बहुत-बहुत तहे दिल से शुभकामना है।

जब मुझे बताया गया कि 500 महिलाओं को एक छोटा माइक्रो लोन देकर औरसाथ ही साथ 51 ई-रिक्शा देने से हम गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के काम को आगे बढ़ा रहे हैं तब वास्तव में बहुत प्रसन्नता हुई क्योंकि माननीय प्रधानमंत्री जी ने जब पहले दिन उनका चुनाव हुआ कि वह देश के प्रधानमंत्री बनेंगे, भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के सभी सांसदों ने उनको यह ज़िम्मेदारी दी तब पहले दिन ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने घोषित किया कि यह सरकार गरीबों के लिए समर्पित रहेगी, यह सरकार महिलाओं के लिए समर्पित रहेगी, यह सरकार युवा-युवतियों के लिए समर्पित रहेगी, यह सरकार उन सामाजिक वर्गों के लिए समर्पित होगी जो वर्षों दशकों से वंचित रहे, शोषित रहे। यह सरकार किसानों की सरकार होगी, यह किसान और उद्योग दोनों को प्रोत्साहन देगी और जब तक सबका साथ और सबके विकास में हम सफल नहीं होंगे तब तक हम चैन की नींद नहीं सोयेंगे, दिन और रात एक करके देश और जनता की सेवा में लगे रहेंगे।

और मैं समझता हूँ भारत के लिए सौभाग्य है कि ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जिसने पांच वर्ष में एक दिन भी छुट्टी न ली हो, पूरे पांच वर्ष दिन और रात एक करते हुए देश की चिंता, देश के गरीबों की चिंता, देश के किसानों की चिंता, हर वर्ग की चिंता करते हुए आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि अगर विश्व में सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली, विकास करने वाली अर्थव्यवस्था एक तरफ भारत बनी है तो एक दूसरी तरफ समाज के हर वर्ग में कैसे जीवन स्तर सुधरे, कैसे गरीबों का जीवन स्तर सुधरे, कैसे महिलाओं को आत्मसम्मान मिले, कैसे महिलाओं का एक प्रकार से रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ों पर समाज और सरकार चिंता करे ऐसी सरकार शायद पहली बार देश ने देखी है, उसका काम देखा है।

अगर हम देखते जाएं तो एक-एक विषय में जो भारत सरकार ने अलग-अलग योजनाओं के द्वारा गरीब से गरीब व्यक्ति तक सरकारी कामों को पहुंचाने का प्रयत्न किया है मैं समझता हूँ यह ऐतिहासिक काम हुआ है। आप कोई योजना देख लीजिये, पहले दिन से शुरू की गयी जन धन योजना जिससे देश में हर एक व्यक्ति कोफाइनेंशियल इन्क्लूजन, एक बैंकिंग व्यवस्था के साथ जोड़ने का काम शुरू किया गया।

आज हम सबके लिए ख़ुशी की बात है शायद ही कोई परिवार होगा देश में  जिसमें आज बैंक का खाता न हो और लगभग 33 करोड़ जन धन योजना के तहत खाते खोले गए, और करोड़ों की संख्या में अलग-अलग योजनाओं से बीमा गरीब लोगों तक पहुंचाने का काम जो सरकार ने किया यह अपने आपमें दर्शाता है कि किस प्रकार से प्रधानमंत्री जी ने चिंता की कि जब तक बैंकिंग व्यवस्था और गरीब को न जोड़ा जाये तब तक गरीबों तक जो सरकार की राशि पहुंचनी है, गरीबों तक जो सरकार की सब्सिडी पहुंचनी है यह बिचौलिए खा जाते हैं, यह मिडिलमेन आ जाते हैं। उन सबको काटकर कैसे सरकार एक-एक पैसा गरीब तक पहुंचाए, उन्होंने लाचारी नहीं दिखाई, पहले के प्रधानमंत्रियों की तरह यह नहीं बोला कि 100 रुपये दिल्ली से निकलते हैं, मात्र 15 रुपये गरीब तक पहुँचते हैं, लेकिन मैं क्या करूँ मैं तो लाचार हूँ, इस प्रकार की उन्होंने सोच कभी नहीं करी।

एक परिवार जो दशकों से इस देश में राज कर रहा है और जो कब से कहते रहे हैं कि हम गरीबों के मसीहा हैं, हम गरीबों तक काम करेंगे और गरीबी हटाएंगे, जिसने वास्तव में लाचारी के अलावा गरीबों को वास्तव में उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए काम करने के लिए प्रयत्न नहीं किया, सिर्फ वोट बटोरने का काम किया, उस परिवार की तरह सिर्फ यह नहीं जताया कि हम 100 रुपये भेजेंगे और 15 रुपये ही आपको मिलेंगे।

प्रधानमंत्री जी ने पहला कार्यक्रम जन धन का इसलिए किया कि हर व्यक्ति के घर तक, हर व्यक्ति को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए हम सक्षम बनाएं, व्यवस्था बनाएं। और आज ख़ुशी होती है जब हम देखतेहैं कि हज़ारों करोड़ रुपये जो बीच में बिचौलिए खा जाते थे वह आज गरीब के घर तक पहुँचते हैं और उसी के कारण आज इस देश में 9 करोड़ से अधिक शौचालय गरीबों के घर में बनाने में सरकार सफल हुई है।

और मैं समझता हूँ हमारी माँ-बहनों के लिए यह उनके सम्मान के लिए बहुत ज़रूरी था कि हर घर में शौचालय पहुंचे और मैं इस बात से बहुत पीड़ित रहता था कि इस देश में तीन में से दो महिलाओं को सूर्योदय से सूर्य उतर जाने तक सनराइज से सनसेट तक शौचालय तक की व्यवस्था इस देश ने नहीं की थी आज़ादी के 65 साल बाद तक। प्रधानमंत्री मोदी जी ने उसको घर-घर तक पहुंचाने का काम अपने ज़िम्मे लिया, और कहाँ 34 प्रतिशत घरों में शौचालय हुआ करता था आजसे पांच साल पहले, आज 95 प्रतिशत घरों तक शौचालय बनाने का काम इस सरकार ने किया है।

इसी प्रकार से आयुष्मान भारत के तहत आज देश में 50 करोड़ लगभग सभी गरीबों को मुफ्त में उनकी स्वास्थ्य की सेवाएं पहुंचाने का काम आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, पीएमजे योजना के तहत आज हर व्यक्ति को, हर गरीब को यह सुरक्षा महसूस होती है कि मेरे स्वास्थ्य की चिंता सरकार करेगी, प्रधानमंत्री मोदी जी करेंगे, अब मुझे कभी मेरे स्वास्थ्य की वजह से लोन नहीं लेना पड़ेगा, अब मेरे स्वास्थ्य के लिए मुझे कभी लोन में दबाव में किसी मनीलेंडर के पास, किसी ऐसे व्यक्ति के पास नहीं जाना पड़ेगा जो आगे मुझे गरीबी में वर्षों-वर्षों तक रखेगा।

अब जिसके भी घर में कोई स्वास्थ्य की समस्या आती है तो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उनको पांच लाख रुपये तक उस परिवार को हर वर्ष मुफ्त में उनको स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। और अभी-अभी हाल में हमने देखा 7 लाख ऐसे लोगों का इलाज अभी तक आयुष्मान भारत के तहत हो चुका है। मैं अनुरोध करूँगा हमारे सभी कार्यकर्ताओं को कि हर घर तक यह योजना की जानकारी पहुंचे, लोगों को गोल्ड कार्ड बनाने में मदद करें और जल्द से जल्द हर व्यक्ति को यह गोल्ड कार्ड मिल जाये जिससे उनको सुरक्षा का माहौल मिले, उनको स्वास्थ्य की सेवाओं के लिए कभी किधर भटकना न पड़े।

इसी प्रकार से बिजली में ऐतिहासिक काम किया गया, आज देश में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसका अधिकार बिजली का वंचित रहेगा, यह बिजली के अपने घर में सुविधा से देश वंचित रख सकेगा। जब हमारी सरकार आयी थी तब लगभग 18,000 गावों तक बिजली पहुंची नहीं थी और ऐसे करोड़ों घर थे जो अभी भी बिना बिजली के चल रहे थे और करोड़ों बच्चों को बिना बिजली के पढ़ाई करनी पड़ती थी, बिना बिजली के जीवन बिताना पड़ता था।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने लाल क़िले से यह घोषणा की कि देश में एक भी गांव ऐसा नहीं छोड़ेंगे जिसमें बिजली न पहुंची हो, और 1000 दिनों की समय सीमा दी और मुझे ख़ुशी है कि 1000 दिन के अंदर हम देश में पूरे हर गांव तक बिजली पहुंचाने में सफल हुए, और 28 अप्रैल 2018 को आखिरी गांव तक बिजली पहुंची और यह गावों सरल गावों नहीं थे। आखिर आप अंदाज़ा लगाइये आज़ादी के 65 साल बाद तक जिस गांव में बिजली न पहुंची हो, कोई पहाड़ों के ऊपर, कोई घने जंगलों में, कोई माओवादी इलाकों में ऐसे इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया। लेकिन इसके पीछे उनकी सोच सिर्फ गावों तक बिजली पहुंचाने की नहीं थी वह भली भांति समझते थे कि पहले गावों तक पहुंचेगी, फिर मजला टोला ढाणी हर जगह हर हैमलेट तक पहुंचेगी और फिर हर घर तक पहुंचाने में हम सक्षम होंगे।

और सौभाग्य योजना के तहत केंद्र सरकार ने यह ज़िम्मेदारी ली कि देश में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं रहेगा, एक भी घर ऐसा नहीं रहेगा जो बिजली चाहता होगा और उसके घर में बिजली नहीं पहुंचेगी। और मुझे आप सबसे बताते हुए ख़ुशी होती है कि लगभग ढाई करोड़ घरों में सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंचाई गयी, हर गरीब को मुफ्त में बिजली दी गयी और आज पूरे देश में मात्र सात-साढ़े सात लाख घर ऐसे रह गए हैं चार राज्यों में जहाँ बिजली पहुंची नहीं है जो लगभग अगले 30-35 दिनों में उन सब घरों तक भी बिजली पहुँच जाएगी। और शत-प्रतिशत इस देश में बिजली का अधिकार और बिजली पहुंचाने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने सफलतापूर्वक इस देश में किया है।

मुद्रा योजना के तहत इसी चौपाल के माइक्रो लोन की तरह 10 लाख रुपये का लोन बिना कोई श्योरिटी के, बिना कोई जामिनदार के जो जामिनदार जो सिक्योरिटी देता है उसके बगैर 10 लाख रुपये तक का लोन हमारे उद्योजकों को मिले, हमारे एंटरप्रेन्योर्स को मिले जो छोटा कारोबार करना चाहे, कोई मोची अपनी दूकान अच्छी बनाना चाहे, कोई ढाबा वाला अपनी दुकान को बड़ा करना चाहे, कोई महिला सिलाई का काम करना चाहे, कोई ई-रिक्शा चलाना चाहे – अलग-अलग प्रकार से इस देश में रोज़गार की व्यवस्थाएं बनें, आत्मनिर्भर बनें हमारे सभी नौजवान उसके लिए 12 करोड़ मुद्रा योजना के तहत 12 करोड़ लोगों को चार लाख करोड़ से अधिक ऋण दिया गया, लोन दिया गया, सस्ते ब्याज पर दिया गया जिससे वह आत्मनिर्भर बन सकें और उनको भी एक अच्छा जीवन बिताने के लिए हम प्रोत्साहित कर सकें।

और जैसा प्रधानमंत्री जी कहते हैं, आज का युवा सिर्फ नौकरी के पीछे नहीं भागता है, वह नौकरियां निर्माण करना चाहता है, वह अपने आप नए रोज़गार के अवसर बनाना चाहता है। और मैं समझता हूँ लोगों को सिर्फ एक प्रकार से सरकार के ऊपर निर्भर रहने के बदले आत्मनिर्भर बनाने का जो काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है उसी का एक प्रतीक आज का यह कार्यक्रम चौपाल का कार्यक्रम है जिसमें 51 लोगों को चौपाल के तहत यह ई-रिक्शा दी जाएगी, 500 महिलाओं को माइक्रो लोन दिया जाएगा, कम ब्याज पर दिया जाएगा।

यह व्यक्ति आत्मनिर्भर होंगे, और लोगों को प्रोत्साहित करेंगे और यह ई-रिक्शा तो पर्यावरण के लिए भी अच्छी है, दिल्ली में हम सब जानते हैं पर्यावरण की कितनी बड़ी समस्या है। और मैं समझता हूँ अगर चौपाल और श्री गोपाल फाउंडेशन और और नए एनजीओ, कोई रोटरी क्लब, कोई लायंस क्लब, भारत विकास परिषद, सेवा भारती, अलग-अलग हमारी जो संस्थाएं समाज में अच्छा काम करने में लगी हैं अगर हम एक मुहिम चलाएं आदेश जी, और हमारे तीनों मेयर और हमारी तीनों म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सब अधिकारीगण चुने हुए प्रतिनिधि अगर एक हम इसको मुहिम चलाएं कि जिस-जिस के पास अभी भी पुरानी रिक्शा है, जो-जो अभी भी हाथ रिक्शा चला रहे हैं, साइकिल रिक्शा, जो भी अभी भी पुरानी रिक्शा चला रहे हैं हम सबको मदद करें, मुद्रा लोन के तहत उनको लोन दिलाएं।

और पूरी दिल्ली में अगर हम सभी रिक्शा को ई-रिक्शा कर दें, हम सरकार और कॉर्पोरेशन मिलकर चार्जिंग स्टेशन सब जगह लगाएं, मेरे जितने स्टेशन हैं सब स्टेशन पर आप चार्जिंग मशीन कहें तो मैं लगवा सकता हूँ। और पूरी दिल्ली में एक मुहिम के तहत सभी को ई-रिक्शा पहुंचा दें तो मैं समझता हूँ दिल्ली के पर्यावरण को भी बहुत फर्क पड़ेगा, हमारे सब रिक्शा चालकों को भी आमदनी बढ़ेगी और जो डीजल-पेट्रोल का खर्चा होता है उसके बदले सस्ती बिजली से यह अपना चार्ज कर सकेंगे।

इसी प्रकार से जो भी महिलाएं आज लाभान्वित हो रही हैं इस योजना से मैं आप सबको मुबारकबाद देता हूँ, बधाई देता हूँ। आप सब सफल हों अपने-अपने काम में, जिस काम में आप इस लोन को ले रही हैं, जिस काम में आप इस लोन का इस्तेमाल करेंगी और जो बहनों को आज लोन नहीं मिल रहा है उनको भी इसकी जानकारी दीजिये और बैंकों के साथ भी आप पार्टनरशिप करके इस काम को और तेज़ गति से बढ़ाएं ऐसी मेरी आशा रहेगी। और इस उम्मीद के साथ कि इस योजना को सिर्फ हम पटेल नगर और इस क्षेत्र में सीमित नहीं रखते हुए पूरी दिल्ली में फैलाएंगे, पूरी दिल्ली में हर बस्ती में, हर इलाके में इस प्रकार का कार्यक्रम किया जाये और अगले 60 दिनों में एक पूरी यह मुहिम चलाकर आप देखिये कितने ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक मुद्रा अथवा चौपाल और बैंकों के पार्टनरशिप से कैसे हमारे रिक्शा धारकों को और महिलाओं को और अच्छा आत्मनिर्भर बनाने में हम सफल हो सकते हैं, इसमें हम सब काम करें।

इसमें जो भी मदद मेरे से व्यक्तिगत रूप में, रेलवे विभाग से या केंद्र सरकार की हो सकती है उसके लिए हम सब तट पर हैं, हम सब पूरी तरीके से आपके साथ लगे हुए हैं और इस प्रकार के आयोजन कम से कम 100 दिल्ली में हों, जब 100thहोगा उस दिन मैं फिर आपके साथ आपके कार्यक्रम में आऊंगा।

बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई आप सबको।

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