Speeches

April 10, 2019

Speaking at a programme on ‘India Moving Towards Superpower’, in Mumbai

… यहाँ तक कि आपने एक्साइज की बात की प्रवीन जी उसी समय जब आपकी स्ट्राइक चल रही थी, नाईट वॉचमैन की तरह, मुझे बुलाया नहीं था वैसे आपके जेम एंड जेवेलरी कॉउन्सिल ने। जो व्यक्ति आने वाला था वह अवॉर्ड देने के लिए जयपुर में वह व्यक्ति आया नहीं था तो प्रवीण जी के पास तो मेरा Right of First Refusal (RoFR) है तो उन्होंने फ़ोन किया और एक दिन के नोटिस पर मैं जयपुर आया था। और स्ट्राइक चल रही थी तो मेरे ऑफिस ने …. आशीष जी बोल रहे थे इतना बोलोगे 15 मिनट में? मैंने कहा नहीं, यह सरकार में रहने के बाद एक व्यवस्था बन जाती है कि जैसे ही आपका प्रोग्राम तय होता है उठाकर इतने सारे पॉइंट्स लिख देते हैं तो मैंने कहा मैं तो फिर प्रवीण जी का ही जवाब दूंगा।

लेकिन वास्तव में उस दिन जब स्ट्राइक चल रही थी मुझे बार-बार मेरे अधिकारी बोले ‘आप साहब उधर स्ट्राइक का और यह एक्साइज का विषय ही मत निकालो और जहाँ तक मुझे याद है मैंने सिर्फ एक ही विषय पर उस दिन बात की थी आप लोगों से। और जो पूनम जी ने कहा मैं उसको दोहराना चाहूंगा कि तहे दिल से आपकी पूरी इंडस्ट्री का धन्यवाद करना चाहूंगा जिसने हर पल मोदी जी के प्रयासों को, एक ईमानदार व्यवस्था बनाने के प्रयासों को हर समय मदद की, हर समय उसके साथ जुड़े और बाधा के बदले उसको एक आगे के भविष्य के अच्छे सफल प्रयासों को आपकी इंडस्ट्री ने अपनाया उसको बाधा नहीं समझा उसको आपने अपनाया उसके लिए उनके साथ मैं भी आपका तहे दिल से धन्यवाद करना चाहूंगा।

आपके अध्यक्ष मेहुल शाह जी, रसल मेहता जी, महेंद्र गाँधी जी, किरण गाँधी जी और एक प्रकार से हम सबके प्रिय और जितना ज़्यादा मैं किरीट भाई को डांटता हूँ शायद इस इंडस्ट्री में और कोई नहीं डांटता होगा। वह बेचारे लगे रहते हैं मेरे पीछे पीयूष भाई, यह करना है वह करना है, और मैं हर बार बोलता हूँ तुम्हारी इंडस्ट्री में हमें कोई काम नहीं करना है। सही बात है? लेकिन वह प्यार से उनका भी अधिकार है मेरे ऊपर और जितना वह लगे रहते हैं आपके इंडस्ट्री के लिए, वास्तव में एक बार आप आपकी टीम के लिए ताली बजाइये जिन्होंने आपके लिए… वास्तव में बिना सोचे कि उनके व्यापार का लाभ नुकसान – और यहाँ प्रवीण जी हों, रसल भाई हों या किरीट भाई हों आज तक व्यक्तिगत काम के लिए कभी नहीं आये, कभी नहीं।

और आप सभी का धन्यवाद आपने इतनी अच्छी तरीके से हम सबका स्वागत किया यह मौका दिया आप सबको मिलने का। और वास्तव में मैं समझता हूँ अगर  आज देश को एक उज्जवल भविष्य की तरफ लेकर जाना है तो वह जब तक एक संवेदनशील सरकार न हो जो इंडस्ट्री की बात न समझे और जब तक एक ज़िम्मेदार इंडस्ट्री न हो जो सरकार के हिसाब से बदलने के लिए तैयार न हो।

यह मिलन के बगैर भविष्य उज्जवल हो ही नहीं सकता है। मैं समझ सकता हूँ एक ज़माना था जब देश की अर्थव्यवस्था भी टूटी फूटी थी, हम फ्रेजाइल फाइव इकॉनमी माने जाते थे, corruption was an accepted phenomena. स्वाभाविक रूप से आपको कस्टम में इनकम टैक्स में सब जगह रिश्वतें देने के लिए मजबूर किया जाता था। एक समय ऐसा था जब विश्व में भी भारत की कोई बड़ी लम्बी चौड़ी साख नहीं रह गई थी, आज से 5-7 साल पहले का दृश्य याद करिए। स्कैम्स एक के बाद एक खुलते थे जिससे विश्व में भी भारत की विश्वसनीयता भी ख़राब होती जा रही थी।

और ऐसी परिस्थिति में अगर कोई दुर्भाग्य से किसी ने गलत काम भी करने की ज़रूरत पड़ी किसी को तो उसका पूरी इंडस्ट्री के ऊपर अगर कोई पेंट करना चाहे, चाहे ब्लैक पेंट लगाना चाहे तो वह 100% गलत है। उस समय की आपकी मजबूरी आज आपकी ताकत बननी चाहिए जब आप ईमानदार व्यवस्था की तरफ बढ़ने के कदम उठा रहे हैं। और मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूँ प्रधानमंत्री मोदी जी हो, पूरा केंद्र सरकार या भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता हो हम सब आपके साथ इस नए बदले हुए युग में प्रवेश का समर्थन करते हैं।

सही बात है, अगर बैंकिंग फ्रॉड कोई एक-दो लोग करते हैं तो उसका कोई पूरी इंडस्ट्री के ऊपर खामियाना हो यह तो ज़रा भी एक्सेप्टेबल नहीं हो सकता है। और मैं समझ सकता हूँ आपकी पीड़ा कि एलओयू हटाया वह तो अच्छा ही किया, कोई outside the banking system कोई एक अलग क्रेडिट फैसिलिटी वास्तव में it should never have been there. यह भी कांग्रेस के टाइम पर introduce हुई थी एक particular कारण से, short-term measure था का एक ज़माने में जब बैंकिंग में हमारे पास foreign exchange reserves कम थे और इंडस्ट्री को सपोर्ट देने की आवश्यकता शायद उस समय लगी थी लेकिन इतने वर्षों तक चलते गई और कांग्रेस ने उसको allow किया,बंद नहीं किया। और यह जो दोनों कम्पनीज में स्कैम निकला यह शायद 2011-12 से चलते आ रहा था और हमने तो उसको unearth किया, उसको रोका और उस रोकने के कारण मैं समझता हूँ थोड़ी तकलीफ आपको ज़रूर हुई होगी लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि वह रोकना आपके हित में था क्योंकि लम्बे अरसे तक अगर किसी इंडस्ट्री को हमें तैयार करना है विश्वस्तरीय बनने के लिए तो गलत कामों के आधार पर कभी नहीं हुआ है।

और हम जितना ज़्यादा प्रवेश करेंगे ईमानदार व्यवस्था में उतना ज़्यादा हम सबका भविष्य सुधरेगा, बैंकों को भी विश्वसनीयता बढ़ेगी जिनको आपको लोन लेना है। और मैं समझता हूँ कि 12 लाख रोज़गार आप दे रहे हैं यह तो कम है आपका जो इकोसिस्टम है वह और ज़्यादा लोगों को प्रभावित करता है। आपने शायद 12 लाख में पता नहीं गिना कि नहीं जो लाखों दुकानें हैं, सिर्फ डायमंड की बात कर रहे हैं, तो वह तो एक प्रकार से इसका प्रभाव तो पूरी इंडस्ट्री पर पड़ा है – डायमंड हो, जेम एंड जेवेलरी हो, गोल्ड हो उसके रिटेल स्टोर्स हों तो मेरा एक सुझाव है, अभी तो हम आचार संहिता के बीच में है। 60 लाख परिवार – छोटी बात नहीं है।

और मेरा तो, अभी आज कल आचार संहिता चल रही है हम कुछ बोल नहीं सकते कुछ अन्नौंस नहीं कर सकते। पर मैं समझता हूँ महीने भर और की बात है, 23 तारीख को काउंटिंग के बाद आचार संहिता भी ख़त्म हो जाएगी। और उसके लिए प्रवीण जी मैं एक प्रधानमंत्री और आपके दोनों के बीच की बात जो मेरे सामने हुई है वह आप सबको आज खुलासा करना चाहूंगा। प्रवीण जी ने एक बहुत अच्छा कार्यक्रम रखा था बनारस में माननीय प्रधानमंत्री जी के लिए यह मूल रूप से बनारस के रहने वाले हैं।

और उस समय जब बात हुई about the diamond industry तब जहाँ तक मुझे याद है प्रधानमंत्री जी ने इनको एक ज़िम्मेदारी दी थी, उन्होंने कहा था यह छोटी सोच ख़त्म करो, एक बड़ी छलांग लगाने के लिए एक बड़ी सोच के साथ कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग कैसे और ज़्यादा बढ़ सकता है। माइनिंग हम बढ़ा सकते हैं क्या, डायमंड की माइनिंग भारत में, उन्होंने कहा था कि टेक्नोलॉजी की ……. अगर हम यह देश अब ईमानदार व्यवस्था की तरफ जा रहा है – अगर हम ईमानदार व्यवस्था के साथ क्या मांगते हैं और उसमें क्या चेक्स एंड बैलेंसेस डाल सकते हैं जिससे यह मिसयूज की संभावना ख़त्म हो तो बहुत सारी संभावनाएं खुल जाती हैं।

आप फाइनेंसिंग को ले लो यह दो कांड नहीं है भैया, आपने दो कांड का ज़िक्र किया था, मैं 12 कांड आपको गिना सकता हूँ पर करना उचित नहीं रहेगा। मैं आज आपका मेहमान हूँ। क्या है वह ‘कुछ तो लोग कहेंगे’, वह वाली बात है। अब नहीं हैं भैया लेकिन पुराने नाम नहीं लेना चाह रहा हूँ व्यक्तिगत केसेस चल रहे हैं, जो भी है डिटेल्स मुझे इतनी नहीं मालूम है लेकिन कुछ कांड ऐसे होते गए पीरिऑडिकली जिसके कारण बैंकिंग व्यवस्था में भी विश्वसनीयता आज एकदम जिसको कहते हैना चक्का जाम है। पर ऐसे हम हताश होकर नहीं बैठ सकते, अब हमें बैठकर विचार करना पड़ेगा इस चक्के को कैसे खोला जाये।

उदाहरण के लिए क्या हम टेक्नोलॉजी की सहायता लेकर, आखिर इसके साथ बहुत सारी चीज़ें जुडी हुई हैं। कस्टम्स भी आपको कई बार हरैस करते एक बार किरीट भाई का फ़ोन आया था कि जीएसटी वालों ने पैकेट्स उठाकर डायमंड के सीज़ कर दिए, दो महीने तक सीज़ करके रखे। वैसे वास्तव में जब यह एक्साइज का विषय हुआ या जीएसटी दोनों समय हम साथ में बैठे थे, मेरा काम भी नहीं था दोनों टाइम मैं इन्वॉल्व नहीं था एक्चुअली। एक कूदने की आदत है समस्या के अंदर दुर्भाग्य से उस चक्कर में आ गया मैं। पर रास्ता आपके साथ बैठकर लिखा, एकदम स्मूथ हो गया, उसके बाद मुझे लगता है आज तक कभी हमने एक कंप्लेंट वह एक केस के अलावा मैंने तो और कोई कंप्लेंट नहीं सुनी है।

हमने सिमिलरली इनकम टैक्स में ऐसे काफी बदलाव किये हैं, लिमिट्स जिसके ऊपर अपील में जाएंगे वह बहुत बढ़ा दिए, जीएसटी के लिमिट्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज के लिमिट्स बढ़ा दिए। कई बार लोग कहते हैं बहुत नोटिसेस आ रहे हैं, थोड़े समय में फाइनेंस में था तो मैंने पूरी डिटेल्स भी देखी। वह चक्कर क्या होता है अगर प्रवीण जी के यहाँ पर अगर एक छोटा रेगुलर एंक्वाइरी भी आ जाये कि आपने वह 20 लाख रुपये की ट्रांसैक्शन की थी उसका ज़रा और खुलासा चाहिए, क्योंकि यह इन्फ्लुएंशियल व्यक्ति हैं यह एक बार बोलेंगे तो सबको लगता है जैसे मेरे पास नोटिस आ गया है या आने वाला है।

और आज के दिन आंकड़े आप सुनिए, 99.6% income tax returns as it is accept होते हैं – 99.6%. टेक्नोलॉजी के माध्यम से अगर कोई आपके पास आकर बोले पैसे दे दो मैं स्क्रूटिनी से बचा दूंगा या तुम्हारे यहाँ रेड होने वाली है उस सर्वे से बचा दूंगा, वगैरा। यह सब झूट है, किसी पर विश्वास मत करिए, सब टेक्नोलॉजी ड्रिवेन हमने कोशिश की है और आगे और बढ़ा रहे हैं। 99.6% return accept होकर आप सबके refunds भी आपके अकाउंट में या घर पर डायरेक्ट आये हैं इस साल। आप याद करिए 70-75,000 करोड़ के रिफंड सीधा आये, आपको जाकर जूते नहीं घिसने पड़े रिफंड के लिए। और किसी का रह गया हो तो तुरंत आपके एसोसिएशन के थ्रू चिट्ठी लिखिए अजय भूषण पांडेय रेवेन्यू सेक्रेटरी। ऐसी व्यवस्था बनाई है कि टेक्नोलॉजी तय करेगा स्क्रूटिनी किसका होना चाहिए।

अब suddenly एक करोड़ रुपये के फार्म की प्रॉपर्टी के ऊपर कोई व्यक्ति के 70 लाख रुपये की एनुअल इनकम और रेंटल इनकम, जानकारी है कि नहीं? अभी-अभी एफिडेविट फाइल किया तो चलो यूपी से तो भाग गए और किधर चले गए, हमारी स्मृति बहन के डर से एक दम ……  हमारी 73 की 74 सीटें तो …… हो गई यूपी में। तो अभी हम देखते थे इलेक्शन एफिडेविट एक फार्म है एक करोड़ रुपये का और किसी ने वेबसाइट पर देखा था और उसका खंडन नहीं किया अभी तक, उसके ऊपर कोई जवाब नहीं दिया है। रोज़ कुछ न कुछ …. लिखते रहते हैं लेकिन कोई खुलासा अभी तक नहीं कर पाएं हैं कि एक करोड़ रुपये के फार्म हाउस में ऐसी क्या चीज़ है जो आपको 60 और 70 लाख रुपये सालाना रेंट मिलता है। अगर ऐसा होगा तो डायमंड इंडस्ट्री बंद करके सब लोग रेंट पर लगा देंगे। मुझे लगता है डायमंड इंडस्ट्री को सब बंद करके किराए पर लगाना शुरू कर देंगे।

पर मेरा मानना है कि यही चीज़ें रोकने के लिए शायद आपने मोदी जी को चुना था, पांच साल तक लगातार मोदी जी ने एक ईमानदार व्यवस्था देश को दी है, एक रुपये का दाग कोई नहीं लगा सकता। और इनका बस चले तो यह तो कभी कोई डिफेन्स की भी इक्विपमेंट खरीदने ही नहीं दे इस देश को बिना कमीशन के, अभी सामने यह भी आ गया है कि राफेल का इनको तकलीफ क्या है, पेट में क्यों दर्द हो रहा है? क्योंकि जो दूसरी कंपनी थी उसके पास से कुछ न कुछ सांठगांठ था और दूसरी कंपनी सेलेक्ट नहीं हुई L1 में तो इन्होंने तो 10 साल तक ऑर्डर भी नहीं दिया जिसके कारण आज एक मिग के ऊपर हमारे पायलट्स को ट्रेवल करना पड़ता है, एयर फ़ोर्स के पास कोई मॉडर्न एयरक्राफ्ट है ही नहीं फिर भी हमारे एयर फ़ोर्स के पायलट्स में इतना काबिलियत है कि मिग से एफ-16 को गिरा सकते हैं।

और वैसे राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं रहेगी और इनका कभी मैनिफेस्टो देखो तो यह तो सेडीशन लॉ भी हटाना चाहते हैं कि मतलब देश द्रोह करो और खुले छूट हो जाओ, आपको जेल भी नहीं होगी आपको बेल मिल जाएगी। मतलब आतंकवादी लोगों के लिए भी मज़ा मस्ती मौज। पहले उन्होंने पोटा निकाला आपको याद होगा और मुंबई में जो दृश्य हुआ था वह तो आप सबको याद है, हमारे कितने मित्र भी उसमें गए हैं, इस रूम में कोई एक व्यक्ति नहीं होगा जिसका कोई मित्र उस 26 नवंबर 2008 की घटना में। और उसके बाद भी सेना बल कहती हमारी पास शक्ति थी हम जवाब दे सकते थे हमें आदेश नहीं मिला, हमें मौका नहीं मिला। एक मात्र नरेंद्र मोदी हैं जिसके पास हिम्मत है जो सेना को भेज सकते हैं पाकिस्तान में।

आखिर बताओ और कोई नेता का नाम लेकर यहाँ पर बता दो जो सेना को लाइन ऑफ़ कंट्रोल भी क्रॉस करके पाकिस्तान में जाकर जड़ से आतंकवाद को ख़त्म करने की हिम्मत रखता हो इस देश में। और देश ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो हम क्या डायमंड का व्यापार करेंगे और क्या दुनियादारी करेंगे, आप बताइये। मुझे याद है एक बार पार्लियामेंट में डिफेन्स मिनिस्टर एंटनी साहब कुछ वक्तव्य दे रहे थे उसमें बोल रहे थे कि अगर मेरे पास कुछ एनोनिमस कंप्लेंट भी आती है तो  मैं सब रोक देता हूँ काम और सीबीआई एंक्वाइरी लगा लेता हूँ। मैं खड़ा हुआ, मैं विपक्ष में था मुझे विपक्ष में रहकर भी देश की चिंता थी राजनीति नहीं करना चाहता था। मैं खड़ा होकर मैंने कहा मंत्री जी, एकज़ैक्ट वर्ड मुझे याद नहीं है कैसे एड्रेस किया होगा, मैंने कहा यह सब एनोनिमस कंप्लेंट पर अगर आप ऐसे करोगे तो आप कोई निर्णय ही नहीं ले पाओगे भारत की सुरक्षा कोम्प्रोमाईज़ होगी। In opposition I was telling him that.

कांग्रेस को तो लगा मैं उनकी आलोचना कर रहा हूँ, हल्ला-वल्ला करके हम माइनॉरिटी में थे, हल्ला करके मुझे चुप करा दिया। मैं हैरान था कि मैं तो मदद करने की कोशिश कर रहा हूँ ऐसे तो एनोनिमस कंप्लेंट कल आपके किसी के भी खिलाफ कोई आ जाए और सीबीआई कम्प्लेंट्स पर कार्रवाई होनी शुरू हो जाए तो भारत चलना बंद हो जाएगा। लेकिन हम ऐसे कोई आलोचना से डरने वाली सरकार नहीं है, दामन साफ़ है दिल साफ़ है और हिम्मत मज़बूत है। हमारा निर्णायक नेतृत्व है, हमारा नेतृत्व कोई डरता नहीं है। और क्योंकि जब ईमानदार सरकार होती है तो हिम्मत से निर्णय भी लेती है तब जाकर भारत की मॉडर्नाइज़ होगी एयर फ़ोर्स, मॉडर्नाइज़ होगी आर्म्ड फोर्सेज, तब जाकर हमारे आर्म्ड फोर्सेज को हिम्मत होगी कि टेर्रोरिस्ट्स का मुकाबला कर सकें और मुंहतोड़ जवाब दे जब भी कोई आतंकवादी हमारी तरफ गलत आँखों से देखे।

और मैं समझता हूँ कि कांग्रेस को जिस प्रकार से देश चलाने की इच्छा है, अभी मैनिफेस्टो में लिखा Armed Forces Special Powers Act हटा देंगे। वैसे कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण आज कश्मीर घाटी की हालत देखिए क्या हो गई है, सब हिन्दुओं को बाहर निकाल फेंका है, आज कोई हिन्दू नहीं पूरी घाटी में, कोई सिख नहीं है, कोई पारसी नहीं है कोई नहीं है। सबको बाहर निकाल दिया है और अगर आतंकवादी लोगों के ऊपर आर्म्ड फोर्सेज और आर्मी और पैरामिलिटरी फ़ोर्स कश्मीर से हटा दो तो आप कश्मीर नहीं बचा पाओगे, और अभी आज कल फ़ारूक़ अब्दुल्ला और उनके लड़के के बयान देखो तो यह तो देश को बांटने के लिए भी तैयार हैं इतने मजबूर हो गए हैं। और उसमें यह कहते हैं Armed Forces Special Powers Act निकालो, आपको पता है उस ऐक्ट में क्या लिखा है? उस ऐक्ट में सिर्फ प्रोटेक्शन दी है कि हमारे आर्मी के लोग या पैरामिलिटरी फोर्सेज के ऊपर अनाप शनाप झूटी कंप्लेंट पर सीधा केस नहीं फाइल होगा, बस इतना ही प्रोटेक्शन दी है। नहीं तो जितने लोग वहां काम करने जायेंगे उनपर अनाप शनाप झूठे केस करके सबका मनोबल तोड़ देंगे आतंकवादी लोग।

और यह छोटी बात लगती होगी हमें यहाँ मुंबई में बैठे लेकिन देश को चिंता करने की आवश्यकता है कि भारत माता को अगर एक रखना है, भारत माता को अखंड रखना है, भारत माता को विभाजित नहीं होने देना है तो हमको एक मजबूत सरकार चाहिए, हमको एक निर्णय लेने वाली सरकार चाहिए और साथ ही साथ हमको एक अच्छी अर्थव्यवस्था भी चाहिए। और अच्छी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भाइयों और बहनों आपको हमारी मदद करनी है, आपको एक मन बना लेना पड़ेगा कि अगर कोई व्यक्ति गलत काम करता है तो हम whistleblower बनेंगे।

प्रवीण जी आपने ज़रूर कहा और मैंने नोट किया कि फ्रॉड की हमें कोई जानकारी नहीं थी, मैं थोड़ा इस बात पर आपसे …. रखता हूँ। इस रूम में आधे लोगों को बहुत कुछ जानकारियां थी और आज भी जानकारियां होंगी कौन लोग गलत काम कर रहे हैं। मैं आपको क्यों थी बताता हूँ। मैंने आपको पहले इनकम टैक्स की भी बात की, देखिए किस वैल्यूएशन पर लोग लोन ले रहे हैं बैंकों से, किस प्रकार से वैल्यूएशन हो रही है डायमंड्स की यह जानकारियां हम सबको हैं, मुझे भी है आपको भी है। यह unfortunately, कुछ लोग जो गलत काम करते हैं उसका जो खामियाना पूरी मार्किट को लेना पड़ता है यह इसका एक प्रतीक बन गया है।

और मैं समझता हूँ अगर हम मार्किट में whistleblowers बन जाएं जो भी लोग गलत काम कर रहे हैं उसका whistleblower हम बनते हैं या एसोसिएशन यह ज़िम्मेदारी लेता है तब बैंकिंग व्यवस्था भी खुल जाएगी, तब कठोर एक प्रकार से आपको लगता है कि इतने ज़्यादा रिकॉर्ड या यह वह यह सब सुलझ सकता है लेकिन इसके रास्ते हमको ही खोजने पड़ेंगे मिल बैठकर।

अगर हम सोचें दूसरा कोई करेगा बाहर से आकर, आपकी इंडस्ट्री हम क्या समझते हैं, सरकारी बाबू कहाँ समझते हैं। आपकी इंडस्ट्री आप ही समझते हैं, चेक्स एंड बैलेंसिस क्या लगाना है वह आपको बनाना पड़ेगा, जब आप बनाओगे व्यवस्था, फाइनेंसिंग की बात ले लो मेरा मानना है अगर टेक्नोलॉजी की मदद लेते हैं तो एक अच्छा सिस्टम बन सकता है जिसमें पर्याप्त चेक्स एंड बैलेंसिस हो सकते हैं जिससे कभी भी कोई फ्रॉड हमारी इंडस्ट्री में न हो।

दूसरा रास्ता मैं सुझाव दे सकता हूँ, अगर आपको हिम्मत है कि आपको मालूम है कि हम सब ईमानदार लोग बैठे हैं तो हम एक गारंटी फंड क्रिएट कर सकते हैं, गारंटी फंड में हम सब कंट्रीब्यूट कर सकते हैं, हर एक व्यक्ति का ट्रिपल ए रेटिंग हो जाएगा, हर एक borrower का यहाँ बैठे ट्रिपल ए रेटिंग हो जाएगा अगर हम एक गारंटी फंड बनाते हैं। और आपका एसोसिएशन इसमें तैयारी करे। अगर भारत को वास्तव में सुपरपावर बनना है तो हमारी सोच को बदलना पड़ेगा और एक छलांग लगानी पड़ेगी हर एक इंडस्ट्री को और वह छलांग तभी हो सकती है जब ईमानदार व्यवस्थाएं हर इंडस्ट्री में आएं।

अब देखिये टेक्सटाइल भी अभी जुड़ गयी है पूरी तरीके से, आप लोग भी जुड़ गए हैं। यह बड़े-बड़े इंडस्ट्रीज हैं और मेरा मानना है कि अगर आप लोग अगले 30-40 दिन में बैठकर एक अच्छा फ्रेमवर्क बनाएं, फ्रेमवर्क ऐसा बनाएं कि हम टेक्नोलॉजी यूज़ करके चाहे फाइनेंसिंग की समस्या हो, चाहे कस्टम अप्रेसल की समस्या हो, चाहे इनकम टैक्स और इनकम टैक्स में प्रोफिटेबिलिटी या वैल्यूएशन – मुझे याद है एक आपने विषय मेरे सामने रखा था presumptive tax बहुत ज़्यादा है, अलग-अलग विषय हैं, मुझे याद नहीं है क्या-क्या है आज कल, मुझे करंट विषय मालूम नहीं है।

पर जो-जो विषय अलग-अलग लोगों के समक्ष आते हैं वह अगर आप लोग निकालते हैं हो सकता है कुछ अच्छे टेक्नोलॉजी वालों को यूज़ करके उसमें से मार्ग निकालें, हो सकता है कोई रिटायर्ड बैंकर, रिटायर्ड आरबीआई के लोग को आप जोड़कर उनसे गाइडेंस लें कि क्या तरीके से हम एक ऐसा सिस्टम बनाएं कि हमारे ट्रेड को पर्याप्त फाइनेंसिंग मिले।

मैं तो आगे जाऊंगा, समझो diamond bourse या आपके diamond association एक पहल करें कि हम एक इंस्टीटूशन खड़ा करेंगे, थोड़ा रिस्क है, कॉन्सेंट्रेशन रिस्क है उसमें पर हम एक इंस्टीटूशन खड़ा करेंगे जिसमें पारदर्शी था – जैसे कोआपरेटिव बैंक्स होते हैं – जिसमें पारदर्शी तरीके से फाइनेंसिंग होगा और इंटरनल गारंटी करेंगे दूसरे का। अपने आप आपकी पूरी इंडस्ट्री ट्रिपल-ए हो जाएगी, फाइनेंसिंग की कभी कमी नहीं आएगी, एक्सपोर्ट के लिए फॉरेन एक्सचेंज में फाइनेंस मिलेगा जो दो-ढाई-तीन परसेंट पर मिल सकता है, आर्गेनाईजेशन में कैपिटल होगा तो क्रेडिट रेटिंग उसकी भी अच्छी होगी, वह विदेश से सस्ते दाम पर ले सकता है, आपकी इंडस्ट्री में ही अगर देना है तो आपको कोई 10,000 branches नहीं बनाने पड़ेंगे, खर्चे कम रहेंगे।

I am just throwing an idea बहुत सारे possibilities हैं, पर हमको उसके रास्ते निकालने खोजने पड़ेंगे बजाये कि यह वाद-विवाद में पड़े कि सरकार ने कुछ किया नहीं, हमने ठीक किया हम तो सब ठीक हैं, एक अच्छा है दो अच्छे हैं, चार ईमानदार हैं, दो बेईमान हैं इस सबमें पड़ना ही क्यों है? हम व्यवस्थाएं ठीक कर देते हैना? तो मुझे लगता है अगर इस चीज़ पर आप लोग थोड़ा पहल करें और कोशिश करें कि हम छोटा न सोचें, बड़ा सोचें। जैसे ही आपका स्केल बढ़ेगा वैसे ही चीज़ें अपने आपमें सरल होनी शुरू होंगी।

और to my mind, eliminating fraud is not a very difficult thing. जितनी transparency आएगी उतना fraud eliminate होगा। मैंने जितने विभाग देखे मेरा तो अनुभव है कि फ्रॉड एलिमिनेट करने का एक मात्र तरीका है ट्रांसपेरेंसी। और मैं एक उदाहरण देकर अपनी बात ख़त्म करूँगा। मैंने अभी-अभी आचार संहिता लगने के पहले, करीब आज से डेढ़ महीने पहले एक रेल दृष्टि वेबसाइट दी है और आपके फ़ोन पर भी आप देख सकते हो एक ऐप्प रिलीज़ की है। और यह छोटा एक example दे रहा हूँ लेकिन इसमें बहुत गहरा मैसेज दे रहा हूँ, यह आप भाई साहब सोचना इसके बारे में। यह रेल दृष्टि के ऐप्प में मैंने अपने जितने kitchens हैं रेलवे के kitchens हैं उन सब kitchens का भी लाइव फीड, जहाँ पर खाना बनता है, लाइव फीड भी आपको दे दिया। आप अपने फ़ोन पर अभी तक 16 kitchens का लाइव फीड आ गया है और बढ़ते रहेंगे।

तो आप जो खाना खा रहे हैं, आगे चलकर मेरी व्यवस्था ऐसी है कि आपको खाना जब आएगा आप फ़ोन से उस पैकेट के ऊपर क्लिक करेंगे उधर बार कोड होगी आपके फ़ोन पर वह किचन आ जाएगा जिसमें से वह खाना बनकर आया है। सिंपल है, टेक्नोलॉजी का माध्यम है, बार कोड है आप क्लिक करोगे और वह सीधा immediately live feed आएगा इस किचन से आएगा उसकी पहल की है कि किचन को डाल दिया है अभी और बाकी वह लोग किचन वर्किंग कर रहे हैं यह पूरे प्रोसेस को बनाने में।

चार-छः दिन रह गए थे लॉन्च करना था मेरा ऑफिस आया मेरे पास और यह मैं पब्लिक्ली बोलता हूँ क्योंकि मुझे इसमें कोई शर्मिंदगी नहीं है। रेलवे के कार्य की क्वालिटी की समस्या थी वह आप सबको मालूम है, सूरत तो आप जाते ही होंगे यहाँ से, बुलेट ट्रेन का इंतेज़ार होगा आपको। तो मेरे ऑफिस के लोग और थोड़े आईआरसीटीसी के लोग आये भागते हुए, ‘साहब यह किचेंस का तो रोकना पड़ेगा,’ मैंने कहा क्यों रोकना पड़ेगा? बोलते हैं साहब हम पीछे मॉनिटरिंग कर रहे थे तो एक किचन में एक चूहा दिखा। I am not joking, I am giving you the honest truth जो हुआ यह लॉन्च के चार-छः दिन पहले। मैंने कहा आज तो मेरा विश्वास और पक्का हो गया कि यह किचन देनी ही है लाइव फीड, क्योंकि अब जब जनता मेरा मॉनिटरिंग करेगी, मीडिया के लोग मेरा मॉनिटरिंग करेंगे तो मेरे अधिकारी ज़िम्मेदारी से देखेंगे कि कोई चूहा आ नहीं सके उसके अंदर।

यह रास्ते खोलने का काम उनका है, तनख्वाह मिलती है, मुझे भी तनख्वाह मिलती है। I am a public servant. आपके टैक्स में से मेरी भी तनख्वाह मिलती है। तो मैंने कहा अब तो पक्का आएगा और आज वह लाइव फीड आपके फ़ोन पर आपको मिलेगी। So that ज़िम्मेदारी हो और यह पहली सरकार है भाइयों बहनों, मैं आंकड़ों में नहीं जा रहा हूँ हमने क्या-क्या काम किया, मैं अपने संकल्प पत्र की बातों में नहीं जा रहा हूँ, मैं सिर्फ सोच बताने की कोशिश कर रहा हूँ यह है मोदी जी की सोच और इस सरकार के काम करने का ढंग।

अब अपने आप से अगर कोई गलती से भी कुछ गलत हुआ उस किचन में तो लोग ज़िम्मेदार ठहराए जाएंगे, उनपर कार्रवाई होगी और मैं भी ज़िम्मेदार रहूँगा, मेरी भी ज़िम्मेदारी आप सबके सामने रहेगी। जब तक मैं अपने आपको आपके समक्ष ज़िम्मेदार नहीं ठहराऊंगा, और ऐसे मैं हज़ारों आपको किस्से सुना सकता हूँ पांच साल के कार्यकाल में।

बीच में जमुई करके कोई जगह है बिहार में, चिराग पासवान जी जहाँ से है। मुझे जाना था दो दिन पहले अफसर आकर बोलते हैं साहब आप नहीं जा सकते हो। मैंने कहा क्यों? बोलते हैं वहां बहुत आतंकवादी गतिविधियां रहती हैं और बहुत पुराना अड्डा है, मैंने कहा फिर तो पक्का जाना पड़ेगा। अगर मैं डरूं जाने से तो पब्लिक का क्या हाल होता होगा वहां पर तो जनता का क्या। और मैं डरूंगा तो फिर अधिकारी को कैसे भेजूंगा?

मैंने कहा सब अधिकारी चलेंगे मैं जाऊंगा पब्लिक मीटिंग करूँगा, और पब्लिक मीटिंग की वहां पर जाकर। अब दुर्भाग्य है कल जिस प्रकार का कांड हुआ है छत्तीसगढ़ में, हमने 15 साल सरकार चलाई एकदम आतंकवादी गतिविधियों को कम किया था छत्तीसगढ़ में, लोग हथियार छोड़कर मेनस्ट्रीम में आने शुरू हो गए थे, सबसे कम नक्सलवादी, उग्रवादी जो काम हुआ पिछले 15 साल में छत्तीसगढ़ में हमने कम करने का काम किया, सबसे कम अटैक्स उस समय आये। और देखिए कल हमारे विधायक को ही उड़ा दिया उन्होंने।

तो मैं समझता हूँ कि देश एक ज़िम्मेदार सरकार चाहती है, एक जवाबदेही सरकार चाहती है और ईमानदार सरकार चाहती है। जैसे ही यह तीन आ जाएं फिर आपको और हमें मिलकर समाधान ढूंढने में कभी तकलीफ नहीं होगी कोई भी समस्या की जैसे पहले भी हुआ है। आज यह बैंकिंग की समस्या से मैं पूरी तरीके से आपके साथ हूँ, तो I understand your problem. पर इसको resolve भी साथ में बैठकर करना पड़ेगा, तो आप तैयारी करिए, कुछ ग्रुप बनाइये, मैं unfortunately involve नहीं हो सकता हूँ आचार संहिता के कारण लेकिन आप लोग करिए, एक महीने के बाद, 23 तारीख के बाद 24 को बुलाना मुझे।

और उस देश को जिस प्रकार से आज हमने विश्व की एक शक्ति बनाने की कोशिश की है और जैसा प्रधानमंत्री जी कहते हैं जब भारत की साख दुनिया और देश की साख बढ़ती है तो हम सबके व्यापार के लिए अच्छा है, हमारे भी भाई बहन दुनिया भर में रहते हैं उनकी भी साख बढ़ती है। आज किधर भारत का पासपोर्ट दिखाओ तो इज़्ज़त से देखता है। और यह हम सब ध्यान रखें कि भारत का जो पोटेंशियल है अभी तक तो मात्र 2-4% भी नहीं टैप हुई है, 130 करोड़ लोगों का देश और कोई दुनिया में ऐसी जगह नहीं है जहाँ इतनी बड़ी मार्किट हो जो भारत के पास है, सबको आना पड़ेगा भारत में बिज़नेस करने।

तो हम कमज़ोर न हों, मज़बूती से व्यापार करें, हिम्मत कभी नहीं हारें, हिम्मत से विश्व शक्ति बनने का काम करें और प्रधानमंत्री जी का जो निजी संकल्प है, जो भारतीय जनता पार्टी का और हमारी सरकार का भी संकल्प है कि भारत एक developed nation, एक superpower के रूप में पूरे विश्व ने पहचानना चाहिए, जैसे आज भारत की कही हुई बात को कोई नहीं टाल सकता है वैसे ही आगे आने वाले कल में भारत डिक्टेट करेगा विश्व का एजेंडा और हम भारतीय, 130 करोड़ भारतीय तय करेंगे आगे के आर्थिक प्रगति का मार्ग किस प्रकार से विश्व में तेज़ गति से विकास हो यह तय करने का अधिकार 130 करोड़ भारतियों का होना चाहिए।

और उसके लिए मैं आप सबसे दरख्वास्त करूँगा कंधे से कंधे मिलाकर हमारे भारतीय जनता पार्टी शिवसेना को और देश भर में भारतीय जनता पार्टी और हमारे अन्य मित्र दलों को आपका पूरा ट्रेड और आपके सभी के दोस्त, रिश्तेदार, भाई बहन, पडोसी, कामगार, मित्र बंधु उन सबको प्रोत्साहित करिए कि जिस दिन वोटिंग है, पहली बात तो छुट्टी नहीं लेना, छुट्टी लेना लेकिन वोटिंग के लिए, बेल्जियम मत भाग जाना।

मुझे डर है थोड़ा क्योंकि एक तारीख भी छुट्टी है, 27-28 भी छुट्टी है, 29 भी अब छुट्टी होगी, मैं आप से हाथ जोड़कर विनती करता हूँ एक भी व्यक्ति कोई जाना नहीं चाहिए, आपको चाहिए तो सबको इकट्ठा करके और वोटिंग … सब हमारे 12 लाख परिवार और एक-एक का फ़ोन अगर देखें मैं आपको चैलेंज करता हूँ आप सब अपने-अपने फ़ोन में कॉन्टैक्ट्स की लिस्ट मैं आज से लेकर 29 तारीख तक सबको फ़ोन किया, थोड़ा डुप्लीकेशन होगा, और कहा कि 10.30 बजे के पहले वोट डालने जाना है नहीं तो धूप में मुश्किल हो जायेगा, फिर 12 बजे लोनावला के लिए निकल जाना।

लेकिन अगर हम सब ने तय किया कि हर एक जो हमारे कॉन्टैक्ट की लिस्ट में है हम सबको प्रोत्साहित करेंगे साढ़े दस के पहले मोदी जी के हाथ मज़बूत करने के लिए, मोदी जी को समर्थन आशीर्वाद देने के लिए हम सब निकलेंगे तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ 300 से अधिक सीट मात्र भारतीय जनता पार्टी और दो-तिहाई बहुमत एनडीए का लेकर हम आपकी सेवा में निकलेंगे और मिलकर इस देश को विश्वशक्ति बनाने का काम करेंगे।

बहुत बहुत धन्यवाद,  बहुत बहुत शुभकामनाएं।

 

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