Speeches

March 31, 2018

Speaking at Latur Rail Coach Factory, in Latur

मेरे परम मित्र, छोटे भाई और मैं समझता हूँ महाराष्ट्र के आज सबसे लोकप्रिय नेता, माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस जी, उनसे भी छोटे भाई लातूर के सपूत जिन्होंने मेरा जीना भी हराम कर दिया था कई दिनों से, संभाजीराव पाटील निलंगेकर जी, वास्तव में आपके पालकमंत्री तो हैं लेकिन उनके दोनों विभाग ऐसे हैं जिनके लिए यह लातूर की कोच फैक्ट्री वास्तव में बहुत सारी उपलब्धियां लेकर आएगी, बहुत सारी संभावनाएं लेकर आएगी दोनों उनके जो खाते हैं – कौशल विकास और कामगार – यह दोनों क्षेत्रों के हिसाब से अगर देखें तो आज लातूर की कोच फैक्ट्री वास्तव में उनके, सुनील गायकवाड़, अभिमन्यु, यह जो सब हमारे यहाँ के नेताओं ने मिलकर जो प्रयत्न किया, जो पीछे पड़े रहे उससे आज जो लातूर की कोच फैक्ट्री का आज भूमि पूजन हुआ है मैं समझता हूँ संभाजी पाटील निलंगेकर जी का, देवेन्द्र फडणवीस जी का और सभी लातूर के नागरिकों के लिए एक बहुत बड़ी नए भारत के साथ जुड़ने के लिए, नए महाराष्ट्र और नए महाराष्ट्र बनाने के लिए एक नया लातूर उसकी दिशा में एक बहुत बड़ा कदम आज होने जा रहा है | मैं देवेन्द्र जी और संभाजीराव पाटील निलंगेकर दोनों को बहुत-बहुत मन से बधाई देता हूँ जो उन्होंने यह आज का कार्यक्रम आयोजित किया |

मेरी बहन पंकजा ताई मुंडे, हमारे महापौर सुरेश पवार जी, डॉक्टर सुनील गायकवाड़, खासदार लातूर से, यहाँ के सभी आमदार भाई त्रिंबकराव भिसे जी, विनायकराव जाधव जी, अमित देशमुख जी, सुजित सिंह ठाकुर जी, बसवराजजी पाटील, सुधाकर भालेराव जी, हमारे जिल्ला परिषद के अध्यक्ष मिलिंद लातुरे जी, मेरे मित्र जिनको मैं बहुत बार तंग करता हूँ, देवेन्द्र जी से तंग करने के बदले अभिमन्यु को पकड़ लेता हूँ, जब भी भी कुछ काम होता है, अभिमन्यु पवार जी, गणेश हाके जी, सेंट्रल रेलवे के जनरल मेनेजर श्री डीके शर्मा जी, आरवीएनएल, जो कंपनी यह लातूर में कोच फैक्ट्री बनाने की पहल कर रही है उसके चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री सतीश अग्निहोत्री जी, मंच पर विराजमान सभी महानुभाव, लातूर के सभी चुने हुए जनप्रतिनिधि जो इतनी बड़ी संख्या में आज हमें दर्शाते हैं कि कितना प्यार, कितना समर्थन देवेन्द्र फडणवीस जी को, संभाजीराव को आप लोगों ने दिया है यह आप सबको देखकर मुझे आज बहुत गर्व हो रहा है | लातूर के सभी सम्माननीय नागरिकगण, भाईयों बहनों बुजुर्गों, मीडिया के मेरे मित्र और यहाँ उपस्थित सभी मैं समझता हूँ अपेक्षा से भरे हुए सभी नागरिक लातूर के, और यह अपेक्षा आज 70 वर्ष के बाद पूरी होने जा रही है |

मुझे तो बड़ी हैरानी हुई जब देवेन्द्र जी ने, संभाजीराव ने सबने मुझे बताया कि 70 वर्षों में अगर केंद्र की तरफ से कुछ देखने जायें तो लातूर में मात्र कोई शायद सीआरपीएफ का कोई कैंपस है, छोटा-मोटा कमांडमेंट ऑफिस है लेकिन कोई बड़ी विशाल रूप से लातूर में औद्योगिक विकास के लिए कोई बड़ी योजना अभी तक बनी नहीं है | आज हमारा सौभाग्य है कि इतने पावन दिन पर, हनुमान जयंती के दिन पर और हनुमान जी तो संकट मोचन हैं, बल के प्रतीक हैं, बजरंगबली हैं हम सबके | और हनुमान जयंती के इस शुभ दिन पर मुझे सौभाग्य मिला कि मैं सुबह शनि शिंगणापुर में शनि मंदिर के दर्शन करके आऊं, उसके बाद शिरडी गया और साई बाबा के आशीर्वाद लिए, 10 पश्चात तुलजापुर जाकर माँ भवानी का आशीर्वाद लेकर मैं यहाँ पर आया हूँ |

और मुझे पूरा विश्वास है कि जो कार्य माँ भवानी के आशीर्वाद से शुरू होगा उसको तेज़ गति से हम कर पाएंगे, उसको अच्छी कुशलता से कर पाएंगे और जो बड़ी संभावनाएं समग्र विकास की लातूर में इतने वर्षों में पूरी तरीके से बाहर नहीं आ पाईं वह इस योजना के साथ लातूर के समग्र विकास में हम सब मिलकर एक लातूर को भारत के नक़्शे में, एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में, औद्योगिक शहर के रूप में हम प्रस्तुत कर पाएंगे |

वास्तव में यह बड़ा अत्याधुनिक कोच फैक्ट्री बनने जा रही है, इसमें मल्टीपल इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्ज़ बनेंगे, पूरे ट्रेन सेट्स बनेंगे और जो बड़े पैमाने पर देश भर में मेट्रो ट्रेन्स आ रही हैं उस सबके जो कोचेस आजके दिन अधिकांश विदेश से आते हैं वह विदेश से आना बंद होकर अब लातूर में बनने वाले कोच पूरे देश की मेट्रो में जायेंगे | और यह मात्र एक फैक्ट्री की कल्पना नहीं है, यह कल्पना सिर्फ मेमू या ट्रेन सेट्स बनाना या मेट्रो कोचेस बनाने की कल्पना नहीं है, यह कल्पना है कि पूरी एक एन्सिलारैज़ेशन के साथ छोटे उद्योग, मध्यम उद्योग, लघु उद्योग जो सप्लाई करेंगे पार्ट्स, जो अलग-अलग प्रकार से नयी-नयी टेक्नोलॉजी लाकर यहाँ पर छोटे-छोटे कारखाने बहुत सारे लगकर एक पूरा इकोसिस्टम बनेगा |

जैसे आज आप पुणे जाते हैं तो पुणे में मात्र ऑटोमोबाइल फैक्ट्रीज नहीं हैं, गाड़ी या ट्रक बनाने की फैक्ट्री मात्र नहीं है, उसमें स्पेयर पार्ट्स बनते हैं, इंजन पार्ट्स बनते हैं, सीट्स बनती हैं, अपहोल्सट्री बनती है, अलग-अलग प्रकार से हज़ारों फैक्ट्री आज हम पुणे में देख पाते हैं | और मुझे तो हैरानी होती है कि इतने वर्षों में, 7 दशक हो गए आज भारत की आज़ादी के और जो सरदार पटेल ने परिश्रम करके लातूर को आज़ादी दिलाई थी मैं समझता हूँ हम सबका एक प्रकार से अपेक्षा थी कि जैसे पूरा देश विकास से तेज़ गति से जुड़ रहा है वैसे लातूर, उस्मानाबाद, यह पूरा इलाका भी तेज़ गति से विकास के साथ जुड़े |

लेकिन मैं समझता हूँ अभी भी ‘देर आये दुरुस्त आये’ और जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना है कि जो इलाकों में विकास तेज़ गति से नहीं हुआ, जो वंचित रहे विकास से, प्रगति से उन इलाकों के प्रति सभी सरकारें चाहे केंद्र सरकार हो, चाहे राज्य सरकार हो, हम सभी पूरी हमारी शक्ति लगाकर इन जिल्लों को जिसको माननीय प्रधानमंत्री जी ने एसपिरेश्नल डिस्ट्रिक्स बताया है, जिन जिल्लों में लोगों की अपेक्षाएं अभी तक पूरी तरीके से पूरी नहीं हुई हैं, जिनको पूरी करने की ज़िम्मेदारी हम सबके ऊपर है इन एसपिरेश्नल जिल्लों को तेज़ गति से विकास करने के कार्य के साथ जुड़ा हुआ आज यह कार्यक्रम है भूमि पूजन का लातूर के अत्याधुनिक नयी कोच फैक्ट्री का |

मैं समझता हूँ इसमें कई सारे और उद्यमी जुड़ेंगे, कई सारे और उद्योग जुड़ेंगे इसके साथ और हज़ारों की संख्या में लोगों को काम करने का अवसर मिलेगा – कुछ फैक्ट्री में काम करेंगे, कुछ सपोर्ट सर्विसेज देंगे, कोई टैक्सी चलाएगा, कोई होटल लगाएगा, कोई दुकान चलाएगा | और अलग-अलग माध्यम से हम सब और बलशाली बनेंगे, अपने पांव पर खड़े होंगे और यहाँ से पलायन होना बंद होगा, पलायन के बदले लोगों को यहाँ अवसर मिलेंगे, यहाँ काम के, यहाँ रोज़गार के अवसर, यहाँ पर प्राप्त होंगे और जो शहर मशहूर है हजारों लाखों की संख्या में डॉक्टर बनाना, इंजीनियर बनाकर देश भर में जाते हैं लातूर के हमारे नौजवान, अब लातूर के नौजवानों को यहाँ मौका मिलेगा अपनी उद्यमी शक्ति का प्रदर्शन करने का, यहाँ पर मौका मिलेगा काम करने का |

प्रधानमंत्री हमें हर बार एक बात कहते हैं, मोदी जी के दिल में बड़ी तड़प है कि कैसे विकास तेज़ी से किया जाये | आपको याद होगा प्रधानमंत्री मोदी जी कहते थे – स्पीड, स्किल और स्केल – यानी काम करो तो तेज़ गति से करो, काम करो तो कुशलता से करो और जब काम करो तो ध्यान में रखो कि बड़े पैमाने पर विकास लोगों तक पहुंचना चाहिए, लोगों को महसूस होना चाहिए कि हमारे क्षेत्र का विकास हो रहा है, हमारे जीवन का विकास हो रहा है | और मैं समझता हूँ जिस स्पीड और स्किल, और स्केल के साथ देवेन्द्र फडणवीस जी ने प्रधानमंत्री मोदी जी के हाथ मज़बूत किये हैं, जिस प्रकार से देवेन्द्र जी ने नेतृत्व किया है महाराष्ट्र का मैं समझता हूँ जीता जागता अगर कोई उदाहरण आज देश में राज्य है तो वह महाराष्ट्र राज्य है, जिसमें देश के जितने इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट्स आज हो रहे हैं, जितने देश भर में प्रोजेक्ट्स आज चल रहे हैं उसमें आधे से अधिक प्रोजेक्ट्स महाराष्ट्र की पावन भूमि पर चल रहे हैं, 50% से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स देश के आज महाराष्ट्र ने पहल किया है और महाराष्ट्र में उसमें प्रगति हो रही है |

और मुझे तो बड़ी हैरानी होती है और आनंद आता है जब मैं इस कोच फैक्ट्री का इतिहास आपको बताता हूँ | देवेन्द्र जी, संभाजीराव, एक छोटे गिलहरी के रूप में अभिमन्यु पवार भी जुड़ जाता था उनके साथ, सुनील गायकवाड़ जी मुझे परेशान करते थे पार्लियामेंट में, सीधा पहुँच जाते थे कमरे में, कोई अपॉइंटमेंट नहीं कुछ नहीं, लातूर के लिए क्या कर रहे हो?

और जब संभाजीराव, माननीय मुख्यमंत्री, हम सब बैठे थे सह्याद्री में मुझे अभी भी वह दिन याद है – 31 जनवरी, इसी वर्ष, 2018 का 31 जनवरी जब कल्पना बनी कि लातूर में कुछ बड़ी योजना करी जाये, एक बड़ी कोच फैक्ट्री लगायी जाये और देवेन्द्र जी ने तुरंत कहा कि मैं गारंटी करता हूँ उस फैक्ट्री में जितनी कोचेस बनेंगी हम महाराष्ट्र में लेकर उसका इस्तेमाल करेंगे, आपको बाहर भी नहीं भेजने का हम मौका देंगे |

और 31 जनवरी को चर्चा में जब हमारे अधिकारी पूछने लगे कि आप ज़मीन दोगे, आप क्या हमें कन्सेशन दोगे, क्या सुविधाएं दोगे तो मेरे मित्र देवेन्द्र जी ने एक खाली कागज़ रख दिया सामने और कहा मेरे लातूर के लिए, मेरे लातूर के भाईयों बहनों के लिए यह खाली कागज़ पर आप जो लिखोगे आपके लिए मंज़ूर है | और मुझे आपको बताते हुए ख़ुशी होती है जिस योजना की कल्पना 31 जनवरी, 2018 को हुई उसका एमओयू, उसका करार 20 फरवरी को मैग्नेटिक महाराष्ट्र के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ हम कर पाए, मात्र 20 दिनों के अन्दर मुख्यमंत्री जी ने ज़मीन ढूंढ निकाली और जो-जो रेलवे की मांगें थी 20 दिनों के अन्दर, 3 हफ्ते भी नहीं लगे, सब मांगों को पूरा करते हुए 20 फरवरी को उन्होंने करार किया रेलवे के साथ | और मैं तो हैरान हूँ जिस स्पीड पर महाराष्ट्र की सरकार आज काम करती है, और एक समय तो बीच में ऐसा आया कि मुझे लगा कि कहीं मेरे अधिकारी और रेलवे की तरफ से विलंभ न हो जाये, 31 तारीख माननीय मुख्यमंत्री जी ने तय कर ली थी, मुझे समय दे दिया था आजके भूमि पूजन के लिए, पेपरवर्क चल रहा था |

उस दौरान मैंने सुना आपके लातूर में कुछ लोगों ने एक षड्यंत्र भी शुरू किया कि फैक्ट्री को तो परवानगी नहीं है, कुछ होने नहीं वाला है 31 तारीख को, यह भी दुष्प्रचार करने की कोशिश की गयी लातूर में | लेकिन यह देवेन्द्र जी, संभाजीराव के ऊपर जो अटूट विश्वास लातूर के नागरिकों का है यह आज दर्शाता है जो इतनी बड़ी संख्या में, इतनी विशाल संख्या में आज आप सब उपस्थित हैं क्योंकि आपको विश्वास था प्रधानमंत्री मोदी जी, देवेन्द्र फडणवीस जी, संभाजीराव, यह कोई भी वादा आधा अधूरा नहीं करते, पूरा करते हैं |

और आज मुझे ख़ुशी होती है यह बताते हुए कि एमआईडीसी ने पूरी ज़मीन आवंटन करी पहले फेज के लिए, 150 हेक्टेयर से अधिक, यानी लगभग 400 एकड़ ज़मीन एक रिकॉर्ड टाइम पर आवंटन किया रेलवे के लिए और रेलवे बोर्ड ने जब देखा कि महाराष्ट्र सरकार इतनी तेज़ गति से काम कर रही है तब उन्होंने भी गति लगायी और पूरा जो आज इतनी बड़ी योजना के लिए काम करना पड़ता है पीछे अप्रूवल्ज़ का सब योजना को मंज़ूरी देने का वह पूरा करके आज जो भूमि पूजन का कार्यक्रम आरंभ हुआ है, जो काम अभी आरंभ होने जा रहा है मैं समझता हूँ हम सबके लिए बहुत ही गर्व की बात है | और एक जीता जागता उदाहरण है, स्पीड, स्किल और स्केल का, यह होता है काम करने का तरीका |

वैसे अगर आप जानना चाहो, पिछली सरकार ने भी एक कोच फैक्ट्री बनाने का वादा किया था और वह फैक्ट्री एक बहुत बड़े नेता के क्षेत्र में आनी थी | अब शहजादा, राजा महाराजाओं के बारे में तो आप सब जानते ही हैं अच्छी तरीके से, आपको तो मुक्ति मिली थी 70 वर्ष पहले लेकिन एक कोच फैक्ट्री 2007 में भूमि पूजन हुई थी देवेन्द्र जी उत्तर प्रदेश के एक इलाके में | ज्यादा तो नहीं बोलना पड़ेगा ना मुझे?

2007 में भूमि पूजन के बाद पता नहीं गायब ही हो गए सब लोग, रेलवे के अधिकारी भी गायब हो गए और 2010 तक कुछ काम नहीं हुआ, 3 वर्ष तक कोई काम नहीं हुआ | 2010 के बाद छोटा-मोटा काम शुरू हुआ, जब हमारी सरकार 2014 में आई तब हमने देखा यहाँ तो बस छोटा-मोटा फर्निशिंग का काम हो रहा है, जो मशीनें आईं थी कोई मशीन भी नहीं चल रही थी कोच बनाने वाली और एक मात्र चेन्नई या कपूरथला से बनी हुई कोचेस को रिफर्बिश्मेंट हो रहा था | वैसे उसमें कोई बुराई नहीं है, एक प्रकार से जब नयी फैक्ट्री लगती है तो फैक्ट्री में मशीन आना, ट्रायल होना, लगने में दो-ढाई साल लगना स्वाभाविक है, लेकिन 7 वर्ष के बाद, 7 वर्ष के बाद भी वहां पर वही काम हो रहा था |

और माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब आदेश दिया तब आपको जानकर ख़ुशी होगी कि 2014 के अंत में पहला कोच वहां से निकला और अब इस साल 700 से अधिक कोच उस फैक्ट्री से निकलने वाले हैं, अत्याधुनिक एलएचपी टेक्नोलॉजी के कोच, और अब प्रधानमंत्री जी ने आदेश दिया है कि अब उसको चार गुना बढ़ाकर 3000 कोच बनाने की फैक्ट्री बनाई जाये वहां पर |

हम राजनीति नहीं करते हैं कभी, हम यह नहीं देखते हैं वहां पर सांसद कौन है, किसको वोट दिया जनता ने उसके बावजूद वहां पर कोच फैक्ट्री हमने शुरू की, फैक्ट्री में 700 कोच आज बनते हैं और 3 वर्ष के भीतर वहां 3000 कोच बनने की कैपेसिटी हो जाएगी | आज हमारा जो आईसीएफ है, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में, मुझे आज ही व्हाट्सएप्प पर मेसेज आया उनका आज विश्व की सबसे बड़ी कोच फैक्ट्री बन गयी है आईसीएफ चेन्नई, 2500 कोच का मापदंड उन्होंने पार किया है – 2503 कोचेस आज चेन्नई में बने हैं क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जी ने उनको प्रोत्साहित किया कि वह तेज़ गति से विकास करें |

और आपको जानकर ख़ुशी होगी कि महाराष्ट्र का भी जब हम चित्र देखें रेलवे का तो पिछले पांच वर्षों में जो पिछली सरकार थी 2009 से ’14, उस पांच वर्षों में महाराष्ट्र में मात्र 5,857 करोड़ रुपये – 5 वर्षों में कुल, यानी अवसतम देखें तो शायद 1150 करोड़ रुपये हर वर्ष, एवरेज, अवसतम 1,150 करोड़ रुपये महाराष्ट्र के रेल की योजनाओं में खर्च होता था | अब आप अंदाज़ा लगाइये कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसको कैसे बढ़ाया, पहले सदानंद गौड़ा जी आये रेल मंत्री, फिर हमारे खुद ही महाराष्ट्र के सपूत सुरेश प्रभु जी आये और अब यह ज़िम्मेदारी मेरे कन्धों पर पहुंची है |

और आपको जानकर ख़ुशी होगी कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो हम सबको मार्गदर्शन दिया, जो प्रेरणा दी, हम सबको जो निर्देश दिया उसमें 5 सालों में, 2014 से ’19 के बीच, इन 5 सालों में महाराष्ट्र अकेले में 24,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा रेलवे के अन्दर, 24,000 करोड़ – 4 गुना सिर्फ पांच वर्ष के भीतर | 7 गुना स्पीड बढ़ाई गयी नयी लाइनों की, 17 गुना स्पीड बढ़ाई गयी दोहरीकरण की, तेज़ गति से विद्युतीकरण हो रहा है रेलवे की लाइनों का | आप सब जानते हैं अब तो एक लाख से अधिक नौकरियां भी देने का निर्णय रेलवे ने किया है और मुझे विश्वास है आपके यहाँ के भी कई नौजवान युवा-युवतियों ने उसमें अप्लाई किया होगा | और एकदम पारदर्शिता से, ईमानदार व्यवस्था से हर एक को देश भर में सामान्य अवसर मिले रेलवे में भर्ती का इसका मैं आप सबको विश्वास दिलाना चाहता हूँ, और जो आरपीएफ में लगभग 10,000 नौकरियां दी जा रही हैं उसमें 50% महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है |

और आगे चलकर मुझे पूरा विश्वास है जब यह पूरा यहाँ का कोच फैक्ट्री और उसके इर्द-गिर्द बनने वाली सभी उद्योग यहाँ पर खड़े होंगे, छोटे उद्योग, मध्यम उद्योग, बड़े उद्योग, एक पूरा इकोसिस्टम | अभी-अभी संभाजीराव कह रहे थे कि मैं उड़ान में अब यहाँ हवाई जहाज़ भी लाने की हिम्मत करूँगा, जब फैक्ट्री आएगी तो लोग भी आयेंगे तो अब एयरपोर्ट को भी ऑपरेशनल करना है जिससे कमर्शियल फ्लाइट्स लातूर भी आ सकें और आप सबको भी सुविधा हो देश भर में जाने की यहाँ से सीधा | इस प्रकार से तेज़ गति लातूर में आये, उस्मानाबाद में आये और जो विकास से वंचित क्षेत्र इतने वर्षों से आस लगाये बैठे थे, उम्मीद लगाये बैठे थे उन सबकी आशाएं, अपेक्षाएं, आकांक्षाएं पूरी करने की जो ज़िम्मेदारी माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस जी ने ली हैं मेरी उनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत शुभेक्षा |

और मुझे पूरा विश्वास है जिस लगन के साथ, जिस मेहनत से, जिस ईमानदारी से आज महाराष्ट्र का नेतृत्व देवेन्द्र जी कर रहे हैं हम सबको गौरव होता है, हम सबको बहुत ही प्रसन्नता होती है | मैं आप सबकी तरफ से देवेन्द्र जी का, संभाजीराव का, महापौर जी का, सुनील गायकवाड़ जी का और सभी सम्माननीय मंच और सभी हमारे जनप्रतिनिधियों का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ, रेलवे की तरफ से लातूर के सभी नागरिकों का आभार व्यक्त करता हूँ |

बहुत-बहुत धन्यवाद | जय हिन्द, जय महाराष्ट्र |

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