Speeches

March 17, 2018

Speaking at a Railway Programme, in Ujjain

हम सबके बीच उपस्थित माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री और हम सबके मार्गदर्शक, श्री थावरचंद गहलोत जी, श्री सत्यनारायण जटिया जी, माननीय सांसद , यहाँ से 7 बार आप सांसद चुन के आये हैं? 7 बार? वाह! यहाँ के दोनों माननीय सांसद चिंतामणि जी और मनोहर ऊंटवाल जी, मंच पर उपस्थित श्रीमती मीना विजय जोनवाल जी, माननीय महापौर, राज्य सरकार में मंत्री जैन साहब, राज्य सरकार में मंत्री, विधायक मध्य प्रदेश के मोहन यादव जी, राजेश सोनकर जी, यहाँ पर उपस्थित सभी उज्जैन के सम्मानीय नागरिकगण, मीडिया के मेरे बंधु, भाइयों और बहनों |

वास्तव में मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि हाल ही में पिछले हफ्ते मैं प्रयागराज गया था एक कार्यक्रम के लिए और आज मेरा सौभाग्य बना कि उज्जैन आऊं तो मैं माननीय शिवराज जी को कह रहा था कि दो कुंभ तो मेरे इस हफ्ते में, इस महीने में हो गए, एक प्रयागराज हो आया, एक यहाँ आने का मुझे आपने मौका दे दिया | अब मुझे लगता है इलाहाबाद और उज्जैन के बाद नासिक पहुंचना पड़ेगा और फिर हरिद्वार जाकर पुण्य हो जायेगा चारों कुंभ के स्थानों का | पर वास्तव में महाकाल की नगरी तो हम सबके लिए पावन नगरी है, हम सबके लिए सौभाग्य रहता है जब महाकाल के दर्शन हो जाएं | और एक प्रकार से यह तीर्थ स्थान ऐसा है कि शायद भारत का हर एक व्यक्ति चाहता है कि महाकाल में एक बार मेरे दर्शन हो जाएं |

तो मुझे लगता है जो मांग उठी इस मंच से कि एक महाकाल एक्सप्रेस होनी चाहिए वह शत-प्रतिशत जायिज़ मांग है, और मैंने जनरल मेनेजर साहब को आदेश दिया है कि जल्द से जल्द एक महाकाल एक्सप्रेस नाम की ट्रेन शुरू होनी चाहिए, उज्जैन से शुरू होनी चाहिए | एक कल्पना उनके मन में है अगर माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय सभापति जी सबकी आज्ञा हो, एक कल्पना हो सकती है कि हम सोमनाथ से महाकाल को जोड़ दें | चिंतामणि जी बड़े लालची सांसद हैं आपके, ऐसा सांसद बड़ा तकलीफ देता है मंत्रियों को, जितनी बार चिंतामणि जी मेरे दफ्तर आके मेरा, मतलब यह नहीं कह सकता जीना हराम करते हैं, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री वैसे ही बहुत कम समय देते हैं किसी को सोने के लिए, जो वह बचा-खुचा समय होता है वह चिंतामणि जी ले जाते हैं | और हमें बोलते हैं कि भाई उनको चिंता से मुक्त करना है तो आप चिंता अपने सिर पर ले लो |

पर वास्तव में इतने कर्मठ सांसद जो लगातार उज्जैन की चिंता करते हैं, उज्जैन की समस्याओं को हम तक पहुंचाते हैं, मैं समझता हूँ आप सबका सौभाग्य है और हम सबका भी सौभाग्य है कि हमारे साथ संसद में इतने कर्मठ, इतनी चिंता करने वाले व्यक्ति जिनके ज़हन में उज्जैन का विकास, उज्जैन की प्रगति और उज्जैन की जनता की समस्याओं को हल निकालने का पूरे समय उनकी चिंता रहती है, उनका काम रहता है|

मैं बहुत-बहुत बधाई दूंगा आपको आज के दोनों कार्यक्रमों के लिए, वास्तव में आपके प्रयासों से यह दोनों बहुत महत्वपूर्ण योजनायें आज कार्यान्वित हुई हैं, शुरुआत होगा | और वैसे मुझे बताया गया कि लगभग 18 महीने लगेंगे इन दोनों योजनाओं को पूरा करने के लिए, लेकिन अगर ज़मीन हमारे पास पूरी तरीके से उपलब्ध है और अगर मीटर गेज से हम ब्रॉड गेज कर रहे हैं तो मुझे लगता है ज़मीन तो होनी चाहिए हमारे पास | तो पूरी ताकत लगाकर इसको साल भर में ख़त्म करने की हम कोशिश करें ऐसा आप सब चिंता करें और इसको एक साल में कि जनता को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके, यह सुविधा जनता तक पहुँच पाए |

आज आपके दोनों माननीय सांसद और हमारी ताई, सुमित्रा ताई और मामा शिवराज जी, सभी ने आग्रह किया, थावरचंद गहलोत जी और ऊंटवाल जी मेरे पीछे पहले से ही पड़े हुए थे तो मुझे ख़ुशी है दो-तीन और घोषनाएं करने के लिए आज सौभाग्य मिल रहा है | अभी-अभी मंच से आवाज़ गूंजी कि भगत की कोठी से बिलासपुर जाने वाली गाड़ी विक्रमगढ़ आलोट में रुकनी चाहिए, तो आप तुरंत इस गाड़ी की तिथि तय करके इसको विक्रमगढ़ आलोट में रुके इस काम को भी आप मंज़ूरी ही समझिये फिर पेपरवर्क मैं दिल्ली जाकर कर लूँगा |

साथ ही साथ एक बीकानेर-बिलासपुर की गाड़ी भी विक्रमगढ़ आलोट में रुके जिससे जैन यात्री, जो जैन मंदिर के दर्शन करना चाहते हों उनको यह सुविधा मिल जाये वहां उतरने की | तो यह दोनों गाड़ियाँ अब विक्रमगढ़ आलोट में रुकेंगी ऐसा आप समझिये घोषणा हो गयी और जल्द से जल्द तिथि तय करके इसको कार्यान्वित किया जायेगा |

एक और विषय आपने चिंतामणि जी कहा जोधपुर-इंदौर-रंथाम्बोरे एक्सप्रेस का जो रोजाना चलती है उसको महितपुर रोड पर रोकने की आपने बात की तो आप महितपुर रोड पर उसको भी रोकने का काम शुरू कर दीजिये तिथि तय करके जिससे यात्रियों को उसकी भी सुविधा मिलनी शुरू हो जाये |

एक इंदौर से भोपाल गाड़ी चलती है जिसको इंटरसिटी एक्सप्रेस के नाम से सब लोग पहचानते हैं, इसका आपका आग्रह था, थावरचंद जी भी पड़े थे पीछे और ऊंटवाल जी भी पड़े थे, ताई ने मुझे अभी अनुमति दी है और एक बार अध्यक्ष जी की अनुमति मिल जाये तो हम कुछ भी काम कर सकते हैं यह तो आप सब जानते हैं | हमारी वास्तव में सुमित्रा ताई को मैंने बचपन से इनकी गोद में खेलकर जो प्यार पाया है इनका उसको कभी भूल नहीं सकता हूँ |

तो यह इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस कालापीपल रुके यह भी आज आप, इसको भी एप्रूव्ड समझिये और इसको भी कालापीपल में रोकने की सुविधा को शुरू करवाइये | तो यह चारों स्टॉपेज से मैं समझता हूँ यहाँ के यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी, उन इलाकों में भी गति होगी विकास की | और बाद में और रेज करना, लम्बा काल है काम करने का |

एक जटिया जी ने यहाँ पर बात बताई कि यहाँ जो प्लेटफार्म नंबर 8 पर जो पैसेंजर ट्रेन्स नहीं रुकती हैं तो अभी-अभी मैंने जनरल मेनेजर और डिविजनल मेनेजर से बात की है तो हम यह लगभग 15 महीने हमें लगेंगे यहाँ के यार्ड को रिमॉडेल करने के लिए, इस यार्ड को रिमॉडेल करके 15 महीने के बाद यह आपका प्लेटफार्म नंबर 8 भी जीवित हो जायेगा और काम में लग जायेगा | इसका काम भी हम तुरंत शुरू करने के लिए टेंडर वगैरा बुलाने की प्रक्रिया को शुरू करेंगे |

एक और डिमांड जो ताई ने मेरे को लिखित रूप में भेजी थी और अभी-अभी बताया, एक गाड़ी है जो मऊ से रतलाम आती है, मऊ आज उसका नया नाम हमने दिया है डॉक्टर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर नगर | आंबेडकर नगर से रतलाम आने वाली जो डेमू गाड़ी है, वह गाड़ी अब 8 कोच की चलती है, और ताई आपने कहा था पूरी फुल रहती है, लोगों को तकलीफ रहती है | तो उसको हम बढ़ाकर 12 कोच की गाड़ी कर देंगे जिससे मुझे लगता है लोगों को भी सुविधा मिलेगी, रतलाम एक मेन लाइन का स्टेशन होने के कारण, एक बार लोग रतलाम पहुँच जायें तो पूरे देश की ऊपर-नीचे, दक्षिण जाना हो, उत्तर जाना हो, उन सभी गाड़ियों के लिए कनेक्शन पॉइंट रतलाम होने के कारण यह डॉक्टर आंबेडकर नगर रतलाम की गाड़ी अब 8 कोच के बदले 12 कोच की बनाने का हम काम शुरू करेंगे, इसको ज़रा जल्द से जल्द कोचेस मंगाके काम किया जाये |

एक यात्री आरक्षण केंद्र जो अभी-अभी आगर में शुरू हुआ है, आगर एक नया जिल्ला माननीय मुख्यमंत्री जी ने अभी-अभी बनाया है, उसमें यात्रियों की सुविधा के लिए एक आरक्षण केंद्र भी हमने बनाने का निर्णय लिया है | और साथ ही साथ एक आखिरी और इसके बाद कोई अन्नौंसमेंट नहीं, इसके बाद की अन्नौंसमेंट अगली बार जब महाकाल के दर्शन करने आऊंगा तब करूँगा | एक गाड़ी है जो ग्वालियर और भिण्ड से इंदौर होते हुए रतलाम जाती है |

ताई आपको याद होगा आपने मुझे अपने कक्ष में बुलाकर एक बार इसकी ज़िक्र की थी, और हमारे सबसे लोकप्रिय, हम सबके श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी से जुड़ा हुआ ग्वालियर से इस गाड़ी को कनेक्ट किया जाये… यह सॉरी, ग्वालियर से इंदौर आती है, इंदौर से इसको रतलाम से कनेक्ट किया जाये यह आपने मुझे कहा था कि ग्वालियर से उस तरीके से रतलाम से कनेक्ट हो जायेगा और रतलाम से फिर दक्षिण या उत्तर जाना दोनों की सुविधा मिल जाएगी… सॉरी मैं.. मिक्स हो गया… इसलिए जल्दबाजी में करने से अच्छा है कि चर्चा करके करना ज्यादा अच्छा है | यह इंदौर वालों की समस्या थी |

तो रतलाम से इंदौर, ग्वालियर से आकर इंदौर, इंदौर से सीधा रतलाम जाये यह गाड़ी का भी हमें प्रस्ताव ताई ने मुझे दिया था, इसको भी हम जल्द से जल्द इसका निर्णय लेकर यह भी सुविधा शुरू करने जा रहे हैं | मैं समझता हूँ उज्जैन एक ऐसा क्षेत्र है जिसके लिए हम सबको श्रद्धा ही नहीं है, यहाँ तो शिवलिंग स्वयंभू है तो यहाँ के काम भी अपने आपसे होते हैं, अपने आपसे होने चाहिए | दुर्भाग्य की बात है कि यह जो मीटर गेज कन्वर्जन का प्रोजेक्ट है यह 134 वर्ष के बाद हो रहा है, 134 वर्ष पुराना यह ट्रैक है जो मीटर गेज था और पूरे रेलवे सिस्टम को एक तरीके से बिगाड़ रहा था बीच में यह छोटा सा पैच |

तो मुझे ख़ुशी है कि यह एक बार ब्रॉड गेज होने के बाद पूरी कनेक्टिविटी इस क्षेत्र की सुधर जाएगी और आप सबको मुझे पूरा विश्वास है कि इस सुविधा के हिसाब से जैसे किसी के सीने में ब्लॉकेज हो जाती है और हार्ट का बाईपास करना पड़ता है या ऑपरेशन करनी पड़ती है यह एक प्रकार से उस प्रकार की लाइन है | एक छोटा सा पतला सेक्शन जो पूरे आर्टरी सिस्टम को ब्लॉकेज कर रहा था, तो अब इसको हम अगर 1 साल 15 महीने में जब पूरी तरीके से बना देंगे तो वह आपके शरीर का एक ब्लॉकेज ख़त्म हो जायेगा | और मुझे पूरा विश्वास है इस पूरे क्षेत्र में यह विकास को गति देगा और ज्यादा आगे आने वाले दिनों में उज्जैन में कैसे विकास हो, उज्जैन के स्टेशन का कैसे विकास हो, उज्जैन के स्टेशन का सौंदर्यीकरण कैसे किया जाये, कैसे इसको और आधुनिक चीज़ों के साथ जोड़ा जाये यह हम सबका प्रयत्न रहेगा, इसके लिए हम सब आगे भी काम करते रहेंगे, फिर एक बार आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ |

उज्जैन की पावन धरती पर मुझे पहले भी आने का मौका मिला लेकिन माननीय अध्यक्ष के साथ, माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ, माननीय थावरचंद जी, जटिया जी के साथ, चिंतामणि जी, ऊंटवाल जी के साथ पहली बार आने का आज मौका मिला, मुझे पूरा विश्वास है महाकाल का आशीर्वाद रेलवे के सभी कार्यक्रमों में और सभी कामों में मुझे मिलता रहेगा, रेल विभाग को मिलता रहेगा, आपका आशीर्वाद मिलता रहेगा | चिंतामणि जी यह कोई मेरी कृपा नहीं है, यह महाकाल की कृपा से सब काम हो रहे हैं, इस विश्वास के साथ मैं आपसे विदा लेता हूँ |

बहुत-बहुत धन्यवाद |

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