Speeches

November 5, 2017

Speaking at a Press Conference in Shimla

हिमाचल एक ऐसा सुन्दर प्रदेश है, पर्यटन की संभावनाओं से बहुत ज्यादा कोने-कोने में यहाँ पर हिमाचल में प्रगति की संभावनाएं हैं, लोग मेहनती हैं, ईमानदार हैं| और सरल जीवन के साथ-साथ जिस प्रकार से इस प्रदेश में प्रगति के मार्ग को     हम तेज़ गति से बढ़ा सकते थे उससे वंचित रहे हैं, उससे लाभान्वित नहीं हो पाए और इसलिए इस साल का यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है| पूरे देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विकास की लहर और एक ईमानदार, निर्णायक नेतृत्व जिससे ऐसा आधारभूत ढांचा खड़ा किया जा रहा है जिसकी सक्षमता इतनी हो कि वर्षों, और अगर मैं कहूं तो दशकों तक, भारत तेज़ गति से प्रगति कर सके इसकी पूरी योजना केंद्र सरकार और देश की अलग-अलग सरकारें इस काम में तेज़ी से लगी हुई हैं|

दुर्भाग्य से हिमाचल प्रदेश इस विकास यात्रा में जुड़ नहीं पाया, भ्रष्टाचार से घिरा हुआ हिमाचल का नेतृत्व, आपसी मतभेदों में बटी हुई यहाँ की सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में पूरी तरीके से असफल रही है| ऐसे में जैसा आज माननीय प्रधानमंत्री जी भी पुणे में दोहरा रहे थे, लगभग पूरे प्रदेश ने और प्रदेश की जनता ने मन बना लिया है कि इस बार प्रेम कुमार धूमल जी के कुशल नेतृत्व में एक अच्छी सरकार, जनता के प्रति संवेदना रखने वाली सरकार, विकास के मार्ग को तेज़ गति देने वाली सरकार, केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय के साथ व्यापार को, उद्योग को, पर्यटन को ईमानदारी से करने की व्यवस्था बनाने वाली सरकार भारतीय जनता पार्टी की सरकार अब बड़े भारी बहुमत से चुनकर इस प्रदेश में आने जा रही है|

कई बार लोग आंकलन निकालते हैं कि स्पष्ट बहुमत मिलेगा, फिर हम आगे चलते हैं तो दो-तिहाई बहुमत मिलेगा| मेरे साथ हमारे वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी के नेता, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री भी हैं जिनका खुद का जुड़ाव पहाड़ों से बहुत ही निकट का है, उनके राज्य ने तो दो-तिहाई से भी आगे जाकर 80% सीटें भारतीय जनता पार्टी को दे दीं| सटा हुआ प्रदेश, देश का सबसे बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश में भी 80% सीटें भारतीय जनता पार्टी की आईं| और निरंतर, लगातार यह जो सिलसिला चलते जा रहा है 2014 से जहाँ 6 सरकारें भाजपा और उनके मित्र दलों की 2014 के चुनाव के पहले थी, आज देश में भाजपा और हमारे मित्र दलों की 18 राज्य सरकारें – 18 state governments have received the blessings, the support of the people of India.

यह 18 सरकारें पूरी तरीके से जनता के उज्ज्वल भविष्य में जुटी हुई हैं, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच समन्वय का वातावरण है| प्रधानमंत्री मोदी जी की कार्यशैली अगर कोई देखे पारदर्शिता, ईमानदारी, समस्याओं को जड़ से निकालना, तेज़ गति से निर्णय लेना, निर्णायक फैसले और कदम उठाना| कई बार कोई चीज़ें राजनीतिक दृष्टिकोण से अच्छी न भी लगे लेकिन देश हित और जनहित के निर्णय लेना, पूरी तरीके से काला धन और भ्रष्टाचार पर वार करना| कोई भी व्यक्ति हो, बड़े से बड़ा व्यक्ति भ्रष्टाचार के मामले में किसी को रिहायत नहीं, जो विरासत में मिली हुई समस्याएं थी उनका पूरी तरीके से निपटारा करना, योजना बनाना कैसे देश में आगे चलकर देश की आर्थिक संपत्ति, देश की व्यवस्थाएं पूरी तरीके से देश के गरीब, देश के किसान, देश के वह वंचित, शोषित, पीड़ित वर्ग के प्रति समर्पित हों, महिलाओं और युवा-युवतियों के प्रति समर्पित हों जिनको अगर मैं, चूँकि मैं रेल मंत्री भी हूँ, उसके हिसाब से देखूँ तो आज भी जो वर्ग, समाज का बड़ा वर्ग, गाड़ी चढ़ नहीं पाया है, कैसे पूरे देश में हर भारतीय को, हर हिन्दुस्तानी को कैसे हम जीवन स्तर सुधार कर सकें, जीवन में आगे बढ़ा सकें, कैसे हर एक व्यक्ति को आगे बढ़ने का मौका मिले, गाड़ी चढ़ने का मौका मिले, एक नए भारत की कल्पना, एक नए भारत का निर्माण जिस भारत में ऐसा एक भी व्यक्ति न हो जिसके सर पर छत न हो, जिसके घर में चौबीस घंटे बिजली न हो, पीने का साफ़ पानी न हो, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, अच्छी शिक्षा, तुष्टिकरण की राजनीति समाप्त हो, जातिवाद ख़त्म हो, आतंकवाद और नक्सलवाद से पूरी तरीके से देश मुक्त हो, एक ऐसा देश जब बनाने की कल्पना करते हैं ऐसे में हमारे हिमाचल के भाई बहन वंचित नहीं रह सकते, पीछे नहीं रह सकते|

एक नया हिमाचल, प्रगतिशील हिमाचल, ईमानदार हिमाचल, राजनीतिक और अफसरशाही, दोनों में ईमानदारी, ऐसे हिमाचल के निर्माण करने का बीड़ा उठाया है प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और प्रदेश में होने वाले मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी, दोनों मिलकर कैसे हिमाचल की जनता की आशाएं, अपेक्षाएं पर पूरी तरीके से काम करेंगे, सफल होंगे| हिमाचल की जनता ने मन बनाया है, मैं बधाई दूंगा भारतीय जनता पार्टी के हिमाचल प्रदेश के पूरे नेतृत्व को, बड़ी कुशलता से उन्होंने पूरे चुनाव के संरचना की योजना बनाई है, अच्छे उम्मीदवार दिए हैं चुनाव में| और मैं समझता हूँ अब स्पर्धा होगी कि क्या उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से भी अधिक परसेंटेज सीटों की हिमाचल प्रदेश देने जा रहा है भारतीय जनता पार्टी को और आने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार को|

आधारभूत सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल देना, अफोर्डेबल हाउसिंग, कैसे सस्ते से सस्ते घर हर व्यक्ति को मिल सकें, कोने-कोने में चाहे पहाड़ की चोटी पर क्यों न कोई रहता हो उनको बिजली पहुंचे, दूर दराज़ के इलाके तक ग्रामीण सड़क का लाभ मिले जनता को, स्वयं रोज़गार के नए अवसर के लिए मुद्रा योजना से बैंकों के माध्यम से सस्ते ऋण पर क़र्ज़ मिल पाए, उज्ज्वला योजना का लाभ मिले जिससे हर महिला को अपने घरेलू काम-काज के लिए एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन मिले, लकड़ी तोड़ना, पेड़-झाड़ तोड़ना इसका नुकसान हिमाचल में वापिस न हो, एलईडी बल्बों का तो आप सब जानते ही हैं कैसे देश भर में हजारों करोड़ रुपये का लाभ सामान्य जनता को मिला है, प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना से किसानों को शत-प्रतिशत मुआवज़ा मिले अगर कोई नुकसान हो उसको सुनिश्चित किया गया है|

स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया के माध्यम से आज हिमाचल के भी हमारे नौजवान नयी-नयी टेक्नोलॉजी, नयी-नयी योजनाएं, नए-नए विचार, नए-नए इनोवेटिव आइडियाज लेकर देश और दुनिया में अपना नाम बना रहे हैं| डिजिटल इंडिया का लाभ कोने-कोने तक पहुंचे देश के इसके लिए जो ऑप्टिक फाइबर केबल लगना होता है कहाँ वह सिर्फ 350 किलोमीटर लगा था 2014 में, आज देश में सवा दो लाख किलोमीटर के आसपास उसका विस्तार हुआ है| तेज़ गति से विकास, तेज़ गति से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, चाहे वह सड़क हो, चाहे ग्रामीण सड़क हो, चाहे रेलवे हो, चाहे रेलवे का डबलिंग हो, दोहरीकरण हो, चाहे बिजली पहुँचाने के कार्यक्रम हो, बिजली सस्ती करने के लिए कोयले का उत्पादन हो, नवीकरणीय ऊर्जा को और तेज़ गति मिले|

एक होलिस्टिक डेवलपमेंट का विजन, सम्पूर्ण विकास जो भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की विशेषताएं रहती हैं और उस सम्पूर्ण विकास में समाज में अंतिम छोर पर जो खड़ा हुआ व्यक्ति है, गरीब से गरीब व्यक्ति है, जो अन्त्योदय की कल्पना भारतीय जनता पार्टी को दिशा देती है उस व्यक्ति के लिए संवेदनशील सरकार और सरकार का पूरा जोर गाँव-गरीब-किसान, महिलाओं के उत्थान में लगे, शोषित, पीड़ित के उत्थान में लगे, ऐसी सरकार प्रधानमंत्री मोदी जी ने केंद्र में दी है, ऐसी ही सरकार हिमाचल को प्रेम कुमार धूमल जी के नेतृत्व में चंद ही दिनों में आने जा रही है| सतपाल जी कुछ कहना चाहें इसमें|

बहुत-बहुत धन्यवाद|

प्रश्न-उत्तर

प्रश्न: सर आप रेलवे मंत्री है, लेकिन जब भी रेल बजट बनता है हिमाचल प्रदेश की निगाहें बंधती हैं हमेशा कुछ करेंगे, एक इंच आज तक शिमला से आगे नहीं बढ़ी है रेल, हिमाचल प्रदेश में रेलवे के विस्तार के लिए कुछ करेंगे?

उत्तर: ज़रूर, अवश्य करेंगे, आपको जानकर खुशी होगी कि अभी-अभी माननीय मंत्री सतपाल महाराज जी मुझे बता रहे थे जब हमने शिमला के लिए प्रस्थान किया कि रेलवे, रोड मार्ग और साथ ही साथ रोपवे, इन तीनों को the 3 ‘R’s, इन तीनों को जोड़कर क्यों न हम पर्यटन के लिए कुछ सोचें और मुझे बहुत ही अच्छा लगा यह आईडिया – Roadway, Railway and Ropeway, यह तीनों ‘R’s  मिलकर एक ही टिकट पर व्यक्ति सड़क के मार्ग से भी जाये, रेलवे से भी ट्रैवेल कर सके और रोपवे से भी पहाड़ की चोटियों तक जा सके, यह कल्पना अभी-अभी, आज ही मुझे सतपाल महाराज जी ने आते हुए दी जिसको अब मैं डेवेलोप करूँगा|

इसी के साथ-साथ अम्ब अन्दौरा स्टेशन में एक दूसरा नया प्लेटफार्म बनने का काम अभी-अभी खत्म हुआ है, 15 stations जो कालका-शिमला सेक्शन के हैं उसमें मिनी-प्लेटफार्म शेड्स बने हैं| 2,686 square meter का पार्किंग एरिया पुराने बस अड्डे के पास शिमला स्टेशन पर डेवेलोप हुआ है, शिमला स्टेशन को भी कोटा स्टोन से reservice किया गया रिसेंटली| आप जानता हैं शिमला और सोलन स्टेशन में वाई-फाई की फैसिलिटी, जो वेटिंग हॉल है शिमला स्टेशन पर उसको भी renovate किया गया है|

सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए 7 rail cluster bridges कालका-शिमला सेक्शन में बदले गए हैं, 21 टनल कालका-शिमला सेक्शन के strengthen किये गए हैं, सुदृढ़ किये गए हैं और, 4 bridges जो कालका-शिमला सेक्शन के हैं उसको रिप्लेस किया गया है wooden sleepers से| तो यह अलग-अलग काम यहाँ पर संपन्न हो चुके हैं| इसके इलावा 4 प्रोजेक्ट नयी लाइनों के लगभग 254 किलोमीटर के 10,200 करोड़ रुपये की लागत पर हमारी सरकार 2014 में आई उसके बाद उसपर सर्वे वगैरा का काम शुरू हुआ है जिसपर अब DPR कुछ में बन चुके हैं, कुछ में बन रहे हैं बाकी में अप्रूवल प्रोसेस पर है|

नंगल डैम-तलवारा, चंडीगढ़ बद्दी, भानुपली-बेरी और ऊना-हमीरपुर, चार नयी रेलवे लाइन्स का काम मेरे खयाल से हिमाचल में एक नया रेलवे का रूप देने में हम सबको और हिमाचल के सभी नागरिकों को सेवा करेगा| आपको जानकर खुशी भी होगी और कुछ मात्रा में हैरानी भी होगी कि 2009 से 2014 के बीच सालाना 108 करोड़ रुपये का काम रेलवे से संबंधित हिमाचल में होता था, औसतम 108 करोड़ रुपये सालाना|

अब 2017-18 में जो वर्ष अब चल रहा है उसमें 512 करोड़ रुपये का काम हिमाचल में चल रहा है – 512 तो आप सोचिये कितनी बड़ी छलांग और यह निरंतर तीनों साल जब हमारी सरकार रही है यह बढ़ते रहा है और इस वर्ष 512 करोड़ का बजट आउटले है| साथ ही साथ 2017-18 के बजट में एक नयी लाइन भी 3,040 करोड़ रुपये की लागत पर 50 किलोमीटर की लगभग ऊना-हमीरपुर की लाइन अन्नौंस कर दी गयी है, उसकी DPR भी बन गयी है, रेलवे बोर्ड के समक्ष है, मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट खत्म होने के बाद उसपर उचित कार्रवाई करी जा सकेगी| पर यह बजट में already announced है 3,040 करोड़ की लागत में ऊना-हमीरपुर की लाइन|

ऊना हिमाचल-अम्ब अन्दौरा की लाइन का विद्युतीकरण का काम बजट में sanction हो गया है, और आगे आने वाले दिनों में मैं समझता हूँ लोगों के जीवन को भी बदलाव लाने के लिए रेलवे की भूमिका पर्यटन में यहाँ पर तेज़ गति लाने के लिए रेलवे की भूमिका, यहाँ के किसानों के उत्पादन को, जैसे सेब बनता है, बड़ा अच्छा सेब, चेरी, इन सब चीज़ों को देश के कोने-कोने तक refrigerated vans में लेकर जाना और वहां कोल्ड स्टोरेज में स्टोर करके हिमाचल का उत्पादन पूरे 365 दिन देश भर में मिले, सस्ते दामों में मिले, अच्छी क्वालिटी का मिले, और जैसा मैं आज सुबह एक वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम चल रहा है दिल्ली में, तीन दिवसीय, फ़ूड प्रोसेसिंग को और गति और बल देने के लिए उसमें मैंने एक वाक्य का इस्तेमाल किया जो मैं दोहरा रहा हूँ – अच्छा नहीं लगता है हमें मुंबई बैठे या बैंगलोर में दूर बैठे जब हमें सेब में एक स्टीकर निकालना पड़ता है और विदेशी सेब जिसमें कोई taste नहीं है, कुछ अच्छा नहीं लगता है खाने का उसको खाते हुए जो दुःख और पीड़ा होती है उसको बदलाव करने के लिए रेलवे यहाँ की आने वाली हिमाचल की भाजपा सरकार के साथ मिलकर एक देश भर में कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन का नेटवर्क बनाएगी जिससे पूरा देश 365 दिन हिमाचल के सेब खा सकेगा|

प्रश्न: गोयल साहब मेरा एक सवाल है कि अभी… ने प्रेस कांफ्रेंस की है उनका यह कहना था कि अगर वीरभद्र सिंह पर भ्रष्टाचार साबित होता है वह उनकी पार्टी उनपर कार्रवाई करेगी, लेकिन बीजेपी में ठीक इसका उल्टा होता है, इसपर क्या कहेंगे आप?

उत्तर: किसने कहा यह?

प्रश्न: (inaudible)

उत्तर: मुझे तो अभी तक यह नहीं समझ में आया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कैंडिडेट को क्यों सडनली इतना बेइज्ज़त किया गया| पर खैर वह अलग बात है| अगर भ्रष्टाचार के ऊपर जो कड़ी कार्रवाई प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने देश भर में ली है वह अगर कांग्रेस की सरकारों ने इतने वर्षों तक देश में राज किया वह समय-समय पर और लगातार की होती तो आज इतना बुरा हाल नहीं होता कि एक देश के एक बड़े महत्वपूर्ण राज्य के मुख्यमंत्री का पूरा परिवार बेल पर होता|

बड़ी विडंबना है, बड़ा दुर्भाग्य है इस देश का कि बेनामी संपत्ति का कानून तो 28 साल पहले बनता है उस कानून की घोषणा हो जाती है, पास हो जाता है लेकिन 28 साल तक जिसमें अधिकांश समय कांग्रेस की सरकारें रही उसके रूल्स नहीं नोटिफाई होते हैं और मोदी जी को आकर पूरे कानून में भी फेर-बदल करके उसको और सख्त बनाना पड़ता है, संपत्ति ज़ब्त करने के रूल्स और रेगुलेशन बनाने पड़ते हैं| और जब सख्त कार्रवाई होती है तब लोगों को अपने इनकम टैक्स रिटर्न तक बदलने की ज़रूरत पड़ जाती है| और वही बाग़ वही बगीचा जो दो-ढाई लाख रुपये का शायद सेब सालाना बनाता था वह retrospective effect से दो करोड़ रुपये का सेब का उत्पादन बना लेता है, ऐसी परिस्थिति में मैं समझता हूँ कोई नैतिकता नहीं बची कांग्रेस के पास ऐसे सवाल भी उठाने की और इतनी लाचार बन गयी है कांग्रेस कि ऐसी विपरीत परिस्थिति में भी ऐसे सवाल सामने खड़े होने के बावजूद वह एक साफ़-सुथरा चेहरा, ईमानदार नेतृत्व हिमाचल को नहीं दे पाए हैं|

प्रश्न: सर कांग्रेस की तरफ से शीला दीक्षित जी ने एक सवाल और उठाया है महंगाई को लेकर, उसमें एक मुद्दा है जो उड़द की दाल है उसका हिमाचल से बड़ा गहरा रिश्ता है, पहले हिमाचल धाम का आयोजन किया जाता है शादी विवाह में, उसमें उड़द की दाल ज्यादा ज़रूरी होती है| लेकिन उनकी तरफ जो  आंकड़े प्रस्तुत किये गए हैं मई 2014 में उसकी कीमत 68 रुपये थी लेकिन अब नवम्बर 2017 में वह बढ़कर 200 रुपये प्रति किलो, याने कि 202 प्रतिशत बढ़ गयी है, इसपर क्या कहना चाहेंगे आप?

सांसद: यह जो 200 रुपये का आंकड़ा है इससे मैं अग्री नहीं करता हूँ, जो होलसेल का रेट आजकी डेट में उड़द का है वह 120 रुपये प्रति किलो है|

उत्तर: और पहली बात तो 68 रुपये कांग्रेस के ज़माने में कभी था ही नहीं| मैं स्पष्ट कर दूं कि महंगाई प्रधानमंत्री मोदी जी महंगाई को कम करने में, उसको लगभग मिटाने में सबसे ज्यादा सफल प्रधानमंत्री रहे हैं| मुझे याद है प्रधानमंत्री वाजपेयी जी के समय भी पूरा वार किया गया था महंगाई पर और डबल डिजिट महंगाई से घटकर मात्र 4% पर हमारे एनडीए की पहली सरकार के समय लाया गया था| मोदी जी के समय पिछले तीन-साढ़े तीन वर्षों में कहाँ कांग्रेस की डबल डिजिट महंगाई रहती थी वह घटकर दो-ढाई-तीन प्रतिशत पर आ गयी है| लास्ट जो आंकड़ा आया था वह 3% के आसपास consumer index का और होलसेल prices तो लगभग साढ़े तीन वर्षों में से आधे समय तक माइनस टेरिटरी में थी, मतलब महंगाई के सामने कीमतें सस्ती हो रही थी होलसेल लेवल पर| तो अगर कोई भी इस प्रकार का आरोप लगाये और कोई एकाद कोई विषय, एकाद कोई आइटम में अगर कुछ ऐसा हो भी जाये तो पूरे जो बजट होता है, व्यक्ति का जो बजट होता है, परिवार का बजट होता है उस पूरे बजट को लेकर सरकार यह आंकड़े बनाती है और यह आंकड़े कांग्रेस के समय भी वैसे ही बनते थे, अब भी वैसे ही बनते हैं वही व्यवस्था बनाती है|

तो मैं समझता हूँ कांग्रेस सबसे ज्यादा अगर विफल किसी चीज़ में रही थी तो वह थी महंगाई रोकने में और सबसे ज्यादा सफलता, और यह कोई मैं नहीं कह रहा हूँ, यह वास्तविकता पूरी दुनिया और देश जानती है, पूरे उसके आंकड़े सबके समक्ष हैं|

प्रश्न: गोयल जी एलपीजी पे बीजेपी ने नेशनल लेवल पर इतना बढ़िया रोल किया जब….. … और अब आप अब आप रेट एकदम से बढ़ा रहे हैं, क्या आप इसको महंगाई नहीं मानते?

उत्तर: उसका मैं अभी बताता हूँ आपको| यहाँ पर लगभग सभी जानकारी रखते हैं कि कांग्रेस के समय जो एलपीजी सिलिंडर कितने देना, 6 देना, 9 देना, इन सब चीज़ों में उलझकर रह गयी कांग्रेस और करोड़ों की संख्या में लोग जिनका नाम और पता आज भी नहीं मिल रहा है उनके नाम पर एलपीजी सिलिंडर दिए जाते थे और जो व्यक्ति deserve करता था उसको न मिलने के बदले भ्रष्टाचार के माध्यम से फर्जी नामों पर वह सिलिंडर जाते थे| इसी प्रकार से फ़र्टिलाइज़र में देखा जाता था, फ़र्टिलाइज़र निकलता था दिल्ली से उसकी सब्सिडी के पैसे जाते थे और लोगों तक फ़र्टिलाइज़र नहीं पहुँचता था, फ़र्टिलाइज़र पहुँचने के बदले वह मार्किट में बिकता था और किसान सड़क पर आते थे फ़र्टिलाइज़र के लिए|

प्रश्न: सर सवाल सिर्फ सिलिंडर को लेकर है|

उत्तर: क्यों भाई, अगर हमने कुछ उपलब्धि की है तो उसकी भी जानकारी आपको दे सकता हूँ मैं| तो जब सब चीज़ें पूरी तरीके से उपलब्ध हो जाती हैं और बिना restriction के एलपीजी सिलिंडर सबको हम देना चाहते हैं और साधारणतः सिलिंडर की कीमत हमारी सरकार आने के बाद कम हुई है, पूरे देश भर में एलपीजी की कीमतें कम हुई हैं| तो उसके बाद अभी की परिस्थिति देखते हुए, अब क्या 4 रुपये बढ़ा है इस महीने?

प्रश्न: 90 रुपये सर|

उत्तर: अलग-अलग समय पर इसका निर्णय, यह जो 90 रुपये बढ़ा है यह तो मेरे खयाल से निर्णय कांग्रेस के समय लिया गया था जिसको लागू किया गया है|

देखिए ओवरआल महंगाई पर जो नियंत्रण लाया गया है उसको मद्देनज़र रखते हुए कुछ.. मैंने अभी कहा एक family budget में अगर कुछ एकाद चीज़ पर बढ़ता है पर ओवरआल अगर बजट घटता है…

प्रश्न: घटा हुआ बताओ सर आप, किसपर घटा है?

उत्तर: घटा हुआ हर चीज़ पर घटा है| देखिए जीएसटी आई आपके ऊपर टैक्सेज का बर्डन कम हुआ| ब्याज़ का बर्डन कम हुआ|

प्रश्न: सर 3000 रुपये से कम जिसके हैं उसको भी आप जुर्माना लगा रहे हैं?

उत्तर: किस चीज़ के?

प्रश्न: बैंक में मिनिमम बैलेंस आपका 3000 रुपये हो गए हैं, एक गरीब आदमी…|

उत्तर: देखिए भाई साहब, यह एकदम गलत दुष्प्रचार है, बैंक में जन धन खाते जो हैं उसपर जीरो बैलेंस है कोई मिनिमम बैलेंस नहीं है, जिस भी व्यक्ति के पास मिनिमम बैलेंस से कम है वह उस अकाउंट को जीरो बैलेंस में कन्वर्ट कर सकता है, एक अर्ज़ी देकर वह जीरो बैलेंस में कन्वर्ट हो सकता है| तो मेरे खयाल से आपको इसकी पूरी जानकारी शायद नहीं मिली है, दो प्रकार के खाते हैं जो जीरो बैलेंस खाते हैं उसपर कोई चार्ज नहीं लगता है| आप चेक कर लीजिये आज ही जाकर बैंक में|

प्रश्न: गोयल साहब आप मानते हैं कि देश में इस टाइम महंगाई कोई मुद्दा नहीं है जैसे 2014 का इलेक्शन था उस टाइम आपने महंगाई को….?

उत्तर: आजके दिन सामान्य व्यक्ति के family budget में महंगाई का बोझ नहीं है, महंगाई का बोझ जिस प्रकार से कांग्रेस के समय में डबल डिजिट growth होता था, पिछले तीन-साढ़े तीन वर्ष में महंगाई तीन-चार प्रतिशत के आगे नहीं गयी है|

प्रश्न: गोयल जी आपने अभी बताया कि हिमाचल में जो है लकड़ियाँ लोग न काटें, सिलिंडर घर-घर तक पहुंचे, 800 का सिलिंडर होगा तो कौन आदमी सिलिंडर ले सकता है, क्यों न सिलिंडर की जगह जब फ्री में कुछ लकड़ियाँ मिल रही हैं वह यूज़ क्यों न करे?

उत्तर: फ्री में लकड़ी नहीं मिलती है भाई साहब|

सांसद: जो आप बात कर रहे हैं वह मार्किट रेट है सिलिंडर का, subsidized सिलिंडर वही जो आधे रेट पर आप सब लोगों को मिल रहा है|
चलिए, बहुत-बहुत धन्यवाद|

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