Speeches

February 25, 2019

Speaking at Launch of Rail Drishti Dashboard, in New Delhi

मेरे लिए वास्तव में आज बहुत ही आनंद का दिन है क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार, जनभागीदारी वाली सरकार है। पहले ही दिन से गत लगभग पांच वर्षों में हमने अपना पूरा केंद्रबिंदु भारत की 130 करोड़ जनता को रखा है, यह सरकार समर्पित रही है देश के हर किसान को, हर नौजवान को, हर गरीब को, हर मध्यमवर्गीय को, हर उस वर्ग को जिसका सरकार से किसी भी प्रकार से दूर-दूर से भी नाता आता हो। और जैसा अभी-अभी बताया गया यह एक जवाबदेही सरकार है, इसमें हम निरीक्षण भी करते रहते हैं काम का दिन और रात, लोगों को जवाबदेही ठहराते हैं और खुद स्वयं को भी जवाबदेही ठहराते हैं कि कैसे देश की जनता की आशा और अपेक्षाओं को हम पूरा कर सकें।

आपने देखा होगा शायद भारत के इतिहास में पहली सरकार रही जिसने हर वर्ष अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के समक्ष 26 मई को 2015-16-17-18, चारों वर्ष रखा, समय-समय पर रखते रहे और अब जनता की अदालत में जा रहे हैं उनका फैसला सुनने। यह सिलसिला पारदर्शिता से भी जुड़ा रहा। आपमें से कई मित्रों ने देखा कि लगभग हर उस मंत्रालय में जहाँ मुझे मौका मिला काम करने का हमने जानकारियों का भंडार जनता के समक्ष आपके द्वारा रखा डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके रखा।

फिर चाहे वह बिजली का विभाग हो, विद्युत विभाग में आपको याद होगा,  I think I have lost track, 25-30 तो कम से कम मोबाइल ऐप्स निकलेंगे होंगे उधर। कोयले का विभाग हो, नवीकरणीय ऊर्जा का विभाग हो, हर विभाग में हमने कोशिश की ज़्यादा से ज़्यादा पारदर्शिता लाने की जिससे शायद हर विभाग में आरटीआई की भी संख्या ना के बराबर रह गयी हैं, जब जानकारियां ही आपके समक्ष दे दी तो आरटीआई के लिए कुछ स्कोप ही नहीं रखा है, और रेलवे में भी मेरी बड़ी इच्छा थी कि इसी प्रकार से यह एक अलग-अलग विभागों में काम जो चल रहा है देश भर में और बहुत तेज़ गति से जो परिवर्तन और बदलाव रेलवे में आ रहा है इसका भी जनता के समक्ष दिनो दिन जानकारियां रहे। और वास्तव में जिस-जिस जानकारी को मैंने जनता के समक्ष रखा उसमें सबसे बड़ा मॉनिटरिंग का काम आप लोग जो मेरे मित्र मीडिया से जुड़े हैं आप लोगों ने किया और आप लोगों ने मुझे काम में और सुधार करने में जो सहयोग दिया इसके लिए मैं सदैव मेरे मीडिया के बंधुओं का आभारी रहूँगा।

प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है जब जानकारियां इतने बड़े रूप में आएँगी तो ढूंढ-ढूंढकर, खोद-खोदकर आप ज़रूर प्रतिक्रिया भी निकाल पाएंगे और अभिषेक के मुंह पर जो स्माइल है वह देखकर मुझे उम्मीद है कि अच्छी ईमानदार प्रतिक्रिया और इस डैशबोर्ड को रिलीज़ करने के बाद आएगी। पर यह एक सरकार है जो प्रतिक्रिया को स्वागत करती है, प्रतिक्रिया से सीखती है, सुधार करती है, and as they say it in English, we take it on the chin. हम उससे पीछे नहीं हटते, हम उस प्रतिक्रिया को एक प्रकार से मार्ग में कन्वर्ट करते हैं कि कैसे उससे और सुधार लाया जाये।

हाल ही में आपने माननीय प्रधानमंत्री जी के दिए हुए मूल मंत्र को सुना होगा (ABC), कि हम कोई भागते नहीं है किसी विषय से, हम विषय को कन्वर्ट करते हैं opportunity में, और opportunity में कन्वर्ट करके उससे कैसे और भारत की जनता की सेवा कर सकें वह हमारा काम करने का मूलभूत ढंग है। रेलवे में भी बहुत सारे देश भर में अन्य-अन्य प्रकल्प, अन्य-अन्य काम तेज़ गति से चल रहे हैं और यह सभी कार्यों के ऊपर आपकी और भारत की जनता की दृष्टि पूरे समय जुड़ी रहे लगी रहे उसके लिए एक यह प्लेटफॉर्म आज रेल दृष्टि का हम लॉन्च करने जा रहे हैं। हर प्रकार की जानकारियां जनता के समक्ष रहें जिसको जैसा इन्होंने कहा कहीं भी किसी भी समय कोई भी जानकारी आपके लिए उपलब्ध रहे – anytime, anywhere and for anybody.

इस दृष्टिकोण से raildrishti.cris.org.in. Can we remove the ‘cris’, can we make it simpler? Make the URL simpler, so that a common person can easily get on to it. Try raildrishti.in or raildrishti.gov.in, anyone of the two. But preferably raildrishti.in, एकदम सिंपल रखो, जनता किधर भी बैठी हो उसपर जा सके। मेरा तो मानना है आपके जो-जो ऐप्स के ऊपर यह अलग-अलग जानकारियां हैं इसको इसमें merge किया जाये, और व्यक्ति को एक ही एप्प पर पूरी हर एक प्रकार से सुविधाएं मिलें। IRCTC का भी जो एप्प है, या वेबसाइट है वह इसपर मिले और यह पूरा IRCTC  की वेबसाइट पर मिले क्योंकि वह बहुत बड़े रूप में प्रचलित है देश और दुनिया में उसको चालू रखकर, इसका भी एक आइकॉन उसपर मिले और IRCTC के वेबसाइट का आइकॉन इसके ऊपर रहे। सिंपल एकदम होमपेज पर आइकॉन रहे तो एक सेकंड के अंदर व्यक्ति उसमें जा सके।

इसपर कैपेसिटी भरपूर रखिये, मेरे सब मीडिया के मित्र और देशवासी इसपर बड़े रूप में आने वाले हैं तो हैंग नहीं होनी चाहिए वेबसाइट कभी भी, कैपेसिटी को जितना देना पड़े क्लाउड टेक्नोलॉजी वगैरा यूज़ करिये, एडिशनल सर्वर लगाने पड़े तो उसपर आप इन्वेस्ट करिये उसमें कोई मुझे आपत्ति नहीं है। पर इसको इतना यूजर फ्रेंडली easy to navigate रखिये और मैं आप सबसे भी रिक्वेस्ट करूँगा अगर आपके कुछ सुझाव हों तो सुझाव देते रहिए, समय-समय पर हमारे CRIS के MD हैं Mr Nikam, मैडम हमारी पूरे एडिशनल मेंबर हैं जो पूरा टेक्नोलॉजी को देखती हैं, मिस बसी और हम चाहेंगे कि यह सब जानकारियों से हमारे रेल के भी काम में और ज़्यादा आप सबकी सहभागिता बढे और देश की जनता की सहभागिता बढे। डिजिटाइजेशन और इतनी सब जो जानकारियां रेल में कलेक्ट होती हैं उसका सही मायने में लाभ तभी होगा जब उस डेटा के ऊपर एनालिसिस हो सके, डेटा के ऊपर और ज़्यादा नज़र रखी जा सके और उन जानकारियों के बेसिस पर हम आगे का भी अपना कार्य व्यवस्था बना सकें इसलिए रेलवेज को भी और ज़्यादा पारदर्शी बनाने का यह हमारा प्रयास है।

मैं गाँधी जी को कोट करना चाहूंगा एक प्रकार से कैसे हमने इसको लिंक किया है गाँधी जी के भाव से – ‘I understand democracy as something that gives the weak the same chance as the strong.’ एक बहुत बड़ा व्यक्ति हो वह तो जानकारियां हर प्रकार से निकाल ही सकता है, कुछ लोग तो हमारे रेल बोर्ड में ही घुसकर निकाल सकते हैं जानकारियां। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति दूर गांव में है, कोई जम्मू कश्मीर में है कोई अरुणाचल प्रदेश में है उसको भी वही जानकारियों से हम मज़बूत बना सकें उसको भी सभी इस प्रकार की जानकारियां, तो जो कमज़ोर व्यक्ति है – अब मेरा कोई राजनीतिक इसमें हस्तक्षेप या राजनीतिक निशाना नहीं है – कमज़ोर और मजबूर व्यक्ति तो वैसे इतनी मेहनत करते ही नहीं है कुछ लोग कि नज़र रख सकें और उनकी नज़र सिर्फ यह रहती है कि एक मेक इन इंडिया के बहुत बड़े सफल प्रयास को भी कैसे नकार करना। और दुर्भाग्य से हमारे भी मीडिया के कुछ मित्र उसमें बड़ा आनंद लेते हैं कि कैसे अपने ही देश को और हमारे ही देश की उपलब्धियों को छोटा दिखाना, छोटा बनाना। पर उस दुर्भाग्य को तो हमने और झेलना पड़ेगा, उसका तो हमारे पास कोई और उपाय नहीं है, लेकिन मैं समझता हूँ कि देश के कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति तक यह जानकारियां जाएँगी तो उसका मनोबल बढ़ेगा, उसका आत्मबल बढ़ेगा और उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और इस देश के प्रति उसकी संवेदना भी बढ़ेगी और इस देश के प्रति उसका कॉन्फिडेंस कि मेरा देश महान है, मेरा देश आगे प्रगति कर रहा है, मेरा देश आगे बढ़ रहा है, मेरा देश बदल रहा है यह भावना देश के हर 130 करोड़ की जनता तक पहुंचाने का एक प्रकार से यह प्रयास रेलदृष्टि से किया जा रहा है।

मैं समझता हूँ ग्राहकों के लिए भी बेहतर अनुभव रहेगा, जैसे आपने देखा हम किचेंस तक को दिखा रहे हैं, हो सकता है किचन में कुछ कमियां निकलेंगी पर अच्छा रहेगा, मुझे कुछ कमियां दिखी भी पर मैंने फिर भी इंसिस्ट किया कि हम इसको पब्लिक डोमेन में डालेंगे। अच्छा रहेगा वह कमियां सामने आएँगी तो हम और सुधार कर पाएंगे। अगर किसी दिन लाल, आपने देखा होगा प्रेजेंटेशन में कुछ आंकड़े लाल में थे, यानी पिछले वर्ष से उस मापदंड पर हम पीछे  चल रहे हैं, अच्छा रहेगा वह लाल मापदंड भी जनता के समक्ष जाये और आप सबके समक्ष आये तो हमारे लोग और मेहनत कर पाएंगे कि कोई आंकड़ा लाल में न जाये।

अच्छा रहेगा कि हमारे ग्राहक, हमारे रेल यात्री, और वैसे सभी समस्त देशवासियों को पूरी तरीके से क्या-क्या सुविधाएं हैं यह जानकारी मिले जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति भी उन सुविधाओं का लाभ ले सके, लाभ सिर्फ चंद लोगों तक ही सीमित न रहे। अच्छा रहेगी कि जैसे-जैसे हम वाई-फाई देश भर में बढ़ा रहे हैं तो हमारे रिमोट से रिमोट एरिया, दूरदराज़ के इलाकों में भी लोग वाई-फाई पर जाकर रेल दृष्टि देख सके और पता कर सकें कि ट्रेन कहाँ पर है अभी, कितनी देर में आने वाली है, कौनसी ट्रेन में बुकिंग अवेलेबल है, कौनसी नई ट्रेन शुरू हुई है शायद उनको जानकारी नहीं होगी, कौनसा नया स्टॉपेज है मेरे गांव के नज़दीक जिसपर मैं ट्रेन बोर्ड कर सकता हूँ।

ऐसे अलग-अलग प्रकार के जैसे हमारी ट्रेन की, टाइम टेबल भी इसमें उपलब्ध हो जायेगा। तो ऐसे आप लोग भी सुझाव देते रहिये और हम क्या जानकारी दें जिससे हमारे ग्राहक जो हमारे एक प्रकार से ‘customer is king’ उस तरीके से हम उनको देखते हैं, उनको और लाभ मिल सके, रेल की सुविधाओं का आनंद और स्वाद देश के हर नागरिक तक पहुँच सके, कैसे रेल यात्रा सुगम हो, कैसे हमारे जो श्रमिक काम कर रहे हैं, unorganised sector को भी हमने इसमें जोड़ा है कि जो लोग कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहा है देश भर में, कोई हाउसकीपिंग में हो, कोई सिक्योरिटी में हो, कोई हमारे इतने बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स देश भर में चल रहे हैं।

आप जानते हो हमने कैपिटल इन्वेस्टमेंट जो 40-45,000 करोड़ होता था इस सरकार के आने के पहले, इस वर्ष 1,58,000 करोड़ के काम कैपिटल इन्वेस्टमेंट के रूप में देश भर में हम कर रहे हैं जिससे तेज़ गति से सुविधाएं बढ़ें रेलवे की। वह सब जगह जो कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स काम कर रहे हैं उन सबको मिनिमम वेजिस मिलती है कि नहीं, उन सबको प्रोविडेंट फंड, सोशल सिक्योरिटी मिलती है कि नहीं, उनको स्वास्थ्य सेवाएं ईएसआईसी के माध्यम से मिलनी चाहिए वह मिलती है कि नहीं। हम वह सब डेटा भी इसके माध्यम से कम्पाइल कर रहे हैं। और मैं मानता हूँ यह एक नए रूप से और बहुत बड़े रूप से असंगठित क्षेत्र में भी एक मैसेज पहुंचाएगा सुविधाएं क्या उनका अधिकार है और वह सुविधाएं देने के लिए सभी कॉन्ट्रैक्टर्स को मजबूर करेगा।

तो एक मज़बूत सरकार हमारे देशवासियों को मज़बूत करने के लिए जो अलग-अलग प्रयास करती है उसमें एक और, feather in the cap of the Indian railways, रेल दृष्टि के आज लॉन्च से मैं देखता हूँ।

एक दूसरी खुशखबरी मैं आप सबके साथ आज शेयर करना चाहूंगा। वैसे मैंने सुबह 10 बजे पहले सोचा था करूँगा लेकिन कई लोगों की रिक्वेस्ट आई कि भाई इतना सुबह-सुबह मत तंग करो हमको, रात को लेट तक कॉपी बनानी पड़ती है, कॉपी करना नहीं पड़ता है कॉपी बनानी पड़ती है। तो फिर उसको 11 बजे कर दिया।

कल रात को मैं तमिल नाडु में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लॉन्च के कार्यक्रमों को करने के बाद चेन्नई से मुंबई पंहुचा और मुंबई में आदरणीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी और उनकी पूरी टीम के साथ, चेयरमैन रेलवे बोर्ड, हमारे कई अन्य मेंबर, जनरल मैनेजर और सभी रेल अधिकारी भी बैठे थे और कई सारी मीटिंग्स और कई सारी डिसकशंस जो पिछले तीन-चार महीने से चल रही थी उसको कल कमने फाइनल शेप दिया है। और कल हम संयुक्त जॉइंट निर्णय पर पहुंचे हैं कि रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) और धारावी रिडेवेलप्मेंट अथॉरिटी (DRA), यह दोनों एक समझौते पर पहुंचे हैं जिसके तहत लगभग 45 एकड़ रेलवे की ज़मीन जो धारावी लगकर है, धारावी के एकदम लगकर यह 45 एकड़ रेलवे के पास सरप्लस ज़मीन है जिसका हमारे पास तुरंत कोई इस्तेमाल नहीं है, ज़रूरत नहीं है। उस 45 एकड़ को हम धारावी धारावी रिडेवेलप्मेंट अथॉरिटी को देंगे, धारावी रिडेवेलप्मेंट अथॉरिटी प्रोजेक्ट के लिए 99 वर्ष के लॉन्ग टर्म लीज पर जो रिन्यूएबल रहेगा mutually agreed terms पर।

और जो एक्सिस्टिंग हमारी ज़मीन के ऊपर फैसिलिटीज हैं, जैसे कुछ रेलवे क्वार्टर हैं वह मैंने सुना 50-60-70 साल पुराने हैं, एकदम झरझर व्यवस्था में हैं। तो यही रिडेवेलप्मेंट के कार्य में उनको भी बहुत बढ़िया नए घर बनाकर मिलेंगे वहां पर। कुछ थोड़ी बहुत एन्क्रोचमेंट है हमारे रेल ज़मीन पर वहां पर उनको भी सबको अच्छे मकान जो महाराष्ट्र सरकार की बहुत अच्छी slum rehabilitation policy है उसके तहत वह 3000 के लगभग झोपड़पट्टी जो हैं इस ज़मीन पर उनको भी अच्छे मकान मिलेंगे इस रिहैबिलिटेशन स्कीम के द्वारा।

और मॉडर्न फैसिलिटीज से युक्त यह पूरे एरिया को हम डेवेलोप करेंगे धारावी धारावी रिडेवेलप्मेंट के माध्यम से और इससे जो पूरा धारावी का 400 एकड़ ज़मीन पर आज एक एशिया का सबसे बड़ा स्लम माना जाता है, धारावी, उस पूरे रिडेवेलप्मेंट को एक और गति मिलेगी, और तेज़ गति से वह प्रोजेक्ट जो लगभग मैं समझता हूँ मैं छोटा था, बचपन से सुनता आ रहा हूँ कि यह रिडेवेलोप होने वाला है। क्योंकि मैं बचपन मेरा पूरा उसके नज़दीक ही सायन में गुज़रा है जहाँ से मैं सेंट्रल रेलवे से ट्रेन लेकर दादर और दादर से ट्रेन लेकर चर्चगेट जाय करता था, तो मैं पैदाइश मेरी धारावी से सटकर सायन में हुई है एक प्रकार से मैं भी अपना ऋण उतार रहा हूँ मेरे नेबर्स के प्रति, और उन सबको अच्छा मकान मिले, अच्छा भविष्य मिले, अच्छा जीवन मिले, मैं  समझता हूँ इससे ज़्यादा मेरे लिए कोई और ख़ुशी की बात नहीं हो सकती है कि जो लाखों की संख्या में वहां लोग रहते हैं, जो लाखों की संख्या में वहां नौजवान युवा-युवती रहते हैं। और आप सबने पता नहीं किस-किसने गली बॉय देखी होगी – आपको लगेगा मैं हर प्रेस ब्रीफिंग में कोई नई पिक्चर का ज़िक्र करता हूँ, खैर वह जो जीवन के लिए मजबूर हैं वह लोग उसमें भी बदलाव, उसमें भी परिवर्तन लाने का काम हम कर सकेंगे यह एक प्रकार से रेलवे और भारत सरकार महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर जो यह संयुक्त प्रोजेक्ट को डेवेलोप करेगी। जो मैं कई जगह ज़िक्र करता हूँ कि जब डबल इंजन रेल गाड़ी को गति देती है तो वह तेज़ गति से डेवेलोप होता है प्रदेश, तेज़ गति से विकास जनता तक पहुंचता है उसका जीता जागता उदाहरण धारावी का रिडेवेलप्मेंट प्रोजेक्ट बनेगा। यह एक ओपनिंग देगा देश भर में ऐसे कई जगहों पर जो लोग मजबूर हैं स्लम में रहने के लिए, जो लोग वर्षों-वर्षों तक सुविधाओं से वंचित रहे हैं उन सबके लिए भी एक नया ओपनिंग देगा कैसे आगे चलकर भारत सरकार और राज्य सरकारें, राज्य सरकार और लोकल बॉडीज सब मिलकर ऐसे करोड़ों लोगों के जीवन में भी एक नयी उमंग, एक नया भविष्य दें मैं समझता हूँ एक बहुत बड़ी उपलब्धि कल देवेंद्र फडणवीस जी और मेरे बीच की मीटिंग की रही है, धारावी का तो रिडेवेलप्मेंट होगा ही पर मीटिंग ख़त्म होने के बाद जब मैं गाड़ी में बैठ रहा तह तब बैठे-बैठे एक और प्रोजेक्ट का भी ध्यान में आया मुंबई में ही, नज़दीक में ही जिसमें हम इसी मॉडल पर और काम कर सकते हैं।

तो एक प्रकार से this has opened the vistas for huge amount of redevelopment and huge amount of slum rehabilitation all over the country. And I compliment Devendra Fadnavis for his proactive approach and I compliment the railway board for their cooperation and the support that the railway board has given to make this project a reality.

तो यह दो आज की खुशखबरियों से मैं समझता हूँ आज कल आप देख ही रहे हैं कि कई सारे रेलवे के जो बदलता हुआ रेलवे है उसके वीडियोस और उसके फोटो आज कल सोशल मीडिया में, अख़बारों में, टीवी पर, अलग-अलग जगह आज कल देखने को मिलती है। कभी मैं सुनता हूँ, बनारस के मंडुआडीह स्टेशन को मैं देखता हूँ कि देश भर में वायरल हो रहा है, लगभग 400-500 जगह से मेरे पास ही आ रहा है वह मैसेज मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का। तो अगर मेरे पास 400-500 जगह से आ रहा है तो लग रहा है कि यह देश भर में आज लोगों को दिख रहा है बदलता हुआ चित्र और बदलता हुआ चरित्र भारतीय रेल का।

तो रेल दृष्टि आपको बदलते हुए चरित्र की एक दृष्टि देती है, धारावी का रिडेवलपमेंट बदलते हुए सोच का एक आपको मैसेज, सन्देश देता है देश की जनता को। और मैं समझता हूँ कि अगले तीन-चार दिन में एक और नयी चीज़ जो ट्रांसपेरेंसी के और एक नए आवाम पर लेकर जाएगी उसके लिए भी हम प्रयत्नशील हैं उसकी चर्चा तीन दिन बाद करेंगे।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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